Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 50

Love You Zindagi – 50

Love you Zindagi
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अवि जो की नैना के डेड को इम्प्रेस करना चाहता था रुचिका की बात सुनकर खुद डिप्रेस्ड हो गया। वह कुछ देर केंटीन में ही बैठा रहा उसके कानो में वह गाना बजता रहा तो अवि उठा और काऊंटर के पास आकर रेडियो बंद करके बोला,”भाई वो लगा चुकी है ना अब तू क्यों लगा रहा है ?”
अवि वहा से बाहर निकलकर आया इतने में मैनेजर की बेटी का फोन आ गया – हेलो सर।
‘हैलो , कैसे फोन किया ?’
”सर आज आप मुझे नेचर फोटोग्राफी सिखाने वाले थे , मैं आपके फ्लैट के सामने ही खड़ी हूँ सर लेकिन यहाँ तो लॉक लगा है”
‘तुम तुम वहा क्या कर रही हो ? तुम तुम वही रुको मैं आता हूँ’,कहकर अवि फोन काटा और अपनी बाइक लेकर तुरंत अपार्टमेंट पहुंचा। लिफ्ट बिजी मिली तो अवि सीढ़ियों से ही भागते हुए ऊपर आया , मैनेजर की बेटी जिसका नाम हनी था वह उसे अपने फ्लैट के दरवाजे के सामने मिली। हनी ने घुटनो से ऊपर तक की वन पीस ड्रेस पहन रखी थी बाल खुले और हाथ में क्लच पकडे हुए थी उसे देखकर किसी भी एंगल से नहीं लग रहा था की वह फोटोग्राफी सिखने सिखने आयी थी। अवि की जगह कोई और होता तो अब तक उसे देखकर फ्लेट हो चुका होता। अवि हाँफते हुए उसके सामने आया और कहा,”व्हाट आर यू डूइंग हियर ? मैंने कहा था न जब मैं फ्री रहूंगा मैं खुद तुम्हे बुला लूंगा।
“सर मैं आपकी क्लास एक दिन भी मिस करना नहीं चाहती”,हनी ने अदा के साथ कहा
बेचारा अवि अब उसे कैसे समझाता की वह सिर्फ उसे फोटोग्राफी सिखाने का नाटक कर रहा था उस फ्लैट के लिए। उसने कुछ कहने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे किया सीधा जाकर हनी की आँख में लगा और हनी जानबूझकर दर्द होने की एक्टिंग करने लगी। अवि ने देखा तो कहा,”सॉरी वो गलती से लग गया , मुझे दिखाओ” कहकर अवि उसकी आँख में फूंक मारने लगा हनी को और क्या चाहिए था , अवि ने अभी एक दो फूँक ही मारी थी की लिफ्ट से आते विपिन जी की नजर उस पर गयी और उन्होंने खाँसने का नाटक किया। अवि की नजर उनपर पड़ी तो वह तुरंत पीछे हट गया उसे काटो तो खून नहीं। विपिन जी उसके पास आये तो अवि ने कहा,”अंकल आप जो समझ रहे है वैसा कुछ भी नहीं है”
“पसंद अच्छी है तुम्हारी , लेकिन बेटा ये सब खुले में थोड़ा अजीब लगता है”,विपिन जी ने अवि के पास आकर कान में फुसफुसाते हुए कहा।
”नहीं अंकल , वो उसकी आँख में लग गयी थी मैं बस वही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने क्लियर करना चाहा तो विपिन जी ने कहा,”अरे बेटा जिस स्कूल में तुम पढ़े हो ना उसमे हम मास्टर रह चुके है ! ये सब तो बहाने होते है करीब आने के”
बेचारा अवि फिर फंस गया अब कैसे समझाए उनको ? , अवि को परेशान देखकर विपिन जी ने कहा,”अच्छा मैं चलता हूँ खामखा तुम दोनों के बिच में कबाब में हड्डी बन रहा हूँ। (कहते हुए अवि की और फुसफुसाकर कहते है) यही है न लम्बे बालों वाली ,, अच्छी है अच्छी है !”
अवि हक्का बक्का होकर उन्हें देखता है और वो फ्लैट की और चले जाते है उनके जाने के बाद हनी कहती है,”सर कहा से शुरू करना है ?”
हनी की बात सुनकर अवि कहता है,”हनी हम कल से सीखेंगे अभी मेरे एल मेरा मतलब तबियत ख़राब है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम ना कल कल आना , और हां तुम मत आना मैं आऊंगा तुम्हे सिखाने है,,,,ठीक है।”
“ओके सर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाय सर। “,कहकर हनी वहा से चली गयी। अवि ने चैन की साँस ली दरवाजा खोला और अंदर आया। उसने फ्रीज से पानी की बोतल निकाली और एक साँस में आधी बोतल पि गया। कुछ आराम मिला तो कमरे में आया और बिस्तर पर गिर गया। इतना शायद उसे नैना ने नहीं थकाया होगा जितना नैना के पापा ने थका दिया था। बिस्तर पर गिरा तो कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी। शाम को किसी ने दरवाजा खटखटाया तो अवि की आँख खुली वह
और दरवाजा खोला सामने आराधना खड़ी थी उन्होंने अवि से कहा,”बेटा सॉरी तुम्हे डिसट्रब किया लेकिन वो मुझे मार्किट जाना था अब मैं तो दिल्ली के बारे में इतना जानती भी नहीं और तेरे अंकल जी वो जाना नहीं चाहते तो मुझे लगा तुम्हे ही साथ ले चलू”
“अह्ह्ह्ह ओके आंटी मैं चेंज करके आता हूँ”,अवि ने कहा और अंदर जाकर जींस पहनी और टीशर्ट पहनकर बाहर आया। आराधना के साथ लिफ्ट से निचे आया तो सामने मिसेज गुप्ता और मिसेज शर्मा मिल गयी। आराधना को देखते ही वे उनके पास चली आयी और मिसेज शर्मा ने कहा,”आप नैना की माँ है ?”
“जी , नमस्ते !”,आराधना ने मुस्कुरा कर कहा
“जी नमस्ते वैसे आपकी बेटी ना आपसे बिल्कुल अलग है , ना उसमे बड़ो से बात करने की तमीज है और ना ही कपडे पहनने का ढंग। मैं तो कहती हूँ जी उसे कुछ सिखाईये”,मिसेज गुप्ता ने कहा
“क्यों आपको रिश्ता करना है मेरी बेटी से ?”,आराधना ने कहां
“हैं ?”,दोनों ने एक साथ कहा
“मेरी बेटी ना थोड़ी पागल है , उसकी जबान भी थोड़ी ख़राब है और दिमाग का तो पूछो ही मत ! इसलिए आपको एक राय देना चाहूंगी उस से थोड़ा दूर रहियेगा क्या है ना फिर जब वो बोलती है ना तो शरीफ लोगो को बहुत तकलीफ होती है , नमस्ते !”,कहकर आराधना आगे बढ़ गयी और अवि भी उनके पीछे चला आया। मिसेज गुप्ता और शर्मा दोनों मुंह बनाकर वहा से चली गयी।
“आंटी ग्रेट आई मीन क्या जवाब दिया आपने उन्हें ?”,अवि ने आराधना के साथ चलते हुए कहा
“जो नैना को जानते है और जिन्हे मैं जानती हूँ वो कुछ कहे तो समझ सकते है लेकिन ऐसे कोई अनजान मेरी बेटी के बारे में कुछ कहेगा और मैं सुन लुंगी ये सामने वाले का वहम है ! मैं जानती हूँ नैना थोड़ी मुंहफट है , बद्तमीज है लेकिन वो कभी सही लोगो के खिलाफ नहीं बोलती है।”,आराधना ने कहा
“हम्म्म्म आप रुकिए मैं बाइक लेकर आता हूँ”,कहकर अवि पार्किंग की और चला गया और बाइक लेकर आया आराधना उसके पीछे जा बैठी और दोनों वहा से निकल गए।


शाम के 6 बज रहे थे ऑफिस के केबिन में बैठी नैना सोच में डूबी थी उसे देखकर शीतल उसके पास आयी और कहा,”नैना आज घर नहीं जाना क्या ?”
“हैं ? हां , तुम लोग चलो मैं वाशरूम होकर आती हूँ”,कहते हुए नैना उठी और अपना बैग शीतल को थमा दिया ! नैना बाथरूम जाकर हाथ धोने शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी उसका दिमाग सवालो से उलझा हुआ था दिमाग के ख्याल शब्द बनकर शीशे पर दिखाई देने लगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डेड-मॉम,,,,,,,,,,,,,,,,अवि,,,,,,,,,,,,,,,शादी,,,,,,,,,,,,,,,,प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दिल्ली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लखनऊ नैना का सर चकराने लगा उसे समझ नहीं आ रहा था खुद पर हँसे या रोये क्योकि इस वक्त उसकी जो सिचुएशन थी वो उसकी समझ से बाहर थी। उसकी मॉम उसके लिए नए नए लड़के देख रही थी , डेड को लगता था रुचिका और सार्थक का कुछ चल रहा है , अवि को वे लोग बेटा बेटा बुला रहे थे और सबसे बड़ी उलझन अनुराग ,, अनुराग नैना के साथ इतना फ्रेंक होने की कोशिश कर रहा था मतलब जरूर उसकी जिंदगी में कुछ बड़ी गड़बड़ होने वाली थी। नैना ये सब सोच ही रही थी की तभी बाहर से रुचिका ने आवाज लगायी,”अरे नैना सो गयी क्या अंदर ? चलो भी सब जा चुके है हम लोग ही बचे है”
नैना ने सूना तो जल्दी से मुंह धोया और बाहर आयी। शीतल बाहर खड़ी उन दोनों का इंतजार कर रही थी। तीनो ने ऑटो रुकवाया और आकर अंदर बैठ गयी रुचिका ने ऑटो वाले को चलने को कहा और फिर नैना से कहा,”क्या हुआ इतना परेशान क्यों है ? सब ठीक तो चुका वैसे भी अंकल आंटी कल जा रहे है तो टेंशन किस बात की है ?”
“यार वो बात नहीं है , मॉम डेड का यहाँ आना पक्का उनकी कोई प्लानिंग है , सुमि आंटी से मिलना भी उनका बहाना है सिर्फ लेकिन वो यहाँ आये क्यों है ये नहीं समझ आ रहा है ?”,नैना ने कहा
“वो सब छोड़ उधर देख , तुम्हारी मॉम अवि के साथ कहा जा रही है ?”,शीतल ने नैना से कहा !
नैना ने पलटकर देखा वो अवि ही था और उसके साथ उसकी मॉम थी। नैना ने कुछ नहीं कहा बस सर पीछे सीट से लगा लिया ! राज का मेसेज आने से शीतल उसमे बिजी हो गयी और रुचिका वह मोंटी के बारे में सोचने लगी दिल्ली आये दो दिन हो चुके थे लेकिन मोंटी का कोई फोन मैसेज रुचिका को नहीं आया अब तो रुचिका को भी लगने लगा था की बाकि लड़को की तरह मोंटी भी बस उसकी जिंदगी में कुछ पल के लिए आया था ! ऑटो अपार्टमेंट के सामने पहुंचा तीनो अंदर आयी और फिर ऊपर चली आयी फ्लैट में आकर नैना फ्रेश होने चली गयी और रुचिका आकर सोफे पर बैठ गयी ! शीतल राज का फोन आने की वजह से बालकनी की और चली गयी। विपिन जी फोन पर किसी से बात करने में लगे थे। नैना ने कपडे चेंज किये और किचन में आकर चुपचाप अपने लिए चाय बनाने लगी उसका चेहरा देखकर शीतल समझ गयी वह फोन रखकर उसके पास आयी और कहा,”नैना जब वो आये तो बात कर लेना उस से”
“मुझे नहीं अच्छा लगता कोई मेरे मॉम डेड के इतना करीब आये”,नैना ने गुस्से से लेकिन धीमी आवाज में शीतल से कहा !
“रिलेक्स मैं आज अवि से बात करुँगी”,शीतल ने प्यार से कहा
“नहीं तुम लोग उस से बात नहीं करोगे उस से मैं बात करुँगी”,कहकर नैना वहा से चली गयी ! रुचिका ने शीतल से इशारे में कुछ पूछा तो शीतल ने ना में गर्दन हिला दी। कुछ देर बाद नैना की मॉम अंदर आयी तो उनके हाथ में कुछ बैग्स थे और हाथ में कोई फाइल जो उन्होंने विपिन जी की और बढ़ा दी। नैना ने चाय खत्म की और सीधा अवि के फ्लैट का दरवाजा खटखटाया अवि ने दरवाजा खोला नैना को सामने देखकर थोड़ा हैरान भी था लेकिन वह पूछता इस से पहले ही नैना ने उसे अंदर धकेला और दरवाजा बंद करके उसकी और पलटी और कहा,”चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग में ? हां ,, तुमने मेरी हेल्प थैंक्यू लेकिन अब ये मेरे डेड से क्लोज होना मॉम के साथ घूमना क्या है ये सब ? मिस्टर अवि चौधरी अगर तुम्हे लगता है ये सब करके मेरे मॉम डेड को इम्प्रेस करके तुम मुझे इम्प्रेस कर सकते हो , तो तुम गलत हो। आई डोंट लाइक ऑल दिस। मेरे डेड बहुत स्वीट है उन्हें सब अच्छे लगते है इसका मतलब ये नहीं है की वो किसी भी लड़के की शादी अपनी बेटी से करा देंगे। आई डोंट लव यू
नैना ने गुस्से से कहा और अवि ख़ामोशी से सब सुनता रहा अंदर ही अंदर नैना का ये बिहेव और बाते उसे हर्ट कर रहे थे लेकिन अवि ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप सुनता रहा। नैना वहा से चली गयी। नैना के जाने के बाद अवि जैसे ही दरवाजा बंद करने आया सामने शीतल खड़ी मिल गयी उसने अवि का उतरा हुआ चेहरा देखकर कहा,”अवि एक्चुअली वो नैना गुस्से में,,,,,,,,,,,,,,,,,थोड़ा परेशान है वो उसने तुम्हे कुछ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”
शीतल आगे बोल ही नहीं पाई अवि ने उसकी और देखा और कहा,”मैं उसे बहुत पसंद करता हूँ लेकिन इतनी सेल्फ रिस्पेक्ट तो है मुझमे की आज के बाद मैं उस से खुद को दूर रखू।।”
कहते हुए अवि ने दरवाजा बंद कर दिया !!

क्रमश – Love You जिंदगी – 51

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संजना किरोड़ीवाल !

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