Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

शाह उमैर की परी -25

Shah Umair Ki Pari -25

Shah Umair Ki Pari

(पिछले भाग में आप ने पढ़ा के आसिफ परी से पूछता है कि वो किससे अकेले में बात कर रही होती है? मगर वो इंकार कर देती है कि वो अकेली थी। दूसरी तरफ शाह ज़ैद आखिर क्यों, अपने बच्चो पर इतनी सख्ती किया करते है? वही एक ओर सारी परेशानियों के बावजूद उमैर और परी की मोहब्बत गहरी होती जा रही है- पढ़ते रहिये शाह उमैर की परी )

शहर धनबाद में :-
”मैडम उठिये नौ बज रहे है आप के पापा की रिपोर्ट आ गयी है आप जाकर डॉक्टर से मिल ले !” हॉस्पिटल स्टाफ बेंच पे बैठे हुए सोयी परी को उठाते हुए कहता है !
“हाँ। … ठीक है जाती हूँ मैं !” परी उठते हुए कहती है फिर हसन जी के पास जाती है जो उसी का इंतजार कर रहे होते है !
“आ गयी बेटा तुम जरा चाय माँगा देना सुबह सुबह चाय की बड़ी तलब होती है !” हसन जी ने कहा “जी पापा अभी आयी लेकर” वो कहती हुई मुड़ती ही है कि आसिफ वहां आ चुका होता है !
“परी तुम जा कर रिपोर्ट्स ले आओ मैं अंकल को चाय नास्ता करवाता हूँ आंटी ने घर से चाय और नास्ता भेजा है !” आसिफ ने कहा !
“ठीक है मैं आती हूँ पापा !” परी ने कहा फिर वो रिपोर्ट्स लेकर डॉक्टर से मिलने चली जाती है !
“तो मिया आसिफ परी के साथ तुम्हारी बात बनी के नहीं ? ” हसन जी ने पूछा !
“कहाँ अंकल आप की बेटी तो सही से बात भी नहीं करती मुझसे तो बात क्या बनेगी ?” आसिफ ने चाय फ्लास्क से कप में डालते हुए कहता है !
“कोशिश करते रहो बेटा मान जाएगी वो !” हसन जी ने कहा !
“हाहा अंकल आप भी ना बहुत फनी हो, अच्छा यह बताओ हाथ पैर आप के सही से काम कर रहे के नहीं ?!” आसिफ ने कहा !
“हाथ तो चल रहे बेटा मगर पैर तो पहले से Paralysis है वो अब क्या काम करेंगे ?” हसन जी ने कहा !
“उफ़्फ़ो अंकल आप भी ना चलो पहले आप अपने पैरों को धीरे धीरे हिला कर देखो उनकी क्या पोजीशन है !” आसिफ ने कहा तो हसन जी चादर हटा कर अपने पैर धीरे धीरे हिलाते है तो उनकी हैरत से आँखे चौड़ी हो जाती है उनके पैर बिलकुल ठीक हो चुके होते है बस थोड़ा सा दर्द हो रहा होता है उन्हें !
हसन जी धीरे धीरे पैर ज़मीन पर रख कर खड़े होने की कोशिश करते है तो उनके पैर काँपने लगते है जिससे हसन जी का बैलेंस बिगड़ता है और वो गिरने लगते है तो आसिफ उनको सहारा देकर गिरने से बचा लेता है !
“अंकल कोई बात नहीं। आप कई साल से चल नहीं पाये है इसलिए डरना जायज है। चलिए एक बार और कोशिश करिए !” आसिफ ने उनको दुबारा खड़ा करते हुए कहा !
“हम्म ठीक है बेटा कोशिश करता हूँ तुम जरा अपने कंधो का सहारा दो !” हसन जी ने कहा फिर वो आसिफ को पकड़े धीरे धीरे अपने कदम ज़मीन पर जमाये चलते है !
“वाह पापा आप तो चलने लगे।” परी ने आते हुए कहा !
“बहुत देर लगा दी तुमने परी आने में !” आसिफ ने हसन जी को अपना हाथ थमाते हुए कहा !
“हाँ मैं वो रिपोर्ट्स देखा रही थी डॉक्टर को !” परी ने कहा !
“आसिफ मुझे अब बेड पर बैठा दे ! और क्या निकला रिपोर्ट्स में बेटा ?” हसन जी ने कहा !
”थोड़ी अंदुरुनी चोटें है बाकी कही से भी आप की हड्डियाँ टूटी हुई नहीं है डॉक्टर कह रहे थे कि शायद लैब वालों ने पहली रिपोर्ट गलत देख ली या दी है क्योंकी सिर्फ एक दिन में हड्डियाँ ठीक कैसे हो सकती है ? उन्होंने दवाइयाँ लिख दी है बाकी अब हम घर जा सकते है तो चले? !” परी ने खुश होते हुए कहा !
यह तो बहुत ही अच्छी बात है परी, तो अंकल चले घर चल कर, बिना व्हील चेयर के?!” आसिफ ने खुश होते हुए कहा !
“हाँ बिलकुल बस थोड़ा सहारा चाहिए तुम दोनों का !” हसन जी ने कहा !
“पापा आप है तो मेरा सहारा है। आपके सहारे पर ही तो मैं हूँ। आप को सहारे की जरुरत नहीं है , आसिफ तुम पापा को लेकर चलो मैं सारा सामान समेट कर आती हूँ और हाँ यह लो डिस्चार्ज पेपर !” परी ने कहा तो आसिफ हसन जी को सहारा देते हुए अपने कार तक लेकर जाता है तब तक परी भी सारा सामान थैले में लिए आकर कार में बैठ जाती है और वो घर की तरफ निकल जाते है !
“आसिफ तुम पापा को लेकर आओ मैं मम्मी की आँखे मूंद कर दरवाज़े पर लाती हूँ पापा को चलता हुआ देख कर वो खुश हो जायेंगी !” परी ने कार से उतारते हुए कहा !
“जो हुक्म मेरे आक़ा !” आसिफ ने शरारत से कहा ! तो हसन जी हसने लगते है ! परी उसे पागल कह कर घर के अंदर चली जाती है !
“अरे परी बेटा तुम आ गयी और पापा तेरे !” नदिया जी ने परी को घर में आते देख कहा !
“मम्मी पहले अपनी आँखे बंद करो आप के लिए सरप्राइज है !” परी नदिया जी की आँखों को अपने हाथ से बंद करती हुई बाहर ले जाती है , जहा सामने हसन जी अपने पैरो पे खड़े होते है !
”परी बेटा तू मुझे कहा लेकर जा रही ? कैसा सरप्राइज छोड़ मेरी आँखों को वरना गिर जाउंगी मैं, पापा के बगल में मेरा भी बेड डलवाना पड़ जायेगा तुझे।” नदिया जी ने कहा !
“टाडा देखो मम्मी!” परी ने खुशी से हाथ हटाते हुए कहा !
“या अल्लाह ये कैसा चमत्कार है आप अपने पैरों पर खड़े है !” नदिया जी ने चौंकते हुए कहा !
“खड़े ही नहीं आंटी अंकल अब चल भी सकते है , अंकल जरा चल के देखो आंटी को , आप डरो नहीं मैं आप को सहारा दूंगा !” आसिफ ने कहा तो हसन जी धीरे धीरे चल कर नदिया जी के पास जाते है !
“माशाअल्लाह हसन भाई खुशामदीद। अरे भाई अगर पता होता के दुबारा एक्सीडेंट होने से तुम चलने लगोगे तो कब का एक्सीडेंट करवा देते तुम्हारा हा हा !” रफ़ीक़ जी ने कहा तो आसिफ गुस्से में उन्हें घूरता है तो वो खमोश हो जाते है !
“मम्मी ये पापा की सारी दवाइयाँ है और पैरों की मालिश के लिए ऑयल है टाइम पे उन्हें देते रहना !” परी ने दवाइयाँ अपने पापा के रूम में रखते हुए कहा !
“परी बेटा घर तुमने साफ़ किया था ? किचन में फलों से भरी टोकरी और मेवे तुमने रखे है ? ” नदिया जी ने कहा !
“क्या फल, मेवे?” परी कहती हुई किचन में जाकर देखती है तो वो समझ जाती है कि यह उमैर का काम है !
“हाँ मम्मी मैंने ही लेकर रखे थे पापा के लिए !” परी ने कहा !
“मगर बेटा नवंबर में तुझे आम कहा से मिल गए ?” नदिया जी ने कहा !
“मम्मी आप भी ना मॉल्स में हर मौसम में आप को सारे फल मिल जायेंगे , अब ज्यादा सवाल नहीं मैं बहुत थक गयी हूँ नहाने जा रही !” परी ने कहा खुद को नदिया जी के सवालों से बचने के लिए!
”परी नहा कर अपने बाल पोछते हुए लैपटॉप ऑन करती है ऑर्डर्स चेक करने के लिए के किन किन कस्टमर को पार्सल पहले भेजना है ! मगर यहां तो सारे कस्टमर के आर्डर डिस्पैच दिखा रहे होते है ! यानी उमैर ने ये काम भी परी का कर दिया था !
“हाय। … कितना प्यारा है वो जिन ज़ादा उमैर, जिनो के बारे में जो सोच थी मेरी वो पूरी तरह से बदल दी उसने ,कितनी मदद की है उसने मेरी पापा को भी ठीक कर दिया उसने। पता नहीं मैं उसका क़र्ज़ कैसे उतार पाऊँगी ?” परी अपने बेड पर गुलाटियाँ मारते हुए कहती है !
आईने के पास से आवाज़ आयी ”उमैर भाई को अपना प्यार और साथ देकर भाभी।”
” तुम दोनों? और उमैर कहाँ है? और तुम दोनों मुझे भाभी क्यों कह रही हो ?” परी बेड से उठ कर आईने के पास जाती हुई कहती है !
“लो अब हमारे भाई की मोहब्बत हो आप। आप तो भाभी ही लगी ना हमारी? वैसे हम तीनो जब भी आप के बारे में बातें करते है तो आप को हम भाभी ही कहते है ! ” नफिशा ने हल्का सा हँसते हुए कहा !
“यह तो पागल है परी ,उमैर भाई महल गए है शहजादी का जन्मदिन है उसी की तैयारियाँ चल रही महल में !”अमाइरा ने कहा !
“उमैर अब कैसा है कल का सुन कर मुझे बहुत दुःख हुआ के तुम सब ने मिलकर मेरी इतनी मदद की और उमैर को काफी मार भी पड़ी !” परी ने दुःख जाहिर करते हुए कहा !
“इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है परी वो हमारे अब्बा है ही गुस्से वाले, तुम्हारे अब्बा तो तुम्हे बहुत प्यार करते है। हम ने आईने से देखा है !” अमाइरा ने कहा !
“हाँ मेरे पापा मुझे बहुत प्यार करते है और सभी मां बाप अपने बच्चो से प्यार करते है तुम्हारे अब्बा की जरूर कोई मज़बूरी होगी जिस वजह से वो गुस्सा करते होंगे !” परी ने समझाते हुए कहा !
“हाँ सही कह रही हो तुम !” अमाइरा ने कहा !
“भाभी सुनो आप के घर से मुझे यह चीज़ खाने को मिली थी मुझे बहुत पसंद आयी। आप बताओगे यह क्या चीज़ है ?” नफिशा ने अपने हथेली में रखे अमावट (आम पापड़) को दिखाते हुए कहा !
“हाहा तुम्हे यह बहुत पसंद आया , तुम्हारी दुनिया में अमावट नहीं मिलता? यह तो एक आम सी चीज़ है मेरी मम्मी को बहुत पसंद है इसलिए हमेशा फ्रीज़ में मैं लाकर रख देती हूँ मैं। तुम्हारे लिए भी बाजार से ले आऊँगी !” परी ने हँसते हुए कहा !
“हाँ हमारी दुनिया में यह नहीं मिलती !” नफीसा ने मुँह बनाते हुए कहा !
“परी सुनो तुम हमारे साथ शहजादी मरयम की जन्मदिन पर चलोगी बहुत मज़ा आएगा ?” अमाइरा ने कहा !
“मैं और तुम्हारी दुनिया में कैसे ?” परी ने कहा !
“हम दोनों ले कर चलेंगे तुम्हे बस तुम्हे हम दोनों में से किसी भी एक का पहना हुआ लिबास पहनना होगा जिससे तुम्हारे जिस्म से इंसानी महक नहीं उठेगी कुछ घंटों की ही तो बात है ! कोई पूछेगा तो कह देंगे के तुम हमारी दोस्त हो !” अमाइरा ने कहा !
“और हाँ परी भाभी आप की जो दोनों गाउन है ना जो था तो हम दोनों का मगर उमैर भाई ने आप को हमसे चुरा कर दे दिया था उसे मैंने कल पहना था तो आप उसे पहन सकती हो !” नफिशा ने कहा !
“क्या वो गाउन तुम दोनों का था ? और उसने मुझे दे दिया , उमैर तो बड़ा शरारती है !” परी ने मुस्कुराते हुए कहा !
“अभी आप ने उमैर भाई की शरारत देखी कहा है? बस आगे आगे देखती जाए !” अमाइरा ने कहा ! फिर तीनो एक साथ हंसने लगती है !

दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-
”बड़े बुझे- बुझे लग रहे हो आज? लगता है ज़ैद चाचा ने तुम्हारी फिर से खबर ली है !” ख़ामोशी से काम कर रहे उमैर को शहजादी मरयम ने कहा ! मगर उमैर बिना जवाब दिए पुरे महल को रंग बिरंगे फूल और झूमर से सजा कर बागीचे में तालाब किनारे आकर बैठ जाता है शहजादी मरयम भी उसके पीछे चली आती है !
“आप क्यों आयी है यहाँ ? ” उमैर ने शहजादी को आते देख कहा !
“अपने दोस्त की मायूसी की वजह जानने आयी हूँ !” शहजादी मरयम उमैर के बराबर बैठते हुए कहती है !
“मैं नहीं मानता आप को दोस्त चली जाये यहां से। आप और मैं दोस्त नहीं हो सकते।!” उमैर ने रूखे पन से कहा !
“शायद तुम उस दिन का वादा भूल गए हो? दोस्त बनने और निभाने का वादा , याद करो आराम से मैं यही बैठी हूँ !” शहजादी ने संजीदगी भरे लहजे में कहा !
“हाँ याद है , मगर मुझे अपना दोस्त बना कर आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला है ! ” उमैर ने कहा !
“दोस्ती मतलब निकालने के लिए नहीं की जाती ना ही कुछ हासिल करने के लिए यह तो एक ऐसा पाक रिस्ता है उमैर, जिसमे लालच नहीं होता ना ही शिकवे शिकायतें ! बस दो साथी होते है जो अपनी हर बात एक दूसरे को बिना किसी झिझक के बता सकते है। मैं वैसी ही तुम्हारी दोस्त बनना चाहती हूँ !” शहजादी ने उमैर की तरफ मोहब्बत से देखते हुए कहाँ !
“ठीक है शहजादी आप की दोस्ती मैं क़ुबूल करता हूँ !” उमैर ने कहा !
“शुक्रिया , हम्म तो मेरे जन्मदिन के दिन तुम मुझे क्या तोहफा दे रहे हो ?” शहजादी ने पूछा !
“मैं आप को पूरा क़बीला घुमाऊँगा जब आप बोलो !” उमैर ने कहा !
“वो तो मैं घूमूंगी ही मगर मुझे कुछ और चाहिए मगर आज नहीं उसी दिन बताऊँगी !” शहजादी ने कहा !
“ठीक है मेरे बस में हुआ तो आप जो मांगेंगी दे दूंगा आप को तोहफे में अब मुझे इजाजत दे। अपनी बहनो के लिए कुछ तोहफा बनवाया है मैंने उन्हें दे आऊं पहले !” उमैर उठते हुए कहता है !
“उन्हें मेरे जन्मदिन पर लेकर आना मैं इंतज़ार करुँगी सब का !” शहजादी ने कहा !
“जी जो हुक्म आप का !” उमैर अदब से सलाम करते हुए चला जाता है ! शहजादी मरयम दिल थामे उसे मोहब्बत भरी नज़रों से जाते देख रही होती है !
“तो तुम्हे भी मोहबब्त हो गयी है मेरी प्यारी बहन !” शहजादे इरफ़ान मरयम के पास आते हुए कहते है !
“मैं कुछ समझी नहीं भाईजान !” शहजादी मरयम अनजान बनते हुए कहती है !
“यही के मेरी प्यारी बहन तुम्हे भी मेरी तरह अपने मुलाजिम शाह ज़ैद के बेटे से मोहब्बत हो चुकी है, जिस तरह मुझे अमाइरा पहली नज़र में ही भा गयी।” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
“जी भाईजान आप ने सही कहा मुझे उमैर बहुत पसंद है !” शहजादी मरयम ने कहा !
“फिर देर किस बात की परसो तुम्हारी साल गिरह है तोहफे में उमैर को मांग लो अब्बा से, साथ में अमाइरा को मेरे लिए मुझे यक़ीन है अब्बा मना नहीं करेंगे !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
“जी बहुत खूब भाईजान अब्बा को मौका देखते ही बोलूंगी !” शहजादी मरयम खुश होते हुए कहती है!

Shah Umair Ki Pari
Shah Umair Ki Pari

क्रमशः shah-umair-ki-pari-26

Previous Part :- shah-umair-ki-pari-24

Follow Me On :- facebook

Follow Me On :- instagram

Follow Me On :- youtube

शमा खान

Shah Umair Ki Pari
Shah Umair Ki Pari

”तेरा साथ कुछ यूँ मिला के हर
रंज वा गम दूर हो चली गयी ,
मैं दिल ही दिल में ”शाह उमैर की परी” हो होगयी !”

_Shama Khan

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!