A Broken Heart – 6
A Broken Heart – 6
जिया पैदल ही आर्डर देने निकल पड़ी। उसे 30 मिनिट के अंदर उस कम्पनी में पहुंचना था जहा का एड्रेस ऑर्डर्स के साथ मिला था। जिया ने रोड से ना जाकर शॉर्टकट जाना सही समझा। वह गलियों से निकलकर जैसे तैसे एक बड़ी सी बिल्डिंग के सामने पहुंची। जिया ने घडी में देखा वो 25 मिनिट में ही वहा पहुँच चुकी थी। जिया पीठ पर बैग टाँगे अंदर आयी और रिसेप्शन पर आर्डर के बारे में पूछा।
“2nd फ्लोर पर ऑफिस नंबर दो”,रिसेप्शन पर बैठी लड़की ने कहा तो जिया थैंक्यू बोलकर आगे बढ़ गयी। लिफ्ट बंद थी इसलिए उसने सीढ़ियों से ऊपर आना पड़ा। सीढिया चढ़ते हुए वह थक गयी लेकिन अपनी थकान को उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया। वह ऑफिस में आयी उसने आर्डर रखे और एक बड़ी सी स्माइल चेहरे पर लाकर कहा,”एन्जॉय योर मील सर , फीडबैक देना मत भूलियेगा प्लीज ,,,,,,,,,,,,,,हेव अ गुड डे”
जिया ने कहा और वहा से चली गयी। ऑफिस से बाहर आया उसने अपने ही हाथ से अपना कंधा थपथपाया , आज का अपना पहला आर्डर वक्त से पहुँचाने के लिए। एक बार फिर वह सीढ़ियों से होकर नीचे चली आयी। ये एक बड़ी बिल्डिंग थी जिसमे कई ऑफिस थे। इसी बिल्डिंग में बने एक ऑफिस में ईशान इंटरव्यू देने आया था। चलते चलते जिया की नजर जब ईशान पर पड़ी तो उसके पेट में तितलियाँ उड़ने लगी। उसके होंठो की मुस्कराहट बड़ी हो गयी और आँखे चमक उठी। वह ईशान को देखते हुए जैसे ही आगे बढ़ी सामने से आते लड़को से टकरा गयी। जिया हड़बड़ाई और कहा,”आह्हः माफ़ करना”
लड़को ने जिया को देखा उन्हें ये समझते देर नहीं लगी की जिया एक फ़ूड डिलीवरी गर्ल है। लड़को को शरारत सूझी जैसे ही जिया जाने लगी एक ने उसके सर से केप उतार ली।
“हे मेरी केप वापस करो”,जिया ने लड़के से केप लेने की कोशिश करते हुए कहा। लड़के ने अपना हाथ ऊपर कर दिया लेकिन जिया केप तक पहुँच नहीं पायी। लड़के उसे परेशान करने लगे। जिया परेशान सी उनसे अपनी केप लेने की कोशिश करने लगी। लड़के हँसते मुस्कुराते उसे परेशान कर रहे थे। अगले ही पल किसी ने आकर लड़के के हाथ से वो केप ले ली। जिया को बस वो हाथ नजर आया वह जैसे ही पलटी अपने पीछे खड़े ईशान से टकरा गयी। लड़के के हाथ से केप छीनने वाला हाथ ईशान का ही था।
जिया का दिल धड़क उठा और पेट में फिर तितलियाँ उड़ने लगी। वह एकटक बिना पलकें झपकाए ईशान को देखते रही। ईशान को वहा देखकर लड़के वहा से चले गए। ईशान के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। ब्लैक टीशर्ट उस पर खुला सफेद शर्ट और जींस में वह काफी हेंडसम लग रहा था। उसके कपड़ो से आती मेन्स परफ्यूम की खुशबु जिया के नाक को छूकर गुजर रही थी। ईशान ने हाथ नीचे किया और केप जिया की तरफ बढ़ा दिया लेकिन जिया उसे देखने में इतना खोयी हुई थी की उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ईशान को देर हो रही थी इसलिए उसने जिया के सर पर केप रखी और चला गया।
उसे जाने के बाद जिया को होश आया की उसे ईशान से थैंक्यू कहना था। उसे जैसे ही याद आया वह अपना बैग उठाये ईशान के पीछे गयी लेकिन देखते ही देखते ईशान एक ऑफिस में चला गया। जिया उसके पीछे पीछे जैसे ही ऑफिस के अंदर जाने लगी गेटमेन ने उसे रोक दिया। जिया वापस चली आयी वह पलटकर बार बार उस ऑफिस के दरवाजे को देखते रही जिस से ईशान अंदर गया था। जिया बिल्डिंग से बाहर चली आयी।
“तुम कितनी पागल हो जिया उसने तुम्हारी हेल्प की और तुमने उसे थैंक्यू तक नहीं बोला। क्या मुझे यहाँ रुककर उसका इंतजार करना चाहिए ? नहीं अगर मैं यहाँ रुकी तो मिस्टर दयाल तो मेरा खून ही कर देंगे।
आज सुबह वो कितना गुस्से में थे ,, मुझे वापस रेस्त्रो जाना चाहिए।”,जिया जोर जोर से बड़बड़ाते हुए खुद से ही बात करे जा रही थी , अगले ही पल उसने देखा वहा से गुजरने वाले लोग उसे अजीब नजरो से देख रहे है तो वह झेंपते हुए मुस्कुराई और वहा से चली गयी। जिया रोड क्रॉस कर दूसरी तरफ आयी और फिर गलियों से होते हुए रेस्त्रो की तरफ चल पड़ी। चलते चलते उसकी नजर एक कबाड़ की दुकान पर पड़ी वहा खड़ी एक पुरानी साइकिल देखकर जिया रुकी और कबाड़ी वाले से साइकिल के बारे में पूछा
“2000 रूपये लगेगें”,कबाड़ीवाले ने कहा
“आहहह मेरे पास इतने पैसे नहीं है क्या आप कुछ कम करेंगे प्लीज ?”,जिया ने डरते डरते कहा क्योकि कबाड़ी वाला दिखने में बहुत खड़ूस दिखाई दे रहा था।
“1800 इस से एक पैसा कम नहीं”,कबाड़ी वाले ने जिया को घूरते हुए कहा
जिया ने अपने पर्स में रखे पैसे देखे वो साइकिल खरीदने के लिए पर्याप्त नहीं थे। जिया ने फिर डरते डरते कहा,”मेरे पास सिर्फ 1600 है”
कहते हुए वह आगे बढ़ गयी ताकि कबाड़ीवाला उसे घुड़क ना दे।
“ए लड़की सुनो”,कबाड़ीवाले ने कहा
जिया वापस आयी तो उसने जिया से कहा,”हम्म्म ले जाओ”
जिया ने सूना तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा उसने 1600 रूपये कबाड़ीवाले को दिए और उस पुरानी साइकिल को लेकर रेस्त्रो की ओर चल पड़ी। उसने अपना बैग पिछली सीट पर रख लिया।
ख़ुशी ख़ुशी वह चले जा रही थी। वैसे साइकिल अच्छी हालत में थी बस उसे थोड़ी मरम्मत और सुधार की जरूरत थी। जिया रेस्त्रो के बाहर पहुंची और साइकिल को खड़ा करके जल्दी से अंदर गयी। सोफी उस वक्त किसी कस्टमर का आर्डर तैयार कर रही थी। जिया ने अंदर आकर जल्दी से उसका हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले आयी।
“जिया क्या हुआ तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये क्या है ?”,बाहर आकर सोफी ने कहा
“टाडा,,,,,,,,,,,आज से हम से इस से रेस्त्रो आया जाया करेंगे”,जिया ने एक्साइटेड होकर कहा
“ये तुम्हे कहा से मिली ये काफी पुरानी भी दिख रही है”,सोफी ने साइकिल को देखते हुए पूछा
“मैंने इसे खरीदा है पुरे 1600 रूपये में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने बिल्कुल घाटे का सौदा किया था लेकिन वह फिर भी खुश थी
“ओह्ह्ह पागल लड़की तुमने अपने सारे पैसे इस कबाड़ में बर्बाद कर दिए,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने अपना सर पीटते हुए कहा
“इसे कबाड़ मत बोलो प्लीज”,जिया ने मुंह बनाकर कहा
“सेलरी मिले अभी तुम्हे दो दिन हुए है और तुमने,,,,,,,,,,,,जिया तुम्हे अपने पैसे बचाने चाहिये”,सोफी ने उदास होकर कहा क्योकि वह जानती थी जिया और वो लिली आंटी के घर कितनी तंगहाली में जिंदगी बिता रही थी। जिया को जो सैलरी मिलती थी उसका आधा हिस्सा वो अपने घर अपनी बहन और माँ के लिए भेज दिया करती थी बाकी आधे में वो बिल्कुल सादा खाना खाकर अपना गुजारा करती थी।
उसे कभी कपडे लेने होते थे तो वह बिल्कुल सस्ते या फिर सेल से कपडे खरीदा करती थी। ज्यादा पढ़ी लिखी ना होने के कारण वह कोई दुसरा काम भी नहीं कर सकती थी। सोफी ये सब सोचते हुए उदास हो गयी और फिर उसकी नजर जिया पर चली गयी जो की पुरानी साइकिल को देखकर भी खुश हो रही थी।
“जिया कुछ ऑर्डर्स की डिलीवरी है तुम्हे वो लेकर जाने चाहिए और ये लो स्कूटर की चाबी मिस्टर दयाल ने कहा है आज के सारे आर्डर टाइम पर पहुँचने चाहिए”,सोफी ने जेब से चाबी निकालकर जिया को देते हुए कहा। जिया ने साइकिल को वही रेस्त्रो के पार्किंग एरिया में साइड में खड़ा कर दिया और अंदर चली आयी।
उसने अंदर आकर पैक किया खाना बैग में रखा और स्कूटर लेकर निकल गयी। दिनभर जिया डिलीवरी पहुंचाती रही। शाम को ड्यूटी खत्म होने के बाद उसने चेंजिंग रूम में आकर केप और जैकेट रखा और मुंह धोकर बाहर चली आयी।
सोफी ने उसका थका हुआ चेहरा देखकर जूस का ग्लास उसके सामने रखते हुए कहा,”आज से मैं ओवर टाइम करुँगी इसलिए तुम्हे घर अकेले जाना होगा। यहाँ से सीधा घर जाना यहाँ वहा भटकना मत और हाँ ये रखो रास्ते में कुछ खा लेना”,सोफी ने एक 50 रूपये का नोट जिया के जैकेट की जेब में रखते हुए कहा।
जिया ने जूस का ग्लास उठाया और धीरे धीरे पीने लगी अगले ही पल उसे अपनी साइकिल की याद आयी उसने जल्दी से जूस खत्म किया और दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा,”अलविदा ! अपना ख्याल रखना और बेस्ट ऑफ़ लक तुम बहुत अच्छा करोगी”
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,ध्यान से”,सोफी ने कहा लेकिन तब तक जिया वहा से निकल गयी
जिया ने पार्किंग से साइकिल निकाली और उसे पोछकर उस पर आ बैठी। जिया ने जैसे ही साइकिल का स्टेण्ड सम्हाला और पैडल मारे साइकिल आगे बढ़ गयी। जिया का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा और उसके होंठो पर एक मुस्कान तैर गयी। उसने साइकिल घर जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ा दी। वह ख़ुशी में गुनगुनाते हुए आगे बढे जा रही थी। जिया ने सेंडविच शॉप के सामने आकर अपनी साइकिल रोकी और कहा,”एक चीज बन सेंडविच”
दुकानवाले ने कुछ देर बाद सेंडविच केरी बैग में रखा और जिया को थमा दिया। जिया ने उसे हेंडल में टांगा और आगे बढ़ गयी। शाम हो चुकी थी और आसमान हल्की लालिमा लिए हुए था। घर की तरफ जाते हुए जिया को उस पिल्ले का ख्याल आया जो बीती रात उसे मिला था। जिया अपनी साइकिल लिए उस तरफ चल पड़ी। कुछ वक्त बाद जिया फुटपाथ के पास पहुंची वह अपनी साइकिल से नीचे उतरी और उस जगह आयी जहा उसने बीती रात पिल्ले को छोड़ा था। जिया ने देखा वह पिल्ला उसी गमले के पास सोफी में मफलर में लिपटा वही बैठा है। जिया आकर उसके बगल में बैठ गयी। पिल्ले ने जिया को देखा तो उसके आस पास चक्कर काटने लगा।
जिया ने उसका सर सहलाते हुए कहा,”कैसे हो मेरे प्यारे पिल्ले , देखो मैं यहाँ तुमसे मिलने आयी हूँ,,,,,,,,,,,,,क्या तुमने कुछ खाया ? रुको मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है ,, टाडा बन सेंडविच,,,,,,,,,,ये बहुत यमी है लो ये तुम खाओ”
कहते हुए जिया ने बन के आगे का ब्रेड तोड़कर पिल्ले के सामने रख दिया। पिल्ला उसे खाने लगा और उसके पास बैठी जिया बचा हुआ सेंडविच खाने लगी।
जिया उस पिल्ले से बातें करते हुए अपना सेंडविच खाये जा रही थी। वो फुटपाथ पर बैठी थी और पास ही उसकी साइकिल खड़ी थी। सेंडविच खत्म होने के बाद जिया ने पिल्ले को देखा वो भी अपने सामने पड़ी ब्रेड खा चुका था और अपनी छोटी छोटी चमकदार आँखों से जिया को देखे जा रहा था।
जिया ने देखा शाम होने लगी थी। वह उठी और अपनी साइकिल की तरफ बढ़ गयी की उसे अचानक कुछ याद आया। वह वापस पिल्ले की तरफ पलटी और कहा,”हे क्या तुम मेरी साइकिल पर यहाँ की एक ड्राइव लोगे ?”
पिल्ला जो की दो दिन में ही जिया पर भरोसा करने लगा था एकदम से उसके पास चला आया और अपनी पूछ हिलाने लगा। जिया ने उसे उठाया और अपनी साइकिल की पिछली सीट पर अच्छे से बैठा दिया। वह खुद आगे बैठ गयी और फिर उसी फुटपाथ के आस पास साइकिल से चक्कर लगाने लगी। पिल्ला बड़े आराम से बिना डरे बैठा था। जिया बहुत खुश थी वह भूल गयी की उसे घर भी जाना है।
जब अन्धेरा होने लगा तो उसे याद उसने एक बार फिर फुटपाथ पर रखे उस बड़े से गमले के पास अपनी साइकिल रोकी और पिल्ले को नीचे उतारकर उसे गमले के पास बैठाते हुए उदासी भरे स्वर में कहा,”तुम इतने प्यारे हो की मैं चाहती हूँ तुम्हे अपने घर लेकर जाऊ लेकिन लिली आंटी को स्ट्रीट डॉग्स पसंद नहीं है इसलिए मैं तुम्हे वहा लेकर नहीं जा सकती। मैं चलती हूँ तुम अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाय”
जिया को एक पिल्ले से बात करते देखकर वहा से गुजरते कुछ लड़के हसने लगे जिया ने उन्हें हैरानी से देखा तो वे लोग आगे बढ़ गए। जिया ने घडी में टाइम देखा और वहा से चली गयी। पिल्ला बस उसे जाते हुए देखता रहा।
“एक वेज नूडल विथ ब्लैक कॉफी”,उसी फुटपाथ के बगल में बने उस नूडल्स रेस्त्रो में बैठे ईशान ने वेटर से कहा। वेटर चला गया ईशान ने जेब से फोन निकाला और माया का नंबर डॉयल किया। एक दो रिंग जाने के बाद दूसरी तरफ से माया ने फोन उठाया और कहा,”हाय ईशान आज तुम्हारा इंटरव्यू था ना कैसा रहा ?”
“माया मैं यहाँ विंगरेस्त्रो में हूँ मैंने नूडल्स आर्डर किये है क्या तुम खाना चाहोगी ?”,ईशान ने माया के सवाल को इग्नोर करके कहा
“ईशान मैं मॉम डेड के साथ हूँ , हम सब डिनर करने आये है , मैं नहीं आ पाऊँगी”,माया ने हिचकिचाते हुए कहा
“ठीक है अपने डेड से बात करवाओ”,ईशान ने कहा
“तुम्हे डेड से क्या बात करनी है ?”,माया ने हैरानी से पूछा
“नथिंग पर्सनल बस नार्मल हाय हेलो,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा
“ओके मैं डेड को फोन देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डेड मेरा फ्रेंड है आपसे कुछ बात करना चाहता है”,माया ने अपना फोन अपने पापा की ओर बढ़ाते हुए कहा
माया के मुंह से अपने लिए फ्रेंड शब्द सुनकर ईशान का दिल टूट गया उसने उसके पापा से बात किये बिना ही फोन काट दिया और सामने टेबल पर रख दिया
“हेलो , हेलो , हेलो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेटा लगता है फोन कट गया है”,माया के पापा ने फोन माया की तरफ बढाकर कहा और फिर सब खाना खाने लगे।
वेटर ईशान के सामने एक ब्लैक कॉफी और नूडल्स से भरा बाउल रखकर चला गया। कॉफी मोटे कागज से बने ग्लास में थी
उस पर ढक्कन लगा था। ईशान ने बेमन से नूडल्स खाना शुरू किया। उसने दो चाय निवाले खाये और एकदम से माया की कही बात उसके कानों में गुंजी “डेड मेरा फ्रेंड है आपसे कुछ बात करना चाहता है”
ईशान ने फ्रॉक छोड़ दिया उसका आगे खाने का मन नहीं हुआ तो उसने बॉउल को साइड किया और कॉफी का कप उठाकर उठ खड़ा हुआ। रिसेप्शन पर आकर ईशान ने बिल दिया और बाहर निकल गया। उसका मन भारी था , माया अपने पेरेंट्स के साथ बिजी होगी सोचकर ईशान ने निर्मल को फोन लगाया लेकिन उसने भी फोन काट दिया और मेसेज किया की वह इस वक्त ड्राइविंग कर रहा है।
ईशान कॉफी पीते हुए फुटपाथ पर चल पड़ा , चलते चलते वह उसी गमले के पास बने डिवाइडर पर आ बैठा जहा वो पिल्ला रहता था। कॉफी पीते हुए ईशान की नजर उस पिल्ले पर पड़ी साथी ही उसके गले में लपेटे उस लेडीज मफलर पर को देखकर वह थोड़ा हैरान भी हुआ। पीला चुपचाप बैठा आते जाते लोगो को देख रहा था। ईशान ने कॉफी पीते हुए एकदम से उसका सर थपथपा दिया।
जॉब ना मिलने की वजह से ईशान का मन भारी था और इस वक्त उसके पास बात करने के लिए कोई नहीं था उसने पिल्ले को देखा और फिर कॉफी का घूंठ भरकर कहने लगा,”आज एक बड़ी कम्पनी के लिए मेरा इंटरव्यू था लेकिन मैं वहा देर से पहुंचा और मुझे रिजेक्ट कर दिया गया दरअसल गलती मेरी नहीं है उस लड़की की वजह से मुझे देर हुयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो लड़की जिस से मैं बार बार टकराता रहता हूँ , वो थोड़ी अजीब है,,,,,,,,,,,,,हाँ सच में ! मैं उस लड़की को दोष नहीं देना चाहता , कुछ लड़के उसे परेशान कर रहे थे और मैं बस उसकी मदद करने गया था। खैर तुम सोच रहे होंगे ये सब मैं तुम्हे क्यों बता रहा हूँ ? मैं बहुत अपसेट फील कर रहा हूँ और इस वक्त मुझसे बात करनेवाला कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,वैसे तुम काफी प्यारे हो”
बहुत कम बोलने वाला ईशान उस पिल्ले के सामने इतनी सारी बाते कह गया। पिल्ला क्या समझता वह बस अपनी आँखे मिचमिचाते हुए उसे सुनता रहा। ईशान को एक पिल्ले से बात करते देखकर वही पास में खड़ा एक कपल हसने लगा उन्हें देखकर ईशान थोड़ा झेंप गया। अब तक उसकी कॉफी भी लगभग खत्म हो चुकी थी इसलिए वह उठा और एक बार फिर पिल्ले का सर थपथपा कर वहा से चला गया।
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संजना किरोड़ीवाल
Kash Ishan ko Jiya mil jati iss waqt…
Dono apne dil ki bat ek pille se karte h
Very nice 👌👌👌👌
Jiya ek mastmaul ladki hai woh apne aap me kush rehti hai usse jo accha lagta hai wahi karti hai bina kisiki parva kiye.. Ishaan aaj bahut akele mehsoos kar raha hai ki kise ke pass uske liye waqt nahi hai toh woh apni baate pille se share karne laga..bahut usse dukh nahi ki jiya ki wajase uski job chale gayi..Interesting Part Maam
Dono ka ek common friend bn gya h woh pilla