और प्यार हो गया – 22
Aur Pyar Ho Gaya – 22
राजवीर और मौली दोनों झगड़ते हुए नंदिनी के कमरे में आ गए l
“राज बहाने मत बनाओ , अगर तुम्हारा नंबर नहीं है तो फिर ये सब मेसेज किसने किये है ?”,मौली ने गुस्से से कहा
“मौली मुझे नहीं पता , और मैं भला तुम्हे मेसेज क्यों करूंगा ?”
हा हा सही है तुम क्यों खुद से मेसेज करोगे तुम तो बड़े आदमी बन गए हो न
“ऐसा कुछ नहीं है पर मैंने वो सब मेसेज नहीं किये”
इतना झूठ काफी है राज , और कितना झूठ बोलेगे सच तो ये है तुम्हे अब मुझमे कोई इंट्रेस्ट ही नहीं रहा ,, मि गयी होगी कोई नयी l अब तो और भी हेंडसम हो गए हो लड़किया तो आगे पीछे घूमती होगी तुम्हारे
“ऐसी बाते मत कहो मौली”
क्यों ना कहु ? सच तो ये है तुम मेरे राजवीर हो ही नही
“सच तुम नहीं जानती”
क्या है सच , बोलो क्या है सच ?
“सच ये है की मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करता हु
तो फिर मानते क्यों नहीं वो मेसेज तुमने किये है
“मौली मैंने कोई मेसेज नहीं किया प्लीज़ ट्रस्ट मी”
नंदिनी जो की इतनी देर से दोनों की बहस सुन रही थी ने चिल्लाकर कहा,”स्टॉप इट गाइज , वो मेसेज मैने किये थे l “
मौली और राजवीर दोनों मुंह फाडे नंदिनी की और देखने लगे l नंदिनी कहने लगी,”एक्चुली आई नो अबाउट योर रिलेशनशिप पर जब मैं राजवीर भैया से मिली तो इन्होने मुझे बताया की कैसे कुछ गलतफहमियों की वजह से आप दोनों दूर हो गए l आप दोनों का प्यार सच्चा था और दो प्यार करने वाले दूर हो जाये ये तो गलत होता न l इसलिए मैंने और कार्तिक ने आप दोनों को फिर से मिलाने का प्लान बनाया पर क्या करे समझ नहीं आ रहा था l फिर मैं यहाँ रहने लगी कार्तिक तो कॉलेज चला जाता है और मैं अकेले अकेले इस कमरे में बोर हो रही थी इसलिए मैंने ही कार्तिक के फोन से मौली दी का नंबर लिया और इनको मेसेज कर दिया l वो सारी गलतफहमियां दूर कर दी जो इनके मन में थी”
राजवीर नंदिनी के पांवो के पास सर पकड़कर बैठ गया और फिर धीरे से कहा,”तुमने ये सब क्यों किया नंदिनी ?
“भैया , मैं जानती थी आप इनसे इतना प्यार करते हो की अपनी जिंदगी में किसी और लड़की को नहीं आने दोगे l वैसे भी आप दोनों का प्यार बहुत पाक है न आपने मौली दी के अलावा किसी को चाहा और ना ही इन्होने किसी को आने की इजाजत दी , आप दोनों एक दूसरे के लिए बने हो भैया l
“पर तुमने मौली से झूठ क्यों कहा ?”,राजवीर ने गंभीर स्वर में पूछा
“एक झूठ से अगर किसी का घर बस जाये तो वो झूठ झूठ नहीं होता , ऐसा आप ही कहते है न भैया”,नंदिनी ने मासूमियत से कहा
“तो इसका मतलब वो सारे के सारे मेसेज झूठ थे”,मौली ने उदास स्वर में कहा
राजवीर अपनी जगह से उठा और आकर मौली के सामने खड़ा हो गया वह लगातार उसकी आँखों में देखे जा रहा था l बेचैनी और खोकर पाने का दर्द उसकी आँखों से साफ झलकने लगा l मौली की आँखो में आंसू भर आये वह एक बार फिर खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी l
“मौली मैं नहीं जानता नंदिनी ने तुम्हे क्या मेसेज किये ? वो झूठ हो या सच मुझे फर्क नहीं पड़ता पर मेरे दिल में तुम्हारे लिए आज भी वही जगह है l”,राजवीर ने मौली की आँखों में देखते हुए कहा
मौली की आँखों से बहकर आंसू उसके गालो पर आ गए वह जैसे ही जाने के लिए मुड़ी राजवीर ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचा और गले लगाते हुए कहा,” i love you “
राजवीर के मुंह से ये तीन शब्द सुनकर मौली ने अपनी आँखे बंद कर ली , दिल का दर्द आँखों के जरिये आंसू बनकर बह गया l मौली राजवीर के सीने से लगी रही l
“अरे ! युवा प्रेमियों बच्चो की कुछ तो शर्म कर लो”,नंदिनी ने दोनों को छेड़ते हुए कहा
मौली और राजवीर एक दूसरे से दूर हुए और इधर उधर देखने लगे l मौली नंदिनी के पास आई और उसे गले लगाते हुए कहा,” i am so sorry नंदिनी मुझसे बहुत बड़ी गलती हुई मैंने तुम्हे हमेशा गलत समझा , जलील किया , तुम्हारा दिल दुखाया और इन सबके बदले में भी तुमने मुझे मेरा प्यार वापस लौटा दिया l तुम बहुत अच्छी हो नंदिनी कार्तिक ने तुम्हे दोस्त चुनकर कोई गलती नहीं की”
“अरे बस बस इतनी तारीफ मत कीजिये , आप भी बहुत अच्छी हो बस कई बार हालात ऐसे हो जाते है की हम चाहकर भी सही गलत समझ नहीं पाते , मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है “,नंदिनी ने मौली को सामने बैठाते हुए कहा
“तो फिर फ्रेंड्स ?”,मौली ने मुस्कुराकर नंदिनी के आगे हाथ बढ़ाते हुए कहा
“फ्रेंड्स !!”,नंदिनी ने भी उतने ही उत्साह के साथ हाथ मिलाया
राजवीर भी आकर दोनों के पास बैठ गया और कहा,”थैंक्स तो मुझे भी कहना है तुझसे छोटी है पर काम बड़े बड़े करती है”
“सही है थेंक्स से काम नहीं चलेगा , आप दोनों को मिलकर मुझे पार्टी देनी होगी”,नंदिनी ने कुछ सोचते हुए कहा
“हां लेकिन इस हालत में बाहर कैसे जायेंगे ?”,मौली ने कहा
“तुम्हारे पैर का प्लास्टर कब खुलेगा ?”,राजवीर ने पूछा
“बस दो दिन बाद , फिर मैं बाहर जा सकती हु”,नंदिनी ने ख़ुशी से कहा
“ओके डन चलेंगे”,मौली ने मुस्कुराकर नंदिनी की तरफ देखते हुए कहा l आज उसे नंदिनी कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी
तीनो देर तक वही बैठकर बातें करते रहे l राजवीर और मौली नंदिनी को अपनी लव स्टोरी के किस्से सुनाने लगे l नंदिनी मुस्कुराते हुए सुनती रही लेकिन ध्यान बार बार घडी की और जा रहा था कार्तिक अभी तक नहीं आया l अँधेरा हो चुका था राजवीर उठा और कहा,”मौली अब मुझे चलना चाहिए”
तभी रंजना कमरे में आई और कहा,”मैंने खाना लगा दिया , आप सब लोग आ जाओ”
“आंटी मैं चलता हु”,राजवीर ने कहा
“अरे बेटा ऐसे कैसे ? खाना खाकर जाओ , नंदिनी के भाई हो पहली बार घर आये हो ऐसे थोड़े जाने दूंगी”,रंजना ने प्यार से कहा
“राजवीर ज्वाइन अस ना”,मौली ने बड़े प्यार से कहा तो राजवीर मना नहीं कर पाया
सभी बाहर आ गए l आज मौली खुद नंदिनी को सहारा देकर डायनिंग टेबल तक लेकर आई थी रंजना और अखिलेश जी ने देखा तो उन्हें तो अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ पर दोनों खुश थे मौली में आये बदलाव को लेकर l अखिलेश जी तो नंदिनी को देखकर मन ही मन कह उठे,”इस बच्ची ने तो इस घर का माहौल ही बदल दिया , ईश्वर इसे सारी खुशिया दे”
रंजना ने सबके लिए खाना परोसा l नंदिनी ने देखा कार्तिक अब भी कही नहीं दिख रहा है तो उसने कहा,”आंटी , कार्तिक नहीं दिखाई दे रहा , कही गया है क्या वो ?”
“हां बेटा उसने फोन किया था वो थोड़ा देर से आएगा , तुम लोग शुरू करो”,रंजना न मुस्कुरा कर कहा
नंदिनी का मन उदासी से घिर गया सुबह कॉलेज जाने के बाद से उनसे कार्तिक को देखा ही नहीं था l अब तो उसे आदत हो चुकी थी कार्तिक के साथ की , खाना भी अकसर दोनों साथ ही खाते थे l नंदिनी ने निवाला तोडा और बेमन से खाने लगी आज खाने में वो स्वाद नही था l राजवीर और मौली पास पास ही बैठे थे l खाते हुए उसकी नज़रे बरबस ही राजवीर पर चली जाती सामने बैठी रंजना की मौली पर पूरी नजर थी पहली बार था जब मौली किसी लड़के को इतने प्यार से देख रही थी l उसे सुकून मिला की मौली अब अपने कॉलेज वाले प्यार को भूलकर आगे बढ़ रही है l
“तो आप हमारी नंदिनी के भाई हो , क्या करते हो बेटा ?”,अखिलेश जी ने राजवीर से पूछा
“जी सॉफ्टवेयर इंजिनियर हु , अभी मुंबई में एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करता हु”,राजवीर ने सधी हुई आवाज में कहा
“और फॅमिली ?”,अखिलेश जी ने पूछा
“जी मम्मी पापा लखनऊ में , नंदिनी मेरे चाचाजी की बेटी है”,राजवीर ने कहा
“हम्म्म्म अच्छा है , कानपूर आये हो पहले भी कभी ?”,अखिलेश जी ने फिर नया सवाल दाग दिया
“जी हां बहुत बार , कभी काम के सिलसिले में कभी नंदिनी से मिलने”,राजवीर ने कहा
“भई कुछ भी नंदिनी है बड़ी समझदार , किसी का भी दिल जितने का हुनर इसमें कूट कूट कर भरा है”,अखिलेश जी ने नंदिनी की और देखकर कहा नंदिनी मुस्कुरा उठी
“अच्छा इतनी बातें हो गयी मैंने अभी तक आपका नाम नहीं पूछा , आपका नाम क्या है ?”,अखिलेश जी ने राजवीर की और मुखातिब होकर कहा
“जी राजवी………………!!”,राजवीर कहने ही वाला था की तभी नंदिनी बिच में बोल पड़ी
“राजीव……………..इनका नाम राजीव है अंकल” और फिर धीरे से फुसफुसाते हुए अपने भाई से कहा,”अगर सही नाम बता दिया तो पीटे जाओगे”
“जी मेरा नाम राजीव कश्यप है”,राजवीर ने नंदिनी की बात मानते हुए कहा
“अच्छा नाम है”,अखिलेश जी ने कहा
“अरे ! क्या अापने ये सवाल जवाब शुरू कर दिए , बच्चो को आराम से खाना तो खाने दीजिये l”,रंजना ने अखिलेश जी को झिड़कते हुए कहा
“अब आपके सामने कहा किसी की चलती है रंजू जी”,अखिलेश जी ने अदा से मुस्कुराते हुए कहा तो सभी हसने लगे l
खाना खाने के बाद अखिलेश जी हॉल में बैठकर राजवीर से बातें करने लगे और मौली किचन में रंजना की मदद करवाने लगी l नंदिनी उदास सी डायनिंग टेबल पर बैठी कार्तिक के आने का इंतजार कर रही थी बार बार उसकी नजर दरवाजे की और चली जाती और फिर अगले ही पल उसने देखा सामने से कार्तिक आ रहा है l उसे देखते ही नंदिनी का चेहरा खिल गया पर कार्तिक बिना किसी की और ध्यान दिए अपने कमरे में चला गया उसने ये भी नहीं देखा की हॉल में राजवीर बैठा है l अखिलेश जी को राजवीर बहुत पसंद आया उसकी सुलझी हुई सोच और उसका सरल मिजाज उन्हें भा गया l राजवीर ने देखा वक्त बहुत ज्यादा हो गया है उसे वापस होटल भी जाना था उसने उठते हुए कहा,”अच्छा अंकल अब मुझे चलना चाहिए”
“हां बेटा बातो ही बातो में वक्त का पता नहीं चला , आते रहना आपसे मिलकर अच्छा लगा”,अखिलेश जी ने राजवीर के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l सबसे विदा लेकर राजवीर जाने लगा l मौली उसे दरवाजे तक छोड़ने आई l जाते जाते राजवीर पलटा और मौली को देखकर मुस्कुरा दिया l सालो पहले अधूरे छोड़े डिनर के वादे को उसने निभा जो दिया था l
मौली अंदर आकर नन्दिनी को उसके रूम में छोड़कर आयी और खुद आकर अपने रूम में बेड पर गिर पड़ी आज वह बहुत खुश थी l नंदिनी कमरे में आई उसने देखा कार्तिक खिड़की के पास उदास सा खड़ा बाहर देख रहा है l कार्तिक को उदास देखकर नंदिनी को अच्छा नहीं लग रहा था l वह बिस्तर से उठी और कार्तिक की और जाने लगी लेकिन दो कदम चलते ही गिर पड़ी l
“नंदू…………….!!”,कहते हुए कार्तिक दौड़कर उसके पास आया और उसे उठाते हुए कहा,”क्या जरूरत थी तुम्हे वहा से उठकर चलने की”
नंदिनी ने कुछ नहीं कहा बस खामोश रही l कार्तिक ने उसे सहारा देकर बेड पर बैठाया और उसका पांव सीधा करते हुए कहा,”दर्द तो नहीं हो रहा न ?
“नहीं अब ठीक है”,नंदिनी ने धीरे से कहा
कार्तिक वही नंदिनी के पास बैठ गया पर खोया हुआ था कही नंदिनी उसके चेहरे पर आई उदासी देखकर समझ गयी जरूर कुछ बात तो है जो कार्तिक को परेशान किये हुए है पर इस वक्त पूछकर नंदिनी उसे और परेशान करना नहीं चाहती थी उसने कहा,”खाना खाया ?
कार्तिक – भूख नहीं है
नंदिनी – पर मुझे खाना है
कार्तिक – अभी तो खाया था
नंदिनी – हां तो फिर से भूख लगी है , तुम्हारे घर में क्या खाना एक बार ही खाते है क्या ?
कार्तिक – अच्छा ठीक है , क्या खाओगी ?
नंदिनी – मेग्गी
कार्तिक – ठीक है मैं लेकर आता हु
कार्तिक उठकर वहा से चला गया l नंदिनी उसके आने का वेट करने लगी वह जानती थी कार्तिक का मूड ठीक करने का एक ही तरीका है वो है मेग्गी इसलिए उसने जानबूझकर उसे लाने को कहा l कुछ देर बाद कार्तिक एक ट्रे में बड़ा सा कटोरा लेकर आया जिसमे मेग्गी थी l कार्तिक ने ट्रे नंदिनी की और बढ़ा दी नंदिनी ने कटोरा उठाया और सूंघते हुए कहा,”आह कितनी अच्छी स्मेल आ रही है ना l थैंक्यू
कार्तिक वही नंदिनी के पास ही बैठ गया l नंदिनी ने एक चम्मच भरकर मैगी खाई l टेस्टी बनी थी खाते हुए वह कार्तिक के चेहरे की तरफ देख रही थी और सोचने लगी,”इसे तो कोई फर्क नहीं पड़ा हमेशा तो मुझसे छीनकर खा लेता है आज इसे क्या हो गया ?
“बन्नी !”,नंदिनी ने कहा
“और कुछ चाहिए ? “,कार्तिक ने नंदिनी की और देखकर कहा l
नंदिनी ने चम्मच भरकर एक निवाला उठाया और कार्तिक के मुंह की और बढ़ा दिया कार्तिक ने ना में गर्दन हिला दी , नंदिनी ने फिर से चम्मच उसकी और की लेकिन कार्तिक ने फिर ना में गर्दन हिला दी l नंदिनी ने तीसरी बार चम्मच आगे की तो कार्तिक ने थोड़ा गुस्से से कहा,”नो !
नंदिनी ने चम्मच वापस कटोरे में रखा और साइड में देखने के बाद बांये हाथ से खींचकर एक थप्पड़ कार्तिक के गाल पर रसीद का दिया l बेचारा कार्तिक गाल को हाथ लगाए नंदिनी की और देखता रहा नंदिनी ने फिर से निवाला उठाया और कार्तिक के मुंह की और बढ़ा दिया इस बार उसने चुपचाप खा लिया और सोचने लगा,” अजीब जिंदगी है वहा वो एक डरा डरा कर प्यार करती है और यहां ये मार मार कर”
नंदिनी ने बाकि बची सारी मैगी कार्तिक को खिला दी और कार्तिक ने भी बिना ना नुकर के खा ली क्योकी नन्दिनी के हाथ से फिर से थप्पड़ खाने की हिम्मत उसमे नहीं थी l नंदिनी ने कटोरा साइड टेबल पर रख दिया और वहा रखा पानी का बोतल कार्तिक की और बढ़ा दिया l कार्तिक ने पानी पिया और बोतल वापस नंदिनी की और बढ़ा दी l कार्तिक का हाथ अभी भी उसके गाल पर ही था नंदिनी को थोड़ा बुरा लग रहा था इसलिए उसने धीरे से कहा,”now you feel better ?
“हम्म “,कार्तिक ने कहा
नंदिनी – अब बताओ क्या हुआ ?
कार्तिक – कुछ खास नहीं नंदू बस सेमेस्टर को लेकर थोड़ा अपसेट हु l अगले महीने गिटार की ऑडिशन भी है तो समझ नहीं आ रहा कुछ
नंदिनी ने प्यार से कार्तिक का हाथ अपने हाथो में लिया और कहा,”जब कुछ समझ ना आये ना तो सब उस उपरवाले पर छोड़ देना चाहिए l वो अपने आप सब ठीक कर देते है”
कार्तिक कुछ नहीं कहता वह चुपचाप सुनता रहता है पर अंदर एक शोर है जिसे वह चाहकर भी नंदिनी को नहीं दिखा सकता उसने नंदिनी से झूठ कहा की वह सेमेस्टर या फिर ऑडिशन की वजह से परेशान है , उसके परेशानी की वजह थी सोफिया l सोफिया ने जो कदम उठाया उसके बाद से ही कार्तिक डर गया कही अपने जुनुन के चलते वह नंदिनी या कार्तिक से जुड़े किसी भी इंसान को नुकसान पहुंचाए l वह नंदिनी को अब किसी भी हाल में हर्ट करना नहीं चाहता था l
“bunny निचे बैठो”,नंदिनी ने खामोशी तोड़ते हुए कहा
कार्तिक उठकर निचे जमीन पर बैठ जाता है नंदिनी टेबल पर रखी तेल की शीशी उठाती है कार्तिक के सर में मसाज करने लगती है l कार्तिक को पहलेपहल झुंझलाहट होती है और फिर अच्छा लगने लगता है वह मन ही मन खुद से कहता है,”इस नालायक को सब पता होता है मुझे किस वक्त क्या चाहिए होता है , पर कुछ भी कहो ये जितना मुझे समझती है शायद ही कोई समझ पायेगा”
“अच्छा लग रहा है ना , मेरी माँ कहती जब भी सर भारी हो ना तो बालो में अच्छे से तेल मालिश करो सब टेंशन एक पल में दूर हो जाती है और नींद भी बहुत अच्छी आती है “,नंदिनी ने मसाज करते हुए कहा
“तुम्हारी माँ ने ये नहीं बताया तुम्हे की थप्पड़ बहुत जोर से मारती है तू”,कार्तिक ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा
“सॉरी ना यार तू खामखा फुटेज खा रहा था”,नंदिनी ने मासूमीयत से कहा
“कोई बात नहीं मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा l”,कार्तिक नंदिनी की और देखते हुए मुस्कुरा उठा l
थोड़ी देर बाद नंदिनी को गुड़ नाईट बोलकर कार्तिक बाहर सोफे पर आकर लेट गया
दो दिन बाद सोफिया को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गयी और वह घर आ गयी उसी शाम कार्तिक नंदिनी को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा उसके पैर का प्लास्टर हटा दिया l हल्का हल्का दर्द अभी भी था जिसके लिए डॉक्टर ने उसे दवाईया लिखकर दे दी l कार्तिक ने नंदिनी के लिए दवाईया खरीदी और उसे लेकर गाड़ी में आ बैठा l कार्तिक ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी रास्ते में नंदिनी ने कहा,”bunny थैंक्यू सो मच
कार्तिक – वो किसलिए ?
नंदिनी – अब तक मुझे झेलने के लिए
कार्तिक – नंदू ऐसा नहीं कहते
नंदिनी और कार्तिक आज बहुत समय बाद घर से बाहर आये थे l इसलिए कार्तिक ने गाड़ी को शहर से बाहर जाने वाली सड़क की और मोड़ दिया l नंदिनी ने देखा तो कहा,”अरे घर तो उस तरफ है हम कहा जा रहे है ?
कार्तिक – ड्राइव पर
नंदिनी ने सूना तो उसे बहुत ख़ुशी हुई l कितने समय बाद उसे कार्तिक के साथ बाहर वक्त बिताने का मौका जो मिलने वाला था l नंदिनी रास्ते भर कार्तिक को अपने बचपन से लेकर बड़े होने तक के किस्से सुनाने लगी l कार्तिक मुस्कुराते हुए गाड़ी चलाता रहा और नंदिनी की प्यारी सी आवाज में उसकी बातें सुनता रहा l आज वह सिर्फ नंदिनी को सुनना चाहता था l जो खूबसूरत अहसास उसे हमेशा नंदिनी के साथ होता था आज फिर से हो रहा था l दोनों के चेहरे पर एक सुकून था l कोई दर्द कोई तकलीफ नहीं थी l शाम हो चुकी थी और सूरज डूबने को बेताब था l कार्तिक ने गाड़ी सड़क किनारे रोक दी और नंदिनी के साथ निचे उतरा l दोनों आकर गाड़ी के आगे वाले बोनट पर आ बैठे और सामने डूबते सूरज को देखने लगे l सड़क पर लगे खम्बे की हलकी लाइट से वह नजारा और भी खूबसूरत लग रहा था l नंदिनी बड़े गौर से सामने ढलते सूरज को देख रही थी और कार्तिक नंदिनी को देखकर सोचने लगा,”कितनी सादगी है ना इसके चेहरे में , ना कोई दिखावा , ना कोई छल कपट , जैसी बाहर से है वैसा ही इसका मन है l “
हल्का अँधेरा हो चूका था l कार्तिक गाड़ी से उतरा और नंदिनी का हाथ पकड़ कर उसे भी निचे उतार लिया l कार्तिक आज अच्छे मूड में था उसने गाड़ी के म्यूजिक सिस्टम पर प्यारा सा गाना चलाया और नंदिनी के साथ डांस करने लगा l नंदिनी को भी कार्तिक का साथ अच्छा लग रहा था l नंदिनी के पैर में हल्का हल्का दर्द वापस होने लगा तो कार्तिक उसके साथ आकर गाड़ी में बैठ गया और गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी l गाड़ी चलाते हुए जब कार्तिक गेयर का इस्तेमाल कर रहा था तब नंदिनी का दिल किया की वह कार्तिक का हाथ पकड़ ले एक दो बार वह अपना हाथ कार्तिक के हाथ की तरफ लेकर भी गयी लेकिन वापस खिंच लिया कार्तिक की नजर पड़ी तो उसने सामने देखते हुए नंदिनी का हाथ उठाकर गेयर पर रख लिया l अब नंदिनी का हाथ कार्तिक के हाथ की गिरफत में था और शायद नंदिनी का दिल भी l मुस्कुराते हुए नंदिनी खिड़की से बाहर देखने लगी वो शाम बहुत सुहावनी थी l कार्तिक के दिल में भी प्यार के अंकुर फुट चुके थे बस अब उनका पनपना बाकि था सुनसान सड़क पर , एक खूबसूरत संगीत और उस पर अपने किसी खास का साथ हो तो जिंदगी सच में खूबसूरत लगने लगती है l
Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22Aur Pyar Ho Gaya – 22
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संजना किरोड़ीवाल
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