हाँ ये मोहब्बत है – 19
Haan Ye Mohabbat Hai – 19
अक्षत ने पूजा को अपने घर में काम के लिए रख लिया यही तो चाहती थी वो ताकि मीरा और अक्षत पर नजर रख सके। पूजा के जाने के बाद अक्षत कुछ देर दादू दादी के पास बैठा और फिर किसी जरुरी काम से गाड़ी लेकर बाहर चला गया। संडे का दिन था इसलिए सब घर में ही थे तो शोर शराबा भी ज्यादा हो रहा था। अर्जुन तो बच्चो के साथ बच्चा बन जाता था। नाश्ते के बाद काव्या , निधि और अर्जुन बैठकर कैरम खेल रहे थे और चीकू अपनी गुड़िया को लेकर वही आसपास घूम रहा था। मीरा अपने कमरे में बैठी अक्षत के लेपटॉप पर अपना कुछ काम कर रही थी , नीता और तनु ऊपर छत पर थी राधा के साथ और पापड़ सुखाने में लगी हुई थी। सर्दियों के गुलाबी दिन थे और संडे था तो विजय जी और सोमित भी दोपहर में ही घर आ गए। घर में आते ही उन्होंने निधि से पूछा
“पापा माँ ऊपर छत पर है”,निधि ने कैरम बोर्ड पर नजरे जमाये हुए कहा। चीकू ने विजय जी को देखा तो अपनी गुड़िया का हाथ थामे उनके पास आया और उनके पैर से लिपटते हुए कहा,”दादू दादू खेलो खेलो”
विजय जी ने अपना बैग सोफे पर रखा और चीकू को गोद में उठाते हुए कहा,”आपको खेलना है ?”
“हम्म्म्म”,चीकू ने हाँ में गर्दन हिलाते हुए कहा तो विजय ने उसके गाल पर किस किया और कहा,”2 मिनिट रुको मैं अभी आता हूँ”
चीकू को सौफे पर छोड़कर अपने कमरे में चले गए। सोमित जीजू भी अपने कमरे में जाकर कपडे चेंज करके वापस आ गये और सोफे पर आ बैठे। चीकू उनके पास आया और कहा,”आप भी खेलोगे ?”
“उम्म्म्म ठीक है हम भी खेलेंगे बताओ क्या खेलना है ?”,जीजू ने प्यार से कहा
“बॉल बॉल बॉल बॉल “,चीकू ने कूदते हुए कहा , वह बेट बॉल की बात कर रहा था शायद। कुछ देर बाद विजय जी भी आ गए उन्होंने चीकू की ऊँगली पकड़ी और बाहर चले गए। जीजू भी उनके साथ चले आये। विजय जी चीकू और सोमित के साथ बेट बॉल खेलने लगे। ऊपर खड़ी नीता ने देखा तो हँसते हुए राधा से कहा,”मम्मीजी वो देखिये चीकू के साथ कैसे पापाजी बच्चे बने हुए है ?”
नीता की बात सुनकर तनु और राधा उसके पास आयी नीचे उन्हें खेलते देखा तो राधा ने कहा,”चलो हम लोग भी खेलते है”
“मौसी इस उम्र में ?”,तनु ने हैरानी से कहा
“अरे खेल का उम्र से क्या लेना देना ? तुम्हे पता है बचपन में मैं अपने मोहल्ले की क्रिकेट चैम्पियन थी”,राधा ने कहा तो नीता ने कहा,”फिर तो आज पापाजी के साथ आपका एक मैच बनता है , क्यों तनु दी ?”
“हां भई हम भी तो देखे मोहल्ले की चैम्पियन”,तनु ने कहा तो तीनो खिलखिलाकर हंस पड़ी और नीचे चली आयी। निचे आकर जब तीनो बाहर जाने लगी तो अर्जुन ने कहा,”अरे आप लोग कहा चली ?”
“पापा जी के साथ क्रिकेट खेलने”,नीता ने चहकते हुए कहा
“अर्जुन बेटा तुम भी चलो मजा आएगा”,राधा ने कहा
“क्या माँ ये सब बचपन के गेम है मैं नहीं आ रहा आप लोग जाओ”,अर्जुन ने कैरम में ध्यान लगाए हुए कहा
तीनो चली गयी तो अर्जुन ने कहा,”क्रिकेट से बेस्ट तो कैरम है,,,,,,,,,,है ना काव्या ?”,अर्जुन ने कहा तो काव्या ने भी हामी भर दी।
राधा ने विजय जी से खेलने की बात कही तो उन्होंने राधा को छेड़ते हुए कहा,”अरे राधा रहने दो इस उम्र में क्रिकेट खेलना तुम्हारे बस की बात नहीं”
बस फिर क्या था ? राधा ने चेलेंज दे दिया विजय को और दो टीम बन गयी एक में विजय जी , सोमित और चीकू थे दूसरी टीम में राधा तनु और नीता।
गेम शुरू हुआ , बाहर शोर सुनकर निधि ने देखा तो कहा,”भाई आप खेलो कैरम मैं तो क्रिकेट खेलने जा रही हूँ”
“अरे निधि गेम तो पूरा करते जा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,बेचारा अर्जुन कहते ही रह गया
निधि चली गयी अब अर्जुन और काव्या ही खेल रहे थे लेकिन काव्या का ध्यान भी बार बार बाहर जा रहा था तो उसने उठते हुए कहा,”मामू आप खेलो मैं तो बाहर जा रही हू”
“अरे काव्या,,,,,,,,,,,,,,सुन , अरे सुन तो”,अर्जुन फिर बोलते ही रह गया
काव्या और निधि भी बाकि लोगो के साथ मिलकर क्रिकेट में शामिल हो गयी। राधा की टीम में लोग ज्यादा हो गए तो विजय ने कहा,”ये तो चीटिंग हुई , तुम्हारी टीम में ज्यादा लोग है”
“अरे पापा मैं हूँ ना आपकी टीम में”,घर से बाहर लॉन की तरफ आते हुए अर्जुन ने कहा
“पर बेटा तुम्हे तो ये खेलना ही नहीं था”,राधा ने उसे ताना मारते हुए कहा
“क्या माँ आप बी मैंने ऐसा कब कहा ? अच्छा छोड़िये पापा मैं आपकी साइड हूँ”,कहते हुए अर्जुन विजय जी की तरफ चला गया , राधा की टीम में अभी भी मेंबर ज्यादा थे , कुछ देर बाद अक्षत की गाड़ी वहा आयी ,, अक्षत गाड़ी से उतरा और सबको लॉन में देखकर उनकी और चला आया और कहा,”ये आज सब एक साथ यहाँ क्या कर रहे है ?”
“भाई हम सब क्रिकेट खेल रहे है , आप भी खेलो न हमारे साथ”,निधि ने खुश होकर कहा
“हां वैसे भी बहुत दिन हो गए मुझे क्रिकेट खेले हुए , तो मैं माँ की साइड”,जैसे ही अक्षत ने कहा विजय जी अर्जुन और सोमित ने हैरानी से देखा क्योकि तीनो अक्षत के फेवरेट थे और तीनो को उम्मीद थी अक्षत उनकी टीम में आएगा लेकिन अक्षत ने तो उनके अरमानो पर पानी फेर दिया।
“लेकिन माँ की टीम में तो ऑलरेडी मेंबर ज्यादा है”,अर्जुन ने कहा
“हाँ तो ये लो निधि को अपनी साइड ले लो”,अक्षत ने निधि को विजय जी की साइड करते हुए कहा
“भाई दिस इज नॉट फेयर,,,,,,,,,,,,,देखना हारोगे आप लोग”,निधि ने अक्षत को चिढ़ाते हुए कहा और विजय जी की टीम में शामिल हो गयी। अक्षत नीता , राधा और तनु के पास आया और अपने हाथो को उनके कंधो पर रखते हुए कहा,”भले आप तीनो मेरे फेवरेट हो लेकिन इन तीनो का फेवरेट मैं हूँ”
“अच्छा ठीक है बातें बहुत हुयी अब गेम शुरू करते है”,विजय जी ने कहते हुए सिक्का निकाला और टॉस किया , बेटिंग राधा की टीम को मिली और गेम शुरू हुआ चीकू और काव्या बच्चे थे इसलिए वे दोनों बेंच पर चढ़कर चीयर कर रहे थे।
दोनों टीम ने अच्छा खेला लेकिन आखिर में 1 रन के लिए राधा ने सिक्स मारा और राधा की टीम जीत गयी। सबको बहुत मजा आया और सब वही लॉन में बैठकर सुस्ताने लगे। रघु सबके लिए नमकीन और पारे ले आया सभी वही बैठकर बाते करते हुए खाने लगे।
“कितने महीनो बाद ऐसे सब एक साथ है ना , कितना मजा आ रहा है”,निधि ने कहा
“मीरा कहा है ?”,अक्षत ने पूछा
“वो अपने कमरे में है बेटा , शायद कुछ काम कर रही है”,राधा ने कहा
“ठीक है मैं उसे देखकर आता हूँ”,कहकर अक्षत वहा से चला गया। सोमित उसे जाते देखकर मुस्कुरा उठा तो विजय ने कहा,”क्या बात है सोमित जी आप मुस्कुराये क्यों ?”
“हम सब खेलने में इतना बिजी थे की हम में से किसी को भी मीरा का ख्याल नही आया , लेकिन उसे हमेशा उसका ख्याल रहता है। अगर कोई मुझसे पूछे की प्यार कैसा दिखता है तो मैं उन्हें अक्षत और मीरा को देखने को कहा”
“ये तो आपने सही कहा जीजू”,निधि ने सोमित को हाई-फाइव देते हुए कहा।
“मतलब हमारा प्यार प्यार नहीं ?”,अर्जुन ने कहा
“ऐसा नहीं है अर्जुन हम सब का प्यार भी प्यार ही है बस अक्षत मीरा के बीच जो रिश्ता है वो बहुत कम लोगो में देखने को मिलेगा , उन दोनों ने कितनी मुश्किलों के बाद एक दूसरे का साथ पाया है”,जीजू ने कहा तो सब मुस्कुरा उठे और फिर विजय ने कहा,”सोमित जी हम सब की अपनी अपनी कहानी है और अपनी कहानी में हर कोई हीरो होता है , क्यों राधा ?”
राधा ने सूना तो शरमा गयी बस फिर क्या था सब मिलकर विजय जी और राधा को उनकी कहानी सुनाने की जिद करने लगे और फिर विजय जी उन सबको अपनी और राधा की शादी के बाद वाली लव स्टोरी के बारे में बताने लगे क्योकि दोनों की अरेंज मैरिज थी।
अक्षत ऊपर अपने कमरे में आया देखा मीरा बैठकर कुछ काम कर रही है , अक्षत बिना उसे डिस्टर्ब किये बाथरूम में गया हाथ मुंह धोया और वापस आकर टॉवल से हाथ पोछते हुए कहा,”मीरु तुम नीचे नहीं आयी ? सब क्रिकेट खेल रहे थे कितना मजा आ रहा था हम सबको”
“सॉरी अक्षत जी वो हम कुछ जरुरी काम कर रहे थे हमने माँ से कहा भी था की हम अपने कमरे में है”,मीरा ने लेपटॉप बंद करके साइड में रखते हुए कहा
अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”हम्म्म्म कोई बात नहीं , खाना खाया ना तुमने ?”
“हाँ हमने खा लिया था , आपने खाया ? रुकिए मैं आपके लिए कुछ बना देती हूँ”,मीरा ने उठते हुए कहा
“मीरा रहने दो मैं अभी नीचे खाकर आया हूँ , तुम बैठो”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म चाय पिएंगे आप ?”,मीरा ने फिर सवाल किया
“नहीं,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा तो मीरा उसके पास आयी और प्यार से कहा,”नाराज है आप ?”
“नहीं,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“फिर ऐसे बात क्यों कर रहे है ?”,मीरा ने कहा
अक्षत ने मीरा का चेहरा अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”मीरा मैं तुम्हे कंट्रोल नहीं करना चाहता पर मैं चाहता हूँ जब घर में सब साथ हो तो तुम भी वहा मौजूद रहो ,, काम इम्पोर्टेन्ट है लेकिन फॅमिली से ज्यादा नहीं,,,,,,,,,,,,,,ये बोलकर मैं तुम्हारे काम को कम नहीं आंक रहा हूँ मीरा बस थोड़ा सा एडजस्ट कर लो , मेरे लिए हम्म्म”
मीरा मुस्कुराई उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने कहा,”आई ऍम सॉरी , आगे से ऐसा नहीं होगा”
“हम्म्म थैंक्यू फॉर अंडरस्टैंडिंग”,अक्षत ने कहा
“तो अब चाय पिएंगे आप ?”,मीरा ने कहा
“हां अदरक वाली अपनी फेवरेट कप में”,अक्षत ने कहा
“हम अभी लेकर आते है”,मीरा ने जाते हुए कहा तो अक्षत ने कहा,”तुम मत आना मैं नीचे ही आ रहा हूँ”
“हम्म्म ठीक है”,मीरा ने कहा और चली गयी। कुछ देर बाद अक्षत भी चला आया और देखा सभी घरवाले हॉल में जमा है। अक्षत भी उनके बीच आकर बैठ गया और कहा,”पापा वो मैंने आपसे और माँ से पूछे बिना ही एक लड़की को काम पर रखा है”
“इसमें पूछने की क्या बात है बेटा तुम समझदार हो गलत फैसला नहीं लोगो”,विजय जी ने कहा
“वो कल से आएगी तो माँ कल से आप किचन का काम नहीं करेंगी”,अक्षत ने कहा तो राधा ने हाँ में सर हिला दिया सभी बैठकर बाते करने लगे मीरा सबके लिए चाय ले आयी। सबने चाय पि और फिर अपने अपने कामो में लग गए। अक्षत चीकू और काव्या के साथ बैठकर कार्टून देखने लगा।
अगले दिन से सबकी दिनचर्या शुरू हो गयी। अर्जुन नाश्ता करके पुराने ऑफिस चला गया , सोमित और विजय जी नए ऑफिस चले गए , काव्या स्कूल , निधि अपने कॉलेज और मीरा अपने चाइल्ड होम।
घर में दादू-दादी , नीता , तनु , चीकू और राधा ही थे जो की अपने अपने कामो में लगे हुए थे। अक्षत ऊपर अपने कमरे में था और रघु सब्जिया लेने मार्किट गया हुआ था। सुबह 10 बजे पूजा अपना बैग लिए व्यास हॉउस में दाखिल हुई। अंदर आकर वह राधा से मिली तो राधा ने उसे घर का सारा काम समझा दिया। किचन का काम नीता और तनु ने बाँट लिया। किचन में घर के सर्वेंट को परमिशन नहीं थी सिवाय रघु के , पूजा को घर के बाहर ही सर्वेंट रूम में से एक कमरा दे दिया उसने कमरे में अपना बैग रखा और अंदर चली आयी। राधा ने उसे नीचे हॉल की साफ़ सफाई के लिए कहा और दादी के पास चली गयी। पूजा ने सरसरी नजरो से घर को देखा। उसने झाड़ू उठायी और घर में झाड़ू लगाने लगी। जब पूजा ने देखा की तनु और नीता अपने अपने काम में बिजी है तब झाड़ू लगाने के बहाने पूजा ऊपर चली आयी। पूजा जैसे पहले से घर का नक्शा जानती हो वह सीधा अक्षत के कमरे के सामने आयी और उसमे झांककर देखने लगी तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो पूजा का कलेजा धक् से रह गया। वो पलटी तो पीछे अक्षत खड़ा था उसने पूजा को वहा देखा तो सवाल किया,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”
“वो वो मैं मैं सफाई करने आयी थी”,पूजा ने घबराकर कहा
“ऊपर के फ्लोर की सफाई रघु करता है इसलिए दोबारा बिना मेरी परमिशन के यहाँ मत आना”,अक्षत ने सख्त स्वर में कहा
“हम्म्म्म”,कहकर पूजा नजरे नीची किये वहा से चली गयी , अक्षत को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर कोई फोन आने की वजह से वह वहा से चला गया।
पूजा नीचे चली आयी दिनभर काम करती रही। शाम को अक्षत किसी काम से बाहर चला गया , अर्जुन ऑफिस से आते हुए मीरा को चाइल्ड होम से वापस ले आया। मीरा कपडे बदलकर नीचे आयी तो किचन से आते हुए तनु ने कहा,”मीरा तुम्हारी चाय रखी है यहाँ”
“जी दीदी हम ले लेंगे”,कहकर मीरा मंदिर की और चली गयी और हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी। पूजा ने देखा ये सही मौका था उसने अपने पास छुपाई द्व्वा चाय में डाल दी और चम्मच से हिलाकर उसे मीरा के पास लाकर कहा,”दीदी आपकी चाय”
“शुक्रिया”,मीरा ने पूजा से चाय का कप लेकर कहा , किसी को उस पर शक ना हो इसलिए मीरा को चाय देकर वह तुरंत वहा से चली गयी। मीरा ने जैसे ही चाय को होंठो से लगाया सामने खड़े चीकू पर नजर गयी , मीरा ने कप टेबल पर रखा और चीकू के पास आकर उसे खिड़की से साइड हटाते हुए कहा,”चीकू नहीं बेटा यहाँ नहीं खेलना आपको चोट लग जाएगी , चलो आओ मेरे साथ”
मीरा उसे मंदिर की और ले आयी , चीकू वहा सीढ़ियों पर बैठकर अपनी डॉल से खेलने लगा। मीरा ने चाय का कप उठाया की उसे अचानक चक्कर आने लगे वह खुद को सम्हाल पाती इस से पहले ही धड़ाम से जमीन पर आ गिरी। नीता ने देखा तो चिल्लाई,”मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
नीता की चीख सुनकर बाकि घरवाले भी दौड़े चले आये , खिड़की के बाहर खड़ी पूजा के होंठो पर जहरीली मुस्कान तैर गयी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19 Haan Ye Mohabbat Hai – 19
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 20
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संजना किरोड़ीवाल
😃😃😃finally good news coming
Ab yeh naya bawaal…pooja…isne chai mein kya mila diya ki Meera ko chakkar aa gaya…matlab jeene nahi dega koi aaram se Meera aur Akshat ko…
Lagta h meera pregnant h yani Akshat k liye good news aa gai
Chai to meera ne pi nhi,lagta hai dusri good news hai
Ye pooja ki to aisi ki taisi ho……..finally aksmeera ki good news Milne waali h
Is Pooja ki bachi ki to aakhat ko meera ki baat manni hi ni chaiye thi agar aakhat ko patta chala na to usse chodega ni
Abbe yee puja kii to 😠😠
Gud news aa gai
Nice part mithai taiyar rkhenge
Meera ko chakkar agye matlab chai ki wajah se nhi kuch or news hai, i hope akshat ko pooja ki niyat ka pata chal jaye jaldi