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“मैं तेरी हीर” – 25

Main Teri Heer – 25

Main Teri Heer
Main Teri Heer

शिवम् को जब पता चला की शक्ति काशी से बहुत प्यार करता है तो काशी और शक्ति का दिल ना तोड़ते हुए शिवम् ने उन दोनों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया। शिवम् के साथ साथ बाकि सब घरवालों ने भी उन दोनों के रिश्ते को मंजूरी दे दी। वंश और मुन्ना अपनी बहन के लिए खुश थे। वंश का निशि से फिर झगड़ा हो गया लेकिन इस झगडे की वजह से ही सही दोनों ने बातो बातो में ये जाता दिया की दोनों एक दूसरे के बारे में सोचने लगे है। मुन्ना ने अपने सभी सीक्रेट कामो को खत्म कर दिया , वह बस गौरी के ख्याल से दूर भागने की कोशिश कर रहा था। वही इंदौर में गौरी भी बस यही कोशिश कर रही थी की वह मुन्ना के बारे में ना सोचे लेकिन गौरी उस से इतना प्यार करती थी की वह चाहकर भी मुन्ना को इग्नोर नहीं कर पा रही थी। इन कुछ दिनों में वह कितना बदल गयी थी , ना वह हंसती-मुस्कुराती , ना जय से झगड़ा करती और ना ही अपनी मॉम को परेशान करती। वह दिनभर खुद को पढाई और दूसरे कामो में व्यस्त रखती ताकि मुन्ना के बारे में ना सोचे,,,,,,,,,,,,ये जानते हुए भी की मुन्ना उस से अब बात करना नहीं चाहता कभी उस से नफरत नहीं हुई , उलटा हर वक्त उसे मुन्ना की फ़िक्र रहती की वो ठीक है या नहीं।
अपनी मॉम के गले लगे गौरी का मन थोड़ा हल्का हुआ तो वह अपनी कॉफी लेकर अपने कमरे में चली आयी। वह बिस्तर से पीठ लगाकर नीचे बीचे कालीन पर ही बैठ गयी और कॉफी पीने लगी। मुन्ना के साथ बिताया पल उसकी आँखों के सामने आने लगा। गौरी चाहकर भी इन पलों को अपने जहन से निकाल नहीं पा रही थी। गौरी मुन्ना के बारे में सोच ही रही थी की तभी उसका फोन बजा गौरी ने बेमन से फोन उठाया। काशी का नंबर देखकर उसने फोन उठाया और कान से लगा लिया
“हेलो गौरी कैसी हो तुम ? माफ़ करना हम तुम्हे फोन नहीं कर पाए वो घर में इतनी सारी प्रॉब्लम्स थी ना की क्या बताये ?”,काशी ने कहा
“वहा सब ठीक है ना ? आई मीन तुम किस प्रॉब्लम की बात कर रही हो ?”,गौरी ने पूछा
काशी ने गौरी को सब रामकहानी कह सुनाई गौरी ख़ामोशी से सब सुनती रही और फिर धीरे से कहा,”कोन्ग्रेचुलेशन काशी तुम बहुत लकी हो”
“थैंक्यू , क्या तुम्हारी मुन्ना भैया से बात हुई ?”,काशी ने पूछा
“नहीं,,,,,,,,,,,,वो ठीक है ना ?”,गौरी ने पूछा
“नहीं यार हम दोनों ने उन्हें गलत समझ लिया इन दिनों वो बहुत परेशान थे , हो सकता है उसी वजह से वो तुम्हे इग्नोर कर रहे हो। तुम्हे एक बार उनसे बात करनी चाहिए उन्हें अच्छा लगेगा”,काशी ने कहा
“नहीं काशी जब तक मुन्ना नहीं चाहेगा मैं उसे फोन नहीं करुँगी , मैं उसे अब और परेशान करना नहीं चाहती,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने उदास मन से कहा
“गौरी तुम इतनी जल्दी हार मान रही हो , पता है आज माँ ने हमसे क्या कहा ? उन्होंने कहा की अगर हमारा प्यार सच्चा हो तो हमे आखिर तक लड़ना चाहिए , क्या तुम एक आखरी कोशिश करके देखना नहीं चाहोगी ? क्या तुम मुन्ना भैया को ऐसे ही अपनी जिंदगी से चले जाने दोगी ?”,काशी ने पूछा
“तो और मैं क्या करू काशी मैं उसे हर्ट नहीं कर सकती , अगर मेरी वजह से उसे हर्ट होगा तो उस से ज्यादा तकलीफ मुझे होगी”,गौरी ने रोआँसा होकर कहा
“गौरी मुन्ना भैया भी तुमसे बहुत प्यार करते है , तुम दोनों के बीच शायद कुछ गलतफहमियां है और वो तभी दूर हो सकती है जब तुम बनारस आओगी या फिर मुन्ना भैया इंदौर आये ,,,,,,,,,,,,,, और हमे नहीं लगता वो इंदौर आएंगे इसलिए हम तो कहते है की तुम ही बनारस चली आओ और खूब क्लास लगाओ हमारे भैया की , आखिर पता तो चले वो ये सब क्यों कर रहे है ? अपने प्यार को बचाने के लिए तुम्हे एक कोशिश करनी होगी गौरी”,काशी ने गौरी को रास्ता दिखाया
“लेकिन ऐसे अचानक बनारस कैसे आ जाऊ ? कोई वजह तो हो वहा आने की,,,,,,,,,,,,!!”गौरी ने अपनी परेशानी बताई
“हम्म्म्म ये भी समस्या है वैसे तुम चाहो तो घूमने के बहाने आ सकती हो,,,,,,,,मम्मी पापा को भी शक नहीं होगा”,काशी ने कहा
“नहीं काशी ऐसे चली आयी तो मुन्ना कही और ज्यादा नाराज ना हो जाये”,गौरी ने कहा
“फिर तो एक ही रास्ता है हमे जल्द से जल्द शक्ति से सगाई करनी होगी ताकि तुम बनारस आ सको”,काशी ने कहा
“क्या ऐसा हो सकता है ?”,गौरी ने उम्मीदभरे स्वर में पूछा
“हाँ कोशिश कर सकते है , बाकि देखते है शक्ति की पापा से क्या बात होती है पर जहा तक हमे लगता है पापा हमारे रिश्ते के लिए मान जायेंगे”, काशी ने कहा
“तुम्हारा प्यार तुम्हे मिलने जा रहा है काशी मुझे इसकी ख़ुशी है “,गौरी ने कहा
“चिंता मत करो गौरी तुम्हारा प्यार भी तुम्हे जरूर मिलेगा,,,,,,,,,,,,,,,,बस एक बार तूम बनारस आ जाओ , माँ कहती है सबको सबका प्यार यहाँ मिल जाता है और फिर महादेव है ना हमारे साथ वो तुम्हारा दिल नहीं टूटने देंगे”,काशी ने कहा
“हम्म्म मैं रखती हूँ”,गौरी ने कहा और फोन काट दिया।

दो दिन बाद , सुबह का समय
काळे रंग की चमचमाती , एक बड़ी स्कार्पियो गाडी आकर शिवम् के घर में रुकी। दीना भैया उस वक्त पोधो में पानी दे रहे थे। गाड़ी को देखकर वह उस तरफ चले आये। गाड़ी के आगे वाली सीट से पुलिस की वर्दी में एक ऑफिसर उतरा। नीचे आकर उसने स्कार्पियो का पीछे वाला दरवाजा खोला जिसमे से शक्ति नीचे उतरा। उसने फॉर्मल ड्रेस पहनी थी। नेवी ब्लू शर्ट और क्रीम कलर की पेंट , साथ में फॉर्मल जूते , एक हाथ में महंगी प्लेटिनम घडी थी और दूसरे हाथ में चाँदी का कडा , उसने बालो को आज अच्छे से जमाया हुआ था , हल्की दाढ़ी मुछे , आँखों में चमक और चहेरे पर एक रौब दिखाई दे रहा था। आज शक्ति रोजाना से बिल्कुल अलग नजर आ रहा था। उसने एक नजर काशी के घर की तरफ देखा और इस्पेक्टर को वही रुकने का इशारा किया और खुद आगे बढ़ गया।
दीना ने शिवम् को शक्ति के आने की खबर पहले ही दे दी थी। शिवम् और बाबा घर के दरवाजे पर चले आये। शक्ति ने बाबा के पैर छुए और फिर शिवम् के पैर छूने लगा तो शिवम् ने उसे रोकते हुए कहा,”शक्ति हमारे पैर छूकर हमे शर्मिन्दा ना करो,,,,,,,,,,,,,,!!
“ऐसी बात नहीं है सर आज हम यहाँ ACP की हैसियत से नहीं बल्कि आपके दोस्त के बेटे की हैसियत से आये है”,कहते हुए शक्ति ने आख़िरकार शिवम् के पैर छू ही लिए। बाबा ने देखा तो मुस्कुरा उठे , इतने ऊँचे ओहदे पर होने के बावजूद शक्ति में कोई घमंड नहीं था। शक्ति शिवम् को अंदर ले आया , उसने सारिका और आई को आवाज दी। शक्ति घर के गेस्ट रूम में आ बैठा , उसके चेहरे पर एक सुकून था। दीना भैया ने शक्ति के साथ आये ड्राइवर और इंस्पेक्टर को बगीचे में रखी कुर्सियों पर बैठने को कहा और साथ ही उनके चाय नाश्ते का भी इंतजाम वही कर दिया।
सारिका और आई आकर शक्ति से मिली , उन्हें शक्ति से मिलकर अच्छा लगा जिस शक्ति को उन्होंने घाट पर देखा वो शक्ति आज बिल्कुल अलग नजर आ रहा था। दीना सबके लिए चाय नाश्ता रखकर चला गया। कुछ देर बाद अनु और मुरारी भी चले आये वे भी शक्ति से मिले। मुरारी तो शक्ति को पहले से जानता था इसलिए शक्ति से घुलने में उसे ज्यादा वक्त नहीं लगा। वंश अपने कमरे में था उसे पता चला शक्ति आया है तो वह नीचे चला आया देखा काशी अपने कमरे में चक्कर काट रही है। वंश शक्ति की तरफ ना जाकर काशी की तरफ चला आया और कहा,”क्या हुआ है तुम्हे ?”
“वंश भैया पापा शक्ति से क्या बात कर रहे होंगे ?”,काशी ने परेशानी भरे स्वर में पूछा
वंश ने काशी को थोड़ा परेशान करने के लिए झूठ ही कह दिया,”पापा उसे बहुत डाँट रहे है , और पापा क्या मुरारी चाचा , बाबा , मुन्ना सब उसकी क्लास लगा रहे है। आखिर उसकी इतनी हिम्मत की वो ऐसे बीच घाट पर तुम्हारा हाथ पकडे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो डर है कही पापा उसकी पिटाई ना कर दे , इस वक्त बहुत गुस्से में है”
“क्या आप सच कह रहे है ? पापा ने तो कहा था वो शक्ति से कुछ नहीं कहेंगे फिर ऐसा क्यों ?”,काशी ने मासूमियत से पूछा
काशी का चेहरा देखकर वंश को हंसी आ गई वह जोर जोर से हसने लगा और कहा,”शक्ल देखो अपनी तुम्हे लगता है पापा शक्ति के साथ ऐसा कुछ करेंगे , उलटा वो सब तो उसे ऐसे ट्रीट कर रहे है जैसे वो इस घर का दामाद हो”
काशी ने सूना तो वह वंश की शरारत समझ गयी उसने पास पड़ा छोटा कुशन उठाया और वंश की ओर फेंकते हुए कहा,”वंश भैया आपको तो हम,,,,,,,,,,,,!!”
काशी ने जैसे ही कुशन वंश की ओर फेंका वंश नीचे झुक गया और कुशन सामने से आते शक्ति को जा लगा। शक्ति के अच्छे ख़ासे बाल बिखर गए। काशी ने देखा तो अपनी आँखे मीचते हुए जल्दी से पलट गयी। शक्ति को वहा देखकर वंश भी खिसक गया। शक्ति ने अपने बालों को सही किया और काशी की तरफ बढ़ गया। काशी का दिल धड़कने लगा। शक्ति काशी से कुछ दूर पहले रूक गया और कहा,”काशी , हमे तुमसे कुछ बात करनी है”
आज से पहले काशी बेझिझक शक्ति से आकर मिलती थी , उसे परेशान करती थी , उस से बातें करती थी लेकिन आज उसे शक्ति के सामने शर्म आ रही थी। उसने शक्ति की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वैसे ही खड़ी रही।
काशी को खामोश देखकर शक्ति कहने लगा,”काशी हमने तुमसे सच छुपाया इसके लिए हम तुमसे माफ़ी चाहते है , हम तुम्हे बताने वाले थे लेकिन उस से पहले ही इतना सब हो गया की मौका नहीं मिला। हमने आज तक तुमसे कोई झूठ नहीं कहा है। तुम्हारे पापा हमारे पापा के दोस्त है ये बात हमे पहले नहीं पता थी और हमने उन्हें गलत समझा। सब बातो को परे रखकर अगर आज हम तुमसे कुछ सच कहना चाहे तो वो ये है काशी की हम तुमसे शादी करना चाहते है , तुम्हारे पापा ने हमारे रिश्ते को मंजूरी दे दी है बस हम तुमसे पूछना चाहते है ,, काशी क्या तुम हमसे शादी करोगी ?”
शक्ति ने जैसे ही पूछा काशी का दिल जोरो से धड़कने लगा। उसके पैर काँप रहे थे , पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी , उसके गाल शर्म से लाल हुए जा रहे थे। शक्ति काशी के पास आया और उसके कंधे पर धीरे से हाथ रखा , एक सिहरन सी काशी के जिस्म में दौड़ गयी वह धीरे से शक्ति की तरफ पलटी। उसकी नजरे झुकी हुई थी शक्ति एकटक काशी को देखता रहा और फिर धीरे से कहा,”हम पुलिसवाले है ये जानकर तुम्हारी बोलती क्यों बंद हो गयी ?”
“ऐसा कुछ भी नहीं है”,काशी ने एकदम से शक्ति की तरफ देखकर कहा और फिर से नजरे झुका ली। आज ना जाने क्यों उसे शक्ति से नजरे मिलाने में भी शर्म आ रही थी। शक्ति ने काशी के कंधो को अपने मजबूत हाथो से थामा और कहने लगा,”तुम्हारे पापा का दिल बहुत बड़ा है काशी उन्होंने हमारे प्यार को स्वीकार कर लिया,,,,,,,,,,,,,,अब बस तुम हमे स्वीकार कर लो”
“पर हमने ना कब कहा ?”,काशी ने शक्ति की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा तो शक्ति भी मुस्कुरा उठा। वह जैसे ही काशी को गले लगाने के लिए आगे बढ़ा कुछ ही दूर खड़े वंश ने खाँसने का नाटक किया। शक्ति रुक गया और पलटकर वंश को देखा तो वंश ने कहा,”पापा ने आपको बुलाया है”
“हम्म्म”,कहकर शक्ति वहा से जाने लगा , वंश के सामने से गुजरते हुए शक्ति रुका और धीरे से कहा,”जीजाजी कहते हुए शर्म आती है ?”
वंश शक्ति को घूरने लगा तो शक्ति ने कहा,”बेटा होंगे तुम बनारस के सलमान खान हमारे तो तुम साले ही रहोगे,,,,,,,,,,दोबारा घूर के देखा ना तो,,,,,,,,,,!!”
“ए काशी अपने होने वाले पति को समझाओ धमकी दे रहे है हमे”,वंश ने काशी की तरफ देखकर ऊँची आवाज में कहा तो शक्ति मुस्कुरा कर वहा से चला गया। वंश भी उसके पीछे पीछे चला आया।

शिवम् शक्ति और काशी के रिश्ते के लिए तैयार था। सभी घरवाले खुश थे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राधिका की शादी के इतने सालो बाद अब जाकर इस घर में फिर से शादी होने जा रही थी। शक्ति ने सूना तो उसने शिवम् से कहा,”सर हम कुछ कहना चाहते है”
“हाँ शक्ति कहो”,बाबा ने कहा
“कुछ दिन बाद हम फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने वाले है , डिपार्टमेंट की काफी जिम्मेदारियां है जिन्हे पूरा करने के लिए हमे कुछ वक्त चाहिए। हम चाहते है काशी पहले अपने पैरों पर खड़ी हो , उसने हमे बताया की वह मैनेजमेंट में डिप्लोमा करना चाहती है , हम चाहेंगे काशी पहले अपनी पढाई पूरी करे उसके बाद ही हमारी शादी हो , अगर आप सबको हमारे इस फैसले से कोई ऐतराज हो तो आप हमे बता सकते है”,शक्ति ने कहा
शक्ति की बात सुनकर सारिका मुस्कुराने लगी और फिर आगे आकर कहा,”हमे ये सुनकर अच्छा लगा बेटा की आप काशी के करियर को लेकर चिंतित है , हमे कोई ऐतराज नहीं है आप और काशी जब चाहेंगे तब आपकी शादी होगी”
“हाँ लेकिन उस से पहिले एक छोटी सी सगाई तो कर ही सकते है”,मुरारी ने अपनी बात रखी
“मुरारी ठीक कह रहा है , सगाई के बाद आप अपनी ड्यूटी जारी रखियेगा और काशी वही इंदौर में अपनी पढाई जारी रखेगी”,बाबा ने कहा
“जैसा आपको ठीक लगे , हमारी तरफ से इस सगाई में आने वाला कोई नहीं है सिवाय हमारे कुछ दोस्तों के”,शक्ति ने थोड़ा अपसेट होकर कहा अपने माँ-पापा की कमी उसकी बातो से साफ झलक रही थी
“अरे यार कमाल करते हो , हम सब है ना और सगाई तक तुम हमरे घर में रहो का दिक़्क़त है ? और देखो हमारे शिवम् भैया और सारिका भाभी ना बहुते अच्छे है आज से इनको ही अपने अम्मा-पिताजी समझो ,, का समझे ?”,मुरारी ने कहा
“शक्ति आपका रिश्ता सिर्फ काशी से नहीं बल्कि इस घर से और इस घर के हर सदस्य से जुड़ने जा रहा है इसलिए इस घर को अपना घर और हमे अपना परिवार समझो”,सारिका ने बड़े प्यार से कहा
“जी मेम”,शक्ति ने कहा
“मेम नहीं माँ और आज से तुम हमे पापा बुला सकते हो”,शिवम् ने कहा तो शक्ति की आँखे नम हो गयी। उसने सोचा नहीं था शिवम् से उसे इतना प्यार मिलेगा। उसने शिवम् के हाथो को थाम लिया और कहने लगा,”अनजाने में हमने कभी आपका दिल दुखाया और आपको ठेस पहुंचाई हो तो हम आपसे माफ़ी चाहते है , सच कहती है काशी उसके पापा जैसा पुरे बनारस में कोई नहीं है”
“अरे अरे इतना इमोशनल काहे हो रहे हो ? अभी काशी की बिदाई में बख्त है”,आई ने कहा तो सभी हंस पड़े।
“हम आज ही पंडित जी से कहकर सगाई का शुभ मुहूर्त पूछते है”,बाबा ने कहा
“हाँ तब तक शक्ति हमरे घर में रहेगा , ठीक है ना अनु ?”,मुरारी ने अनु से कन्फर्म करने के लिए पूछा
“हां बिल्कुल”,अनु ने कहा
मुरारी और अनु शक्ति को साथ लेकर घर के लिए निकल गए। शिवम् अंदर आया देखा काशी अपने कमरे में है तो शिवम् ने उसके पास आकर कहा,”काशी”
काशी शिवम् की तरफ पलटी तो शिवम् ने कहा,”क्या अब भी अपने पापा से नाराज हो ?”
काशी ने सूना तो शिवम् से गले आ लगी और कहा,”हमे समझने के लिए थैंक्यू पापा , आपने हमे दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुशी दी है। आप बहुत अच्छे है और हम आपसे बिल्कुल नाराज नहीं है”
“जिस इंसान ने अपनी जिंदगी के 14 साल किसी के इन्तजार में बिताये हो वो क्या अपनी बेटी का प्रेम नहीं समझेगा ? पिता खुद को कठोर दिखा सकते है बेटा लेकिन बेटियों के लिए उनका दिल हमेशा पिघल जाता है। शक्ति बहुत अच्छा लड़का है वो आपको खुश रखेगा,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने काशी का सर सहलाते हुए कहा

उसी शाम बाबा ने अस्सी घाट वाले पंडित जी से मिलकर उन्हें काशी और शक्ति की कुंडली दिखाई। दो दिन बाद का पंडित जी ने शुभ मुहूर्त बताया। शिवम् ने शक्ति को इस बारे में बताया तो शक्ति 2 दिन बनारस में ही रुकने के लिए तैयार हो गया। मुरारी ने शक्ति की खूब आवभगत की , रात के खाने के बाद शक्ति मुन्ना के साथ छत पर चला आया। दोनों ख़ामोशी से सामने खाली पड़े मैदान को देखते रहे। कुछ देर बाद शक्ति ने कहा,”तुमने हमारी बहुत मदद की मानवेन्द्र इसके लिए तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,!”
“आप हमे मुन्ना कहकर बुला सकते है , हमारी फॅमिली के लोग हमे इसी नाम से बुलाते है”,मुन्ना ने कहा
“हमे अच्छा लगा तुम हमे अपनी फॅमिली मानते हो”,शक्ति ने मुस्कुरा कर कहा
“हम आपसे कुछ पूछ सकते है ?”,मुन्ना ने शक्ति की तरफ देखकर कहा
“हम जानते है तुम क्या पूछना चाहते हो ? चीफ और उसकी टीम अब सलाखों के पीछे है मुन्ना , तुम्हे अब उस से कोई खतरा नहीं है। तुम्हारी जो भी जानकारी उनके पास थी वो सब हमने वहा से हटवा दी है , अब तुम बेफिक्र अपनी पढाई जारी रख सकते हो”,शक्ति ने कहा तो मुन्ना को थोड़ी तसल्ली हुई

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Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25 Main Teri Heer – 25

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