“मैं तेरी हीर” – 89
Main Teri Heer – 89
मुन्ना अपने किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में इंदौर आने वाला था लेकिन गौरी का प्यार उसे पहले ही खींच लाया। इंदौर आते ही मुन्ना सबसे पहले गौरी से मिला। गौरी किसी दोस्त की पार्टी में आयी है ये बात मुन्ना को उसके स्टेटस से पता चल गयी और फिर इंदौर की गलिया मुन्ना से अनजान तो नहीं थी। मुन्ना बस गौरी का रिएक्शन देखना चाहता था और वही हुआ जो उसने सोचा था। मुन्ना के सीने से लगी गौरी उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी। ठंडी हवाएं चल रही थी और आसमान में बादल छाये हुए थे। कुछ ही देर बाद बारिश शुरू हो गयी गौरी मुन्ना से दूर हटी और बारिश को कोसते हुए कहा,”आहहह इस बारिश को भी अभी आना था क्या ?”
“तुम घर जाओ हम तुमसे कल मिलते है”,मुन्ना ने कहा
“इस बारिश में तुम घर कैसे जाओगे ? मेरा घर यही पास में ही है तुम मेरे घर क्यों नहीं चलते ?”,गौरी ने कहा
इस समय मुन्ना को गौरी के घर जाना थोड़ा सही नहीं लगा इसलिए उसने कहा,”हम तुम्हारे घर नहीं आएंगे , हम ठीक है हम चले जायेंगे”
”मेरे घर क्यों नहीं आओगे ? कही तुम्हारा प्यार वो वाला प्यार तो नहीं”,गौरी ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
“वो वाला प्यार ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“वो वाला जिसमे लड़का लड़की डेट करते है , साथ घूमते है , मजे करते है और घर आने की बात कहो तो भाग जाते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने इतना ही कहा की मुन्ना ने आगे बढ़कर उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रखते हुए कहा,”हम ऐसा कुछ नही सोच रहे , और कही भागने वाले भी नहीं है,,,,,,,,,,,,,वो तो हम इसलिए मना कर रहे थे की इतनी रात में तुम्हारे साथ घर गए तो तुम्हारे पेरेंट्स,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब उन्हें अच्छा नहीं लगेगा”
“ओफो तुम ना सोचते बहुत हो,,,,,,,,,,,मेरे घर में सिर्फ मेरा छोटा भाई जय और मेरी माँ है , और वो दोनों काफी फ्रेंक है,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,गौरी ने कहा
“और तुम्हारे पापा ?”,मुन्ना ने एकदम से पूछ लिया
“वो अब इस दुनिया में नहीं है”,गौरी ने थोड़ा सा उदास होकर कहा , गौरी के चेहरे पर उदासी देखकर मुन्ना ने कहा,”माफ़ करना,,,,,,,,,,,,चलो तुम्हारे घर चलते है”
गौरी के होंठो पर मुस्कराहट वापस तैर गयी और वह मुन्ना के साथ घर की तरफ चल पड़ी। हलकी बारिश हो रही थी और दोनों भीगते हुए चले जा रहे थे। मुन्ना ने देखा तो अपना जैकेट निकालकर , उस से गौरी के सर को ढकते हुए कहा,”तुम बीमार पड़ जाओगी”
“ओह्ह्ह्ह तुम्हे सच में मेरी इतनी परवाह हो रही है , लेकिन तुम भीग जाओगे”,गौरी ने कहा
“हम ठीक है”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा
कुछ देर बाद दोनों गौरी के घर के सामने पहुंचे जैसा की गौरी ने कहा था बारिश अब तक काफी तेज हो चुकी थी और दोनों भीग भी चुके थे। गौरी ने बेल बजाये दरवाजा गौरी की माँ ने खोला लेकिन गौरी के साथ भीगे हुए मुन्ना को देखा तो थोड़ा हैरान भी हो गयी। वो सामने से कुछ सवाल करती इस से पहले ही गौरी ने कहा,”मम्मा ये मान है काशी के भैया , यही पास से गुजर रहे थे बारिश की वजह से भीग गए इसलिए मैं इन्हे अपने साथ ले आयी”
“नमस्ते”, मुन्ना ने कहा
“नमस्ते बेटा , अंदर आओ”,गौरी की माँ ने साइड होकर कहा
गौरी मुन्ना के साथ अंदर चली आयी। गौरी की माँ ने दरवाजे बंद किया और अंदर आकर जय को आवाज दी। जय बाहर आया लेकिन मुन्ना को देखते ही उसके हाव भाव बदल गए। जय मुन्ना को जानता था लेकिन गौरी की मम्मी नहीं उसने गौरी को देखकर बड़ी सी स्माइल दी और इशारा किया की क्या वह अपनी मम्मी को मुन्ना के बारे में बता दे ?
गौरी ने उसे आँखे दिखाते हुए मना किया और जय उसके पास तो गौरी को लूटने का आज अच्छा मौका था। उसने इशारो इशारो में गौरी से 2000 की मांग की , गौरी उसे कभी आँखे दिखाती तो कभी मारने का इशारा करती लेकिन जय आज उस से नहीं डरने वाला था। गौरी की मम्मी ने देखा तो थोड़ा सख्ती से कहा,”ये तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है ?”
“कुछ नहीं मम्मा वो ऐसे ही बकवास कर रहा है”,कहते हुए गौरी ने जय को एक बार फिर घुरा।
“जय ये तुम्हारी काशी दीदी के भैया है इन्हे अपने कमरे में लेकर जाओ और हाँ बदलने के लिए इन्हे अपने कुछ कपडे भी दे देना , और गौरी तूम मेरे साथ आओ”,कहकर गौरी की मम्मी चली गयी।
गौरी चली गयी जय मुन्ना के पास आया , उसने मुन्ना के इर्द गिर्द एक चक्कर लगाया उसकी हाइट मुन्ना से कम थी लेकिन गौरी का भाई होने के नाते और इस घर का इकलौता मर्द होने के नाते उसे मुन्ना से फेस टू फेस बात करनी थी। उसने इधर उधर दरवाजे की तरफ पड़ी ईंट उठायी और उसे रखकर उसके ऊपर खड़े हो गया। अब वह मुन्ना के जितना लग रहा था। मुन्ना चुपचाप उसकी हरकतें देख रहा था। जय ने उसके सामने चुटकी बजा कर उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा और कहा,”तो आखिर तुम मेरी दीदी के चक्कर में पड़ ही गए और तो और घर तक चले आये,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे मुझे”
“ऐसा कुछ भी नहीं है”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“तो फिर यहाँ क्यों आये हो ? क्या मेरी दीदी तुमको घर लेकर आयी है,,,,,,,,,,,अगर ऐसा है तो मैं अभी उस से बात करता हूँ , आई ऍम द सिंगल मेन ऑफ़ दिस हॉउस वो ऐसे किसी अजनबी लड़के को घर कैसे ला सकती है ?”,जय ने रौब झाड़ते हुए कहा
“दोनों भाई बहन एक जैसे है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने मुंह फेरकर बड़बड़ाते हुए कहा
“ओह्ह हेलो टॉक टू मी उधर किस से बात कर रहे हो ?”,जय ने कहा
“देखो बेटा,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने उसे बच्चा समझकर समझाने की कोशिश की लेकिन इतने में जय ने चौंकते हुए कहा,”बेटा ?,,,,,,,,,,,,,,,,,हान्ह मैं तुमसे 2-3 साल ही छोटा हूँ,,,,,,,,,,,तुम मुझे मेरे नाम से बुला सकते हो , वैसे तुम यहाँ क्यों हो ? पक्का तुम मेरी बहन को भगाकर ले जाने वाले हो,,,,,,,!”
मुन्ना समझ गया जय की इन उटपटांग बातों से बचना मुश्किल है तो उसने अपना पर्स निकाला और 100 का एक नोट जय की तरफ बढाकर कहा,”तुम्हारा रूम कहा है ?”
“हाह तुम्हे क्या लगता है मैं 100 रूपये में बिक जाउगा ? क्या मजाक है ?”,जय ने इतराते हुए कहा
मुन्ना ने कुछ नहीं कहा और दो नोट और उसकी तरफ बढ़ा दिए , जय ने देखा तो उसकी आँखे चमक उठी और उसने जल्दी से तीनो नोट लेकर जेब में रखते हुए कहा,”यहाँ से सीधे जाकर लेफ्ट”
“शुक्रिया”,मुन्ना ने कहा और आगे बढ़ गया। जय भी मुन्ना के पीछे पीछे अपने कमरे में चला आया उसने अपना टीशर्ट और शॉर्ट्स मुन्ना को दिए और बाथरूम बता दिया। मुन्ना ने कपडे लिए और बाथरूम में चला आया। उसने गीले कपड़ो को धोकर सूखा दिया और कपडे बदलकर बाहर आया चूँकि जय थोड़ा हेल्थी था इसलिए मुन्ना को उसकी टीशर्ट ओवर साइज थी और शॉर्ट्स घुटनो तक आ रहा था। खैर मुन्ना बुरा फंसा उसने खिड़की का पर्दा हटाकर बाहर देखा , बारिश अभी भी हो रही थी। मुन्ना ने देखा जय लेपटॉप के सामने बैठा कुछ काम कर रहा था। मुन्ना अपने बालों को पोछते हुए उसके पास आया देखा वो किसी साईट पर काम कर रहा था जिसमे बार एरर आ रहा था। जय उसे ठीक नहीं कर पा रहा था।
“हम कर दे ?”,मुन्ना ने पूछा
“तुम मजाक कर रहे हो क्या ? ये इतना आसान भी नहीं है”,जय ने मुंह बनाते हुए कहा
मुन्ना ने लेपटॉप को अपनी तरफ घुमाया और उस एरर को ठीक करने लगा। जिस स्पीड में उसकी उंगलिया लेपटॉप के बटनों पर चल रही थी , जय तो देखते ही रह गया। दो मिनिट बाद मुन्ना ने लेपटॉप जय की तरफ किया और कहा,”हम्म्म अब देखो”
“वाओ ये तो काम कर रहा है , ब्रो ये तुमने कैसे किया ?”,जय ने खुश होकर कहा।
“ये सब हम तब से करते आ रहे है जब हम 12 के थे”,कहकर मुन्ना जाने लगा तो जय उठा और उसके साथ चलकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”मुझे भी सीखा दो प्लीज”
मुन्ना को पसंद नहीं था कोई उसके कंधे पर वंश के अलावा कोई ऐसे हाथ रखे उसने भँवे चढ़ाकर जय को देखा तो जय ने खिंसियाते हुए हाथ नीचे किया और कहा,”प्लीज भैया सीखा दो ना”
“सिखाने की फीस ?”,मुन्ना ने उसी अंदाज में कहा
जय ने कुढ़ते हुए मुन्ना के दिए तीन नोट में से एक नोट वापस उसकी तरफ बढ़ा दिया तो मुन्ना ने कहा,”कम है”
“हम्म ये लो अब बोलो अब तो सीखा दोगे ना ?”,जय ने तीनो नोट मुन्ना की तरफ बढाकर कहा
मुन्ना ने पैसे लिए और जेब में रखते हुए कहा,”सीखा देंगे लेकिन अभी मूड नहीं है”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,!!”,जय समझ पाता इस से पहले ही मुन्ना वहा से चला गया। वह बाहर आया लेकिन जय के कपड़ो में उसे थोड़ा अजीब लग रहा था क्योकि मुन्ना कभी ऐसे कपडे नहीं पहनता था। वह शॉर्ट्स भी पहनता था तो सिर्फ अपने कमरे में,,,,,,,,,,,,,,!!
गौरी भी कपडे बदलकर आ चुकी थी उसने मुन्ना को देखा तो उसके पास आकर धीमी आवाज में कहा,”इन कपड़ो में तुम काफी क्यूट लग रहे हो”
“अरे बेटा तुम वहा क्यों खड़े हो आओ बैठो मैंने खाना लगा दिया है”,गौरी की माँ ने डायनिंग टेबल पर गर्मागर्म खाना रखते हुए कहा
“जी शुक्रिया”,मुन्ना ने कहा और कुर्सी पर आ बैठा। गौरी भी उसकी ओर जाने लगी तो जय ने आकर कहा,”तुम्हारा बॉयफ्रेंड बहुत तेज है”
“हाँ क्या सच में ?,,,,,,,,,,,,,मुझे लगता है इसने जरूर तुम्हे कोई सबक सिखाया होगा”,गौरी ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
जय ने कुछ नहीं कहा और जाकर मुन्ना के सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। गौरी भी मुन्ना के बगल वाली कुर्सी पर आ बैठी। गौरी की मम्मी ने मुन्ना के लिए खाना परोस दिया। गौरी ने अपनी और जय की प्लेट में भी खाना परोसा और सब खाने लगे।
“बेटा तुमने अपना नाम क्या बताया ?”,गौरी की मम्मी ने पूछा
“जी मानवेंद्र मिश्रा”,मुन्ना ने छोटा सा जवाब दिया
“अच्छा नाम है , तो तुम काशी के बड़े भाई हो ?”,उन्होंने फिर सवाल किया
“हाँ काशी हमसे 3 साल छोटी है”,मुन्ना ने खाते हुए कहा
“अच्छा लेकिन काशी गुप्ता और तुम मिश्रा,,,,,,,,,,,,,,थोड़ा अजीब नहीं है ?”,गौरी की मम्मी ने फिर पूछा
“मम्मा काशी के पापा और मान,,,,,,,,,,,,आई मीन मानवेन्द्र के पापा दोनों बेस्ट फ्रेंड्स है , दोनों की फॅमिली भी साथ ही रहती है इसलिए काशी इन्हे अपने सगे भाई से भी ज्यादा मानती है”,गौरी ने कहा
“ओह्ह्ह , वैसे तुम यही इंदौर में ही रहते हो ?”,गौरी की मम्मी ने फिर पूछा
“जी नहीं हम बनारस में रहते है , इंदौर में हमारे नाना नानी रहते है काशी उनके साथ यहाँ रहती है”,मुन्ना ने मुश्किल से मुंह में रखा निवाला निगलते हुए कहा
“तो फिर इंदौर ? घूमने आये होंगे नई,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी की मम्मी ने खिंसियाते हुए कहा तो मुन्ना मुस्कुराने लगा
“मम्मा इन्हे खाने दो ना , आप अपने सवाल बाद में कीजियेगा”,गौरी ने कहा
सभी चुपचाप खाना खाने लगे , खाना खाते हुए गौरी की मम्मी का फोन बजा उन्होंने फोन उठाया तो उनके चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये। उन्होंने बस इतना ही कहा,”ठीक है मैं आती हूँ”
“क्या हुआ मम्मा किसका फोन था ?”,गौरी ने पूछा
“बेटा वो तेरी गोपालगंज वाली भुआ है ना वो हॉस्पिटल में है , उनके साथ में कोई नहीं है इसलिए मुझे जाना होगा”,गौरी की मम्मी ने अपने पर्स में अपना फोन और कुछ जरुरी सामान रखते हुए कहा
“हाँ लेकिन इतनी रात में अकेले कैसे जाएँगी ? मैं आपके साथ चलती हूँ”,गौरी ने उठते हुए कहा
“मैं जय को अपने साथ ले जाती हूँ , तुम यही रुको,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा मानवेन्द्र”,गौरी की मम्मी ने मुन्ना की तरफ पलटकर कहा
“जी”,मुन्ना ने कहा
“मैं जब तक वापस ना आउ क्या तुम गौरी के साथ रुकोगे ?”,गौरी की मम्मी ने कहा
मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा तो गौरी ने जल्दी से ना में गर्दन हिलायी , मुन्ना ने गौरी की मम्मी की तरफ देखा और कहा,”हम यहाँ कैसे,,,,,,,,,,,,,!!”
“मुझे तुम पर भरोसा है,,,,,,,,,मैं जल्दी वापस आ जाउंगी”,गौरी की मम्मी ने कहा और फिर जय को लेकर चली गयी।
मुन्ना ने चुपचाप प्लेट में बचा हुआ खाना खत्म किया और फिर अपने जूठे बर्तन उठाने लगा तो गौरी ने कहा,”अरे ये रहने दो मैं कर लुंगी”
मुन्ना ने वाशबेसिन के सामने आकर हाथ धोये और आकर सोफे पर बैठ गया। गौरी ने भी बर्तन और बचा खाना किचन में रखा और वापस आकर मुन्ना के सामने पड़े सोफे पर आ बैठी। मुन्ना बैठकर गौरी की मम्मी के आने की राह देखने लगा। गौरी बस सामने बैठी प्यार से मुन्ना को देखे जा रही थी और मुस्कुरा रही थी। मुन्ना ने देखा तो ठीक से बैठते हुए कहा,”क्या हुआ ? तुम हमे ऐसे क्यों देख रही हो ?”
“मुझे तो अब भी यकींन नहीं हो रहा की तुम मेरे सामने बैठे हो , काश ये कोई सपना ना हो”,गौरी ने अपने दोनों हाथो को गालों से लगाकर कहा
“ये हकीकत है कोई सपना नहीं”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,,,,,,,,,कॉफी पिओगे ?”,गौरी ने एकदम से उठते हुए कहा , उसे खाने के बाद कॉफी पीने की आदत थी
“तुम्हे आती है ?”,मुन्ना ने पूछा क्योकि उसे नहीं लगा गौरी किचन का काम भी करती होगी
“बिल्कुल आती है”,कहकर गौरी किचन की तरफ चली गयी। मुन्ना भी उसके पीछे आया लेकिन दरवाजे पर ही रुक गया और अपनी पीठ दरवाजे से लगाकर अपने दोनों हाथो को बांधकर गौरी को कॉफी बनाते हुए देखने लगा। गौरी जिसने ओवर साइज टीशर्ट पहना था और उसके नीचे लोवर , बालो का जुड़ा बना रखा था जिसने से आगे के छोटे बाल उसके माथे पर आ रहे थे और बाकि साइड में झूल रहे थे। मुन्ना प्यार से एकटक उसे देखता रहा , कॉफी बनाते हुए वह कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही थी। कॉफी बन चुकी थी। गौरी ने ऊपर रेंक में रखे कप निकालने के लिए हाथ बढ़ाया लेकिन रेंक उसके हाथ से ऊपर था। गौरी ने अपनी ऐड़िया उठायी लेकिन अभी भी वो कप उसके हाथ से दूर थे। मुन्ना ने देखा तो अंदर आया उसने अपना हाथ ऊपर किया और दो कप उतारकर गौरी की तरफ बढ़ा दिए। गौरी ने कप लिए और मुस्कुराते हुए कहा,”थैंक्यू”
मुन्ना वही गौरी के बगल में खड़ा हो गया। उसने देखा गौरी के बाल अभी भी झूल रहे है तो उसने उन्हें अपनी उंगलियों से साइड कर दिया। मुन्ना की छुअन से गौरी को एक सिहरन सी हुई। वह मुन्ना की तरफ पलटी तो उसका पैर मुड़ा , वह गिरने को हुई तो मुन्ना ने उसे अपनी बांहो में थाम लिया। मुन्ना और गौरी दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे। इस वक्त उन दोनों के दिल एक ही लय में धड़क रहे थे।
Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89 Main Teri Heer – 89
क्या जय करेगा मुन्ना को एक्सेप्ट ? क्या इस बारिश की रात गौरी और मुन्ना आजायेंगे एक दूसरे के करीब ? आखिर मुन्ना बार बार किस प्रोजेक्ट की बात कर रहा है ? जानने के लिए पढ़ते रहिये “मैं तेरी हीर”
क्रमश – Main Teri Heer – 90
Read More – “मैं तेरी हीर” – 88
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice.. silent romance💕 I loved it..
Lovely
How romantic, gauri ko munna ke sath time spend karne ko mil gaya, uske liye ye lottery se kam nhi hai.
Very nice 👌
lovelyy
So so beautiful❤❤❤❤
Lekin itne ache movement me 😞😞😞😞
I can’t wait💞💞💞💞💞
Lovely part
Nice part mem 🥰🥰
उसका स्पेशल प्रोजेक्ट मिशन आफ इंक्वायरी शक्ति ही होगा
गजब हो रा है जी…रोमांटिक….पर ये गौरी टी मम्मी की कोई प्लानिंग तो नही है मुन्ना को परखने के लिए
Bhut hi mazaa aa gya jay k saath sahi kiya munna n
Very beautiful
Next part kab tak aayega ma’am
Lovely part
Nice story
Wow mam superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌👌 soooooooooo beautiful story 👌👌👌👌👌👌
Hayeee ree..jay ko uske takkar ka jija mila h🤣🤣