Main Teri Heer Season 5 – 65
Main Teri Heer Season 5 – 65

शिवम् का घर , बनारस
“भोला भैया ! हमने जो सामान आपको बताया था वो आपने जमाया ना , पंडित जी आते ही होंगे,,,,,,,हम ज़रा बाहर सब देख ले,,,,,!!”,किचन में खड़ी सारिका ने भोला से कहा और खुद जल्दी जल्दी बाहर चली आयी। आँगन में सारिका को राधिका मिल गयी तो सारिका ने उसके पास आकर कहा,”राधिका ! ये क्या तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? तुम जानती हो ना आज की रस्म की शुरुआत तुम्हे ही करनी है , जाओ जल्दी जाकर कपडे बदलो और आई कहा है ?”
“आई मेहमानो के साथ है भाभी,,,,,!!”,राधिका कहते हुए वहा से चली गयी। पूरा घर मेहमानो से खचाखच भरा हुआ था। नंदिता जी भी अपने पुरे परिवार के साथ बनारस आ चुकी थी और शिवम ने उनके लिए गेस्ट हॉउस बुक ना करके उन्हें अपने ही घर रहने को कहा। गौरी की साइड के बाकि रिश्तेदार शादी के एक थे। नंदिता जी और उनके परिवार के लिए सारिका ने ऊपर के कमरे तैयार करवा दिए ताकि उन्हें किसी चीज की परेशानी ना हो , यहाँ तक कि बेचारे वंश का कमरा भी गौरी की नानी माँ और मामा ने छीन लिया।
शिवम् ने आज सुबह से ही वंश की फील्डिंग सेट कर रखी थी , कभी उसे कुछ काम बताता तो कभी कुछ और वंश बस यहाँ से वहा भाग रहा था। बहन की शादी में वंश कुछ ज्यादा ही जिम्मेदार बन गया था वो भी इतना कि आने के बाद मुन्ना से भी नहीं मिला।
वही दूसरी तरफ शक्ति मुरारी के घर पर रुका ताकि मुन्ना के साथ साथ उसकी रस्मे भी हो जाए और शक्ति के माता पिता बनने की जिम्मेदारी ली मुरारी के चाचा चाची ने , ये वही चाचा थे जिनकी धौंस मुरारी पुरे बनारस में दिखाता था।
राधिका के बाद घर में पहली शादी थी और सारिका के पैर नहीं टिक रहे थे। वह सब काम देखने यहाँ से वहा भाग रही थी। कभी मेहमानो को देखती तो कभी दूसरे काम , पंडित जी के आने में अभी वक्त था लेकिन सारिका फिर भी परेशान कि कोई कमी ना रह जाए। सारिका ने सामने से आती अंजलि को रोका और कहा,”अंजलि बेटा ! जरा जाकर देखना काशी और गौरी तैयार हुई कि नहीं ?”
“जी बड़ी मामी,,,,!!”,अंजलि ने कहा
सारिका ने प्यार से अंजलि के गाल को छुआ और वहा से चली गयी। अंजलि गुनगुनाते हुए काशी के कमरे की तरफ जाने लगी तभी वंश वहा आया और अंजलि को आवाज देकर कहा,”ओये लड़की”
अंजलि और वंश जिनकी जोड़ी चूहे बिल्ली से कम नहीं थी , वंश के मुंह से अपने लिये ओये लड़की सुनकर चिढ गयी और पलटकर कहा,”ओये लड़की ? मैं क्या आपको ओये लड़की दिखती हूँ ?”
“तो अब क्या तुम्हे मालकिन कहकर बुलाऊ , जाओ मेरे लिए एक गिलास पानी लेकर आओ”,वंश ने आर्डर देते हुए कहा
अंजलि वंश के सामने आयी और अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर कहा,”शक्ल देखी है अपनी”
“हाँ देखी है बहुत स्मार्ट दिखता हूँ”,वंश ने कहा
“ओह्ह्ह्हह रियली , फिलहाल तो आप किसी रेलवे स्टेशन के कुली लग रहे है”,अंजलि ने वंश का मजाक उड़ाते हुए कहा
वंश ने खुद को देखा उसकी हालत सच में बहुत खराब थी बेचारा सुबह से भाग दौड़ जो कर रहा था उस पर कुली बनाया उसे गले में पड़े सफ़ेद गमछे ने जो वंश के गले में कैसे आया ये वंश को भी नहीं पता ? वंश ने गमछा निकाला और कहा,”हाँ तो सुबह से यहाँ से वहा घूम रहा हूँ , नहाया भी नहीं हूँ जब मैं तैयार होकर आऊंगा ना तब देखना,,,,,,,,बनारस की आधी लड़कियो की नजर मुझ पर होगी”
“हाह ! मुंगेरी लाल के हसीन सपने”,कहकर अंजलि जाने लगी तो वंश ने उसकी चोटी पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”पानी कौन लेकर आएगा ?”
“जा रहे है हमारे बाल छोड़िये,,,,,,,,!!”,अंजलि ने कहा तो वंश ने उसके बाल छोड़ दिए और अंजलि वंश के लिए पानी लेने चली गयी।
घूमते फिरते सारिका काशी के कमरे में चली आयी देखा कि काशी ने अभी तक साड़ी भी नहीं पहनी और गौरी वो तो अभी तक बाथरूम में ही थी। काशी को साड़ी से जूंझते देखकर सारिका उसके पास आयी और नीचे बैठकर उसकी साड़ी की सलवटे सही करते हुए कहा,”ओह्ह्ह काशी ! तुम अभी तक तैयार नहीं हुई बेटा और गौरी कहा है ?”
“वो नहाने गयी है , हमने कोशिश की लेकिन ये बार बार खुल जाती है माँ,,,,,,,,!!”,काशी ने मासूमियत से कहा
“आदत डाल लो बेटा , रोज रोज हम नहीं होंगे तुम्हारे साथ,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“आप है तो मुझे किसी और की क्या जरूरत ? और वैसे भी हमने इतना अच्छा दामाद ढूंढा है आपके लिए शादी के बाद वो हमारी साड़ी की सलवटे तो सही कर ही सकता है ना , जैसे पापा आपके लिए करते है”,काशी ने शरारत भरे स्वर में कहा
सारिका उठी और काशी का कान पकड़कर कहा.”आजकल बहुत शरारती हो गयी हो काशी , अच्छा तुम दोनों जल्दी से तैयार होकर बाहर आ जाओ हम ज़रा माँ-पापा को देख लेते है”
सारिका जैसे ही जाने लगी काशी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”माँ ! हम कैसे लग रहे है ?”
सारिका काशी की तरफ पलटी और अपनी आँख के किनारे से काजल निकालकर काशी के कान के पीछे लगाकर कहा,”बहुत सुंदर”
सारिका वहा से चली गयी और काशी कमरे में बिखरा सामान उठाने लगी तब तक गौरी भी नहाकर आ चुकी थी
मुरारी का घर , बनारस
मुरारी का पूरा घर रंग बिरंगे फूलो से सजा हुआ था ,बाहर गार्डन में भी सब इंतजाम था और मुरारी वही देख रहा था और घर के माली , गार्ड से लेकर घर के नौकरो तक को यहाँ से वहा भगा रहा था। मुन्ना अपने कमरे में तैयार हो रहा था आज गणेश पूजन के साथ ही गौरी के घर से उसके लिए शगुन भी आना था। वही मुन्ना के सामने वाले कमरे में शक्ति रुका था वह भी अपने कमरे में तैयार हो रहा था। शक्ति के लिए भी काशी के घर से शगुन आने वाला था। शक्ति तैयार होकर कमरे से बाहर आया तो देखा नीचे हॉल में मेहमान जमा थे ,
कुछ सोफे पर बैठे चाय नाश्ता करते हुए हंस मुस्कुरा रहे थे , एक तरफ कुछ औरते बैठकर मंगल गीत गा रही थी , अनु किशना को सामान यहाँ वहा रखने का आर्डर दे रही थी। शक्ति ने चेरी रंग का कुरता और सफ़ेद पजामा पहना था और इन कपड़ो में वह बिल्कुल शिवम् की तरह लग रहा था। शक्ति का कोई नहीं था इसलिए उसके घर से कोई नहीं आया था। शक्ति जैसे ही नीचे जाने लगा सामने से आता मुन्ना उसे दिखाई दिया।
अनु के कहने पर मुन्ना ने भी आज लाल रंग का कुरता और सफ़ेद पजामा पहना था। सेट की हुई दाढ़ी मूछ में मुन्ना बहुत ही प्यारा और हेंडसम लग रहा था। मुन्ना अपने कुर्ते का बटन सही करते हुए शक्ति की तरफ आया तो शक्ति ने कहा,”लाओ हम कर देते है”
“हम्म,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
शक्ति ने मुन्ना के कुर्ते के बटन को सही किया और दोनों साथ साथ नीचे चले आये।
पंडित जी आ चुके थे उन्होंने मुन्ना और शक्ति के साथ गणेश पूजन किया और इसके बाद शगुन की रस्मो के लिए सभी बाहर लॉन में चले आये जहा पहले से सब इंतजाम था। मुन्ना और शक्ति साथ साथ चल रहे थे। लॉन में इंतजाम देखकर शक्ति ने मुन्ना से कहा,”मुरारी चाचा ने काफी खर्चा किया है,,,,,,,,,,!!”
“हाँ उनके इकलौते बेटे की शादी जो है , उनका बस चले तो वो पुरे बनारस को शादी में इन्वाइट कर दे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने हताश होकर कहा
शक्ति ने मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”तुम सच में थोड़े बोरिंग हो क्या बनारस वाले जानते है उन्हें इतना बोरिंग नेता मिलने वाला है ?”
मुन्ना ने शक्ति की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा,”बनारस वाले हमे नहीं हमारे काम को पसंद करेंगे,,,,,,,,,हमे पंसद करने वाली है उसी के लिए तो पापा ने ये सब इंतजाम करवाया है,,,,,,,!!”
“हाहाहाहा सही कहा वैसे ये काशी और गौरी है कहा ? हमारी तो आंखे तरस गयी है काशी को देखने के लिए , हमे तो बस उसका इंतजार है,,,,,,,,!!”,शक्ति ने प्यार से कहा
“और हमे वंश का,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने उदासी भरे स्वर में कहा क्योकि कल का बनारस आया वंश एक बार भी मुन्ना से मिलने नहीं आया था।
शिवम् का घर , बनारस
पंडित जी घर के बड़े आँगन में गणेश पूजन की सभी तैयारियां कर चुके थे और घर के सभी लोग वहा आ चुके थे। मुन्ना और शक्ति के लिए जाने वाला शगुन भी वही आँगन में रखवा दिया गया। काशी और गौरी दोनों एक जैसी साड़िया पहनकर आँगन में चली आयी।
नंदिता अपने परिवार के साथ एक तरफ बैठी थी गौरी भी उनके साथ पड़ी चौकी पर आ बैठी और दूसरी तरफ शिवम् के घरवाले और शिवम् था उस तरफ काशी आ बैठी। वंश को छोड़कर सब वहा मौजूद थे।
पंडित जी ने पूजा शुरू कर दी और आई के कहने पर वहा बैठी महिलाओ ने मंगल गीत गाना शुरू कर दिया।
“अरे बताओ ना मैं इनमे से कौनसा पह्नु ?”,वंश ने निशि को वीडियो कॉल पर कपडे दिखाते हुए कहा
“ऐसे मुझे क्या पता चलेगा तुम पहनकर दिखाओ”,निशि ने कहा
“वेट,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश ने विडिओ कॉल चालू रखा और अपना फोन एक जगह सेट करके एक एक करके कपडे पहनकर निशि को दिखाने लगा।
वंश एक चमचमाता कुरता पहनकर आया और कहा,”लुक ये कैसा है ?’
“लगता है काशी दी की शादी में बैंड तुम ही बजाने वाले हो ?”,निशि ने कहा
“मतलब ?”,वंश ने पूछा
“ये बहुत ओवर लग रहा है , कुछ और ट्राय करो”,निशि ने अपने नाखुनो पर फूंक मारकर स्टाइल से कहा
वंश ने टीशर्ट ब्लेजर पहना और निशि के सामने आया इस बार भी निशि ने रिजेक्ट करते हुए कहा,”ये बहुत बोरिंग है”
निशि सामने होती तो शायद वंश उसके बाल भी नोच लेता लेकिन वो फोन में थी तो बेचारा पैर पटकने के अलावा और कर भी क्या सकता था ? इसके बाद वंश ने 3-4 ड्रेस और पहने लेकिन निशि एक के बाद एक सबको रिजेक्ट करती गयी।
वंश थक चूका था उसने निशि की तरफ देखा और कहा,”तुम्हे इतना ही पता है तो तुम मेरे साथ क्यों नहीं चली आयी ?”
“मैं आने वाली थी बट लास्ट मोमेंट पर डेड की तबियत खराब हो गयी तो तुमने ही कहा,”निशि बनारस तो आती रहोगी पहले यहाँ रुककर डेड की केयर करो , तब तो डेड के सामने उनके चमचे बन रहे थे , नवीन अंकल मैं आपके लिए यहाँ रुक जाऊ , मैं आपको डॉक्टर के पास ले जाऊ,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश की नक़ल करते हुए कहा तो वंश उसे घूरने लगा और कहा,”अह्ह्ह्हह मैं तुम से पूछ ही क्यों रहा हूँ , मेरी फैशन सेन्स तुमसे बहुत अच्छा है,,,,,,जस्ट वेट”
कहकर वंश विडिओ कॉल ऑन छोड़कर ही साइड में गया और थोड़ी देर में ही वापस आया उसने सफ़ेद कुर्ता और जींस पहना था। बाजु फोल्ड करते हुए निशि की तरफ देखा और अपनी भँवे उचकाकर पूछा कि ये कैसा है ? निशि ने अपने दोनों हाथो से वंश की बलाये ली और अपनी उंगलियों से होंठो को छूकर वंश की तरफ उछाल दिया।
वंश तो शरमा ही गया और कहा,”अच्छा ये बताओ तुम लोग कब आ रहे हो ? गौरी तो तुम्हारे बारे में 10 बार पूछ चुकी है”
“डेड की तबियत अगर ठीक रही तो हल्दी वाले दिन सुबह हम लोग वहा पहुँच जायेंगे तब तक तुम अपनी आजादी एन्जॉय करो,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“हाहाहा वेरी फनी ! अच्छा अभी मुझे नीचे जाना है घर में पूजा है और उसके बाद हम सब मुरारी चाचा के घर जायेंगे शगुन लेकर,,,,!!”,वंश ने कहा
वंश निशि से बात कर ही रहा था कि तभी अंजलि कमरे में आयी और बिस्तर पर वंश के बिखरे कपड़ो का ढेर देखकर कहा,”ये क्या है वंश भैया ? और मामाजी ने आपको नीचे बुलाया है”
वंश अपना फोन वही भूलकर जाने लगा , अंजलि भी जाने लगी तो उसने अंजलि की चोटी खींचकर उसे पीछे करते हुए कहा,”ये सारे कपडे उठाकर कबर्ड में रखो वरना बहुत मार खाओगी”
वंश तो चला गया लेकिन अंजलि रोआँसा होकर बिस्तर की तरफ चली आयी तभी उसके कानो में निशि की आवाज पड़ी,”हे अंजलि ! रिमेम्बर , कैसी हो तुम ?”
अंजलि ने इधर उधर देखा और फिर उसकी नजर ड्रेसिंग पर रखे फोन पर पड़ी जिसमे निशि नजर आ रही थी। अंजलि ने फोन उठाया और कहा,”कैसी हो सकती हूँ मैं ? जबसे आयी हूँ तब से वंश भैया बस मुझे तंग कर रहे है , कभी मेरी छोटी खींचते है तो कभी मेरा हाथ मोड़ देते है , और तो और आज तो उन्होंने मुझे ओये लड़की कहकर भी बुलाया,,,,,,,,,,सच में वो बहुत बुरे है मुझे लगा मुंबई जाकर सुधर गए होंगे लेकिन नहीं,,,,,,,,निशि तुम आ जाओ ना प्लीज”
“अरे डोंट वरी इस चिरकुट की तो मैं वो हालत करुँगी ना तुम्हे परेशान करने से पहले सौ बार सोचेगा,,,,,!!”,निशि ने कहा
“वो तो तुम तब करोगी न जब आओगी,,,,,,,,,,,और तुम क्या इस से मेरी इस से शिकायत लगा रही ?”,अंजलि के पीछे खड़े वंश ने उसके हाथ से फोन छीनकर कहा तो बेचारी अंजलि चुप हो गयी और फिर कुछ देर बाद वंश को साइड करके वहा से जाते हुए कहा,”अभी नीचे जाकर सबको बता दूंगी कि आप फोन पर किसी लड़की से विडिओ कॉल पर बात कर रहे हो”
वंश ने जल्दी से निशि का कॉल कट किया और अंजलि को रोकने नींचे भागा
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संजना किरोड़ीवाल
अरे डोंट वरी इस चिरकुट की तो मैं वो हालत करुँगी ना तुम्हे परेशान करने से पहले सौ बार सोचेगा,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“वो तो तुम तब करोगी न जब आओगी,,,,,,,,,,,और तुम क्या इस से मेरी इस से शिकायत लगा रही ?”,अंजलि के पीछे खड़े वंश ने उसके हाथ से फोन छीनकर कहा तो बेचारी अंजलि चुप हो गयी और फिर कुछ देर बाद वंश को साइड करके वहा से जाते हुए कहा,”अभी नीचे जाकर सबको बता दूंगी कि आप फोन पर किसी लड़की से विडिओ कॉल पर बात कर रहे हो”
वंश ने जल्दी से निशि का कॉल कट किया और अंजलि को रोकने नींचे भागा
अरे डोंट वरी इस चिरकुट की तो मैं वो हालत करुँगी ना तुम्हे परेशान करने से पहले सौ बार सोचेगा,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“वो तो तुम तब करोगी न जब आओगी,,,,,,,,,,,और तुम क्या इस से मेरी इस से शिकायत लगा रही ?”,अंजलि के पीछे खड़े वंश ने उसके हाथ से फोन छीनकर कहा तो बेचारी अंजलि चुप हो गयी और फिर कुछ देर बाद वंश को साइड करके वहा से जाते हुए कहा,”अभी नीचे जाकर सबको बता दूंगी कि आप फोन पर किसी लड़की से विडिओ कॉल पर बात कर रहे हो”
वंश ने जल्दी से निशि का कॉल कट किया और अंजलि को रोकने नींचे भागा


Awsm part mam next part plzz
next part plzz
hi miss Sanju…..
i am a big fan of your stories…
iss se pehle maine kabhi comment nahi kiya aapki stories pe but dil se like karta hu aapki stories ko and i also want to visit BANARAS (Mahadev Ki Nagari) Specially Jaha munna (Manvendra Mishra) aur Mr.Shivam Sharma(Shiva) Apna akelapan dur karne jaate the.
i have a request to you please ye story thodi aur lambi jaane dijiye seriously sabko bohot pasand ayegi ye story.aur Nishi aur Vansh Ki nonk jhonk bhi thodi badhayiye Fun fact hai story me…
plzz its a humble request to you..
thanks to you Sanju Ma’am mera bhi waqt churane ke liye..
Thankyou !!