Manmarjiyan Season 3 – 52

Manmarjiyan Season 3 – 52

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

लवली गोलू को लेकर ऊपर चला आया। गोलू को पहली बार गुड्डू थोड़ा अजीब लगा , अमूमन गुड्डू ऐसा कभी करता नहीं था। लवली गोलू को लेकर कमरे में आया और कहा,”गोलू ! तुम सुबह सुबह हिया का कर रहे हो ?’
“सुबह , सुबह , अरे गुड्डू भैया ! हमहू तो कल रात से यही है , हाँ घर से फ़ोन आया था तो बस एक चक्कर घर की तरफ लगाकर आये रहय,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“घर पर कुछो हुआ है का ?”,लवली ने पूछा


गोलू बिस्तर पर आ बैठा और कहा,”अरे का बताये गुड्डू भैया हमायी जिंदगी मा कित्ती भसड़ है। कल शाम की ही बात थी पिताजी से हमायी बहस हुई और उन्होंने हमे डिब्बा फेंक के मारा,,,,,हमहू डिब्बे से बचने के लिए जैसे ही झुके सामने रहने वाले यादव जी घर आये रहय और डिब्बा उनके सर पर,,,,,,,!!”
“फिर ?”,लवली ने कहा गोलू के बात बताने का तरीका उसे काफी इंट्रेस्टिंग जो लग रहा था।


“फिर , फिर यादव ढेर , हमको लगा डिब्बा की मार से उह्ह्ह निकल लिए हमहू भाग के हिया चले आये और पिताजी फंस गए। अब हमाये पीछे से पिताजी ने का किया का नहीं जे हमको नाही पता पर सुबह सुबह हमाये पास पिंकिया का फोन आये रहा,,,,,,,,!!”,गोलू ने बहुत ही दिलचस्प तरीके से कहा तभी लवली ने उसे टोका,”पिंकिया ?”
“अरे पिंकी हमायी घरवाली , का गुड्डू भैया हमको लगता है आप ध्यान से सुन नाही रहे है”,गोलू ने भँवे चढ़ाकर कहा


“अरे सुन रहे है आगे बताओ तुम,,,,,,!!”,लवली ने कहा।
लवली ने गुड्डू के बारे में जानकारी तो निकाली लेकिन पिंकी के बारे में उसे सिर्फ इतना ही पता था कि वह गुड्डू की गर्लफ्रेंड थी। लवली के कहने पर गोलू आगे बताने लगा

“पिंकिया से बात करके हमहू सुबह सुबह भागे घर की तरफ , वहा पहुंचे तो यादव तो गायब था लेकिन अम्मा बैठ के रोये जा रही। हमहू पूछे कुछो बताये नाही बस रोये जाए ,, फिर अम्मा से हटकर हमहू जैसे ही आँगन मा आये हमायी तो छाती फट गयी , पैर काँपने लगे , दिल धड़कना ही बंद हुई गवा ,,, साला आँगन मा हमाये सामने पिताजी सफ़ेद चद्दर से ढके पड़े थे। हमहू जो छाती पीटकर रोये है,,,,,,,,,,,,,

गुड्डू भैया ए गुड्डू भैया आपको का हुआ आप काहे रो रहे है ? अरे गज्जू गुप्ता ज़िंदा है मरे नाही है,,,,,,,,,,का यार गुड्डू भैया पहिले पूरी बात तो सुनो”,गोलू ने अपनी कहानी सुनाते सुनाते लवली की तरफ देखा तो पाया लवली रो रहा है। उसकी आँखों में भरे आँसू उसके गालो पर लुढ़क आये है।

गोलू को लगा लवली गुप्ता जी के मरने की बात सुनकर रो रहा है जबकि गोलू की बात सुनकर लवली को अपने पिताजी की याद आ गयी जो अब इस दुनिया में नहीं थे। गोलू ने अपने आँसू पोछे और कहा,”हमहू ठीक है तुम आगे बताओ,,,,,,,,,!!”
“का यार गुड्डू भैया ! आज से पहिले तो इत्ता इमोशनल कबो ना देखे आपको,,,,,,,,,, अरे हमहू समझ गए मिश्रा जी की याद आय रही होगी ना आपको ,, चिंता नाही करो शाम मा लेने चलेंगे ना उनको स्टेशन,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा तो लवली मुस्कुरा दिया।


गोलू ने आगे बताना शुरू किया,”हिया हमहू रो रहे जे सोच के कि पिताजी निकल लिए और हुआ अम्मा रो रही कोनो और वजह से , इत्ते में हमहू का देखते है गुड्डू भैया कि पिताजी हमाये सामने खड़े थे बाद में दुइ थप्पड़ और 10-15 लात घुसे खाये रहय हमहू तब जाकर समझ आया कि पिताजी तो सही सलामत थे यादव भी ज़िंदा था”
“तो तुम्हायी अम्मा काहे रो रही थी ?”,लवली ने पूछा
गोलू लवली के थोड़ा पास आया और दबी आवाज में कहा,”अम्मा को शक है कि पिताजी का फुलवारी के साथ चक्कर चल रहा है”


“का ?”,लवली ने कहा उसे कुछ समझ नहीं आया गोलू ने क्या कहा
गोलू ने फिर गुड्डू की तरफ झुककर सभी आवाज में कहा,”अरे ! अम्मा को शक है कि पिताजी का फुलवारी के साथ चक्कर चल रहा है”
“का कह रहे हो ?”,लवली ने कहा
“अम्मा को शक है कि पिताजी का फुलवारी के साथ चक्कर चल रहा है जे कह रहे है”,गोलू ने हैरान होकर कहा
“का ?”,लवली ने कहा


 इस बार गोलू झुंझला उठा और कहा,”अरे 3 बार बता चुके है गुड्डू भैया का पगला गए हो का ? अरे चक्कर चल रहो है गज्जू गुप्ता को यादववा की मेहरारू से,,,,,,,साला खुद चक्कर चलाने की उम्र मा बाप का चक्कर देख रहे है बताओ,,,,,,,,,अरे जे का है ?”,कहते हुए जैसे ही गोलू ने बिस्तर पर हाथ मारा उसके हाथ लाइटर लगा और उसने उसे उठाकर देखा।
लवली ने जब अपना लाइटर गोलू के हाथ में देखा तो अंदर ही अंदर घबरा गया।


गोलू ने लाइटर को देखा जिस पर अंग्रेजी में “Lovely” लिखा था। गोलू लाइटर गुड्डू को दिखाकर कहा,”गुड्डू भैया जे किसका है ?”
“जे हमारा है”,कहते हुए लवली ने गोलू के हाथ से लाइटर ले लिया।
“आपका है ? लेकिन आप तो कबो सिगरेट नाही पीते फिर जे आपका कैसे हुआ ?”,गोलू ने सवाल किया
“सिगरेट के लिए नाहीं गोलू जे तो हमहू अगरबत्ती जलाने के लिए रखे है , जे कमरे मा आजकल मच्छर बहुत हो गए है ना तो अगरबत्ती जलाते है”,लवली ने कहा


“पर इह पर लबली काहे लिखा है ?”,गोलू तो पूरा जासूस ही बन गया
“अरे ये दिखने में लवली है ना इहलीये , तुमहू जे बताओ बाद में क्या हुआ ?”,लवली ने गोलू का ध्यान अपने लाइटर से भटकाने के लिए कहा
“होना का है अम्मा ने मंगल फूफा को बुलाया है शाम मा घर मा , हमहू तो कहते है गुड्डू भैया शाम मा आप भी चलना मजा आएगा,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने खुश होकर कहा
लवली ने देखा गोलू अपने ही घर में होने वाले कलेश के बारे में सोचकर खुश हो रहा था।

गोलू और लवली बाते कर ही रहे थे कि तभी शगुन वहा आयी और जब उसने लवली को गोलू के साथ देखा तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये।
 शगुन को देखकर गोलू ने कहा,”अरे शगुन भाभी आओ ! अपने गुड्डू भैया को बताया कि नहीं कि कल जो इह कह रहे थे उह सब सच था”
शगुन लवली के सामने आयी और गुस्से से कहा,”कौन हो तुम ?”


शगुन का सवाल सुनकर लवली का दिल धड़कने लगा , उसका सच गोलू और शगुन के सामने आये इस से पहले लवली ने नाराज होकर कहा,”ए शगुन ! जे का बदतमीजी है तुमहू हमको तुम कह के काहे बुला रही हो ? और का तुमहू हमे नाही जानती , हम है गुड्डू मिश्रा का सुबह सुबह कुछो उलटा सीधा खाय ली हो का ?”
“का भाभी आप गुड्डू भैया से जे काहे पूछ रही है ?”,गोलू ने कहा
शगुन ने गोलू की तरफ देखा और कहा,”गोलू जी अगर गुड्डू जी यहाँ है तो फिर वहा नीचे कौन है जिन्हे हम अभी अभी चाय देकर आये है”


गुड्डू को सबके सामने किडनेप तो नहीं किया जा सकता था इसलिए लवली ने नयी चाल चली और कहा,”शगुन कही उह्ह हमारा हमशक्ल तो नाही ? नकली गुड्डू बनाकर कही उह्ह इह घर मा तो नाही आना चाहता”
लवली ने इतना गंभीरता से कहा कि एक पल को तो गोलू और शगुन भी सोच में पड़ गए। शगुन ने लवली की तरफ देखा तो लवली ने कहा,”उसने तुम से कुछो कहा का ?”
“नहीं बस उन्होंने मुझसे सिर्फ एक कप चाय मांगी थी , वो नीचे ही है”,शगुन ने हैरानी से कहा


“शगुन का हमने सुबह उठते ही कबो चाय मांगी है तुमसे ?”,लवली ने शगुन को अपनी बातो में फंसाते हुए कहा
शगुन को याद आया कि गुड्डू कभी भी सुबह उठते ही चाय नहीं मांगता था। पहले वह फ्रेश होता , नहाता , सूर्य को जल अर्पित करता उसके बाद चाय पीता था  
शगुन ने लवली की तरफ देखा तो लवली ने कहा,”उह्ह गुड्डू नहीं बहरूपिया है , हमहू अभी जाकर ओह्ह का,,,,,,,,,,,!!”


लवली जैसे ही आगे बढ़ा गोलू ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”ठहरो गुड्डू भैया ! आप नाही हम जायेंगे , आप अगर उसके सामने गए तो कही उह सतर्क ना हो जाये , हमहू जाकर उह्ह बहरूपिये की अकल ठिकाने लगाते है”
लवली को भला और क्या चाहिए था , गुड्डू का अपना ही दोस्त अब उसके खिलाफ खड़ा होने जा रहा था इस से ज्यादा अच्छी बात लवली के लिए क्या हो सकती थी ? उसने कहा,”ठीक है तुम जाओ और जरूरत पड़े तो हमे बुलाना,,,,,,,,,!!”


“भाभी चलो , चलकर नकली गुड्डू भैया की अकल ठिकाने लगाते है”,गोलू ने कहा और शगुन को लेकर जैसे ही जाने लगा लवली ने उसे रोकते हुए कहा,”अरे शगुन को काहे लेकर जा रहे हो ?”
“भाभी के जाने से का दिक्कत है ?”,गोलू ने शकभरे स्वर में कहा
“दिक्कत जे है गोलू कि नीचे बैठा उह आदमी भले ही बहरूपिया हो पर जे कि शक्ल सूरत तो हमाये जैसी है ना , तबही तो शगुन ओह्ह का गुड्डू समझ लेही , अब शगुन के सामने तुमहू ओह्ह से बहस किये ,

बात ज्यादा बढ़ गयी और तुमहू दुइ चार चपेड़ धर देइ तो का शगुन गुड्डू को पीटते देख पायेगी ? हमाओ मतलब गुड्डू जैसे दिखने वाले को पीटते देख पायेगी , नहीं ना तो एक ठो काम करो तुमहू चलकर ओह्ह से सच निकलवाओ हम शगुन के साथ थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,लवली ने शगुन और गोलू को अपनी बातो के जाल में उलझाते हुए कहा और हैरानी की बात ये थी कि दोनों उस जाल में बुरी तरह फंस भी गए।
“ठीक है भाभी आप रुको हमहू जाते है,,,,,,,गुड्डू भैया तैयार रहना हमहू आवाज दे तो फ़ौरन नीचे चले आना”,गोलू ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा

बनारस , उत्तर प्रदेश
विनोद के कहने पर अमन सबके लिए नाश्ता लेने ऊपर चला आया , मिश्रा जी के कहने पर वेदी भी उसकी मदद के लिए उसके साथ चली आयी। दोनों सीढ़ियों से होकर ऊपर जाने लगे गली में घुसते ही कचौड़ी जलेबी की दुकान थी अमन को वही जाना था। वह वेदी को लेकर दुकान पहुंचा तो देखा वहा पहले से काफी भीड़ लगी है। उसने 7 प्लेट कचौड़ी का आर्डर दिया तो दुकानवाले ने कहा,”बइठो बाबू ! आधा घंटा लगी है।”


“ठीक है चाचा”,अमन ने कहा और वेदी के साथ आकर सीढ़ियों पर बैठ गया और दोनों वहा से घाट का नजारा देखने लगे ,सुबह सुबह बनारस के ये घाट देखने में कितने सुंदर लग रहे थे। मिश्रा जी और बाकि लोग बहुत नीचे थे जहा से अमन और वेदी उन्हें देख भी नहीं पा रहे थे और इसलिए दोनों खुश भी थे कि आधा घंटा ही सही पर दोनों आराम से बैठकर एक दूसरे से बात कर सकते है।


“तुम्हारे पिताजी ने घर आने से मना क्यों कर दिया ? घर चलती ना मुझे तुमसे कितनी सारी बाते करनी है , तुम्हे अपनी पढाई के बारे में बताना है , और तुम्हे पता है अगले महीने मेरा इंटरव्यू भी है लगता है इस बार मेरा सेलेक्शन हो जाएगा”,अमन ने खुश होकर कहा
“अरे वाह फिर तो तुमहू सरकारी बाबू बन जाओगे”,वेदी ने खुश होकर कहा


“मुझे तो सिर्फ तुम्हारा बाबू बनना है,,,,,,,!!”,अमन ने अपना कंधा वेदी के कंधे से टकरा कर शरारत से कहा
“धत बेशर्म ! तुमहू जब सरकारी बाबू बन जाओगे न तो सबसे जियादा ख़ुशी हमे ही होगी”,वेदी ने कहा
“वो क्यों ?”,अमन ने कहा
“क्योकि हमाये पुरे मोहल्ले में कोनो के घर मा सरकारी नौकरी वाला दामाद नाही है”,वेदी ने शर्माकर कहा
“पर मिश्रा जी के घर में तो है,,,,,,,,,,!!”,अमन ने भी वेदी को छेड़ते हुए कहा


“अभी हुआ नहीं है,,,,,,,,!!”,वेदी ने इतराकर कहा
“हुआ नहीं है तो हो जाएगा,,,,,,,,,अच्छा सुनो हम तुम्हारे लिए कुछ लाये है”,अमन ने एकदम से कहा
“का ?”,वेदी ने ख़ुशी भरे स्वर में हैरानी से कहा
 अमन ने एक डिब्बा निकाला और उसे खोलकर वेदी के सामने किया तो वेदी की आँखे चमक उठी और चेहरा खिल उठा। डिब्बे में रंग बिरंगी सुन्दर सुन्दर चुडिया  थी। वेदी ने अपने हाथो से उन्हें उठाकर देखा और कहा,”ये तो सच में बहुत सुंदर है , हम अभी पहनकर दिखाते है”


“अहा ! रुको हम पहनाते है”,कहते हुए अमन ने डिब्बा साइड में रखा और एक एक करके चुडिया वेदी के हाथो में पहनाने लगा। अमन का पूरा ध्यान वेदी को चुडिया पहनाने में था ,  वह बहुत ध्यान से उसे चुडिया पहना रहा था कि कही वेदी को लग ना जाये और वेदी प्यार भरी नजरो से उसे देखे जा रही थी। मुस्कराहट उसके होंठो से हटने का नाम नहीं ले रही थी।


अमन ने सारी चुडिया पहना दी तो वेदी ने उसे दिखाकर कहा,”कैसी लग रही है ?”
अमन कुछ कहता इस से पहले वेदी के कानो में एक जानी पहचानी आवाज पड़ी,”बांये हाथ मा 3 चुडिया कम है”
अमन और वेदी ने एक साथ सामने देखा और वेदी के मुंह से निकला,”फूफा आप”

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

बात ज्यादा बढ़ गयी और तुमहू दुइ चार चपेड़ धर देइ तो का शगुन गुड्डू को पीटते देख पायेगी ? हमाओ मतलब गुड्डू जैसे दिखने वाले को पीटते देख पायेगी , नहीं ना तो एक ठो काम करो तुमहू चलकर ओह्ह से सच निकलवाओ हम शगुन के साथ थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,लवली ने शगुन और गोलू को अपनी बातो के जाल में उलझाते हुए कहा और हैरानी की बात ये थी कि दोनों उस जाल में बुरी तरह फंस भी गए।
“ठीक है भाभी आप रुको हमहू जाते है,,,,,,,गुड्डू भैया तैयार रहना हमहू आवाज दे तो फ़ौरन नीचे चले आना”,गोलू ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा

बात ज्यादा बढ़ गयी और तुमहू दुइ चार चपेड़ धर देइ तो का शगुन गुड्डू को पीटते देख पायेगी ? हमाओ मतलब गुड्डू जैसे दिखने वाले को पीटते देख पायेगी , नहीं ना तो एक ठो काम करो तुमहू चलकर ओह्ह से सच निकलवाओ हम शगुन के साथ थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,लवली ने शगुन और गोलू को अपनी बातो के जाल में उलझाते हुए कहा और हैरानी की बात ये थी कि दोनों उस जाल में बुरी तरह फंस भी गए।
“ठीक है भाभी आप रुको हमहू जाते है,,,,,,,गुड्डू भैया तैयार रहना हमहू आवाज दे तो फ़ौरन नीचे चले आना”,गोलू ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा

बात ज्यादा बढ़ गयी और तुमहू दुइ चार चपेड़ धर देइ तो का शगुन गुड्डू को पीटते देख पायेगी ? हमाओ मतलब गुड्डू जैसे दिखने वाले को पीटते देख पायेगी , नहीं ना तो एक ठो काम करो तुमहू चलकर ओह्ह से सच निकलवाओ हम शगुन के साथ थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,लवली ने शगुन और गोलू को अपनी बातो के जाल में उलझाते हुए कहा और हैरानी की बात ये थी कि दोनों उस जाल में बुरी तरह फंस भी गए।
“ठीक है भाभी आप रुको हमहू जाते है,,,,,,,गुड्डू भैया तैयार रहना हमहू आवाज दे तो फ़ौरन नीचे चले आना”,गोलू ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा

बात ज्यादा बढ़ गयी और तुमहू दुइ चार चपेड़ धर देइ तो का शगुन गुड्डू को पीटते देख पायेगी ? हमाओ मतलब गुड्डू जैसे दिखने वाले को पीटते देख पायेगी , नहीं ना तो एक ठो काम करो तुमहू चलकर ओह्ह से सच निकलवाओ हम शगुन के साथ थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,लवली ने शगुन और गोलू को अपनी बातो के जाल में उलझाते हुए कहा और हैरानी की बात ये थी कि दोनों उस जाल में बुरी तरह फंस भी गए।
“ठीक है भाभी आप रुको हमहू जाते है,,,,,,,गुड्डू भैया तैयार रहना हमहू आवाज दे तो फ़ौरन नीचे चले आना”,गोलू ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा

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