Main Teri Heer Season 5 – 46
Main Teri Heer Season 5 – 46

लोनावला , पुणे
वंश को बारिश में किसी और लड़की के साथ भीगता देखकर निशि का तो खून ही खौल उठा। बारिश की परवाह किये बिना उसने अपने कदम वंश की तरफ बढ़ाये। वंश जानबूझकर निशि को जलाने और चिढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा था। निशि वंश के सामने से निकलती हुई पहाड़ी की रेलिंग के पास चली गयी और भीगते हुए गाने लगी
“बहका है मन कही , कहा जानते नहीं , कोई रोक ले यही
भागे रे मन कही , आगे रे मन चला जाने किधर जानू ना”
बारिश में अपनी बांहे फैलाये भीगती हुई निशि बहुत ही प्यारी लग रही थी। वंश ने अपने गीले बालों में से हाथ निकालकर मुस्कुराते हुए निशि को देखा तो बस देखता ही रह गया। बारिश में भीगे उसके गीले बाल , उसके चेहरे पर गिरती बारिश की बुँदे और चमकती आँखे जिनमे ख़ुशी और शरारत नाच रही थी।
वंश , निशि और उस लड़की को बारिश में भीगते देखकर लॉबी में खड़े लोगो का मन भी बारिश में भीगने के लिए मचलने लगा। शूटिंग पर आये लड़के लड़किया और लोग भी बारिश में भीगने लगे। मायरा ने देखा तो उसने सुमित की बांह पकड़कर कहा,”सुमित चलो न वहा चलते है सब कितना एन्जॉय कर रहे है और तुम यहाँ खड़े हो चलो ना”
अगर मायरा का सच सामने आने से पहले वह सुमित से ये सब कहती तो सुमित ख़ुशी ख़ुशी चला जाता लेकिन वह मायरा का सच जान चूका था और सच जानने के बाद सुमित का दिल नहीं किया कि वह मायरा की बात सुने।
उसने धीरे से मायरा का हाथ अपनी बांह से हटाया और कहा,”तुम जाओ मेरा मन नहीं है,,,,,,!!”
सुमित वहा से चला गया तो मायरा बड़बड़ाई,”इसे क्या हुआ है ?”
“हे मायरा ! क्या तुम भी आ रही हो ?”,मायरा के बगल से गुजरते हुए कैमरामेन में कहा तो मायरा ख़ुशी ख़ुशी उसके साथ आगे बढ़ गयी। मायरा , वंश , निशि और बाकि सब लोग बारिश में भीग रहे थे।
इस पल सब अपनी खुन्नस , गुस्सा और एक दूसरे के प्रति नफरत को भूल चुके थे। वंश ने सुमित को अकेले खड़े देखा तो उसकी तरफ आया और कहा,”बड़े भैया ! आप यहाँ क्या कर रहे है चलिए उधर,,,,,,,,,,,,!!”
वंश के जिद करने पर सुमित भी बारिश में भीगने लगा। वंश बहुत खुश था वह मायरा के साथ डांस कर रहा था। मायरा भी अपनी फ्लिर्टिंग को साइड कर वंश के साथ मस्ती कर रही थी।
उसने आज पहली बार देखा वंश कितना खुशमिजाज और प्यारा लड़का है। वही सुमित बाकि सबके साथ डांस कर रहा था। वंश सुमित के पास आया और उसे पूल में धक्का दे दिया। सब बहुत एन्जॉय कर रहे थे पर इस पुरे टाइम में वंश और निशि एक दूसरे के करीब नहीं थे।
बारिश में भीगने की वजह से अब निशि को ठण्ड लगने लगी थी। वंश ने निशि को खुद में सिमटते देखा तो लॉबी की तरफ आया और वहा से अपना कोट लेकर निशि की तरफ बढ़ गया। उसने निशि के पीछे आकर कोट से उसको ढकते हुए कहा,”ए छिपकली ! ज्यादा मत भीगो बीमार पड़ जाओगी,,,,,,,,,जाकर कपडे बदल लो”
वंश को अपनी परवाह करते देखकर निशि मुस्कुरा उठी वह वंश से कुछ कहने के लिए जैसे ही पलटी वंश वहा से जा चुका था।
“चिरकुट,,,,,,,,परवाह भी करता है और ऐटिटूड भी दिखाता है,,,,,,,,,, उफ़ क्या होगा मेरा इसके साथ,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह्हह छी”,निशि जाते हुए वंश को देखकर बड़बड़ाई और एकदम से छींक दी।
कुछ ही दूर खड़े सुमित की नजर निशि पर पड़ी तो उसने कहा,”निशि ! बेटा अंदर जाकर कपडे बदलो”
वंश ने सुना तो सुमित के पास आकर कहा,”ओह्हो निशि बेटा , उस हिसाब से तो मैं आपका दामाद हुआ और आप मेरे ससुर जी,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह प्लीज वंश ! निशि मेरे लिए बच्ची जैसी है,,,,,,,,,,सो शट अप”,सुमित ने कहा
“फिर भी आप कितने कूल ससुर है और एक वहा मुंबई में मेरा ससुर है जब देखो तब मुझसे कीलसा रहता है , इन्फेक्ट निशि से ज्यादा तो वो मुझसे ऑब्सेस्ड है”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा
सुमित ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”अच्छा वैसे तुम मुझे बड़े भैया क्यों कहते हो ? बनारस में तुम्हारा कोई बड़ा भाई नहीं है क्या ?”
“है ना ! उसका नाम मुन्ना है और वो मुझसे सिर्फ 25 मिनिट बड़ा है पर मै उसे कभी बड़े भैया नहीं कहता , हमेशा मुन्ना ही बोलता हूँ। दो हफ्ते बाद उसी की तो शादी है वो भी लव मैरिज,,,,,,,सो रोमांटिक ना”,वंश ने आँखों में चमक भरकर कहा
“अगर तुम निशि को I Love You बोल दो तो तुम्हारी भी लव मैरिज हो सकती है,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा
“हरगिज नहीं ! मैं नहीं बोलूंगा”,वंश ने बच्चो की तरह मुंह बनाकर कहा
“मतलब तुम उस से प्यार नहीं करते ?”,सुमित ने पूछा
“करता हूँ , लेकिन मैं उसे पहले I Love You नहीं बोलूंगा , शादी के बाद भी नहीं , बच्चे हो जायेंगे तब भी नहीं , बच्चो के बच्चो हो जायेंगे तब भी नहीं ,, मैं ये रूल ही बदल दूंगा कि I Love You हमेशा पहले लड़के कहे,,,,,,,,,,,,हुंह”,कहते हुए वंश वहा से चला गया
“क्या होगा तुम दोनों का ?”,सुमित बड़बड़ाया और खुद भी कपडे बदलने चला गया
मुंबई एयरपोर्ट
नवीन एयरपोर्ट के वेटिंग लॉबी में खड़ा सारिका का इंतजार कर रहा था। सारिका से मिलने की ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। कुछ देर बाद ही ट्रॉली सम्हाले सारिका नवीन को सामने से आते दिखाई दी। नवीन ने सारिका को देखकर हाथ हिलाया तो सारिका उस तरफ चली आयी।
“वेलकम बैक टू मुंबई मैम”,नवीन ने कहा
“थैंक्यू नवीन , कैसे है आप ?”,सारिका ने प्यार से कहा
“मैं ठीक हूँ मैम , आपको आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई , लाईये ये मुझे दीजिये”,नवीन ने सारिका के हाथ से ट्रॉली लेते हुए कहा
सारिका ने अपना पर्स उठाया और बाकि सामान नवीन की तरफ बढ़ा दिया। बाते करते हुए दोनों एयरपोर्ट के बाहर खड़ी गाड़ी के पास चले आये। नवीन सारिका का सामान डिक्की में रखने लगा और गाड़ी के पास खड़ी सारिका उस शहर को देखने लगी आखिर इस शहर में एक लंबा वक्त जो गुजारा था उसने । सारिका का सामान रखकर नवीन उसके पास आया और कहा,”चले मैडम ?”
“हम्म्म,,,,,,,!!”, सारिका ने कहा और गाड़ी की पिछली सीट पर आ बैठी। नवीन ड्राइवर सीट पर आ बैठा और सीट बेल्ट लगाते हुए कहा,”आज रात आपके रुकने का इंतजाम मैंने अपने घर पर किया है मैडम , मेघना चाहती थी हम सबके साथ रुके , वैसे भी वंश शूटिंग के लिए आउट ऑफ़ सिटी गया है आने में देर हो जाएगी तब तक आप अकेली उसके फ्लेट पर क्या करेंगी , इसलिए मैंने,,,,,,,,,,!!!”
“नवीन,,,,,,,,,आप बिल्कुल नहीं बदले , खामखा परेशान हो रहे हो ,, हमे आपके यहाँ रुकने में कोई परेशानी नहीं है आखिर वो घर भी हमारा अपना ही है और हाँ हम अब आपकी बॉस नहीं है जो आप इतना परेशान हो रहे है”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा
नवीन ने गाडी स्टार्ट की और आगे बढ़ाते हुए कहा,”मैडम ! आप आज भी मेरे लिए वही सारिका शर्मा है,,,,,,,,,,,!!”
सारिका ने सुना तो मुस्कुरा कर खिड़की से बाहर देखने लगी और कहा,”इतने सालो बाद भी इस शहर में कुछ नहीं बदला है नवीन , वही अहसास , वही खुशबु , वही हवाएं,,,,,,,हम तो इस शहर से चले गए पर ये शहर कभी हमारे अंदर से गया ही नहीं,,,,,,,,,आज सालों बाद इस शहर में आकर लगा जैसे अपने घर वापस आये है”
“ये शहर ऐसा ही है मैडम , आज भी ये शहर सबको अपना बनाने की काबिलियत रखता है”,नवीन ने कहा
रात होते होते नवीन सारिका को अपने साथ लेकर घर पहुंचा।
उसने गाड़ी साइड में लगाई और सारिका के साथ दरवाजे के सामने आकर बेल बजा दी। दरवाजा मेघना ने खोला। मेघना ने सारिका को देखा तो खुश होकर आगे बढ़ी और उसके गले लगकर कहा,”वेलकम होम मैडम”
“क्या मेघना ? अब आपने भी हमे नवीन की तरह मैडम बुलाना शुरू कर दिया , ये सब नवीन ने सिखाया आपको ?”,सारिका ने कहा
“अरे नहीं नहीं ये क्यों सिखाएंगे ?”,मेघना ने कहा
“तो फिर आज के बाद आप हमे सारिका कहकर बुलाएंगी”,सारिका ने कहा
“जी सारिका जी”,मेघना ने खुश होकर कहा
“सिर्फ सारिका,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“अह्ह्ह ठीक है सारिका , आप बाहर क्यों खड़ी है अंदर आईये ना , नवीन तुम इनका सामान लेकर आओ”,मेघना ने कहा
“जी मैडम,,,,,,,,,!!”,नवीन ने इस अंदाज में कहा कि सारिका और मेघना दोनों हंस पड़ी और फिर दोनों अंदर चली आयी
गोदौलिया , बनारस
“आज से पहले मैंने इतनी अच्छी चाट कभी नहीं खायी , उम्मम्मम मजा आ गया”,पूजा ने हाथ में पकडे दोने से चाट खाते हुए कहा
“ये हमारे बनारस का सबसे फेमस चाट भंडार है “दीना चाट भंडार” , यहाँ की हर चाट अपने आप में बहुत ख़ास है,,,,,,,,,,आप और कुछ लेंगी ? यहाँ का पानी पूरी भी बहुत अच्छा है खाकर देखिये,,,,,,,,,,चचा एक प्लेट पानी पूरी लगा दीजिये”,राजन ने कहा
पूजा जिसके एक हाथ में चाट से भरा दोना था दूसरे में चम्मच उसने राजन से कहा,”अरे लेकिन हम खाएंगे कैसे ? हमारे दोनों हाथ बिजी है”
राजन प्लेट लेकर पूजा के सामने आया और कहा,”अरे हम है न हम खिला देंगे”
राजन ने पानी से भरा गोलगप्पा उठाया और पूजा की तरफ बढ़ा दिया। पूजा के मन में तितलियाँ उड़ने लगी ,, राजन से उसे इतना प्यारा ट्रीटमेंट जो मिल रहा था। पूजा ने राजन के हाथ से गोलगप्पा खाया और फिर अपनी चम्मच से चाट का एक निवाला राजन की तरफ बढाकर कहा,”हमारा जूठा है , चलेगा ना ?”
राजन मुस्कुराया और आगे बढ़कर पूजा के हाथ से निवाला खा लिया। पूजा शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
राजन ने दूसरा पीस उठाया और पूजा की तरफ बढाकर कहा,”जल्दी खाइये”
पूजा ने राजन के हाथ से दूसरा पीस भी खा लिया दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे लेकिन कोई और भी था जो कुछ ही दूर खड़ा उन दोनों को देख रहा था।
वह शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रताप ही था जो कि गोदौलिया किसी काम से आया था पर जब उसने राजन और पूजा को साथ-साथ देखा तो हैरान रह गया और उस से भी ज्यादा हैरानी उसे तब हुई जब उसने राजन को अपने हाथो से पूजा को गोलगप्पे खिलाते देखा। उन दोनों को देखकर प्रताप बड़दबाया,”जे रजनवा तो हमसे भी चार कदम आगे निकला , दीना की चाट तो हमहू भी बहुते खिलाये है इनकी अम्मा को पर साला अपने हाथो से कबो ना खिलाई”
सिटी हॉस्पिटल , बनारस
एमर्जेन्सी वार्ड में मुन्ना की ड्रेसिंग चल रही थी और उसका फोन लगातार बज रहा था। मुन्ना ने देखा फोन गौरी का है लेकिन शिवम् के सामने फोन उठाना सही नहीं लगा तो उसने फोन साइड में रख दिया।
“शिवम् जी ! चोट ज्यादा गहरी नहीं है मैंने ड्रेसिंग कर दिया है एक दो दिन में ठीक हो जाएगी , अभी इंजेक्शन लगाया है तो 5 मिनिट आराम की जरूरत है उसके बाद आप इन्हे ले जा सकते है बाकि आप ये दवाईया बाहर मेडिकल से ले लीजिये”,डॉक्टर ने शिवम् के पास आकर कहा
“शुक्रिया,,,,,,!!”,शिवम् ने पर्ची लेकर कहा और पास ही खड़े मुन्ना के साथ रहने वाले लड़के को पकड़ा दी। मुन्ना ने एक नजर शिवम् को देखा और फिर इधर उधर देखने लगा। शिवम् ख़ामोशी से मुन्ना को देख रहा था , वह मन ही मन मुन्ना को लेकर परेशान भी था। मुन्ना के राजनीती में कदम रखते ही उसके दुश्मन पैदा होने लगे थे। आज अगर वह वक्त पर नहीं आता तो मुन्ना के साथ एक बड़ा हादसा हो सकता था। शिवम् ने कुछ सोचकर मन ही मन एक फैसला किया तभी मुन्ना का फोन फिर बजा। मुन्ना ने फोन देखा इस बार भी गौरी का ही फोन था।
मुन्ना शिवम के सामने फोन उठाने में हिचकिचा रहा था ये देखकर शिवम् ने कहा,”गौरी का फोन होगा और हमारे सामने बात करने में झिझक महसूस हो रही होगी,,,,,,,,,,,,उठा लो , हम बाहर तुम्हारा इंतजार करते है”
मुन्ना कुछ कहता इस से पहले शिवम् वहा से बाहर चला गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
“मान तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार भरे गुस्से से कहा
“हम हॉस्पिटल में है गौरी , बड़े पापा सामने थे इसलिए फोन नहीं उठाया,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो गौरी , हेलो”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखी तो पाया फोन कट चुका है
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संजना किरोड़ीवाल


मुन्ना शिवम के सामने फोन उठाने में हिचकिचा रहा था ये देखकर शिवम् ने कहा,”गौरी का फोन होगा और हमारे सामने बात करने में झिझक महसूस हो रही होगी,,,,,,,,,,,,उठा लो , हम बाहर तुम्हारा इंतजार करते है”
मुन्ना कुछ कहता इस से पहले शिवम् वहा से बाहर चला गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
“मान तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार भरे गुस्से से कहा
“हम हॉस्पिटल में है गौरी , बड़े पापा सामने थे इसलिए फोन नहीं उठाया,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो गौरी , हेलो”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखी तो पाया फोन कट चुका है
मुन्ना शिवम के सामने फोन उठाने में हिचकिचा रहा था ये देखकर शिवम् ने कहा,”गौरी का फोन होगा और हमारे सामने बात करने में झिझक महसूस हो रही होगी,,,,,,,,,,,,उठा लो , हम बाहर तुम्हारा इंतजार करते है”
मुन्ना कुछ कहता इस से पहले शिवम् वहा से बाहर चला गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
“मान तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार भरे गुस्से से कहा
“हम हॉस्पिटल में है गौरी , बड़े पापा सामने थे इसलिए फोन नहीं उठाया,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो गौरी , हेलो”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखी तो पाया फोन कट चुका है
मुन्ना शिवम के सामने फोन उठाने में हिचकिचा रहा था ये देखकर शिवम् ने कहा,”गौरी का फोन होगा और हमारे सामने बात करने में झिझक महसूस हो रही होगी,,,,,,,,,,,,उठा लो , हम बाहर तुम्हारा इंतजार करते है”
मुन्ना कुछ कहता इस से पहले शिवम् वहा से बाहर चला गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
“मान तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार भरे गुस्से से कहा
“हम हॉस्पिटल में है गौरी , बड़े पापा सामने थे इसलिए फोन नहीं उठाया,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो गौरी , हेलो”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखी तो पाया फोन कट चुका है
मुन्ना शिवम के सामने फोन उठाने में हिचकिचा रहा था ये देखकर शिवम् ने कहा,”गौरी का फोन होगा और हमारे सामने बात करने में झिझक महसूस हो रही होगी,,,,,,,,,,,,उठा लो , हम बाहर तुम्हारा इंतजार करते है”
मुन्ना कुछ कहता इस से पहले शिवम् वहा से बाहर चला गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
“मान तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार भरे गुस्से से कहा
“हम हॉस्पिटल में है गौरी , बड़े पापा सामने थे इसलिए फोन नहीं उठाया,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो गौरी , हेलो”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखी तो पाया फोन कट चुका है
Yeh Guri ne pho kyu kaat diya…May be galti se kar gaya hoga…lakin sach m Shivam ne Munna ko bacha liya…nhi to aaj Munna k sar pe patti bandhi hogi…esa lagta hai ki Shivam Munna ko rajniti m jane se rokega…dekho kya hota hai…but aaj Partap ne Rajan aur pooja ko sath dekh kar bahut khushi to hui hogi…aur usse apne bate k iss naye roop ka bhi pta chala…chalo Rajan ki yaardast jane ka kuch fayda hua .. umeed hai ki Rajan aur pooja ko aage ki zindagi thik rhe…lakin yeh Vansh aur Nishi ka kya hoga…dono m pyar kam bachpana zayda hai… umeed hai ki Sarika Vansh ko kuch samjhayegi