Manmarjiyan Season 3 – 35
Manmarjiyan Season 3 – 35

गुड्डू की बात सुनकर शगुन के चेहरे पर परेशानी के भाव तैर गए। गुड्डू पिंकी के बुलाने पर घर से गया था और खाना बाहर से खाकर आया है ये बात ना चाहते हुए भी शगुन के मन में शक पैदा कर रही थी। शगुन वही खड़ी गुड्डू के बारे में सोच रही थी कि फूफाजी ने बाहर पड़े तख्ते पर आकर बैठते हुए कहा,”हमहू तो पहिले ही कहे थे कि थोड़ा कंट्रोल मा रखो पर का करे हमरि बाते तो इह घर के लोगो को जहर लगती है”
गुड्डू की वजह से शगुन का मन पहले ही उदास था वही फूफाजी की बातो ने उसके मन को और उदास कर दिया। शगुन बिना कुछ कहे वहा से चली गयी
फूफाजी मुस्कुराने लगे , भुआजी हाथ में दूध का गिलास लिए फूफाजी के पास आयी और गिलास उनकी ओर बढाकर कहा,”जे गुड्डू की दुल्हनिया के पीछे काहे पड़े है आप ?”
फूफाजी ने गिलास लिया और कहा,”तुमहू बेअकल ही रहोगी राजकुमारी,,,,,,,!!”
“का बक रहे है आप ?”,भुआजी ने गुस्सा होकर कहा
“बइठो बताते है”,फूफाजी ने कहा तो भुआजी उनके बगल में आ बैठी।
फूफाजी ने हाथ में पकड़ा दूध का गिलास साइड में रखा और कहने लगे,”तुमहू देखी नाही गुड्डू की दुल्हिन की ज़रा सी तबियत खराब हुई और पूरा मिश्रा खानदान ओह के इर्द गिर्द जमा हो गवा , तुम्हरी भाभी घर की मालकिन होकर भी शगुन को खुद से ऊपर रखती है , सबके सामने उह हमको सुनाकर चली गयी पर तुम्हरे भाईसाहब ने एक ठो शब्द नाहीं कहे उसको और गुड्डूआ उह ससुरा तो जोरू का गुलाम बनकर जब देखो तब शगुन के आगे पीछे घूमता रहता है”
“अरे तो का हुआ ? शगुन अच्छी लड़की है , इह घर मा सब उसको इत्ता प्यार करते है”,भुआ जी ने कहा
फूफा ने सुना तो भुआ जी की तरफ देखा और कहा,”दिमाग मा बस गोबर भरा है तुम्हरे राजकुमारी,,,,,,,,,,,अरे हमहू का कह रहे और तुमहू शगुन की तारीफ के गीत गाय रही हो , हमरे कहने का मतलब जे है कि इह घर मा सिर्फ शगुन कंट्रोल चलता है”
“ये बात तो हमहू कबो सोचे ही नाही”,भुआजी ने हैरानी से कहा
“लाली पाउडर से फुर्सत मिले तब न कुछो सोचो समझो,,,,,,,,,,,गुड्डू से लेकर मिश्रा जी तक सब पर गुड्डू की दुल्हिन का कंट्रोल है , इह घर मा सब लोग उसके हाथ की कठपुतली है जइसन उह नचाती है वैसे सब नाचते है,,,,,,,,इहलीये तो हम से चिढ़ी रहती है क्योकि हम ओह के कंट्रोल मा नाही आये”,फूफाजी ने इतराते हुए कहा
“अरे तुमहू कबो हमरे कंट्रोल मा नाही आये शगुन के कंट्रोल मा का आओगे ?”,भुआ जी ने मुंह बनाकर कहा
“पोखरा मा बैठी भैंस के आगे कितना भी बीन बजाओ उह पानी से बाहर नाही आती है”,फूफाजी ने कहा
और दूध का गिलास उठाकर मुंह से लगाया और एक साँस में पीकर गिलास वापस रख के कहा,”हमको बस कल का इंतजार है राजकुमारी , साला कल हम मिश्रा को बताएँगे हम का चीज है,,,,,,,,,,,जब पुरे घर समाज के लोगो के सामने ओह्ह की आँखों में डर और चेहरे पर मज़बूरी दिखेगी ना तब पड़ी है हमरे कलेजे को ठंडक”
“हमे तो कुछो समझ नाही आ रहा , हमहू तो जा रहे है सोने”,राजकुमारी ने खाली गिलास उठाया और वहा से चली गयी और फूफाजी मन ही मन अपनी कल की योजना के बारे में सोचकर मुस्कुराने लगे।
गुप्ता जी ने गोलू को ठेले पर पावभाजी खाते हुए धर लिया। गोलू ने गुप्ता जी वहा देखा तो मुंह से शब्द ही नहीं निकले। गोलू को घबराया हुआ देखकर गुप्ता जी ने कहा,”वहा बहू की तबियत खराब है और तुमहू हिया एक्सट्रा पाव के साथ पाव भाजी निपटाय रहे हो,,,,,,,,,,,,,,शर्म नाही आयी ?”
“हमहू अकेले कहा खा रहे है पिंकिया भी तो,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गोलू ने जैसे ही पिंकी की तरफ देखा तो उसकी आँखे बड़ी हो गयी और चेहरे पर हैरानी के भाव तैरने लगे।
गोलू ने देखा कुछ देर पहले जो पिंकी गुड्डू और उसके साथ मिलकर पावभाजी निपटा रही थी अब वही लड़की बेंच पर बीमार सा चेहरा लिए बैठी है। पावभाजी की प्लेट भी उसे कही नजर नहीं आयी तो उसने गुप्ता जी तरफ देखकर कहा,”पिताजी उह हमहू,,,,,,,,,,,,!!”
गुप्ता जी ने अपनी पत्नी की तरफ देखा और गुस्से से दबी आवाज में कहा,”देख रही हो गुप्ताइन अपने सुपुत्र के कारनामे , अरे बहु की तबियत से जियादा इह का पाव भाजी खाना जियादा जरुरी लगा,,,,,,,,,,!!”
गुप्ताइन ने चंद शब्द कहकर गुप्ता जी गोलू की तरफ पलटे और कहा,”का बेटा ? बटर को पेरासिटामोल और भाजी को ड्रामामाइन समझ लिए हो जो बहु को दवाखाने के बजाय हिया ले आये,,,,,,,,,,कि उँह निम्बू खायेगी और तबियत ठीक”
“पर प्रेग्नेंसी माँ निम्बू तो सही होता है न पिताजी,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने पास पड़े नीबू की तरफ इशारा करके कहा
“जे ही निम्बू तुम्हरी स्वास नलिका मा निचोड़ देंगे जो हमसे बकैती करने का सोचे”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू चुप हो गया।
गुप्ता जी को गुस्से में देखकर पिंकी ने कहा,”पिताजी गोलू की कोई गलती नहीं है हमने ही उसे यहाँ आने को कहा था , मन जरा कच्चा हो रहा था तो दर्शन करने मंदिर चले आये,,,,,,,,,,!!”
गुप्ता जी जो कि गोलू की रग रग से वाकिफ थे उन्होंने पिंकी को देखा और कहा,”अच्छा ! तो फिर तुम्हाये गोलू जी परशादी बाहिर काहे ले रहे है ? इह से बेहतर झूठ ना मिला बिटिया , गोलू की संगत मा रहकर तुमहू भी ओह्ह की भाषा बोलने लगी,,,,,,,,,,,!!”
“नहीं पिताजी,,,,,,,,,,,!!”,पिंकी ने जैसे ही कुछ कहना चाहा गुप्ता जी ने उसकी बात बीच में काटकर कहा,”पिछले दुइ दिन से जे मंदिर मा काम चल रहा है , लोगो का आना जाना बंद है फिर तुमने और गोलू ने दर्शन कैसे किये ? हेलीकॉपटर बनकर ?”
सच जानकर पिंकी और शर्मिन्दा हो गयी , कहा वह गोलू को बचाना चाहती थी और कहा खुद ही फंस गयी
गुप्ता जी गोलू की तरफ पलटे और कहा,”और आप मिस्टर पिंकेश गुप्ता , कोनो और कांड बचा है आज के लिये तो उह भी कर ल्यो हो सकता है गिनीज बुक मा तुम्हरे नाम का रिकॉर्ड बन जाए”
गोलू ने तो भैया चुप रहना ही बेहतर समझा , गुप्ताइन जो कि काफी देर से चुप थी उन्होंने कहा,”अब जाने दीजिये ना , बच्चे मिल गए है और दोनों साथ थे हमहू खामखा परेशान हुए,,,,,,,,,,सुनिए ना अब हिया आ ही गए है तो एक ठो पिलेट पावभाजी खाय लेते है,,,,,,,,,,,इत्ती रात मा घर जाकर खाना तो का बना पाई है हमहू,,,,,,,,!!”
गुप्ता जी ने सुना तो थोड़ा शांत हुए और गोलू से कहा,”सुना का कह रही है तुम्हायी अम्मा,,,,,,,,,,दुइ प्लेट पाव भाजी लेकर आओ”
“दुइ प्लेट ? आप भी खाएंगे ?”,गोलू ने असमझ की स्तिथि में पूछा
गुप्ता जी ने गोलू के सामने हाथ जोड़े और कहा,”आपकी परमिशन हो तो खाय ले मालिक,,,,,,,,,,,चुपचाप लेकर आओ , सवाल जवाब करेंगे हमसे”
गुप्ता जी गुप्ताइन के साथ आकर पिंकी की बगल में पड़ी बेंच पर आ बैठे। पिंकी चुपचाप बैठी कभी उन्हें देखती कभी गोलू को
गोलू ने ठेलेवाले से पाव भाजी की दो प्लेट और लगाने को कहा और लेकर गुप्ता के सामने रख दी। गुप्ता जी और गुप्ताइन खाने लगे , पिंकी को भी अपने साथ बैठा लिया और बेचारा गोलू ठेले के पास खड़ा उन्हें देखता रहा। गुप्ता जी को यहाँ देखकर उस बेचारे की तो भूख ही मर चुकी थी उसने ठेले पर रखा पाव उठाया और सूखा ही चबाने लगा।
गुप्ता जी पाव भाजी खायी और ठेलेवाले से कहा,”हाँ बबुआ कित्ता हुआ ?”
“अरे रहने दीजिये ना चाचा , गोलू भैया से पैसे लेंगे का ?”,लड़के ने तवे पर चम्मच चलाते हुए कहा। गोलू ने खा जाने वाली नजरो से लड़के को देखा लेकिन लड़के का ध्यान भाजी में था
“सुना ! कानपूर के ठेले वाले गोलू भैया से पईसा नाही लेते , जे गुंडई चल रही है इनकी कानपूर मा , डरा के रखे है लोगो को,,,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने गोलू की तरफ देखकर कहा
“डरा के नाही रखे , इज्जत करते है हमायी”,गोलू ने टिशू पेपर गुप्ता जी की तरफ बढाकर धीमे स्वर में कहा
“हाँ हाँ कानपूर की रियासत के राजकुमार जो तुमहू,,,,,,,,,तुम और गुड्डू कित्ता पानी मा हो हमको ना सिखाओ समझे , पिंकिया को लेकर घर पहुंचो हम और तुम्हरी अम्मा आते है”,गुप्ता जी ने कहा
“आते है मतलब , इन लोगन के साथ काहे नाही चल रहे ?”,गुप्ताइन ने कहा
“अरे हमहू सोचे आगे वाली सड़क से मुकेश के हिया से मटके वाली कुल्फी खिला दे तुम्हे,,,,,,,,,,तुम्हायी फेवरिट है न”,गुप्ता जी ने गुप्ताइन से थोड़ा प्यार से कहा तो गुप्ताइन शरमा गयी और कहा,”आपको अभी तक याद है ?”
“अरे तुम्हरी पसंद नापसंद आज तक कबो भूले है का ? आओ चलो”,गुप्ता जी ने गुप्ताइन के कंधो पर अपनी बांह रखकर कहा
गोलू ने देखा तो हैरानी से कहा,”पिताजी आप कब से इत्ता रोमांटिक हो गए ?”
गुप्ता जी ने पलटकर गोलू को देखा और कहा,”तो तुमहू का इंटरनेट से डाऊनलोड हुए हो , चुपचाप घर पहुंचो और अपने हिस्से की कुल्फी हुआ जमाना”
गुप्ता जी गुप्ताइन के साथ आगे बढ़ गए और गोलू हक्का बक्का सा उन्हें देखता रह गया। पिंकी ने उसकी बांह थामी और उसे वहा से लेकर चली गयी। उसने सामने से गुजरते ऑटो को रोका और दोनों घर के लिए निकल गए
मिश्रा जी का घर , कानपूर
गुड्डू के बारे में सोचती हुयी शगुन वेदी के कमरे में चली आयी , उसने देखा वेदी के कमरे में नीचे गद्दे लगे थे जहा कोमल , वेदी , कुछ रिश्तेदार और मिश्राइन सो रही थी। वेदी का बिस्तर उन्होंने शगुन के लिए छोड़ा था। वेदी ने शगुन को देखा तो कहा,”शगुन भाभी अम्मा ने कहा है आपको हमारे साथ नीचे सोने की जरूरत नाही है आप आराम से ऊपर सो जाओ”
“लेकिन माजी के सामने मैं ऊपर बिस्तर पर,,,,,,,,,,,अच्छा नहीं लगता वेदी मैं अपने कमरे में चली जाती हूँ। तुम सब यहाँ आराम से सो जाओ”,शगुन ने कहा
“का भाभी गुड्डू भैया के बिना अकेले नींद नहीं आती आपको ?”,वेदी के आगे वाले बिस्तर पर लेटी कोमल ने शरारत से कहा
“कोनो लाज शरम नाही है का कोमलिया ? का कुछ भी बोले जा रही हो देख नाही रही हिया अम्मा , चाची भी है बस जो मुंह मा आये बक दो”,वेदी ने कोमल को फटकार लगाते हुए कहा
कोमल उठकर बैठ गयी और कहा,”इहलीये हमहू तुमको पसंद नाही करते , तुम्हरी जे बीच मा टोकने की आदत ना हमको बिल्कुल नाही पसंद”
“तो बोलने से पहिले थोड़ा सोच लिया करो,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वेदी अपना तकिया लेकर उठी और शगुन के पास आकर कहा,”भाभी आप हिया सो जाओ हम आपके कमरे मा सोने जा रहे है,,,,,,,,,,,पहिले ही कहे रहे अम्मा से कि इनको हमाये बगल मा ना लेटाओ”
बड़बड़ाते हुए वेदी वहा से चली गयी , कोमल का चेहरा उदासी से घिर गया तो शगुन उसके पास आयी और वेदी के बिस्तर पर बैठकर कहा,”वेदी की बातो का बुरा माता मानना कोमल उसने बस ऐसे ही बोल दिया,,,,,,,,,उसकी तरफ से मैं माफ़ी मांगती हू”
“अरे भाभी आप काहे माफ़ी मांग रही है , हमरी और वेदी की बचपन से ही नाही बनी तो हमको ओह्ह की बातो का बुरा भी नाही लगता,,,,,,,,,,जाने दो ओह्ह का इह बताओ तुमहू खाना खायी ? हमहू सुने तुमहू पेट से हो तो अब तो तुम्हरा चटपटा और खट्टा मीठा खाने का दिल करता होगा”,कोमल ने कहा
कोमल की बाते सुनकर शगुन मुस्कुराने लगी और कहा,”नहीं अभी मेरा ऐसा कुछ मन नहीं करता , मन किया भी तो मैं तुम से कहूँगी फिर तुम लेकर आना मेरे लिए ठीक है,,,,,,,,!!”
“ल्यो कर ल्यो बात बाहिर से काहे लाएंगे ? हमहू घर पर ही बना देंगे ,, अरे पुरे दुइ साल सरला भाभी के पास कुकिंग कोर्स किये है”,कोमल ने चहकते हुए कहा
मिश्राइन को करवट लेते देखकर शगुन ने कहा,”श्श्श्श ज़रा धीरे बाकि सब सो रहे है ना , एक काम करो तुम भी सो जाओ,,,,,,,,,,रात बहुत हो गयी है”
“हाँ भाभी”,कहकर कोमल शगुन के बगल में लेट गयी। कोमल तो सो गयी लेकिन शगुन की आँखों से नींद कोसो दूर थी,,,,,,,,,!!”
गुड्डू की जिसने मदद की थी वह गुड्डू के जाने के बाद अँधेरी गली में बाहर निकला और चौराहे की तरफ बढ़ गया। चौक के पास एक आदमी उसका इंतजार कर रहा था। लड़का उसके पास आया और उसे एक लिफाफा देकर कहा,”मुझे इस लड़के की पूरी जानकारी चाहिए , ये क्या करता है , किस से मिलता है , कहा जाता है , इसकी ताकत और इसकी कमजोरी सब,,,,,,,,कर पाओगे ?”
“काहे नहीं करेंगे , अरे पईसा दोगे तो हमहू अपने बाप की जानकारी लाकर दे देंगे”,आदमी ने लिफाफा खोलते हुए कहा और जैसे ही उसमे रखी तस्वीर देखी उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी , उसने पहले तस्वीर को देखा और फिर सामने खड़े लड़के को , उसने ऐसा दो तीन बार किया और फिर तस्वीर को लिफ़ाफे में डालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”का पागल वागल हो का ? खुद की फोटो देकर खुद की जानकारी मांग रहे हो,,,,,,,,,,,,हमहू हाथ जोड़ते है भैया कही और जाओ”
आदमी वहा से चला गया और लड़का एक बार अँधेरी गलियों में चला गया।
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संजना किरोड़ीवाल


काहे नहीं करेंगे , अरे पईसा दोगे तो हमहू अपने बाप की जानकारी लाकर दे देंगे”,आदमी ने लिफाफा खोलते हुए कहा और जैसे ही उसमे रखी तस्वीर देखी उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी , उसने पहले तस्वीर को देखा और फिर सामने खड़े लड़के को , उसने ऐसा दो तीन बार किया और फिर तस्वीर को लिफ़ाफे में डालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”का पागल वागल हो का ? खुद की फोटो देकर खुद की जानकारी मांग रहे हो,,,,,,,,,,,,हमहू हाथ जोड़ते है भैया कही और जाओ”
काहे नहीं करेंगे , अरे पईसा दोगे तो हमहू अपने बाप की जानकारी लाकर दे देंगे”,आदमी ने लिफाफा खोलते हुए कहा और जैसे ही उसमे रखी तस्वीर देखी उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी , उसने पहले तस्वीर को देखा और फिर सामने खड़े लड़के को , उसने ऐसा दो तीन बार किया और फिर तस्वीर को लिफ़ाफे में डालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”का पागल वागल हो का ? खुद की फोटो देकर खुद की जानकारी मांग रहे हो,,,,,,,,,,,,हमहू हाथ जोड़ते है भैया कही और जाओ”
काहे नहीं करेंगे , अरे पईसा दोगे तो हमहू अपने बाप की जानकारी लाकर दे देंगे”,आदमी ने लिफाफा खोलते हुए कहा और जैसे ही उसमे रखी तस्वीर देखी उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी , उसने पहले तस्वीर को देखा और फिर सामने खड़े लड़के को , उसने ऐसा दो तीन बार किया और फिर तस्वीर को लिफ़ाफे में डालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”का पागल वागल हो का ? खुद की फोटो देकर खुद की जानकारी मांग रहे हो,,,,,,,,,,,,हमहू हाथ जोड़ते है भैया कही और जाओ”
काहे नहीं करेंगे , अरे पईसा दोगे तो हमहू अपने बाप की जानकारी लाकर दे देंगे”,आदमी ने लिफाफा खोलते हुए कहा और जैसे ही उसमे रखी तस्वीर देखी उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी , उसने पहले तस्वीर को देखा और फिर सामने खड़े लड़के को , उसने ऐसा दो तीन बार किया और फिर तस्वीर को लिफ़ाफे में डालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”का पागल वागल हो का ? खुद की फोटो देकर खुद की जानकारी मांग रहे हो,,,,,,,,,,,,हमहू हाथ जोड़ते है भैया कही और जाओ”
Yeh ladka kon hai, ho Guddu k bare m sab kuch pta Krna chahata hai…aur wo aaya kaha se hai…kahin Fufa to nhi bulaye hai usko…lakin yeh fufa sach m kal hone wali tiye ki bathak m aag lagane ka kaam karenge…pta nhi kon usko aaina dikhayega…par wo karenge kuch kaand…dekhte hai Mishra ji kya krte hai…lakin iss Guddu ko thoda dhyan Shagun ka bhi rakhna chahiye, dusro ko Gyan deta hai lakin apni patni ka dhyan nhi hai usko…wo shukra hai ki Shagun samjdar hai