Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 9

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 9

नैना रुचिका को वहा से ले गयी और अवि भी अपने फ्लेट में आकर अपने लिए कॉफी बनाने लगा ! अवि को कॉफी पीना बहुत पसंद था और सबसे ज्यादा उसे अपने हाथ की बनी कॉफी ही पसंद आती थी ! कॉफी बनाते हुए वह नैना के बारे में सोच रहा था ! उसे नैना पहली मुलाकात से ही अच्छी लगने लगी थी उसकी पर्सनैलिटी , उसका कम बोलना और उसकी बोल्डनेस ने तो अवि के मन में एक जगह बना ली थी ! नैना के बारे में सोचते सोचते वह मुस्कुराने लगा और कॉफी बनाकर बालकनी में चला आया वहा आकर उसने कप एक टेबल पर रखा और वहा पड़ी अपनी डायरी उठाकर उसमे लिखने लगा ! अवि को फोटोग्राफी के साथ साथ डायरी लिखने का भी बहुत शौक था साथ ही उसे नॉवल्स पढ़ना भी अच्छा लगता था ! हालाँकि था वो नए ज़माने का लड़का लेकिन उसकी पसंद और शौक अभी भी सबसे अलग थलग थे ! डायरी में लिखने के बाद वह इत्मीनान से बैठकर कॉफी पिने लगा !
दूसरी तरफ नैना और रुचिका जैसे ही अंदर आयी शीतल ने कहा,”अरे आ गई तुम लोग बैठो मैं खाना लगाती हु !”
“खाना बाद में पहले मुझे चाय पीनी है !”,नैना ने किचन एरिया में आते हुए कहा ! उसकी बात सुनकर शीतल को थोड़ा अजीब लगा और उसने कहा,”इस वक्त , खाना तैयार है नैना चलकर वो खाते है !”
“हां नैना अभी अभी तुमने आइसक्रीम खायी थी और अब गर्म , सही नहीं है !”,रुचिका ने कहा
“तुम दोनों चलकर वहा बैठो मैं आती हु !”,कहते हुए नैना ने पतीले में पानी डाला और गैस पर चढ़ा दिया ! शीतल और रुचिका चुपचाप उसे देख रही थी ! नैना ने चायपत्ती डाली , अदरक डाली और फिर दूध डालकर उसे उबाला , भीनी भीनी खुशबु से फ्लेट महक उठा था आखिर में चीनी डालकर उसने चाय बड़े कप में छान दी और कप उठाकर कहा,”हम्म्म अब ठीक है
“फिर डिनर का क्या ?”,रुचिका ने कहा
“डिनर में क्या खाना होता है रोटी और सब्जी तो रोटी को सब्जी के साथ खाने के बजाय मैं चाय के साथ खा लुंगी सिम्पल ! अब चलो भी !”,नैना ने कहा
“तुम सच में बहुत अजीब हो यार !”,शीतल ने कहा और तीनो आकर खाना खाने लगी ! नैना ने रोटी का रोल बनाया और चाय के साथ खाने लगी उसे देखकर रुचिका ने कहा,”हे ऐसे तो मैं और मेरी बहन बचपन में खाया करते थे !”
“तो अब क्यों नहीं ?”,नैना ने रोल चाय में डुबोकर उसकी और बढाकर कहा !
“क्या सच में ?”,रुचिका की आँखे ख़ुशी से चमक उठी उसके चेहरे पर वही बचपना नजर आ रहा था जो एक बच्चे के चेहरे पर होता है ! नैना ने आगे बढ़कर उसे खिलाते हुए कहा,”हां बे पांडा खा सकती हो और ये कहा लिखा है की बड़े होने के बाद हम अपना बचपन नहीं जी सकते ?”
रुचिका ने एक टुकड़ा खाया और कहा,”उम्म्म्म टेस्टी है ये !”
“तुम भी ट्राय करो शीतू !”,नैना ने शीतल से कहा तो उसने झिझकते हुए एक टुकड़ा खाया और वो खाकर उसे सच में अपने बचपन की याद आ गयी ! उसके बाद तीनो ने एक कप से शेयर करते हुए चाय पि और खाना भी खाया ! देर रात तक तीनो बैठकर गप्पे लड़ाती रही और उसके बाद रुचिका चली गयी सचिन से फोन पर बात करने , राज का मैसेज आया की आज वह बिजी है तो नैना भी कमरे में आकर लायब्रेरी से साथ लायी किताब को पढ़ने बैठ गयी ! बची हमारी नैना तो उसे ना फ़ोन पर बाते करना पसंद था ना ही किताबे पढ़ना उसने फोन उठाया और फेसबुक खोलकर देखा जैसे ही ओपन किया किसी की फ्रेन्डरिक्वेस्ट आयी और नैना के मुंह से गाली के साथ निकला,”ये (रिश्तेदार) नहीं जीने देंगे मुझे चैन से , असल जिंदगी में इतनी भसड़ मचा रखी है वो कम थी जो अब ये लोग यहाँ भी आ गए ,, अकाउंट ही ब्लॉक करना पडेगा इनका नहीं मेरा खुद का !”
कहते हुए नैना ने फेसबुक बंद कर वेब सीरीज देखना शुरू कर दिया कुछ देर देखने के बाद ही उसे नींद आने लगी और फ़ोन हाथ में लिए ही वह सो गयी ! रुचिका बालकनी में खड़े खड़े सचिन से बाते कर रही थी और शीतल किताब पढ़ने में इतना खोयी के उसे वक्त का पता ही नहीं चला जब गला सूखने लगा तब उसने देखा जग में पानी नहीं है ! वह उठी और पानी लेने कमरे से बाहर आयी तो नजर सोफे पर लेटी नैना पर गयी ! शीतल उसके पास आयी उसके हाथ से फोन लेकर टेबल पर रख दिया और अंदर से चददर लाकर उसे ओढ़ाते हुए मन ही मन कहा,”सच में पागल है ये लड़की पर बहुत अच्छी है !”
शीतल ने पानी लिया और रुचिका के पास आकर हाथ पर बंधी घडी दिखाते हुए कहा,”रात के 12.45 हो रहे है , सुबह ऑफिस नहीं जाना है क्या ?”
“हम्म्म्म , अच्छा सचिन मैं रखती हु !”,कहकर रुचिका ने फोन काट दिया !
दोनों आकर सो गयी लेकिन शीतल की आँखों से नींद कोसो दूर वह अभी भी उस कहानी की नायिका के बारे में सोच रही थी जिसका नाम “माया” था ! देर रात तक वह उसके बारे में सोचकर उलझी रही और फिर नींद ने उसे अपनी आगोश में ले लिया !
सुबह शीतल थोड़ा देर से उठी जब वह कमरे से बाहर आयी तो नैना ने कहा,”हे गुड़ मॉर्निंग , नाश्ता रेडी है तुम दोनों नहाकर तैयार हो जाओ !”
शीतल ने सूना तो हैरानी से उसके पास आयी और कहा,”नाश्ता तुमने बनाया है ?”
“हां तुम लोग रात में देर से सोये थे तो मुझे लगा उठने में देर हो जाएगी इसलिए मैंने बना दिया !”,नैना ने कहा
“वो सब तो ठीक है लेकिन तुमने बनाया कैसे ? मेरा मतलब तुमने तो कहा था न तुम्हे कुकिंग नहीं आती !”,शीतल अभी भी असमझ में ही थी !
“अच्छा वो , वो तो मैंने यूट्यूब पर देखकर बना लिया , इसमें पोहा है और इसमें चीज सेंडविच है , तुम दोनों तैयार होकर आओ तब तक मैं चाय चढ़ा देती हु !”,नैना ने कहा
“नैना तुम बहुत अच्छी हो यार !”,शीतल ने खुश होकर कहा
“ओह्ह हेलो हेलो मैं रोज रोज ये सब नहीं बनाने वाली हु , हां ! वो तो कल रात तुमने मुझे चददर ओढ़ाया इसलिए उसके फेवर में !”,नैना ने कहा
“तुम जाग रही थी ?”,शीतल ने सवाल किया
“नहीं , पर मुझे पता था की वो तुमने ही किया है क्योकि उस मोटी को तो अपने बाबू शोना से ही फुरसत नहीं मिलती !”,नैना ने कहा तो शीतल हंस पड़ी और कहा,”मैं उसे उठाकर आती हु !” कहकर शीतल चली गयी ! नैना का फोन बजा फोन घर से था उसने उठाया और बात करने लगी !

शीतल रुचिका और नैना तीनो ने नाश्ता किया और तीनो ऑफिस के लिए निकली ! शीतल ने वही हमेशा की तरह सलवार सूट पहना था , रुचिका ने लॉन्ग टॉप और उसके साथ केप्री , नैना का ड्रेसिंग सेन्स हमेशा ही इनसे अलग रहा है उसने ऊपर से फिट और निचे से लूज जींस पहनी और ऊपर ब्लैक शर्ट जिसमे वह काफी ग़दर लग रही थी , गनीमत था की शर्ट पेंट में खोंसा हुआ था वरना आंटियो के बिच गॉसिप बनने से उसे कोई बचा नहीं सकता था ! लिफ्ट काम कर रही थी इसलिए तीनो निचे आयी जैसे ही कुछ दूर चली नैना रुकी और कहा,”ओह्ह शिट , मेरी वर्क फाइल ऊपर ही रह गयी है !”
“हम लोग रुकते है तुम लेकर आओ !”,शीतल ने कहा
“एक्चुअली मुझे ये नहीं पता की मैंने वो रखी कहा है ?”,नैना ने निचला होंठ दांतो तले दबाकर कहा !
“कितनी लापरवाह हो न तुम , चलो हम तीनो मिलकर ढूंढते है !”,शीतल ने कहा
“अरे नहीं ! मेरी वजह से तुम्हे भी देर हो जाएगी ,, एक काम करो तुम दोनों चलो मैं फाइल लेकर आती हु !”,नैना ने कहा
“आर यू स्योर ?”,रुचिका ने पूछा
“अरे हां बाबा तुम चलो वरना खामखा मैनेजर के लेक्चर सुनने पड़ेंगे ! प्लीज़ तुम दोनों जाओ मैं आती हु !”,कहकर नैना वापस चली गई और शीतल रुचिका ऑफिस के लिए निकल गयी ! नैना लिफ्ट के सामने आयी लेकिन एक बार लिफ्ट खराबी हो चुकी थी नैना ने गुस्से से गेट को एक लात मारी और सीढ़ियों से ही जाने लगी ! जल्दी जल्दी में उसे ध्यान नहीं रहा और वह सामने से आते अवि से टकरा गयी ! अवि तो बस उसे देखता ही रह गया सुबह सुबह उसे नैना के दर्शन जो हो गए थे , उसका दिल सामान्य से तेज और आंखे बस झपकने से ना बोल चुकी थी लेकिन नैना के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ उसने अवि को साइड किया और कहा,”आँखों में मोतियाबिंद है क्या ? देखकर नहीं चल सकते !”
“मैं वो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अवि कुछ बोलता इस से पहले ही नैना वहा से चली गयी ! हांफते हुए वह ऊपर आयी डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला और फाइल ढूंढ़ने लगी ! 20 मिनिट बर्बाद होने के बाद उसे फाइल मिल भी गयी ! नैना उसे लेकर निचे आयी वह जल्दी जल्दी में चले जा रही थी तभी उसके पैर रुके और नजर वहा खड़ी बुलेट बाइक पर गयी ! नैना के कदम सहसा ही उस और बढ़ गए बुलेट उसे हमेशा से पसंद रही है लखनऊ में उसने कई बार चलाई भी है आज अचानक यहाँ देखी तो उसकी पुरानी यादे ताजा हो गयी ! नैना ने बाइक को छूकर देखा वो मुस्कुरा रही थी उसकी आँखों में उस वक्त एक अलग ही चमक थी तभी पीछे से किसी ने कहा,”तुम्हे चलानी आती है ?”
नैना ने पलटकर देखा पीछे शुभ और सार्थक खड़े थे ! दोनों नैना के पास आये और शुभ ने फिर अपना सवाल दोहराया तो नैना ने कहा,”चाबी !
शुभ ने बाइक की चाबी नैना को दे दी नैना ने पहली किक में बाइक स्टार्ट की और फर्राटे से उनके आगे से निकल गयी शुभ और सार्थक तो देखकर दंग थे , नैना ने अपार्टमेंट का एक राउंड लगाया बुलेट पर वह बिल्कुल दबंग लग रही थी ! उसने बाइक लाकर शुभ के सामने रोकी और उतरकर कहा,”गजब है यार , बिल्कुल मक्खन जैसे !”
“तो तुम रखो न , मेरा मतलब चला सकती हो !”,शुभ ने बातो में कुछ ज्यादा ही चाशनी घोलते हुए कहा
“सच में ? एक्चुअली मुझे ऑफिस के लिए लेट हो रहा है !”,नैना ने घडी देखते हुए कहा
“अरे तो तुम ये बाइक लेकर जाओ ना , चलानी भी आती है कहा शेयरिंग ऑटो में धक्के खाओगी !”,शुभ ने पिघलते हुए कहा सार्थक उसकी इस बेवकूफी पर ख़ामोशी से देख रहा था ! नैना ने थोड़ा सोचा और कहा,”तुम्हे प्रॉब्लम तो नहीं होगी ?”
इस बार शुभ के बोलने से पहले ही सार्थक बोल पड़ा,”अरे नहीं नहीं इसे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी ये तो दिनभर यही पड़ा रहता है !”
“ओके , थेंक्स ब्रो ,, शाम को गाड़ी लौटा दूंगी !”,नैना ने कहा और बाइक लेकर चली गयी !!
नैना के जाते ही शुभ ने चौडाते हुए कहा,”देखा मैंने कहा था ना ऐसे होती है लड़किया सेट , बाइक देकर लड़की सेट कर ली तेरे भाई ने”
“तुमने शायद ठीक से सूना नहीं जाते जाते वो तुम्हे थेंक्स ब्रो बोलकर गयी है ! मतलब भैया !”,सार्थक ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा
“हैं सच में पर मुझे तो ऐसा कुछ नहीं सूना !”,शुभ ने कहा
“तुझे सुनेगा भी नहीं , चल मैं जा रहा लायब्रेरी !”,सार्थक ने कहा और वहा से चला गया ! शुभ को अब नैना की नहीं बल्कि अपनी बाइक की फ़िक्र हो रही थी !

अवि को एक लोकेशन पर जाना था फोटोशूट के लिए , बाइक चलाते हुए उसके दिमाग में बार बार नैना का ही ख्याल आ रहा था लेकिन जैसे ही वह उसके बारे में सोचता नैना का गुस्से वाला चेहरा याद आ जाता और यही सोचते हुए अवि खुद से कहने लगा,”समझ नहीं आ रहा वो अच्छी है या नहीं , एक लड़की को लेकर आज से पहले मैं इतना कन्फ्यूज कभी नहीं हुआ !” बाइक आकर ट्रेफिक में रुकी अवि ट्रेफिक क्लियर होने का इंतजार करने लगा की उसकी नजर अपने दांयी और गयी पहले तो उसे अपनी आँखो पर विश्वास नहीं हुआ लेकिन वो नैना ही थी जो वहा एक ठेले वाले का सामान सड़क से उठाकर ठेले पर रख रही थी ! अवि ने तुरंत बैग से केमेरा निकाला और उसकी एक तस्वीर उसमे कैद कर ली ! बाइक पर बैठा वह एकटक नैना को देखता रहा , ट्रैफिक क्लियर हुआ तो उसे आगे जाना पड़ा ! कुछ देर पहले उसके मन में जो उथल पुथल मची थी वह शांत हो चुकी थी ! नैना अच्छी लड़की थी , उसे कुछ देर पहले मदद करते देख एक अवि समझ चुका था !

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संजना किरोड़ीवाल !

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