Sanjana Kirodiwal

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Who is Next ? – 1

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Who is Next ? – 1

शालिनी अपने ऑफिस में बैठी अपना काम कर रही थी। काम ज्यादा होने की वजह से आज उसे ओवरटाइम करना पड़ रहा था। शालिनी जल्दी जल्दी कीबोर्ड पर हाथ चला रही थी ताकि जल्दी से काम खत्म करके यहाँ से निकल सके। उसका फोन बजा तो उसकी नजर स्क्रीन से हटी और फोन पर गयी स्क्रीन पर अश्विनी का नाम देखकर शालिनी ने फोन उठाया और कहा – हैलो


“हाय ! कहा हो ?”,दूसरी और से अश्विनी ने कहा
“ऑफिस हूँ यार आज बॉस ने काम ज्यादा दे दिया इसलिए ओवरटाइम करना पड़ रहा है”,शालिनी ने मायूस होकर कहा
“ओह्ह्ह सो सेड , लेकिन टाइम देखो रात के 10 बज रहे है और रास्ता भी सुनसान है। घर पहुँचते पहुँचते आधा घंटा लग जाएगा तुम निकलो और बाकि काम कल कर लेना।”,अश्विनी ने कहा


“अच्छा बाबा ठीक है , बस कुछ देर में निकल ही रही हूँ”,अश्विनी को परवाह करते देख शालिनी ने मुस्कुरा कर कहा
“वैसे इतनी रात में भूत-वुत मिल जाये तो क्या करोगी तुम ? वैसे भी जिस रास्ते तुम आती हो वह काफी सुनसान रहता है”,अश्विनी ने कहा
“अश्विनी ये सब बोलकर मुझे डराओ मत , अच्छा मैं फोन रखती हूँ घर जाकर बात करुँगी”,शालिनी ने कहा


“अच्छा ठीक है , बाय”,कहकर अश्विनी ने फोन काट दिया। कुछ देर में अपना काम खत्म किया और ऑफिस से निकलकर बाहर आयी पार्किंग में उसकी स्कूटी के अलावा बस दो बाइक और खड़ी थी जो की उसके कलीग्स की थी। शालिनी ने हेलमेट पहना और अपनी स्कूटी स्टार्ट कर वहा से निकल गयी। रात के 11 बज रहे थे। शालिनी अंदर ही अंदर थोड़ा घबरा रही थी , दिन के उजाले में जो रास्ता खूबसूरत दिखता था रात के अँधेरे में कितना भयानक नजर आ रहा था।

शालिनी मन ही मन ईश्वर को याद करते हुए आगे बढ़ रही थी। हवा सांय सांय करके उसके कानो के पास से गुजर रही थी और रात का सन्नाटा उसे भयभीत कर रहा था। अभी वह आधे रस्ते ही आयी थी की स्कूटी रूक गयी और सहसा उसकी नजर सड़क के दूसरे किनारे की और चली गयी वहा का नजारा देखकर शालिनी का खून जम गया , आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और उसका दिल धड़कने लगा। सड़क के दूसरे किनारे पर खून से लथपथ एक हाथ जमीन से ऊपर हवा में उठा हुआ था उसे देखकर शालिनी के माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी।

डर के मारे उसका गला सूखने लगा उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट की लेकिन वह नहीं हो रही थी , जल्दी जल्दी में शालिनी ने किक मारी और स्कूटी एकदम से चालू हो गयी शालिनी ने स्कूटी आगे बढ़ा दी और स्कूटी के साइड मिरर में देखा वह हाथ अब वहा नहीं था। ये देखकर तो शालिनी और ज्यादा घबरा गयी उसने स्पीड बढ़ा दी और कुछ देर बाद घर के सामने पहुंची।

शालिनी मेन गेट खोलकर अंदर आयी और घर का दरवाजा खटखटाने लगी। घबराहट के मारे शालिनी का बुरा हाल था वह पागलो की तरह दरवाजा खटखटा रही थी पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला। हवा का एक साया उसके करीब से गुजरा तो उसकी साँस हलक में अटक गयी।

उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की उसके साथ ये सब क्या हो रहा है ? उसने एक बार फिर दरवाजा खटखटाने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया दरवाजा खुला सामने उसकी ही हमउम्र लड़की खड़ी थी जिसके चेहरे और हाथो पर खून लगा था और कपडे भी खून से भरे हुए थे ये देखते ही शालिनी वही बेहोश होकर गिर पड़ी।

दरवाजे पर खड़ी लड़की कोई और नही बल्कि शालिनी की दोस्त निधि थी। शालिनी और निधि पिछले 4 महीनो से साथ साथ इस घर में रह रही थी। शालिनी एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करती है और निधि सिविलस की तैयारी कर रही थी। शालिनी के बेहोश होते ही निधि अंदर बैठे अपने दोस्त रवि को आवाज दी। रवि बाहर आया शालिनी को निचे गिरा देखकर रवि घबरा गया।


“खड़े खड़े देख क्या रहे हो स्टुपिड ? इसे उठाने में मेरी मदद करो।”,रवि को खड़े देखकर निधि ने कहा
रवि की मदद से निधि शालिनी को अंदर ले आयी और उसे बेड पर लिटाकर चद्दर ओढ़ा दी। रवि ने निधि की और देखा और कहा,”क्या हुआ इसे ? और ये बेहोश क्यों हो गयी ?”
“मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा , जैसे ही मैंने दरवाजा खोला ये मुझे देखकर बेहोश हो गयी , तुम बताओ क्या मैं चुड़ैल दिखती हू ?”,निधि ने रवि से पूछा


रवि ने निधि को देखा तो एक बार खुद भी डर गया उसके चेहरे पर लगा वो लाल रंग खून जैसा ही लग रहा था वह निधि को लेकर शीशे के सामने आया और उसे उसका हुलिया दिखाते हुए कहा,”ये देखो इसे देखकर कोई भी बेहोश हो जाएगा”
“ये , ये तो वो कलर की डिब्बी मुझपर गलती से गिर गयी थी , इसे साफ करने ही जा रही थी इतनी में शालिनी आ गयी। इसमें तो बहुत भयानक लग रही हूँ मैं”,निधि ने डरते हुए कहा


“हां खूंखार चुड़ैल की तरह”,रवि ने हँसते हुए कहा !
निधि और रवि कमरे से बाहर चले आये जैसे ही वो दोनों बाहर निकले कमरे के शीशे पर खून से सने हाथ की छाप लगी और खून रिसने लगा।

निधि कपडे चेंज करके आई और रवि से कहा,”रवि तुम घर जाओ इस वक्त अगर शालिनी ने तुम्हे यहाँ देखा तो नाराज होगी , मैं उसे सम्हालती हूँ”
“ठीक है लेकिन हमारी स्टडी ?”,रवि ने कहा
“वो तो हम बाद में भी कर लेंगे , मैं कल तुम्हे कोचिंग में मिलती हूँ अभी तुम जाओ। बाय”,निधि ने कहा और शालिनी के पास चली गयी।

रवि अपने घर चला गया निधि जैसे ही कमरे में आयी उसकी नजर शीशे पर गयी शीशा बिल्कुल साफ था वह शालिनी के पास आयी और उसे उठाने लगी लेकिन शालिनी को होश नहीं आया। निधि ने पास पड़े ग्लास को उठाया और उसमे से पानी लेकर शालिनी के मुंह पर छींटे मारे , एक दबी हुई चीख के साथ शालिनी उठकर बैठ गयी , वह बुरी तरह हांफ रही थी और उसके चेहरे का रंग फीका पड़ चुका था

उसे देखकर बेचारी निधि भी डर गयी और कहा,”ए शालिनी क्या हुआ तुझे ? और तू बेहोश कैसे हो गयी ?”
“खून खून , तुम खून से सनी थी क्या हुआ तुम्हे ?”,शालिनी के मुंह से निकला
“खून ? अच्छा वो अरे वो तो लाल रंग का डिब्बा गिर गया था मुझपर इसलिए , वो खून नहीं था पागल तू भी ना”,निधि ने उसे समझाते हुए कहा


शालिनी ने अपना सर पकड़ लिया और कहा,”निधि मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा ऐसा लग रहा है सर पर किसी ने 100 किलो का वजन रख दिया हो , मन बहुत घबरा रहा है कुछ होने वाला है निधि , कुछ बहुत डरावना”
“क्या होने वाला है शालिनी ? और ये क्या बोल रही है तू ?”,निधि ने जैसे ही कहा कमरे की ट्यूब लाइट झपकने लगी और फिर एकदम से बंद हो गयी। शालिनी और डर गयी। उसकी नजर खिड़की के बाहर गयी तो उसे एक काला साया नजर आया।

शालिनी की चीख निकल गयी तो निधि ने कहा,”क्या हुआ शालिनी ?
“वो वो बाहर बाहर कोई है , मैंने अभी अभी देखा”,शालिनी ने घबराये हुए स्वर में कहा
निधि ने अपने फोन का टोर्च जलाया और खिड़की के बाहर देखते हुए कहा,”यहाँ तो कोई भी नहीं है क्या शालिनी खुद भी डर रही है और मुझे भी डरा रही है”


“नहीं नहीं निधि मैं सच कह रही हूँ , आज ऑफिस से आते वक्त उस सुनसान सड़क पर मैंने खून से सना किसी का हाथ देखा था”,शालिनी ने डरे हुए स्वर में कहा
“तुझे कितनी बार मना किया है तू देर रात उस रस्ते से मत आया कर , तुझे कोई वहम हुआ है। चल अब मेरे कमरे में सो जाते है इस कमरे में तो लाइट भी नहीं है कल ठीक करवाते है”,निधि शालिनी को लेकर अपने साथ रूम से बाहर चली गयी। कमरे की खिड़की के शीशे पर खून से भरा हाथ जा लगा और खून रिसने लगा !


शालिनी निधि के साथ उसके कमरे में आ गयी। निधि किचन से उसके लिए खाना ले आयी और उसके सामने रखते हुए कहा,”ये कॉर्पोरेट जॉब में यही होता है , इतना काम देते है की पूछो मत , काम की टेंशन और लोड की वजह से ये सब हो रहा है तुम खाना खाओ आराम से”


शालिनी ने मुश्किल से एक रोटी खायी और लेट गयी। निधि भी उसकी बगल में आ लेटी शालिनी की आँखों के आगे बार बार वही सड़क वाला सीन आ रहा था वह रात भर करवटें बदलती रही और मुश्किल से उसे नींद आयी।

सुबह के 3 बज रहे थे। निधि और शालिनी दोनों गहरी नींद में सोई हुई थी। उसी पल एक हवा का झोंका शालिनी को सहला कर गुजरा। शालिनी की नींद टूटी तो उस ने करवट बदल ली उसने अधखुली आँखो से देखा तो उसका खून जम गया और सांसे रुक गयी खून से लथपथ निधि उसकी बगल में लेटी हुयी थी।

शालिनी आँखे फाडे उसे देख रही थी तभी निधि की आँखे खुली , काली गहरी लाल आँखे जिनमे से खून साफ झलक रहा था एकटक शालिनी को देख रही थी , निधि के होंठो पर एक खुनी मुस्कान तैर गयी। डरकर शालिनी ने पीछे हटने की कोशिश की तो खिसका नहीं गया। शालिनी ने डरते डरते पलटकर देखा तो खून से लथपथ निधि दूसरी और भी लेटे हुए शालिनी को ही देख रही थी।

ये देखकर शालिनी का दिल तेजी से धड़कने लगा वह चीखना चाहती थी लेकिन उसके गले से कोई आवाज नहीं निकली। ना ही उसके हाथ पांव हिल रहे थे ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने उसके शरीर को पूरी तरह से अपने काबू में कर लिया है। शालिनी ने चिल्लाने की एक नाकाम कोशिश की लेकिन इस बार भी आवाज गले में ही रह गयी। वहा एक नहीं दो निधि थी और दोनों ही बेहद डरावनी नजर आ रही थी। दोनों धीरे धीरे शालिनी के ऊपर झुकने लगी।

एक भारी वजन शालिनी को अपने सीने पर महसूस होने लगा। उसकी सांसे दबने लगी और उसे ठीक से साँस भी नहीं आ रहा था। निधि के मुंह से निकलती खून भरी लार आकर शालिनी की गर्दन को भीगा रही थी और जैसे ही निधि ने अपने हाथो को उसकी गर्दन की और बढ़ाया शालिनी जोर से चीखी।


शालिनी ने देखा कमरे में कोई नहीं था निधि भी नहीं। वह बिस्तर पर बैठी हांफ रही थी उसका गला सुख चुका था और आँखों में डर साफ नजर आ रहा था। उसने इधर उधर देखा और फिर टेबल पर रखा पानी का ग्लास उठाकर उसे एक साँस में पि लिया। निधि को वहा ना पाकर शालिनी घबरा गयी और उसे आवाज लगाते हुए कमरे से बाहर आयी।
“निधि ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,निधि कहा हो तुम ?”,शालिनी ने धीरे धीरे बढ़ाते हुए कहा लेकिन निधि की तरफ से कोई जवाब नहीं आया


“निधि,,,,,,,,,,,,,,,,,,निधि तुम मुझे सुन रही हो ?,,,,,,,,,,,,,,निधि”,शालिनी ने फिर आवाज दी और कमरे से बाहर चली आयी उसने सब जगह देखा लेकिन निधि कही दिखाई नहीं दी। शालिनी वापस जाने के लिए जैसे ही पलटी किसी ने दरवाजा खटखटाया। शालिनी की धड़कने फिर बढ़ गयी वह पलटी और दरवाजे की और देखा खटखटाने की आवाज लगातार आ रही थी।

शालिनी काँपते कदमो से दरवाजे के सामने आयी और जैसे ही दरवाजा खोला एक रूह कपकपा देने वाला मंजर देखकर शालिनी डर गयी घर के अंदर जितना शांत माहौल था बाहर उतना ही तेज तूफान चल रहा था और सामने खड़ी थी खून से लथपथ निधि। शालिनी कुछ समझ पाती इस से पहले ही निधि ने शालिनी का हाथ पकड़कर रोते हुए कहा,”मुझे मुझे बचा लो शालिनी वो मुझे मार देगी , मुझे बचा लो”


निधि के हाथ की पकड़ शालिनी के हाथ पर इतनी मजबूत थी की शालिनी को अपना हाथ खींचता हुआ मालूम हुआ। वह कुछ समझ पाती इस से पहले ही निधि हवा में उड़ने लगी उसने शालिनी का हाथ नहीं छोड़ा और कहती रही,”शालिनी मुझे बचा लो , मुझे बचा लो”
शालिनी के चेहरे पर खौफ और बेबसी साफ नजर आ रही थी उसके मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहे थे उसकी आँखों से आंसू बहने लगे।

निधि उसके सामने गिड़गिड़ाती रही ओर अगले ही पल निधि के बात करने का लहजा बदल गया और वह हँसते हुए बड़े ही डरावने अंदाज में कहने लगी,”मुझे बचा लो शालिनी , मुझे बचा लो।”
शालिनी को उस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था , ना ही वह समझ पा रही थी की निधि बाहर क्या कर रही है और उसे कौन मारना चाहता है ?


शालिनी का हाथ निधि के हाथ के साथ बाहर की और खींचता चला जा रहा था। शालिनी ने तेजी से अपनी आँखे मींच ली। जैसे ही आँखे खोली सामने कोई नहीं था कुछ देर पहले का वह भयंकर तूफान अब नहीं था ना ही कही निधि नजर आ रही थी। शालिनी अपनी पथराई आँखों से बाहर देख ही रही थी की पीछे से उसके कंधे को किसी ने थपथपाया शालिनी जैसे ही पीछे पलटी पीछे निधि खड़ी थी। शालिनी एक बार फिर बेहोश होकर निचे गिर पड़ी ।।

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