Sanjana Kirodiwal

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Tere Ishq Me

Tere Ishq Me

हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! 

ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। 

दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत?  जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”

“अर्चना पब्लिकेशन” और “संजना किरोड़ीवाल” इस बार लेकर आये है आपके लिए कुछ नया “तेरे इश्क़ में” किताब की कीमत 220 है लेकिन अगर आप इसे “31 अगस्त 2021” से पहले आर्डर करते है तो ये आपको मिलेगी सिर्फ 100 रूपये में,,,,,,,,,,,,,तो देर किस बात की आज ही अपनी बुक आर्डर कीजिये और पढ़िए “तेरे इश्क़ में” उम्मीद है निराश नहीं होंगे

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हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत?  जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत?  जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत?  जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत?  जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”

हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत? जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किलहमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत? जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किलहमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत? जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किलहमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला होता है वो, उस इंसान के लिए जिसकी दोनों में जान बसती हो! ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है कहानी की नायिका “साहिबा” जिसे प्यार और दोस्ती में से किसी एक को चुनना था अपनी दोस्ती बचाने के लिए खुद को अपने प्यार से दूर कर लेती है पर कही न कही वो अहसास उसमे रह जाते है। 5 साल बाद किस्मत उसे फिर उसी जगह लाकर खड़ा कर देती है। दोस्ती और मोहब्बत की जंग में किसकी होती है जीत? जानने के लिए पढ़े “तेरे इश्क़ में”हमारी जिंदगी में दो इंसान अचानक आते है पहला दोस्त और दूसरा महबूब और ये कब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है हमे पता ही नहीं चलता, पर दिक्कते तब आती है जब हमे दोस्त या महबूब में से किसी एक को चुनना पड़े। यकीन मानिये जिंदगी का सबसे मुश्किल

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