शाह उमैर की परी – 37
Shah Umair Ki Pari-37
shah umair ki pari-37
शहर धनबाद में :-
परी किचन का काम खत्म कर के अपने कमरे में आती है तो देखती है उमैर उसके कमरे की साफ़ सफाई कर रहा होता है !
”उमैर तुम यह क्या कर रहे हो? ” परी ने कहा !
”क्यों..? दिखता नहीं तुम्हे सफाई कर रहा हूँ !” उमैर ने कहा !
” हाँ वो तो मुझे भी दिख रहा है मगर क्यों? ” परी ने कहा !
”क्योंकि आज से यह कमरा अब मेरा भी है , खिड़की वाली साइड मैं सोऊंगा और दरवाज़े की तरफ तुम। कपबोर्ड में जगह बना लेता हूँ अपने कपड़ो के लिए , वैसे मैं तो कपड़े लाना भूल ही गया !” उमैर बेड शीट सही करते हुए कहता है !
” मगर उमैर अभी हमारी शादी नहीं हुई है , तो तुम मेरे साथ एक ही बेड पर नहीं सो सकते हो और तुम जिन भी कही जाते हो तो अपना सूट केस साथ लेकर चलते हो क्या ? !” परी ने कहा !
” मंगनी तो हो चुकी है, शादी भी हो जाएगी। आधा हक़ तो बनता है तुम पर और हाँ डरो नहीं बिना शादी के कुछ नहीं करने वाला मैं बस !” उमैर ने मोहब्बत से परी को अपनी और खींचते हुए कहा !
” बस क्या ? छोडो भी क्या कर रहे हो तुम? मम्मी पापा देख लेंगे ! जाओ जाकर अपने कपड़े ले आओ अपने कमरे से मैं तुम्हे जगह देती हूँ कपड़े रखने का!” परी खुद को उमैर की गिरफ्त से छुड़वाने की कोशिश करती हुए कहती है !
” कोई भी नहीं देख सकता मुझे यहाँ तुम्हारे अलावा यह लो दरवाज़ा बंद कर देता हूँ , उमैर दरवाज़े को हाथ के इशारे से बंद कर देता है और रही बात कपड़ो की वो बाद में देखेंगे ! वैसे तो परी कई बार उमैर के गले लग चुकी है मगर आज उसकी सांसें जरुरत से ज्यादा तेज़ चल रही होती है ! दोनों का पास होना, दोनों की सांस एक दूसरे से टकराना। परी की आंखों में कुछ हसरतें सी नज़र आती हुई और उमैर पर मदहोशी सी छाती हुई। परी खुद पर से काबू जाता महसूस कर जैसे ही कुछ कहने के लिए अपने लब हिलाती है ,उमैर अपने होठों से उसके होठों को बंद कर के उसके लबों को चूमने लगता है। दोनों ही मदहोशी में खो से जाते हैं औऱ इस दुनिया से परे अपनी ही दुनिया मे कुछ देर को खो जाते है । अहसास, प्यार और मोहब्बत की पहली सीढ़ी चढ़ होंठो को थोड़ी दूर कर उमैर परी को देखता है और…..
”हम्म बहुत बोलती हो तुम इसलिए चुप कराना जरूरी था !” उमैर ने मुस्कुराते हुए कहा ! परी बिना कुछ कहे बस तेज़ तेज़ साँसें लिए जा रही होती है !
”अब कुछ बोलोगी भी या यूँ ही खड़ी रहोगी? बोलती बंद हो गयी तुम्हारी ?” उमैर उसे छेड़ते हुए कहता है !
”तुम भी बहुत बोलते हो !” परी कहती है फिर उमैर को अपनी ओर झुका कर अपने होंठो को उसके होठों से लगा देती है। दोनों ऐसे गुम होते हैं कि अंदाज भी नही रखते की दरवाजे की कुंडी बन्द है भी या नहीं। तभी
”परी मैं यह बोल रहा था कि तुम मेरे साथ मार्किट चलोगी क्या ?” आसिफ परी के कमरे का दरवाज़ा खोलते हुए कहता है सामने उन दोनो को किस करता देख, एक दूसरे में गुम हुआ देख वह वही पर रुक जाता है ! आसिफ की आवाज़ से दोनों एक दूसरे से अलग होकर खड़े हो जाते है। उमैर को कुछ समझ नहीं आता है तो वो धुआँ बन कर गायब हो जाता है बेचारी परी शर्म से नज़रे झुका लेती है !
”वो मैं बस यह पूछ रहा था के क्या तुम मेरे साथ मार्किट चलोगी कुछ कपड़े लेने है मुझे?” आसिफ ने कहा !
”हाँ ठीक है चलो चलते है बस दस मिनट दो, मैं रेडी होकर आती हूँ !” परी ने कहा !
”परी वैसे तुम चाहो तो उमैर को अपने साथ लेकर चल सकती हो मुझे कोई ऐतराज नहीं !” आसिफ ने कहा !
”हाँ ठीक है तुम चलो मैं आती हूँ !” परी ने कहा तो आसिफ वहाँ से चला आता है !
” परी वापस दरवाज़ा लगा कर कपड़े चेंज करने लगती है तभी उमैर उसे बेड पर मुस्कुराता हुआ दिखता है !
”उमैर क्या है यह ? जाओ यहाँ से मुझे कपड़े चेंज करने है !” परी ने कपड़े से खुद को छुपाते हुए कहा !
”मुझसे कैसी शर्म परी?जो अभी अभी हुआ उसके बाद भी शर्म?”
“क्या हुआ अभी उमैर?”
“अच्छा जी, अभी तो बहुत बहादुरी से मेरे होंठों को खा रही थी तुम? अब तुम्हे मेरे सामने कपड़े बदलने में शर्म आ रही है? मैं नहीं जाता !” उमैर ने कहा !
”उमैर इतने बेगैरत मत बनो और जाओ यहाँ से वरना मैं तुमसे बात नहीं करुँगी !” परी ने कहा तो उमैर वापस गायब हो जाता है ! उसके जाते ही परी मुस्कुराने लगती है !
”अलग ही एहसास होता है मोहब्बत का भी मेहबूब का साथ हो तो मन गुदगुदाता रहता है लब बेवजह मुस्कुराते रहते है !
आसिफ अपनी कार में खामोश बैठा परी का इंतज़ार कर रहा होता है ! उसके दिमाग में बस परी और उमैर का क़रीब आना चलता रहा होता है ! मन ही मन वो इन सब चीज़ों से चिढ़ भी रहा होता है !
”मम्मी पापा मैं आसिफ के साथ मार्किट जा रही हूँ आप लोगों को कुछ चाहिए तो बता दो ले आउंगी !” परी ने जूते पहनते हुए कहा !
” नहीं बेटा हमे कुछ नहीं चाहिए तुम जाओ !” नदिया जी ने मुस्कुरा कर कहा !
” क्या हुआ बेगम आज आप बहुत मुस्कुरा रही है !”” हसन जी ने कहा !
” आप को ऐसा नहीं लगता है के अब हमारी परी को आसिफ अच्छा लगने लगा है !” नदिया जी ने कहा !
”हम्म पता नहीं नदिया जी ऊपर वाला ही जाने के हमारी बेटी के नसीब में क्या लिखा है ? बस जो भी हो वो खुश रहे !” हंसन जी ने परी के जाते ही कहा !
”तुम आ गयी और तुम्हारा वो आशिक़ जिन किधर है !” आसिफ ने परी के कार में बैठते ही कहा !
“मैं तो कब से परी का इंतज़ार कार में ही कर रहा हूँ !” पीछे से उमैर ने कहा !
‘’भाई तुम कब आये मैंने देखा भी नहीं तुम्हे !” आसिफ ने पीछे में उमैर की तरफ देखते हुए कहा !
”माना के तुम हमे देख सकते हो मगर हमेशा नहीं आसिफ साहब मैं तो कब से यही बैठा हूँ !” उमैर ने कार की सीट से अपने सर को टिकाते हुए कहा !
”अच्छा तो यह बात है फिर चलते है OZONE GALARIA मॉल उमैर तुम भी कुछ कपड़े ले लो इन लम्बे चौड़े कपड़े में तुम मुझे अजीब ही लगते हो !” आसिफ ने कहा !
”क्यों इन कपड़ो में क्या खराबी है ? वैसे आसिफ साहब मेरी दुनिया में सब ऐसे ही लिबास पहनते है ! लम्बा चौड़ा पूरा बदन ढका हुआ रहना चाहिए !” उमैर ने कहा !
” उमैर के कपड़ो से तुम्हे क्या दिक्कत है आसिफ? इन कपड़ो में यह एक राजकुमार सा लगता है !” परी ने मोहब्बत से कहा !
”मैंने कब कहा के यह जोकर लगता है ,भाई तुम्हारा उमैर बहुत सुन्दर है बस में यह कह रहा के जब तक यह यहाँ है क्यों ना यह एक इंसान की तरह हमारे साथ रहे सब से मिले जुले ! उमैर तुम ऐसा करो इंसान के रूप में मेरे साथ रहो इस तरह तुम परी के पापा मम्मी से भी घुल मिल पाओगे आखिर कब तक बिल्ली और कुत्ता बनोगे और तुम्हे उनसे परी और अपने शादी की बात भी तो करनी है या ऐसे ही बिना बताए उसे अपनी दुनिया ले कर चले जाओगे !” आसिफ ने कार चलाते हुए कहा !
”आसिफ कम से कम उसे कुत्ता मत बोलो यार मुझे बुरा लग रहा !”परी ने मज़ाक में कहा तो उमैर अपनी भावे चढ़ाते हुए उसे देखता है !
” जब बिल्ली बना हुआ था तब तो तुम बहुत प्यार से इसे गोद में लिए थी, कुत्ता कहने पर चिढ़ रही हो मिस परी। दोनों ही जानवर की कैटेगरी में आते है छोड़ो यह सब वैसे उस वक़्त कमरे में तुम दोनों क्या कर रहे थे ? ” आसिफ ने पूछा !
””वो बस बाई मिस्टेक हो गया !” परी ने अटकते हुए कहा !
”अच्छा तो तुम दोनों एक दूसरे को बाई मिस्टेक किस कर रहे थे ! परी मैं इतना बेवक़ूफ़ दिखता हूँ क्या ? ,मुझसे शर्माना कैसा दोस्त हूँ तुम दोनों का !” आसिफ ने कहा !
”इश्क़ में तो यह सब होता रहता है आसिफ साहब आप परेशान ना हो यह हमारा जाती मामला है !” उमैर ने कहा !
”अच्छा जी अब यह आप दोनों का जाती मामला हो गया मतलब मैं तुम दोनों का दोस्त नहीं हूँ !” आसिफ ने थोड़ा मुँह बना कर कहा !
”ओफ्फो तुम दोनों भी पागल हो बेकार में बहस किये जा रहे हो भाई और भी टॉपिक है बात करने के वो सब करो !” परी ने दोनों को डांट लगाते हुए कहा तो उमैर कान पकड़ कर सॉरी कहता है !
”जिन भी अपनी गर्ल फ्रेंड से डरते है मुझे पता नहीं था !” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
”आसिफ मैं किसी की कोई गर्ल फ्रेंड वल फ्रेंड नहीं हूँ , मैं तो अपने उमैर की मोहब्बत हूँ , हैं ना उमैर !” परी ने मुस्कुराते हुए उमैर के तरफ देख कर कहा !
”हाँ बिलकुल, वैसे आसिफ साहब मैं किसी से नहीं डरता वो तो बस अपनी परी को नाराज़ नहीं देखना चाहता हूँ !” उमैर ने कहा !
”अच्छा छोड़ा यह सब परी मैं यह बोल रहा हूँ आज उमैर को जीन्स और टी शर्ट पहना कर देखते है ,जुब्बह पहन कर यह मुझे सऊदी के शेख की तरह लगता है इसको हिंदुस्तानी बनाते है !” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
”हाँ बिलकुल जैसे हीरो हिंदुस्तानी वैसे मेरा जिनी हिंदुस्तानी !” परी आसिफ को हाई फइ देते हुए कहती है !
”कही तुम दोनों मिल कर मेरा मज़ाक तो नहीं बना रहे !” उमैर ने कहा !
”अरे नहीं हम बस थोड़ा सा ऐसे ही मज़े ले रहे !” आसिफ ने कहा !
खट्टी मीठी बातें करते हुए तीनो मॉल पहुँचते है !
”चलो पहले उमैर का गेटउप चेंज करते है फिर खुद का कुछ लेंगे उमैर कोई दिक्कत नहीं है तुम इसी हुलिये में मेरे साथ चलो कोई पूछेगा तो कह दूंगा ईरान से आये हो घूमने। मेरे दोस्त हो परी तुम डोमिनोज़ में रुको मैं और उमैर अभी आये !” आसिफ ने कहा तो परी डोमिनोस में जाकर उनका वेट करने लगती है ! कुछ देर बाद आसिफ आकर उसके सामने बैठ जाता है और पिज़्ज़ा आर्डर करने लगता है !
” तुम अकेले आ गये उमैर कहा है !” परी ने इधर उधर देखते हुए कहा !
”आ जाओ राजकुमार तुम्हारी रानी परेशान हो रही !” आसिफ के कहते ही उमैर दरवाज़े से अंदर आता है ,ब्लू जीन्स ,उसपर वाइट टी शर्ट के साथ ब्लू डेनिम जैकेट , पैरों में स्पोर्ट्स शूज आँखों में गोगल्स लगाए उमैर अंदर आता है !
”आसिफ क्या यह मेरा उमैर है ?” परी ने कुहनियों को टेबल पर टिकते हुए गाल पर हाथ रखते हुए कहा !
” हाँ यह तुम्हारा उमैर ही है मॉडर्न जिनि !” आसिफ ने कहा !
”या अल्लाह जी चाह रहा अभी इसे यही पर परपोज़ कर दूँ !” परी ने उमैर की बलाये लेते हुए कहा !
”वह तो तुम कर चुकी हो कुछ और करने का इरादा हो तो बताओ !”उमैर ने उसके सामने बैठते हुए कहा !
” फिलहाल पिज़्ज़ा खाते है तुम दोनों बाद में रोमांटिक हो जाना !” आसिफ पिज़्ज़ा लेकर चेयर पर बैठते हुए कहता है !
”उमैर गोगल्स उतार दो !” परी ने पिज़्ज़ा के स्लाइस उठाते हुए कहा !
”क्यों ? और यह कैसी चीज़ है खाने में हमारी दुनिया में यह कभी नहीं खाया मैंने !” उमैर ने कहा !
”उमैर तुम्हे पता है ना मुझे तुम्हारी आँखों में देखना कितना पसंद है ! और हाँ पिज़्ज़ा सिर्फ हमारी दुनिया में ही मिलता है तुम यहाँ से ले जाकर अपनी दुनिया में इसका बिज़नेस करना अच्छा इनकम होगा !”परी ने कहा !
”हमारी दुनिया में तिजारत वगैरा नहीं होता है वैसे यह पिज़्ज़ा खाने में लज़ीज़ है !” उमैर ने पिज़्ज़ा के बाईट लेते हुए कहता है !
काफी देर सैर सपाटे के बाद तीनो शॉपिंग कर के वापस घर आ जाते है और इस बार उमैर उनके साथ एक आम लड़के के रूप में होता है उसने अपनी दुनिया का एक लौता लिबास जो वो पहन कर आया था आसिफ के हवाले कर दिया होता है !
”अरे बेटा आगये तुम दोनों और यह तुम दोनों के साथ यह लड़का कौन है ?” हसन जी ने तीनो को घर पर आते देख कहा !
”यह मेरा दोस्त शाह उमैर है पहले सऊदी में जॉब करता था अब यह यहाँ वापस आ गया काम की तलाश कर रहा था तो मैंने इसे कहा के मेरे और परी के साथ ऑनलाइन काम करे तो यह राजी हो गया। फिलहाल इसे रहने के लिए कमरा चाहिए था तो मैं इसे यहां लेकर आ गया अब यही रहेगा !” आसिफ ने कहा !
”आओ उमैर बेटा आओ इसे अपना ही घर समझो परी जा बेटा अपनी मम्मी को चाय बनाने को कह दे जरा !” हसन जी ने कहा !
”आज चाय मैं बनाती हूँ पापा आप सब बैठ कर बातें करे !” परी ने कहा फिर शॉपिंग बैग्स कमरे में रख कर किचन में चली जाती है !
” मैं तो कई बार आता रहता हूँ तुम्हारे घर कभी मेरे लिए तुमने चाय नहीं बनाया और आज ?” आसिफ ने किचन में आकर कहा !
”ठीक है आज तुम भी पी लेना मेरी हाथ की बनी चाय !” परी ने गैस पर बर्तन रखते हुए कहा !
”परी क्या तुम सच में उस जिन से शादी करोगी ? मेरे कहने का मतलब है एक जिन और इंसान का रिस्ता कैसे पॉसिबल हो सकता है ! वह तो तुम्हे अपनी दुनिया में ले जाने की बातें कर रहा था !” आसिफ ने परी से कहा !
”चाहे मैं उसकी दुनिया में रहूं या वो मेरी दुनिया में क्या फ़र्क़ पड़ता है? बस हम दोनों को एक दूसरे का साथ चाहिए अगर मुझे उसकी दुनिया में जाना भी पड़ा तो मैं चली जाऊँगी आफ्टर ALL आज वो अपने घर परिवार से दूर मेरी ही वजह से है , हम दोनों के बीच कोई शर्त नहीं है बाकी आगे की बाद में देखेंगे फिलहाल लो तुम चाय की कप पकड़ो सब से पहले तुम्हे ही दे रही हूँ अपने हाथ की बनी चाय !” परी ने आसिफ को चाय की कप थमाते हुए कहा फिर वो चाय की ट्रे लेकर हॉल रूम में चली जाती है ! आसिफ उसे जाते देख चाय के कप अपने होठों से जैसे ही लगाता है उसके होठ गर्म चाय से जल जाते है !
” आसिफ बेटा देख ले इसकी बातें तेरा दिल जला रही थी और अब चाय होंठो को जल्दी ही कुछ इलाज करना होगा वरना मेरा वजूद परी की ज़िन्दगी में ख़ाक हो जायेगा और वो उमैर मेरी परी को लेकर उड़न छू हो जायेगा !” आसिफ चाय की चुस्किया लेते हुए खुद में कहता है !
आसिफ रात को अपने कार को घर के गराज में लगा कर जैसे ही कार का दरवाज़ा लगाने लगता है उसे पीछे की सीट पर एक बैग दिखता है वो उसे उठा कर देखता है तो उसमे उमैर के उतारे हुए कपड़े होते है ! उन कपड़ो को देखते ही आसिफ के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कराहट फ़ैल जाती है ! वो ख़ुशी में सिटी बजाते हुए गराज को लॉक कर के घर चला जाता है !
क्रमशः shah-umair-ki-pari-38
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Written by – Shama Khan
“मोहब्बत की शरारतें शुरू हो गयी है ,
दो दुनिया की चाहत शुरू होगयी है,
खुदा बचाये तुझे बुरी नज़र से ,
मेरी मोहब्बत हद से ज्यादा खूबसूरत होगयी है !“
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