Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 15

Ranjhana – 15

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 15

सजना के मुंह से शिवम् के लिए”गुंडा” शब्द सुनकर सारिका एक पल के लिए तो अवाक् रह गयी l उसने शिवम् की तरफ देखा शिवम सारिका की आँखों में देख रहा था वह उसे आँखों ही आँखों में बहुत कुछ बता देना चाहता था लेकिन सारिका ने अगले ही पल नजर घुमा ली l शिवम् अंदर ही अंदर परेशान हो गया ये सोचकर की कही सारिका उसे गलत न समझ ले l सारिका ने सजना की तरफ देखा और कहा,”माफ़ कीजियेगा , हमे लगा आप इनसे अब भी प्यार करती है इसलिए हमने ये सब कहा , आई ऍम रियली सॉरी”


“हमने ना तो कभी इनसे प्यार किया था ना अभी करते है , इह हमरे प्यार के लायक है भी नहीं”,सजना ने शिवम् को घूरकर देखते हुए कहा
सारिका ने कुछ नहीं कहा तो सजना अपने पापा से दूर हुई और कहने लगी,”राधिका कह रही है तुम इसकी दोस्त हो , पर अफ़सोस के तुमको इनके बारे में कछु नहीं पता l पुरे बनारस में इस से बड़ा धोखेबाज और शातिर इंसान नहीं मिलेगा आपको ,भले ये तुमरे सामने अच्छा बनने का दिखावा कर रहे पर इसकी असलियत से तुम अभी वाकिफ न हो ,,

बनारस की ऐसी कोई गली नहीं है जहा इनका नाम ना हुआ हो , बनारस का बच्चा बच्चा इनके कारनामो से वाकिफ है पर आपको नहीं पता …….. तुमने इनपे भरोसा कर कैसे लिया ? कही तुम तो ना इनके प्यार में पड के इह सब बोल रही हो ?”
सारिका ख़ामोशी से सब सुने जा रही थी l उसकी ख़ामोशी शिवम की बेचैनी को और ज्यादा बढ़ा रही थी l सजना की बातें सुनकर उसे गुस्सा भी आ रहा था की आखिर क्यों वो सारिका के सामने उसके अतीत को बया कर रही है l उसने धीरे से सारिका से कहा,”सारिका जी चले यहाँ से , प्लीज़ !


शिवम् की बात का सारिका कोई जवाब देती इस से पहले ही सजना बोल पड़ी,”क्यों सच सुनने में तकलीफ हो रही है ? , और अब तक तुमने जो लोगो को तकलीफ दी उसका क्या ? उसका हिसाब कौन करेगा ? तुम हमरे तो का किसी भी लड़की के प्यार के लायक ना हो समझे , तुमरे संस्कार ही ऐसे है की तुम किसी की भावनाओ को समझ ही नहीं पाओगे


“आप कौन होती है ये फैसला करने वाली की ये किसी के प्यार के लायक है या नहीं ? इनकी ख़ामोशी को आप इनकी सहमति समझ रही है , ये कुछ नहीं बोल रहे इसका मतलब ये नहीं की ये गलत है हो सकता है इनकी ख़ामोशी के पीछे बहुत बड़ी वजह हो जिससे आपको शर्मिंदा ना होना पड़ जाये”,सारिका ने इस बार कठोर शब्दों में कहा
“ओह्ह तो बड़ी परवाह हो रही है तुमको इनकी , बड़ा गहरा दोस्ताना है लगता है”,सजना ने सारिका का मजाक उड़ाते हुए कहा l


सजना की बात सुनकर शिवम् को गुस्सा आया लेकिन सारिका ने आँखों ही आँखों में उसे रोक दिया l शिवम् अपने बारे में बुरा भला सुन सकता था लेकिन सजना अब बेशर्मी पर उतर आई थी और शिवम् के साथ साथ उसने सारिका को भी नीचा दिखाना शुरू कर दिया जो की शिवम् से बिल्कुल बर्दास्त नहीं हो पा रहा था l लेकिन सारिका एक बहुत सुलझी हुई लड़की थी सजना की बातो का उस पर कोई खास असर नहीं पडा उसने उतनी ही शांति से कहा,”हमारे और इनके बिच जो रिश्ता है वो आप नहीं समझ पायेगी l”


“ऐसे नाजायज रिश्तो का कोई नाम भी तो नहीं न होता है”,सजना ने अहंकार से कहा
“तड़ाक !!”,एक थप्पड़ सीधा आकर सजना के गाल पर पड़ा जो की पास खड़े उसके पिता ने उसे मारा , उन्होंने गुस्से से कहा ,”बस बहुत हो गया , एक शब्द और निकाला अपनी गन्दी जबान से तो हम भूल जायेंगे की तुम हमारी बेटी हो”
सजना को इसकी उम्मीद नहीं थी वह गाल पर हाथ रखे अपने पापा को अवाक् सी देखे जा रही थी l


“सर प्लीज़”,शिवम् ने आगे बढकर उसके पापा को रोकते हुए कहा l
“नहीं बेटा !! इसके लिए यही सही है, हमारे लाड प्यार ने इसको इतना बिगाड़ दिया है की इसे ये भी नहीं पता की किसी से किस तरह पेश आना चाहिए l हमे शर्म आती है खुद को इसका पिता कहते हुए”,उनकी आवाज में दर्द था वो सारिका के सामने आये और कहा,”इसकी तरफ से हम माफ़ी चाहते है बेटा !! “


“आप माफ़ी मत मांगिये , आप हमसे बड़े है अच्छा नहीं लगता”,कहकर सारिका सजना की और बढ़ी और कहा,”कई बार हम ऐसे शब्द कह जाते है जिनसे सिर्फ सामने वाले को नहीं बल्कि खुद को भी तकलीफ होती है l शिवम् जी के बारे में आपने जो कुछ भी कहा वो हम नहीं जानते , हम आपको भी नहीं जानते पर आप जानती है इतना सब होने के बाद भी हम यहाँ क्यों है ? क्योकि हम किसी के प्यार को हारता हुआ नहीं देखना चाहते l l

अरे हमे क्या पड़ी है किसी की निजी जिंदगी में दखल देने की पर जब आपने राधिका से कहा की आप ये शादी नहीं करना चाहती तब हमने आपके पापा से वो सब कहा l आपकी ख़ुशी के लिए वो मान गए ये जानते हुए भी की बारात दरवाजे पर खड़ी है ,, ऐसे पिता का सम्मान आप हम सबकी नजरो में गिराकर उनकी गुनहगार मत बनिए l

कोई भी पिता अपनी बेटी पर हाथ तब उठाता है जब वह मजबूर हो जाता है l अपने पिता के प्यार को यु सरे आम बेइज्जत मत कीजिये l l”
सारिका की बात सुनकर सजना का सर शर्म से झुक गया l उसके पिता सर झुकाकर पास रखी कुर्सी पर बैठ गए l शिवम उनके पास आया और उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”परेशान मत होईये सर , हम कुछ करते है सजना की शादी वही होगी जहा ये चाहेगी”


“लेकिन बारात दरवाजे पर खड़ी है बेटा , उन्हें मैं क्या जवाब दू”, उनकी आँखे नम हो गयी
“हिम्मत से काम लीजिये अंकल , इस वक्त आप जिस दर्द और तकलीफ से गुजर रहे है वो हम समझ सकते है l “,सारिका ने उनके दूसरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
शिवम् सजना के सामने आया और कहा,”हम जानते है तुम हमसे बहुते नफरत करती हो और हम चाहते भी यही है की तुमरी ये नफरत हमारे लिए जिंदगीभर रहे l

जिस लड़के को तुम चाहती हो उसे यहाँ बुलाओ , तुमरी शादी उस से इसी मंडप मे हम करवाएंगे l “
शिवम् की बात सुनकर सजना ने नम आँखों से शिवम् की तरफ देखा तो शिवम् ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”अक्सर जो हम देखते है वो सच नहीं होता l उस लड़के को बुलाओ “
“वो बाहर ही है”,सजना ने अपने आंसू पोछते हुए कहा l
शिवम् ने उसका हाथ पकड़ा और कमरे से बाहर जाने लगा पीछे पीछे सारिका , राधिका और त्रिपाठी जी आये l

बाहर आकर उसने सजना से लड़के के बारे में पूछा तो उसने ऊँगली से सामने इशारा कर दिया l लड़का सामने ही बैठा था शिवम् ने उसे आने का इशारा किया l
“भैया तुमरा कोल्ड ड्रिंक “,नौकर ने मुरारी की और बोतल बढ़ाते हुए कहा
मुरारी की नजर सामने पड़ी जहा शिवम् खड़ा था उसे कुछ गड़बड़ लगी वह कुर्सी से उठा और नौकर को साइड में करते हुए कहा,”साला वहा आग लगी पड़ी है तुम हो के हिया हमको ठंडा पिलाय रहे हो , साइड हटो”


भीड़ में कानाफूसी होने लगी l त्रिपाठी जी का चेहरा उतर गया इतने लोगो में उनका अपमान जो होने वाला था l
लड़का जिसे सजना चाहती थी उठकर शिवम् के सामने आ खड़ा हुआ l शिवम् ने लड़के को देखा ये वही लड़का था जो कॉलेज में शिवम् से कई बार पिट चुका था लेकिन बात सजना की थी इसलिए शिवम् ने कुछ न कहकर सीधा लड़के से कहना शुरू किया,”मेरी बात ध्यान से सुनो ये लड़की तुम्हे बहुत चाहती है और इसने बताया की तुम भी इस से प्यार करते हो l

आज इसकी शादी किसी और से होने जा रही है लेकिन ये तुमसे शादी करना चाहती है l वो सामने मंडप है फैसला तुम्हे करना है अगर तुम इसे चाहते हो तो अभी इसी वक्त तुम्हे इस से शादी करनी होगी”
“मैं इसे चाहता हु लेकिन………………………….!!”,लड़का कहते कहते रुक गया
“लेकिन क्या ? , तुमने कहा था तुम मुझसे प्यार करते हो और मुझसे शादी करना चाहते हो”,सजना ने कहा
“हां मैं शादी करना चाहता हु लेकिन इस तरह अचानक ……………..!!”,लड़का परेशान हो गया


“समधी जी ये सब यहाँ क्या हो रहा है ? जब आपकी बेटी पहले से किसी लड़के को चाहती थी तो हमे यहाँ बेइज्जत करने के लिए क्यों बुलाया ?”,दूल्हे के बाप ने त्रिपाठी जी से गुस्से से कहा
“समधी जी आप हमे थोड़ा समय दीजिये हम आपको ससमझाते है”,त्रिपाठी जी ने उनके सामने हाथ जोड़ते हुए कहा


“क्या समझायेंगे आप ? इस लड़की में जरा भी शर्म नहीं है जो ये सबके सामने अपने प्रेमी के साथ खड़ी है”,आदमी गुस्से से भड़क उठा l
शिवम ने उनकी बातो पर ध्यान नहीं दिया और उस लड़के से कहा,”देखो बात बहुत बिगड़ चुकी है , त्रिपाठी जी की इज्जत अब तुम्हारे हाथ में है l सजना से शादी कर लो”
“अरे ऐसे कैसे कर ले शादी ? हमरा भी कोनो घर बार है , घरवालो को का जवाब देंगे हम ?”,लड़का बिफर पड़ा


सजना ने आगे बढ़कर लड़के का कॉलर पकड़ लिया और कहा,”तो का प्यार तुमरे घरवालों से पूछ कर किये थे ? तब कितने रंगीन वादे किये हमसे , कितने ख्वाब दिखाए वो सब क्या था ?
“तुमको हमसे इस तरह बात करने का कोई हक़ नहीं है , जो लड़की अपने बाप की इज्जत का ना सोच रही वो आगे चलकर हमारा का सोचेगी”,लड़के ने झटके से कोलर छुड़ाते हुए कहा


माहौल काफी ख़राब हो चूका था l सजना रोने लगी तो राधिका ने उसे सम्हाला l उधर दूल्हे का बाप त्रिपाठी जी से उलझा हुआ था l वहा बैठे सभी लोग तरह तरह की बातें करने लगे l कुल मिलाकर त्रिपाठी जी की इज्जत की वहा धज्जिया उड़ रही थी l बारातियो का गुस्सा तो सांतवे आसमान पर था l इस सबके बिच एक अजीब ही घटना घटी स्टेज के पास ही स्पीकर वाले ने झगडे से बेखबर गाना बजा दिया l ,”दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है , दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है”


गाना जैसे ही हमारे मुरारी भैया के कानो में पड़ा वह गुस्से से dj वाले की तरफ गया और बिना कुछ कहे एक थप्पड़ लड़के के गाल पर जड़ दिया l म्यूजिक बंद हो गया लड़का हैरानी से मुरारी को देख रहा था सबका ध्यान उस और चला गया तो मुरारी ने कहा,”साला वहा मातम चल रहा है और तुमको गाना बजाने की पड़ी है , ऐसा तोड़ेंगे बजाने लायक ना रहोगे ,, का समझे ख़ामोशी से बैठो “


कहकर मुरारी पलटा और शिवम् की और आने लगा तो शिवम् ने आँखों से इशारा करके उसे रोक दिया l मुरारी वही रुक गया
“ये शादी नहीं हो सकती त्रिपाठी जी , हमे यहाँ बुलाकर आपने हमारा बहुत अपमान किया है”,दूल्हे के बाप ने कहा और अपने बेटे को मंडप से उठने का इशारा किया l दूल्हा उठकर आया और अपने पिता की बगल में खड़ा हो गया l त्रिपाठी जी के हाथ में अब कुछ नहीं था l वे वही पास रखी कुर्सी पर सर झुकाकर बैठ गए l


उधर उस लड़के ने सजना से शादी करने से साफ इंकार कर दिया l सारिका को सजना के लिए बहुत बुरा लग रहा था उसने सजना को समझाते हुए कहा,”जो लड़का आज आपको अपनाने से इंकार कर रहा है , क्या वो जिंदगीभर आपका साथ निभा पायेगा , हमे नहीं लगता वो ऐसा कर पायेगा l आपको अपनाने की हिम्मत नहीं है उसमे और आपने ऐसे लड़के के लिए अपने पापा का सर शर्म से झुका दिया l

माँ बाप को दुखी करके आज तक कोई औलाद खुश नहीं रह पाई है सजना जी l फैसला आपको करना ऐसे कमजोर इंसान से शादी करनी है या उनके जैसे मजबूत पिता का कंधा चाहिए”
सारिका की बात सीधी जाकर सजना के दिल को लगी पहली बार वो को सही फैसला लेने जा रही थी वह लड़के की तरफ बढ़ी और एक जोरदार ठप्पड़ लगाते हुए गुस्से से कहा,”तुझसे प्यार करके मैंने अपनी जिंदगी की बहुते बड़ी गलती की है , दफा हो यहाँ से”


लड़का गाल सहलाता हुआ वहा से चला गया l सजना की आँखो से आंसू बहने लगे l शिवम् और सारिका को थोड़ी राहत मिली l अब उन्हें त्रिपाठी जी के सम्मान को बचाना था l कुछ लोग उठकर अपने घर जा चुके थे और बाकि वही बैठकर तमाशा देख रहे थे l स्टेज के पास ही बैठा मुरारी ख़ामोशी से ये सब देख रहा था उसका दिल तो किया सबकी कनपटी पर बन्दुक रखे और सबको एक साथ समझा दे लेकिन शिवम की वजह से चुप था l तभी एक थुलथुल से शरीर वाला आदमी बाहर से आया और आकर सीधा मुरारी से पूछा,”भाईसाहब , खाना कब शुरू होगा ?”


मुरारी ने अपना सर खुजाया और आदमी को एक थप्पड़ मार कर कहा,”यहाँ भौकाल मचा है और तुमको खाने की पडी है , साला हो का गया है इह बनारस के लोगो को”
बेचारा आदमी रुआँसी शक्ल लेकर वहा से चला गया l


मुरारी ने फिर से अपना ध्यान शिवम् और बाकि लोगो की तरफ लगा लिया l दूल्हे का बाप जैसे ही जाने लगा शिवम् ने उन्हें रोकते हुए कहा,”सर , इस तरह से ये शादी छोड़कर मत जाईये उस लड़की की जिंदगी खराब हो जाएगी सर प्लीज़ , त्रिपाठी जी किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे l उनके सम्मान को बनाये रखने के लिए l ये शादी हो जाने दीजिये”


“जब इनकी बिटिया आशिक़ी कर रही थी तब कहा थे ये , तब ना सम्हाल पाए लड़की को तभी तो आज ये दिन देखना पड़ रहा है इनको”,दूल्हे के बाप ने बेइज्जती से कहा
त्रिपाठी जी का सर शर्म से झुका जा रहा था l शिवम ने हाथ जोड़ते हुए कहा,”जो हो गया उसे भूल जाईये सर और ये शादी हो जाने दीजिये “


“ये शादी अब हरगिज नहीं हो सकती , हमारी कितनी बदनामी हुई है यहाँ सबके सामने”,उन्होंने गुस्से से कहा
“बदनामी तो तब भी होगी जब ये शादी नहीं होगी , ये शादी टूटने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा , फर्क पड़ेगा तो सिर्फ आपके और इनके परिवार को l लोगो के ताने उलाहने जितना ये लो सुनेंगे उतना ही आपको भी सुनना होगा”,ी बार सारिका ने आगे आकर कहा


“जिओ भाभी का डायलॉग मारी हो”,मुरारी ने मन ही मन कहा l तभी वो थुलथुल पेट वाला आदमी फिर से वहा आ गया और कहा,”भैया , अब तो बता दो खाना कब शुरू होगा ?”
मुरारी ने उसे अपने पास बुलाया और फिर से एक थप्पड़ और मारते हुए कहा,”तुमरे बाप का बियाह है हिया जो खाने का पूछ रहे तुम बार बार , साला यहा सीरियस टॉपिक चल रहा है और तुमको मजाक सूझे रहा है l चुपचाप हिया से निकल लो बेटा और दोबारा हमको नजर नहीं आना”


आदमी गाल सहलाते हुए वहा से चला गया l
“समधी जी , जो कुछ हुआ उसे हमारी भूल समझ कर माफ़ कर दीजिये l पर ये शादी मत तोड़िये बच्चो की जिंदगी ख़राब हो जाएगी”,त्रिपाठी जी की आँखों से आंसू छलक आये लेकिन दूल्हे के बाप को तो अकड़ने का मौका अभी मिला था उसने घमंड से भरकर कहा,”क्यों समधी जी अब आँख खुली आपकी ? बिटिया शहर भर में आशिक़ी करती फिर रही थी तब कहां थे तुम ?”


“आशिक़ी ही तो की है ना उसने कोई गुनाह तो नहीं किया , आपने भी कभी ना कभी किसी को चाहा होगा , सबको किसी ना किसी से प्यार होता है l तो क्या प्यार करना गुनाह हो गया l ये वक्त ऐसी बाते करने का नहीं है सर , मंडप सजा है , सब लोग यहाँ है , लड़का लड़की दोनों यही है ये शादी होने दीजिये इसी में दोनों परिवारों की भलाई है”,शिवम् ने एक बार फिर दूल्हे के बाप को समझाते हुए कहा l


माहौल एक बार फिर गरमा गया इसी बिच मुरारी को वहा बैठे बैठे गुस्सा आ रहा था की आखिर शिवम् क्यों बार बार उनके सामने हाथ जोड़ रहा है इसी बिच वह आदमी फिर आ गया इस बार उसने मुरारी से थोड़ा डिस्टेंस रखा l उसे देखते ही मुरारी का दिमाग घुम गया उसने आदमी को घूरते हुए पूछा,”अब का है बे ?
“भैया आप फिर से ना मारे तो एक्को बात पूछे “,आदमी ने डरते डरते पूछा
“हां पूछो”, मुरारी ने झुंझलाकर कहा


“वो हमरी बीवी बार बार फोन कर रही है पूछे खातिर के खाना बनाये या खाकर आओगे , तो बस हमको तो इतना ही जानना था यहां खाना शुरू होगा या फिर हम घर पे बनाने को बोल दे”,आदमी ने डरते डरते कहा
“अरे अरे तो पहले बोलना था न , हम खामखा तुमको मार दिए , भैया ये बीवी न बहुते टेंशन वाली चीज है हम बताय रहे है l साला जीना हराम कर देती है”,मुरारी ने मुंह बनाते हुए कहा
“भैया तुमरी शादी हो गयी का ?”,आदमी ने सांप के बिल में हाथ डालते हुए कहा


“देखो बेटा तुम ना जियादा जज न बनो और हमार जले पर नमक ना छिड़को l खाना खाने आये थे न रुको अब हे इंतजाम करते है”,कहकर मुरारी ने सामने खड़े कुछ लड़को को इशारे से बुलाया
“हां भैया !!”,लड़को में से एक ने कहा
“इन भाईसाहब को बाहर लेजाकर खाना खिलाओ , और हां जरा अच्छे से खिलाना कोई कोना खाली ना बचने पाए”,मुरारी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहां


आदमी खुशी ख़ुशी उन लोगो के साथ जाने लगा और फिर रूककर कहा,”भैया एक बात कहे वैसे आप बहुत अच्छे हो , थैंक्यू”
आदमी के जाने के बाद मुरारी ने धीरे से कहा,”साला पता नहीं सुबह सुबह किसका मुंह देखे जो ये सब देखे को मिला………….साला खुद का ही तो देखे थे शीशे मे ,, भक्क साला अब तो खुद की शक्ल ही मनहूस होने लगी l और ये तमाशा ख़त्म कब होगा यार !!”

शिवम् और सारिका वैसे ही विनती करते रहे पर किसी ने उनकी एक ना सुनी l आखिर में मुरारी आया उसने दूल्हे की गर्दन पकड़ी और उसे कोने में लेकर कहने लगा,” देखो बेटा ऐसा है तुमरा बाप तो जिंदगी के मजे ले चुका और अब उ तुमरे फट्टे में अड़ा रहा है टाँग l 30 के हो गए हो और शुक्र मनाओ शादी हो रही है वो भी इतनी सुंदर लड़की से ,, आज ये शादी ना भी हो तो लड़की को तो कोई न कोई मिल ही जायेगा , कँवारे रहोगे तो तुम l

कँवारे नहीं रंडवे ………….वो का है ना आधी शादी तो हो चुकी तुमरी l लड़की ने किसी से प्यार किया तो का गलत किया तुमने भी तो अपने समय में लौंडिया बाजी की है न ll अब बात इतनी सी है की अपने बाप की सुनोगे तो रहोगे कंवारे और हमारी सुनोगे तो अभी के अभी फेरे करवा देंगे तुम्हारे ……………..बोलो का कहते हो ? मंजूर है !!”
“हम तैयार है”,लड़के ने कहा


“जे बात , ये की तुमने मर्दो वाली बात आओ ब्याह करवाते है तुमरा”,कहते हुए मुरारी दूल्हे को लेकर सबके बिच आया और जोर से कहा,”देखो पिरोब्लम सॉल्व हो गयी है दूल्हे राजा शादी के लिए तैयार है”
सबके चेहरे ख़ुशी से खिल उठे शिवाय दूल्हे की बाप के l मुरारी ने देखा तो उनके पास आया और कहां,”का चच्चा बच्चो की ख़ुशी के खातिर इतना तो कर ही सकते हो”


दूल्हा अपने बाप के पास आया और कहा,”पापा हम उसे पिछले दो साल से पसंद करते है अगर आज ये शादी ना हुई तो हम किसी से शादी नही करेंगे बताय रहे है”
“30 के हो चूके तुमसे करेगी भी कौन ?”, दूल्हे के बाप ने मन ही मन सोचा और आखिर में शादी के लिए मान गया

त्रिपाठी जी के घर खुशिया एक बार फिर लौट आयी l शिवम् और सारिका भी मुस्कुरा उठे l सजना भी अब शादी के लिए तैयार थी l शादी की तैयारियां होने लगी लेकिन मुरारी को अभी भी वहा कुछ सूना सूना सा लग रहा था वह dj वाले की तरफ गया l dj वाला मुंह लटकाकर बैठा था मुरारी ने खींचकर एक थप्पड़ मारा और कहा,”बजाय काहे नहीं रहे हो बे ?


“भैया कुछ देर पहले बजाये थे तब मारे आप”,लड़के ने लगभग रोते हुए कहा
“तो बिना मारे अब भी कहा बजाये रहे तुम , चलो बजाओ”,मुरारी ने आदेश देते हुए कहा
“भैया गाना भी आप ही बता दो वरना फिर से आकर मारोगे’,लड़के ने डरते डरते कहा
“का कॉमेडी कर रहे हो हमरे साथ , बनारस में हो ना बेटा तो बनारस जैसा ही लगा दो कुछ ,, और अगर ढंग का ना लगाए तो याद रखना फिर से आके तोड़ेंगे तुमको”,कहकर मुरारी वहा से चला गया


dj वाले ने गाना ढूँढना शुरू कर दिया l
उधर से निकलकर मुरारी जब शिवम् और बाकि सबकी तरफ जा रहा था तभी किसी से टकरा गया सामने वही थुलथुल आदमी था लेकिन इस बार उसकी हालत धोबी के धुले हुए कपडे जैसे हो रखी थी देखकर लगा जैसे किसी ने उसे बिना साबुन पाउडर के धोया हो मुरारी को देखते ही वह रोते हुए बोला,”गलती हो गयी भैया आज के बाद तुमसे तो का हम अपनी बीवी से भी नहीं पूछेंगे खाने के बारे में l ऐसे खाना पहली बार खाये है हम , चलते है”
कहकर आदमी चला गया l

मुरारी ने शर्ट में टंगा चश्मा निकाला और आँखों पर लगाकर आगे बढ़ गया l सजना अपने दूल्हे के साथ मंडप में बैठी थी l सारिका और राधिका सामने कुर्सियों पर बैठी थी दोनों के चेहरे पर सुकून था l शिवम् त्रिपाठी जी के साथ वही मंडप में खड़ा था l मुरारी आकर सारिका और राधिका के पास बैठ गया और बातें करने लगा l जब मंडप में भाई की जरूरत पड़ी तब शिवमं ने आगे बढ़कर वो रस्म निभाई क्योकि सजना त्रिपाठी जी की इकलौती संतान थी l सजना ने देखा तो उसकी आँखों में आंसू झलक आये l

उसने जिसे गलत समझा , बुरा भला कहा आज उसी ने उसके घर की इज्जत को अपमानित होने से बचा लिया था l रस्म निभाकर शिवम् नीचे आ गया l सारिका से नजरे मिलाने की उसमे हिम्मत नहीं थी इसलिए वह जाकर पीछे बैठ गया l सारिका के मन में अनगिनत सवाल थे पर अभी उसे सही समय का इंतजार था ll इधर काफी देर से एक लड़की मुरारी को देखकर मुस्कुराये जा रही थी l मुरारी की तो आज लॉटरी लग गयी कोई लड़की खुद से उसे भाव दे रही थी l


शादी सम्पन्न हुई सजना अपने पति के साथ शिवम् के सामने आई और कहा,”हमको माफ़ कर दो हमने तुमको बहुते गलत समझा”
शिवम् ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराकर उसके सर पर अपना हाथ रख दिया l
सजना बहुत खुश थी l उसने अपने पापा और ससुराल वालो से भी अपने किये के लिए माफ़ी मांगी l सब खुश थे l जो भी गीले शिकवे थे सब दूर हो चूके थे l लड़की भी मुरारी से खासा इम्प्रेस हो चुकी थी l

dj वाले ने अभी तक कोई गाना नहीं लगाया था मुरारी कुर्सी पर चढ़ा और चिल्लाकर कहा,”अबे गाना बजाए हो के नहीं या तुमको आकर बजाए हम”
मुरारी के इतना कहते ही गाना बजने लगा l
हां… ओये ओये ओये बनारसिया
हाए बनारसिया
आ… बनारसिया
हाए बनारसिया


रंग में भंग या भंग में रंग
बनारसिया… हाए बनारसिया
संग में जंग या जंग में संग
बनारसिया… हाए बनारसिया
हां… हां… हां…


हाए बनारसिया
हाए बनारसिया
आ… बनारसिया
मुरारी ने जैसे ही सुना ख़ुशी उसके चेहरे पर छलकने लगी l सजना राधिका को खींचते हुए ले आई और उसके साथ डांस करने लगी l दूल्हे राजा ने भी उनका साथ दिया और उनके साथ मटकने लगा l

बस फिर क्या था मुरारी सबको बिच में ले आया l त्रिपाठी जी उनकी घरवाली बाकि सब रिश्तेदार भी सब ख़ुशी मनाने लगे l हॉल में लगी कुर्सियों पर जो बैठे थे सब अब एक तरफ खड़े थे l खाली कुर्सियों पर आगे ही आगे सारिका बैठी थी और उस से कुछ पीछे शिवम् बैठा था l राधिका ने डांस करते हुए देखा सरिका नहीं है तो वह आई और सारिका का हाथ पकड़कर ले गयी l सारिका ने मना किया तो सजना और मुरारी जिद करने लगे l

सारिका ने उनकी बात मान ली और डांस करने लगी जैसे ही शिवम् की नजर उस पर पड़ी तो बस उसी पर ठहर कर रह गयी l वह अपनी जगह पर उठ खड़ा हुआ और सारिका को एक टक निहारता रहा l सारिका इस से बेख़बर नाचने में व्यस्त थी उसने शिवम को देखा नहीं पर शिवम् उसे सारिका के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था

“आज शाम बनारस में अगर कुछ खूबसूरत था तो वो थी बनारसी साड़ी में लिपटी सारिका !!”

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