Pasandida Aurat – 8
Pasandida Aurat – 8

मरुधर सोसायटी , मकान नंबर 154 , सिरोही , राजस्थान
अपने कमरे में बैठा सिद्धार्थ नंदिनी के बारे में सोच रहा था , नंदिनी आज उसके घर आकर जो किया उसने सिद्धार्थ की मुश्किलों को और ज्यादा बढ़ा दिया था। जगदीश सिद्धार्थ को अपना फैसला सुना चुके थे और सिद्धार्थ के पास उनकी बात मानने के अलावा दुसरा कोई रास्ता था भी नहीं , वह ऑफिस बीच में छोड़कर आया था इसलिए बॉस का फोन आने पर सिद्धार्थ उठा बाथरूम में जाकर अपना मुंह धोया और तैयार होकर घर से निकल गया। गिरिजा उसके लिए चाय लेकर आयी थी लेकिन तब तक सिद्धार्थ वहा से जा चुका था।
ऑफिस आकर सिद्धार्थ अपने केबिन में चला आया और नंदिनी का गुस्सा अपनी टीम पर निकाला , सिद्धार्थ को गुस्से में देखकर सब चुपचाप अपना काम करने लगे किसी ने सिद्धार्थ से कोई सवाल जवाब नहीं किया। शाम में ऑफिस से बाहर आकर सिद्धार्थ ने नंदिनी को “कृष्णा रिसोर्ट” आने को कहा और खुद भी अपनी गाडी लेकर निकल गया। शहर से 10 किलोमीटर दूर ये एक बहुत ही प्यारा सा रिसोर्ट था जहा कपल्स आया करते थे और खाने पीने के साथ यहाँ अच्छा वक्त बिताया करते थे। गाड़ी कृष्णा रिसोर्ट के पार्किंग एरिया में आकर रुकी।
सिद्धार्थ गाड़ी से उतरा और लॉन में बने सिटिंग एरिया की तरफ बढ़ गया जैसे उसे पता हो कि नंदिनी हमेशा की तरह यही टेबल नंबर 9 पर बैठी होगी और वैसा ही हुआ , नंदिनी पहले से टेबल नंबर 9 के सोफे पर बैठी कोई ड्रिंक पी रही थी।
सिद्धार्थ उसके पास आया और सोफे के दूसरे किनारे पर आ बैठा , उसके और नंदिनी के बीच एक जन और बैठ सके इतनी जगह खाली थी।
नंदिनी ने सिद्धार्थ को खुद से दूर बैठे देखा तो फीका सा मुस्कुराई और ताना मारते हुए कहा,”कल तक रिश्ते में थे तो मुझसे चिपककर बैठने का एक मौका नहीं छोड़ते थे और आज रिश्ता खत्म करने आये हो तो पहले ही दूरी बना ली,,,,,,,,!!”
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है नंदिनी कि मैं तुमसे रिश्ता तोड़ने आया हूँ ?”,सिद्धार्थ ने नंदिनी की तरफ देखकर बुझे स्वर में कहा
नंदिनी ने सुना तो फिर मुस्कुराई और कहा,”तुम्हारे तेवर बता रहे है मिस्टर सिद्धार्थ माथुर कि आज भी तुम सिर्फ अपने मतलब के लिए आये हो”
नंदिनी की बातें सिद्धार्थ को चुभन का अहसास करवा रही थी लेकिन फिर भी उसने खुद को शांत रखा और कहा,”आज तुमने मेरे घर आकर ठीक नहीं किया नंदिनी , तुम्हे इस तरह मेरे घर आकर तमाशा नहीं करना चाहिए था। तुमने मेरे पापा की इंस्लट की , मेरे लिए बुरा कहा,,,,,,
घर आने से पहले एटलीस्ट एक बार तो मुझे बताती मैं बात करता तुमसे , पापा से , लेकिन तुमने , तुमने घर आकर सब खराब कर दिया। अब पापा कभी नहीं मानेंगे , तुम्हारा ये बिहेवियर देखने के बाद तो बिल्कुल भी नहीं,,,,,,,,,,,!!”
“तमाशा मैंने किया है या तुमने सिद्धार्थ ? मेरे ऑफिस के कलीग्स से लेकर मेरे दोस्तों , जानने वालो सबको पता है वी आर डेटिंग इच अदर,,,,,,,,,और इसके बाद भी तुमने अपने पापा के कहने पर किसी और लड़की से शादी करने के लिए हाँ कर दी , तुम ऐसा कैसे कर सकते हो ?”,नंदिनी ने गुस्से से हाथ टेबल पर मारकर कहा तो आस पास की टेबल पर बैठे लोग सिद्धार्थ और नंदिनी को देखने लगे
“मैंने सिर्फ हाँ कहा था शादी की नहीं थी , शादी से पहले मैं उन्हें तुम्हारे लिए मना लेता नंदिनी,,,,,,,,और क्या मैंने कहा था तुमसे अपने दोस्तों से , ऑफिस के लोगो से हमारे रिश्ते के बारे में बताने के लिए , मैंने तुम्हे चीजे प्राइवेट रखने को कहा था तुमने उन्हें पब्लिक किया इसलिए अब मुझे ब्लेम मत करो,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने गुस्से से लेकिन धीमे स्वर में कहा
“ओह्ह्ह हाँ ! जो हुआ उसके लिए मैं तुम्हे ब्लेम कैसे कर सकती हूँ गलती तो मेरी है ना सिद्धार्थ जो मैंने तुम जैसे इंसान से प्यार किया , तुम जैसे घटिया आदमी पर अंधा विश्वास किया , तुम्हे अच्छा समझने की भूल की,,,,,,,,!!”,नंदिनी ने नफरत भरे स्वर में कहा
नंदिनी को गुस्से में देखकर सिद्धार्थ कुछ देर खामोश रहा और फिर धीमे स्वर में कहने लगा,”मैंने तुम्हारे साथ एडजस्ट करने की बहुत कोशिश की है नंदिनी लेकिन तुम खुद को बदलना ही नहीं चाहती ,
तुम्हारा लाइफ स्टाइल , तुम्हारी लेट नाईट पार्टीयो में जाना , तुम्हारे इतने सारे मेल फ्रेंड्स , तुम्हारे शौक ये सब मेरे घर में नहीं नहीं चल सकते , मेरे पेरेंट्स को ऐसी लड़की चाहिए जो उनके घर के लायक हो , उनकी रिस्पेक्ट कर सके , मेरे बाद भी घर सम्हाल सके”
नंदिनी ने सुना तो गुस्से से उसका चेहरा लाल हो गया और उसने सिद्धार्थ को घूरकर कहा,”तो तुम ये कहना चाहते हो मैं तुम्हारे घर के लायक नहीं,,,,,,,,,,,जब मेरे साथ रिलेशनशिप में आये थे तब तो तुम्हे मेरा लाइफ बहुत अट्रेक्टिव लगा था , लेट नाईट पार्टी तुम्हारी होती थी जिसमे मैं तुम्हारे साथ बस एक शो पीस की तरह नजर आती थी ,
बॉयफ्रेंड बनने से पहले तुम भी मेरे दोस्त ही थे ना ,, अगर तुम्हारे पेरेंट्स तुम जैसे घटिया इंसान को अपने घर में रख सकते है तो मैं तो फिर भी बेटर डिजर्व करती हु सिद्धार्थ ,, थैंक्यू ! आज तुमने मेरी आँखे खोल दी , वरना तुम जैसे छोटी सोच वाले इंसान के साथ मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती , मुझे लगता था तुम मुझसे प्यार करते हो सिद्धार्थ लेकिन तुम तो प्यार का नाटक कर रहे थे , वेल प्ले सिद्धार्थ वेल प्ले”
“तुम मेरी बात को गलत समझ रही हो नंदिनी , मैं बस तुमसे”,सिद्धार्थ ने उलझे हुए स्वर में कहा
नंदिनी उठी और कहा,”अब तक मैंने वही समझा है सिद्धार्थ जो तुमने मुझे समझाया है , पहली बार मैं बहुत सही समझ रही हूँ,,,,,,,गेट लॉस्ट , तुम मुझे क्या छोड़ोगे मैं खुद तुम्हे छोड़ती हू”
“नंदिनी तुम,,,,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कहा लेकिन वह आगे कुछ कह पाता इस से पहले नंदिनी ने अपनी आधी बची ड्रिंक के गिलास को उठाया और उसमे भरी ड्रिंक सिद्धार्थ के मुंह पर फेंक दी।
गिलास में भरी ड्रिंक सिद्धार्थ के मुंह से लेकर कपड़ो तक को गंदा कर कर गयी। आस पास बैठे लोग एक बार फिर दोनों को देखने लगे। नंदिनी के इस बर्ताव से सिद्धार्थ का चेहरा उतर गया वह उदास नजरो से नंदिनी को देखने लगा। नंदिनी की आँखे गुस्से से भरी थी और चेहरे पर कठोर भाव थे।
सिद्धार्थ को खामोश देखकर नंदिनी ने कहा,”और अगर तुम्हे लगता है मुझे धोखा देकर तुम अपनी जिंदगी में खुश रह पाओगे तो तुम्हारा ये वहम भी जल्दी ही दूर हो जाएगा,,,,,,,बददुआ लगेगी तुम्हे मेरी और सच्चा प्यार हाह उसके तो तुम लायक भी नहीं हो,,,,,,,,गुड बाय”
कहकर नंदिनी वहा से चली गयी। सिद्धार्थ और ज्यादा उदास हो गया और अपना सर झुका लिया , आस पास के लोगो को सिद्धार्थ और नंदिनी का झगड़ा दिख रहा था लेकिन दोनों के बीच क्या बातें हो रही है ये किसी को सुनाई नहीं दिया बस सिद्धार्थ को उदास और दुखी देखकर आसपास के लोगो ने अंदाजा लगा लिया कि नंदिनी की गलती है। कुछ ही दूर बैठे लोगो में एक लड़की उठकर आयी और सिद्धार्थ को हिम्मत देने लगी , सिद्धार्थ ने लड़की का हाथ थामकर अपने ललाट से लगा लिया और रोने लगा ये देखकर आस पास के लोग भी सिद्धार्थ के पास चले आये और उसे सांत्वना देने लगे।
कुछ देर बाद सिद्धार्थ ने कहा,”आई ऍम ओके , आई ऍम फाइन”
सिद्धार्थ की बात सुनकर सब दूर हट गए सिद्धार्थ उठा और वाशबेसिन की तरफ चला आया। अंदर आकर उसने अपना मुंह धोया और अपने कपड़ो पर लगे दाग को साफ किया। उसने अपने बालों को भी पानी से थोड़ा गीला किया और हाथ घुमाकर उन्हें सेट करते हुए शीशे में खुद को देखा। नंदिनी ने उसके साथ गलत किया या सिद्धार्थ ने नंदिनी के साथ गलत इसका जवाब सिर्फ तीन जन के पास था नंदिनी , सिद्धार्थ और ईश्वर बाकि कोई नहीं जानता था इस रिश्ते में गलती किसकी थी ?
शीशे में देखते हुए सिद्धार्थ खुद से कहने लगा,”इसे कहते है सांप भी मर जाना और लाठी भी ना टूटना , पुअर नंदिनी तुम्हे लगा तुम घर आकर तमाशा करोगी और मैं डर जाऊंगा , तुम जैसी लड़किया भले ही खुद को कितना भी होशियार समझ ले मगर होती नहीं है। मैंने तुमसे एक चुभती बात कही जो जाकर सीधा निशाने पर लगी और देखो तुमने खुद ही अपनी तरफ से सब खत्म कर दिया,,,,,,,वैसे मैं तुम्हे थैंक्यू भी नहीं बोल पाया , थैंक्यू सोओओओओ मच नंदिनी”
सिद्धार्थ ने एक बार फिर बालों में से अपने हाथ घुमाये और बाथरूम से बाहर निकल गया। बाहर आकर सिद्धार्थ बिलिंग एरिया में आया और बुकिंग का पेमेंट करके वहा से निकल गया। पार्किंग में आकर अपनी गाड़ी निकाली और घर के लिए निकल गया। नंदिनी नाम का कांटा उसकी जिंदगी से निकल चुका था। घर पहुँचते पहुँचते रात हो चुकी थी। सिद्धार्थ ने गाड़ी घर के बाहर साइड में लगाई और नीचे उतरा। कुछ देर वह गाड़ी के पास खड़ा किसी सोच में डूबा रहा और फिर अंदर चला आया।
दोपहर में नंदिनी के घर आने और जगदीश जी से हुई बहस के बाद सिद्धार्थ थोड़ा परेशान भी था। वह सीधा अपने कमरे में आया अपना ऑफिस बैग टेबल पर रखा और कबर्ड से कपडे लेकर नहाने चला गया। नहाने के बाद सिद्धार्थ को काफी अच्छा लग रहा था। उसने ट्राउजर टीशर्ट पहना , हाथो और चेहरे पर लोशन लगाया , बाल बनाये और कमरे से बाहर चला आया। गिरिजा तब तक खाना लगा चुकी थी और जगदीश जी भी खाना खाने आ चुके थे। तीनो डायनिंग टेबल के इर्द गिर्द आ बैठे और चुपचाप खाना खाने लगे।
सिद्धार्थ को शांत और बेफिक्र देखकर जगदीश जी ने गिरिजा को देखा , गिरिजा समझ गयी और सिद्धार्थ से कहा,”सिद्दू ! आज जो लड़की घर आयी थी तुमने उस से बात की न ? तेरे पापा नहीं चाहते वो लड़की दोबारा इस घर में आये”
“आज के बाद वो यहाँ नहीं आएगी”,सिद्धार्थ ने सर झुकाकर खाते हुए बेपरवाही से कहा
सिद्धार्थ की इस हरकत पर जगदीश के चेहरे पर शिकायत के भाव तैरने लगे और उन्होंने गिरिजा से कहा,”देखी इसकी अकड़ , इतना सब होने के बाद भी ये कैसे मेरे सामने बैठा अकड़ में जवाब दे रहा है। वो लड़की अब यहाँ नहीं आएगी से इसका मतलब ये है कि आज उस लड़की ने जो कहा वो सच था। इसने उसे धोखा दिया है,,,,,,,,,,!!”
अपने पापा की बात सुनकर सिद्धार्थ का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और हाथ निवाला उठाते उठाते रुक गए।
वह अभी भी सर झुकाये प्लेट में पड़े खाने को देख रहा था लेकिन अंदर ही अंदर गुस्से और अपमान की आग से जल रहा था। गुस्सा अपने पापा पर और अपमान जो आज नंदिनी ने किया। सिद्धार्थ को खामोश पाकर जगदीश जी ने कहा,”इस से पूछो गिरिजा उस लड़की के अलावा भी इसकी जिंदगी में कोई और भी है जिसके बारे में हम दोनों ना जानते हो , मैं नहीं चाहता श्रीवास्तवा के सामने कोई तमाशा हो,,,,,,,,,,!!”
सिद्धार्थ ने सुना तो उसका सब्र टूट गया वह गुस्से से उठा और खाने की प्लेट गुस्से से साइड करके बोला,”जितना तमशा बनाना था आप सब मिल के पहले ही बना चुके है इसलिए अब बार बार मुझे सुनाना बंद कीजिये,,,,,,,आप जहा चाहे वहा मेरी शादी कर सकते है कर लूंगा मैं लेकिन बार बार मुझे परेशान करना बंद कीजिये,,,,,,,,,और मैंने किसी भी लड़की को धोखा नहीं दिया है समझे आप”
आखरी शब्द सिद्धार्थ ने जगदीश जी की आँखों में देखकर कहे , आज से पहले सिद्धार्थ ने उन्हें ऐसे जवाब नहीं दिया था सिद्धार्थ का जवाब सुनकर वे खामोश हो गए और आगे कुछ नहीं कहा
सिद्धार्थ को खाने से उठा देखकर गिरिजा ने कहा,”सिद्धू ! खाना तो खा लो बेटा”
“मुझे भूख नहीं है,,,,,,,,!!”,कहते हुए सिद्धार्थ ने गुस्से से अपनी प्लेट को हाथ मारकर साइड में किया और वहा से अपने कमरे में चला गया। सिद्धार्थ ने पलटकर नहीं देखा और जगदीश जी खामोश आँखों से उसे जाते हुए देखते रहे।
अपने कमरे में आकर सिद्धार्थ यहाँ वहा घूमने लगा। नंदिनी ने उसके साथ जो किया वह सिद्धार्थ अब बर्दास्त भी नहीं कर पा रहा था जबकि उसने खुद नंदिनी को ये रिश्ता तोड़ने पर मजबूर किया था। नंदिनी उसका प्यार ठुकरा कर जा चुकी थी और उसने उसे रोका भी नहीं। सिद्धार्थ खुद नहीं समझ पा रहा था कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत ? उसने अपने और नंदिनी के रिश्ते को इतना उलझा दिया था कि इसे सुलझा पाना मुश्किल था।
गुस्से में आकर सिद्धार्थ ने अपना हाथ दिवार पर दे मारा और बिस्तर पर आ बैठा , सूजन के साथ ही उसका हाथ लाल हो चुका था लेकिन सिद्धार्थ को इसकी परवाह नहीं थी। बिस्तर पर बैठा गुस्से में वह बस हांफ रहा था। वह नंदिनी जैसी लड़की से भला कैसे हार मान सकता है। देर रात सिद्धार्थ सोने चला गया और अगले दिन फिर वही जिंदगी शुरू हो गयी। सुबह उठकर ऑफिस के लिए तैयार होना हर चीज में दस कमिया निकालना और ऑफिस चले जाना , दिनभर ऑफिस में काम करना और घर चले आना ,
सिद्धार्थ में एक सबसे बड़ी कमी थी उसका शार्ट टेम्पर होना और यही वजह थी कि ऑफिस में सब उस से ड़रते थे और उसे लगता था सब उसकी इज्जत करते है जबकि असल में कोई उस से ज्यादा बात करना या बांड रखना नहीं चाहता था। एक बड़ी कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट और उस पर लोगो का उस से डरना उसके अंदर कब घमंड पैदा कर गया उसे खुद पता नहीं चला।
रविवार की सुबह गिरिजा सुबह जल्दी उठ गयी और घर की साफ़ सफाई करने लगी
जगदीश जी सुबह सुबह नहा धोकर ताजा सब्जिया और नाश्ते का सामान लेने अपना स्कूटर लेकर घर से बाहर चले गए। आज उनके घर श्रीवास्तव जी अपने परिवार के साथ सिद्धार्थ और अपनी बेटी सोनिया का रिश्ता पक्का करने जो आ रहे थे। जगदीश जी अपने दोस्त की खातिरदारी में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाहते थे इसलिए खुद अपनी पसंद से सब खरीदने चले गए।
इधर गिरिजी भी घर की सफाई करके नए परदे , नया कालीन बिछाया , सोफे का कवर भी नया वाला लगाया जो पिछले महीने ही एक फेरी वाले से खरीदा था , नए कप , नया क्रॉकरी सेट निकालकर पहले ही रख दिया। सिद्धार्थ के कमरे का दरवाजा खुला था क्योकि वह देर रात ऑफिस का काम कर रहा था , इसलिए खटपट की आवाज से उसकी नींद टूटी और वह आँखे मसलते हुए बाहर आया। उसने देखा घर में सब नया नया दिख रहा है तो रसोई की तरफ आते हुए गिरिजा से कहा,”मम्मी ये आज सब नया नया किसलिए ? घर में कोई आ रहा है ?”
गिरिजा सिद्धार्थ की तरफ पलटी और कहा,”आज तुम्हारे पापा के दोस्त अपने पुरे परिवार के साथ आ रहे है , तुम्हारे रिश्ते की बात करने। जाओ तुम भी जाकर नहा लो और जल्दी से तैयार हो जाओ”
सिद्धार्थ को याद आया आज संडे था और आज ही तो सोनिया और उसके घरवाले आने वाले थे रिश्ता पक्का करने
कौन था सही सिद्धार्थ या फिर नंदिनी ? क्या नंदिनी को भूलकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ पायेगा सिद्धार्थ ? कैसी होगी सिद्धार्थ की सोनिया से पहली मुलाकात ? जानने के लिए पढ़ते रहे “पसंदीदा औरत” मेरे साथ
Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8
Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8Pasandida Aurat – 8
- Continue With Pasandida Aurat – 9
- Visit https://sanjanakirodiwal.com
- Follow Me On http://instagram.com/sanjanakirodiwal/
संजना किरोड़ीवाल