Pasandida Aurat – 6
Pasandida Aurat – 6

सुख-विलास भवन में आज दुःख का माहौल था। अवनि की शादी रुक गयी विश्वास जी बदहवास से कुर्सी पर बैठे थे। अँधेरा हो चुका था लेकिन वे अंदर नहीं आये। कौशल और मयंक वही उनके पास ही खड़े थे। कार्तिक और नितिन भी चले आये।
“भाईसाहब ! उठिये अंदर चलिए,,,,,,,,!!”,कौशल ने हिम्मत करके धीरे से कहा
“सब बर्बाद हो गया कौशल , अवनि ने हमे कही मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा कल तक पुरे शहर में ये बात फ़ैल जाएगी कि एक लड़की अपनी शादी के मंडप से उठ खड़ी हुई,,,,,,,उसने मुझे जीते जी मार दिया कौशल , जीते जी मार दिया”,विश्वास जी ने रोते हुए कहा
“अवनि दीदी ने कुछ गलत नहीं किया ताऊजी , आपने देखा ना वो लोग कितने लालची थे और एक गाडी के लिए कितना बेइज्जत कर रहे थे वो लोग आपको,,,,,,,अवनि दीदी ने ये शादी ना करके अच्छा किया वरना उनकी पूरी जिंदगी खराब हो जाती ताऊजी”,कार्तिक ने कहा
“कार्तिक ! तुम से बड़ो के बीच में बोलने को किसने कहा ? चुपचाप अंदर जाओ,,,,,,,,!!”,पास खड़े मयंक ने गुस्से से कहा
कार्तिक ने सुना तो नितिन को अपने साथ लेकर वहा से चला गया।
नितिन अंदर आया तो देखा भुआजी , सलोनी , दीपिका और उसकी माँ अवनि के कमरे का दरवाजा पीट रहे है। कार्तिक नितिन को नीचे ही छोड़कर सीढ़ियों की तरफ भागा और अवनि के कमरे के बाहर आकर कहा,”क्या हुआ माँ , आप दरवाजा क्यों पीट रही है ?”
“अवनि ने अंदर खुद को बंद कर लिया है बिटवा , आज जो हुआ उसके बाद कही वो कोई गलत कदम ना उठा ले , तू बोल उसे दरवाजा खोलने के लिए,,,,,,,,!!”,भुआजी ने रोते हुए कहा
“अवनि दीदी , अवनि दीदी दरवाजा खोलिये , दीदी दरवाजा खोलिये प्लीज”,कार्तिक ने दरवाजा पीटते हुए कहा
नीचे खड़े नितिन ने सब सुना तो भागकर बाहर गया और अपने पापा को सब बता दिया। कौशल और मयंक भागकर अंदर आये और अवनि के कमरे के सामने आकर दरवाजा बजाया लेकिन अवनि ने दरवाजा नहीं खोला। कौशल ने मयंक से दरवाजा तोड़ देने को कहा।
मयंक और कार्तिक ने एक साथ अपने कंधे दरवाजे पर मारे तो एक दो धक्के में ही दरवाजे का लॉक टूट गया। सभी अंदर आये तो देखा अवनि बुत बनी बिस्तर पर बैठी है। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और आँखों से आँसू बहकर गालों पर लुढ़क रहे थे।
कौशल और मयंक ने राहत की साँस ली और कौशल ने अवनि के सामने आकर कहा,”अवनि ये सब क्या है बेटा ? तुमने खुद को कमरे में बंद क्यों किया है ? तुम देख रही हो ना तम्हारी इस हरकत से सब कितना डर गए थे,,,,,,,,,,!!”
“अवनि एक गलती तुम पहले ही कर चुकी हो ये शादी तोड़कर अब और क्या करना चाहती हो ?”,मयंक ने गुस्से से कहा
“कार्तिक चाचा को बाहर लेकर जाओ,,,,,,,,,!!”,कौशल ने अपने बेटे कार्तिक से कहा तो कार्तिक मयंक को लेकर कमरे से बाहर चला आया। कौशल ने दीपिका और सलोनी को भी अपने कमरे में जाने को कहा। दोनों चुपचाप वहा से चली गयी। भुआजी अवनि के बगल में आ बैठी और उसकी पीठ सहलाने लगी , सीमा वही भुआजी के बगल में खड़ी हो गयी।
कौशल अवनि के दूसरी तरफ आकर बैठा और उसे समझाते हुए कहने लगा,”अवनि ! पागल हो तुम , देखो जो हुआ उसमे , उसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं है लेकिन इस तरह खुद को बंद कर लेना ये सही नहीं है बेटा,,,,,,,,,,भाईसाहब अभी बहुत गुस्से में है , आज सबके सामने तुमने जो किया वो उनकी नजर में सही नहीं था बेटा ,, अपनी ही शादी के मंडप से ऐसे उठ जाना और बिन ब्याहे बारात वापस भेज देना ऐसा हमारे खानदान में आज तक नहीं हुआ है बेटा,,,,,,,,,,पर तुम फ़िक्र मत करो हम सब मिलकर समझायेंगे भाईसाहब को बस तब तक तुम अपने साथ कुछ गलत मत करो बेटा,,,,,,!!”
“आप ही बताईये चाचा जी मैंने क्या गलत किया ? वो लोग सबके सामने पापा को कैसे बेइज्जत कर रहे थे , मैं नहीं देख पायी। मैं जानती हूँ पापा ने मेरी शादी को लेकर बहुत सपने देखे थे लेकिन मैं ऐसे इंसान से शादी कैसे कर सकती हूँ जिसने मेरे पापा को ही सबके सामने बुरा भला कहा,,,,,,,,,,,!!”,अवनि ने रोते हुए कहा तो सीमा ने उसके आँसू पोछे और कहा,”अवनि तुम समझ नहीं रही हो बेटा , शादी में लड़के वालो की छोटी मोटी मांग तो ऐसे ही चलती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोई लड़की अपनी शादी के मंडप से ही उठ जाए,,,,,,,,,!!”
“सीमा,,,,,,,,,,,!!”,कौशल ने अपनी पत्नी की तरफ देखकर कठोरता से कहा तो सीमा ने चुप्पी साध ली और अवनि का हाथ अपने हाथो में पकडे बैठी रही।
“तुम सब लोग भी अवनि को बोल रहे हो अरे उस चौधरी और उसके लड़के की हरकते नहीं देखी तुम सब ने , शादी कर रहे हो तो क्या लड़की को कुए में फेंक दोगे ? कितने लालची लोग थे उनके तो चेहरो से ही लालच टपक रहा था अच्छा हुआ जो ये शादी नहीं हुई,,,,,,,,,लड़को की कमी है क्या उदयपुर में ?”,भुआजी ने कौशल और सीमा दोनों को सुनाते हुए कहा
घर का बिगड़ा हुआ माहौल देखकर अवनि रो पड़ी तो भुआजी ने उसे उसका सर अपने सीने से लगाकर कहा,”अरे तू क्यों रोती है अवनि आज अगर तेरी माँ ज़िंदा होती तो क्या वो ऐसे घर में तेरी शादी होने देती , मत रो बेटा अरे मुकुल से अच्छा लड़का तेरी जिंदगी में आएगा तू चिंता मत कर चिंता मत कर मेरी बच्ची”
कहते कहते भुआ जी खुद भी रो पड़ी , उन्होंने अपने आँसू पोछे और कौशल सीमा से कहा,”तुम लोग जाओ , अवनि के पास आज रात मैं रुक जाती हूँ विश्वास को भी अंदर ले आओ और सीमा बच्चो को थोड़ा थोड़ा खाना खिला देना,,,,,,,,!!”
भुआजी की बात सुनकर सीमा और कौशल कमरे से बाहर चले आये। दीपिका सलोनी अपने कमरे में थी और दोनों ही अवनि को लेकर परेशान और दुखी थी लेकिन अवनि इस वक्त किसी से भी बात करने की हालत में नहीं थी। कार्तिक मयंक के साथ नीचे हॉल में था। विश्वास जी अभी भी बाहर थे कुछ देर बाद मीनाक्षी भी अंशु को अपने कमरे में सुलाकर हॉल में चली आयी। विश्वास जी के साथ साथ सीमा , मीनाक्षी और मयंक तीनो अवनि पर गुस्सा थे। कौशल का बचपन से अवनि से गहरा लगाव रहा है इसलिए वे इतना सब होने के बाद भी उसके लिए हमदर्दी दिखा रहे थे तो वही भुआजी अवनि की तरफ थी। सभी हाल
में जमा थे और आज जो हुआ उस पर बात कर रहे थे और कार्तिक बार बार अवनि के कमरे के दरवाजे की तरफ देख रहा था लेकिन इस वक्त अवनि से मिलने की इजाजत किसी को नहीं थी।
घर के लॉन में विश्वास जी कुर्सी पर खामोश बैठे थे। दर्द उनकी आँखों से आँसू बनकर अभी भी झलक रहा था और चेहरे पर उदासी और बेबसी के भाव थे। मासूम नितिन डरते डरते उनके पास आया और कहा,”ताऊजी ! अंदर चलिए ताऊजी , यहाँ बहुत ठण्ड है आप बीमार पड़ जायेंगे,,,,,,,आपको सर्दी हो जाएगी , आपने गरम कपडे भी नहीं पहने है,,,,,,,,,,,अंदर चलिए ना ताऊजी,,,,,,,,!!”
विश्वास ने सुना तो भीगी आँखों के साथ नितिन को देखा , विश्वास जी की आँखों में आँसू देखकर नितिन ने कहा,”आप मत रोईए ताऊजी , वहा अवनि दीदी भी बहुत रो रही है , आप रोईए मत सब ठीक जाएगा”
छोटे नितिन के मुंह से ऐसी बातें सुनकर विश्वास ने उसके सर पर अपना हाथ रखा और रुंधे गले से कहा,”कुछ ठीक नहीं होगा रे नितिन , कुछ ठीक नहीं होगा ,तेरी अवनि दीदी ने अपने ही हाथो अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली,,,,,,कुछ ठीक नहीं होगा,,,,,,,,,चल अंदर चल”
विश्वास जी उठे और नितिन के साथ अंदर चले आये। विश्वास जी को आते देखकर सब चुप हो गए। विश्वास जी ने किसी से कोई बात नहीं की और चुपचाप अपने कमरे में चली गए। वे आराम कुर्सी पर आकर बैठे और सर पीछे झुका लिया। कमरे की लाइट बंद थी खिड़की से आती रोशनी से कमरे में थोड़ा उजाला था लेकिन विश्वास जी का मन गहन अँधेरे से भर चुका था। वे खुली आँखों से कमरे की छत देखते हुए आराम कुर्सी पर झूलते रहे। घर के बाकी लोग भी अपने अपने कमरों में चले गए। सुख विलास में आज लजीज खाना बना जरूर था लेकिन किसी ने खाया नहीं।
अवनि रोते हुए भुआजी की गोद में सर रखकर लेट गयी और भूआजी उसे समझाते हुए उसका सर सहलाते रही। अवनि ने ना दुल्हन का जोड़ा उतारा ना ही गहने वह उन्हें पहने पहने ही सो गयी। रोने से उसकी आँखे सूज गयी थी और चेहरा लाल हो चुका था। भुआजी ने भी उसे सोने दिया और कुछ देर बाद वे भी वही लेट गयी और नींद के आगोश में चली गयी।
सुबह सब उठे और अपना अपना काम करने लगे लेकिन रोजाना की तरह आज किसी के चेहरे पर ख़ुशी या मुस्कुराहट नहीं थी। कौशल बाहर हलवाई , टेंटवाले , डेकोरेशन वाले , बैंडवाले का हिसाब कर रहा था। मयंक कार्तिक से घर में बाहर से आया सामान वापस करने को बोल रहा था , सीमा और मीनाक्षी रसोई में थी , नितिन को स्कूल जाना था आज उसका टेस्ट था इसलिए वह तैयार होकर चला गया। दीपिका और सलोनी भी तैयार होकर अपने कॉलेज जाने के लिए जैसे ही नीचे आयी सीमा ने उन्हें देखकर कहा,”तुम दोनों कहा जा रही हो ?”
“दीपिका दीदी अपने कॉलेज जा रही है और मैं अपनी कोचिंग”,सलोनी ने कहा
“कुछ दिन घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है , इस घर की बड़ी बेटी ने कल रात पहले ही हम सबकी नाक कटवा दी है अब तुम लोग बाहर जाओगी तो लोग फिर तरह तरह की बातें करेंगे,,,,,,,,,चुपचाप अपने कमरे में जाओ और जो पढाई करनी है घर बैठकर करो”,सीमा की जगह इस बार मयंक ने कहा
“लेकिन चाचाजी,,,,,,,,!!”,दीपिका ने कहा
“लेकिन वेकिन कुछ नहीं चुपचाप अपने कमरे में जाओ”,मयंक ने गुस्से से कहा
“तुम्हारे चाचा सही कह रहे है दीपिका सलोनी कुछ दिन घर में ही रहो तुम लोग,,,,,,,,,!!”,सीमा ने कहा
“लेकिन मम्मी अवनि दी की गलती की सजा आप लोग हमे क्यों दे रहे है ? शादी उनकी टूटी है और घर से निकलना हमारा बंद करवा रही है आप”,सलोनी ने गुस्से से उबलकर कहा
“सलोनी,,,,,,,,!!”,दीपिका ने गुस्से से कहा क्योकि कार्तिक की तरह वह भी अवनि की बहुत इज्जत किया करती थी इसलिए जब सलोनी ने अवनि के लिए गलत कहा तो दीपिका बर्दास्त नहीं का पायी।
सलोनी ने कुछ नहीं कहा और पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। दीपिका ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और रोआँसा होकर कहा,”इस वक्त अवनि दी को आप सबकी जरूरत है और आप सब उनके लिए ऐसी बाते कर रहे है , आखिर उनकी गलती क्या है ? सिर्फ ये कि उन्होंने एक ऐसे लड़के से शादी करने से इंकार कर दिया जो उनके लायक ही नहीं था”
“दीपिका , बड़ो के सामने कैसे बात की जाती है इतनी भी तमीज नहीं है तुम्हारे अंदर , अपने कमरे में जाओ”,मयंक ने गुस्से से कहा तो दीपिका की आँखों में आँसू भर आये और वह वहा से चली गयी। सीमा भी किचन की तरफ चली गयी।
भुआजी ने अवनि को उठाया और नहाने को कहकर खुद नीचे चली आयी। भुआजी , कौशल , मयंक हॉल में सोफे पर बैठे थे। सीमा और मीनाक्षी भी वही खड़ी थी। कुछ देर बाद विश्वास जी भी चले आये और सोफे पर आ बैठे। कौशल ने अपनी पत्नी की तरफ देखा और विश्वास जी के लिए चाय लाने का इशारा किया। सीमा विश्वास जी के लिए चाय लेने चली गयी और भुआ जी बीती रात जो कुछ भी हुआ उसे लेकर विश्वास जी को समझाने लगी।
अवनि उठी और आकर शीशे के सामने बैठ गयी , उसने शीशे में खुद को देखा दुल्हन के जोड़े में खुद को देखकर अवनि के चेहरे पर दर्द उभर आया और आँखों में नमी लिए वह शीशे में खुद को घूरती रही। उसने एक एक करके अपने गहने उतारने शुरू किये। जैसे जैसे वह गहने उतारकर रख रही थी उसका मन भारी हो रहा था और पीड़ा से भरता जा रहा था। अवनि ने खुद को मजबूत रखा और सारे गहने उतारकर रख दिए
सर से मांगटीका उतारते वक्त उसकी नजर अपनी सूनी मांग पर चली गयी। अवनि के दिल में एक टीस उठी और बीती रात जो हुआ एक बार फिर उसकी आँखों के सामने घूमने लगा। उसने अपने मेहँदी से रचे हाथ उठाये और उनकी चुडिया उतारने लगी। सभी चुडिया उतारने के बाद अवनि ने शादी का जोड़ा उतारा और नहाने चली गयी। शावर से गिरते पानी के साथ ही अवनि की आँखों से आँसू बहते रहे।
नहाकर अवनि बाहर आयी और कबर्ड से सूट निकालकर पहन लिया। ना जाने क्यों आज अवनि के हाथ सफ़ेद अनारकली सूट लगा जिसका दुपट्टा हरे रंग का था। अवनि ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वह शीशे के सामने आयी ना आज उसके चेहरे पर कोई ख़ुशी थी और ना आँखों में कोई चमक। उसने अपने गीले बाल समेटे और उनमे कल्चर खोंस लिया। ना आज उसने झुमके पहने , ना लाली लगाई , ना ही ललाट पर काली बिंदी उसने दुपट्टा अपने गले में डाला और बिस्तर पर आ बैठी। उदासी ने एक बार फिर उसके चेहरे पर जगह बना ली।
उसने पलकें उठाकर सामने देखा तो नजर अपनी मरी हुई माँ की तस्वीर पर चली गयी
अवनि उठी और उस तस्वीर को अपने हाथो में उठा लिया। आँखों में ठहरी आँसू की बूँद तस्वीर पर आ गिरी। अवनि पर इस वक्त क्या गुजर रही थी सिर्फ वही जानती थी ऐसा कोई नहीं था जिस से वह अपने मन का हाल बया कर सके या अपना दर्द बाँट सके। तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी और दरवाजा खटखटाया अवनि ने जल्दी से अपने आँसू पोछे और तस्वीर को नीचे रखकर पलटी तो देखा दरवाजे पर उसकी दोस्त “सुरभि” खड़ी थी।
सुरभि को देखते ही अवनि की पीड़ा चेहरे पर उतर आयी। सुरभि ने दरवाजा बंद किया और अवनि के पास आकर उसे गले लगा लिया तो अवनि फूटफूट कर रो पड़ी। अवनि को ऐसे रोते देखकर सुरभि की आँखों में भी आँसू भर आये। वह नम आँखों के साथ अवनि की पीठ सहलाती रही। उसने अवनि को चुप नहीं करवाया बल्कि रोने दिया ताकि उसके अंदर भरी तकलीफ कुछ कम हो जाए। जब अवनि का रोना सिसकियों और हिचकियो में बदल गया तो सुरभि उस से दूर हटी और उसे बिस्तर पर बैठाकर खुद टेबल की तरफ चली आयी जहा पानी का जग और गिलास रखा था।
सुरभि ने एक गिलास में थोड़ा पानी लिया और लेकर अवनि की तरफ चली आयी। उसने अवनि को पानी पिलाया और फिर उसके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठी। अवनि की सिसकिया अभी भी जारी थी ये देखकर सुरभि ने अवनि के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”जो हुआ वो अच्छा नहीं हुआ अवनि पर ये सब के लिए तू खुद को दोषी मत मान,,,,,,,,,,वो लड़का तेरे लायक था ही नहीं इसलिए तो तेरे महादेव ने तुझे उस से दूर कर दिया , हाँ शादी टूट इसका दुःख मुझे भी है लेकिन अगर तू उस से शादी कर लेती तो ये दुःख जिंदगीभर तेरा पीछा नहीं छोड़ता,,,,,,,,,,,!!”
“पापा मुझसे बहुत नाराज है सुरभि , मैंने उनका भरोसा तोड़ दिया उन्हें सबके सामने शर्मिंदा कर दिया पापा मुझे कभी माफ़ नहीं करेंगे सुरभि,,,,,,,,,,मुझमे इतनी हिम्मत भी नहीं है कि मैं नीचे जाकर उनसे नजरे मिला सकू,,,,,,,,,,,,मुझे ये सब नहीं करना चाहिए था सुरभि नहीं करना चाहिए था”,कहते हुए अवनि अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर रोने लगी
सुरभि ने देखा तो उसका दिल भर आया उसने अवनि के हाथो को थामा और उसे सांत्वना देते हुए कहा,”अवनि सम्हालो खुद को तुमने कुछ गलत नहीं किया अवनि , उस लड़के से शादी करके तुम्हारी जिंदगी सच में बर्बाद हो जाती,,,,,,,,कल देखा मैंने कैसे वो लोग सबके सामने तुम्हे और तुम्हारे घरवालों को बेइज्जत कर रहे थे,,,,,,,,,मैं उसी वक्त तुम्हारे पास आना चाहती थी लेकिन उस माहौल की वजह से खुद को रोक लिया। मैं समझ सकती हूँ अवनि इस वक्त तुम पर क्या बीत रही है ,
किसी भी लड़की के लिए ये सब इतना आसान नहीं है पर तुम्हे खुद को मजबूत रखना होगा अवनि , तुम्हारे पापा अभी गुस्से में है लेकिन वो मान जायेंगे और तुम्हे माफ़ भी कर देंगे बस तुम ये रोना बंद करो ,, एक ही रात में क्या हालत बना ली है तुमने अपनी,,,,,,,!!”
सुरभि की बातें सुनकर अवनि का दिल और भारी हो गया उसे अब सही गलत नहीं बल्कि अपने पापा की नाराजगी का अहसास हो रहा था उसने सुरभि की तरफ देखा और कहा,”मैंने अपनी शादी के मंडप से उठकर गलती की है सुरभि , अब कौन करेगा मुझसे शादी ? कौन अपनाएगा ऐसी लड़की को जिसने खुद अपनी ही शादी सबके सामने तोड़ दी,,,,,,,कौन समझेगा इस बात को कि इन सब में मेरी कोई गलती नहीं थी ?”
अवनि की बात सुनकर सुरभि ने उसके आँसुओ से भरे चेहरे को थामा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”इस पूरी दुनिया में अगर सच में कोई तुम्हारे लिए बना है ना अवनि तो वो तुम्हे जरूर ढूंढ लेगा , वो तुम से शादी भी करेगा , तुम्हे अपनाएगा भी और पुरे सम्मान से अपनाएगा , मुझे यकीन है तुम्हारे महादेव ने तुम्हारे लिए किसी बेहतर को बचाकर रखा होगा,,,,,,,,सिर्फ तुम्हारे लिए”
अवनि ने सुना तो नम आँखों से बस सुरभि को देखती रही और सुरभि उसके आँसू पोछकर एक बार फिर उसके सामने आ बैठी।
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संजना किरोड़ीवाल