Pasandida Aurat – 45

Pasandida Aurat – 45

Pasandida Aurat
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

सिद्धार्थ की बात मानकर अवनि ने सुरभि को उसकी तस्वीर नहीं भेजी और सुरभि ने भी कहा कि अब वह सिरोही आकर सिद्धार्थ से डायरेक्ट मिलेगी और उसे अवनि के लिए पास करेगी। चाय नाश्ते के बाद सिद्धार्थ ने पेमेंट किया और अवनि के साथ गाडी में आ बैठा। सूरज लगभग ढल चुका था और अभी सिरोही पहुँचने में आधा घंटा लगने वाला था। सिद्धार्थ ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ गया। अवनि के मन में यही चल रहा था कि आखिर वो क्या जरुरी बात है जो सिद्धार्थ उस से कहना चाहता था।

कुछ दूर आकर सिद्धार्थ ने डिवाइडर के पास अपनी कार रोक दी। अवनि ने उसकी तरफ देखा तो सिद्धार्थ ने अपने जेब से एक छोटा सा डिब्बा निकाला और उसे खोलकर उसमे रखा पेन्डेन्ट निकाला जो कि आर्टिफिशल चैन में था। अवनि का दिल ख़ुशी और हैरानी से धड़क रहा था वह बस ख़ामोशी से सिद्धार्थ को देखे जा रही थी। सिद्धार्थ ने अवनि की तरफ देखा और कहने लगा,”अवनि ! हो सकता है ये सब बहुत जल्दी हो पर मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ ,

तुम मेरी जिंदगी में मेरा लकी चार्म बनकर आयी हो और मैं अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ ! सिर्फ तुम हो जो मुझे समझ सकती है , मुझे सम्हाल सकती है। तुम्हारे साथ होता हूँ तो खुश रहता हूँ और सब अच्छा लगता है। अवनि ये एक छोटा सा तोहफा मेरी तरफ से,,,,,,,,,!!”
इतना कहकर सिद्धार्थ ने अपने हाथो को अवनि की गर्दन की तरफ बढ़ाया और वो चैन उसके गले में पहना दिया ! ये करते हुए सिद्धार्थ उसके थोड़ा करीब भी आ गया और जैसे ही उसकी नजरे अवनि से मिली उसने अपनी सर्द आवाज में कहा,”आई लव यू”


अवनि को समझ नहीं आया वह इस वक्त क्या कहे ? सिद्धार्थ ने जो किया वो उसे ना अच्छा लग रहा था ना बुरा , वह खामोश थी और उसका दिल जोरो से धड़क रहा था। अवनि को खामोशी को सिद्धार्थ ने उसकी हाँ समझी और यकायक ही उसकी नजरे अवनि के होंठो पर जा ठहरी। सिद्धार्थ ने आँखे मूंदते हुए अपने होंठो को अवनि के होंठो की तरफ बढ़ाया ये देखकर अवनि की आँखे बंद हो गयी। वह जैसे बर्फ हो चुकी थी। सिद्धार्थ की गर्म सांसे वह अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी।

सिद्धार्थ के होंठ अवनि के होंठो को छूते इस से पहले ही सामने से आती गाडी ने हॉर्न मारा जिस से सिद्धार्थ और अवनि की तंद्रा टूटी और सिद्धार्थ अवनि से दूर हो गया। अवनि के इतना करीब होकर भी वह उसे नहीं छू पाया और गाडी हॉर्न बजाते हुए बगल से निकल गयी।  
अवनि की तरह सिद्धार्थ का दिल भी जोरो से धड़क रहा था। उसने गाडी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी। अवनि अपनी धड़कनो को सामान्य करने की कोशिश कर रही थी।

सिद्धार्थ ने देखा तो उसने अवनि का हाथ अपने हाथ में लिया और अपने सीने पर रख दिया। सिद्धार्थ के दिल की धड़कने भी इस वक्त उतनी ही तेज थी जितनी अवनि के दिल की धड़कने , अवनि मासूमियत से सिद्धार्थ को देखने लगी तो सिद्धार्थ ने कहा,”मैं तुम्हे खोना नहीं चाहता अवनि,,,,,,,!!”
“मैं हमेशा आपके साथ रहूंगी सिद्धार्थ,,,,,!!”,अवनि ने कहा
सिद्धार्थ ने सुना तो सुना तो उसके दिल को एक राहत मिली और उसने अवनि की तरफ देखकर कहा,”तो फिर तुमने मेरी बात का जवाब क्यों नहीं दिया ?”


“सिद्धार्थ ! मैं आपकी भावनाओ की कदर करती हूँ पर मैं आपको आई लव यू नहीं कह सकती , जब तक मैं इस अहसास को महसूस नहीं कर लेती , जब तक मेरा दिल पूरी तरह से आपको स्वीकार नहीं करता मैं आपसे ये तीन शब्द नहीं कह सकती ! आपकी ख़ुशी के लिए या आपका दिल रखने के लिए मैं आपसे ये कह भी दू पर क्या वो सार्थक होगा ? मुझे थोड़ा वक्त चाहिए , हाँ मैं आपको पसंद करती हूँ पर ये प्यार है ये मैं नहीं जानती , आई होप आप मेरी बात समझेंगे”


सिद्धार्थ ने सुना तो धीरे से मुस्कुराया और कहा,”अवनि ! मुझे कोई जल्दी नहीं है तुम वक्त ले सकती हो , तुम मेरे साथ हो मेरे लिए बस इतना ही काफी है,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू मुझे समझने के लिये,,,,,,,,!!”,अवनि ने कहा उसे अब हल्का महसूस हो रहा था
सिद्धार्थ ने अपने हाथ में पकडे अवनि के हाथ को अपने होंठो से लगाया और कहा,”एंड थैंक्यू ! मेरी जिंदगी में आने के लिए”

सिद्धार्थ अवनि से अपने प्यार का इजहार कर चुका था और अवनि ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई वह बस सिद्धार्थ की भावनाओ को समझने के लिए थोड़ा वक्त चाहती थी लेकिन साथ ही उसने सिद्धार्थ को ये अहसास भी दिला दिया कि आज नहीं तो कल उसे सिद्धार्थ से प्यार हो ही जाएगा। सिद्धार्थ खुश था और अवनि भी खुश थी दोनों अपनी जिंदगी में साथ साथ एक नयी शुरुरात करने जा रहे थे। सिद्धार्थ की गाडी अपार्टमेंट के सामने आकर रुकी।

अवनि और सिद्धार्थ ख़ामोशी से बैठे रहे कुछ देर बाद अवनि ने सिद्धार्थ की तरफ देखा और कहा,”इसके लिए थैंक्यू सिद्धार्थ मैं इसे हमेशा सम्हालकर रखूंगी”
“अपना हाथ दो,,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कहा
अवनि ने अपना दाहिना हाथ सिद्धार्थ की तरफ बढ़ा दिया तो सिद्धार्थ ने “ईविल आई” वाला आर्टिफिशयल ब्रासलेट अवनि की कलाई पर पहना दिया और कहा,”ये तुम्हे बुरी नजर से बचाएगा”


“थैंक्यू”,अवनि ने अपनी कलाई में पहने ब्रासलेट को देखकर कहा जो कि लोहे का था पर अवनि के लिए ख़ास था क्योकि वो सिद्धार्थ ने उसे दिया था
“मैं चलती हूँ ! गुड नाईट”,अवनि ने कहा और गाडी का दरवाजा खोलकर नीचे उतर गयी। सिद्धार्थ उसे गले लगाने उसकी तरफ बढ़ा लेकिन तब तक अवनि दरवाजा खोल चुकी थी और सिद्धार्थ ने पीछे हटते हुए कहा,”गुड नाईट , घर पहुंचकर फोन करता हूँ”


अवनि ने मुस्कुरा कर हाँ में गर्दन हिलायी और सिद्धार्थ वहा से चला गया। अवनि भी अंदर चली आयी और लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी। फ्लेट में आकर अवनि ने कपडे बदले और शीशे के सामने चली आयी। उसकी नजर गले में पड़ी रोज गोल्डन चैन पर चली गयी जिसमे पड़ा पेंडेट चमक रहा था। अवनि ने उसे छूकर देखा तो उसे वो पल याद आ गया जब ये चैन पहानते हुए सिद्धार्थ के हाथो ने उसकी गर्दन को छुआ था।

अवनि को एक सिहरन महसूस हुई और मन ख़ुशी से भर गया। सिद्धार्थ के लिए भावनाये उसके मन में भी थी लेकिन अवनि इतनी जल्दी उन्हें जाहिर करना नहीं चाहती थी। उसने मुस्कुराते हुए उस चैन को उतारा और डिब्बे में सहेजकर रख दिया। कलाई में पहने ब्रासलेट को अवनि ने छूकर देखा और कहा,”इसे मैं कभी खुद से दूर नहीं करुँगी सिद्धार्थ,,,,,,,,!!”


अवनि सिद्धार्थ के ख्यालो में खोई हुई थी कि तभी उसका फोन बजा। अवनि बिस्तर की तरफ चली आयी देखा फोन सुरभि का था। अवनि ने फोन उठाया और कान से लगाकर कमरे से बाहर किचन की तरफ चली आयी ताकि सुरभि से बाते करते हुए अपने लिए खाना भी बना सके।
“और अवनि मैडम ! कैसी रही सिद्धार्थ के साथ आपकी रोमांटिक डेट ?”,सुरभि ने अवनि को छेड़ते हुए कहा
“हम लोग कोई डेट पर नहीं गए थे , मंदिर गए थे”,अवनि ने कहा


“हाँ ! क्या कहा मंदिर ? इस उम्र में लड़के लड़किया रोमांटिक डेट पर जाते है , पूल डेट , रेस्त्रो डेट या फिर किसी समंदर किनारे पर तुम्हारे ये मिस्टर सिद्धार्थ तो बिल्कुल तुम जैसे निकले , मंदिर कौन जाता है यार ?”,सुरभि ने हैरानी से कहा
“शटअप ! मंदिर में जो सुकुन है वो कही,,,,,,,,,!!”,अवनि ने कहा
“अच्छा ! सीधा सीधा ये कहो ना मंदिर में सिद्धार्थ के साथ सुकून है”,सुरभि ने अवनि को छेड़ते हुए कहा


“हाँ सुरभि तुमने सच कहा , सिद्धार्थ के साथ मंदिर में एक अलग ही सुकून मिलता है। पता है अब तक वो मुझसे जितनी भी बार मिला है मंदिर में ही मिला है,,,!!”,अवनि ने मुस्कुराते हुए कहा
“फिर तो ये क्लियर है अवनि कि सिद्धार्थ ही है वो इंसान जिसे महादेव ने तुम्हारी जिंदगी में भेजा है तुम्हे सम्हालने के लिए”,सुरभि ने खुश होकर कहा जबकि बेचारी नहीं जानती थी सिद्धार्थ असल में वही लड़का है जिस से सुरभि सबसे ज्यादा चिढ़ती है।


“अब तो मुझे भी यही लगने लगा है सुरभि , आज उसने बताया कि वो मुझे पसंद करता है और मेरे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता है ! वो बहुत अच्छा है सुरभि”,अवनि ने कहा
सुरभि ने सुना तो हैरानी से कहा,”क्या ? तेरा मतलब उसने तुझे प्रपोज किया ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,!!”,कहकर अवनि ने सुरभि को सारी बाते बता दी और जैसे जैसे सुरभि सिद्धार्थ के बारे में सुनते जा रही थी खुश हो रही थी और साथ ही सिद्धार्थ से इम्प्रेस भी

अवनि की बात सुनकर सुरभि ने खुश होकर कहा,”ओह्ह माय गॉड अवनि ! ये सिद्धार्थ तो बड़ा रोमांटिक निकला , अब तो मुझे इस से मिलना ही पडेगा”
“तुम्हे सिद्धार्थ से मिलने की इतनी जल्दी क्यों है ?”,अवनि ने सुरभि को छेड़ते हुए पूछा
“अरे बाबा मिलूंगी तभी तो तुम दोनों की शादी की डेट फिक्स करुँगी , अच्छा लिस्टन मैं इसी सेटरडे सिरोही आ रही हूँ मुझसे अब और वेट नहीं हो रहा”,सुरभि ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा


अवनि ने सुना तो हसने लगी और कहा,”तुम पागल हो गयी हो , इतनी जल्दी शादी”
“अच्छा अवनि छोडो ये सब पहले मेरे एक सवाल का जवाब दो”,सुरभि ने गंभीर होकर पूछा
“हम्म्म पूछो”,अवनि ने कहा
“तुम सिद्धार्थ के साथ खुश हो न अवनि ?”,सुरभि ने पूछा


अवनि ने सुना तो कुछ देर खामोश रही और फिर कहने लगी,”हाँ ! जबसे सिद्धार्थ मेरी जिंदगी में आया है सब अच्छा लग रहा है सुरभि ! उसका मुझसे बातें करना , मुझे छोटी छोटी बातो पर समझाना , मेरी परवाह करना , मुझ पर हक़ जताना , मेरे लिए उसकी आँखों में प्यार साफ दिखता है सुरभि ! जानती हो वो बिल्कुल पापा की तरह है , बिल्कुल वैसे ही मेरा ख्याल रखता है जैसे पापा रखते थे,,,,,,,,वो सच में बहुत अच्छा है सुरभि तुम जब उस से मिलोगी ना तब वो तुम्हे भी पसंद आएगा,,,,,,,,,,!!”


“हम्म्म मतलब हमारी अवनि मैडम को सिद्धार्थ से प्यार हो गया है , मैंने सही कहा ना ?”,सुरभि ने फिर शरारत से कहा
“प्यार हुआ है या नहीं पता नहीं पर हाँ अगर अगर इस जिंदगी में सिद्धार्थ से प्यार नहीं हुआ तो शायद किसी से नहीं होगा”,अवनि ने खोये हुए स्वर में कहा
सुरभि ने सुना और कहा,”इतना पसंद करती हो उसे ?”
“बहुत ! शायद इतना कि उसके साथ आने वाली जिंदगी के सपने देखने लगी हूँ,,,,,,,,,,!!”,अवनि ने कहा


“आई ऍम सो हैप्पी अवनि ! मैं जल्दी ही तुमसे मिलने सिरोही आउंगी,,,,,,!!”,सुरभि ने कहा
“मैं इंतजार करुँगी,,,,,,,,,!!”,अवनि ने कहा तभी उसके फोन पर सिद्धार्थ का फोन आने लगा और ये देखकर अवनि ने कहा,”अच्छा सुरभि मैं तुम्हे कल फोन करती हूँ अभी एक जरुरी कॉल आ रहा है”
सुरभि ने सुना तो उसे अवनि को छेड़ने का फिर एक मौका मिल गया और उसने कहा,”और ये जरुरी कॉल सिद्धार्थ का होगा , उठा लो उठा लो वैसे भी मुझे कबाब में हड्डी नहीं बनना। मैं कल फोन करती हूँ बाय और हाँ अपना ख्याल रखना”


“तुम भी अपना ख्याल रखना”,अवनि ने कहा और सुरभि का फोन काट दिया। जैसे ही सुरभि का फोन कटा सिद्धार्थ का फोन फिर आया और इस बार अवनि ने एक रिंग में ही सिद्धार्थ का फोन उठा लिया और कहा,”हेलो”
“मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया ना ?”,सिद्धार्थ ने पूछा
“नहीं वो बस सुरभि से बात हो रही थी , इस सेटरडे वो मुझसे मिलने सिरोही आ रही है उसने कहा वो आपसे भी मिलेगी,,,,,,,,,,आप उस से मिलेंगे ना ?”,अवनि ने पूछा


“हाँ हाँ क्यों नहीं ? जरूर मिलूंगा वैसे भी आई लव सरप्राइज,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कहा तो अवनि हंस पड़ी और उसके बाद सिद्धार्थ से बातें करते हुए खाना बनाने लगी और सिद्धार्थ उसे अपने नए ऑफिस और वहा के काम के बारे में बताने लगा।

उदयपुर में हालत अब पहले से बेहतर थे वकील साहब की समझदारी और एक छोटे से झूठ ने विश्वास जी के लिए घरवालों का बर्ताव बदल दिया। हालाँकि दोनों भाई और उनकी पत्निया अपने लालच के चलते विश्वास जी के साथ अच्छा बर्ताव कर रहे थे लेकिन कार्तिक , दीपिका , नितिन और अंशु का प्यार विश्वास जी के लिए सच्चा था बस सलोनी अपने पुरे घरवालों में सबसे अलग थलग रहने वाली लड़की थी लेकिन विश्वास जी का प्यार और परवाह उसके लिए भी बाकी सबकी तरह ही था।

धीरे धीरे विश्वास जी के दिल में भी अपने भाईयो के लिए गुस्सा कम होने लगा। उन्होंने मयंक को बैंक से लोन दिलवाने में मदद जरूर की पर घर गिरवी नहीं रखा वही कौशल को बिना बताये कार्तिक के कॉलेज की फीस भी उन्होंने ही दी।

पृथ्वी ने एक बार अवनि को मैसेज किया और उसके जवाब के बाद उसमे दोबारा अवनि को मैसेज करने की हिम्मत नहीं हुई। वह दिनभर ऑफिस के काम में बिजी रहता और रातभर अवनि की लिखी कहानिया पढ़ते हुए जागता पिछले एक महीने में वह अवनि की लिखी लगभग सभी कहानिया पढ़ चुका था और अब तो अवनि के लिए उसकी भावनाये और मजबूत होने लगी थी लेकिन पृथ्वी ने अभी इन भावनाओ को कोई नाम नहीं दिया था यु कह सकते है कि वह ऐसे एकतरफा रिश्ते में था जिसमे सिर्फ वह था और अवनि का अहसास था।

पृथ्वी अवनि को भुला नहीं था और भूलता भी कैसे वह हर रोज उस से रूबरू जो हो रहा था कभी उसकी लिखी कहानियो के जरिये , कभी उसकी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिये तो कभी सोशल मीडिआ पर पोस्ट की गयी तस्वीरों के जरिये , हैरानी की बात ये थी कि पृथ्वी को अवनि की तस्वीर से ज्यादा उसकी लिखी कहानियो और कविताओं से लगाव था। तस्वीर को वह एक नजर देखता और आगे बढ़ जाता पर जब अवनि की लिखी कोई लाइन उसकी आँखों के सामने आती तो पृथ्वी उसे कितनी ही देर तक प्यार से देखता रहा।

कभी कभी तो कुछ लाइन ऐसी होती जो पृथ्वी को अपनी जिंदगी से जुडी महसूस होती,,,,,,,,,,लता अब उसके सामने शादी की बात करती तो सहसा ही अवनि का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ जाता और साथ ही उसका ख्याल भी और पृथ्वी खामोश हो जाता वह पहले की तरह अब लता से बहस नहीं करता था बस मुस्कुरा उठता और वहा से चला जाता।

देखते ही देखते एक हफ्ता गुजर गया। सिद्धार्थ और अवनि पहले से ज्यादा एक दूसरे के करीब आ चुके थे अब तो बाते दिनभर होती , फोन पर नहीं तो मैसेज में ,, अवनि दिनभर बैंक में होती और सिद्धार्थ घर पर क्योकि उसका ऑफिस शाम 6 से सुबह 4 बजे तक होता था। 

शनिवार की शाम सुरभि सिरोही चली आयी आखिर उसे सिद्धार्थ से मिलना जो था। सुरभि ने अपना सामान अवनि के फ्लेट पर रखा उस से मिली और इसके बाद अवनि उसे लेकर रेस्त्रो चली आयी जहा सिद्धार्थ उनसे मिलने वाला था। रेस्त्रो के लोन एरिया में सिद्धार्थ ने पहले ही एक टेबल बुक कर दिया था ये देखकर सुरभि थोड़ा इम्प्रेस लेकिन सिद्धार्थ अभी वहा नहीं आया था। अवनि ने फोन किया तो सिद्धार्थ ने बताया कि वह ट्रेफिक में फंसा है बस आ ही रहा है।


अवनि वही लॉन में घूमते हुए सिद्धार्थ का इंतजार करने लगी कुछ देर बाद सुरभि ने कहा,”अच्छा अवनि सिद्धार्थ आता है तब तक मैं वाशरूम होकर आती हूँ”
“हम्म्म्म , ठीक है”,अवनि ने कहा तो सुरभि वहा से चली गयी। सुरभि के जाने के कुछ देर बाद ही सिद्धार्थ वहा आया वह अवनि से मिला और सुरभि के बारे में पूछा तो अवनि ने कहा,”वह बस आ रही है”
“मैं ठीक लग रहा हूँ ना ?”,सिद्धार्थ ने अपने बाल सही करते हुए पूछा
“आप बहुत अच्छे लग रहे है”,अवनि ने ,मुस्कुराकर कहा


“थैंक्स , अह्ह्ह्ह एक मिनिट मैं ये कॉल अटेंड कर लू घर से फोन है , तब तक तुम ये पीओ”,सिद्धार्थ ने अवनि के हाथ में जूस का गिलास थमाकर कहा और उस को वही छोड़कर साइड में चला गया
जैसे ही सिद्धार्थ गया सुरभि वहा आ गयी और अवनि जूस का गिलास हाथ में लिए जैसे ही पलटी सुरभि से टकरा गयी और जूस अवनि के सूट पर आ गिरा।
“ओह्ह्ह आई ऍम सो सॉरी अवनि मैंने देखा नहीं , शीट तुम्हारे कपडे खराब हो गए एक काम करो मेरे साथ वाशरूम चलो”,सुरभि ने कहा


“सिद्धार्थ आ चूका है , तुम जाकर उस से मिलो मैं इसे साफ़ करके आती हूँ”,अवनि ने कहा
“आई ऍम सॉरी”,सुरभि ने मायूसी भरे स्वर में कहा
“अरे इट्स ओके मैं अभी आयी”,अवनि ने कहा और जाने लगी तो सुरभि ने कहा”वैसे तुम्हारे मिस्टर सिद्धार्थ है कहा ?”
“वो वहा है सामने”,अवनि ने सिद्धार्थ की तरफ इशारा करके कहा जो कि कुछ ही दूर , अपना फोन कान से लगाए अवनि और सुरभि की तरफ पीठ किये खड़ा था। सुरभि ने देखा तो मुस्कुराई और सिद्धार्थ की तरफ बढ़ गयी

सुरभि सिद्धार्थ के पास आयी और कहा,”हेलो,,,,,,,,,!!”
सिद्धार्थ ने सुना तो फोन नीचे किया और जैसे ही पलटा उसे देखकर सुरभि के चेहरे का रंग उड़ गया और आँखे हैरानी से फ़ैल गयी उसने गुस्से और नफरत भरे मिले जुले भाव से कहा,”तुम ?”
सिद्धार्थ मुस्कुराया और अपने हाथ जोड़कर कहा,”नमस्ते सुरभि जी,,,,,,,,,,!!”
सुरभि ने जब देखा कि अवनि जिस से प्यार करने लगी है वो लड़का ये है तो उसकी आँखों के आगे सिद्धार्थ से की गयी बदतमीजी के वो सारे पल आने लगे और सुरभि खामोश हो गयी

( क्या सिद्धार्थ की मोहब्बत बदल देगी अवनि की जिंदगी ? क्या अवनि के लिए पृथ्वी की भावनाये रह जाएगी एकतरफा या उसकी जिंदगी में मोहब्बत नाम की हलचल अभी बाकि है ? क्या सुरभि स्वीकार करेगी अवनि के लिए सिद्धार्थ का रिश्ता ? जानने के लिए पढ़ते रहे “पसंदीदा औरत” मेरे साथ )

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संजना किरोड़ीवाल

Pasandida Aurat
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal
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