Pasandida Aurat – 4
Pasandida Aurat – 4

हिरण मगरी , सेक्टर 14 , उदयपुर , राजस्थान
सुख विलास भवन आज किसी दुल्हन की भांति सजा था , घर के बाहर फूलों और लाईटो की लड़िया लगी थी जिनसे रात में घर जगमगा उठता था। मेन गेट पर बड़ा सा शानदार कालीन बिछाया जा रहा जा था। दो मंजिला घर के ठीक सामने बड़ा सा लॉन जहा 200-300 लोग आराम से आ सकते है। घर में लोगो का जमघट लगा था और लगता भी क्यों नहीं आज शाम विश्वास मलिक की इकलौती बिटिया अवनि मलिक की शादी जो होने वाली थी।
“अरे कार्तिक मैंने तुमसे पंडित जी को लेकर आने को कहा था , तुम अभी तक यही हो”,विश्वास मलिक ने अपने भतीजे कार्तिक से कहा
“बस ताऊजी मैं जा ही रहा हूँ वो मयंक चाचा के साथ मंडी चला गया था”,कार्तिक ने कहा
“कोई बात नहीं अभी जाओ और पंडित जी को लेकर आओ , जीजी ने देखा अभी पंडित जी नहीं आये है तो शुरू हो जाएँगी”,विश्वास जी ने कहा और फोन कान से लगाए अंदर चले गए
“भाईसाहब ! अवनि के ससुराल में देने के लिए जो सामान हमने बुक किया था वो आ रहा है उसे कहा रखवाए”,विश्वास जी के छोटे भाई कौशल ने कहा
“कौशल मैंने कल ही बताया था दहेज़ का सामान यहाँ नहीं मंगवाना उसे सीधा अवनि के ससुराल ही भिजवाना है , शोरूम वाले को फोन करो और उनसे कहो कि सामान शाम में चौधरी साहब के घर शिफ्ट कर दे,,,,,,,तुम जाकर हलवाईयो को देखो मैं ज़रा सुनार से बात कर लू , सोनी साहब ने कहा था सुबह सब गहने भिजवा देंगे”,विश्वास ने कहा और अपने कमरे की तरफ बढ़ गए और कौशल भी अपने बड़े भाई की आज्ञा का पालन करने निकल गया।
दो मंजिला इस घर के ग्राउंड फ्लोर पर 4 कमरे , 1 बड़ा सा किचन , 1 स्टोर रूम , 1 बड़ी बैठक , एक चार कमरों जितना बड़ा हॉल जहा 100 लोग आराम से बैठ सके बना था। ग्राउंड फ्लोर पर ही बहुत ही सुन्दर सफ़ेद संगमरमर के पत्थर से बना मंदिर था जिसमे भगवान् राम , माता सीता , भाई लक्ष्मण और उनके चरणों में बैठे हनुमान जी की बड़ी बड़ी मूर्ति थी जो कि उसी संगमरमर के पत्थर से बनी थी। कुछ और तस्वीरें और मुर्तिया भी विराजमान थी। दांयी तरफ बैठक के आगे बना कमरा विश्वास जी का था।
उनके कमरे के आगे स्टोर रूम था और उसके आगे बड़ा सा किचन जिसका एक दरवाजा पीछे बगीचे की तरफ खुलता है जहा कुछ सब्जिया और फूलो के पौधे लगे थे। जिनकी खुशबु से किचन महकता रहता था। बांयी तरफ पहला कमरा विश्वास जी के छोटे भाई कौशल मलिक और उनकी पत्नी सीमा मलिक का था। उसके आगे वाला कमरा विश्वास जी के दूसरे छोटे भाई मयंक मलिक और उसकी पत्नी मीनाक्षी मलिक का था। उसके आगे वाला घर आये मेहमानो के लिए रखा गया था और जिसमे विश्वास जी की बड़ी बहन त्रिवेणी जी ठहरी थी जो कि शादी में आयी थी।
फर्स्ट फ्लोर पर 3 कमरे थे जिनमे से एक कमरे में कौशल का बेटा कार्तिक और मयंक का 11 साल का बेटा नितिन रहता था। कार्तिक कॉलेज में था और नितिन स्कूल में , उसी कमरे के बगल वाले कमरे में कौशल की दोनों बेटियां दीपिका , सलोनी और मयंक की बेटी अंशु रहती थी। इस फ्लोर का तीसरा कमरा था अवनि मालिक का जो कि विश्वास जी की इकलौती बेटी थी और लाड़ली भी।
तो सबसे पहले उसी की बात करते है जिसकी शादी की तैयारियों में सब इतनी भाग दौड़ कर रहे है। 8 बाय 10 का कमरा जिसकी सभी दीवारे ऑफ वाइट रंग से रंगी है। कमरे में दो बड़ी खिड़किया जिन पर हलके आसमानी और सफ़ेद रंग के परदे है , कमरे में एक तरफ बिस्तर और बिस्तर से लगकर एक टेबल जिस पर किताबों का ढेर लगा था , कई सफ़ेद पन्ने जिन्हे इक्क्ठा कर टेबल पर रखा गया था और वे पन्ने उड़ ना जाये इसलिए उन पर एक पेज होल्डर रखा गया था।
उसी टेबल पर एक लेपटॉप था और एक पेन होल्डर जिसमे कई सारे रंग बिरंगे पेन रखे थे। टेबल के पीछे दिवार पर एक बहुत ही सुन्दर पेंटिंग जिसमे एक लड़की पेन हाथ में पकडे कागज पर कुछ लिख रही है।
कमरे में एक बड़ी अलमीरा थी जिसका रंग हल्का आसमानी था। खिड़की के पास एक गमला था जिससे निकली बेल खिड़की पर फैली हुयी थी। अलमीरा के पास एक टेबल और पड़ा था जिस पर कुछ शो पीस और एक तस्वीर थी। ये तस्वीर थी अवनि की माँ “कविता मलिक” की जो अब इस दुनिया में नहीं थी
अवनि के जन्म के 5 साल बाद ही एक गंभीर बीमारी के चलते वे इस दुनिया को अलविदा कह गयी। अवनि के सर से माँ का साया उठ गया , घरवालों ने विश्वास को बहुत समझाया लेकिन विश्वास ने दूसरी शादी नहीं की और अवनि को माँ और पिता दोनों का प्यार दिया। आज अवनि 29 साल की हो चुकी थी और उसकी शादी होने जा रही थी। अवनि की शादी इतनी देर से करने के पीछे वजह थी अवनि की पढाई और उसका सपना , 29 साल की अवनि मलिक एक राइटर थी। किताबे पढ़ने के साथ साथ उसे किताबे लिखने का भी बहुत शौक था , शौक कहे या उसके ख्याल जिन्हे वह किताबों में सजाया करती थी।
29 साल की अवनि जिसका कद 5 फुट 6 इंच था , बड़ी बड़ी गहरी भूरी आँखे एक गहराई लिए हुए थी , सुर्ख कुदरती रंग लिए किसी साँचे में ढले होंठ , दाहिने गाल पर छोटा सा तिल , साफ गोरा रंग , लम्बी पतली गर्दन जिसके सोने की एक पतली चैन थी , लम्बे घने बाल जिन्हे अवनि या तो गूंथकर रखती या समेटकर जुड़ा बना लेती , ना जाने क्यों पर उसे अपने बिखरे बाल पसंद नहीं थे , एक रोज उसने अपनी किताब में इसकी वजह भी लिखी थी “बिखरे बाल और बिखरी चीजें तब अच्छी लगती है जब कोई उन्हें समेटने वाला हो” उसके ये ख्याल ही उसे बाकी लोगो से अलग बनाते थे।
ड्रेसिंग के शीशे के सामने खड़ी अवनि जल्दी जल्दी अपने कानों में झुमके पहन रही थी। उसने जल्दी से झुमके पहने , होंठो पर हलकी लिपस्टिक लगाई , ड्रेसिंग पर रखी चूडियो को उठाया और जैसे ही पहनने लगी , हाथो की मेहँदी का रंग देखकर मुस्कुरा उठी। अवनि की मेहँदी का रंग बहुत प्यारा आया था। उसने जल्दी जल्दी चुडिया पहनी , आँखों में काजल लगाया , बाल हलके गीले थे इसलिए उन्हें समेटा और कलेचर खोंस लिया लेकिन बालों की दो चार लटें फिर भी निकलकर यहाँ गालों पर झूल ही गयी।
अवनि ने दुपट्टा उठाया गले में डालकर जैसे ही जाने लगी उसे कुछ याद आया उसने शीशे में खुद को देखकर कहा,”अह्ह्ह्ह कुछ कमी है शायद,,,,,,,हम्म अब ठीक है”
कहते हुए अवनि ने छोटी सी बिंदी अपने ललाट पर लगा ली और महज उस एक बिंदी से अवनि पहले से भी ज्यादा प्यारी और खुबसुरत लग रही थी। वह कमरे से बाहर निकल गयी।
अवनि अपनी बहनो को देखने उनके कमरे में आयी तो देखा सलोनी और सलोनी अभी तक तैयार नहीं हुई है और अंशु तो अभी तक सो रही थी।
“दीपिका सलोनी तुम दोनों अभी तक तैयार नहीं हुई ? नीचे सब मेहमान आ चुके होंगे पापा को पता चला तो बहुत गुस्सा होंगे”,अवनि ने कहा
“अवनि दी ये पिन मुझसे नहीं लग रहा”,सलोनी ने अवनि के पास आकर कहा तो अवनि ने उस से कान की बाली का पिन लिया और लगाते हुए कहा,”हो गया अब जल्दी से नीचे चलो,,,,,,,,,,,,दीपिका तुम्हारा क्या बाकि है ?”
अवनि ने दीपिका की तरफ आते हुए कहा तो दीपिका ने दो दुपट्टे अवनि के सामने करके कहे,”दी मैं कन्फ्यूज हूँ कि इस वाइट सूट पर इनमे से कौनसा दुपट्टा लू ? आप मेरी कुछ हेल्प कीजिये ना”
अवनि ने गुलाबी रंग के दुपट्टे की तरफ इशारा करके कहा,”इसके साथ ये अच्छा लगेगा और वैसे भी पिंक तुम्हारा फेवरेट है,,,,,,,!!”
“एग्जेक्टली ! मैं अभी बदलकर आयी”,दीपिका ने सूट उठाकर कहा और चेंज करने चली गयी।
अवनि आकर अंशु के सिरहाने बैठी जो कि इस घर की सबसे छोटी सदस्य थी , 9 साल की प्यारी और मासूम अंशु को दुनिया जहा की कोई खबर नहीं थी वह आराम से सो रही थी , उसे तो ये भी याद नहीं था कि आज उसकी प्यारी अवनि दी की शादी थी।
अवनि ने अंशु का सर सहलाया और प्यार से कहा,”अंशु ! अंशु उठ जाओ देखो सुबह हो गयी है,,,,,,,,,!!”
“सोने दो ना अवनि दी,,,,,,,,आज तो मुझे स्कूल भी नहीं जाना”,अंशु ने नींद में कुनमुनाते हुए कहा
अवनि ने सुना तो मुस्कुराई और उसे उठाते हुए कहा,”स्कूल नहीं जाना बुद्धू क्योकि आज मेरी शादी है”
अंशु ने अपनी आँखे मसली और अवनि की तरफ देखकर कहा,”आपकी शादी”
“हाँ मेरी शादी,,,,,,,अब उठो और जल्दी से तैयार हो जाओ , और हाँ वो नया वाला फ्रॉक पहनना जो मैं तुम्हारे लिए लेकर आयी थी”,अवनि ने कहा
“आपकी शादी है तो इसका मतलब अब आप हम सबको छोड़कर अपने पावणा के साथ ससुराल चली जाएँगी ?”,छोटी अंशु ने मासूमियत से पूछा तो अवनि मुस्कुराई और कहा,”एक ना एक दिन तो सबको जाना पड़ता है ना”
अवनि और अंशु ज्यादा बातें कर पाती इस से पहले मीनाक्षी ने कमरे में आकर कहा,”अरे अवनि , जीजी ने तुम्हे नीचे बुलाया है वो तेल बान की कोई रस्म है उसके लिए चलो आओ”
“चलो उठो और तैयार होकर नीचे आ जाना”,अवनि ने अंशु के गाल को छूकर कहा और मीनाक्षी के साथ नीचे चली आयी।
नीचे हॉल में घर के सभी मेहमान और मोहल्ले की औरते इकट्ठा थी। अवनि आकर चौकी पर बैठ गयी और उसके बगल में आ बैठा नितिन क्योकि नितिन घर के लड़को में सबसे छोटा था और अवनि का बिंदायक वही बना था। सबने गीत गाने शुरू किये और इसी के साथ तेल बान की रस्म शुरू हुई , आधे घंटे चली इस रस्म में अवनि बस मुस्कुराते हुए सबको देख रही थी और नितिन परेशान हो गया क्योकि कुछ शरारती औरतो ने अवनि के साथ साथ उसके गालों पर भी हल्दी तेल जो लगा दिया था।
रस्म के बाद भुआजी ने अवनि को मंदिर में आकर भगवान के दर्शन करने को कहा। अवनि सर पर दुपट्टा ओढ़े मंदिर के सामने आकर खड़ी हो गयी और हाथ जोड़कर अपनी आँखे मूँद ली
अवनि मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करने लगी,”हे महादेव ! आज से मेरी जिंदगी बदल जाएगी , आज से मैं अपनी नयी जिंदगी शुरू करने जा रही हूँ आपने हमेशा अपना आशीर्वाद मुझ पर बनाये रखा , मुझे हिम्मत दी साहस दिया और हर ख़ुशी दे , आज एक बार फिर मैं आपका साथ आपका आशीर्वाद चाहती हूँ,,,,मुकुल जी के साथ जिन्दगी का ये नया सफर मैं आपके आशीर्वाद के साथ शुरू करना चाहती हु,,,,,,,,शादी के बाद मैं उनके साथ आपके दर्शन करने जरूर आउंगी”
“अरे बस करो अवनि अब और कितना मांगोगी अपने महादेव से,,,,,,,,,,,,!!”,भुआजी ने हँसते हुए कहा तो अवनि ने अपनी आँखे खोली और कहा,”भुआ जी जब महादेव मेरे है तो मैं उनसे थोड़ा मांगू या ज्यादा क्या फर्क पड़ता है ?”
“फर्क ये पड़ता है कि आज तुम्हारी शादी है जल्दी से जाकर नहा लो उसके बाद शादी की बाकि रस्मे भी करनी है”,सीमा ने आकर साड़ी और कुछ गहने अवनि की तरफ बढाकर कहा।
अवनि ने सब लिया और अपने कमरे की तरफ जाने लगी तभी सामने से आते विश्वास जी उसे मिले अवनि को देखकर विश्वास जी रुक गए। वे अवनि को देखने लगे तेल हल्दी चढ़े चेहरे के साथ अवनि कितनी प्यारी लग रही थी। विश्वास जी को एकटक अपनी ओर देखते पाकर अवनि ने कहा,”क्या हुआ पापा आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे है ?”
“तुम्हे ऐसे देखने का सपना आज पूरा हो गया बेटा , बेटी का कन्यादान करने का सपना हर बाप का होता है आज मेरा ये सपना भी पूरा हो जाएगा,,,,,,,इसके बाद तेरा भी अपना एक घर होगा”,विश्वास जी ने कहा
“क्यो पापा क्या ये घर मेरा नहीं है ? शादी के बाद क्या मैं सच में परायी हो जाउंगी ?”,अवनि ने उदास होकर कहा
“अरे पगली ! ये सब तो कहने की बात है ये घर भी तुम्हारा है”,विश्वास जी ने प्यार से अवनि के गाल को छूकर कहा और वहा से चले गए।
शादी की सभी जरुरी रस्मे निभाने के बाद अवनि अपनी सहेली और बहनो के साथ तैयार होने चली गयी।
घर के लॉन में ही आलिशान मंडप लगाया गया था। सभी मेहमान वह मौजूद थे , मुकुल दूल्हे के कपड़ो बहुत ही प्यारा लग रहा था और उसके बगल में शरमाई संकुचाई बैठी अवनि मारे शरम के अपनी नजरे भी नहीं उठा पा रही थी। मलिक खानदान के सभी लड़के और आदमी लोग मेहमानो की आव भगत में लगे थे। विश्वास जी ने शादी में खूब खर्चा किया था और ये शादी का अरेंजमेंट देखकर ही समझ आ रहा था।
“दूल्हा दुल्हन फेरो के लिये खड़े हो जाईये”,पंडित जी ने कहा
अवनि अपनी जगह पर उठ खड़ी हुई लेकिन मुकुल अपनी जगह बैठा रहा ये देखकर अवनि को थोड़ा अजीब लगा तभी पंडित जी ने मुकुल से कहा,”बेटा फेरो के लिए खड़े हो जाईये”
“एक मिनिट पंडित जी पहले हमारे होने वाले ससुर जी से थोड़ी बात कर ली जाए”,मुकुल ने कहा
अवनि ने सुना तो मुकुल की तरफ देखा वह बस मन ही मन समझने की कोशिश कर रही थी कि मुकुल उसके पापा से क्या और किस बारे में बात करना चाहता है ?
विश्वास जी आगे आये और हाथ जोड़कर कहा,”हाँ बेटा जी ! क्या हुआ ? मुझसे कोई गलती हुई क्या ?”
“गलती ? बहुत बड़ी गलती हुई है आपसे ,, आपने कहा शादी में गाड़ी देंगे और अब मुझे पता चल रहा है आपने उसे केंसल कर दिया है ,, मैं तो ये सोचकर आया था कि अपनी वाइफ को नयी गाडी से घर लेकर जाऊंगा लेकिन आपने तो मेरा दिल ही तोड़ दिया पापा”,मुकुल ने कहा
अवनि ने जैसे ही सुना उसे धक्का लगा , उसे ये सुनकर हैरानी भी हुई कि उसके पापा ने मुकुल को गाडी देने का वादा किया है। उसने मुकुल की तरफ देखा और धीरे से कहा,”मुकुल ये क्या कह रहे है आप ?”
“क्या गलत कहा मैंने ? अरे तुम इनकी इकलौती बेटी हो, ना इनका कोई बेटा है ना ही वारिस। इतने साल इन्होने जो कमाया है उसमें से एक गाडी तो ये दे ही सकते है , और ये भी ये अपनी बेटी को ही देंगे”,मुकुल ने बेशर्मी से कहा
“बेटा जी ! मुझे बस थोड़ा टाइम दीजिये मैं कही से भी गाड़ी का इंतजाम करवा दूंगा , आप ये शादी मत रोकिये फेरे होने दीजिये,,,,,,,,,मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूँ,,,,,,,!!”,अवनि के पापा ने मुकुल के सामने हाथ जोड़कर कहा। कौशल और मयंक ने देखा तो वे भी विश्वास के पास चले आये।
मुकुल ने सुना तो अपने कंधे से गुलाबी रंग का गठजोड़ा उतारा जिसका एक सिरा अवनि की चुनरी के कोने से बंधा था और नीचे गिराकर कहा,”पापा अब फेरे तभी शुरू होंगे जब आप गाडी की चाबी मेरे हाथ में देंगे,,,,,,,,!!”
मुकुल की बात सुनकर अवनि का दिल धड़कने लगा , उसकी आँखों में नमी उतर आयी और चेहरा गुस्से से भर गया , मुकुल का ये घिनोना चेहरा वह पहली बार देख रही थी। मुकुल की बात सुनकर विश्वास के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उन्होंने अपना सीना पकड़ लिया। मेहमानो में खुसर फुसर होने लगी और मंडप में खड़ी अवनि आंसुओ से भरी आँखों से सामने बेबस खड़े अपने पापा को देख रही थी।
क्या विश्वास जी पूरी करेंगे मुकुल की ये मांग ? मुकुल का सच जानने के बाद क्या अवनि करेगी उस से शादी या कर देगी इंकार ? शादी के मंडप तक आने के बाद क्या अवनि रह जाएगी बिन ब्याही या इसी मंडप में कोई और थामेगा उसका हाथ ? जानने के लिए पढ़े “पसंदीदा औरत”
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संजना किरोड़ीवाल

