Pasandida Aurat – 12

Pasandida Aurat – 12

Pasandida Aurat
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

पृथ्वी अपने शर्ट के बटन खोले आदमी के सामने अकड़कर खड़ा रहा , एक मामूली से लड़के को अपने सामने ऐसे देखकर आदमी को गुस्सा आ गया और उसने अपनी जगह से उठकर कहा,”ए खुद को बड़ा हीरो समझ रहा है , हाँ देख रहा था मैं उधर तो क्या ? ये आजकल की लड़किया ऐसे छोटे कपड़े हम लोगो को दिखाने के लिए ही तो पहनती है”


आदमी की बात सुनकर पृथ्वी का खून खौल गया उसने आदमी की कोलर पकड़ ली और कहा,”लड़कियों को क्या पहनना है और क्या नहीं ये उनका चॉइस है समझा ,तुझे कोई हक़ नहीं है किसी लड़की को जज करने का , बॉडी देखना है ना ले मेरी देख ले मेरे पास भी कमर हैं , चेस्ट है , थाई है देख न”
रिया से बात करते हुए नकुल की नजर जैसे ही पृथ्वी पर पड़ी तो वह जल्दी से उठा और पृथ्वी की तरफ आया। बाकि सब दोस्त भी उस तरफ चले आये।


आदमी के साथ बैठे लोगो ने जब पृथ्वी को कोलर पकडे देखा तो एक ने उठकर कहा,”ए लड़के ! कोलर छोड़ इसका ये क्या तमाशा लगा रखा है यहाँ”
पृथ्वी एक तो पहले ही अधेड़ आदमी से गुस्सा था ऊपर से दूसरे आदमी ने बीच में पढ़कर गुस्से को और बढ़ा दिया। पृथ्वी ने आदमी की कोलर छोड़ दी लेकिन सामने खड़े आदमी को गुस्से में घूरने लगा। अधेड़ आदमी ने देखा एक लड़का सबके सामने उसकी बेइज्जती कर रहा है तो उसने पृथ्वी को मारने के लिए जैसे ही हवा में हाथ उठाया पृथ्वी ने उसके कनपटी पर मारकर उसका सर टेबल पर ला पटका और कहा,”ये गलती दोबारा मत करना”


रिया और ज्योतिका ने पृथ्वी को गुस्से में देखा तो दोनों घबरा गयी। अभिनव उन्हें साइड में ले आया , जबकि नकुल और तरुण पृथ्वी के साथ मिलकर उन लोगो को सबक सिखाने लगे। मारपीट में पृथ्वी के मुंह पर भी आकर एक घुसा लगा और होंठ से खून निकल आया। मैनेजर ने आकर सबको अलग किया और दोनों को ही वहा से जाने को कहा।

पृथ्वी और उसके दोस्त बाहर चले आये। रिया का बर्थडे था और इतने अच्छे सेलिब्रेशन के बाद एकदम से ये झगड़ा हो गया। रिया नकुल को समझा रही थी , तरुण अभिनव् को सब बातें बता रहा था और पृथ्वी एक तरफ खड़े होकर शर्ट के बटन बंद करके पेंट में अंदर कर रहा था। उसने स्लीवस को खोलकर वापस सही किया और अपने बालों में भी हाथ घुमाकर उन्हें सेट करने लगा। पृथ्वी बाकि सबकी तरफ पलटा और अपने होंठ पर लगी चोट को छूकर देखने लगा।

ज्योतिका ने देखा तो उसके पास आयी और अपने पर्स से रूमाल निकालकर जैसे ही पृथ्वी की चोट को छूने के लिए हाथ बढ़ाया पृथ्वी ने पीछे हटकर कहा,”अहा ! क्या कर रही हो ?”
“वो तुम्हे चोट लगी है न तो मैं बस देख रही थी,,,,,,,,!!”,ज्योतिका ने धीमे स्वर में कहा
“थैंक्स ! बट मैं ठीक हूँ,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने अपने जेब से रुमाल निकालकर अपनी चोट पर रखकर कहा
ज्योतिका ने मायूस होकर अपना रुमाल वापस पीछे कर लिया और कहा,”तुमने उस आदमी को क्यों मारा ?”


पृथ्वी ने सुना तो ज्योतिका की तरफ देखा और कहा,”अगर बुरा ना मानो तो एक बात कहू”
“हम्म कहो”,ज्योतिका ने कहा  
पृथ्वी कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”ज्योतिका Don’t get me wrong but तुम्हे अपने कपडे पहनने के ढंग पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए। It’s your body and you shouldn’t make it a source of entertainment for others. मैंने उस आदमी को इसलिए मारा क्योकि वो तुम्हे बहुत गलत नजर से देख रहा था।


ज्योतिका ने सुना तो उसे अहसास हुआ कि आज उसने कुछ ज्यादा ही रिवीलिंग ड्रेस पहन रखी थी लेकिन उसे ख़ुशी इस बात की थी कि पृथ्वी ने उसके लिए किसी से झगड़ा किया। ज्योतिका मुस्कुराई और कहा,”I think you’re right , मैं आगे से ख्याल रखूंगी and i am sorry मेरी वजह से ये सब,,,,,,,,!!”
ज्योतिका को उदास देखकर पृथ्वी ने उसे साइड हग किया और कहा,”its ok ज्योतिका , हम सब अच्छे दोस्त है तुम्हारे लिए इतना तो मैं कर ही सकता हूँ”


पृथ्वी को नॉर्मल देखकर ज्योतिका की उदासी भी दूर हो गयी।
रिया , नकुल , अभिनव और तरुण भी उन दोनों के पास चले आये। पृथ्वी ने सबको बाय कहा और खुद नकुल के साथ पार्किंग की तरफ बढ़ गया। पृथ्वी और नकुल साथ साथ धीमे कदमों से पार्किंग की तरफ जाने लगे , नकुल ने देखा पृथ्वी अपने होंठ पर लगी चोट को हाथ में पकडे रुमाल को बार बार छू रहा था।
“तुझे आज एकदम से क्या हो गया था ?”,नकुल ने बाइक के पास आकर पूछा


“पता नहीं यार बस उसने ज्योतिका को गलत नजर से देखा तो मुझे गुस्सा आ गया, मैं बस उसे समझाने गया था उसने हाथ उठाया तो फिर मैंने भी जवाब में,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा
“ओह्ह्ह तो तूने ज्योतिका के लिए उस से लड़ाई की , कही तुझे ज्योतिका पसंद तो नहीं वैसे आज वो लग भी काफी हॉट रही थी”,नकुल ने बाइक पर बैठते हुए कहा। पृथ्वी उसके पीछे आ बैठा और उसके सर पर चपत लगाकर कहा,”वो हमारी स्कूल फ्रेंड है उसे लेकर बकवास की तो अब मैं तुम्हे भी पीट दूंगा,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह एक काम कर पीछे आ”


पृथ्वी बाइक से उतर गया , नकुल पीछे खिसका तो पृथ्वी आगे आ बैठा और बाइक स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी। पीछे बैठा नकुल कुछ न कुछ बोलता जा रहा था और पृथ्वी हाँ हूँ में जवाब देता बाइक चला रहा था। मुंबई दिन से ज्यादा रात में खूबूसरत दिखता था , आज ट्रैफिक कम था और लगभग सड़के खाली थी। पृथ्वी ने बाइक की स्पीड बढ़ा दी उसे रात में बाइक पर घूमना बहुत पसंद था। ठंडी हवाएं उसके चेहरे पर थपकियाँ देकर जा रही थी और पृथ्वी का मन खुश हो गया। कुछ देर बाद बाइक आनन्दा निलय अपार्टमेंट में पहुंची।

पृथ्वी ने बाइक रोकी और नीचे उतर गया। नकुल आगे आया और कहा,”ए पृथ्वी ! तू इतनी अच्छी बाइक चलाता है तो फिर अपने लिए बाइक क्यों नहीं ले लेता ? रोज रोज ट्रेन से आना जाना भी नहीं पडेगा”
पृथ्वी फीका सा मुस्कुराया और कहा,”अपने शौक पुरे करने के लिए मैं अपनी जिम्मेदारियां नहीं भूल सकता , वैसे भी मुझे ट्रेन से आने जाने में कोई दिक्कत नहीं है जब होगी तब सोचूंगा,,,,,,,,!!”
नकुल ने सूना तो बड़ी अदा के साथ हामी में गर्दन हिलायी तो पृथ्वी उसे गुड नाईट बोलकर आगे बढ़ गया


“ए पृथ्वी,,,,,,,,,,!!”,नकुल ने आवाज दी
“हम्म्म,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने पलटकर कहा
“वैसे ज्योतिका अच्छी लड़की है तू चाहे तो उसके बारे में सोच सकता है,,,,,,,,!!”,नकुल ने कहा
पृथ्वी मुस्कुराया और कहा,”स्त्री मोह नरक का द्वार है”
नकुल आगे कुछ कहता इस से पहले पृथ्वी लिफ्ट की तरफ बढ़ गया और नकुल हाथ हिलाकर वहा से चला गया।

लिफ्ट 7वे माले पर आकर रुकी और पृथ्वी अपने फ्लेट में चला आया। इस पुरे अपार्टमेंट में 40 फ्लेट थे लेकिन पृथ्वी किसी से ज्यादा बात नहीं करता था वैसे भी वह यहाँ सिर्फ सोने के लिए आता था और सुबह जल्दी निकल जाता था। फ्लेट में आकर उसने दरवाजा बंद किया। अपना बैग रखा और शर्ट के बटन खोलते हुए किचन की तरफ चला आया। किचन में एक गैस-सिलेंडर जिस पर कभी कभी पृथ्वी अपने लिए चाय कॉफी बना लिया करता था। एक बड़ा फ्रीज जिसमे दूध , जूस और पानी के बोतल के साथ कुछ सामान रहता था।

किचन में बर्तनो के नाम पर बस दो कप , दो गिलास , एक जग , एक पानी का फ़िल्टर , दो-चार  डिब्बे जिनमें चायपत्ती चीनी और कुछ जरूरत का सामान रखा था बाकि वह पूरा किचन खाली था।
पृथ्वी ने शर्ट निकालकर उसे कंधे पर डाल लिया और फ्रीज खोलकर पानी की बोतल निकाली। उसने पानी पीया और कुछ पानी गर्दन से फिसलकर पेट पर बह गया। पृथ्वी ने बोतल वही प्लेटफॉर्म पर रखा और फ्रीजर से बर्फ निकलकर अपनी रुमाल में रखा और उसे अपने होंठ पर लगी चोट पर रख लिया।

पृथ्वी के लिए उसका ठीक होना बहुत जरुरी था , सुबह उसे जोसेफ से मिलना था और वह नहीं चाहता था उसका गलत इम्प्रेशन पड़े। वह किचन से बाहर चला आया और शर्ट को बिस्तर पर फेंककर बाहर चला आया। टेबल पर रखा उसका फोन बजा तो उसने देखा फोन घर से था। पृथ्वी ने फोन उठाया और बालकनी की तरफ चला आया।
“हेलो पृथ्वी ! अभी तक ऑफिस में ही हो ?”,दूसरी तरफ से लता की आवाज आयी


पृथ्वी को याद आया कि आज वह घर पर बताना भूल ही गया था कि वह खाना बाहर दोस्तों के साथ ही खाकर आएगा। उसने धीरे से कहा,”अह्ह्ह नहीं आई , बस अभी फ्लेट पर आया हूँ”
“ठीक है तू आजा मैं खाना गर्म करती हूँ”,लता ने कहा


“अह्ह्ह आई सुन न , वो आज रिया का बर्थडे था तो मैं ऑफिस के बाद सबके साथ बाहर चला गया था , खाना मैंने बाहर खा लिया है”,पृथ्वी ने कहा और अपना निचला होंठ दांतो के नीचे दबा लिया क्योकि उसे पता था इसके बाद उसे अपनी आई से एक अच्छा खासा लेक्चर मिलने वाला है पर आज लता ने उसे लेक्चर नहीं दिया और कहा,”अगर तू खाना बाहर से खाकर आने वाला था तो शाम में मुझे बता देता,,,,,,,,,अब ये जो मैंने बनाया है उसे कौन खायेगा ?”


“कल सुबह मैं खा लूंगा,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा
“हम्म्म रहने दे मैं बगल वाली आंटी को दे देती हूँ,,,,,,,,,,अच्छा पृथ्वी सुनो मुझे तुम से कुछ बात करनी थी”,लता ने कहा
“हम्म्म कहिये,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा और वह ये भी जानता था कि लता उस से क्या कहने वाली है ?
“आज शाम नीलम भुआ घर आयी थी , तुम्हारे बारे में पूछ रही थी। उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस में उनकी एक कलीग है जो अपनी बेटी के लिए लड़का देख रही है। मैं सोच रही हूँ इस संडे उन्हें अपने घर बुला लू”,लता ने पृथ्वी पर बम फोड़ते हुए कहा


पृथ्वी ने सुना तो उसने एक ठंडी आह भरी और बुझे स्वर में कहा,”आई ! मला आत्ता लग्न करायचे नाही ( मैं अभी शादी नहीं करना चाहता )”
“पण का ? तुमच्या आयुष्यात मुलगी आहे का पृथ्वी ? ( पर क्यों ? तेरी जिंदगी में कोई लड़की है क्या पृथ्वी ? )”,लता ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“ऐसा कुछ नहीं है आई,,,,,,मेरी जिंदगी में कोई लड़की नहीं है”,पृथ्वी ने हताश होकर कहा
“तो फिर क्यों नहीं करनी शादी ?”,लता ने झुंझलाकर कहा


“आई ! मैं ऐसे किसी से शादी कैसे कर लू जिसे मैं जानता तक नहीं , आप ही तो कहती है ना शादी दो लोगो की नहीं दो आत्माओ का मेल है फिर ये जाने बिना कि कौन लड़की मेरे लिए बनी है मैं किसी से भी शादी कर लू”,पृथ्वी ने कहा
“तो तू क्या चाहता है ?”,लता ने हताश होकर कहा
“मुझे सोचने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए”,पृथ्वी ने शादी से अपना पीछा छुड़ाने के लिए कहा  
“ठीक है दिया टाइम उसके बाद,,,,,,उसके बाद क्या करोगे ?”,लता ने पूछा


“उसके बाद आप जहा कहेंगी मैं शादी कर लूंगा”,पृथ्वी ने अपना पीछा छुड़ाने के लिए कहा
“ठीक है , संडे शाम को बड़े पापा के घर सब मिल रहे है वहा तो आ रहे हो ना तुम या इस बार भी तुम्हारे पास कोई बहाना है ?”,लता ने पूछा
“हाँ मैं आ जाऊंगा , अब मैं रखता हु सुबह आकर मिलता हूँ , गुड नाईट”,कहकर पृथ्वी ने फोन काट दिया
लता ने भी फोन काटा और मुस्कुरा उठी , उसे मुस्कुराते देखकर रवि ने कहा,”क्या हुआ ? ऐसा क्या कह दिया तुम्हारे बेटे ने जो तुम इतना खुश हो रही हो ?”


लता फोन रखकर रवि के पास आयी और उनके पास बैठते हुए कहा,”उसने मुझसे कहा है कि उसे सोचने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए उसके बाद मैं जहा कहूँगी वो वहा शादी कर लेगा , हाह ! अब जल्दी ही इस घर में भी बहु आ जाएगी”
“लता ! उसने वक्त मांगा है लेकिन ज़रा सोचो अगर इस वक्त में उसे कोई पसंद आ गयी तो ?”,रवि ने कहा
“अरे ये तो और भी अच्छा है , मुझे भला उसकी पसंद से क्या ऐतराज हो सकता है बस वो शादी तो करे”,लता ने कहा


 लता की बात सुनकर रवि जी मुस्कुराये , लता उनकी बात का मतलब समझ ही नहीं पायी थी लेकिन रवि जी आने वाले तूफ़ान की शांति अभी से महसूस करने लगे थे। लता को खुश देखकर उन्होंने उस से इस बारे में ज्यादा बात नहीं की और सोने चले गए

सुख-विलास , सेक्टर 14 , उयदयपुर  
सुरभि की स्कूटी अवनि के घर के बाहर आकर रुकी। अवनि ने उतरकर कलाई पर बंधी घडी में वक्त देखा और कहा,”9 बज रहे है , मैंने कहा था तुझसे देर हो जाएगी लेकिन तुमने सूना नहीं अब पापा ने देखा तो बहुत डांट पड़ेगी”


“अरे तुम इतना डरती क्यों हो ? मैं तुम्हे अंदर छोड़ने चलती हूँ अंकल से मैं कह दूंगी कि स्कूटी का टायर पंचर हो गया था उसी को बनवाने में टाइम लग गया”,सुरभि ने कहा
“नहीं नहीं तुम घर जाओ तुम्हे देर हो जाएगी,,,,,,मैं अंदर जाती हूँ,,,,,,बाय और हाँ ध्यान से जाना”,अवनि ने घबराहटभरे स्वर में कहा और अंदर चली गयी। सुरभि भी घर के लिए निकल गयी।

अवनि अंदर आयी , हॉल में सबको एक साथ देखकर अवनि का दिल धड़कने लगा। विश्वास जी भी सबके साथ वही मौजूद थे। अवनि को देखते ही मीनाक्षी ने ताना मारते हुए कहा,”लो आ गयी अवनि , ज़रा पूछिए इस से इस वक्त ये कहा से आ रही है ?”
अवनि धीरे धीरे चलकर सबके बीच चली आयी मयंक ने गुस्से से कहा,”पूछने बताने के लिए अब बाकि क्या रह गया है ? देख रहे है आप भाईसाहब ये सब आपकी दी छूट का नतीजा है


इस लड़की को जरा भी शर्म नहीं है , कुछ दिन पहले इसकी शादी टूटी है और ये कितने आराम से बेशर्मो की तरह बाहर घूम रही है,,,,,,,,,,!!”
मयंक की कड़वी बाते सुनकर अवनि ने सर झुका लिया , वह जवाब देना चाहती थी लेकिन अपने बड़ो को क्या जवाब दे सोचकर उसने चुप रहना बेहतर समझा।


“मयंक ! शांत हो जाओ , ये कोई तरिका है घर की बेटी से बात करने का,,,,,,चुप रहो तुम एक शब्द नहीं बोलेगे समझे,,,,,,,,,,!!”,कौशल ने मयंक को फटकारते हुए कहा तो मयंक शांत होकर तरफ खड़ा हो गया लेकिन गुस्सा उसके चेहरे से साफ झलक रहा था।
“अवनि बेटा ! इस वक्त तुम कहा से आ रही हो ?”,कौशल ने प्यार से अवनि से पूछा
“मैं और सुरभि शाम में महाकालेश्वर मंदिर गए थे चाचाजी ! वापस आते वक्त स्कूटी का टायर पंचर हो गया तो वक्त लग गया”,अवनि ने सर झुकाये रुंधे गले से कहा


“अच्छा और जो चौपाटी पर खड़े होकर दोनों चाट पकौड़ी खा रही थी उसके बारे में कौन बताएगा ? ये कहो ना मंदिर तो बहाना है तुम बाहर घूमने फिरने गयी थी , अपने पापा की आजाद बेटी जो हो,,,,,,,,!!”,मीनाक्षी ने कहा तो कौशल ने गुस्से से उसे देखा। मीनाक्षी ने मुंह बनाया और दूसरी तरफ देखने लगी


अवनि ने सुना तो अपने पापा की तरफ आयी और कहा,”पापा मै मंदिर ही गयी थी , सुरभि जिद करने लगी इसलिए हम लोग चौपाटी गए थे पर मैंने वहा कुछ खाया नहीं था सुरभि ने घर के लिए पैक करवाया और हम लोग चले आये। मैं सच कह रही हूँ पापा,,,,,,,,मैं बाहर घूमने नहीं गयी थी।”
अवनि की बात सुनकर विश्वास जी ने अवनि को देखा और धीमे स्वर में लेकिन कठोरता से कहा,”सबके सामने हमारी इज्जत उछालकर तुम्हे चैन नहीं मिला अवनि जो तुम अब बाहर जाकर लोगो की नजरो में आ रही हो,,,,,,,!!”


 विश्वास जी की बात सुनकर अवनि फ़टी आँखों से उन्हें देखने लगी। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके अपने पापा उस से ये कह रहे थे।
“जाने से पहले मैंने इस पूछा तो इसने कहा कि मेरा ये जानने का कोई हक़ नहीं है कि ये कहा जा रही है ? जब हम लोगो का इस घर में कोई हक़ ही नहीं बनता तो हम लोग इस घर में क्यों है ?”,सीमा ने आग में घी डालते हुए कहा
“सीमा ! इन बेफिजूल बातो का क्या मतलब है ?”,कौशल ने गुस्से से कहा


“मतलब साफ है भाईसाहब ! अवनि इस घर के लोगो को कुछ समझती नहीं है लेकिन इसकी वजह से हमारी और हमारे बच्चो की जो बदनामी हो रही है वो सिर्फ हम झेल रहे है। अरे बाहर जाओ तो सब इसके बारे में बात करते है , शादी के मंडप से उठकर इसने जो गलती की है उसका हर्जाना हम लोग भर रहे है , घर की बड़ी बेटी ने ये कदम उठाया है तो घर की बाकि बेटियों पर इसका क्या असर पड़ेगा ? बुरा मत मानियेगा भाईसाहब कल को अवनि की देखा देखी में दीपिका या सलोनी ने ऐसा कुछ किया तो क्या इज्जत रह जाएगी आपकी”,मयंक ने गुस्से से उबलकर कहा  


मयंक की बात सुनकर अवनि ने पलटकर गुस्से से उन्हें देखा और उनके सामने आकर कहा,”शादी के मंडप से उठाकर क्या इतनी बड़ी गलती कर दी मैंने जो आप सब लोग मेरे दुश्मन बन बैठे है , और आप मयंक चाचा , आप इतने कठोर कैसे हो सकते है ? आपको तो मुझे अपना चाचा कहने में भी शर्म आ रही है”
विश्वास जी ने सुना तो उठे और अवनि को अपनी तरफ करके हवा में हाथ उठाकर गुस्से से कहा,”अवनि,,,,,,,,,,!!”
अवनि विश्वास जी की आँखों में देखे जा रही थी और विश्वास जी का हाथ हवा में ही रुक गया वे अवनि को थप्पड़ नहीं मार पाए,,,,,,,,,,!!”

Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12 Pasandida Aurat – 12

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संजना किरोड़ीवाल  

Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal
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