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पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 14

Pakizah – 14

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Pakizah – 14

शाम को सोनाली पाकीजा और बाकि 4 लड़कियों को लेकर आई मेक्स बार के लिए निकल गयी l

पाकीजा सबसे खूबसूरत लग रही थी लेकिन उदासी ने उसके चेहरे को घेर रखा था l उसका दिल बैठा जा रहा था वह बार बार आप हाथो की उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी ,बैचैनी ओर डर उसके चेहरे से साफ झलक रहा था l पाकीजा को बैचैन देखकर सोनाली ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा ,”घबरा मत मैं हु ना, मैं तेरे साथ रहूंगी


पाकीजा ने कुछ नही कहा l थोड़ी देर बाद गाड़ी बार के पीछे वाले गेट पर थी l
“चलो चलो सब उतरो , ओर पीछे वाले गेट से अंदर घुसो वहां बार का मालिक मिल जाएगा तुमको”,मुरली ने सिगरेट मुंह मे रखते हुए कहा
“तू निकल यहां से ओर ये सिगरेट इधर दे , खामखा फोकट में अपना कलेजा जला रहा हैं”,सोनाली ने उसके मुंह से सिगरेट निकालते हुये कहा l


“कलेजा तो तब जलता है सोना , जब कोई हराम का पिल्ला तेरे को छूता है l दिल तो करता है जान निकाल दु सबकी”,मुरली ने गुस्से से सोनाली को अपनी ओर खींचकर कहा
“तो फिर मुझे यहां से लेकर क्यों नही जाता”,सोनाली ने मुरली की आंखों में देखते हुए कहां
“बस आज की रात ओर सोना , कल सुबह ही मैं अम्माजी से बात करके तुम्हे हमेशा हमेशा के लिये यहा से ले जाऊंगा”,मुरली ने कहा


सोनाली को मुरली की आंखों में भरोसा दिखाई दिया वह मुस्कुरा उठि l
मुरली ओर सोनाली को इस तरह देखकर साथ आई लड़कियो में से एक ने कहा,”अब क्या सारा प्यार यही दिखा देना है , चलो वहां सब इंतजार कर रहे है”
सोनाली ओर मुरली दोनो झेंप गए और एक दूसरे से दूर हो गए l


मुरली सबको वहां छोड़कर चला गया और सोनाली पाकीजा ओर बाकी लड़कियों के साथ पीछे के दरवाजे से बार मे दाखिल हो गयी l सोनाली ओर बाकी लड़कियो का तो ये रोज का काम था इसलिए वो सब झटपट होठो पर लाली लगाकर तैयार हो गयी पाकीजा खड़ी खड़ी सबको देखती रही l सोनाली ने उसके बालो को खुला छोड़ा और होठो पर लिपस्टिक पोत दी l सभी अंदर स्टेज पर आकर नाचने लगी l

पाकीजा जिसने पहली बार इस गंदगी में कदम रखा था उसे अजीब सी घुटन होने लगी l पाकीजा ने देखा वहां 4 5 टेबल रखी थी और उन टेबलों के चारो तरफ नशे में धुत्त लोग बैठे थे l पूरा माहौल शराब की बदबू से भरा हुआ था l पाकीजा को खोया हुआ देखकर सोनाली ने उस से नाचने का इशारा किया l
सभी लडकिया मस्त होकर नाचने में लगी थी सामने बैठे आदमी उन्हें बुलाते ओर उन पर नोट लुटाते l


कितने ही नोट उन लड़कियों ने अपने ब्लाउज में ठूस लिए l पाकीजा धीरे धीरे हाथ हिला रही थी l वो ये सब करना नहीं चाहती थी लेकिन अपनी बहनो की जिंदगी बचाने के लिये उसे इस दलदल में उतरना पड़ा l पाकीजा स्टेज पर खड़ी थी कि तभी सामने बैठे आदमी ने उस से पास आने का इशारा किया l पाकीजा घबरा गई और सोनाली की तरफ़ देखने लगी सोनाली ने उसे जाने को कहा l

पाकीजा डरते डरते स्टेज से नीचे उतरी ओर उस आदमी के पास गई l आदमी नशे में था उसके मुंह से शराब की गंदी बदबू आ रही थी l पाकीजा उसके सामने खड़ी रही आदमी ने अपनी जेब से एक नोट निकाला और पाकीजा की तरफ बढ़ा दिया l पाकीजा ने जैसे ही नोट लेने के लिए हाथ बढ़ाया आदमी ने उसका हाथ पकड़ लिया पाकीजा ने हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश की लेकिन वह आदमी बेशर्मी पर उतर आया और पकीजा के हाथ को पकड़कर मसलता रहा l

पाकीजा की आंखों में आंसू भर आये सोनाली ने देखा तो वह आयी और डांटकर उस आदमी से पाकीजा का हाथ छुड़वाया l पाकीजा का दिल टूटकर बिखर गया ये कैसी दुनिया मे आ गयी थी वो जहां लोग सिर्फ उसे पाने की चाह रखते है l
ये तो पहली बार था अब तो पाकीजा को ये रोज देखना , सहना ओर महसूस करना है l


पाकीजा वापस स्टेज पर आकर एक कोने में खड़ी हो गयी लोगो की गंदी नजर अभी भी उस पर थी l पाकीजा मुश्किल से अपनी आबरू बचाये कोने में दुबकी खड़ी रही l


शिवेन , मयंक ओर राघव तीनो बाइक पर सवार घर की तरफ जा रहे थे l आज राघव के किसी दोस्त के घर पार्टी थी तीनो वही से खाना खाकर आ रहे थे l बाइक मयंक चला रहा था l
“आज तो मजा आ गया , कितने दिनों बाद नाईट ड्राइव कर रहे है हम लोग”,शिवेन ने कहा
“हाँ यार , नोट्स बनाने और पढ़ाई के चलते टाइम ही नही मिलता पर आज सच मे मजा आ गया”,मयंक ने कहा l


“आह ! कितना अच्छा लगता है खुला आसमान , रात का वक्त , खुली सड़क , ठंडी हवा , बाइक का सफर जिंदगी कितनी खूबसूरत हो जाती है”,शिवेन ने कहा l
“यार शिवेन कभी कभी ना तू अलग ही दुनिया का लगता है , ये सब चीजें तो फिल्मी लोगो को अच्छी लगती है और तू भी वैसा ही है जैसे मेरी कहानियों के किरदार होते है”, मयंक ने कहा
“तू कहा खोया राघव बाबा”,शिवेन ने राघव के बालों को सहलाते हुए कहा l


“मैं दारू ढूंढ रहा हु भाई कही दिख ही नही रही”,राघव ने गंभीर होकर कहा
“पी पीकर एक दिन मर जाएगा तू”,मयंक ने गुस्से से कहा l
“अरे यार ! एक ही तो जिंदगी मिली है या तो जीने दो या पीने दो”,राघव ने नोटनकी करते हुए कहा
“सही है ! इस बार घर आऊंगा ना तो आंटी अंकल से पूछुंगा तुझे दूध पिलाकर बड़ा किया है या शराब”,शिवेन ने कहा


“i think शराब”,राघव ने कहा और फिर तीनो हँसने लगे l
अभी कुछ दूर ही चले थे कि तभी राघव की नजर सड़क किनारे बार पर गयी ओर वह खुशी से उछल पड़ा ओर कहा ,”मिल गया जुगाड़ !
मयंक ने गाड़ी बार की तरफ मोड़ दी l बार के सामने पहुँचकर गाड़ी रोकी राघव नीचे उतरा और कहा,” तुम लोग यही ठहरो मैं लेकर आता हूं !
“ठीक है पर जल्दी आना”,शिवेन ने कहा और मयंक के पीछे बाइक पर बैठा रहा l


राघव चला गया ये वही बार था जहां सोनाली ओर बाकी लडकिया आयी हुई थी l राघव अंदर गया उसने बार काउंटर पर अपने लिये एक बियर आर्डर की l राघव के कुछ पियक्कड़ दोस्त उसे वही बैठे मिल गये राघव उनके साथ बैठकर पीने लगा l
शिवेन ओर मयंक बाहर उसका इंतजार करते रहे l
“अच्छा वो तेरी बाली वाली का पता चला कुछ”,मयंक ने बाइक पर बैठे शिवेन से पूछा l


“नही यार , कहा पता चला “,शिवेन ने उदास होकर कहा l
“तो फिर कैसे ढूंढेगा उसे ?”,मयंक ने पूछा l
“वो मेरे आस पास ही है देखना जल्दी ही खुद ब खुद मेरे सामने आ जायेगी”,शिवेन ने खोये हुए अंदाज में कहा l


“चल तू सोचता रह अपनी मेडम जी के बारे में मैं वाशरूम होकर आता हूं और देखकर आता हूं वो राघव बेवड़ा कहा है”,मयंक ने बाइक से उतरकर कहा
“हम्म्म्म ok”,शिवेन ने कहा l

मयंक वहां से चला गया l

बाइक पर बैठा शिवेन खुद को मिरर में देखते हुए सोचने लगा ,”कहा होगी वो ? क्या मैं उस से कभी मिल पाऊंगा ? वैसे कैसी दिखती होगी वो ? उफ्फ्फ इन दिनों कितना सोचने लगा हु मैं भी l
शिवेन बैठकर अभी ये सब सोच ही रहा था कि तभी पुलिस के सायरन की आवाज आई शिवेन उस तरफ देखा सामने से पुलिस की गाड़ी आ रही थी l

“ओह्ह शिट , ये यहां कैसे ? मयंक ओर राघव अंदर है गलती से इनके हाथ लग गए इनकी जमानत भी नही होगी l कैसे भी करके दोनो को वहां से बाहर निकालना पड़ेगा “,शिवेन ने खुद से कहा और बार की तरफ भागा l पुलिस के आदमियो ने बार पर छापा मारा सोनाली बाकी लड़कियो के साथ पिछे के रास्ते से बाहर निकल गयी लेकिन पाकीजा अंदर ही थी

यू अचानक हुई भगदड़ से वह घबरा गई और बार के उस अंधियारे में बनी तंग गली में छुपकर खड़ी हो गयी l उसनें अपने दुपट्टे का लिहाफ बनाकर सर पर ओढ़ लिया और मुंह को ढक लिया ताकि कोई उसे देख ना पाए l
पुलिस वालों ने वहां बैठे लड़को को पकड़ा , बार के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जो बिना लाइसेंस के बार चला रहा था l एक पुलिस वाला का अंधेरी गली की तरफ बढ़ा ही था कि तभी किसी ने आवाज देकर उसे बुला लिया l तब तक पाकीजा अपनी सांसे रोके खड़ी रही l


पुलिस वाले बार की तलाशी लेने लगे पाकीजा ने चैन की सांस ली तभी उधर से शिवेन गुजरा वह जैसे ही बोलने के लिए मुंह खोला पाकीजा ने उसका हाथ पकड़कर उसे अंधेरे में खींचा ओर उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया l शिवेन को कुछ समझ आता इस से पहले ही सामने दरवाजे से आती हल्की सी रोशनी पाकीजा पर पड़ी शिवेन ने जैसे ही पाकीजा के लिहाफ से ढके चेहरे को देखा चोंक गया और पाकीजा की बड़ी बड़ी आँखों मे देखने लगा l


पाकीजा उसके मुंह पर हाथ रखे बैचैनी से इधर उधर देख रही थी l लेकिन शिवेन , शिवेन तो जैसे जड़ हो चुका था l पाकीजा उसके इतने करीब थी कि दोनों एक दूसरे की धड़कने आसानी से सुन सकते थे l
ये आंखे शिवेन ने पहले भी देखी थी पर कहा ये उसे याद नही आ रहा था l
“माफ् कीजियेगा , अभी वो लोग यही है आपकी आवाज सुनकर वो इधर आते और हम पकड़े जाते इसलिए हमने आपको रोका”,पाकीजा ने शिवेन के मुंह से अपना हाथ हटाकर कहा


शिवेन जो कि अभी भी पाकीजा की आंखों में खोया हुआ था उसे कुछ ध्यान नही था पाकीजा ने उस से क्या कहा क्या नही वह तो बस उन आंखों में डूबता जा रहा था l
दरवाजे से रोशनी थोड़ी ओर आयी और शिवेन के चेहरे पर पड़ी पाकीजा ने देखा भूरी भूरी छोटी सी आंखे , हल्की दाढ़ी मूछ , बाल बिखर कर आंखों पर आ रहे थे , होठ बिल्कुल हल्के लाल , ओर होंठो के बीच सफेद मोती से जगमगाते दांत l

शिवेन के नाक नक्श पाकीजा को बिल्कुल किसी राजकुमार जैसे प्रतीत हो रहे थे l किसी के आने की आहट हुई तो शिवेन ने पाकीजा को खींचकर अपनी तरफ कर लिया l शिवेन ने एक जानी पहचानी सी फीलिंग को महसूस किया
शिवेन ने अभी पाकीजा को जीभरकर देखा भी नही था कि तभी सोनाली आयी और पाकीजा का हाथ पकड़कर उसे वहां से ले गयी l

शिवेन को लगा जैसे कोई उसका दिल निकाल कर ले जा रहा है ना जाने क्यों उसे पाकीजा का इस तरह से जाना अच्छा नही लग रहा था l शिवेन उसे नही रोक पाया बस जाते हुए देखता रहा जाते जाते पाकीजा ने पलटकर शिवेन की ओर देखा l उस पल लगा जैसे शिवेन बस अब डूब ही जायेगा l
सोनाली ने मुरली को पहले ही सूचना दे दी थी l

बाहर मुरली ओर बाकी लडकिया गाड़ी में बैठी उन दोनों का इंतजार कर रही थी जैसे ही वे दोनों आयी मुरली ने गाड़ी स्टार्ट की ओर वहां से निकल गया l
उधर मयंक ओर राघव बाहर शिवेन को ढूंढ रहे थे l पर वह नहीं मिला मयंक ने उसे फोन लगाया l शिवेन ने फोन उठाया और उन दोनों के पास बाहर पहुंचा l।

तीनो आकर बाइक पर बैठे मयंक ने बाइक स्टार्ट की ओर तेजी से दौड़ा दी l
बार से दूर आकर मयंक ने ठंडी सांस भरकर कहा – बाल बाल बचे !

शाम को सोनाली पाकीजा और बाकि 4 लड़कियों को लेकर आई मेक्स बार के लिए निकल गयी l

पाकीजा सबसे खूबसूरत लग रही थी लेकिन उदासी ने उसके चेहरे को घेर रखा था l उसका दिल बैठा जा रहा था वह बार बार आप हाथो की उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी ,बैचैनी ओर डर उसके चेहरे से साफ झलक रहा था l पाकीजा को बैचैन देखकर सोनाली ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा ,”घबरा मत मैं हु ना, मैं तेरे साथ रहूंगी


पाकीजा ने कुछ नही कहा l थोड़ी देर बाद गाड़ी बार के पीछे वाले गेट पर थी l
“चलो चलो सब उतरो , ओर पीछे वाले गेट से अंदर घुसो वहां बार का मालिक मिल जाएगा तुमको”,मुरली ने सिगरेट मुंह मे रखते हुए कहा
“तू निकल यहां से ओर ये सिगरेट इधर दे , खामखा फोकट में अपना कलेजा जला रहा हैं”,सोनाली ने उसके मुंह से सिगरेट निकालते हुये कहा l


“कलेजा तो तब जलता है सोना , जब कोई हराम का पिल्ला तेरे को छूता है l दिल तो करता है जान निकाल दु सबकी”,मुरली ने गुस्से से सोनाली को अपनी ओर खींचकर कहा
“तो फिर मुझे यहां से लेकर क्यों नही जाता”,सोनाली ने मुरली की आंखों में देखते हुए कहां
“बस आज की रात ओर सोना , कल सुबह ही मैं अम्माजी से बात करके तुम्हे हमेशा हमेशा के लिये यहा से ले जाऊंगा”,मुरली ने कहा


सोनाली को मुरली की आंखों में भरोसा दिखाई दिया वह मुस्कुरा उठि l
मुरली ओर सोनाली को इस तरह देखकर साथ आई लड़कियो में से एक ने कहा,”अब क्या सारा प्यार यही दिखा देना है , चलो वहां सब इंतजार कर रहे है”
सोनाली ओर मुरली दोनो झेंप गए और एक दूसरे से दूर हो गए l


मुरली सबको वहां छोड़कर चला गया और सोनाली पाकीजा ओर बाकी लड़कियों के साथ पीछे के दरवाजे से बार मे दाखिल हो गयी l सोनाली ओर बाकी लड़कियो का तो ये रोज का काम था इसलिए वो सब झटपट होठो पर लाली लगाकर तैयार हो गयी पाकीजा खड़ी खड़ी सबको देखती रही l सोनाली ने उसके बालो को खुला छोड़ा और होठो पर लिपस्टिक पोत दी l सभी अंदर स्टेज पर आकर नाचने लगी l

पाकीजा जिसने पहली बार इस गंदगी में कदम रखा था उसे अजीब सी घुटन होने लगी l पाकीजा ने देखा वहां 4 5 टेबल रखी थी और उन टेबलों के चारो तरफ नशे में धुत्त लोग बैठे थे l पूरा माहौल शराब की बदबू से भरा हुआ था l पाकीजा को खोया हुआ देखकर सोनाली ने उस से नाचने का इशारा किया l
सभी लडकिया मस्त होकर नाचने में लगी थी सामने बैठे आदमी उन्हें बुलाते ओर उन पर नोट लुटाते l


कितने ही नोट उन लड़कियों ने अपने ब्लाउज में ठूस लिए l पाकीजा धीरे धीरे हाथ हिला रही थी l वो ये सब करना नहीं चाहती थी लेकिन अपनी बहनो की जिंदगी बचाने के लिये उसे इस दलदल में उतरना पड़ा l पाकीजा स्टेज पर खड़ी थी कि तभी सामने बैठे आदमी ने उस से पास आने का इशारा किया l पाकीजा घबरा गई और सोनाली की तरफ़ देखने लगी सोनाली ने उसे जाने को कहा l

पाकीजा डरते डरते स्टेज से नीचे उतरी ओर उस आदमी के पास गई l आदमी नशे में था उसके मुंह से शराब की गंदी बदबू आ रही थी l पाकीजा उसके सामने खड़ी रही आदमी ने अपनी जेब से एक नोट निकाला और पाकीजा की तरफ बढ़ा दिया l पाकीजा ने जैसे ही नोट लेने के लिए हाथ बढ़ाया आदमी ने उसका हाथ पकड़ लिया पाकीजा ने हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश की

लेकिन वह आदमी बेशर्मी पर उतर आया और पकीजा के हाथ को पकड़कर मसलता रहा l पाकीजा की आंखों में आंसू भर आये सोनाली ने देखा तो वह आयी और डांटकर उस आदमी से पाकीजा का हाथ छुड़वाया l पाकीजा का दिल टूटकर बिखर गया ये कैसी दुनिया मे आ गयी थी वो जहां लोग सिर्फ उसे पाने की चाह रखते है l
ये तो पहली बार था अब तो पाकीजा को ये रोज देखना , सहना ओर महसूस करना है l


पाकीजा वापस स्टेज पर आकर एक कोने में खड़ी हो गयी लोगो की गंदी नजर अभी भी उस पर थी l पाकीजा मुश्किल से अपनी आबरू बचाये कोने में दुबकी खड़ी रही l


शिवेन , मयंक ओर राघव तीनो बाइक पर सवार घर की तरफ जा रहे थे l आज राघव के किसी दोस्त के घर पार्टी थी तीनो वही से खाना खाकर आ रहे थे l बाइक मयंक चला रहा था l
“आज तो मजा आ गया , कितने दिनों बाद नाईट ड्राइव कर रहे है हम लोग”,शिवेन ने कहा
“हाँ यार , नोट्स बनाने और पढ़ाई के चलते टाइम ही नही मिलता पर आज सच मे मजा आ गया”,मयंक ने कहा l


“आह ! कितना अच्छा लगता है खुला आसमान , रात का वक्त , खुली सड़क , ठंडी हवा , बाइक का सफर जिंदगी कितनी खूबसूरत हो जाती है”,शिवेन ने कहा l
“यार शिवेन कभी कभी ना तू अलग ही दुनिया का लगता है , ये सब चीजें तो फिल्मी लोगो को अच्छी लगती है और तू भी वैसा ही है जैसे मेरी कहानियों के किरदार होते है”, मयंक ने कहा


“तू कहा खोया राघव बाबा”,शिवेन ने राघव के बालों को सहलाते हुए कहा l
“मैं दारू ढूंढ रहा हु भाई कही दिख ही नही रही”,राघव ने गंभीर होकर कहा
“पी पीकर एक दिन मर जाएगा तू”,मयंक ने गुस्से से कहा l
“अरे यार ! एक ही तो जिंदगी मिली है या तो जीने दो या पीने दो”,राघव ने नोटनकी करते हुए कहा


“सही है ! इस बार घर आऊंगा ना तो आंटी अंकल से पूछुंगा तुझे दूध पिलाकर बड़ा किया है या शराब”,शिवेन ने कहा
“i think शराब”,राघव ने कहा और फिर तीनो हँसने लगे l
अभी कुछ दूर ही चले थे कि तभी राघव की नजर सड़क किनारे बार पर गयी ओर वह खुशी से उछल पड़ा ओर कहा ,”मिल गया जुगाड़ !


मयंक ने गाड़ी बार की तरफ मोड़ दी l बार के सामने पहुँचकर गाड़ी रोकी राघव नीचे उतरा और कहा,” तुम लोग यही ठहरो मैं लेकर आता हूं !
“ठीक है पर जल्दी आना”,शिवेन ने कहा और मयंक के पीछे बाइक पर बैठा रहा l
राघव चला गया ये वही बार था जहां सोनाली ओर बाकी लडकिया आयी हुई थी l राघव अंदर गया उसने बार काउंटर पर अपने लिये एक बियर आर्डर की l

राघव के कुछ पियक्कड़ दोस्त उसे वही बैठे मिल गये राघव उनके साथ बैठकर पीने लगा l
शिवेन ओर मयंक बाहर उसका इंतजार करते रहे l
“अच्छा वो तेरी बाली वाली का पता चला कुछ”,मयंक ने बाइक पर बैठे शिवेन से पूछा l
“नही यार , कहा पता चला “,शिवेन ने उदास होकर कहा l


“तो फिर कैसे ढूंढेगा उसे ?”,मयंक ने पूछा l
“वो मेरे आस पास ही है देखना जल्दी ही खुद ब खुद मेरे सामने आ जायेगी”,शिवेन ने खोये हुए अंदाज में कहा l
“चल तू सोचता रह अपनी मेडम जी के बारे में मैं वाशरूम होकर आता हूं और देखकर आता हूं वो राघव बेवड़ा कहा है”,मयंक ने बाइक से उतरकर कहा
“हम्म्म्म ok”,शिवेन ने कहा l

मयंक वहां से चला गया l

बाइक पर बैठा शिवेन खुद को मिरर में देखते हुए सोचने लगा ,”कहा होगी वो ? क्या मैं उस से कभी मिल पाऊंगा ? वैसे कैसी दिखती होगी वो ? उफ्फ्फ इन दिनों कितना सोचने लगा हु मैं भी l
शिवेन बैठकर अभी ये सब सोच ही रहा था कि तभी पुलिस के सायरन की आवाज आई शिवेन उस तरफ देखा सामने से पुलिस की गाड़ी आ रही थी l

“ओह्ह शिट , ये यहां कैसे ? मयंक ओर राघव अंदर है गलती से इनके हाथ लग गए इनकी जमानत भी नही होगी l कैसे भी करके दोनो को वहां से बाहर निकालना पड़ेगा “,शिवेन ने खुद से कहा और बार की तरफ भागा l पुलिस के आदमियो ने बार पर छापा मारा सोनाली बाकी लड़कियो के साथ पिछे के रास्ते से बाहर निकल गयी

लेकिन पाकीजा अंदर ही थी यू अचानक हुई भगदड़ से वह घबरा गई और बार के उस अंधियारे में बनी तंग गली में छुपकर खड़ी हो गयी l उसनें अपने दुपट्टे का लिहाफ बनाकर सर पर ओढ़ लिया और मुंह को ढक लिया ताकि कोई उसे देख ना पाए l
पुलिस वालों ने वहां बैठे लड़को को पकड़ा , बार के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जो बिना लाइसेंस के बार चला रहा था l

एक पुलिस वाला का अंधेरी गली की तरफ बढ़ा ही था कि तभी किसी ने आवाज देकर उसे बुला लिया l तब तक पाकीजा अपनी सांसे रोके खड़ी रही l
पुलिस वाले बार की तलाशी लेने लगे पाकीजा ने चैन की सांस ली तभी उधर से शिवेन गुजरा वह जैसे ही बोलने के लिए मुंह खोला पाकीजा ने उसका हाथ पकड़कर उसे अंधेरे में खींचा ओर उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया l

शिवेन को कुछ समझ आता इस से पहले ही सामने दरवाजे से आती हल्की सी रोशनी पाकीजा पर पड़ी शिवेन ने जैसे ही पाकीजा के लिहाफ से ढके चेहरे को देखा चोंक गया और पाकीजा की बड़ी बड़ी आँखों मे देखने लगा l
पाकीजा उसके मुंह पर हाथ रखे बैचैनी से इधर उधर देख रही थी l लेकिन शिवेन , शिवेन तो जैसे जड़ हो चुका था l पाकीजा उसके इतने करीब थी कि दोनों एक दूसरे की धड़कने आसानी से सुन सकते थे l


ये आंखे शिवेन ने पहले भी देखी थी पर कहा ये उसे याद नही आ रहा था l
“माफ् कीजियेगा , अभी वो लोग यही है आपकी आवाज सुनकर वो इधर आते और हम पकड़े जाते इसलिए हमने आपको रोका”,पाकीजा ने शिवेन के मुंह से अपना हाथ हटाकर कहा
शिवेन जो कि अभी भी पाकीजा की आंखों में खोया हुआ था उसे कुछ ध्यान नही था पाकीजा ने उस से क्या कहा क्या नही वह तो बस उन आंखों में डूबता जा रहा था l


दरवाजे से रोशनी थोड़ी ओर आयी और शिवेन के चेहरे पर पड़ी पाकीजा ने देखा भूरी भूरी छोटी सी आंखे , हल्की दाढ़ी मूछ , बाल बिखर कर आंखों पर आ रहे थे , होठ बिल्कुल हल्के लाल , ओर होंठो के बीच सफेद मोती से जगमगाते दांत l शिवेन के नाक नक्श पाकीजा को बिल्कुल किसी राजकुमार जैसे प्रतीत हो रहे थे l किसी के आने की आहट हुई तो शिवेन ने पाकीजा को खींचकर अपनी तरफ कर लिया l शिवेन ने एक जानी पहचानी सी फीलिंग को महसूस किया l


शिवेन ने अभी पाकीजा को जीभरकर देखा भी नही था कि तभी सोनाली आयी और पाकीजा का हाथ पकड़कर उसे वहां से ले गयी l शिवेन को लगा जैसे कोई उसका दिल निकाल कर ले जा रहा है ना जाने क्यों उसे पाकीजा का इस तरह से जाना अच्छा नही लग रहा था l शिवेन उसे नही रोक पाया बस जाते हुए देखता रहा जाते जाते पाकीजा ने पलटकर शिवेन की ओर देखा l उस पल लगा जैसे शिवेन बस अब डूब ही जायेगा l


सोनाली ने मुरली को पहले ही सूचना दे दी थी l बाहर मुरली ओर बाकी लडकिया गाड़ी में बैठी उन दोनों का इंतजार कर रही थी जैसे ही वे दोनों आयी मुरली ने गाड़ी स्टार्ट की ओर वहां से निकल गया l
उधर मयंक ओर राघव बाहर शिवेन को ढूंढ रहे थे l पर वह नहीं मिला मयंक ने उसे फोन लगाया l शिवेन ने फोन उठाया और उन दोनों के पास बाहर पहुंचा l। तीनो आकर बाइक पर बैठे मयंक ने बाइक स्टार्ट की ओर तेजी से दौड़ा दी l


बार से दूर आकर मयंक ने ठंडी सांस भरकर कहा – बाल बाल बचे !

शिवेन जो कि अभी भी उन आंखों के बारे में सोच रहा था सहसा ही उसके मुंह से निकला

“लगता है मैं मर ही जाऊंगा”

शिवेन जो कि अभी भी उन आंखों के बारे में सोच रहा था सहसा ही उसके मुंह से निकला

“लगता है मैं मर ही जाऊंगा”

Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14Pakizah – 14

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Continue With Part Pakizah – 15

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