Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 50 (अंतिम भाग)

Haan Ye Mohabbat Hai – 50

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

अगली सुबह सभी शादी की तैयारियों में बिजी हो गए। शाम 7 बजे संध्या बेला में निधि और हनी की शादी का मुहूर्त था। उस से पहले कई रस्मे थी जो उन दोनों को पूरी करनी थी। हनी अपने हॉल में था अपने घरवालों के साथ और निधि अपने हॉल में। दिनभर सभी रस्मो में लगे रहे। अक्षत अर्जुन और सोमित जीजू के साथ बिजी था वही मीरा नीता और राधा के साथ। बच्चो को इन सब से कोई मतलब नहीं था वइ सब खेलने में मस्त थे।
दोपहर बाद निधि अपनी सहेलियों के साथ तैयार होने पार्लर चली गयी। हनी दूल्हा बना , उनके यहाँ रस्म थी शादी से पहले दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर घुमाया जाता है , घोड़ी पर चढ़ने के लिए वह अपने होने वाले साले के हाथ पर पैर रखकर चढ़ता है। सभी बाहर लॉन में मौजूद थे , सजी धजी घोड़ी तैयार होकर आ चुकी थी , हनी अपने घरवालों के साथ बाहर आया और घोड़ी के पास आकर खड़ा हो गया। अर्जुन जैसे ही जाने लगा अक्षत ने रोककर कहा,”भाई मैं चला जाता हूँ”
अक्षत ने अपना हाथ आगे किया हनी के दिल में अक्षत के लिए इज्जत आज और बढ़ गयी थी उसने अपने पैर से अक्षत के हाथ को हल्का सा छुआ और ऐसे ही बैठ गया। हनी की इस हरकत पर अक्षत भी मुस्कुरा उठा। उसे अब यकीन हो चला था की हनी उसकी बहन के लिए अच्छा लड़का है। सभी नाचते गाते वहा से रवाना हो गए। निधि के घरवाले वही रुक गए क्योकि वापसी में उन्हें बारातियो का स्वागत जो करना था। सभी जाकर तैयार होने लगे। अक्षत ने ब्लैक रंग का सूट पहना , मीरा ने रेड सारी जिसमे वह बहुत ही प्यारी लग रही थी। अमायरा को भी उन्होंने अपने मैचिंग के कपडे पहनाये , तीनो नीचे चले आये तब तक बाकि सब भी तैयार होकर आ चुके थे। शाम के 6 बज रहे थे। निधि तैयार होकर आयी सबकी नजरे निधि पर ही थी दुल्हन के जोड़े में वह इतनी प्यारी लग रही थी की सब उसे देखते ही रह गए। राधा ने तो आँख से काजल निकालकर निधि के कान के पीछे लगा दिया। निधि वही हॉल में बने रूम में आकर बैठ गयी सब एक एक करके उस से आकर मिलने लगे। दरवाजे पर खड़ा अक्षत उसे बड़े प्यार से देख रहा था निधि ने अक्षत को अपने पास आने का इशारा किया तो अक्षत उसके पास चला आया। निधि ने उसे नीचे बैठने का इशारा किया अक्षत निचे बैठ गया तो निधि कहने लगी,”अगर कल रात वाली हरकत फिर से की और उसकी वजह से मेरा मेकअप खराब हुआ तो मैं आपको छोडूंगी नहीं”
निधि की बात सुनकर अक्षत हसने लगा और बाकि सब भी हंस पड़े। निधि ने अपने हाथ की उंगलियों से स्माइल का साइन बनाते हुए अक्षत से मुस्कुराते रहने को कहा तो अक्षत ने उसका सर चूमा और कहा,”बहुत सुंदर लग रही है , सोचा नहीं था तू इतनी प्यारी भी लग सकती है। माँ को बोल के अपनी नजर उतरवा लेना वरना सबसे पहले उस हनी की नजर लग जाएगी तुमको”
“भाई जीजा है वो आपका”,निधि ने चिढ़ते हुए कहा
“चल हट छोटा है मुझसे मैं नहीं बोलने वाला उसको जीजा”,अक्षत ने कहा कुछ देर बाद सोमित जीजू आये और कहा,”साले साहब मौसाजी बुला रहे है आपको”
“हां आता हूँ”,कहकर अक्षत उनके साथ चला गया।

बारात आ चुकी थी। राधा घर की सभी महिलाओ के साथ गेट पर आयी उन्होंने हनी को तिलक किया मीठा खिलाया और उस की आरती उतारी। सभी अंदर चले आये। वरमाला के बाद हनी और निधि मंडप में आ बैठे बाकी सभी घरवाले भी उनके अगल बगल बैठ गए। अक्षत और मीरा को तो ये सब देखकर अपनी शादी याद आ रही थी। पंडित जी ने मंत्र शुरू किये , एक बार जो निधि का हाथ हनी के हाथ में दिया गया फिर तो हनी ने निधि का हाथ छोड़ा ही नहीं। सभी खूब एन्जॉय कर रहे थे काव्या बेचारी अपने मौसाजी के जूते ढूंढने में लगी थी लेकिन लड़के वालो ने पहले ही उन्हें छुपा लिया था। अक्षत ने काव्या को परेशान देखा तो कहा,”हे कवि क्या हुआ ?”
“मामू जूते छुपाने है पर मिल ही नहीं रहे , जूते नहीं मिले तो मौसाजी से पैसे कैसे मिलेंगे ?”,काव्या ने मासूमियत से कहा
अक्षत ने सूना तो सोच में पड़ गया की जूते कैसे निकलवाए ? तभी उसकी नजर हनी की शेरवानी के जेब पर गयी जिस से हनी का फोन आधा बाहर आ रहा था। अक्षत के दिमाग की बत्ती जली और उसने कहा,”तुम यही रुको मैं अभी आया” कहकर अक्षत उठा और जाकर हनी की बगल में बैठ गया। उसने चुपके से हनी का फोन लिया और वापस काव्या के पास चला आया और काव्या को फोन दिखाते हुए कहा,”टाडा”
काव्या ने फोन देखा तो अपने सर पर हाथ मारा और कहा,”मामू जूते लाने थे आप उनका फोन लेकर क्यों आये हो ? और चोरी करना तो बुरी बात है ना”
“अच्छा एक बात बताओ जूते ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है फोन ?”,अक्षत ने काव्या से पूछा
“फोन”,काव्या ने कहा
“इसलिए मैंने उनके जूते छोड़ उनका फोन चुरा लिया अब तो पैसे मिलेंगे ही मिलेंगे”,अक्षत ने कहा तो काव्या ने उसे हाई फाइव देते हुए कहा,”मामू यू आर द बेस्ट”
काव्या वही अक्षत के बगल में बैठकर निधि और हनी की शादी देखने लगी। शादी सम्पन्न हुयी उसके बाद सभी खाना खाने बैठे। हनी तो अपनी दुल्हन में बिजी था इसलिए उसे फोन का ध्यान ही नहीं रहा। खाना खाने के बाद कुछ रस्मे हुई। सभी रस्मे होते होते सुबह के 5 बज चुके थे। 7 बजे निधि की विदाई होनी थी। दो घंटे वह कमरे में बैठी सभी रिश्तेदारों से घिरी थी। उसकी मांग में सिंदूर भरा जा चूका था और अब वह पहले से भी ज्यादा सुन्दर नजर आ रही थी। अक्षत और अर्जुन दूसरे कामो में बिजी थे। चीकू नीता की गोद में बैठा एकटक निधि को देखे जा रहा था। निधि ने देखा तो उसे अपने पास आने का इशारा किया। चीकू आकर निधि के पास बैठ गया। निधि प्यार से उसका सर सहलाने लगी। देखते देखते कब वक्त गुजरा पता ही नहीं चला। विदाई का समय आया निधि ने बहुत मुश्किल से अपने आंसुओ को रोक रखा था लेकिन जैसे ही अपने पापा के सामने आयी रोने लगी। विजय जी की आँखों में आंसू भर आये उन्होंने निधि का सर सहलाया और उसे चुप कराया। एक एक करके वह सबसे मिली और सबकी आँखे नम होती गयी। मीरा के सामने आयी तो मीरा ने उसे गले लगा लिया दोनों सहेलिया काफी देर तक एक दूसरे के गले लगी रही। निधि ने देखा सब वहा मौजूद लेकिन अक्षत नहीं है , उसने देखा वह सबसे पीछे हॉल के खम्बे के पास खड़ा है। निधि उसके पास आयी , निधि की आँखों में आंसू देखकर अक्षत का भी मन भर आया उसने उसे सीने से लगाया और कहा,”हनी बहुत अच्छा लड़का है तुम्हारा ख्याल रखेगा। कभी भी मेरी जरूरत हो तो मुझे याद करना मैं चला आऊंगा”
निधि अक्षत के सीने से लगकर रो पड़ी। उसे अक्षत के साथ बिताये पल याद आने लगे। निधि को भावुक देखकर अक्षत उसे अपने सीने से लगाए हुए गाड़ी तक लेकर आया उसने निधि का हाथ हनी के हाथ में दिया और कहा,”आज के बाद इसकी आँखों में आंसू नहीं आने चाहिए”
“क्या साले साहब धमकी दे रहे हो इन्हे ?”,सोमित जीजू ने आकर कहा
“नहीं समझा रहा हूँ”,अक्षत ने कहा
“अरे नहीं जीजू अक्षत भैया की हर बात अच्छी लगती है मुझे”,हनी ने मुस्कुराते हुए कहा अक्षत ने देखा तो आगे बढकर हनी को गले लगाते हुए कहा,”मेरी बहन का ख्याल रखना”
“खुद से भी ज्यादा ख्याल रखूंगा भैया”,हनी ने कहा
कुछ देर बाद दोनों गाड़ी में बैठे और गाड़ी वहा से निकल गयी। निधि खिड़की से बाहर देखते हुए सबकी तरफ हाथ हिलाते रही। जब आँखों से ओझल हो गयी तो अक्षत ने अपनी आँखों के किनारो को साफ किया। जीजू ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे हिम्मत रखने का इशारा किया। हनी निधि के जाने के बाद विजय जी ने बाकि सब मेहमानो को भी तोहफे और मिठाईयों के साथ विदा दी। दोपहर तक सभी काम खत्म करके सभी घर चले आये। निधि के बिना घर सूना सूना लग रहा था। सभी थके हुए थे इसलिए अपने अपने कमरों में आराम करने चले गए। राधा अपने कमरे में बैठी निधि की याद में आंसू बहा रही थी विजय जी ने देखा तो उसके पास आये और कहा,”राधा , ये क्या तुम्हे खुश होना चाहिए हमारी निधि को इतना अच्छा घर और वर मिला है”
“एक ही बेटी है हमारी उसके जाने का दुःख होगा न”,राधा ने कहा तो विजय जी की भी आँखे नम हो गयी उन्होंने राधा को अपने सीने से लगाया और सर सहलाने लगे
हंसी ख़ुशी निधि की शादी हो चुकी थी और वह हनी के साथ अपने नए घर में बहुत खुश थी। सब पहले जैसा हो चुका था , विजय जी और सोमित जीजू अपने डायमंड के बिजनेस को सम्हाल रहे थे। अर्जुन पुराने वाले ऑफिस को सम्हाल रहा था। नीता तनु घर सम्हाल रही थी। दादू दादी अपना ज्यादातर समय कमरे में बिताते और रोज शाम को पार्क में घूमने निकल जाते। राधा घर में अमायरा , चीकू और काव्या में लगी रहती। अक्षत अपने कोर्ट केसेज में बिजी रहने लगा था लेकिन मीरा और अमायरा के लिए समय निकाल लेता था। वही मीरा घर और अपने चाइल्ड होम की जिम्मेदारी अच्छे से सम्हाल रही थी। देखते ही देखते 6 महीने कब गुजर गए पता ही नहीं चला।

अमायरा एक साल की हो चुकी थी और आज उसका जन्मदिन था। कोसो दूर एक बिल्डिंग की बालकनी में खड़ी एक लड़की ने फोन पर किसी से कहा,”मैं इंडिया वापस आ रही हूँ , यही सही मौका है उस मीरा को दर्द देने का”
अक्षत अपने कमरे में सो रहा था उसका एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे था वही बगल में अमायरा सो रही थी उसका भी एक हाथ गर्दन के नीचे ही था सोते हुए वह अक्षत की कॉपी लग रही थी। रंग भी अक्षत की तरह थोड़ा सा सांवला ही था। मीरा कमरे में आयी दोनों को सोया देखा तो मुस्कुरा उठी। वह अक्षत के पास आयी उसके माथे पर बिखरे बालो को साइड करते हुए धीरे से उसके कान में कहा,”गुड मॉर्निंग सडु”
“गुड मॉर्निंग मीरु”,अक्षत ने झुकी हुई मीरा के गाल पर किस करते हुए कहा
“अब जब आपकी मॉर्निंग हो ही गयी है तो उठ जाईये हम आपको कुछ बताना है”,मीरा ने अक्षत के बगल में बैठते हुए कहा तो अक्षत आँखे मसलते हुए उठकर बैठ गया और कहा,”हम्म्म बताओ”
“आज आपकी प्रिंसेज का बर्थडे है”,मीरा ने पास ही सोई अमायरा को देखते हुए कहा
अक्षत प्यार से अमायरा की तरफ झुका और उसके सर पर किस करते हुए कहा,”हैप्पी बर्थडे माय लव , डेडा आपको बहुत बहुत बहुत प्यार करते है”
अक्षत की आवाज सुनकर अमायरा नींद से जगी और उठकर बैठ गयी।
“ए उठ गया मेरा बच्चा”,कहते हुए अक्षत ने उसे उठाया और अपने पैरो पर अपने सामने बैठा लिया। मीरा प्यार से अमायरा के बालो को सहलाने लगी तो अक्षत ने कहा,”अच्छा मीरा ये एक साल की हो चुकी है और अभी तक इसने मम्मा पापा कुछ भी बोलना नहीं सीखा , जब ये बोलने लगेगी तो सबसे पहले क्या बोलेगी ?”
“ऑफकोर्स मम्मा ही बोलेगी , बच्चे सबसे पहले अपनी माँ का नाम ही तो लेते है”,मीरा ने कहा
“गलत , ये सबसे पहले कहेगी पापा”,अक्षत ने कहा
“अमु बोलो मम्मा”,मीरा ने अमायरा की तरफ देखकर कहा तो अमायरा ने अपने निचले होंठ को बाहर निकालते हुए ना में गर्दन हिला दी।
“बदमाश लड़की , बिल्कुल अपने सडु पापा पर गयी है”,कहते हुए मीरा उठी और वहा से चली गयी।
“मीरा अरे मीरा सुनो तो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने आवाज भी लगायी लेकिन मीरा वापस नहीं आयी। अक्षत ने अमायरा को देखा और कहा,”आपकी मम्मा फिर नाराज हो गई चलो चलकर मनाते है उन्हें”
अक्षत की बात सुनकर अमायरा ने हाँ में गर्दन हिला दी। अमायरा कुछ समझे ना समझे पर अक्षत की बातो को आसानी से समझ जाती थी। हसना , मुस्कुराना ,रोना , चिड़चिड़ाना उसे आने लगा था लेकिन अभी तक उसने बोलना नहीं सीखा था वह एक एक अक्षर बोल भी लिया करती थी लेकिन पूरा शब्द उस से अब भी नहीं बोला जाता था। अक्षत अमायरा को गोद में उठाये नीचे चला आया और उसे नीचे उतार दिया , अपने नन्हे नन्हे पैरो से अमायरा चलने लगी थी। सबने अमायरा को जन्मदिन की बधाई दी और शाम 4 बजे को उसकी बर्थडे पार्टी का आयोजन रखा

शाम की पार्टी में सारे घर के लोग जमा थे , विजय जी ने हनी और निधि को भी इन्वाइट किया था। अमर जी भी अपनी नातिन के लिए ढेरो तोहफे लेकर आये थे। सभी आ चुके थे घर के हॉल को बैलून्स और फर्रियों से बहुत सुंदर सजाया हुआ था। हॉल के बीचों बीच एक बड़ा सा केक रखा हुआ था। काव्या के स्कूल फ्रेंड्स भी आये थे। अक्षत ने भी अपने कुछ दोस्तों को बुलाया था। अमायरा का पहला बर्थडे था इसलिए मीरा ने चाइल्ड होम के सभी बच्चो को इन्वाइट किया था। उनके साथ अखिलेश भी आया था कितने दिनों बाद वह मीरा को देख रहा था मीरा हमेशा की तरह आज भी उतनी ही सुंदर रही थी। अमायरा को गोद में उठाये अक्षत और मीरा उसकी तरफ आये। अखिलेश ने हाथ में पकड़ा तोहफा मीरा को दिया जो वह अमायरा के लिए लेकर आया था। मीरा ने तोहफा लेकर साइड टेबल पर रख दिया और कहा,”अखिलेश जी अब आप भी शादी कर लीजिये”
“आप ही ढूंढ दीजिये कोई आप जैसी”,अखिलेश ने मीरा से कहा तो अक्षत ने मीरा के कंधो पर हाथ रखा और कहा,”ये दुनिया में एक पीस है इसके जैसा दूसरा नहीं मिलेगा इसे मेरे लिए छोड़ दो”
मीरा मुस्कुरायी और कहा,”इनकी मजाक करने की आदत है आप एन्जॉय कीजिये”
मीरा वहा से चली गयी और अक्षत भी अमायरा को लेकर बच्चो के पास चला आया अभी केक काटने में वक्त था इसलिए सब इधर उधर टाइम पास कर रहे थे और पार्टी एन्जॉय कर रहे थे। कुछ देर बाद ही म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा सबने देखा हनी डांस कर रहा है। सभी बच्चे भी आकर मस्ती करने लगे। सोमित जीजू भी चले आये और हनी को कम्पनी देने लगे। मीरा किसी काम से डायनिंग के पास आयी तभी उसकी नजर खिड़की पर गयी एक जाना पहचाना चेहरा उसके सामने से गुजरा
“मोनालिसा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं इतने सालो बाद वो यहाँ क्यों आएगी ? आजकल हम कुछ ज्यादा ही सोचने लगते है”,कहते हुए मीरा वहा से चली गयी
मीरा को जो वहम लगा था वो असल में हकीकत था मोना वहा मौजूद थी। सभी डांस और मस्ती में लगे थे किसी का ध्यान इस बात पर नहीं गया। कुछ देर बाद गाना बंद हुआ तो अक्षत ने देखा अमायरा वहा नहीं है।
“जीजू अमायरा कहा है ?”,अक्षत ने सोमित जीजू से पूछा
“अभी तो यही थी,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने आस पास देखते हुए कहा
“अमु , अमु , अमु,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत चिल्लाते हुए अमायरा को ढूंढने लगा , उसे अमायरा कही नहीं दिखी। अब सबको घबराहट होने लगी कुछ देर पहले ही अमायरा यहां थी और अब एकदम से गायब हो गयी। मीरा भी उसे ढूंढने लगी की अक्षत की नजर अचानक से बाहर की तरफ गयी उसने देखा एक लड़की अमायरा को उठाकर ले जा रही है।
“अमु,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत बाहर की तरफ भागा वह उस लड़की को रोक पाता तब तक वह लड़की गाडी में बैठकर वहा से जा चुकी थी। अक्षत का कलेजा मुंह को आ गया अपनी बेटी को मुसीबत में देखकर उसने जल्दी से अपनी बाइक स्टार्ट की उस गाड़ी के पीछे दौड़ा दी।
“अक्षत,,,,,,,,,,,,!!”,विजय जी चिल्लाये और फिर उन्होंने अर्जुन से गाड़ी निकाल अक्षत के पीछे जाने को कहा। अर्जुन सोमित और मीरा गाडी से अक्षत के पीछे निकले। आगे गाड़ी में अमायरा रो रही थी उसके कुछ पीछे अपनी बाइक पर गुस्से और बेबसी में अक्षत था , उसके पीछे गाड़ी में अर्जुन , मीरा और सोमित थे। मीरा का रो रोकर बुरा हाल था। सोमित जीजू उसे चुप करवा रहे थे और कह रहे थे,”हौसला रखो मीरा हमारी अमायरा को कुछ नहीं होगा”

जिस गाडी में अमायरा थी वह इंदौर से बाहर निकल चुकी थी। आधे घंटे से अक्षत और अर्जुन उस गाड़ी का पीछा कर रहे थे लेकिन उसे रोक नहीं पा रहे थे। अमायरा को लेकर सब इतना डरे हुए थे की किसी को पुलिस को फोन करना भी याद नहीं रहा। अक्षत का हाल बेहाल हो चुका था उसे किसी भी हालत में अपनी बेटी को बचाना था , अमायरा के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आते रहे। तभी अक्षत ने देखा गाड़ी गलत रस्ते पर जा रही है।
“ये रास्ता तो खाई की तरफ जाता है”,अक्षत ने खुद से कहा अब उसके दिल की धड़कने बढ़ने लगी थी। अक्षत ने बाइक उस गाड़ी के पीछे दौड़ा दी , अर्जुन ने भी बाइक के डायरेक्शन में गाड़ी मोड़ दी। दो किलोमीटर जाकर गाड़ी एक खाई के सामने रुकी , अक्षत वहा पहुंचा तो उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी। अमायरा को उठाने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि मोनालिसा थीं। वह बिल्कुल खाई के पास खड़ी थी और अमायरा उसकी गोद में थी। अक्षत ने बाइक रोकी और जैसे ही उतरा मोना ने कहा,”खबरदार अक्षत अगर एक कदम भी आगे बढ़ाया तो मैं इसे खाई में फेंक दूंगी”
“नहीं मोना ऐसा मत करना मैं यही हूँ , प्लीज डोंट डू दिस”,अक्षत ने धड़कते दिल के साथ कहा। अमायरा लगातार रोये जा रही थी। कुछ देर में ही अर्जुन की गाड़ी वहा पहुंची मीरा ने मोनालिसा को देखा तो उसका दिल धड़कने लगा उसने कभी सोचा नहीं था मोना उसकी जिंदगी में वापस आएगी।
“अमायरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मीरा जैसे ही मोना की तरफ जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया।
“अक्षत जी छोड़िये हमे हमारी बेटी उसके पास है , वो रो रही है”,मीरा ने रोते हुए कहा
“नहीं मीरा मैं तुम्हे नहीं जाने दे सकता अगर ऐसा किया तो हमारी बच्ची को,,,,,,,,,,,,,,,!!”,आगे के शब्द अक्षत के गले में ही अटक गए उसकी आवाज में अमायरा के लिए घबराहट और आँखों में खो देने का दर्द साफ दिखाई दे रहा था
मीरा ने सूना तो उसने मोना से कहा,”क्यों आयी हो यहाँ ? इस मासूम बच्ची ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है ,, ऐसा मत करो मोना भगवान के लिए हम तुम्हारे हाथ जोड़ते है हमारी बेटी हमे लौटा दो”
मोना मुस्कुराने लगी तो मीरा ने तड़पकर अक्षत से कहा,”देखिये ना अक्षत जी वो हंस रही है , वो ऐसे कैसे हमारी बच्ची को हमसे छीन सकती है ? आप उसे कुछ कहिये ना अक्षत जी प्लीज हमे हमारी अमायरा चाहिए ,, बच्ची है वो उसने उसका क्या बिगाड़ा है”
कहते कहते मीरा रोने लगी अर्जुन आया और मीरा को सम्हाला , मीरा को समझाते हुए वह उसे साइड में ले आया। सोमित जीजू अक्षत के पास आये। मोना की आँखों में अक्षत को बदले की आग साफ नजर आ रही थी उसने कहा,”प्लीज मोना अमायरा हमारा सब कुछ है उसे मुझे वापस कर दो ,, उस बच्ची की तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है तुम्हे जो कहना है मुझसे कहो , जो करना है मेरे साथ करो पर प्लीज मेरी अमायरा लौटा दो ,, आई रिक्वेस्ट यू मोना प्लीज”
“यही देखने मैं न्यूयार्क से वापस इंडिया आयी थी मिस्टर अक्षत व्यास 5 साल पहले जिस मोना को तुमने ठुकराया था उस से तुम्हारी ऐसी मुलाकात होगी तुमने शायद सोचा भी नहीं होगा”,मोना ने अट्टाहस के साथ कहा
“मोना क्या चाहती हो तुम ?”,अक्षत ने दर्द से तड़पते हुए कहा
“उस मीरा को मारना चाहती थी मैं , तुम्हे क्या लगता था तुम मुझे अपनी जिंदगी से इतनी आसानी से निकाल दोगे ,, तुम्हारी शादी के बाद मीरा के लिए मेरी नफरत और बढ़ गयी , इसने मुझसे मेरा प्यार , मेरा करियर , मेरी खुशिया सब मुझसे छीन लिया। इसने तुम्हे मुझसे छीन लिया , इसे तो मरना ही था पर इसकी अच्छी किस्मत की ये हर बार बच गयी”,मोना ने नफरत से मीरा को देखते हुए कहा
“मतलब ?”,अक्षत ने कहा
“तुम्हे क्या लगता है अक्षत मार्किट में उस कार का मीरा के पास से गुजरना , निधि की सगाई में उस पर झूमर गिरना वो सब इत्तेफाक था , नहीं वो सब मेरा प्लान था पर ये मीरा ये बच गयी। उसके बाद मैंने पूजा को तुम्हारे घर भेजा ताकि वो मीरा को जहर देकर हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दे और उसी दिन मुझे पता चला की मीरा माँ बनने वाली है , उसे मारने का ख्याल मैंने दिल से निकाल दिया जानते हो क्यों ? क्योकि अगर वो मरती तो सिर्फ तुम्हे तकलीफ होती लेकिन मैं उसे और तुम्हे दोनों को वो दर्द देना चाहती थी जिस से तुम जिंदगीभर तड़पते ,, और वो थी तुम्हारे और मीरा के प्यार की निशानी तुम्हारी बेटी , चाहती तो मैं इसे उसी दिन खत्म कर देती जिस दिन ये पैदा हुई थी लेकिन उस से तुम्हे वो दर्द नहीं मिलता जो मैं चाहती , पुरे एक साल मैंने इसका इन्तजार किया ताकि तुम दोनों को इस से इतना प्यार हो जाये की तुम दोनों इसे खोने के ख्याल से भी काँप उठो ,,,,,, जो दर्द और तकलीफ तुमने मुझे दिया है वही दर्द और तकलीफ मैं आज तुम दोनों को देने वाली हूँ ,,, ये खाई देख रहे यहाँ से कोई गिरे तो जिन्दा नहीं बचता है”,मोना ने अपना सच अक्षत सामने उगल दिया। मीरा ने जैसे ही सुना बेहोश होकर गिर पड़ी , अक्षत ने देखा तो उसकी आँखों भर आये उसका दिल जोरो से धड़क रहा था। एक तरफ मीरा थी तो दूसरी तरफ उसकी बेटी और अक्षत किसी भी हाल में दोनों को नहीं खोना चाहता था। उसने मोना के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा,”मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ मोना मेरी बेटी मुझे लौटा दो , इन सब में उसकी कोई गलती नहीं है”
“बस यही दर्द , यही तकलीफ देखना चाहती थी मैं ,,,, और अब ये दर्द मैं तुम्हे हमेशा के लिए देने वाली हूँ , गुड बाय मिस्टर अक्षत व्यास”,मोना ने कहा
“नहीं मोना,,,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुंन चिल्लाया
“रुक जाओ ऐसा मत करो,,,,,,,,,,,,,,!!”,जीजू भी चिल्लाये
“मोना रुक जाओ,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत मोना की तरफ आया , वह किसी भी हाल में अपनी बेटी को बचाना चाहता था जिसका अंजाम ये हुआ की हड़बड़ी में मोना का पैर फिसला और अमायरा उसके हाथ से छूट गयी। अमायरा नीचे गिरती इस से पहले ही अक्षत ने अमायरा को थाम लिया और जमीन पर आ गिरा लेकिन मोना खाई की तरफ जा गिरी। उसे बचाने के लिए अक्षत ने दूसरे हाथ से उसका हाथ थाम लिया मोना नीचे गहरी खाई में लटक रही थी। उसके एक हाथ में अमायरा थी जो बेतहाशा रोये जा रही थी और दूसरे हाथ में निहारिका का हाथ था। उसके लिए ये सब मुश्किल हो रहा था वह चिल्लाया,”जीजू,,,,,,,,!!”
सोमित जी अक्षत की तरफ आये उन्होंने अमायरा को सम्हाला और मीरा के पास लेकर आये , तब तक मीरा को होश आ चुका था। उसने अमायरा को सम्हाला और अपने सीने से लगा लिया। उधर अक्षत मोना का हाथ थामे उसे बचाने की कोशिश कर रहा था उसने मोना से कहा,”मेरा हाथ मत छोड़ना , मैं तुम्हे ऊपर खींचता हूँ तुम बस मेरा हाथ थामे रहो”
मोना ने सूना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी , जिस अक्षत को वह दर्द देना चाहती थी वही अक्षत उसे बचाने की बात कर रहा था। मोना ने अक्षत को देखा देखा और कहने लगी,”तुमसे और मीरा से बदला लेने के लिए मैं इतना गिर गयी की उस बच्ची को मारने जा रही थी ,, मुझे जीने का कोई हक़ नहीं है अक्षत , मेरा मर जाना ही ठीक है”
“नहीं मोना तुम्हारा गुस्सा मैं समझ सकता हूँ , तुमने जो किया वो बहुत गलत था लेकिन मैं तुम्हे ऐसे मरने नहीं दे सकता , तुम मेरा हाथ मत छोड़ना मोना”,अक्षत ने कहा
“नहीं अक्षत जीते जी मैं तुम्हे किसी और के साथ नहीं देख पाऊँगी , मेरा मर जाना ही बेहतर है गुड़ बाय अक्षत”,कहते हुए मोना ने अक्षत के हाथ से अपना हाथ छुड़ा लिया और नीचे जा गिरी। गिरते वक्त उसकी आँखों से आंसू निकलकर उसकी कनपटी को भीगा गए। अक्षत हक्का बक्का रह गया वह मोना को नहीं बचा पाया। सोमित जीजू अक्षत के पास आये और उसे सम्हाला। अक्षत को अमायरा का ख्याल आया तो वह भागकर उसकी तरफ आया उसने अमायरा को गोद में लिया और अपने सीने से लगा लिया उसकी आँख से आंसू बहकर गाल पर चला आया। मीरा उठी और अक्षत के पास आयी तो अक्षत ने उसे भी अपने सीने से लगा लिया। कुछ देर बाद ही वहा पुलिस और विजय जी बाकि घरवालों के साथ पहुंचे। अर्जुन ने सोमित जीजू ने पुलिस को सारी बात बताई। मोना मर चुकी थी सुसाइड कहकर पुलिस ने केस बंद कर दिया।

एक हफ्ते बाद अक्षत सुबह सुबह सो रहा था। अमायरा भी उसके बगल में उसके हाथ पर अपना सर रखे सो रही थी। अमायरा की नींद खुली तो वह उठकर वही कमरे में खेलने लगी। और फिर खिड़की के पास चली गयी। अक्षत की नींद खुली उसने जब देखा अमायरा वहा नहीं है तो वह घबराकर उठ बैठा और इधर उधर देखा अमायरा उसे कही दिखाई नहीं दी। मीरा अक्षत की चाय लेकर कमरे में आयी , अक्षत ने मीरा से पूछा,”मीरा अमु कहा है ?”
“नीचे जाने से पहले हम उसे आप ही के पास छोड़कर गए थे”,मीरा ने कहा तो अक्षत उसे कमरे में यहाँ वहा देखने लगा। उसका दिल बहुत तेज तेज धड़क रहा था , परेशानी के भाव उसके चेहरे से साफ झलक रहे थे। अचानक अक्षत को खिड़की के परदे में कुछ हलचल दिखी। धड़कते दिल के साथ वह खिड़की के पास आया उसके पैर काँप रहे थे। अक्षत ने धीरे से खिड़की का पर्दा हटाया तो देखा नन्ही सी अमायरा वहा खड़ी मुस्कुरा रही है। अक्षत ने देखा तो राहत की साँस ली। अक्षत को चुप देखकर अमायरा ने पहली बार कहा,” पापा “
जैसे ही ये शब्द अक्षत के कानो में पड़ा उसने अमायरा की तरफ देखा और कहा,”बेटा क्या कहा आपने ? फिर से कहो”
” पापा “,अमायरा ने अपनी प्यारी सी आवाज में कहां
अक्षत ने उसे अपने पास आने का इशारा किया और गोद में उठा लिया। अमायरा ने पहली बार उसे “डेडा” कहकर जो पुकारा था। अक्षत ने खिड़की के परदे साइड कर दिए मीरा मुस्कुराते हुए अक्षत के पास चली आयी और उसे चाय का कप दे दिया। अक्षत ने मीरा का सर चूमा और कहा,”डरा दिया इसने मुझे”
अमायरा ने अक्षत का चेहरा अपनी तरफ किया और नन्हे नन्हे होंठो से अक्षत का सर चुम लिया। अक्षत के लिए इस से ज्यादा खूबसूरत और क्या हो सकता था ? उसने अमायरा को वापस किस किया और फिर अपनी दुनिया (मीरा और अमायरा) के साथ खिड़की से दुनिया देखने लगा

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समाप्त

संजना किरोड़ीवाल

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