Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“हाँ ये मोहब्बत है” – 3

Haan Ye Mohabbat Hai – 3

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

मीरा अक्षत की शर्ट का बटन लगा रही थी और अक्षत बड़े ही प्यार से उसे देखे जा रहा था। कुछ देर बाद अक्षत ने कहा,”मीरा कभी कभी सोचता हूँ तुम मेरी जिंदगी में नहीं होती तो मेरा क्या होता ?”
“तो आप पहले के जैसे सडु , गुस्से वाले और कॉम्प्लिकेटेड रहते”,मीरा ने बटन का धागा तोड़ते हुए कहा
“वैसे तुम जब मुझे सडु कहकर बुलाती हो ना तो मुझे बहुत अच्छा लगता है , कितना वक्त गुजर गया और हमे पता ही नहीं चला”,अक्षत ने मीरा के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा
“वो तीन हमारी जिंदगी के सबसे बुरे साल थे जब जिसने हमे आपसे दूर रखा ,,,, हम आपके लिए सब कुछ सह सकते है बस दूर जाना नहीं”,कहते कहते मीरा भावुक हो उठी। अक्षत ने अपने होंठो से उसका सर चूमते हुए कहा,”हम हमेशा साथ रहेंगे मीरा , हर हाल में खुश रहेंगे”
“नीचे चलिए ना पापा नाराज होंगे”,मीरा ने कहा तो अक्षत मुस्कुराते हुए उसके साथ चल पड़ा। दोनों नीचे आये मीरा वहा से किचन की और चली गयी और अक्षत हॉल में सबके साथ आकर बैठ गया। हनी ने अक्षत को देखा तो आकर उसकी बगल में बैठ गया और कहा,”और साले साहब ?”
अक्षत को हनी के मुंह से अपने लिए साले साहब सुनना अच्छा नहीं लगा , उसे साले साहब कहकर सिर्फ सोमित जीजू बुलाते थे और ये हक़ अक्षत ने सिर्फ उनको दिया था लेकिन हनी भी अब उसका होने वाला जीजा था इसलिए अक्षत थोड़ा उसके करीब आया और कहा,”साले साहब मैं सिर्फ सोमित जीजू का हूँ आपके लिए मैं सिर्फ अक्षत हूँ”
“तो मैं आपको क्या बुलाऊ ?”,हनी ने मासूमियत से पूछा
“साले साहब छोड़कर कुछ भी बुला सकते हो पर ये नहीं”,अक्षत ने कहा तो हनी उठकर अर्जुन की और चला आया। चाय नाश्ते के बाद हनी के पापा ने विजय जी से कहा,”रिश्ता हुए काफी टाइम हो चुका है भाईसाहब अगले हफ्ते हनी भी पढाई करने अब्रॉड जा रहा है हम सोच रहे थे उस से पहले सगाई का छोटा सा फंक्शन हो जाता तो अच्छा रहता”
“हां हां क्यों नहीं बाकि बच्चो से पूछ लेते है”,विजय जी ने कहा तो हनी तपाक से बोल पड़ा,”मैं तो तैयार हूँ”
“जीजाजी बड़ी जल्दी है आपको”,अक्षत ने ताना मारा तो हनी झेंप गया और बाकी सब हसने लगे। विजय जी और हनी के घरवालों ने मिलकर दो दिन बाद का सगाई का फंकशन रख लिया। रात का खाना सबने साथ ही खाया और उसके बाद सभी जाने लगे। हनी छुपके से निधि के पास आया और कहा,”दो दिन बाद हमारी सगाई है निधु मैं तो बहुत एक्साइटेड हूँ”
“मैं भी बहुत खुश हूँ सब कितनी जल्दी हो रहा है ना”,निधि ने मुस्कुरा के कहा
“अच्छा सुनो एक किस दो ना”,हनी ने कहा निधि ने देखा पीछे अक्षत खड़ा है निधि की तो सिटी पिट्टी ही गुम हो गयी। निधि को चुप देखकर हनी ने फिर कहा,”बेबी दो ना सिर्फ एक किस ही तो मांग रहा हूँ”
अक्षत ने निधि को चुप रहने का इशारा किया निधि को चुप देखकर हनी ने कहा,”क्या यार निधि इतना क्या सोच रही हो ? अच्छा गाल पर ही कर दो यार”
“मैं दे दू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,गाल पर”,अक्षत ने हनी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। अब होश उड़ने की बारी हनी की थी। जब भी निधि से कुछ रोमांटिक बात करने की सोचता ना जाने अक्षत कहा से आ जाता आज भी यही हुआ। हनी डरते डरते पलटा और कहा,”मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था,,,,,,,,,,,,अच्छा निधि मैं चलता हूँ”
हनी जैसे ही जाने लगा अक्षत ने रोक लिया और कहा,”जो लेने आये थे वो लेकर जाओ”
“नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,,वैसे मीरा जी आपको बुला रही है”,हनी ने जैसे ही कहा अक्षत पीछे देखने लगा इतने में हनी पलटा और निधि के गाल पर किस करके वहा से भाग गया। अक्षत ने देखा मीरा तो वहा थी ही नहीं , जैसे ही पलटा हनी गायब। अक्षत निधि के पास आया और उसके सर पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए कहा,”टाँग खींच रहा था तुम्हारे होने वाले पति की”
“कोई बात नहीं भाई”,निधि भी मुस्कुरा दी और फिर अक्षत के साथ वहा से चली गयी।
हनी और उसके घरवाले जा चुके थे। रात के 10 बज रहे थे दादू और दादी अपने कमरे में थे। विजय जी भी अपने कमरे में बैठकर कोई किताब पढ़ रहे थे। राधा कमरे में रखे कपडे उठाकर अलमारी में रख रही थी। अर्जुन नीता और चीकू ऊपर सोने अपने कमरे में जा चुके थे। निधि हनी के साथ फोन पर बिजी थी और रघु भी सोने जा चुका था बस जाग रहे थे तो मीरा और अक्षत। मीरा किचन में थी क्योकि अक्षत को उसके हाथ की चाय पीनी थी और अक्षत भी उसकी किचन के प्लेटफॉर्म पर बैठा था क्योकि उसे मीरा को चाय बनाते हुए देखना था। इन दोनों का प्यार आज तक किसी को समझ ही नहीं आया था , कभी एक दूसरे को सलाह देते हुए दोनों बहुत अच्छे दोस्त नजर आते तो कभी प्यार भरी बाते करते हुए प्रेमी , कभी मीठी नोक-झोंक करते पति पत्नी नजर आते तो कभी झगड़ते बच्चे। अक्षत और मीरा की वजह से ही घर में हर वक्त चहल पहल रहती थी। मीरा ने चाय बनाकर कप में छानी और अक्षत की और बढ़ा दी। अक्षत ने इशारे से मीरा को अपने पास बुलाया और अपने हाथो से एक घूंठ पीला दिया।
“ये तो जूठी हो चुकी है”,मीरा ने कहा
“कोई बात नहीं मैं पि लूंगा”,अक्षत ने कहा और चाय पिने लगा। मीरा वही खड़ी अक्षत को निहारती रही कुछ देर बाद दोनों वहा से ऊपर अपने कमरे में चले आये। कमरे में आते ही अक्षत की नजर अपने कमरे की दिवार पर पड़ी जहा उसकी और मीरा की तस्वीरों के बीच एक तस्वीर सोमित जीजू की भी थी। अक्षत ने तुरंत अपना फोन निकाला और जीजू को फोन लगा दिया , एक दो रिंग के बाद जीजू ने फोन उठा लिया और कहा – और भई साले साहब बड़े दिनों बाद याद आयी हमारी ?
जीजू के मुंह से ये दो शब्द सुनते ही अक्षत के होंठो पर मुस्कान तैर गयी और उसने कहा,”आह ! सुकून का नाम सूना है जीजू बस आपके मुंह से अपने लिए ये साले साहब सुनकर ना सुकून सा आ जाता है”
सोमित – बस बस बस इतना मक्खन काफी है , अब बताओ क्या हुआ ?
अक्षत – जीजू जेनुअन आपकी याद आ रही है यार
सोमित – अबे ऐसा मत बोल मुश्किल से तेरी आदत छोड़ी है मैंने
अक्षत – आज हनी के घरवाले आये थे सगाई की डेट फिक्स करने
सोमित – अरे वाह ये तो बहुत अच्छी खबर सुनाई तूने , कब की है ?
अक्षत – दो दिन बाद की है आपको और दी को आना है मैं टिकट्स करवा दूंगा
सोमित – अरे यार अभी एक महीने पहले ही तो वहा से आये है , इतनी जल्दी फिर से ?
अक्षत – जीजू आप एक काम क्यों नहीं करते इंदौर ही शिफ्ट हो जाईये ना ,, रोज रोज आना नहीं पडेगा
सोमित – नहीं यार यहाँ सब सेटल्ड है जॉब भी और अब तो काव्या भी स्कूल जाने लगी है
अक्षत – हम्म्म वैसे अगले हफ्ते मैं दिल्ली आ रहा हूँ कोर्ट सेशंस के लिए
सोमित – ऑलवेज वेलकम साले साहब ,, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे तीन यार आप मैं और ओल्ड मोंक
अक्षत – आपकी ओल्ड मोंक आपको मुबारक मीरा ने सुन लिया ना तो दोनों की क्लास लगा देगी
सोमित – एक काम क्यों नहीं करता मीरा को भी अपने साथ दिल्ली ले आ ना
अक्षत – वो नहीं आएगी जीजू यहाँ उसका एनजीओ है , वैसे भी कुछ महीने बाद तो मैं परमानेंट दिल्ली ही शिफ्ट हो जाऊंगा अपनी मीरा के पास
सोमित – लगता है शादी का नशा उतरा नहीं है साले साहब
अक्षत – क्या जीजू आप भी ,, अच्छा मैं रखता हूँ और हां कल टिकट्स भेज रहा हूँ आना है
सोमित – अरे नहीं अक्षत समझा करो इस बार पॉसिबल नहीं हो पायेगा
अक्षत – मुझे कुछ नहीं सुनना , आपको और दी को आना है बस
सोमित – ठीक है मैं तनु से बात करता हूँ
अक्षत – ओके , गुड़ नाईट , बाय
अक्षत ने फोन काट दिया और साइड टेबल पर रख दिया। तभी बाथरूम से बाहर आकर मीरा ने कहा,”किस से बाते हो रही थी ?”
“गर्लफ्रेंड़ से”,अक्षत ने कहा
“अच्छा तो आपकी गर्लफ्रेंड भी है ?”,मीरा ने पूछा
“हम्म्म बहुत है पर एक बहुत खास है”,अक्षत ने कहा
“और वो कौन है ?”,मीरा ने बिस्तर पर बिखरे तकिये सही करते हुए कहा
“है कोई जो मुझे जान से भी ज्यादा प्यारी है”,अक्षत ने मीरा को अपनी बांहो में भरते हुए कहा

उसी रात सनशाइन होटल के तीसरे माले पर रूम नंबर 301 में बैठे आदमी ने किसी को फोन किया और कहा – हैलो मैडम , मैं इंदौर पहुँच चुका हूँ , उसके बारे में सब जानकारी मिल चुकी है।”
“वैरी गुड , अब बस तुम्हे अपने काम को अंजाम देना है”,दूसरी और से किसी की खुबसुरत आवाज खनकी
“डोंट वरी मैडम काम हो जाएगा और ऐसा होगा की किसी को कानोकान खबर तक नहीं होगी , आप बेफिक्र रखिये बस वो मेरे पैसे,,,,,,,,,,,,!!”,आदमी ने कहा
“पैसे की चिंता मत करो काम होते ही तुम्हे तुम्हारा पैसा मिल जाएगा बस एक बात याद रखना उसकी मौत एक एक्सीडेंट लगना चाहिए”,लड़की ने कहा
“ओके मैडम , आप बुरा ना माने तो एक बात पूछ सकता हूँ”,आदमी ने कहा
“हम्म्म पूछो”,लड़की ने कहा
“आप उसे क्यों मरवाना चाहती है ?”,आदमी ने डरते डरते पूछा
“बदला,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपनी बेइज्जती का बदला लेना है मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो सब वापस हासिल करना है मुझे जो उसने मुझसे छीन लिया”,लड़की की आवाज में गुस्सा और नफरत साफ नजर आ रही थी
“ठीक है ठीक है मैडम आपका काम हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं फ़ोन रखता हूँ , बाय”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया और फिर खुद से ही कहा,”कितनी खतरनाक है ये लड़की , काम होने के बाद अपना पैसा लेकर हमेशा के लिए इस से कॉन्टेक्ट ही खत्म कर लूंगा”
आदमी उठा और अपने बैग मे रखी शराब की बोतल निकाली और ग्लास में उड़ेल कर पीने लगा।
दूसरी और शहर से बाहर बना एक आलिशान घर जिसके कमरे में घूमने वाली कुर्सी पर बैठी एक लड़की मुस्कुरा रही थी , खिड़की से आती रौशनी सीधा लाल लिपस्टिक से पुते उसके होंठो पर पड़ रही थी , उसके एक हाथ में शराब से भरा ग्लास था और दूसरे हाथ की बीच वाली ऊँगली में पहना नगीना अँधेरे में भी चमक रहा था। वह उस कुर्सी पर गोल गोल घूम रही थी और फिर एकदम से रुककर उसने हाथ में पकडे ग्लास को दिवार की और फेंकते हुए कहा,”आई जस्ट हेट यू मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!!

Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3 Haan Ye Mohabbat Hai – 3

क्रमश – “हाँ ये मोहब्बत है” – 4

Read More – “हाँ ये मोहब्बत है” – 2

Buy This Book On – archanapublication

संजना किरोड़ीवाल

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

24 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!