हाँ ये मोहब्बत है – 18
Haan Ye Mohabbat Hai – 18
“अमायरा” की लांचिंग पार्टी अच्छी चल रही थी सिन्हा जी ने विजय जी की फॅमिली के साथ खाना खाया और फिर वहा से होटल के लिए निकल गए सुबह उनकी दिल्ली के लिए फ्लाइट थी। कुछ फोटोग्राफ्स खींचे गए और उसके बाद पार्टी खत्म हुयी। विजय जी , दादी माँ , राधा और निधि एक गाड़ी से निकल गये। बाकि मेहमान भी एक एक कर वहा से चले गए। घडी में रात के 11 बज रहे थे , जीजू , अर्जुन , नीता और अक्षत लॉन में पड़ी कुर्सियों पर बैठे थे। अर्जुन ने सेलेब्रेट के लिए वेटर से बोलकर एक वाइन की बोतल मंगवा ली और तीन ग्लास में थोड़ी थोड़ी डालते हुए तनु और नीता से कहा,”दी नीतू आज आप दोनों कुछ नहीं बोलोगे , आज हमारा दिन है इसलिए एक छोटा सा सीप आज की ख़ुशी के नाम”
“ठीक है लेकिन हम लोग आप तीनो को कम्पनी नहीं देंगे , चले दी”,नीता ने उठते हुए प्यार से कहा
“हां नीता चलो”,तनु उठाकर नीता के साथ वहा से चली गयी। अर्जुन ने एक ग्लास सोमित और दुसरा अक्षत की और बढ़ाया और कहा,”मैं नहीं पिऊंगा”
“क्यों मीरा ने मना किया है ? कम ऑन आशु आज बहुत बड़ा दिन हम सबके लिए , ले पकड़”,अर्जुन ने कहा
“मीरा मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं करती , आपको पता है ना पीने के बाद मुझे चढ़ जाती है ,, आप और जीजू पीजिये मैं अपने लिए कॉफी मंगवा लेता हूँ”,अक्षत ने वेटर से कॉफी लाने को कहा
“छोड़िये इसे , चेयर्स”,अर्जुन ने सोमित के ग्लास से अपना ग्लास टकराते हुए कहा और फिर धीरे धीरे करके सिप लेने लगा। सोमित भी आज खुश था उसने एक ही घुठ में सारी खत्म कर दी ग्लास टेबल पर रख दिया। तीनो वही बैठे उस मौसम का आनंद लेने लगे , ठण्ड बढ़ने लगी थी अक्षत ने सबको घर चलने को कहा , साथ ही उसे मीरा की भी फ़िक्र हो रही थी। अक्षत ने गाड़ी निकाली और सब आकर उसमे बैठ गए। चीकू तो सो चुका था और काव्या निधि के साथ पहले ही चली गयी थी।
सभी घर पहुंचे। नीता अर्जुन ऊपर कमरे में चले गए , अक्षत ने जीजू और तनु को गुड़ नाईट बोला और जैसे ही जाने लगा सोमित ने उसे रोका और उसके पास चला आया। उन्हें चुप देखकर अक्षत ने कहा,”आप कुछ कहना चाहते है ?”
सोमित ने कुछ नहीं कहा बस आगे बढ़कर उसे गले लगाते हुए धीरे से कहा,”थेंक्यू”
अक्षत मुस्कुरा उठा और कहा,”थैंक्यू की जरूरत नहीं है जीजू आप डिजर्व करते है ये सब , कल से आप एक नयी जिंदगी शुरू करने वाले है ऑल द बेस्ट”
जीजू अक्षत से दूर हुए और कहा,”अगर जिंदगी में कभी दुसरा जन्म मिला तो मैं चाहूंगा तेरे जैसा बेटा मेरी जिंदगी में आये”
“वो तो अब भी आ सकता है बस थोड़ी सी मेहनत करनी होगी”,अक्षत ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा ताकि तनु को ना सुनाई दे
“धत बेशर्म,,,,,,,,,,,,,,,,चल जा यहाँ से”,जीजू ने अक्षत से कहा और तनु को लेकर वहा से चले गए। उन्हें जाते देखकर अक्षत ने कहा,”मुझ जैसा बेटा ही नहीं बल्कि आपको जिंदगी की सारी खुशिया मिले जीजू”
अक्षत अपने कमरे में चला आया। कपडे चेंज करके आया और देखा मीरा गहरी नींद में सोई हुई है , अक्षत आकर उसकी बगल में लेट गया , अक्षत के होने मीरा को नींद में भी महसूस हुआ हो वह उसकी और पलटी और अपना सर उसके सीने पर रख लिया। मीरा का सबसे पसंदीदा संगीत था अक्षत की धड़कनो को सुनना। अक्षत मुस्कुराया उसने मीरा को अपनी बांहो में भरा और उसके सर को चूमकर अपनी आँखे मूँद ली।
अगली सुबह विजय जी और सोमित जीजू नए ऑफिस के लिए निकल गए। पुराने ऑफिस का सारा काम अब अर्जुन के कंधो पर आ गया और उसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ गयी। नाश्ता करके अर्जुन भी निकल गया। अक्षत सो रहा था क्योकि एक हफ्ते तक उसे ना कोर्ट जाना था ना ही किसी ऑफिस ,, मीरा नीचे हॉल में थी उसने देखा काव्या अपनी किताबे देख रही है तो उसके मन में एक विचार आया वह ऊपर अपने कमरे में चली आयी। उसने अक्षत को उठाया और तैयार होकर नीचे आने को कहा। अक्षत उठा नहाया और तैयार होकर नीचे चला आया। मीरा ने अक्षत से कहा,”हम कुछ मांगे तो मिलेगा हमे ?”
“मांगने की जरूरत नहीं है मीरा जी आप बस बताईये क्या करना है ? क्योकि अगले 7 दिन तक आपका ये सडु आपकी खिदमत में हाजिर है”,अक्षत ने कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और कहा,”हमे स्कूल जाना है”
“इस उम्र में ?”,अक्षत ने चौंकते हुए कहा
“अक्षत मजाक मत कीजिये अपने लिए नहीं काव्या के लिए , हम चाहते है यहाँ के किसी अच्छे स्कूल में काव्या का एडमिशन हो”,मीरा ने प्यार से अक्षत का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा
“ये तो मैं भूल ही गया था , ठीक है चलते है पर थोड़ी देर में,,,,,,,,,,,,हम्म्म्म”,अक्षत ने मीरा के गाल को प्यार से छूकर कहा
“हम्म्म्म”,मीरा ने मुस्कुरा कर सर हिलाया और वहा से चली गयी। शादी के बाद मीरा हर वक्त मुस्कुराती रहती थी और इसकी वजह था अक्षत , अक्षत को देखे बिना ना मीरा की सुबह होती थी ना ही शाम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
अक्षत दादू से मिलकर आया उनकी तबियत के बारे में पूछा और फिर आकर मीरा से कहा,”मैं बाहर गाड़ी में हूँ तुम और काव्या आ जाना”
मीरा ने तनु से बात की और उसे भी साथ चलने को कहा लेकिन तनु ने कहा,”मीरा तुम और अक्षत काव्या के लिए अच्छा ही चुनोगे , तुम दोनों जाओ मैं दादी के साथ मंदिर हो आती हूँ”
“ठीक है दी हम जाकर आते है”,कहकर मीरा काव्या को अपने साथ लेकर चली गयी।
बाहर गाड़ी में बैठा अक्षत दोनों का इंताजर कर रहा था। काव्या को मीरा ने पीछे बैठाया और खुद अक्षत के बगल में आकर बैठ गयी।
“चले ?”,अक्षत ने पूछा
“हम्म्म्म”,मीरा ने सीट बेल्ट पहनते हुए कहा लेकिन वो हुक ठीक से लग नहीं रहा था , अक्षत ने देखा तो मीरा की और झुका और मीरा का सीट बेल्ट लगाने लगा , मीरा के नजदीक आकर अक्षत का दिल धड़क उठा , वह मीरा को और मीरा उसे देखते रही। पीछे बैठी काव्या कभी मीरा को देखती तो कभी अक्षत को और फिर कहा,”अरे मामू जल्दी चलो वरना स्कूल बंद हो जाएगा”
अक्षत ने सूना तो मीरा से दूर हटा और कहा,”हां चलते है काव्या”
मीरा को हंसी आ गयी लेकिन उसने अपनी हंसी रोक ली और खिड़की के बाहर देखने लगी। अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और घर से निकल गए। काव्या खिड़की से बाहर देखे जा रही थी उसे तो बहुत अच्छा लग रहा था सब।
अक्षत मीरा और काव्या इंदौर के “मॉर्डन वेल्ली स्कूल” पहुंचे। अक्षत ने प्रिंसिपल से बात करके स्कूल के बीच में ही काव्या का एडमिशन करवा दिया। अगले दिन संडे था इसलिए प्रिंसिपल ने मंडे से काव्या को स्कूल आने को कहा। अक्षत जब तक प्रिंसिपल मेम से बात कर रहा था काव्या और मीरा स्कूल का एक चक्कर लगा आये। काव्या को अपना नया स्कूल बहुत पसंद आया। स्कूल की सभी फॉर्मलिटीज पूरी करने के बाद अक्षत मीरा और काव्या के साथ मार्किट चला आया वहा से उसके लिए स्कूल बैग और जरूरत का सामान लिया और सब लाकर गाड़ी में छोड़ दिया। दोपहर होने को आयी अब अक्षत और काव्या को भूख लगने लगी थी क्योकि दोनों ने ही नाश्ता नहीं किया था। अक्षत मीरा और काव्या तीनो एक रेस्टोरेंट में आये और पिज़्ज़ा खाया। मीरा को बाहर की चीजे खाना ज्यादा पसंद नहीं था इसलिए उसने सिर्फ एक स्लाइस खाया बाकि सब अक्षत और काव्या ने। तीनो ने स्मूदी पी इसके बाद अक्षत में मीरा और काव्या को चलकर गाड़ी में बैठने को कहा और खुद बिल पे करने चला गया। मीरा अपना पर्स और काव्या का हाथ पकडे बाहर चली आयी तभी एक 30-32 साल की लड़की मीरा के पास आयी और उसका पर्स छीनकर भागने लगी
“कोई रोके उन्हें वो हमारा पर्स लेकर चली गयी है”,मीरा ने चिल्लाते हुए कहा तो पास ही खड़े दो लड़को में से एक ने भागकर उसे पकड़ लिया और जैसे ही उसे मारने को हाथ उठाया मीरा ने बीच में आते हुए कहा,”प्लीज हाथ मत उठाईये , औरत है वो”
“औरत है तो फिर ऐसे चोरी करके क्यों भाग रही थी ?”,लड़के ने अपना हाथ नीचे करते हुए कहा
“इनकी कोई मज़बूरी रही होगी , आप लोग जाईये”,मीरा ने कहा तो लड़के ने उस लड़की के हाथ से पर्स छीनकर मीरा को देकर कहा,”ये लीजिये मैडम आपका पर्स और ध्यान रखिये ऐसे चोर उचक्कों से”
“शुक्रिया भैया”,मीरा ने कहा तो लड़का चला गया। मीरा लड़की की तरफ पलटी और कहा,”दिखने में तो आप अच्छे घर की लगती है फिर ऐसे चोरी क्यों कर रही है आप ?”,मीरा ने बड़ी ही शालीनता से लड़की से कहा
“मेरा नाम पूजा है मैं यहाँ अपने प्रेमी के साथ आयी थी , घर से भागते वक्त जो पैसे लायी थी वो सब खत्म होने पर वह मुझे छोड़कर चला गया , दो दिन से कुछ खाया नहीं है मैडम इसलिए चोरी की”,लड़की ने नजरे झुकाकर कहा
मीरा को उस लड़की पर दया आने लगी और उसने कहा,”ऐसे चोरी करना सही नहीं है आप कुछ काम भी कर सकती है”
“अनजान शहर में मुझे कौन काम देगा मैडम ? और कुछ लोग अपने घर में काम देते भी है तो बुरी नजर रखते है”,लड़की ने कहा तो मीरा को उसकी परेशानी समझ आयी। वह लड़की की बाते सुन ही रही थी की अक्षत आया और देखा काव्या अकेले ही खड़ी है उसने आकर काव्या से मीरा के बारे में पूछा तो काव्या ने कुछ ही दूर खड़ी मीरा की और इशारा कर दिया। अक्षत मीरा के पास आया और कहा,”मीरा यहाँ क्या कर रही हो तुम ? और ये कौन है ?”
“अक्षत जी ये पूजा बहुत प्रॉब्लम में है हमे इनकी मदद करनी चाहिए”,मीरा ने अक्षत की और पलटकर कहा। अक्षत ने एक नजर पूजा को देखा उसे पूजा को देखकर कोई पॉजिटिव वाइब्स नहीं आयी , उसने मीरा से कहा,”मीरा,,,,,,,,,,,,!!
“अक्षत जी प्लीज आपने हमने कहा था ना आप हर उस इंसान की मदद करेंगे जिसे मदद की जरूरत होगी,,,,,,,,,,,,,,,,इनकी भी कर दीजिये , इसने दो दिन से कुछ नहीं खाया है”
अक्षत समझ गया मीरा उसका पीछा नहीं छोड़ने वाली है इसलिए उसने अपना विजिटिंग कार्ड निकाला और पूजा की और बढ़ाकर कहा,”कल इस एड्रेस पर आ जाना और हां (कहते हुए अपने पर्स से 100 के दो नोट निकालकर लड़की की और बढाकर कहता है) ये रखो खाना खा लेना”
पूजा ने झिझकते हुए पैसे ले लिए और हाथ जोड़कर अक्षत मीरा को शुक्रिया बोलकर वहा से चली गयी। उसके जाने के बाद मीरा ने अक्षत की और देखा तो अक्षत ने कहा,”अब खुश हो ना ?”
“हम्म्म”,जवाब में मीरा मुस्कुरा दी और अक्षत के साथ काव्या की और चली गयी। चलते चलते पूजा ने पलटकर मीरा और अक्षत को जाते हुए देखा उसकी आँखो में साजिशो का एक जाल बुनता साफ़ नजर आ रहा था।
अक्षत मीरा और काव्या को लेकर वहा से चला गया। उनके जाते ही पूजा ने अपना फोन निकाला और किसी का नंबर डॉयल किया।
इंदौर से मीलो दूर किसी बिल्डिंग की बालकनी में खड़ी एक लड़की ने फ़ोन उठाया और कहा,”काम हुआ ?”
“हां मैं मीरा से मिल चुकी हूँ और मैंने उसे यकीन दिला दिया है की मैं बहुत प्रॉब्लम में हूँ , उसने कल मुझे घर बुलाया है”,पूजा ने कहा
“गुड आगे का प्लान तुम्हे पता ही है”,लड़की ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
“डोंट वरी मैडम मैं आपको उनकी पल पल की खबर देती रहूंगी”,पूजा ने कहा और फोन काट दिया
बालकनी में खड़ी उस लड़की ने फोन होंठो से लगाया और खुद से कहने लगी,”पुअर मीरा इस जन्म में तो मैं तुम्हे अक्षत का नहीं होने दूंगी , गेम शुरू हो चुका है और इस गेम की विनर मैं हूँ”
अगली सुबह पूजा व्यास हॉउस जाने के लिए निकली । आज संडे था इसलिए सब घर पर ही थे बस विजय जी और सोमित जीजू ऑफिस गए थे। संडे हमेशा से अक्षत का फेवरेट रहा है इसलिए वह अभी तक सो रहा था। दादू-दादी बाहर बगीचे में धुप सेक रहे थे रघु भी वही दादू के सर की मालिश कर रहा था। नीता चीकू और काव्या को नाश्ता करवा रही थी और मीरा किचन में थी उसने चाय बनाई और तीन कप में छानकर बाहर गार्डन में चली आयी। मीरा ने दादू और दादी को चाय दी और फिर तीसरा कप सामने पड़ी टेबल पर रखते हुए कहा,”रघु भैया ये आप ले लीजियेगा”
“जी भाभी”,रघु ने मुस्कुरा कर कहा एक मीरा ही थी जो उस घर में रघु से इतने प्यार से बात करती थी बाकि सब तो अपने अपने आर्डर उसे देते रहते थे। मीरा अंदर चली गयी। पूजा व्यास हॉउस के मेन गेट के बाहर पहुंची और दरवाजा खोलकर अंदर आयी उसे देखकर दादू ने कहा,”ये लड़की कौन है पहले तो कभी नहीं देखा इसे यहाँ ?”
“मैं पूछकर आता हूँ दादू”,कहते हुए रघु पूजा की तरफ आया और कहा,”कौन हो और ऐसे अंदर कैसे चली आयी ?”
“मुझे अक्षत सर से मिलना है उन्होंने अपना ये कार्ड मुझे दिया था और मिलने को कहा था”,पूजा ने अक्षत का विजिटिंग कार्ड देखा और कहा,”अक्षत भैया अंदर ही है आओ” कहते हुए रघु उसे अपने साथ ले आया। दादू दादी के पास आकर पूजा ने उन्हें नमस्ते किया। रघु ने पूजा के वहा आने की वजह बताई तो दादू ने पूजा को बैठने को कहा।
रघु अंदर चला गया , अक्षत को नींद से उठाना रघु को खतरा लगा तो उसने मीरा के पास आकर कहा,”भाभी अक्षत भैया को उठा देंगी बाहर कोई उनसे मिलने आया है”
“ठीक है आप चलिए हम उन्हें बोलकर आते है”,मीरा ने कहा और ऊपर अपने कमरे में चली आयी। उसने अक्षत को उठाया बस एक मीरा ही थी जिसके उठाने से अक्षत को गुस्सा नहीं आता था , अक्षत उठा वाशरूम गया मुंह धोया और निचे चला आया उसने ट्राउजर और टीशर्ट पहना हुआ था। वह बाहर बगीचे में आया जहा पूजा बैठी थी। पूजा ने अक्षत को देखा तो एक पल के लिए उसकी भी आँखे उस पर ठहर गयी , हल्की नीली गहरी आँखे , हलकी दाढ़ी पर सलीके से ट्रिम की हुई , सुर्ख लाल होंठ और गठीला बदन , अक्षत कुछ ही दूर पड़ी कुर्सी पर बैठा और पूजा से कहा,”पापा के नए ऑफिस में रिसेपशन पर जगह खाली है , आप वहा चले जाओ मैं पापा से बात कर लूंगा”
“अगर ऑफिस में काम किया तो मैं मीरा पर नजर नहीं रख पाऊँगी मुझे कैसे भी करके इस घर में ही रुकना होगा”,पूजा ने मन ही मन सोचा
“क्या हुआ कोई प्रॉब्लम है ?”,अक्षत ने सवाल किया , तभी पूजा को सामने से मीरा आती नजर आयी , उसने हाथ में पकड़ा चाय का कप अक्षत को दिया
“दरअसल मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूँ , ऑफिस में काम मैं नहीं कर पाऊँगी ,, कोई और काम हो तो,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं घर के सारे काम करना जानती हूँ”,पूजा ने कहा
“घर के कामो के लिए तो रघु है”,इस बार दादू ने कहा तो पूजा ने मीरा की और देखकर कहा,”मैं सब काम करुँगी झाड़ू लगाना , कपडे धोना , बर्तन धोना मुझे सब आता है” मीरा ने हसरत भरी निगाहो से अक्षत की और देखा तो अक्षत ने कहा,”ठीक है कल से आ जाना”
पूजा ने अक्षत से शुक्रिया कहा और ख़ुशी ख़ुशी वहा से चली गयी। व्यास हॉउस में घुसने का उसका पहला प्लान सक्सेज हो चुका था
Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18 Haan Ye Mohabbat Hai – 18
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 19
Read More – हाँ ये मोहब्बत है – 17
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
Buy This Book Here – archanapublication
संजना किरोड़ीवाल
Nice part
Aab ye kya musibat h pooja
Superb part ❤️❤️
Ho na ho ye jroor Mona ya ishika ki hi साजिश है।
खैर दूरियां ही आपस मै नजदीकियां बढ़ाती हैं।
अब ये क्या बला है 🤦
एक वो निहारिका कम थी क्या जो ये पूजा भी आ गई
सब बेचारे शादी सुदा अक्षत के पीछे पड़े हैं
मीरा से इनकी क्या दुश्मनी है ,🤔
वैसे मीरा इतनी भोली क्यू है नही होना चाहिए भई आज के टाइम में इतना
Akshat aur meera ke kitne dushman h pta nhi ab ye musibat kya rang layegi
Ab yeh Pooja naam ka kaun sa naya bomb hai ..,aur isse bheja kisne hai…🤔🤔yeh Meera bhi na kisi par bhi vishvas kar leti hai…♥️♥️♥️
Superb part..ye puja naam ka jaal mona ne hi feka h taaki akshat Meera p Nazar rakh sake…ab to Niharika bhi akshat ko pane ki ras m aa gai mona to thi hi…. bechara akshat ek anar so bimar wali haalat h ..but wo to ek apni meera ka hi diwana h… zarurat se jyada sidha hona bhi ek gunah h log aapki acchai ka galat fayda utha jate h…meera k sath bhi yahi ho rha h uska sidhapan use kis musibat m le ja rha h use pata hi nhi… akshat ko jo vibes aati h wo hi sahi h akshat ko hi dhyan rakhna hoga… waiting for next part
Kahin ye ladki monalisha hi to ni in sab me meera ki ky lagti hai wo bichari bina matlb ke hi fansti ja rhi hai ek le ladki or dusri wo neharika pata ni aage meera ki life me ky hoga
Uff fir se sazish…