Sanjana Kirodiwal

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मेरी आख़री मोहब्बत – 9

Meri Aakhari Mohabbat – 9

Meri Aakhari Mohabbat
Meri Aakhari Mohabbat by Sanjana Kirodiwal

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Meri Aakhari Mohabbat – 9

विनीत और उसकी माँ की गुरुर भरी बाते सुनने के बाद घरवालों ने फैसला किया की अभी पाखी को कुछ महीने नहीं भेजेंगे !! पाखी नहीं जाना चाहती थी वापस उस घर में उन लोगो के बिच जहा उसकी कोई इज्जत नहीं थी , जहा उसका कोई अपना नहीं था …

धीरे धीरे दिन गुजरते गए ,

पाखी जैसे घर में कैद सी होकर रह गयी एक शाम वो पूजा के घर गयी , पूजा अकेली ही थी पाखी को देखते ही खुश हो गयी और बताया की इस महीने की 29 तारिख को उसके देवर की शादी है ..

शादी का नाम सुनते ही पाखी के चेहरा उदास हो गया पूजा के पूछने पर उसने सारी बात पूजा को बता दी पूजा को बहुत गुस्सा आया उसने पाखी से कहा

– मरने दे उसे कही मत जा , जब अकल ठिकाने आएगी ना तो अपन आप समझ आ जाएगा उन लोगो को ,, और तू चिंता मत कर सब ठीक हो जायेगा ..

पाखी ने पूजा का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा मनु को ये सब मत बताना

पूजा ने कुछ नहीं कहा बस पाखी की आँखों में देखती रही जहा आज भी किसी कोने में मनु की झलक दिखाई दे रही थी …

पूजा के पास आकर पाखी को अच्छा लगा एक वो ही थी जो उसे समझ सकती थी ,, उसका हर वक्त साथ देती थी इसलिए दोनों में इतना प्यार और एक दूसरे के प्रति भरोसा था .. पूजा से बात करके पाखी घर चली गयी अब अक्सर जब भी पाखी पूजा के पास जाने लगी इस बिच विनीत ने उसे कोई फोन नहीं किया ना ही उसके बारे में जानने की कोशिश की

एक दिन पाखी सुबह सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी की पूजा का फोन आया

– पाखी जल्दी से घर आ तेरे चाचू तुझे बुला रहे है .. कहकर उसने फोन काट दिया

पाखी बैग लेकर पहुंची तो देखा की पूजा के पति और छोटा चाचू बैठे थे , पाखी ने अपना टिफिन साइड में रखा और उनके पास जाकर बैठ गयी

चाचू ने उसे शादी में आने के लिए इन्वाइट किया तो उसने गर्दन हिला दी सभी बात कर ही रहे थे की तभी कमरे से मनु निकलकर आया ..

मनु छोटे चाचू के साथ ही काम करता था इसलिए पिछले 1 साल से पूजा के पास ही रह रहा था , पाखी को देखते ही मनु वही दरवाजे पर ही रुक गया आज एक साल बाद पाखी उसे देख रही थी , काफी बदल चूका था वो बस एक चीज नही बदली थी उसकी आँखे ,, उसकी आंखे आज भी वैसी ही थी उदास

पाखी ने चेहरा दूसरी और घुमा लिया लेकिन वो मुस्कुराते हुए उसे देखता रहा , पाखी उठी और अपना टिफिन लेकर जैसे ही जाने लगी मनु ने पूछ लिया – टिफिन में क्या है ?

पोहा – पाखी ने बिना उसकी तरफ देखे कहा

भूख लगी है – मनु ने फिर से कहां

पाखी ने अपना टिफिन उसकी तरफ बढ़ा दिया और कहा – ये खा लेना

चली गयी मनु उसे जाते हुए देखता रहा …

पाखी के जाने के बाद मनु उस टिफिन को हाथ में लिए बैठा रहा ,, पूजा और बड़े चाचा भी उसके पास आकर बैठ गए पूजा से रहा नहीं गया तो उसने मनु और बड़े चाचू को सारी बात बता दी !! पूजा की बात सुनकर मनु को बहुत गुस्सा आया

वो अकेले सब सहती रही किसी से कुछ कहा क्यों नहीं , उसे बोल छोड़ दे उसे और वापस न जाये – मनु ने धीरे से कहा

पागल हो गया , उसे छोड़कर कहा जाएगी वो , – पूजा ने दोनों को खाना परोसते हुए कहा

मैं कर लूंगा उस से शादी – मनु ने जवाब में कहा तो पूजा चुप हो गयी

खाना खाकर मनु अपने कमरे में चला गया और पाखी बारे में सोचने लगा

काश मैंने उसे बोल दिया होता की मैं उस से कितना प्यार करता हु तो शायद उसे आज ये सब नहीं देखना पड़ता , उसकी इस हालत का जिम्मेदार कही ना कही मैं भी हु .. लेकिन एक मौका मिला है मुझे अपना प्यार वापस पाने का

एक बार उसे खो चूका हु दोबारा नहीं खोना चाहता …

मनु 1 साल पीछे चला गया उस वक्त में जहा सिर्फ वो और पाखी थे … खयालो से बाहर तब आया जब पूजा ने उसे आवाज दी ..

दो दिन बाद पाखी फिर पूजा के घर आयी तो बातो बातो में उसे देर हो गयी पूजा ने मनु से कहा की वो पाखी को उसके ऑफिस छोड़ आये , पुरे रस्ते दोनों खामोश थे ,, वही ख़ामोशी जो एक साल पहले थी दोनों में लेकिन ये ख़ामोशी उस पुराने रिश्ते की और वापसी का एक कदम थी

पाखी को ऑफिस छोड़ मनु वापस घर आ गया ,

पाखी इस बात से अनजान थी की मनु को सब पता है एक सुबह पाखी पूजा के घर गयी तब मनु सो रहा था पाखी पूजा के कमरे में गयी तो देखा उसने पुरे बैड पर कपडे बिखेर रखे है और खुद परेशान सी बैठी थी

पाखी ने बिना कुछ कहे कपडे समेटने शुरू कर दिए , वो कपड़े समेटने इतनी ग़ुम हो गयी की उसे पता ही नहीं चला कब मनु आकर उसके पीछे खड़ा हो गया ..

पाखी ने पूजा से कहा – परेशान मत हो शादी का घर है कोई काम हो तो मुझे बता दिया कर , कपडे मैं समेट दूंगी तू कुछ और काम कर ले

तभी मनु ने दिल ही दिल में कहा – काश मुझे भी समेट लिया होता +

पाखी ने पलटकर देखा तो मनु खड़ा था और इधर उधर देखते हुए सोच रहा था कही इस ने सुन तो नहीं लिया !

पाखी वपा वापस अपना काम करने लगी और थोड़ी देर बाद वापस घर चली गयी ,, ऑफिस में काम करते हुए उसके फोन पर एक मेसेज आया

“शर्ट चाहिए , मार्किट से दिला लाओगी

मेसेज मनु का था जवाब में पाखी ने लिखा

– कलर कोनसा चाहिए ?

– जो तुझे पसंद हो

– ठीक है मैं ले आउंगी शाम को

– ok

पाखी ऑफिस से छुट्टी ली और मार्किट चली गयी चार पांच दुकानों पर देखा पर उसे गुलाबी रंग की शर्ट कही नहीं मिली .. मनु को गुलाबी रंग बहुत पसंद था लेकिन पाखी को कही नहीं मिला थककर पाखी ने गहरे लाल रंग की शर्ट खरीद ली , दुकान से बाहर आते हुए उसकी नजर शीशे में टंगे एक शर्ट पर गयी उसने वो शर्ट भी खरीद लिया .. और घर आ गयी शाम को पूजा के घर गयी तो मनु वही था उसे बैग पकड़ाकर जाने लगी तो उसने कहा

कितने पैसे हुए ?

इनकी कोई कीमत नहीं है – कहकर पाखी चली गयी मनु ने बैग खोलकर देखा तो उसे शर्ट बहुत पसंद आये ..

अगले दिन पाखी पूजा के घर आयी तो उस फिर देर हो गयी इस बार भी पूजा ने मनु से उसे ऑफिस छोड़कर आने को कहा

बस दो मिनिट अभी आया – कहकर मनु कमरे में चला गया

वापस आया तो उसने पाखी की लायी शर्ट पहन रखी थी ,, उसने एक नजर पाखी की तरफ देखा और बाहर चला गया पाखी भी उसके पीछे पीछे बाहर आ गयी

शर्ट अच्छी लग रही है – पाखी ने कहा तो मनु मुस्कुरा दिया

और एक बार फिर ख़ामोशी छा गयी दोनों के बिच , मनु ने उसे ऑफिस छोड़ा और चला गया

धीरे धीरे पाखी बदल रही थी अब पहल की तरह हर वक्त उदास नहीं रहती थी , मनु के साथ ने उसे विनीत की बुरी यादो से थोड़ा दूर कर दिया था ,, लेकिन अतीत भूलना और उस से पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है !!!


पाखी को घर आये 2 हफ्ते गुजर चुके थे अब तक जिस विनीत ने पाखी की कोई खैर खबर नहीं पूछी थी उसने अचनाक उसे मेसेज और फोन करना शुरू कर दिया .. पाखी उसका फोन और मेसेज इग्नोर करती तो उसे भला बुरा कहने लगता .. पाखी उसक मेसेज का कोई जवाब नहीं देती थी !!

छोट चाचू सुमित की शादी के दिन नजदीक आने लगे , मनु के पास यही दीन थे जब वो पाखी को अपने प्यार का अहसास दिला सकता था , वो पाखी के करीब करीब रहने लगा उसकी केयर करने लगा एक शाम जब पाखी पूजा की किचन में मदद करवा रही थी मनु भी वहा आ पहुंचा

पूजा अपने काम में लगी रही

मनु ने पूजा से धीरे से कुछ कहा तो पूजा ने पाखी से कहा – तुझे काम करने का इतना शौक है तुझे मेरे घर ही ले जाते है

पाखी ने पूजा की तरफ देखा और वापस काम में लग गयी .. मनु बाहर चला गया और जाते जाते पूजा की तरफ इशारा कर गया

पूजा ने पाखी से कहा – देख पाखी छोड़ दे उसे वो तेरे लायक नहीं है ,, मनु तुझे बहुत पसंद करता है और तेरे साथ नयी जिंदगी शुरू करना चाहता है , मेरी मम्मी को भी एक अच्छी लड़की मिल जाएगी

पूजा की बात सुनकर पाखी के हाथ से प्लेट छूटकर गिर गयी

ये तू क्या बोल रही है पूजा , इतना आसान नहीं है उसे छोड़कर किसी और से शादी करना !! और मनु की जिंदगी क्यों ख़राब करना चाहती है तू एक बार मेरी शादी हो चुकी है – पाखी ने कहा

कोई बर्बाद नहीं होगा , मनु के लिए तुझसे अच्छी लड़की कोई नहीं है ,, और रही बात शादी की तो तुझे विनीत से शादी करके क्या मिला सिवाय दुखो के ,, जो होता है अच्छे के लिए होता है – पूजा ने पाखी को समझते हुए कहा

लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती , मैं अपने साथ साथ मनु की जिंदगी ख़राब नहीं कर सकती , मैं नहीं चाहती कल को लोग मेरे साथ साथ उस पर भी ऊँगली उठाये ,, तू तो समझ कम से कम इतना आसान नही है विनीत को छोड़ना – पाखी की आँखों में आंसू आ गए

तब तक मैं इन्तजार करूँगा – मनु ने अंदर आते हुए कहा

पाखी ने मनु को देखा और बाहर चली गयी .. वो घर लौट आयी और कमरे में जाकर फुट फुट कर रोने लगी उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर उसके साथ ही ये सब क्यों हो रहा है , वो क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था …

घंटो खुद को कोसने के बाद वो बिस्तर पर लेट गयी ,, रात के 11 बज रहे थे पर नींद पाखी की आँखों से कोसो दूर थी तभी उसकी दोस्त निशा का मेसेज आया पाखी उस से बात करने लगी

पाखी के साथ जो हुआ निशा सब जानती थी निशा के अलावा पाखी की कुछ खास दोस्तों को ही इस बारे में पता था

Iनिशा ने पाखी को हिम्मत दी उस समझाया की सब ठीक हो जायेगा बात करते करते कब रात के 1 बज गए दोनों को पता नहीं चला तभी पाखी के फोन पर विनीत के फोन आने लगे पाखी विनीत से बात नहीं करना चाहती थी लेकिन जब पाखी ने फोन नहीं उठाया तो वो मेसेज करने लगा और पाखी को उल्टा सीधा बोलने लगा एक लम्बी बहस के बाद पाखी ने फोन बंद कर दिया !!

सुबह उठी तो रोने लगी विनीत उसे बार बार मेंटली टॉर्चर कर रहा था , पाखी की हालत देख माँ ने उसे घर पर ही रहने को कहा .. पाखी बिस्तर में पड़ी रही पाखी को रोता देख माँ से रहा नहीं गया लेकिन वो क्या करती ,, माँ को किसी काम से बाहर जाना था उन्होंने पूजा को फोन किया और पाखी को घर ले जाने को कहा

पूजा घर आयी पूजा को देखते ही पाखी पूजा से लिपटकर जोर जोर से रोने लगी पाखी का रोना देख पूजा की भी आँखे भर आयी ! पाखी एक छोटे बच्चे की तरह उससे लिपटी रही और रोती रही ..

पूजा ने उसके सर पर हाथ फिराते हुए कहा – मत रो पाखी , जितना दुःख देखना था देख लिया उस इंसान के लिए अब तू एक भी आंसू नहीं बहायेगी , चुप हो जा और भूल जा उस इंसान को और अपने बारे में जरा सोच जब उन लोगो को कोई फर्क नहीं पडेगा …

पूजा उसे काफी देर समझाती रही और पाखी उसकी गोद में सर रखे सिसकती रही , उसकी हंसती खेलती जिंदगी में ये कैसा तूफ़ान था जो सा कुछ तबाह कर देंना चाहता था .. अगर इसी तरह चलता रहा तो वो पागल हो जाएगी पूजा पाखी को घर ले आयी वहा बड़े चाचू छोटे चाचू मनु सब मौजूद थे सब उसे हसाने लगे और थोड़ी देर बाद उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ ही गयी .. लेकिन इन सब में कोई था जो अंदर ही अंदर गुस्से से जल रहा था वो था मनु ,, विनीत का पाखी को बार बार परेशा करना उसे अखर रहा था लेकिन सिर्फ पाखी के लिए वो चुप था .. वो पाखी को इस नर्क से निकालना चाहता था

एक शाम हिम्मत करके उसने पाखी को फोन किया और दो सालो में जो भी हुआ सब बताने को कहा पाखी ने जब बताया तो वो चुपचाप सुनता रहा कुछ बोल नहीं पाया आंसुओ की बून्द उसकी आँखों से निकलकर गालो पर आ चुकी थी उसने पाखी से आगे कुछ न बोलने को कहा उसकी आवाज से पाखी समझ चुकी थी

उसने कहा – तुम ठीक हो ?

– हां , बाहर घूम रहा हु , तो ठण्ड की वजह से जुखाम हो गया

पाखी – तो अंदर चले जाओ , बाहर रहोगे तो ज्यादा बीमार हो जाओगे , और सुबह दवा भिजवा दूंगी मैं

– मुझे दवा की नहीं तुम्हारी जरुरत है

पाखी चुप हो जाती है

– खामोश मत रहो , आज जो कुछ भी तुम्हारे साथ हो रहा है उसका जिम्मेदार सिर्फ मैं हु, काश मैंने उस वक्त बोल दिया होता तो आज ये सब नहीं होता , काश मैंने एक बार बोला होता की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु ,, लेकिन मैंने नहीं कहा और तुम्हे खो दिया , पर आज किस्मत ने एक बार फिर मुझे मौका दिया है और इस बार ……….. इस बार मैं तुम्हे खोना नहीं चाहता

मनु ने एक लम्बी साँस भरकर कहा

पाखी – ये सब मेरी किस्मत है , खुद को दोष मत दो .. विनीत को छोड़ना इतना आसान नहीं है ,,

– तुम उसके पास वापस जाना चाहती हो – मनु ने गुस्से से पूछा

पाखी – नहीं मैं वापस जाना नहीं चाहती , लेकिन अपने सुख के लिए मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती , कल को लोग थूकेंगे मुझपे अगर तुमसे प्यार का लिया तो ,, मेरे साथ साथ तुम पर भी उंगलिया उठाएंगे जलील करेंगे और मैं ये सब नहीं देख सकती ,, तुम्हारे खिलाफ जा सकती हु पर किसी और का जाना बर्दास्त नहीं का सकती

– प्यार तो तुम मुझसे आज भी करती हो मैंने देखा है तुम्हारी आँखों में , लोगो के डर से तुम अपनी जिंदगी ख़राब कारण पे क्यों तुली हो ?

पाखी – ये मेरी जिंदगी है मैं एडजस्ट कर लुंगी ,, पर तुम्हे दुनिया की नजरो में गिरता हुआ नहीं देख सकती …

– मुझे दुनिया की परवाह नहीं है , तुम्हारे लिए अगर मुझे अपने माँ-बाप के खिलाफ भी जाना पड़ा तो मैं जाऊंगा , अगर तुम साथ हो तो मैं पूरी दुनिया से लड़ने के लिए तैयार हु ,,

पाखी – मनु !! ये सब मत करो , मैं अपनी जिंदगी का दर्द तुम्हे नहीं देना चाहती ,, अभी विनीत से रिश्ता टुटा नहीं है मेरा

– जब तक तुम्हारा तलाक नहीं हो जाता मैं तुम्हारा इन्तजार करने के लिए तैयार हु 1 साल 2 साल पूरी जिंदगी बस उस घर में वापस नहीं भेजना चाहता

पाखी चुप रहती है फिर धीरे से कहती है – तुमने कभी मुझसे कहा क्यों नहीं की तुम मुझसे प्यार करते थे ?

– मुझसे गलती हो गयी , काश कह दिया होता पर आज कहता हु मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु पाखी , तुम्हारे बिना नहीं रह सकता …

पाखी की आँख से आंसू आते है लेकिन खुद को रोक लेती है , पाखी बिना कोई जवाब दिए फोन काट देती है और सोचने लगती है – ये कैसा खेल खेल रही है उसकी किस्मत उसके साथ , एक जख्म अभी तक भरा भी नहीं और उस पर मरहम लगाने वाला भेज दिया , पर क्या वो अपना पायेगी उसे , अगर वो अपना भी ले तो क्या उसके घरवाले , उसका परिवार ये समाज अपना पायेगा उसे … अपने साथ साथ वो मनु की जिंदगी ख़राब नहीं कर सकती ….

ना जाने जिंदगी उस से क्या चाहती है , लेकिन पाखी इस वक्त टूटी हुयी थी और उसे किसी सहारे की जरुरत थी और मनु ही था जो उसे समझ सकता था उसके टूटे दिल को सम्हाल सकता था , पाखी खुद भी जानती थी उसक दिल में आज भी मनु के लिए बहुत कुछ है लेकिन फिर भी उसने कभी जाहिर नहीं होने दिया … खैर देर रात तक जागने के बाद उसे नींद ने अपने आगोश में ले लिया …

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