Manmarjiyan Season 3 – 84
Manmarjiyan Season 3 – 84

गोलू गुड्डू को अपने साथ लेकर शर्मा जी के घर के सामने पहुंचा। पिछली बार गोलू यहाँ आया था तब पागल लग रहा था और आज भिखारी लग रहा था हालाँकि गुड्डू फिर भी थोड़ा सही लग रहा था। गुड्डू साइकिल से नीचे उतरा और गोलू से कहा,”बुलाओ अपने ससुर जी को,,,,,,,,,,,!!”
“काहे के ससुर ? मेन टू मेन बात करेंगे गुड्डू भैया , रुको अभी बुलाते है”,गोलू ने गुड्डू के सामने अकड़कर कहा और घर के सामने जाकर बेल बजायी।
कुछ देर बाद शर्माईन ने दरवाजा खोला और सामने खड़े गोलू को इस हाल में देखकर हैरानी से कहा,”अरे गोलू जी आप ? सुबह सुबह यहाँ , मैंने तो पिंकी से आपके साथ शाम में आने को कहा था और ये क्या हाल बना रखा है आपने ?”
गोलू ने शर्माईन के पैर छुए और कहा,”पाय लागू सासु माँ,,,,,,हमरे पास बात करने का टाइम नाही है ओह्ह जरा पिंकिया के पिताजी को बुलाइये कुछो इम्पोर्टेन्ट बात करनी है,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है लेकिन आप बाहर क्यों खड़े है अंदर आईये ना , अरे गुड्डू बेटा तुम भी आओ,,,,,,,,!!”,शर्माईन ने कहा तो गोलू और गुड्डू अंदर चले आये
शर्मा जी नहाकर आये थे उन्होने जब शर्माईन के साथ दो लड़को को अंदर आते देखा तो गोलू तो उन्हें भिखारी ही लगा और वे बोल पड़े,”अरे जे का कर रही हो तुम ? हमरी पूजा का बख्त है और तुमहू जे भिखारियों को अंदर ले आयी,,,,,,,,,!!”
गोलू ने सुना तो उछलकर सोफे पर चढ़ा और कूदकर शर्मा जी के सामने आकर कहा,”ए ससुर जी ! जबान को थोड़ा ब्रेक लगाइये हमहू का भिखारी दिखते है आपको ?”
शर्मा जी ने देखा वह उनका दामाद गोलू है तो कहा,”हमे आपके फैशन के बारे मा नाही पता था ना दामाद जी , वैसे सुबह सुबह हिया का कर रहे है आप ?”
“आपके दर्शन करने आये थे,,,,,,,,उह्ह का है ना आपको देखे बिना हमारा दिन अच्छा नहीं ना गुजरता है”,गोलू ने बड़े प्यार से कहा
“सुबह सुबह बकैती करना शुरू कर दिया,,,,,,,हमरे दर्शन करने तो हिया बिल्कुल नाही आये हो”,शर्मा जी ने कहा
“अरे जब पता है तो CID काहे बन रहे है ? सासु माँ”,गोलू ने भड़ककर शर्मा जी से कहा और फिर शर्माईन की तरफ देखकर चिल्लाया
“का हुआ गोलू जी चिल्ला काहे रहे है ?”,शर्माईन ने पूछा
“एक थो बाल्टी गर्म पानी मिलेगा का ? हमहू सोच रहे है पहिले थोड़ा नहा ले,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने बड़े ही प्यार से कहा
शर्मा जी ने देखा गोलू शर्माईन पर कुछ ज्यादा ही प्यार लुटा रहा है तो उन्होंने उसकी कॉलर पकड़कर उसे पीछे किया और कहा,”काहे ? आप घर के नलके मा पानी नहीं आ रहा , जो यहाँ नहाने चले आये और जोन हालत मा हो हमे लगता नहीं एक बाल्टी से आपका कुछो होगा,,,,,,,,,,,!!”
“पर गोलू जी आपकी ये हालत हुई कैसे ?”,शर्माईन ने पूछा
गोलू कुछ बताता इस से पहले शर्मा जी बोल पड़े,”अरे पीकर पड़े रहय होंगे कही”
गोलू ने सुना तो घूरकर शर्मा जी को देखा तब तक गुड्डू आगे आया और गोलू की गुद्दी पकड़कर उसे साइड में लाकर कहा,”तुम का अपने पिताजी की बारात मा जा रहे हो जो नहाना है तुम्हे , अबे जोन काम के लिए हिया आये हो उह्ह करो और चलो हिया से,,,,,,,,,,!!”
“कौनसा काम गुड्डू ? तुम दोनों ने फिर कोई काण्ड किया क्या ?”,शर्मा जी ने शक भरे स्वर में पूछा
“अरे काण्ड तो आप , हमाये बाप और मिश्रा जी करके बैठे है और वही जानने हम हिया आये है,,,,,,,,,ए ससुर जी फटाफट हमहू जो पूछे ओह्ह का जवाब दयो भेजा गर्म नाही करो हमारा”,गोलू ने शर्मा जी के सामने आकर कहा
“अच्छा तो अपने साथ साथ अब बेचारे मिश्रा जी को भी अपने काण्ड मा लपेट लिया,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने उखड़े स्वर में कहा
गोलू जो कि अब मिश्रा जी के नाम से भी चिढ़ने लगा था उसने उछलते हुए कहा,”अरे काहे के मिश्रा जी ? हमको सब पता है ससुर जी जवानी मा जो जो काण्ड आप सबने मिलकर किया है ना ओह्ह के सामने हमरे और गुड्डू भैया के कांड तो कुछ भी नाही है”
अभी सच्चाई बताएँगे ना तो भड़भड़ाकर गिर पड़ेंगे,,,,,,,,,,,,,सासु माँ पानी गर्म रखा का बाथरूम मा ?”
शर्मा जी से कहकर गोलू फिर शर्माईन की तरफ पलटा और प्यार से पूछा
गुड्डू ने देखा तो उसने गोलू को साइड किया और शर्मा जी से कहा,”हमे आपसे कुछो जरुरी बात करनी है,,,,,,,,,,,पिताजी के बारे में”
“तुम बैठो हम ज़रा कपडे बदलकर आते है , सुनो दुइ कप चाय चढ़ाय दयो”,शर्मा जी ने गुड्डू से बैठने को कहा और फिर शर्माईन से चाय चढाने का कहकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गए
“देखा सासु माँ ! चाय भी दुइ कप बोली है इन्होने , इत्ता जलते है ना हमसे कि जल जल के रंग भी काला पड़ गवा है”,गोलू ने शर्माईन के साथ चलते हुए कहा और बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
“अरे उनकी तो आदत है आप ध्यान मत दीजिये , आप नहाकर आईये मैं आपके लिए भी बढ़िया सी चाय और नाश्ता बना देती हूँ”,कहते हुए शर्माईन किचन की तरफ चली गयी
गोलू ने सुना तो बाथरूम का दरवाजा खोलकर अपनी गर्दन बाहर निकाली और कहा,”सासु माँ ! कुछ भी कहो ससुर से बड़ा दिल है आपका,,,,,,आई लव यू”
“क्या गोलू जी आप भी ?”,शर्माईन ने शरमा कर कहा तभी शर्मा जी अपने कमरे से बाहर आये और कहा,”जे के आई लव यू पर जियादा खिलखिलाने की जरूरत नाही है,,,,,,,,एक ठो बार पिंकिया से कहे थे और आज तक झेल रहे है इनका”
हालाँकि गोलू ये बात नहीं सुन पाया था क्योकि इस से पहले उसने दरवाजा बंद करके नहाना शुरू कर दिया था।
शर्मा जी गुड्डू के पास आये और सोफे पर बैठते हुए कहा,”सबसे पहिले हमे एक बात बताओ गुड्डू , पुरे कानपूर मा तुम्हे दोस्त बनाने के लिए गोलू ही मिला मतलब कैसे झेल लेते हो इसे ?”
” उह्ह सब हम आपको बाद मा बताएँगे पहिले हमको आपसे कुछ बात करनी है”,गुड्डू ने गंभीरता से कहा
“हाँ कहो,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने कहा तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और शर्मा जी की लुंगी लपेटे गोलू बाहर आया और कहा,”गुड्डू भैया हमाये बिना बात नहीं करेंगे आप,,,,,,,,,रुको हमको भी आने दयो”
शर्मा जी ने देखा तो गुस्से में आंखे लाल लेकिन गोलू ठहरा घर का इकलौता दामाद तो अब क्या ही कहे उस से ? गुस्से का घूंठ पीकर रह गए। गोलू गुड्डू के बगल में आ बैठा , उसने शर्मा जी की लुंगी तो पहनी सो पहनी उनका शर्ट भी पहन लिया जो कि गोलू को थोड़ा ढीला था। उसने शर्ट की लटकती बाजू फोल्ड करते हुए कहा,”सबसे पहिले जे टेलर बदलिए आप , नवरत्न टेलर का नंबर देता हूँ आपको उस से सिलवाईये का मस्त फिटिंग बैठती है बुशर्ट की देखियेगा”
गुड्डू ने सुना तो गोलू की तरफ देखा और दाँत पीसकर कहा,”गोलू हिया पेंट शर्ट सिलवाने नहीं आये है हम,,,,!!”
गोलू को असली मकसद आया तो उसने शर्मा जी की तरफ देखकर कहा,”जे मिश्रा जी , हमाये पिताजी और आपकी दोस्ती का का मेटर है ? और जे बृजेशवा कौन है जे का हम और गुड्डू भैया नाही जानते ?”
शर्मा जी ने सुना तो ख़ामोशी से गुड्डू की तरफ देखने लगे तो गुड्डू ने बेचैनी भरे स्वर में कहा,”इह सब का आपस मा संबंध है बताईये ना , देखिये पिछले 4 दिन से हमहू बहुते परेशान है और गोलू की हालत तो आप देख ही,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए गुड्डू ने जैसे ही गोलू की तरफ देखा गोलू शर्ट में से निकले धागो को मुंह से तोड़ रहा था ये देखकर गुड्डू ने उसकी गुद्दी पर मारा तो गोलू होश में आ गया और सीधा बैठ गया।
“इनकी हालत तो हम का पूरा कानपूर देख रहे है , कभी पगलेट बनते है तो कभी भिखारी,,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने मुंह बनाकर कहा
“अरे लौटा देंगे आपकी लुंगी हमे कौनसा आपकी लुंगी से अपने बच्चो का डायपर बनवाना है”,गोलू ने चिढ़कर कहा
“जैसी आपकी हरकत है न एक ठो डायपर अपने मुंह पर भी लगा लीजिये आप , जे अंट शंट जो दिनभर बकते रहते है कुछो तो कम हो। हमको तो चिंता है कही बच्चा आप पा ना चला जाए,,,,,,वरना गुप्ता खानदान का नाम डूबना तो तय समझो”,शर्मा जी ने गुस्से से कहा
“अरे हमरा बच्चा हम पे नाही जाएगा तो किस पे जायेगा कैसी बात कर रहे है आप ?”,गोलू ने चिढ़कर कहा
गुड्डू इन दोनों ससुर दामाद की बहस से तंग आ गया था। शर्मा जी पर तो उसका जोर चल नहीं सकता था इसलिए उसने गोलू को ही पीट और कहा,”अब अगर बीच मा बोले ना गोलू तो लवली से पहिले तुम्हायी बत्ती बना देंगे हम,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू गुस्से से गुड्डू को घूरने लगा क्योकि गुड्डू पर हाथ नहीं उठा सकता था ना इसलिए , गोलू को मार पड़ी देखकर शर्मा जी के दिल को थोड़ी ठंडक तो मिल चुकी थी इसलिए उन्होंने गुड्डू से कहा,”हाँ तो का पूछ रहे थे तुम ?”
“बृजेश यादव कौन है ? और उह्ह्ह का पिताजी से का संबंध है ?”,गुड्डू ने सीधा मुद्दे की बात की
बृजेश यादव का नाम सुनकर शर्मा जी कुछ देर के लिए शांत हो गए और फिर कहा,”शर्मा जी , गुप्ता जी , हम और बृजेश अच्छे दोस्त रहे है। कानपूर मा हमारी दोस्ती के बहुते चर्चे थे। फिर तुम्हरे जन्म के बाद बृजेश अपने गाँव चला गवा ओह्ह के बाद उह्ह कबो कानपूर नाही आया , सब अपनी अपनी निजी जिंदगी मा व्यस्त हो गए,,,,,,लेकिन बृजेश सबसे जियादा मिश्रा जी के करीब था”
“कहा मिलेगा जे बृजेश ?”,गोलू ने कहा
“ओह्ह्ह से मिलने के लिए आपको मरना पड़ेगा,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने कहा
“कैसे आदमी हो अपनी ही बिटिया का सुहाग उजाड़ने की बात कर रहे हो”,गोलू ने कहा
“गोलू शांत रहो,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने गोलू की तरफ हाथ करके कहा और शर्मा जी की तरफ पलटकर बोला,”बृजेश यादव अगर पिताजी के सबसे ज्यादा करीब था तो पिताजी ने हमरे या घरवालों के सामने कबो ओह्ह का जिक्र काहे नहीं किया ?”
“जे तो हम नहीं जानते पर बहुत पहले मिश्रा जी और बृजेश के बीच किसी बात को लेकर कोनो झगड़ा हुआ और बृजेश हमेशा हमेशा के लिए कानपूर छोड़कर चला गवा , उसके बाद हम में से कोई बृजेश से नाही मिला पर दुइ दिन पहले पता चला कि उह इह दुनिया मा नाही रहा,,,,,!”,शर्मा जी ने कहा और कहते कहते उदास हो गए।
गोलू ने सुना तो अफ़सोस भरे स्वर में कहा,”जे लो गुड्डू भैया , हो गवा मेटर क्लोज,,,,,,,,,,अरे जोन मेटर का मेन पॉइंट है ओह्ह ही इह दुनिया मा नाही रहा तो अब पूछेंगे किस से ओह्ह के भूत से ?”
गुड्डू ने सुना तो वह भी सोच में पड़ गया , क्योकि बृजेश ही तो जरुरी कड़ी था और वही दुनिया में नहीं है। गुड्डू को परेशान देखकर शर्मा जी ने कहा,”लेकिन तुम आज अचानक से ये सब के बारे में क्यों पूछ रहे हो ? और बृजेश के बारे में तुम्हे किसने बताया ?”
“उह्ह सब छोडो ससुर जी , जे बताओ जे बृजेशवा का कोनो परिवार , बीवी बच्चे कोई तो होगा ,, कानपूर छोड़कर इह कहा गया था कुछो बताया होगा आपको”
“हाँ बीवी थी लेकिन उह्ह तो बहुत पहले गुजर गयी और एक बेटा है लेकिन वो कहा है ये नहीं पता , कानपूर छोड़कर बृजेश अपने गाँव चकिया चला गया था इस से ज्यादा तो हमे भी कुछ नहीं पता”,शर्मा जी ने कहा
शर्मा जी के मुंह से “एक बेटा है” सुनकर गुड्डू ने हैरानी से गोलू को देखा और दोनों के दिमाग की बत्ती एक साथ जली , गुड्डू शर्मा जी से आगे कुछ पूछता इस से पहले शर्माईन चाय नाश्ता ले आयी और टेबल पर रख दिया। शर्मा जी ने गुड्डू से चाय लेने को कहा और गोलू को कहने की जरूरत नहीं पड़ी क्योकि गोलू महाराज पहले ही अपनी चाय उठा चुके थे।
शर्माईन ने प्लेट उठाकर गोलू की तरफ बढाकर कहा,”गोलू जी ! ये लीजिये आपके लिए गरमा गर्म पोहा बनाया है”
पोहे का नाम सुनते ही गुड्डू को थूक वाले पोहे की याद आ गयी , उसे उलटी जैसा महसूस हुआ और वह चाय का कप टेबल पर रखकर वाशबेसिन की तरफ भागा। गुड्डू को ऐसा करते देखकर शर्माईन ने कहा,”गुड्डू को का हुआ ?”
“लगता है गुड्डू भैया प्रेग्नेंट है,,,,,,,,!!”,गोलू ने बेपरवाही से पोहा खाते हुए कहा
शर्मा जी ने सुना तो गोलू को देखा और कहा,”हाँ आपके साथ रहे तो बच्चे भी जन ही देंगे,,बुद्धि घास चरने चली गयी है आपकी , मर्द कबो प्रेग्नेंट होता है का ?”
“हमने कब कहा आप प्रेग्नेंट है ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
शर्मा जी ने सुना तो अपने बाल नोच लिए और कहा,”कुछ नहीं हो सकता आपका,,,,,,जलपान कीजिये और भाग जाईये यहाँ से”
शर्मा जी इतना कहकर वहा से चले गए। गोलू ने उन्हें जाते हुए देखा और शर्माईन से कहा,”सासु माँ ! निम्बू नहीं डाला इसमें,,,,,,,,,,!!”
“अभी लेकर आयी,,,,,,,,,,!!”,कहकर शर्माईन वहा से चली गयी।
गुड्डू मुंह धोकर आया और गोलू के पीछे आकर उसका कंधा थपथपाकर कहा,”गोलू चलो उठो , चलो यहाँ से सीधा पिताजी के पास चलते है”
“अरे गुड्डू भैया नाश्ता तो,,,,,,!!”,गोलू ने कहा लेकिन गुड्डू ने उसकी कॉलर पकड़ी और उसे बाहर ले जाते हुए कहा,”तुम्हरे नाश्ते के चक्कर मा हुआ लबली हमरा निवाला छीन लेंगे चलो चलकर पिताजी को सब बता देते है”
“गोलू जी ये निम्बू,,,,,,,,,!!”,शर्माईन नींबू लेकर आयी लेकिन गोलू वहा नहीं था।
“का गुड्डू भैया इत्ता बढ़िया पोहा बना था खाने भी नाही दिए और लुंगी मा ही बाहिर ले आये , बताओ का हुआ इत्ता घई मा काहे चले आये ?”,गोलू ने चिढ़कर कहा और गुड्डू की तरफ देखने लगा।
“हमको तो जे बृजेशवा का कोनो बड़ा मेटर लग रहा है गोलू,,,,,,,,पिताजी का ख़ास दोस्त है लेकिन पिताजी ने कबो ओह्ह्ह का जिक्र नाही किया तुमको ये अजीब नाही लगता ?”,गुड्डू ने सस्पेंस भरे स्वर में कहा
“अजीब बात तो है गुड्डू भैया और कानपूर छोड़कर उह्ह बृजेशवा चकिया काहे गया ?”,गोलू ने भी उसी सस्पेंस में कहा
चकिया नाम सुनते ही गुड्डू ने कहा,”लेकिन गोलू चकिया चंदौली से तो पिताजी का कोनो कनेक्शन नाही है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
चकिया से नहीं पर गोलू ने जैसे ही चंदौली सुना ताली मारकर जोश से भरकर कहा,”अरे कनेक्शन है गुड्डू भैया,,,,,,,!!”
“का कनेक्शन है ? तुम्हायी भुआ ब्याही है हुआ ?”,गुड्डू ने चिढ़कर कहा
“अरे गुड्डू भैया ! उह्ह लवली , हमने उस दिन बताया था ना आपको कि हमने लवली को चंदौली की बस में चढ़ते देखा था,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने गुड्डू को याद दिलाकर कहा
“इह का मतलब लवली चकिया चंदौली से है ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
“हाँ और हमका तो लग रहा है गुड्डू भैया कि उह्ह बृजेश यादव और इह लवली का आपस मा कोनो कनेक्शन तो है”,गोलू ने अपना दिमाग चलाकर कहा
गुड्डू ने गोलू को देखा और हैरानी से कहा,” गोलू कही बृजेश यादव का बेटा लवली ही तो नहीं ?”
“और हो सकता है कानपूर उह्ह मिश्रा जी से बदला लेने आया हो ?”,गोलू ने उतनी ही हैरानी से कहा
“लेकिन पिताजी से ओह्ह की का दुश्मनी हो सकती है ?”,गुड्डू ने धड़कते दिल के साथ कहा
“इह तो अब लवली ही बताएगा,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
गुड्डू सोच में पड़ गया और गुड्डू को सोच में डूबा देखकर गोलू के दिमाग में एक आइडिआ आया। दोनों हाथो से पकड़कर घुटनो तक अपनी उसने लुंगी उठायी और कमर पर लपेटते हुए कहा,”गुड्डू भैया ! हमाये पास ना एक ठो पिलान है”
गुड्डू ने सुना तो गोलू की तरफ देखने लगा और अफ़सोस भरे स्वर में कहा,”तो जे बताने के लिए लुंगी उठाने की का जरूरत थी ? सुबह सुबह तुम्हरा रुपा का कच्छा देखने मा हमको रत्तीभर भी दिलचस्पी नाही है गोलू”
गोलू ने देखा की उसने जोश जोश में लुंगी कुछ ज्यादा ही ऊपर उठा ली थी , उसने जल्दी से लुंगी को नीचे किया और गुड्डू की तरफ देखकर दाँत दिखा दिए।
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संजना किरोड़ीवाल