Manmarjiyan Season 3 – 63

Manmarjiyan Season 3 – 63

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

लवली के सामने बैठा गोलू मक्खी के मरने का मातम मना ही रहा था की तभी उसका फोन बजा जिसने गोलू के इमोशनल मोमेंट में खलल डाला। गोलू ने अपना फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”कौन है बे ?”
“हम बोल रहे है तुम्हाये बाप , गज्जू गुप्ता,,,,,!!”,दूसरी तरफ से गुप्ता जी की कठोर आवाज उभरी तो गोलू ने सम्हलकर कहा,”हाँ पिताजी कहिये”


“अबे गोलू तुम साला हमका एक ठो बात बताओ तुमहू हमायी औलाद हो या मिश्रा की ? शादी पिंकिया से किये हो या गुड्डूआ के गले मा भी अलग से कोनो मंगलसूत्र बांधे हो , अबे तुम्हरी अपने घर-परिवार के प्रति कोनो जिम्मेदारी बनती है कि नाही ?”,गुप्ता जी ने गोलू को सुनाते हुए कहा
“मतलब ?”,गोलू ने पूछा
“मतलब जे गोबरप्रशाद की घर आओगे या हमहू तुमको अपनी जायदाद से बेदखल करके पडोसी का लौंडा गोद ले ले ?”,गुप्ता जी ने कहा


“देखा देखा देखा,,,,,,,देखा पिताजी हमायी अम्मा गलत हो ही नाही सकती , हमरे होते आप पडोसी का लौंडा गोद काहे लेंगे ? जे का मतलब सिर्फ फुलवारी नहीं बल्कि अड़ोस पड़ोस चारो तरफ आपकी रंगबाजी चल रही है”,गोलू ने कहा
गुप्ता जी ने सुना तो गुस्सा तो इतना आया कि गोलू अगर सामने होता तो गुप्ता जी इसी फोन से उसका सर फोड़ देते लेकिन उन्होंने अपने गुस्से को दबा लिया और कहा,”हमायी रंगबाजी के रंग तुमहू बाद मा देख लेना पहिले घर पहुंचो और आते हुए केसर ले आना तुम्हायी अम्मा को खीर मा डालनी है”


“अरे पिताजी हमहू ना आ पाए है यार,,,,,,,,अभी हमहू गुड्डू भैया के साथ मिलके ओह्ह्ह के हमशक्ल को ढूंढे है”,गोलू ने उखड़े स्वर में कहा
“अगर तुम नहीं आये ना गोलू तो जे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद समझो,,,,,,,समझे”,कहकर गुप्ता जी ने फोन काट दिया
“अरे पिताजी लेकिन अरे , हेलो , हेलो , अमा यार पिताजी,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा लेकिन तब तक गज्जू गुप्ता फोन काट चुके थे।

गोलू को परेशान देखकर लवली को कुछ समझ नहीं आया वह कुछ कहता इस से पहले गोलू उठा और कहा,”गुड्डू भैया चलो चलते है”
“कहा ?”,लवली ने पूछा


“हमाये घर , हमने बताया था ना मंगल फूफा आ रहे है आज शाम मा , चलिए आपको भी मस्त पिरोगराम दिखाते है”,गोलू ने खुश होकर कहा
गोलू से बचने के लिए लवली के पास मौका था इसलिए उसने कहा,”अरे लेकिन हमे तो अम्मा पिताजी को लेने स्टेशन जाना होगा न गोलू एक काम करो तुम चले जाओ हम यहाँ का काम खत्म करके सीधा स्टेशन निकल जायेंगे”


“का गुड्डू भैया ? मिश्रा जी पहुंचेंगे 8 बजे अभी बज रहा है 4 , मतलब अभी 4 घंटे है और जे हिसाब से अम्मा सुबह मंगल फूफा का नाम लेकर हाय तौबा मचा रही थी हमको नाहीं लगता पिताजी ओह्ह के सामने 10 मिनिट भी टिक पाएंगे , वही से सीधा रेलवे स्टेशन चलेंगे और मिश्रा जी को धर लेंगे,,,,,,,,हमारा मतलब साथ ले आएंगे,,,,,,,,का कहते हो ?”,गोलू ने अपना गाल खुजाते हुए कहा
गोलू ने फिर लवली को फंसा लिया तो लवली ने कहा,”अरे यार हम जाकर का करेंगे तुम्हाये घर का मामला है तुमहू देखो ना”


गोलू ने तीन बार ताली मारी और कहा,”वाह गुड्डू भैया वाह , आज जे हमाये घर का मामला हो गवा ,, साला हमहू आपके लिए पिछले 4 दिन से जो दिन रात धोबी घाट की लुंगी के जइसन धुले जा रहे है उह्ह कुछ भी नहीं ,, जे भेदभाव कब से गुड्डू भैया , अरे हमाये बाप उन 4 लोगो में से है जोन बिना मतलब किसी को पानी भी ना पिलाये उह्ह आदमी आपको चाय बिस्कुट खिलाये रहा और आज आप कह रहे है हमाये घर का मामला , वाह गुडू भैया वाह”

“चाय बिस्कुट खिलाये , अरे एक नंबर की घटिया चाय थी ओह्ह्ह का चाय कहते हो तुमहू ,, साला गटर का पानी भी न ओह्ह से ज्यादा सही दिखता है , चीनी तक नाही थी ओह्ह मा और तुम्हाये पिताजी का कहते है कि पहिले बिस्कुट खाय ल्यो फिर चाय पीओ तो मीठी मीठी लगे है,,,,,,,,,,,कैसा पागलो का खानदान है गोलू तुम्हारा,,,,,,,,,,!!”,लवली ने एक बार फिर गोलू पर मन की भड़ास निकालकर कहा

लेकिन वह भूल गया कि गुप्ता जी ने चाय गुड्डू को नहीं बल्कि गुड्डू समझकर लवली को पिलाई थी और जैसे ही लवली को अपनी गलती का अहसास हुआ वह  घबरा गया कि कही गोलू उसे पहचान ना ले इसलिए वह तुरंत गोलू के पास आया और उसके कंधो पर बाँह रखकर कहा,”खानदान चाहे जितना पागल हो गोलू पर पुरे गुप्ता खानदान मा एक तुमहू सबसे समझदार लगते हो हमे


तभी तो तुम हमरे दोस्त हो,,,,,,,,,हम चल रहे है तुम्हरे साथ मंगल फूफा से मिलने साला तुम्हरी बातो ने ना इमोशनल कर दिया हमे,,,,,,,!!”
“हाँ लेकिन अभी आप का बिस्कुट चाय का कह रहे थे ?”,गोलू ने कहा लेकिन लवली ने उसे आगे बोलने का मौका ही नहीं दिया और कहा,”अच्छा चाय बिस्कुट , हम जे कह रहे थे कि तुम्हाये पिताजी भी इत्ते पागल है कि हमाये हमशकल को हुआ तुम्हाये घर बैठाकर चाय बिस्कुट खिलाय रहे और साला हमे आज तक एक ठो कप चाय तक नाही पूछी”


“अरे गुड्डू भैया बस इतनी सी बात , हमाये साथ चलो खीर खिलाते है आपको ,, पिताजी ने केसर लाने को कहा था “,गोलू ने लवली के साथ आगे बढ़ते हुए कहा और फिर एकदम से रुककर गुड्डू की बांह अपने कंधो से हटाकर गंभीर स्वर में कहा,”एक मिनिट”
लवली का दिल फिर धकड़ने लगा उसे लगा गोलू को फिर कुछ याद आ गया है तो वह ख़ामोशी से गोलू को देखने लगा। गोलू मिश्रा जी की टेबल के पास आया और माचिस की डिब्बी को उठाया जिसमे मरी हुई मक्खी थी। वह लवली की तरफ पलटा और कहा,”जे बेचारी को भी कही सेफ जगह रख देंगे”


लवली का दिल तो किया उसी ऑफिस की किसी दिवार पर अपना सर पटक ले। गोलू लवली को अपने साथ लेकर वहा से निकल गया।  
शोरूम से बाहर आकर गोलू ने कहा,”गुड्डू भैया आपकी बाइक कही नजर नाही आ रही ?”
“हमायी बाइक , अरे हाँ हम तो तुमको बताना ही भूल गए बाइक तो सर्विस पर भेज दी हमने,,,,,,,ऐसे ही जाना पडेगा”,लवली ने कहा
“अरे कोई बात नहीं रिक्शा मा चलते है ना , आओ”,कहते हुए गोलू ने सामने से गुजरते रिक्शा को रोका और लवली के साथ उसमे आ बैठा।

मिश्रा जी का घर , कानपूर
गुड्डू शगुन को लेकर घर चला आया। टेस्ट रिपोर्ट नार्मल थे बस कमजोरी और तनाव के कारण शगुन को चक्कर आ गया और वह बेहोश हो गयी थी। डॉक्टर ने गुड्डू से शगुन को टाइम पर दवा देने और उसका ख्याल रखने को कहा। गुड्डू शगुन को लेकर वेदी के कमरे में आया और उसे बिस्तर पर बैठा दिया। घर में आये बाकि सब लोग तो जा चुके थे बस घर में गुड्डू , शगुन , भुआ और कोमल ही बचे थे।

कमल को भी सुबह भुआजी ने जौनपुर वापस भेज दिया था। भुआ शगुन को देखने वेदी के कमरे में आयी और शगुन को सही सलामत देखकर कहा,”भगवान् का लाख लाख सुकर है गुड्डूआ बहू ठीक है,,,,,!!”
“हाँ डॉक्टर ने कहा है कि तनाव की वजह से शगुन की तबियत खराब हो गयी थी अभी उह्ह ठीक है और बच्चा भी”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा


भुआ जी ने तनाव का सुना तो शगुन के पास आयी और उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”हमका माफ़ कर दयो शगुन , हमने तुमसे बहुते बुरा भला कहा, हमायी वजह से तुमको इत्ता तनाव हुआ,,,,,,,अरे हमहू तो है ही जाहिल जोन कोमलिया के पिताजी कहे रहे करते गए पर जे ना सोचे कि इह सब करके हमहू अपनी ही इज्जत घटा लेही है,,,,,,,आन दयो गुडडुआ के फूफा को अच्छे से खबर लेंगे ओह्ह की , बस हमने तुम्हरा और गुड्डू का दिल दुखाया जे के लिये हमका माफ़ करी दयो बिटिया हमहू तुम्हाये आगे हाथ,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए भुआ जी ने जैसे ही शगुन के सामने अपने हाथ जोड़ने चाहे शगुन ने उन्हें रोकते हुए कहा,”भुआ जी ! ये क्या कर रही है आप ? आप मुझसे बड़ी है मेरे सामने हाथ , नहीं भुआजी मैं और गुड्डू जी आपसे नाराज नहीं है ,, आपको अपनी गलती का अहसास हो गया यही काफी है,,,,,,,!!”
भुआ जी ने सुना तो उनकी आँखों में आँसू भर आये पिछले 3 दिनों में उन्होंने इस घर में कितने तमाशे किये और शगुन ने उन्हें एक झटके में माफ़ कर दिया।


गुड्डू ने सुना तो भुआ की तरफ आते हुए कहा,”शगुन सही कह रही है भुआ और अगर तुमको सच मा माफ़ी मांगनी ही है ना तो पिताजी और अम्मा से मांगना का है कि जे सब चक्करो में आपने सबसे जियादा दिल अम्मा और पिताजी का ही दुखाया है”
“अरे हां गुड्डू उनसे भी मांगेंगे , हमे तो अपने ऊपर शर्म आ रही है उह्ह तो गोलुआ ने आज सुबह हमायी आँखे नाही खोली होती न तो हमहू कबो समझ ही नाही पाते कि हम कित्ती बड़ी गलती कर रहे थे”,भुआ जी ने अपने आँसू पोछते हुए कहा


“का गोलू ने ? गोलू कब से इत्ता समझदार हो गवा भुआ ? अरे उह्ह ससुरा तो जब तक बनता काम बिगाड़ ना दे ओह्ह के पेट का पानी ना पचे है , याद है ना तुम्हायी खिचड़ी”,गुड्डू ने कहा तो शगुन हंस पड़ी
“अरे कुछ भी कहो गुड्डू समझदार तो उह्ह है बस थोड़ी गड़बड़ हो जाती है ओह्ह से और पता है तुमसे और शगुन ने बहुते प्यार भी करता है उह्ह”,भुआ जी ने कहा


“हाँ प्यार तो करता है , अच्छा शगुन हमे ना एक ठो कप चाय चाहिए का है कि सुबह से हमाये सर मा बहुते दर्द हो रहा है”,गुड्डू ने अपना सर पकड़कर कहा
“हाँ मैं बना देती हूँ”,शगुन ने कहा और जैसे ही उठने को हुई भुआजी ने उसे वापस बैठाते हुए कहा,”अरे तुम काहे बनाओगी ? तुमहू आराम करो हम कोमलिया से कह देते है और गुड्डू तुम उह्ह कडुआ तेल लेकर आओ अभी तुम्हाये माथे पर मल देंगे तो दर्द चुटकियो मा भाग जाही है”


“सच कह रही हो भुआ ?”,गुड्डू ने ड्रेसिंग पर रखा तेल का बॉटल उठाते हुए कहा
“अरे हां लेकर आओ ना”,भुआ ने कहा। गुड्डू नींचे बैठ गया और भुआ उसके सर में तेल लगाने लगी , भुआ के हाथो में भी वही माँ के हाथो का जादू था गुड्डू ने महसूस किया उसकी चांडाल भुआ फिर से प्यारी भुआ में बदल गयी है। भुआ शगुन से बाते करते हुए गुड्डू के बालो में तेल लगा रही थी साथ ही उन्होंने कोमल को सबके लिए चाय लेकर आने को कह दिया।

गुप्ता जी का घर , कानपूर
गोलू लवली को अपने साथ लेकर घर पहुंचा। गुड्डू ने गुप्ता जी का बताया सामान गुप्ताइन को दिया और आँगन में चला आया। गुप्ता जी ने गोलू के साथ गुड्डू को देखा तो उसकी बांह पकड़कर उसे साइड में लाकर दांत पीसते हुए कहा,”अबे अकल के दुशमन जे गुड्डू को साथ काहे लाये हो ? जानते नहीं थोड़ी देर मा उह्ह्ह चांडाल हिया आकर हमायी छीछा लेदर करने वाला है , अब का बाहरवालों के हमरा तमाशा बनवाने का ठान लिए हो ?”
“ए पिताजी ! गुड्डू भैया को बाहिरवाला ना कहना”,गोलू ने अकड़कर कहा


“काहे ? सात फेरे ली लिए हो ओह्ह्ह के साथ के अपनी माँग मा ओह्ह के नाम का सिंदूर भरने लगे हो ?”,गुप्ता जी ने कहा
“का बक रहे है ?”,गोलू ने चिढ़कर कहा लेकिन जवाब के बदले में गोलू को मिला एक थप्पड़ और गुप्ता जी ने गुस्से से कहा,”बाप को बकरा कहते शर्म नाही आती ? साले जबान खींच लेंगे तुम्हायी समझे,,,,,,,!!”
“अरे बकरे नहीं पिताजी हमहू कहे का बक रहे हो ?”,गोलू ने कहा


“जे सब छोडो और हमको जे बताओ गोलू तुम्हाये पिछवाड़े मा ऐसा कौनसा कीड़ा है जोन तुमको गुडडुआ को अपने साथ लेकर आने को मजबूर किये रहा ?”,गुप्ता जी ने फिर अपने दाँत पीसते हुए कहा
गोलू ने देखा लवली उसे और गुप्ता जी को ही देख रहा है तो वह गुप्ता जी को थोड़ा और साइड में लाकर दबी आवाज में कहा,”अरे पिताजी हमहू गुड्डू भैया को आपकी सैफ्टी के लिए लेकर आये है।

अरे उह्ह्ह आ रहे है ना मंगल फूफा अब अम्मा ने ओह्ह के सामने बढ़ा चढ़ाकर आपके कांड बता दिए और फूफा जियादा तेश मा आ गए तो आप अकेले थोड़े निपट पाएंगे जे उम्र मा ओह्ह से इहलीये हमहू गुड्डू भैया को अपने साथ ले आये,,,,,,,,!!”


गुप्ता जी ने सुना तो गोलू का चेहरा अपने हाथो में पकड़ा और उसके टकले पर जबरदस्त चुम्मा लेकर कहा,”अरे जीओ गोलू जीवन मा पहली बार कोनो ढंग का काम किये हो , अब आने दयो मंगल को ओह्ह्ह का मार मार के भालू बनाकर जंगल मा नाही छोड़े ना तो हमाओ नाम भी गज्जू गुप्ता नाही,,,,,,,वैसे कौनसा तेल लगाए हो टकले पे खुशबु तो बढ़िया आय रही है”
“डाबर आमला”,गोलू ने दाँत दिखाते हुए कहा
 
गुप्ता जी कुछ कहते इस से पहले गुप्ताइन की आवाज गोलू , गुप्ता जी और लवली के कानो में पड़ी,”गोलू,,,,,,,,,,,!!”
गिरते पड़ते गोलू आँगन में आया और कहा,”हाँ अम्मा का हुआ ?”
“तुम्हाये पिताजी तुमको केसर लाने को कहे रहे,,,,,,,,,!!”,गुप्ताइन ने गोलू को घूरकर कहा
“हाँ तो लाये है ना झोला मा देखो”,गोलू ने कहा
गुप्ताइन ने अपने हाथ में पकड़ा विमल पान मसाला का पैकेट गोलू के सामने किया और कहा,”जे केसर है ? तुम्हायी कौनसी अम्मा खीर मा पान मसाला डालती है गोलुआ ?”


लवली और गुप्ता जी ने केसर की जगह विमल देखा तो दोनों एक दूसरे को देखकर अफ़सोस में अपनी गर्दन हिलाने लगे तभी गोलू बोल पड़ा,”अरे अम्मा हमहू दुकान वाले से केसर ही देने को कहे रहे पर उसके पास था नहीं तो फिर हमने कहा विमल देइ दयो,,,,,,सुनी नाही टीवी मा दिनभर उह्ह अजय देवगन कहता रहता है “विमल पान मसाला , दाने दाने में है केसर का दम”  19-20 का ही तो फर्क है अम्मा”
गुप्ताइन ने सुना तो गोलू के बाँये गाल पर एक चाँटा लगाया और कहा,”ये उन्नीस , और ये बीस” कहते हुए उन्होंने दांये गाल पर भी थप्पड़ जड़ दिया और वहा से चली गयी।

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संजना किरोड़ीवाल

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भुआ जी ने तनाव का सुना तो शगुन के पास आयी और उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”हमका माफ़ कर दयो शगुन , हमने तुमसे बहुते बुरा भला कहा, हमायी वजह से तुमको इत्ता तनाव हुआ,,,,,,,अरे हमहू तो है ही जाहिल जोन कोमलिया के पिताजी कहे रहे करते गए पर जे ना सोचे कि इह सब करके हमहू अपनी ही इज्जत घटा लेही है,,,,,,,आन दयो गुडडुआ के फूफा को अच्छे से खबर लेंगे ओह्ह की , बस हमने तुम्हरा और गुड्डू का दिल दुखाया जे के लिये हमका माफ़ करी दयो बिटिया हमहू तुम्हाये आगे हाथ,,,,,,,,,,,!!”

भुआ जी ने तनाव का सुना तो शगुन के पास आयी और उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”हमका माफ़ कर दयो शगुन , हमने तुमसे बहुते बुरा भला कहा, हमायी वजह से तुमको इत्ता तनाव हुआ,,,,,,,अरे हमहू तो है ही जाहिल जोन कोमलिया के पिताजी कहे रहे करते गए पर जे ना सोचे कि इह सब करके हमहू अपनी ही इज्जत घटा लेही है,,,,,,,आन दयो गुडडुआ के फूफा को अच्छे से खबर लेंगे ओह्ह की , बस हमने तुम्हरा और गुड्डू का दिल दुखाया जे के लिये हमका माफ़ करी दयो बिटिया हमहू तुम्हाये आगे हाथ,,,,,,,,,,,!!”

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