Manmarjiyan Season 3 – 56

Manmarjiyan Season 3 – 56

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

हमेशा गोलू की मीठी मीठी बातो में आने वाली भुआ ने आज गोलू के मुंह पर खिचड़ी दे मारी। भुआ गुस्सा होकर चली गयी और गोलू अपने गालों से खिचड़ी उतारकर खाने लगा। गुड्डू तो गोलू की यह हरकत देखकर ही चुप हो गया बेचारा क्या ही कहता लवली के हिस्से की मार तो उसे पड़ ही चुकी थी।
“गुड्डू भैया हमारा मेटर क्लोज ना ?”,गोलू ने गुड्डू की तरफ देखकर कहा


गुड्डू गोलू की हरकतों से पहले ही किलसा हुआ था वह गोलू के पास आया और बड़े ही प्यार से कहा,”हाँ हाँ क्लोज है लेकिन 17 थप्पड़ और 10 लात के बाद”
गोलू कुछ समझ पाता इस से पहले गुड्डू ने गोलू को धर लिया और लगा उसकी कुटाई करने , गोलू चिल्लाता रहा और गुड्डू से छोड़ देने की मिन्नते करता रहा लेकिन गुड्डू ने उसकी एक नहीं सुनी और कभी लात तो बरसाता रहा।

गोलू ने छूटने की कोशिश की तो गुड्डू ने उसकी गर्दन को अपनी बाँह में दबा लिया और पीठ पर मुक्के बरसाने लगा। गोलू की नजर सामने से गुजरते लवली पर पड़ी जो की मुस्कुराते हुए उसके सामने से गुजर रहा था।
“गुड्डू भैया उह्ह जा रहा है,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मरे हुए स्वर में कहा


“हमहू तुम्हायी एक ठो बात नाही मानने वाले है गोलू समझो , बहुते चरस बो चुके तुमहू जे चार दिन मा अब और नाही बोन देंगे”,गुड्डू ने कहा जिसका मुंह दूसरी तरफ था और इतने में लवली वहा से निकल गया। शगुन किचन की तरफ थी जब वापस आयी तो गोलू और गुड्डू को आपस में उलझा देखकर उन्हें एक दूसरे से दूर करके कहा,”गुड्डू जी , गोलू जी ये क्या कर रहे है आप ? छोड़िये एक दूसरे को,,,,,,,,,!!”
“तुमहू बीच मा नाही आओ शगुन ,  जानती हो ना आज का किया इसने ?”,गुड्डू ने गुस्से से कहा


“गुड्डू जी इसमें सिर्फ गोलू जी की गलती नहीं है , गलती मेरी भी है मैं भी तो आपको नहीं पहचान पाई और उस बदमाश पर भरोसा कर उसे आप समझ बैठी , अगर सजा देनी है तो मुझे भी दीजिये अकेले गोलू जी को नहीं,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कठोरता से कहा तो गुड्डू का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ  


गोलू को पहले ही बहुत मार पड़ चुकी थी इसलिए उसने अब चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी और चुपचाप खड़ा रहा। शगुन गोलू की तरफ पलटी और उसी कठोरता के साथ कहा,”और गोलू जी आप , ये क्या हालत बना रखी है आपने अपनी , जाईये जाकर मुंह धोकर आईये,,,,,,,!!”
गोलू चुपचाप वाशबेसिन की तरफ चला गया और मुंह धोकर वापस आया तब तक गुड्डू का गुस्सा भी शांत हो चुका था। गोलू चुपचाप आकर शगुन के सामने खड़ा हो गया तो शगुन ने कहा,”चाय पिएंगे गोलू जी ?”


“पी लेंगे भाभी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मरे हुए स्वर में कहा और सीढ़ियों पर आ बैठा।
शगुन किचन की ओर चली गयी उसने गुड्डू और गोलू के लिए चाय बनाई और लेकर बाहर चली आयी। साथ में गोलू के लिए एक प्लेट खिचड़ी भी थी। शगुन ने चाय गुड्डू को दी और फिर पूरी ट्रे ही गोलू की तरफ बढ़ा दी। गोलू ने ट्रे बगल में रखकर चाय का कप उठाया और सुड़क सुड़क चाय पीने लगा। गुड्डू गोलू से नाराज था इसलिए उसे गोलू का चाय सुड़कना झुंझलाहट पैदा कर रहा था। गुड्डू ने चिढ़ते हुए कहा,”अबे सूअर हो तुमहू ?”


“सूअर तो नाली मा लोटत रहे , सूअर को कबो चाय पीते देखे हो ?”,गोलू ने भी चिढ़कर कहा
“हाँ देख तो रहे है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा तो गोलू गुड्डू को घूरने लगा।
शगुन ने देखा गुड्डू और गोलू दोनों फिर से बहस करने के मूड में है तो उसने कहा,”गुड्डू जी गोलू जी क्या हो गया है आप दोनों को ? हमे उस बहरूपिये से लड़ना है आपस में नहीं , और गुड्डू जी आप अब माफ़ भी कर दीजिये गोलू जी को,,,,,,,,,,,इतने भी बुरे नहीं है ये जबसे दादी माँ गयी है तब से यही है ,

हर परेशानी में साथ खड़े रहे है आपके और पापाजी को इन पर भरोसा था तभी तो इन्हे यहाँ ध्यान देने को कहकर गए थे पापा जी,,,,,,,,,बस कीजिये अब,,,,,,मैं जरा भूआजी को देखकर आती हूँ”
शगुन गुड्डू और गोलू को समझाकर चली गयी। गुड्डू चुपचाप अपनी चाय पीने लगा।

 गोलू अपनी चाय पहले ही ख़त्म कर चुका था इसलिए खिचड़ी की प्लेट उठाई और गुड्डू के बगल मे आ बैठा और अपनी खिचड़ी खाने लगा। गुड्डू ने बगल में बैठे गोलू को देखा तो गोलू ने कहा,”खिचड़ी खाओगे ?”
गुड्डू ने देखा इतना मार खाने के बाद इतनी गालिया सुनने के बाद भी गोलू पर असर नहीं हुआ है उसने कहा,”नहीं,,,,,,!!”
“अरे ल्यो ना”,गोलू ने चम्मच गुड्डू की तरफ बढाकर कहा
“अरे नहीं,,,,,!!”,गुड्डू ने मना किया  


“अरे ल्यो ना , हमरा का है हमहू हाथ से खा ली है”,कहकर गोलू ने चम्मच गुड्डू को थमा दी और खुद हाथ से खाने लगा
गोलू का अपने लिए प्यार देखकर गुड्डू ने उसके कंधे पर धीरे से मारकर कहा,”सच में बहुते बकैत इंसान हो तुमहू गोलू”
“शुक्रिया,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने खिचड़ी खाते हुए कहा
गुड्डू ने भी चम्मच भरी और खाकर कहा,”ज्यादा लगी का गोलू ?”
“अरे नाही गुड्डू भैया उह्ह तो हमहू बस एक्टिंग कर रहे थे ताकि आप थोड़ा कम मारे हमे”,गोलू ने उंगलिया चाटते हुए कहा

गुड्डू ने सुना तो मुस्कुरा उठा और कहा,”अच्छा तुम्हाये पिताजी का का मेटर हुई गवा ?”
“सुबह ही तो बताये थे पूरा डिटेल मा”,गोलू ने चिढ़कर कहा
“हमे बताये थे ?”,गुड्डू ने भी गोलू को घूरकर कहा
गोलू को याद आया कि घर की कहानी तो उसने सुबह लवली को बताई थी इसलिए खिंसियाकर कहा,”सारी मिस्टेक हो गवा”


“हाँ तो का हुआ तुम्हाये पिताजी को ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे गज्जू गुप्ता को का होगा ओह्ह के सामने एक दिन हमही निकल लेंगे चार कंधे पर,,,,,,,,!” गोलू ने नौटंकी करते हुए कहा
“गोलू अब सीधे सीधे बताओगे हुआ क्या है ? फिर हमको शोरूम भी जाना है”,गुड्डू ने कहा
“अब शोरूम काहे जाना है आपको ? मिश्रा जी कहकर गए है जब तक उह बनारस से वापस नाही आते घर से कोई बाहिर नाही जायेगा ?”,गोलू ने कहा


“तुमहू मिश्रा जी हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“नाही,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“हाँ तो फिर हमाये बाप बनने की कोशिश नाही करो और जे बताओ तुम्हाये पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाय रहे कोनो औरत नाही मिली ओह्ह का ?”,गुड्डू की सुई एक बार फिर गोलू के पिताजी पर अटक गयी।
“अरे गुड्डू भैया का कह रहे हो ,  पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाएंगे ? अरे अम्मा को सक है कि,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गुड्डू ने उसकी बात काटकर कहा,”मतलब तुम्हायी अम्मा को सक है कि तुम्हाये पिताजी का यादववा से चक्कर चल रहा है ?”


गोलू ने सुना तो गुड्डू को घूरने लगा और कहा,”अगर जे घर का दाना पानी नहीं ना खाये होते ना गुड्डू भैया माँ कसम अभी गन्दी गाली दे देते आपको,,,,,,,,,अरे पहिले हमायी पूरी बात सुनो सरपंच काहे बन रहे हो बीच मा , का गज्जू गुप्ता को यादववा की गोद मा सुलाकर छोड़ोगे,,,,,,,,!!”
गोलू को भड़का देखकर गुड्डू ने कहा,”अरे तो सुरु से बताओ ना हुआ का ?”

“हाँ तो बात है 1966 की जब हमाये पिताजी का जन्म हुआ,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“का गोलू इत्ता शुरू से भी नाही बोले थे,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“तो फिर हमका अपने हिसाब से सुनान दयो ना बीच बीच मा अपनी नाक घुसाय रहे हो। बाप किसके है हमाये तो कहानी हमे पता होगी ना,,,,,,,,,!!”,गोलू परेशान होकर चिल्ला उठा
“हाँ ठीक बताओ चुप है हम,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने शांत होकर कहा


गोलू ने एक नजर गुड्डू को देखा और कहा,”कल शाम की ही बात थी पिताजी से हमायी बहस हुई और उन्होंने हमे डिब्बा फेंक के मारा,,,,,हमहू डिब्बे से बचने के लिए जैसे ही झुके सामने रहने वाले यादव जी घर आये रहय और डिब्बा उनके सर पर,,,,,,,!!”
“फिर ?”,गुड्डू ने पूछा


“फिर , फिर यादव ढेर , हमको लगा डिब्बा की मार से उह्ह्ह निकल लिए हमहू भाग के हिया चले आये और पिताजी फंस गए। अब हमाये पीछे से पिताजी ने का किया का नहीं जे हमको नाही पता पर सुबह सुबह हमाये पास पिंकिया का फोन आये रहा,,,,,,,”पिंकिया से बात करके हमहू सुबह सुबह भागे घर की तरफ , वहा पहुंचे तो यादव तो गायब था लेकिन अम्मा बैठ के रोये जा रही। हमहू पूछे कुछो बताये नाही बस रोये जाए ,, फिर अम्मा से हटकर हमहू जैसे ही आँगन मा आये हमायी तो छाती फट गयी ,

पैर काँपने लगे , दिल धड़कना ही बंद हुई गवा ,,, साला आँगन मा हमाये सामने पिताजी सफ़ेद चद्दर से ढके पड़े थे। हमहू जो छाती पीटकर रोये है,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“का गज्जू गुप्ता नाहीं रहे और तुमहू हिया बैठ के खिचड़ी खा रहे हो ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
“हाँ तो उह्ह कौनसा हमाये दाल चावल लेकर मरे है,,,,,,,!!”,गोलू ने फ्लो फ्लो में कहा और अगले ही पल उसे याद आया कि पिताजी तो ज़िंदा है उसने कहा,”अरे गज्जू गुप्ता ज़िंदा है मरे नाही है ,

का यार गुड्डू भैया पहिले पूरी बात तो सुनो “हिया हमहू रो रहे जे सोच के कि पिताजी निकल लिए और हुआ अम्मा रो रही कोनो और वजह से , इत्ते में हमहू का देखते है गुड्डू भैया कि पिताजी हमाये सामने खड़े थे बाद में दुइ थप्पड़ और 10-15 लात घुसे खाये रहय हमहू तब जाकर समझ आया कि पिताजी तो सही सलामत थे यादव भी ज़िंदा था”


“तो तुम्हायी अम्मा काहे रो रही थी ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे ! अम्मा को शक है कि पिताजी का फुलवारी के साथ चक्कर चल रहा है”,गोलू ने कहा
“अबे गोलू हमको लगता था सिर्फ तुमहू बकैत हो , साले तुम्हायी तो अम्मा पिताजी सब एक थाली के बैंगन है बे”,गुड्डू ने कहा

“अब पता चला गुड्डू भैया हमाये जीवन मा कित्ती परेशानी है आपको तो बस बकैतिया दिखती है हमहू कैसे मैनेज करते है हम ही जानते है,,,,,,,!!”,गोलू ने मायूस होकर कहा
“तो अब आगे का गोलू ?”,गुड्डू ने पूछा


“आगे का ? अम्मा मंगल फूफा को फोन किये रही अब शाम मा वही आकर फैसला करी है,,,,,,,पिताजी भी ना यार जे उम्र भजन कीर्तन की होती है और उह्ह यादववा की घरवाली के साथ “कुण्डी मत खड़काओ राजा सीधा अंदर आओ राजा” कर रहे है , साला का मुंह दिखाएंगे अपनी आने वाली औलाद को”,गोलू ने कहा
“का गोलू तुम्हाये पिताजी इत्ते रंगबाज भी नाही है बे कि जे उम्र मा इह सब करेंगे , तुम्हायी अम्मा को कोनो गलतफहमी हुई है तुमहू समझाते काहे नाही ओह्ह का ?”,गुड्डू ने कहा


“गुड्डू भैया जे तो हमे भी पता है कि पिताजी का और यादववा की घरवाली का कोनो चक्कर नाही है पर आजकल गज्जू गुप्ता ने हमायी नाक मा बहुते दम किया हुआ है , एक ट्रेलर तो हमहू भी देखे है अब मंगल फूफा का,,,,,,,का है कि हमहू तो अपने पिताजी को गरिया नाही सकते”,गोलू ने दबी आवाज में कहा
“कित्ते हरामी हो गोलू तुमहू बाप के बारे में ऐसा सोचते हो,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा


“गुड्डू भैया कबो नीम की संटी  से मार खायी है अपने पिछवाड़े पे ? नहीं न हमहू खाये है,,,,,,,,,,,,और जे ही मौका है अपने पिताजी से बदला लेने का,,,,,,मंगल फूफा आये तो सब मंगल ही मंगल हो हमायी जिंदगी मा”,गोलू ने कहा
“नरक मा जाओगे गोलू”,गुड्डू ने कहा
“हाँ तो स्वर्ग मा कौनसी 1st सीट बुक है हमाये लिए , और जब नरक मा जाना ही है तो क्यों ना 100-150 और करके जाए”,गोलू ने कहा


गुड्डू उठा और शोरूम जाने के लिए बाइक की तरफ बढ़ गया। गोलू उसके पीछे आया और कहा,”ए गुड्डू भैया ! आप आईये ना शाम मा घर पर मस्त पिरोगराम दिखाते है आपको मंगल फूफा वर्सेज गज्जू गुप्ता,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हाये जे पिरोगराम तुम्ही देखो , और कोनो कांड किये ना तो हमसे उम्मीद बिलकुल नाही रखना गोलू हम नाही आएंगे बचाने,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा


“अरे काण्ड थोड़े करेंगे हमहू तो आज पिताजी के काण्ड को देख्नेगे,,,,,,,,,,अच्छा रुको”,गोलू ने कहा
“अब का हुआ ? गोलू जल्दी कहो हमे शोरूम जाना है”,गुड्डू ने कहा
“अरे एक मिनिट,,,,,,,,,,!!”,कहकर गोलू इधर उधर कुछ ढूढ़ने लगा नजर सामने से आती भुआ पर पड़ी तो गोलू उनके पास आया और अपनी ऊँगली पर उनकी एक आँख से काजल निकालकर कहा,”पूरा डिब्बा आँख मा डाल ली हो का ?”


“हां ताकि तुमहू हमायी आँखों मा धूल ना झोंक पाओ”,भुआ ने मुंह बनाकर कहा और वहा से चली गयी
गोलू गुड्डू के पास आया और उसके गाल पर बड़ा सा काजल का निशान लगा दिया। गुड्डू ने बाइक के शीशे में अपना गाल देखा और कहा,”अबे जे का है ?”
“अरे जे निशानी की आप ही गुड्डू भैया है ताकि उह्ह बहरूपिया हमका फिर से बेवकूफ ना बना सके , गुड्डू भैया हमहू तो कहते है एक ठो कोड वर्ड रख लेते है,,,,,,,!!”,गोलू ने बहुत ही सस्पेंस के साथ कहा


“अब जे का है ?”,गुड्डू ने पूछा
“गुड्डू भैया अब जब भी हम आपसे मिलेंगे तो आधा कोड वर्क कहेंगे। आप कहना “गर्म गर्म तेल में जलेबी है छनती” और फिर हम जवाब मा कहेंगे “पिंकिया के बाप से हमायी नाही बनती”,गोलू ने कहा और आँखे मटकाकर पूछा,”कहो कैसा लगा ?”
गुड्डू ने अफ़सोस से सर हिलाया और कहा,”पिताजी के साथ तुम्हे भी भेज देते तो सही रहता,,,,,,,,का है कि बुद्धि तो बची नाही अब तुम मा”
गोलू गुड्डू को रोकता इस से पहले गुड्डू वहा से चला गया।

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संजना किरोड़ीवाल  

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तुमहू मिश्रा जी हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“नाही,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“हाँ तो फिर हमाये बाप बनने की कोशिश नाही करो और जे बताओ तुम्हाये पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाय रहे कोनो औरत नाही मिली ओह्ह का ?”,गुड्डू की सुई एक बार फिर गोलू के पिताजी पर अटक गयी।
“अरे गुड्डू भैया का कह रहे हो ,  पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाएंगे ? अरे अम्मा को सक है कि,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गुड्डू ने उसकी बात काटकर कहा,”मतलब तुम्हायी अम्मा को सक है कि तुम्हाये पिताजी का यादववा से चक्कर चल रहा है ?”

तुमहू मिश्रा जी हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“नाही,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“हाँ तो फिर हमाये बाप बनने की कोशिश नाही करो और जे बताओ तुम्हाये पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाय रहे कोनो औरत नाही मिली ओह्ह का ?”,गुड्डू की सुई एक बार फिर गोलू के पिताजी पर अटक गयी।
“अरे गुड्डू भैया का कह रहे हो ,  पिताजी यादववा के साथ चक्कर काहे चलाएंगे ? अरे अम्मा को सक है कि,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गुड्डू ने उसकी बात काटकर कहा,”मतलब तुम्हायी अम्मा को सक है कि तुम्हाये पिताजी का यादववा से चक्कर चल रहा है ?”

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