Manmarjiyan Season 3 – 49

Manmarjiyan Season 3 – 49

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

भुआ गुड्डू और गोलू के लिए केसर वाला दूध लेकर ऊपर गयी थी उसने दूध के गिलास ऊपर गुड्डू को दिए भी लेकिन भुआ जब नीचे आयी तो गुड्डू और गोलू तो बहस करते हुए सामने से चले आ रहे थे और बहस करते करते भुआ के बगल से निकल गए। भुआ को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ वे अपनी धोती की सलवटे पकडे सीढिया चढ़कर ऊपर आयी लेकिन ऊपर आकर भुआ और ज्यादा हैरान थी क्योकि जिस गुड्डू को दूध के गिलास देकर वह गयी थी वह गुड्डू ऊपर नहीं था , हाँ खम्बे के पास ट्रे जरूर रखा था जिसमे दूध के दोनों गिलास अभी तक भरे पड़े थे।

भुआ खम्बे के पास आयी और खुद से कहा,”हमायी आँखे धोखा नाही खा सकती , उह्ह्ह गुड्डू ही था वरना जे दूध के गिलास हिया कैसे आते ?”
भुआ ने इधर उधर देखा लेकिन ना वहा गुड्डू था ना ही गोलू , उनकी नजर एक बार फिर दूध के गिलासों पर गयी तो उन्होंने दूध से भरा गिलास उठाया और बड़बड़ाई,”गुड्डू गोलू ने तो जे दूध नाही पीया एक ठो काम जे का हम पी लेते है,,,,,,,!!”


भुआ एक साँस में गिलास का पूरा दूध पी गयी और डकार लेकर कहा,”जे केसर वालो दूध तो बहुते बढ़िया है जे दुसरा गिलास भी हमहू पी लेते है”
बस फिर क्या था भुआ ने दूसरे गिलास का दूध भी गटकना शुरू कर दिया। अभी आधा गिलास पीया ही था कि गुड्डू और गोलू आपस में बहस करते हुए ऊपर चले आये और जब गोलू ने भुआ को दूध पीते देखा तो गुड्डू से कहा,”लयो इह देखो एक और नमूना,,,,,,,,,गुड्डू भैया अब तो हमहू बिल्कुल ना माने है कि इह दुनिया मा एक जइसन 7 लोग होत है

का है कि अगर ऐसा होता ना तो फिर तुम्हायी भुआ जइसन भी 6 भुआ और होती और अब तक आधे कानपूर का अनाज खत्म समझो,,,,,,!!”
“का बक रहे हो गोलू ? और जे भुआ हिया का कर रही है ?’,गुड्डू ने उलझनभरे स्वर में कहा
“दिख नाही रहा चोरी छुपे दूध गटकाय रही,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गोलू भुआ के पास आया और कहा,”ए भुआ जे का ? हमहू साला नीचे तुम्हाये सामने आलू गोभी दाल के साथ खाये रहय और तुमहू हिया जे , जे केसर वाला दूध निपटाय रही हो,,,!!”


भुआ ने दूध पीया और मुंह पोछकर कहा,”अरे हमहू तो तुम दोनों के लिए ही लाये थे पर जे गुड्डू ने दूध ना पीकर भरे के भरे गिलास खबा के पास रख देइ तो हमहू पी लिए,,,,,,,,,अब बर्बाद थोड़े ना करेंगे”
“का हमाये लिए ? हमे दूध का गिलास कबो देइ भुआ ?”,गुड्डू ने भुआ के पास आकर पूछा
“अरे अभी थोड़ी देर पहिले तो लेकर आये रहय ऊपर और तुमको देकर गए थे , जे भी कहा कि गोलू को पिला देना”,भुआ ने कहा


गोलू ने सुना तो ताली बजाते हुए गुड्डू की तरफ देखकर कहा,”वाह गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,!!”
गोलू आगे कुछ बकवास करता इस से पहले गुड्डू ने उसकी बांह पकड़कर उसे साइड करते हुए कहा,”ओवरएक्टिंग कम करो बे,,,,,,,,!!”
गुड्डू गोलू को साइड कर भुआ के सामने आया और कहा,”और तुमहू हम से कब मिली भुआ ? हमहू तो खुद दोपहर से अब नीचे से ऊपर आये रहय”
“अरे भुआ को दूध खुद पीना होगा नाम हमारा ले रही है”,गोलू ने बीच में आकर कहा


“तुमहू साइड हटो गोलुआ , हमाये ससुराल मा का कोनो चीज की कमी है जो हम छुप छुप के पिएंगे,,,,,,,!!”,कहते हुए भुआ ने फिर गोलू की बांह पकड़कर उसे साइड में फेंक दिया और गुड्डू की तरफ पलटकर कहा,”गुड्डू हमायी मरी हुई अम्मा की कसम , अभी दुइ मिनट पहिले हमहू जे ट्रे तुमको देकर गए थे”

“अरे अम्मा तो पहिले ही निपट चुकी , खानी है तो फूफा की कसम खाओ तब माने है हमहू कि तुमहू सच बोल रही हो”,गोलू ने फिर भुआ की तरफ आकर कहा  
भुआ ने सुना तो गोलू को देखा और कहा,”हाँ खाय ले उनकी कसम ताकि उह्ह निपटे और तुम लोगन का छाती मा ठण्ड पड़ जाए , जे ना सोचे कि भरी जवानी मा भुआ का श्रृंगार छीन जाही”
“भरी जवानी ? ए भुआ रौशनी के ददा से दुइ चार छोटी रही हो तुमहू”,गोलू ने कहा


“तो ?”,भुआ ने हैरानी से कहा
“तो का रौशनी के ददा पिछले साल निकल लिए तुमहू भी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गोलू के गाल पर आकर पड़ा भुआ का हाथ और भुआ ने कहा,”तुमहू का हमको निपटाना चाहते हो गोलू ?”
“अरे अम्मा हमायी हमका अपनी बात तो कहने देती , हमहू कह रहे कि रौशनी के ददा निकल लिए पिछले साल काशी दान-धर्म करने तुमहू भी निकल जाओ
का है कि तुम्हाये जैसी देवी जे घर के लायक नाही जहा झूठे इल्जाम लगाए जा रहे तोह पे,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ के सामने हाथ जोड़कर कहा


“अरे अरे गोलू सारी हमका का पता तुमहू ऐसा कह रहे हो,,,,,,,,!!”,भुआ ने गोलू को बहलाते हुए कहा
गोलू लेकिन अब चिढ चुका था पहले गुप्ता जी से , फिर अपने गुड्डू भैया से और अब भुआ से इसलिए कहा,”जे चासनी मा ना किसी और को उतारना भुआ और गुड्डू भैया आप , आप ना अपनी जे 7 राजकुमारों वाली कहानी सुनाओ भुआ को हमहू चले अपने घर,,,,,,,,,साला उधर कुआ इधर खाई , बीच में लटका गोलू बाकि सब खाये रसमलाई,,,,,,,,,!!”


“पर रसमलाई कहा है गोलू ?”,भुआ को गोलू की बात समझ नहीं आयी तो उन्होंने पूछा
“रसमलाई कहा से बनी है दूध तो सब तुमहू गटकाय ली , साला यादव जी की भैसिया मा और आप मा बस एक ही फर्क है”,गोलू ने चिढ़कर कहा
“का ?”,भुआ ने पूछा , गोलू एक तो उन्हें भैस से कम्पेयर कर रहा था और भुआ उस से फर्क भी जानना चाह रही थी।


“यादव जी भैसिया दूध नाही पीती है,,,,,,,,,,छुपकर तो बिल्कुल नाही”,कहकर गोलू वहा से चला गया गुड्डू ने उसे आवाज दी पर गोलू नहीं रुका और चला गया। 

गुड्डू और भुआ से नाराज होकर गोलू नीचे चला आया। जैसे ही सीढ़ियों की तरफ जाने लगा शगुन ने उसके पास आकर कहा,”गोलू जी , मुझे आपसे कुछ बात करनी है,,,,,,,,,!!”
“हाँ भाभी कहिये,,,,,,!!”,गोलू ने मायूसी से कहा
“क्या बात है आप इतना मायूस क्यों है ? किसी ने कुछ कहा क्या ?”,शगुन ने गोलू को उदास देखकर कहा


“मायूस ना हो तो और का हो भाभी साला हुआ घर मा हमाये पिताजी हमारा जीना हराम किये है हिया भुआ , एक फूफा को जैसे तैसे करके बनारस भेजा तो हिया भुआ हमायी जान की दुश्मन बन गयी और गुड्डू भैया का तो आप पूछो ही मत आजकल बात बात पर दौरे पड़ते है उनको , अरे इतनी अजीब बाते करते है कि का बताये ?”,गोलू ने शगुन को अपना दुखड़ा कह सुनाया     
“क्या किया गुड्डू जी ने ?”,शगुन ने बेचैनी भरे स्वर में पूछा


“का किया का ? जबसे दादिया खत्म हुई है जे साले फूफा ने दारू पीकर इनसे कह दिया कि तुमहू मिश्रा जी की औलाद नाही हो , फिर एक रोज बाबू के पास गए तो उह ने इनको उलझा दिया जे कहकर कि आप तो अभी अभी खाकर गए थे , फिर बेवकूफ ने इनसे जे कह दिया कि एक सकल के 7 लोग होते है जे धरती पर और जे बाकि 6 को ढूंढने निकल पड़े और रही सही कसर उह्ह चुड़ैल भुआ ने पूरी कर दी ,,

दूध के जे बड़े बड़े गिलास ऊपर बैठ कर खुद पी रही और गुड्डू भैया से कह दिया कि अरे हमहू तो तुमको ही देकर गए थे जबकि गुड्डू भैया हिया नीचे हमाये साथ थे,,,,,,,,,,,अब बताओ भुआ दूध का गिलास किसे देकर आयी गुड्डू भैया के भूत को,,,,,,,,,!!”,गोलू एक साँस में सब कह गया
“गोलू जी वो बेवकूफ मैं हूँ जिसने गुड्डू जी से 7 लोगो वाली बात कही,,,,,,,,!!”,शगुन ने गोलू को घूरकर देखते हुए कहा


गोलू ने सुना तो शगुन की तरफ देखकर झेंपते हुए कहा,”अरे सॉरी भाभी हमहू आपको बेवकूफ नाही कहना चाहते थे,,,,,,,,,पर कसम से दुइ मिनिट और रुके ना हिया तो हम खुद को कुत्ता , सूअर , नालायक , गधा जरूर कह देंगे”
“शांत हो जाईये गोलू जी मैं समझ सकती हूँ इस वक्त आप बहुत परेशान है , आप बैठिये ना मैं पानी लेकर आती हूँ”,शगुन ने गोलू का हाथ पकड़कर उस को मिश्रा जी के तख्ते पर बैठाते हुए कहा
शगुन गोलू के लिए पानी  लेकर आयी और उसकी तरफ बढ़ा दिया।

गोलू ने पानी पीया तो थोड़ा शांत हुआ और कहा,”थैंक्यू भाभी ! बस एक तुमहू हो जे घर मा जोन हमे इंसान समझती हो , बाकी सबके लिए तो जैसे मशीन बन चुके है”
“मैं समझ सकती हूँ गोलू जी , कल रात तक माजी और पापाजी घर आ जायेंगे बस तब तक”,शगुन ने कहा

“उह्ह सब छोडो भाभी आप हमे कुछो बात करने वाली थी बताओ का बात थी ?”,गोलू ने पूछा
“मुझे गुड्डू जी के बारे में बात करनी है गोलू जी जो चीजे हो रही है आपको नहीं लगता कुछ ऐसा है जो सबसे छुपाया जा रहा है ?”,शगुन ने कहा
“का भाभी ?”,गोलू ने कहा
“बाबू ने कहा उसने गुड्डू जी को देखा , भुआ जी ने भी कहा कि उन्होंने भी गुड्डू जी को देखा लेकिन गुड्डू जी कह रहे है कि वो दोनों जगह ही नहीं थे ,,,,,,!!”,शगुन ने कहा


शगुन की बात सुनते ही गोलू के दिमाग की बत्ती जली और उसने शगुन की तरफ पलटकर हैरानी से कहा,”अरे हाँ भाभी हमका याद आया हमहू भी अभी दुइ दिन पहिले गुड्डू भैया को चंदौली की बस में चढ़ते देखे थे”
“चंदौली की बस में ?”,शगुन ने हैरानी से कहा
“हाँ भाभी हमको तो लगता है गुड्डू भैया का चंदौली में किसी के साथ कोनो चक्कर चल रहा है , आप का कहती है ?”,गोलू ने बहुत ही सस्पेंस के साथ कहा


“गोलू जी इस घर में सिर्फ मैं ही बची हूँ जिस से आपने थप्पड़ नहीं खाया है , खाना चाहेंगे ?’,शगुन ने गोलू को घूरकर देखते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं हमहू तो बस , फिर आपको का लगता है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने झेंपते हुए कहा
“बाबू , भुआ जी और अब आपकी बात सुनकर तो मुझे लग रहा है कि कोई तो है जो गुड्डू जी जैसा दिखता होगा,,,,,,,,,गुड्डू जी का हमशक्ल”,शगुन ने सोचते हुए कहा


“अरे साला जे बात हमाये दिमाग मा काहे नाही आयी ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“दिनभर अपना दिमाग उलटे कामो में लगाएंगे तो सही बाते कैसे आएगी गोलू जी”,शगुन ने कहा
“का भाभी ? आज तो बहुते भीगा भीगा के मार रही हो हमका,,,,,,,,,,पर अगर गुड्डू भैया का हमशकल है भी जे से का दिक्क्त है ?”,गोलू ने कहा


“दिक्कत गुड्डू जी के हमशक्ल से नहीं है गोलू जी , डर मुझे इस बात से लग रहा है कि वो इंसान गुड्डू जी के जान पहचान वालो के सामने क्यों आ रहा है ? क्या वो आप सबको कुछ बताना चाहता है या फिर गुड्डू जी को नुकसान पहुंचाना , मैं समझ नहीं पा रही”,शगुन ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“भाभी कही उह्ह गुड्डू भैया का जुड़वा भाई तो नाही ?”, गोलू का दिमाग चला
“और हो सकता है ये बात पापाजी से जुडी हो ?”,शगुन ने गोलू की तरफ देखकर हैरानी से कहा 


“और साला इहलीये फूफा मिश्रा जी को दबा रहा ताकि जे बात बाहिर ना आये”,गोलू ने भी उतनी ही हैरानी से शगुन के साथ कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कहा
“गोलू जी और पापाजी इसलिए चुप है कि ये बात बाहर ना आये , और तो और इसके लिए पापाजी जी फूफाजी को ये आधा घर देने के लिए भी तैयार हो गए”,शगुन ने कहा
“इसकी भुआ का ? जे कब हुआ ? जे साला फूफा तो हमायी सोच से भी आगे निकला,,,,,,,,!!”,गोलू गाली देते देते रुक गया

गुड्डू भी समझ गया कि गोलू कीलस चुका है वह वही पड़ी कुर्सी पर आ बैठा , काफी देर तक खुद में उलझा रहा और चुपचाप सामने सोनू के घर की तरफ देखता रहा फिर उठा और दूध के खाली गिलास हाथो में लेकर बड़बड़ाने लगा,”भुआ कह रही कि उह्ह हमाये और गोलू के लिए दूध लेकर आयी रही और ट्रे हमे देकर गयी , जबकि हमहू गोलू के साथ अभी नीचे से आये रहय , जे साला मेटर का है शगुन जो कह रही थी उह सही है या जो हमाये साथ घट रहा है उह ,,

बाबू ने भी उस दिन कहा था कि हमने उसके हिया गोलगप्पे खाये जबकि हम अम्मा की मौत के बाद बाबू के ठेले पर गए ही पहली बार थे , फिर फूफा का जे कहना कि हम पिताजी से जाकर पूछे कि हम ओह्ह की औलाद है कि नाही ? जे सारी बातो से तो हमे जे ही समझ आ रहा है कि कुछ तो बहुते बड़ी गड़बड़ है जिसके बारे में या तो फूफा को पता है या पिताजी को,,,,,,,,,,कल पिताजी आ जाये ओह्ह के बाद उन्ही सी पूछते है,,,,,,,,,,!!”


गुड्डू अपने कमरे की तरफ बढ़ गया , सीढ़ियों के पास खड़ा लवली सब सुन रहा था वह अँधेरे से बाहर आया और कहा,”मिश्रा जी से बात तो तुमहू तब करोगे ना गुड्डू जब कल का सूरज कानपूर मा देखोगे”

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संजना किरोड़ीवाल 

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

तो ?”,भुआ ने हैरानी से कहा
“तो का रौशनी के ददा पिछले साल निकल लिए तुमहू भी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गोलू के गाल पर आकर पड़ा भुआ का हाथ और भुआ ने कहा,”तुमहू का हमको निपटाना चाहते हो गोलू ?”
“अरे अम्मा हमायी हमका अपनी बात तो कहने देती , हमहू कह रहे कि रौशनी के ददा निकल लिए पिछले साल काशी दान-धर्म करने तुमहू भी निकल जाओ
का है कि तुम्हाये जैसी देवी जे घर के लायक नाही जहा झूठे इल्जाम लगाए जा रहे तोह पे,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ के सामने हाथ जोड़कर कहा

तो ?”,भुआ ने हैरानी से कहा
“तो का रौशनी के ददा पिछले साल निकल लिए तुमहू भी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गोलू के गाल पर आकर पड़ा भुआ का हाथ और भुआ ने कहा,”तुमहू का हमको निपटाना चाहते हो गोलू ?”
“अरे अम्मा हमायी हमका अपनी बात तो कहने देती , हमहू कह रहे कि रौशनी के ददा निकल लिए पिछले साल काशी दान-धर्म करने तुमहू भी निकल जाओ
का है कि तुम्हाये जैसी देवी जे घर के लायक नाही जहा झूठे इल्जाम लगाए जा रहे तोह पे,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ के सामने हाथ जोड़कर कहा

तो ?”,भुआ ने हैरानी से कहा
“तो का रौशनी के ददा पिछले साल निकल लिए तुमहू भी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गोलू के गाल पर आकर पड़ा भुआ का हाथ और भुआ ने कहा,”तुमहू का हमको निपटाना चाहते हो गोलू ?”
“अरे अम्मा हमायी हमका अपनी बात तो कहने देती , हमहू कह रहे कि रौशनी के ददा निकल लिए पिछले साल काशी दान-धर्म करने तुमहू भी निकल जाओ
का है कि तुम्हाये जैसी देवी जे घर के लायक नाही जहा झूठे इल्जाम लगाए जा रहे तोह पे,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ के सामने हाथ जोड़कर कहा

तो ?”,भुआ ने हैरानी से कहा
“तो का रौशनी के ददा पिछले साल निकल लिए तुमहू भी,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि गोलू के गाल पर आकर पड़ा भुआ का हाथ और भुआ ने कहा,”तुमहू का हमको निपटाना चाहते हो गोलू ?”
“अरे अम्मा हमायी हमका अपनी बात तो कहने देती , हमहू कह रहे कि रौशनी के ददा निकल लिए पिछले साल काशी दान-धर्म करने तुमहू भी निकल जाओ
का है कि तुम्हाये जैसी देवी जे घर के लायक नाही जहा झूठे इल्जाम लगाए जा रहे तोह पे,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ के सामने हाथ जोड़कर कहा

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