Manmarjiyan Season 3 – 32
Manmarjiyan Season 3 – 32

मिश्रा जी का घर , कानपूर
रात के खाने पर सब मौजूद थे बस गुड्डू वहा नहीं था ये देखकर मिश्रा जी ने मिश्राइन से कहा,”गुड्डू कहा है ? कही नजर नाही आ रहा ,,,,,,,,!!!”
“नजर तो तब आएगा न जब घर मा होगा”,फूफा जी ने खाना खाने के लिए मिश्रा जी के बगल में आकर बैठते हुए कहा
शगुन वही मौजूद थी फूफाजी गुड्डू को लेकर कुछ उलटा सीधा कहे इस से पहले शगुन बोल पड़ी,”पापाजी ! गुड्डू जी गोलू जी के घर गए है , पिंकी का फोन आया था शायद उसे कुछ जरूरत हो , आप लोग शुरू कीजिये ना गुड्डू जी बाद में खा लेंगे”
शगुन को इतना शांत देखकर फूफा का माथा ठनका और उन्होंने मन ही मन खुद से कहा,”जे शगुन इतना आराम से अपनी ही सौत का नाम कैसे ले रही है ? गुड्डू पिंकिया के बुलाने पर चला गवा और जे बात से शगुन को कोनो फर्क नाही पड़ रहा जे कैसे हो सकता है ?”
“किस सोच में पड़ गए आदर्श बाबू , खाना शुरू कीजिये”,मिश्रा जी ने फूफा को खोया हुआ देखकर कहा
फूफाजी चुपचाप खाना खाने लगे जो आग वे शगुन और गुड्डू के बीच लगाना चाहते थे उस पर तो पहले ही शगुन ने जग भरकर पानी डाल दिया था। फूफा बस इस घर के लोगो में फूट डालना चाहते थे ताकि मिश्रा जी से ये घर हड़प सके।
मिश्राइन भुआ से नाराज थी और भुआ ये बात जानती थी इसलिए अपनी भाभी को मनाने के लिए भुआ ने बड़े प्यार से कहा,”भाभी दुइ ठो पूरी देना , का है कि तुम्हरे हाथो से बनी कितनी भी पुरिया खा ले मन ही नहीं भरता है”
मिश्राइन ने सुना तो शगुन के हाथ से पूरी का भगोना लेकर भुआ की तरफ चली आयी। मिश्राइन ने भगोने से दो की जगह चार पूरी उठाई और भुआ की प्लेट में परोसते हुए कहा,”मन तो आपका जे घर को अपना बनाकर भरेगा जीजी,,,,,,,,!!”
भुआ ने सुना तो मिश्राइन का मुंह ताकने लगी और मिश्राइन बड़े ही प्यार से भुआ को उसके बुरे इरादों से अवगत करवाकर वहा से चली गयी
खाना खाते हुए मिश्रा जी फूफा के बारे में सोच रहे थे कि कैसी उनका असली चेहरा सबके सामने लाये और अपने राज को राज ही रहने दे,,,,,,,,,,,!
खाना खाने के बाद मिश्रा जी उठकर अपनी अम्मा की तस्वीर के सामने आ बैठे और कहने लगे,”राजकुमारी का ब्याह जब तय हुआ था आप कित्ता खुश हुयी थी अम्मा कि अपने शहर के पास मा बिटिया का ब्याह होगा तो जब मन करेगा बिटिया अपने मायके वालो से आकर मिल लिया करेगी। आपके गुजरने के बाद आपकी बिटिया इत्ती बड़ी हो चुकी है कि जे सही गलत मा फर्क ही ना देख पा रही पा रही है। आदर्श बाबू के साथ मिलके जे घर का बटवारा चाहती है। आप ही बताओ अम्मा हमहू जे घर आदर्श बाबू को कैसे दे दे ?
इह घर पर जितना हक़ हमरा है उतना गुड्डू का भी है और अभी तो वेदी का ब्याह करना बाकि है , जे घर आदर्श बाबू को दे देहि है तो फिर हम वेदी की शादी कैसे करी है ? आप होती तो राजकुमारी को समझाती , उह तो हमरी कुछो बात सुनने को तैयार ही नाही है,,,,,,,,,,,,कल आपके तिये की बैठक है अम्मा , बस कल का दिन शांति से निकल जाए”
“आप यहाँ है बाहर आपसे मिलने कुछ लोग आये है,,,,,,,,,!!”,मिश्राइन ने आकर कहा तो मिश्रा जी की तंद्रा टूटी और उन्होंने उठते हुए कहा,”हम्म्म ठीक है हम जाकर देखते है”
गुड्डू पिंकी को लेकर मेन्टल हॉस्पिटल पहुंचा , दो जगह गोलू नहीं मिला तो तीसरा और आखरी हॉस्पिटल बचा गुड्डू ने बाइक उस तरफ बढ़ा दी। अचानक से बाइक को ब्रेक लगा और पिंकी एकदम से गुड्डू के ऊपर आ गिरी। गुड्डू ने बाइक रोकी और कहा,”जे हमे अकेला देखकर तुमहू हमरा फायदा उठाने की कोशिश ना करो पिंकिया , हम सब समझते है। वैसे भी हमरे दिल मा अब तुम्हरे लिए कुछो नाही है तो थोड़ा डिस्टेंस बनाकर बइठो हमसे”
गुड्डू की बात सुनकर पिंकी का मुंह खुला का खुला रह गया। वह पीछे खिसकी और गुड्डू की पीठ पर एक मुक्का मारकर कहा,”ब्रेक तुमने लगाया है गुड्डू हमने नहीं , और हमे कोई शौक नहीं है तुम्हारा फायदा उठाने का , गोलू का मामला नहीं ना होता हम तुमको पूछते भी नहीं”
पिंकी की बात सुनकर गुड्डू चिढ गया और कहा,”हाँ हाँ तुमहू काहे पूछने लगी तुमहू तो कानपूर की महारानी हो ना,,,,,,,,एक तो हमहू तुम्हरी मदद कर रहे है , उह साले तिकड़मबाज को ढूंढ रहे है और तुमहू हमको ही सुना रही हो”
“तमीज से गुड्डू गोलू हमारा पति है उसके खिलाफ एक ठो गलत शब्द नाही सुनेंगे,,,,,,,,,!!”,पिंकी ने गुड्डू को फटकारते हुए कहा
गुड्डू ने सुना तो बेचारे के सीने में हल्का सा दर्द हुआ और उसने कहा,”अरे मोरी मैया जे कब हुआ ? मतलब एक गोलू के लिए तुमहू हमका गरिया रही हो,,,,,,,,!!”
“वक्त बर्बाद मत करो गुड्डू और चलो , पता नहीं बेचारा गोलू किस हाल में होगा ?”,पिंकी ने गोलू की परवाह करते हुए कहा
गुड्डू ने बाइक आगे बढ़ा दी और कुछ देर बाद ही पिंकी के साथ मेन्टल हॉस्पिटल पहुंचा। गुड्डू ने काउंटर पर पता किया तो उन्होंने बताया कि आज शाम ही एक नया पेशेंट आया है जिसका नाम गोलू गुप्ता है। गुड्डू और पिंकी ने जब सुना तो राहत की साँस ली और गोलू के बारे में पूछकर अंदर चले गए।
गुड्डू और पिंकी गोलू के लिए परेशान से जनरल वार्ड में आये। गुड्डू की नजर जैसे ही बिस्तर पर बैठे गोलू पर पड़ी उसका मुंह खुला का खुला रह गया। गुड्डू और पिंकी को गोलू की चिंता हो रही थी और गोलू यहाँ बिस्तर पर बैठा , हाथ में दोना लिए कचौरी खा रहा था। गुड्डू और पिंकी गोलू की तरफ आये लेकिन गोलू का तो पूरा ध्यान कचोरी पर था
गोलू ने अपने बगल में खड़े कम्पाउडर को देखा और कहा,”ए जे कैसी कचौड़ी लाये हो बे ? ना ऊपर से पियाज डाला ना चाट मसाला और खजूर की चटनी तो इत्ती कम कि जबान को लगे और गले तक भी ना पहुंचे,,,,,,,,हमहू जे ना खाही है”
“अरे हम तुम्हारे आगे हाथ जोडते है भैया , जब से आये हो पुरे 600 रूपये का खाना खिला चुके है तुमको,,,,,,,,,इत्ता सब खा रहे हो जा कहा रहा है ?”,कम्पाउडर ने कहा
“मतलब एक तो इत्ती घटिया कचोरी खिलाओ ऊपर से हमसे बहस भी कर रहे हो,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर , ए डॉक्टरवा,,,,,,,,,,,,,,अरे गुड्डू भैया , पिंकिया आप लोग हिया ?”,गोलू ने चिल्लाते हुए जैसे ही अपनी गर्दन घुमाई अपने बगल में खड़े गुड्डू और पिंकी को देखकर हैरान हो गया और साथ ही खुश भी कि पुरे कानपूर में कम से कम दो लोगो को तो गोलू की परवाह थी।
“गोलू जे सब का है , तुमहू हिया का कर रहे हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“अपने ब्याह का ऐल्बम छाप रहे है”,गोलू ने कहा
“मतलब ?”,गुड्डू ने असमझ की स्तिथि में पूछा
“मतलब का ? दिखाई नहीं दे रहा हमहू पागलखाने मा है , उह भी हमरे महान ससुरवालों की वहज से,,,,,,,,!!”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे साला शर्मा तो है ही एक नंबर आ कलेशी , अपने ही दामाद को पागलखाने भेज दिया। हमे मिला ना तो दुई कान के नीचे देंगे रख के सारी रंगबाजी भूल जायेगा उह , उसने बदला लिया है तुमसे गोलू”,गुड्डू ने गोलू की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा
गुड्डू को अपनी साइड लेते देखकर गोलू का गुस्सा और बढ़ गया और उसके चेहरे पर गुस्से और खुन्नस के भाव दिखाई देने लगे। वह सामने देखने लगा जैसे शर्मा जी उसके सामने ही हो और कहने लगा,”दुइ थप्पड़ से ओह्ह का कुछो ना होइ है गुड्डू भैया , हमहू जायेंगे रामपुर और हुआ से लाएंगे एक ठो रामपुरी और सीधा ओह के पेट मा घुसा देंगे,,,,,,,,,,ओह के बाद भी उह बच गए ना तो कड़ाही में सरसो का तेल गर्म करेंगे और उनकी पूरी बॉडी पर बेसन मिलेंगे और उनका मिर्ची बड़ा फ्राई कर देंगे,,,,,,,,
छोटे छोटे छोटे छोटे टुकड़े काटकर मोतीझील की मछलियों को खिला देंगे , सर के बचे चार बाल भी उड़ा देंगे और टकला करके पुरे मोहल्ला में ओह्ह का जुलुस निकाल देंगे,,,,,,,इसके बाद भी उह बोलने की हालत में रहे ना तो मंडी से बोरा सिलने का सुई धागा लेकर आएंगे और ससुरे का मुंह सिल देंगे,,,,,,,,ओह्ह के बाद तो उह हमसे माफ़ी भी ना माँग पाए है,,,,,,,,उनके लिए तो हमहू साक्षात् यमराज बन जाही है गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,,!!”
पिंकी ने सुना तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया और गुस्से से चेहरा लाल हो उठा , गोलू ने जैसे ही गुड्डू के साथ पिंकी को वहा देखा तुरंत अपनी बात बदल दी और कहा,”गुड्डू भैया अगर आप सोच रहे है हमहू ऐसा कुछो करेंगे तो बहुते जलील आदमी हो तुमहू , मतलब जॉन आदमी हमको अपनी इत्ती प्यारी , मासूम , सुन्दर,,,,,,,,,,!!”
“धोखेबाज,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने एकदम से कहा तो गोलू ने उसका कहा भी अपनी बात में जोड़कर कहा,”हाँ धोखेबाज,,,,,,,,,,ए गुड्डू भैया धोखेबाज नाही का कुछ
भी बोल रहे है आप ,, पिंकिया कबो किसी को धोखा नाही दे सकती ?”
गुड्डू ने सुना तो हैरानी से गोलू को देखा और कहा,”हमको जे बताओ तुमहू हिया कर का रहे हो ? घर काहे नहीं आये ?”
गोलू ने बगल में काम करते कम्पाउडर का कोट पकड़ उसे अपनी तरफ करके कहा,”ए कम्पुटर ! जे का बताओ हमहू घर काहे नाही गए ?”
“मैं कम्पाउडर हूँ कम्प्यूटर नहीं,,,,,,,,,,और कौन है ये लोग ?”,कम्पाउडर ने झुंझलाकर कहा
“जे गुड्डू भैया है , कानपूर मा बहुते बड़ा टेंट का बिजनेस है इनका”,गोलू ने जैसे ही कहा गुड्डू गोलू की तरफ से हटकर कम्पाउडर की तरफ आया और गोलू से कहा,”हमरा इंट्रो का दे रहे हो इनका ? और कम्पाउडर तुमहू हमका जे बताओ इह कोनसे एंगल से तुमको पागल लगता है बे जो इह का ही बैठा के कचौड़ी खिला रहे हो”
“देखो इसको हर एंगल से पागल लगता है , स्कूटर पर उलटा बैठकर हैंडल ढूढ़ रहा था , यहाँ आते ही इसने सीनियर डॉक्टर का हाथ काट लिया इंजेक्शन खाने गए है वो , उसके बाद ये लाओ वो लाओ तब से बस खाये जा रहा है , और अभी आप लोगो ने सुना ना कैसे ये किसी को रामपुरी चाकू से मारने की बात कर रहा था ,, इतने लक्षण काफी नहीं है पागलपन के ?”,कम्पाउडर ने भड़ककर कहा
“इह मा इत्ता भड़कने वाली का बात आराम से बोलो ना,,,,,,थोड़ा प्यार से”,गोलू ने कहा तो कम्पाउडर उसके बगल में आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे अपने सीने से लगाया और बड़े प्यार से कहते हुए लगभग उसकी गर्दन दबोचते हुए कहा,”का राजा ? कानो मा बर्फ जमाय लिए हो का ? तुमहू जो किये उह पागलपन नाही तो और का है ?”
“अरे क्या कर रहे हो छोडो उसे,,,,,,,!!”,गुड्डू ने गोलू को छुड़ाते हुए कहा
गला कसने की वजह से गोलू को मुश्किल से सांस आयी और उसने कहा,”अबे का खुद को यमराज समझ लिए हो”
“ये पागल है और इसका इलाज होना बहुत जरुरी है,,,,,,,,,!!”,कम्पाउडर ने कहा और वहा से चला गया
“ये लोग गोलू को पागल कैसे कह सकते है ? आखिर ऐसा तो क्या किया है मेरे गोलू ने ?”,पिंकी ने रोआँसा होकर कहा
गुड्डू जो कि गोलू की हरकतों से पहले ही गुस्सा था पिंकी की बात सुनकर और चिढ गया और पलटकर कहा,”आपके गोलू जी को पड़ी लकड़ी लेने की आदत जो है , सड़क के बीचों बीच अगर गोबर पड़ा हो तो साइड से चलने के बजाय आपके गोलू जी मुर्ख बैल की तरफ सीधा जायेंगे और गोबर मा मुंह मारेंगे। लोगो की जिंदगी मा चरस होती है पर आपके गोलू जी की तो जिंदगी ही चरस है,,,,,,,,,,साढ़े पांच फुट के है आपके गोलू जी लेकिन गुंडई करने का शौक नाही जा रहा इनका , एक झूठ छुपाने के लिए 100 झूठ बोलना मंजूर है इनको पर कबो सीधा रास्ता नाही चलेंगे ,
साला हमको लगा था शादी के बाद सुधर जाही है जे पर शादी के बाद तो इनके और पर निकल आये है उह्ह भी चमकादड़ वाले,,,,,,,,,,,अरे हमहू का अपने साथ झाड़ू पोछा लेकर घूमते है जो इनका फैलाया साफ करते रहेंगे,,,,,,,,,,,,,,सब सही चल रहा होता है लेकिन नहीं आपके गोलू जी को तो चूल मचती है कि इनकी जिंदगी मा सब सही कैसे चल रहा है ? और जे मुसीबत को न्यौता देने निकल पड़ते है ,, अब तुम हमका बताओ का जरूरत थी आपके गोलू जी को अपने ससुराल जाकर तमाशा करने की,,,,,,,,,,!!”
गुड्डू ने गुस्से में आकर अपने मन की सारी भड़ास निकाल दी , गोलू तो बस चुपचाप सुनता रहा और पिंकी ने भी बीच में बोलने की हिम्मत नहीं की और गुड्डू के आखरी शब्दों को सुनकर कहा,”ये तो गोलू ही जानता है कि वो पापा के घर क्यों गया था ?”
“अरे तुम्हारे पिताजी ने शादी मा चैन के नाम पर चुना लगा दिया हमको , सोने की बोल के लोहे की चैन थमा दी हमका और पुरे कानपूर में चौडाते रहे कि हमहू अपने दामाद को सोने की चैन दिए है,,,,,,अब तुम बताओ हमहू का उनसे सवाल भी ना करे ?”,गोलू ने भड़ककर कहा
गुड्डू ने सुना तो पिंकी को देखा और फिर गोलू की तरफ आकर कहा,”गोलू ! अगर उह्ह चैन लोहे की निकल भी आयी तो शर्मा जी के घर जाकर सबके सामने तमाशा करने की का जरूरत थी ? तुमहू बैठकर भी तो उनसे बात कर सकते थे ना , हर बार तमाशा करना जरुरी है का ? अपना नहीं कम से कम अपने आस पास के लोगो का सोचो ,,
तुम्हरी वजह से वहा पिंकिया के माँ-बाप शर्मिन्दा है , हिया इत्ती रात मा पिंकिया तुम्हरे लिए परेशान हुई और बात सिर्फ अकेली पिंकी की नाही है इह के पेट में पल रही नन्ही जान,,,,,,,,,,,,साले तुमको का ओह्ह की फ़िक्र भी नाही है ? जे भूखी प्यासी तुम्हरे लिए कब से तुमको ढूंढने के लिए हमरे साथ घूम रही है और तुमहू हिया बैठ के कचौड़ी निपटाय रहे हो”
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संजना किरोड़ीवाल


गुड्डू जो कि गोलू की हरकतों से पहले ही गुस्सा था पिंकी की बात सुनकर और चिढ गया और पलटकर कहा,”आपके गोलू जी को पड़ी लकड़ी लेने की आदत जो है , सड़क के बीचों बीच अगर गोबर पड़ा हो तो साइड से चलने के बजाय आपके गोलू जी मुर्ख बैल की तरफ सीधा जायेंगे और गोबर मा मुंह मारेंगे। लोगो की जिंदगी मा चरस होती है पर आपके गोलू जी की तो जिंदगी ही चरस है,,,,,,,,,,साढ़े पांच फुट के है आपके गोलू जी लेकिन गुंडई करने का शौक नाही जा रहा इनका , एक झूठ छुपाने के लिए 100 झूठ बोलना मंजूर है इनको पर कबो सीधा रास्ता नाही चलेंगे ,
गुड्डू जो कि गोलू की हरकतों से पहले ही गुस्सा था पिंकी की बात सुनकर और चिढ गया और पलटकर कहा,”आपके गोलू जी को पड़ी लकड़ी लेने की आदत जो है , सड़क के बीचों बीच अगर गोबर पड़ा हो तो साइड से चलने के बजाय आपके गोलू जी मुर्ख बैल की तरफ सीधा जायेंगे और गोबर मा मुंह मारेंगे। लोगो की जिंदगी मा चरस होती है पर आपके गोलू जी की तो जिंदगी ही चरस है,,,,,,,,,,साढ़े पांच फुट के है आपके गोलू जी लेकिन गुंडई करने का शौक नाही जा रहा इनका , एक झूठ छुपाने के लिए 100 झूठ बोलना मंजूर है इनको पर कबो सीधा रास्ता नाही चलेंगे ,
Kya baat hai…aaj to Guddu Mishra ne Gyan ki ganga baha dee aur shayad ab Golu bura usme m beh jate…quki baat thi to choti see but Golu ne usko bada bana diya aur uski wajah se Pinky iss halat m Guddu k sath usse dhoond rhi hai…ab to kuch samjho Golu maharaj…lakin idhar Fufa ko samjhne ki nhi, balki sabak sikhane ki zarurat hai…kuch zyada hee udd rhe hai… Mishra ji k ghar m foot daalkar ghar ko hathiyana chahate hai yeh Maharaj… Mishra ki Amma k tiye ki bathak m fufa ki Lanka zarur lagni chahiye