Manmarjiyan – 3
Manmarjiyan – 3

गुप्ता जी से बहस करने के बाद गोलू घर से बाहर चला आया , उसने चाय तक नहीं पी। बाहर आकर स्कूटी स्टार्ट की तो वो स्टार्ट नहीं हुई। एक तो गोलू अपने पिताजी से नाराज था उस पर उसकी स्कूटी ने उसे धोखा दे दिया। गोलू ने एक दो बार और कोशिश की लेकिन वह स्टार्ट नहीं हुई। चिढ़कर गोलू ने एक लात स्कूटी के पिछले टायर पर मारी और कहा,”एक ठो बार गुड्डू भैया की ददिया के 13 दिन पुरे हो जाये , सबसे पहले तुम्हे ही निपटाएंगे,,,,,,,,,,,मनहूस नहीं तो”
चाय का कप हाथो में थामे गुप्ता बाहर ही चले आये उन्होंने जब गोलू को स्कूटी पर गुस्सा उतारते देखा तो कहा,”हाँ हाँ निपटाओगे काहे नहीं दहेज़ में तुम्हरे ससुर फार्चूनर जो दिए है,,,,,,,!!”
“उह भी खरीद लेंगे पर आपकी इह खटारा स्कूटी से तो नहीं जायेंगे,,,,,,,,,,,भंगार में बेच दीजिये इह का”,गोलू ने चिढ़कर कहा
गुप्ता जी सीढ़ियों से नीचे आये और कहा,”जिह का खटारा कह रहे हो न पूरी जवानी कानपूर की गलियों में ख़ाक इसी से छाने हो बबुआ”
“लेकिन अब जे पुरानी हो चुकी है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“ल्यो कर ल्यो बात , कल को तुमहू कहोगे माँ बाप भी पुराने हो गए है,,,,,,,,इनका भी भंगार में देइ दयो”,गुप्ता जी ने कहा
“आपको तो कोई भंगार वाला भी नहीं रखेगा , दो दिन में परेसान हो जायेगा”,गोलू धीरे से बड़बड़ाया लेकिन गुप्ता जी के कान थे तेज उन्होंने सुन लिया और आँगन में घूमती अपनी पत्नी से कहा,”ए गोलू की अम्मा सुन रही हो का कह रहे है तुम्हाये सपूत , जे हमका भंगार में बेचने की बात कर रहे है,,,,,,,,,,समझाय ल्यो इनका सुबह सुबह हमाये मुँह ना लगे वरना पेल दिहिस”
“अरे हमको कोनो शोक भी ना है आपसे बहस करने का , का है कि आपसे बहस जिंदगी तहस नहस”,गोलू ने कहा और पैर पटकते हुए वहा से चला गया
गोलू के जाने के बाद उसकी अम्मा गुप्ता जी के पास आयी और कहा,”काहे गोलुआ को इतना परेसान करते है , उह पहले से परेसान है”
“हम कहा परेसान कर रहे उह्ह ही बात बात पे चिढ जाता है,,,,,,,,!!”,कहते हुए गुप्ता जी वहा से चले गए
आँगन में खड़ी पिंकी सब बाते सुन रही थी , यू तो उसे गुप्ता जी से कोई परेशानी नहीं थी लेकिन जब उन्होंने गोलू से दहेज़ में फॉर्चूनर की बात की तो उसे बुरा लग गया हालाँकि गुप्ता जी गोलू की टांग खींच रहे थे लेकिन पिंकी उस मजाक को समझ नहीं पायी और अपने कमरे में चली गयी।
गोलू भुनभुनाते हुए गुड्डू के घर पहुंचा , जैसे ही अंदर जाने लगा सामने से आते गुड्डू ने उसे रोका और बाइक की चाबी देकर कहा,”गोलू दुकान जाओ और टेंट का सामान ले आओ कल से बूढ़ा के शोक में लोग आने शुरू हो जायेंगे तो घर में लगाना है”
“ठीक है भैया ले आते है,,,,,,,,,,,,मिश्रा जी ठीक है अभी ?”,गोलू ने चाबी लेकर कहा
“हाँ थोड़ा शांत है अभी पर हम जानते है अंदर ही अंदर बहुते कुछ चल रहा है उनके,,,,,,,,,,तुम जाओ और जल्दी आना”,गुड्डू ने कहा और अंदर चला गया
गोलू बाइक की चाबी लेकर बाहर आया और गुड्डू की बाइक लेकर वहा से निकल गया।
गोलू अपनी दुकान पर आया। सुबह दुकान बंद थी लेकिन गुड्डू ने अगले हफ्ते के लिए शादी का टेंडर ले रखा था और उसी के अरेंजमेंट का बंदोस्त हो रहा था। दुकान पर रहने वाला लड़का जरुरी सामान साइड रख रहा था तभी गोलू वहा आया और लड़के से कहा,”सुनो तिवारी ! टेंट का सामान डलवाओ हम जरा आते है , और थोड़ा जल्दी करना हमरे पास बख्त नहीं है”
“हाँ गोलू भैया बस ये कर दे उसके बाद करवाते है”,लड़के ने कहा
गोलू दुकान के बाहर खड़े होकर इधर उधर देखने लगा तभी उसकी नजर कुछ दूर खड़े गोलगप्पे के ठेले पर पड़ी। गोलू को जोरो की भूख लगी थी क्योकि सुबह से कुछ खाया नहीं था। वह ख़ुशी ख़ुशी ठेले की तरफ चल पड़ा और जब उसने देखा ठेला बाबू का है तो गोलू की ख़ुशी दुगुनी हो गयी। वह ठेले के पास
आया और कहा,”का बाबू ! ठेला हिया लगाना शुरू कर दिए”
“अरे गोलू भैया आप ! आज गुड्डू भैया आपके साथ दिखाई नहीं दे रहे ?”,बाबू ने पूछा
“गुड्डू भैया की ददिया आज स्वर्ग सिधार गयी तो गुड्डू भैया घर पर है , एक ठो बढ़िया सी प्लेट गोलगप्पे की बनाय दो बाबू”,गोलू ने बहुत ही आराम से कहा
बाबू ने सुना गुड्डू भैया की दादी गुजर गयी है तो उसके चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी और उसने मासूमियत से कहा,”कैसे बेकार आदमी हो गोलू भैया , गुड्डू भैया की ददिया मर गयी और तुमहू हिया गोलगप्पे खाने की बात कर रहे हो”
गोलू ने बाबू की तरफ देखा और कहा,”तो गुड्डू की ददिया कौनसा तुम्हरी मीठी चटनी लेकर मरी है , अबे साले अपना काम करो ना,,,,,,,,एक तो सुबह से कुछो खाया नहीं है उपर से तुम,,,,,,,,,,हमरी शक्ल ना देखो पिलेट लगाओ”
“लगाते है भैया”,बाबू ने झेंपते हुए कहा और गोलू के लिए गोलगप्पे की प्लेट लगाने लगा। गोलू को प्लेट थमाकर दूसरे कस्टमर में बिजी हो।
गोलू प्लेट लेकर साइड में आया , दही और इमली की मीठी चटनी से लबरेज , ऊपर से सेव नमकीन , चाट मसाला , प्याज और भरपूर हरे हरे धनिया से सजे गोलगप्पे देखकर गोलू के मुंह में पानी आ गया ,, हां हां वैसे ही जैसे अभी आपके मुंह में आ चूका है।
गोलू ने एक गोलगप्पा उठाया और जैसे ही मुँह में रखने को हुआ हाथ में पकड़ा गोलगप्पा नीचे जा गिरा। मायूसी से गोलू ने बाबू की तरफ देखा तो बाबू ने खिंसिया कर कहा,”गोलू भैया लगता है ददिया ने मांगा है,,,,,,,,,,,!!”
“बेटा ददिया मांग लेगी न तो फट के हाथ मा आ जाई है,,,,,,,!”,कहते हुए गोलू ने दूसरा गोलगप्पा उठाया और जल्दी से मुंह में रख लिया। जो सुकून गोलू के चेहरे पर दिखाई दिया पूछो मत , गोलू ने इत्मीनान से गोलगप्पे खाये और खाली प्लेट डस्टबिन में फेंकते हुए बाबू की तरफ आया और कहा,”ल्यो बाबू इह बात पर एक ठो मीठी पपड़ी भी खिलाय दयो”
बाबू ने मीठी पपड़ी गोलू की तरफ बढ़ा दी , गोलू ने पपड़ी खायी और गोलू को पैसे देने लगा तो उसने कहा,”अरे रहने दो ना भैया कौनसा रोज आते हो,,,,,,,,,!!”
गोलू मुस्कुराया और वहा से चला गया। दुकान के सामने खड़े टेम्पो को देखकर गोलू ने लड़के से कहा,”तिवारी सामान रखवा दिए का ?”
“हाँ भैया सब रख दिया है,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
गोलू ने टेम्पो के ड्राइवर को गुड्डू के घर का एड्रेस बताया और खुद बाइक लेकर उसके आगे चल पड़ा।
गोलू सामान के साथ गुड्डू के घर पहुंचा। उसने गुड्डू के घर में काम कर रहे दुकान के लड़को से सामान उतारने को कहा और मन ही मन खुश हो रहा था कि मिश्रा जी जब उसे जिम्मेदारी वाले काम करते देखेंगे तो प्राउड फील करेंगे। गोलू ख्यालो में खोया हुआ था कि तभी उसका फोन बजा
गोलू ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से सोनू भैया की आवाज उभरी,”अरे गोलू ! कहा हो भइया ?”
“गुड्डू भैया के घर है , बताईये”,गोलू ने कहा
“दो मिनिट के लिए दुकान पर आओगे का ? कुछो काम है,,,,,,,,,!!”,सोनू भैया ने कहा
“आवाज से तो बहुते परेसान दिख रहे है , ठीक है आते है”,गोलू ने कहा और बाइक स्टार्ट कर सामान उतारने वाले लड़के से कहा,”ए बाबू ! जे सब सामान अंदर रख देओ हमहू अभी आते है”
“ठीक है भैया,,,,,,!!”,लड़के ने कहा तो गोलू वहा से चला गया
गोलू सोनू भैया की दुकान पर आया और अंदर आकर कहा,”हाँ सोनू भैया बताओ का हुआ ? इत्ता घई में काहे बुलाया हमे ?”
सोने भैया गोलू को लेकर साइड में आया और दबी आवाज में कहा,”यार गोलू हमे ना तुमसे एक ठो हेल्प चाहिए ,, का है कि कल हम चले गए थे अपनी दोस्त के साथ फिल्म देखने और तुम्हरी भाभी को हवा हम पे सक , हमने उनसे झूठ कह दिया कि कल हम तुमरे साथ थे,,,,,,,,,अब उह हिया आ रही है , तुमहू सम्हाल ल्यो”
गोलू ने सुना तो हैरानी से सोनू भैया की तरफ देखा और कहा,”का बात है सोनू भैया , छिनरई करो तुम और बात सम्हाले हम,,,,,,!!”
“अरे सम्हाल लो ना गोलू , कसम खाकर कहते है आज के बाद ऐसा कांड नहीं करेंगे,,,,,,,,,,अरे उह शादी से पहले की दोस्त थी उन्होंने पूछा तो हम मना नहीं कर पाए,,,,,,,ए गोलू भाई नहीं हो का ? का हमने तुम्हरे और गुड्डू के कांड नहीं सम्हाले है ,, मान जाओ भाई”,सोनू भैया ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
गोलू सोच में पड़ गया , सोनू भैया के उस पर और गुड्डू पर अहसान तो बहुत थे लेकिन आज वह सोनू भैया को सूखा कैसे छोड़ दे इसलिए उसने नाटक करते हुए कहा,”हमरे और गुड्डू भैया के काण्ड इतने बड़े भी नहीं थे फिर भी आप भाई बोल दिए है तो करेंगे आपकी हेल्प लेकिन बदले में हम,,,,,,,,,!!”
सोनू भैया ने गोलू को आगे बोलने भी नहीं दिया और कहा,”अरे गोलू बस तुम एक बार सोनम को सम्हाल ल्यो उसके बाद तुमको मस्त डबल चीज पिज्जा खिलाएंगे अपने हाथ से बना हुआ,,,,,,,,,,,,,,सोनम के आने का बख्त हो गवा तुमहू वहा जाकर बइठो हम हलके होकर आते है।”
गोलू को वहा छोड़कर सोनू भैया बाथरूम की ओर चले गए , गोलू मुस्कुराया और कहा,”बीवी का नाम जबान पर आते ही आदमी को मूत आने लगे तो समझो लौंडा सेर की खाल में गीदड़ है,,,,,,,,,!!”
दूकान का दरवाजा खोलकर सोनू भैया की पत्नी अंदर आयी , गोलू ने उन्हें देखा तो लपक कर उनके सामने आया और कहा,”अरे भाभी नमस्ते ! आप हिया”
“सोनू जी कहा है ? और आप यहाँ क्या कर रहे है गोलू जी ?”,सोनम ने कठोरता से पूछा
“अरे सोनू भैया को छोड़िये जे बताईये का लेंगी आप ?”,गोलू ने बड़े प्यार से कहा
“प्रियंक के घर का एड्रेस , जिनके साथ तुम्हरे सोनू भैया छिनरई करते पकडे गए है,,,,,,,,,,दीजियेगा”,सोनम ने आँखे दिखाकर पूछा तो गोलू डरकर दो कदम पीछे हट गया। तभी सोनू वहा आ पहुंचा उसे देखकर सोनम और भड़क गयी और गोलू की बांह पकड़कर उसे सोनू की सामने करके कहा,”आप तो कह रहे थे आप गोलू जी के साथ थे फिर जे प्रियंक कौन है ?”
सोनू ने सुना तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी कहे तो कहे क्या , करे तो करे क्या ? उसे खामोश देखकर गोलू ने कहा”अरे सोनू भैया कित्ती बार कहे है हमारा नाम प्रियंक नहीं पिंकेश है ल्यो हमरा नंबर फिर से प्रियंक नाम से सेब कर लिए तुम,,,,,,,ऐसे तो भाभी को गलतफहमी होनी ही थी,,,,,,,,,,!!”
“जे झूठ बोलने के बदले में का रिश्वत दी है आपके सोनू भैया ने ?”,सोनम ने लगभग गोलू पर चढ़ते हुए कहा और गोलू डर के मारे पीछे टेबल पर झुक गया और घबराहट में उसके मुंह से निकल गया,”एक डबल चीज पिज्जा,,,,,,,,,,,!!”
सोनू भैया ने सुना तो अपना सर पीट लिया , गोलू से मदद मांगकर उन्होंने खुद को और ज्यादा परेशानी में जो डाल लिया था।
सोनम ने गुस्से से सोनू भैया की तरफ देखा तो गोलू ने जल्दी से अपनी बात सम्हालते हुए कहा,”अरे डबल चीज पिज्जा की कसम , सच में हमारा नाम पिंकेश है,,,,,,,,,यकीं नहीं तो जे हमारा आधार कार्ड देख ल्यो”
कहते हुए गोलू ने जेब से पर्स निकाला और उसमे रखा अपना आधार कार्ड निकालकर सोनम की तरफ बढ़ा दिया। सोनम ने गोलू का आधार कार्ड देखा जिसमे साफ साफ शब्दों में “पिंकेश गुप्ता” लिखा था। सोनम कन्फ्यूज हो गयी वह गोलू की बात पर भरोसा करे या सोनू के झूठ पर
सोनम को उलझन में देखकर सोनू ने कहा,”देखा बाबू तुमहू खामखा हम पर सक कर रही थी , अरे तुम्हरे अलावा कौन हो सकता है हमरी जिंदगी में,,,,,,,,,!!”
“सॉरी सोनू जी मुझे लगा आपका,,,,,,,,,,,!!”,सोनम ने कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी करती इस से पहले गोलू ने कहा,”आपको लगा सोनू भैया झूठे है , मक्कार है , धोखेबाज है , ठरकी है शादी के बाद भी छिनरई करते है और लौंडियो को घुमाते है ,, लड़कियों को देखते ही इनकी जबान कुकुर के जइसन बाहर आ जा जाती है और लार टपकने लगती है , आपको लगा सोनू भैया हमरे साथ न होकर अपने कॉलेज की पुरानी दोस्त के साथ थे,,,,,,,,,,,,!!”
सोनू भैया ने गोलू को चुप रहने का इशारा किया लेकिन गोलू तो फ्लो फ्लो में ना जाने क्या क्या बोल गया ?
“गोलू जी इतना तो हमने सोचा भी नहीं जितना आपने बोल दिया,,,,,,,,,,,,,,,!”,सोनम ने मासूमियत से कहा
“अरे भाभी ! वही तो हम कह रहे है हमारे सोनू भैया पर सक ना करो ,, खरा सोना है सोना,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“सोनू जी हम घर जा रहे है,,,,,,,,!!”, सोनम ने कहा और वहा से चली गयी। सोनू भैया ने चैन की साँस ली और गोलू की तरफ पलटा तो गोलू ने खुश होकर कहा,”हमने का मस्त एक्टिंग की ना सोनू भैया,,,,,,,,,!!”
“तुमने तो आज हमे मरवा ही दिया होता गोलू,,,,,,,,,,इत्ता सब बोलने की का जरूरत थी , हम का तुमको ठरकी लगते है”,सोनू ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे भैया उह फ्लो फ्लो में निकल गवा,,,,,,,,,,उह चीज पिज्जा लगवा देते तो हमहू खाकर निकल लेते का है कि गुड्डू भैया के घर पर बहुते काम है,,,,,और सारी जिम्मेदारी हम पर ही है”,गोलू ने फैलते हुए कहा
सोनू भैया ने सुना तो गोलू की तरफ देखा और कहा,”जिम्मेदार और तुम , गोलू जिह दिन तुम और गुड्डू बिना गड़बड़ किये एक काम कर दोगे ना उह दिन हम मान लेंगे हम तुम दोनों जिम्मेदारी समझने लगे हो,,,,,,,,,,,,,!!”
“का सोनू भैया ? पूछना मिश्रा जी से अभी थोड़ी देर पहिले गुड्डू भैया के घर सब सामान का बंदोबस्त करके आये है”,गोलू ने इतराते हुए कहा
सोनू भैया जो कि गोलू और गुड्डू के कारनामो से अनजान नहीं थे उन्होंने पिज्जा लाकर गोलू के सामने रखा और कॉउंटर की तरफ चले गए। गर्म गर्म चीज पिज्जा देखते ही गोलू के मुंह में पानी भर आया उसने एक पीस उठाया और जैसे ही खाने के लिए मुंह की तरफ बढ़ाया उसका फोन बजा। स्क्रीन पर गुड्डू भैया का नाम देखकर गोलू ने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हाँ भैया”
“गोलू जे टेंट का सब सामान तुमहू लेकर आये हो ?”,गुड्डू ने कठोरता से पूछा
“हाँ भैया हमही लेकर आये है , कोनो चीज की कमी तो नहीं है ना ?”,गोलू ने खुश होकर कहा जैसे अगले ही पल उसे गुड्डू की शाबासी मिलने वाली हो
“कमी तो है गोलू , उह भी तुम्हायी,,,,,,,,,,,,घर आओ पिताजी ने बुलाया है”,गुड्डू ने हताश होकर कहा
“मिश्रा जी ने बुलाया है”,गोलू ने गुड्डू से कहा और फिर मन ही मन खुद में बड़बड़ाया,”लगता है गुड्डू भैया के साथ साथ आज मिश्रा जी भी हम से इम्प्रेस हो गए है”
“कितनी देर में पहुंचोगे ?”,गुड्डू ने पूछा
“हमारे सामने डबल चीज पिज्जा रखा है उह खाकर आये ?”,गोलू ने कहा
“हम्म्म खा लो शायद उसके बाद कुछ खाने लायक ना रहो”,गुड्डू ने एक बार फिर मायूसी से कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन साइड में रखा और पिज्जा पर टूट पड़ा , गुड्डू ने जो कहा उस बात का क्या मतलब था ये तो गुड्डू ही बता सकता था
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संजना किरोड़ीवाल
सोनम को उलझन में देखकर सोनू ने कहा,”देखा बाबू तुमहू खामखा हम पर सक कर रही थी , अरे तुम्हरे अलावा कौन हो सकता है हमरी जिंदगी में,,,,,,,,,!!”
“सॉरी सोनू जी मुझे लगा आपका,,,,,,,,,,,!!”,सोनम ने कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी करती इस से पहले गोलू ने कहा,”आपको लगा सोनू भैया झूठे है , मक्कार है , धोखेबाज है , ठरकी है शादी के बाद भी छिनरई करते है और लौंडियो को घुमाते है ,, लड़कियों को देखते ही इनकी जबान कुकुर के जइसन बाहर आ जा जाती है और लार टपकने लगती है , आपको लगा सोनू भैया हमरे साथ न होकर अपने कॉलेज की पुरानी दोस्त के साथ थे,,,,,,,,,,,,!!”


Guddu se zyada to mazedaar character Golu ka hai…bina Golu k yeh stroy adhuri hai…aur upar se Golu ki baate…kasam se padhne m maza aa jata hai…khar dekhte hai ki Golu ko kon se maar milti hai..shabdo ki ya hatho ki dhulai ki
Yar ma’am shagun aur Guddu ke parts bhi to dikhao….we have always seen their misunderstanding in last season ab pyar bhi to dikhao. Guddu – shagun
Lagta hai Gollu ne tent ka saman galath le aya hai aur Sonu Bhaiya se sahi kaha Gollu koi kand kiye bina koi kaam nahi kar sakta…Sonu Bhaiya ko Gollu ne Sonam se bacha liya badle se usse Chiz pizza mila…Gupta ji mazak se Gollu se jo baad kahi usse pinky me apne an per leli aur usse bura laga ki Gopta ji jab dehez me fortuner ka jirk kiya toh…interesting part Maam♥♥♥♥