Manmarjiyan Season 3 – 23

Manmarjiyan Season 3 – 23

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

शगुन ने फूफाजी की बात का मान रखा और बहुत तमीज के साथ उन्हें उनकी सही जगह भी दिखा दी। शगुन की इस अदा पर तो गुड्डू उसका दीवाना ही हो गया लेकिन अभी शगुन से नाराज भी था इसलिए उसे कुछ कहा नहीं , मिश्रा जी फूफा , गोलू और गुड्डू को वही छोड़कर अंदर चले गए। फूफा चाय का गिलास हाथ में थामे हैरानी से देख रहे थे। गोलू ने देखा तो फूफा के मजे लेते हुए कहा,”का फूफा ? देख का रहे हो पीओ ना चाह ठंडी हो जाही है”


“जे चाह हमहू पिएंगे,,,,,,,!!”,कहते हुए फूफा ने गिलास साइड में फेंक दिया तो गोलू ने गुस्से से कहा,”जे का किये फूफा ? जे गिलास मा हमहू बिलौटे को दूध पिलाते थे फेंक काहे दिए,,,,,!!”
फूफा ने सुना तो उलटी जैसा मुंह बनाया और उठते हुए कहा,”हमरा बस चलता ना गोलू तो सबसे पहिले तुमका इह घर से फेंकते हम,,,,,,,मान ना मान मैं  मेहमान , कुंडली मार के बइठे हो सालों से,,,,,,,,!!”
कहकर फूफा गुस्से में अंदर चले गए गोलू ने रोआँसा होकर गुड्डू को देखा और कहा,”गुड्डू भैया सुने ना तुमहू का कहकर गए है फूफा,,,,,,,,,,,!!”


“सांप कहकर गए है तुमको,,,,,,,!!”,गुड्डू ने आग में घी डालते हुए कहा
गोलू ये सुनकर और ज्यादा चिढ गया और कहा,”हाँ तो साला किसी दिन ऐसी जगह काटेंगे ना कि फूफा भी याद रखी है”
गुड्डू गोलू को कुछ कहता इस से पहले गोलू का फोन बजा
“देखा है पहली बार , साजन की आँखों में प्यार”


“अबे गोलू देख ल्यो तबसे तुम्हरा फोन बजे जा रहा है , कोनो जरुरी फोन भी हो सकता है”,गुड्डू ने कहा और अंदर चला गया  
गोलू ने जेब से फोन निकाला और स्क्रीन पर अननोन नंबर देखकर फोन कान से लगाकर कहा,”हां बे कौन बोल रहा है ?”
“हमहू शांतिलाल बोल रहे है अकबरपुरा से,,,,,,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से आवाज आयी
“हाँ तो हम का तुम्हरी जोधा है,,,,,,,,,फोन काहे किया जे बताओ ?”,गोलू ने उखड़े स्वर में कहा


“ए भैया हमहू जे पूछ रहे कि 5 दिन का जगराता है हमरे गांव में , तो ओह्ह मा टेंट लगवाना था,,,,,,,,,,,हमाये फूफा बताये रहे आपका कानपूर मा बड़ा नाम है टेंट लगाने में , कल फ्री हो तो आ जाओ,,,,,,,,,,,,पैसा एडवांस दे देंगे”,शांतिलाल ने कहा
गोलू ने जैसे ही फूफा का नाम सुना उसे गुड्डू के फूफा की याद आ गयी और साथ ही अपने किये सारे कांड भी उसने कहा,”एडवांस भले ही ना दो पर टेंट एक ही शर्त पर लगाएंगे

“का भैया ?”,शांतिलाल ने पूछा
“जे साला फूफा हमको कल वहा दिखना नहीं चाहिए , का है कि जिंदगी मा बहुते चरस बो रखी है जे फुफाओ ने,,,,,,,,,,,”,गोलू ने किलसते हुए कहा
“अरे भैया जे का कह रहे है , फूफाजी ही तो रतजगा रखवाए है और चिंता नाही कीजिये फूफाजी बहुते अच्छे आदमी है आप मिलिएगा तो खुश हो जाईयेगा”,शांतिलाल ने कहा


“नाही भैया ! हमका इतनी ख़ुशी नाही चाहिए अपने जीवन मा , अपना नाम पता हमका व्हाट्सप्प कर दयो हमहू कल लड़के लोगन को भेज देंगे,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और जैसे ही उसका हाथ गर्दन पर गया तो उसे याद आया कि खारी वाले से चैन भी तो छुडवानी है। गोलू ने अपने जेब टटोले तो उसमे रखे सभी नोट मिला के सिर्फ 700 रूपये बने , खारी वाले को 2000 देना था अब गोलू 1300 कहा से लाये ? घर जा नहीं सकता क्योकि वहा सवाल जवाब करने के लिए गुप्ता जी थे।

गुड्डू से मांग नहीं सकता था क्योकि गुड्डू से पैसे मांगता तो गुड्डू को सब बताना पड़ता और फिर चार बाते भी सुननी पड़ती। गोलू को मिश्रा जी की याद आयी तो वह पलटा और अंदर चला आया। गोलू को मिश्रा जी सामने ही मिल गए तो गोलू उनके पास आया और कहा,”दुई हजार उधार देइ दयो लौटा देंगे एक दो दिन मा”
अच्छा ये कहते हुए गोलू साइड में खड़ा हो गया , मिश्रा जी की तरफ देखा तक नहीं।
मिश्रा जी ने गोलू को सर से लेकर पाँव तक देखा और कहा,”किस खुसी में ?”


गोलू मिश्रा जी की तरफ पलटा और कहा,”किस ख़ुशी में का ? उधार मांग रहे है दे देंगे,,,,,,,,,और वैसे देखे तो 5 हजार बनता है फूफा को उठाने का आप डिस्काउंट मार के दो देइ दयो”
मिश्रा जी को अपना कांड याद दिलाकर गोलू ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मारी थी बल्कि अपना पैर ही आरा मशीन में दे दिया था।  


पुलिस स्टेशन में जो तमशा गोलू ने किया वो घर आते आते और फूफा की टेंशन में मिश्रा जी भूल चुके लेकिन गोलू ने उन्हें फिर से याद दिला दिया। मिश्रा जी ने गोलू को देखा और कहा,”दुई काहे गोलू , तुमका तो हम पूरा 5 हजार ही देंगे उह भी सूद समेत,,,,,,,जरा उह हमरी चप्पल उठाय दयो”
गोलू दो सीढिया नीचे आया , मिश्रा जी की चप्पल को हाथ में उठाया लेकिन अगले ही पल उसे याद आया कि इसका इस्तेमाल उसी की पीठ पर होगा उसने गुस्से से चप्पल जमीन पर फेंकी और मिश्रा जी के सामने आकर सीना तानकर कहा,”का चचा ? हर बार बेवकूफ नाही बनेंगे,,,,,,!!


मिश्रा जी ने एक थप्पड़ गोलू के गाल पर रसीद किया और कहा,”तो तुमहू का सोचे हमहू थप्पड़ नाही मार सकते , एक हाथ के हो गोलू अभी झपड़िया दिए ना तो पता चलेगा पंजीरी कहा बट रही है,,,,,,,,!!”
“अब हम का किये ?”,गोलू ने हाथ गाल से लगाए चिल्लाकर पूछा


मिश्रा जी ने गोलू को घुरा और दबी आवाज में कहा,”पुरे कानपूर मा हमाये नाम की छीछा लेदर करवाकर पूछ रहे हो हम का किये ? जिंदगी मा एक काम दिए रहय तुमको पर वहा भी तुमहू हग दिए ,,  चिल्ला चिल्ला कर हमरे नाम का ढोल काहे पीट रहे थे जे बताओ ? मतलब कोनो अक्कल वक्कल ना है तुमको,,,,,,,,मुंह खोंच देंगे तुम्हरा गोलू अगर जे बात अब बाहर निकली तो , हमयी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए जो हमहू तुमसे मदद मांग लिए”


“अरे तो हमहू तो सब सही किये तह अब फूफा कलेशी निकला उह मा हम का करे ? साला आपके और फूफा के चक्कर मा आपसे , गुड्डू भैया से , अपने बाप से , यादव जी की भैसिया तक से 15 थप्पड़ खा चुके है उह हिसाब से दुई हजार नहीं तो 1500 ही देइ दयो,,,,,,!!”
“एक ठो पैसा नहीं देंगे हमहू तुमको,,,,,,,,कसम से गोलू अम्मा नहीं ना गुजरी होती ना तो खाल उधेड़ के ढोलक बना देते तुम्हरा,,,,,,,,,खाना खाना है तो अंदर आओ वरना भाग जाओ हिया से,,,,,,,,!!”,कहकर मिश्रा जी अंदर चले गए

गोलू रोआँसा हो गया और कहा,”साला जे सही है इनका पहले कुत्ते की तरह धुलाई करेंगे हमरी और फिर कहेंगे “आओ गोलू तुमको सूखा देते है” पैसा तो नाही  मिला चलकर खाना ही खा लेते है,,,,,,,,,,,!!”
गोलू अंदर चला आया ,  घर के आँगन में मिश्राइन और शगुन को छोड़कर सब लोग बैठकर खाना खा रहे थे। सभी लोग दो लाईनो में आमने सामने बैठे थे और बीच में आने जाने के लिए जगह खाली थी। गोलू भी गुड्डू की बगल में आ बैठा , फूफा गोलू के ठीक सामने बैठे थे लेकिन गोलू ने ध्यान नहीं दिया।

शगुन ने देखा गोलू अभी आकर बैठा है उसने खाना परोसने वाले लड़के से कहकर गोलू को खाना परोसने को कहा।
लड़के ने पत्तल दोना और गिलास गोलू के सामने रखा तो गोलू की आँखे चमक उठी बेचारा दो दिन के बाद सुकून से खाना खाने वाला था वरना अब तक तो सबसे लात घुसे थप्पड़ ही खा रहा था। लड़के ने दोने में आलू टमाटर की सब्जी डाली , रायते का गिलास रखा और फूली फूली दो पूड़ी रखकर जैसे ही जाने लगा गोलू ने कहा,”ए भैया ! दुइ पूड़ी और देइ दयो,,,,,,,,,का है जबसे ददिया गुजरी है ठीक से खाना तक ना खाये है”


“तो ददिया कौनसा तुम्हरी पत्तल लेकर मरी है,,,,,,,!!”,गोलू के सामने बैठे फूफा ने कहा तो गोलू ने सामने देखा और उसकी भूख ने वही दम तोड़ दिया
लड़के ने गोलू की पत्तल में दो पूड़ी और रख दी और वहा से चला गया। गोलू ने फूफा को देखा तो फूफा ने पूड़ी को हाथ में उठाया और पत्तल में पटककर उसमें सब्जी भरकर उसे उंगलियों में दबोचकर पूरी की पूरी पूड़ी मुंह में रख ली जैसे वे इशारो इशारो में गोलू से कह रहे हो कीं ऐसा ही हाल तुम्हारा करूंगा ,

अब गोलू ऐसे में कहा पीछे रहने वाला था उसने भी पूड़ी हाथ में उठायी और दोनों हाथो से खींचकर उसके दो टुकड़े कर दिए जैसे फूफा से कह रहा हो कि ऐसा कुछो सोचे भी ना फूफा तो फाड़कर रख देंगे।
फूफा ने गोलू को घूरने लगे तो गोलू ने एक हाथ में रायते का गिलास पकड़ा और दूसरे हाथ से पत्तल उठाते हुए कहा,”हमको ना उलटी आ रही है हम उधर जाकर खाते है”
उलटी का नाम सुनकर ही फूफा को उबकाई आयी और उनको खाते खाते ही उठकर भागना पड़ा।  

गोलू सबसे लास्ट में आकर बैठ गया। उसने जल्दी जल्दी खाना खाया क्योकि अब उसे अपनी चैन की चिंता होने लगी थी। शगुन ने गोलू की प्लेट में दो पूड़ी और रखी और कहा,”गोलू जी आराम से खाइये , और कुछ चाहिए तो बताईएगा”
गोलू ने शगुन को देखा और कहा,”बस एक ठो आप ही है जो इह घर मा हमरी इतनी इज्जत करती है,,,,,,,,,,!!”
“क्या गोलू जी आप भी”,शगुन ने कहा और चली गयी  


गोलू ने खाना खाया और अपनी जूठी पत्तल गिलास लेकर पीछे आँगन में रखे ड्रम में डाल दिया। हवा की वजह से पत्तल में पड़ी सब्जी के कुछ छींटे गोलू की आँख में आ गिरे वह आँखे मसलता वाशबेसिन के पास आया और अपनी आँखे धोने लगा। आँख धोने के बाद गोलू गले में पड़े गमछे से पोछ रहा था। शगुन किसी काम से पीछे आयी उसने गोलू को देखा तो ऐसा लगा जैसे गोलू रो रहा है। शगुन गोलू के पास आयी और उसकी बांह को छूकर कहा,”क्या हुआ गोलू जी ? आप रो क्यों रहे है ?”


“अरे कुछो नाही भाभी उह्ह पत,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि उसके खुराफाती दिमाग की बत्ती जली और उसने मन ही मन खुद से कहा,”अगर,,,,,,,,,,,,,हम,,,,,,,,,,भाभी से,,,,,,,,झूठ बोल के,,,,,,,,,,,,,दुइ हजार,,,,,,,,,मांग ले,,,,,,,,तो का गलत है ,, हमे चैन मिल जाएगी ओह्ह के बाद हम घर से पैसे लाकर भाभी को लौटा देंगे,,,,,,,,जिओ गोलू का मस्त पिलान है,,,,,,,,लेकिन भाभी तुमको दुई हजार काहे देंगी ?,,,,,,,,,,अरे इमोशनल ड्रामा करो थोड़ा भाभी  तुरंत मान जाही है,,,,,,,,,,!!”


गोलू मन ही अपने प्लान पर खुश हो रहा था और शगुन उसे देखकर परेशान , गोलू को खामोश देखकर शगुन ने कहा,”गोलू जी बताईये ना क्या हुआ है ? आप रो क्यों रहे है ? कुछ हुआ है क्या ? पिंकी तो ठीक है न ?”
गोलू ने आँखों में जबरदस्ती के आँसू लाकर कहा,”अब  

का बताये भाभी ? हमरे जीवन मा बहुते परेशानी है,,,,,,,,,,,,दुइ हजार रूपये की बहुते सख्त जरूरत थी , गुड्डू भैया और मिश्रा जी से मांग नहीं सकते का है कल ही मिश्रा जी कि अम्मा गुजरी है ऐसे में घर मा पैसे की जरूरत पड़ती है,,,,,,,,,बस अपनी मज़बूरी पर रोना आ गया”
शगुन गोलू की बातो में आ गयी और कहा,”अरे बस इतनी सी बात , मुझसे कहा होता,,,,,,,,,,,,आप यही रुकिए मैं अभी आयी”


शगुन के पलटते ही गोलू ने मारे ख़ुशी के जैसे ही हवा में हाथ पैर उठाये शगुन वापस पलटी गोलू के हाथ पैर कुछ देर के लिए हवा में ही रह गए , उसने जल्दी से अपने हाथो को नीचे किया बांधकर सर झुकाकर कहा,”हाँ भाभी”
“2 काफी होंगे या ज्यादा दे,,,,,,,,,देखिये अगर आपको ज्यादा की जरूरत है तो मैं ज्यादा दे देती हूँ”,शगुन ने कहा
“अरे नहीं नहीं भाभी बस दुइ हजार,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा


शगुन ने हामी में सर हिलाया और वहा से चली गई। कुछ देर बाद शगुन वापस आयी और गोलू को पैसे देकर कहा,”गोलू जी मैं सिर्फ कहने के लिए आपकी भाभी नहीं हूँ , आप अपनी परेशानी मुझे बता सकते है”
“अरे ठंकु भाभी ! जे हम आपको शाम तक लौटा देंगे,,,,,,,,,,!!”, कहकर गोलू वहा से चला गया।

सीढ़ियों पर मिश्रा जी खड़े थे दरअसल मिश्रा जी गोलू के लिए ही खड़े थे उसे पैसे देने के लिए लेकिन उस से पहले गोलू ने जब मिश्रा जी को सीढ़ियों पर देखा तो उनकी बगल में आया और शगुन के दिए 500-500 के 4 नोट हाथ में लेकर उनसे अपने चेहरे पर हवा करते हुए मिश्रा जी के सामने से गुजर गया। मिश्रा जी ने देखा तो अपना सर पीट लिया और कहा,”मुँह मा नाही दाँत , अम्मा मांगे दाल-भात”

Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23

Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23Manmarjiyan Season 3 – 23

संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

“नाही भैया ! हमका इतनी ख़ुशी नाही चाहिए अपने जीवन मा , अपना नाम पता हमका व्हाट्सप्प कर दयो हमहू कल लड़के लोगन को भेज देंगे,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और जैसे ही उसका हाथ गर्दन पर गया तो उसे याद आया कि खारी वाले से चैन भी तो छुडवानी है। गोलू ने अपने जेब टटोले तो उसमे रखे सभी नोट मिला के सिर्फ 700 रूपये बने , खारी वाले को 2000 देना था अब गोलू 1300 कहा से लाये ? घर जा नहीं सकता क्योकि वहा सवाल जवाब करने के लिए गुप्ता जी थे।

“नाही भैया ! हमका इतनी ख़ुशी नाही चाहिए अपने जीवन मा , अपना नाम पता हमका व्हाट्सप्प कर दयो हमहू कल लड़के लोगन को भेज देंगे,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और जैसे ही उसका हाथ गर्दन पर गया तो उसे याद आया कि खारी वाले से चैन भी तो छुडवानी है। गोलू ने अपने जेब टटोले तो उसमे रखे सभी नोट मिला के सिर्फ 700 रूपये बने , खारी वाले को 2000 देना था अब गोलू 1300 कहा से लाये ? घर जा नहीं सकता क्योकि वहा सवाल जवाब करने के लिए गुप्ता जी थे।

“नाही भैया ! हमका इतनी ख़ुशी नाही चाहिए अपने जीवन मा , अपना नाम पता हमका व्हाट्सप्प कर दयो हमहू कल लड़के लोगन को भेज देंगे,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और जैसे ही उसका हाथ गर्दन पर गया तो उसे याद आया कि खारी वाले से चैन भी तो छुडवानी है। गोलू ने अपने जेब टटोले तो उसमे रखे सभी नोट मिला के सिर्फ 700 रूपये बने , खारी वाले को 2000 देना था अब गोलू 1300 कहा से लाये ? घर जा नहीं सकता क्योकि वहा सवाल जवाब करने के लिए गुप्ता जी थे।

“नाही भैया ! हमका इतनी ख़ुशी नाही चाहिए अपने जीवन मा , अपना नाम पता हमका व्हाट्सप्प कर दयो हमहू कल लड़के लोगन को भेज देंगे,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और जैसे ही उसका हाथ गर्दन पर गया तो उसे याद आया कि खारी वाले से चैन भी तो छुडवानी है। गोलू ने अपने जेब टटोले तो उसमे रखे सभी नोट मिला के सिर्फ 700 रूपये बने , खारी वाले को 2000 देना था अब गोलू 1300 कहा से लाये ? घर जा नहीं सकता क्योकि वहा सवाल जवाब करने के लिए गुप्ता जी थे।

3 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!