Manmarjiyan Season 3 – 21

Manmarjiyan Season 3 – 21

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मिश्रा जी अपने जीजा के चक्कर में एक बार फिर थाने में बैठे थे ,  साथ में गुड्डू और गोलू भी थे। मिश्रा जी फूफाजी को लेकर थानेदार से बात कर रहे थे तो वही गोलू भुआ के साथ मिलकर फूफा को किलसाने की पूरी पूरी कोशिश कर रहा था।
फूफा को मिश्रा जी तरफ घूरते पाकर गोलू ने कहा,”का खा जाओगे का उनको ?”
“खाएंगे तो हमहू तुमको बेटा एक ठो बार हमको हिया से बाहिर निकल जान दयो बताते है हम तुमको का है ?”,फूफाजी ने मिश्रा जी से नजरे हटाकर गोलू को घूरते हुए कहा


“एक नंबर के चू,,,,,,,,,,,!”,गोलू ने इतना ही कहा कि भुआ बिफर पड़ी और कहा,”ए गोलू,,,,,,!!
गोलू ने तुरंत अपनी जबान सम्हाली और कहा,”अरे भुआ ! हमहू कह रहे थे कि एक नंबर चोखी बात कही फूफा ने,,,,,,!!”
“पर जे बात तुमहू राजस्थानी में काहे कह रहे हो ?”,भुआ ने कहा
“अरे भुआ जे भाषा विवाद रहन दयो भावनाओ को समझो,,,,,,,तुम्हरे सामने फूफा हमको जे सब कह रहे है हमहू इत्ते बुरे है का ?”,गोलू ने मासूमियत से कहा


“अरे ना ना गोलू तुमहू तो बहुते अच्छे हो,,,,,,,,,,ए कोमलिया के पिताजी खबरदार जो गोलू को कुछो कहा तो,,,,,,,!!”,भुआ जी ने फूफा जी को ही सुना दिया तो बेचारा फूफा हैरानी से भुआ और गोलू को देखते हुए मन ही मन खुद से कहने लगा,”जरूर हमरे पीछे से कोनो खिचड़ी पकाई है जे गोलू तिकड़मबाज ने,,,,,,,!!”

“माफ़ करना मिश्रा जी हमे पता होता जे आपके जीजाजी है तो हम इन्हे अरेस्ट करते ही नहीं पर का करे इनके खिलाफ शिकायत आयी थी हमारे पास और जे चोरी करते रंगे हाथ पकडे गए है”,थानेदार ने मिश्रा की से कहा  
फूफा ने सुना तो वही से चिल्लाये,”अरे का चुरा लिए हमहू ? एक तो हमको वहा अगवा करके रख दिया और ऊपर से हमे ही चोर समझ रहे हो”
मिश्रा जी ने गर्दन घुमाकर पीछे देखा और शांत लहजे में कहा,”शांत हो जाईये आदर्श बाबू ! हम बात कर रहे है ना”


“हाँ हाँ करो बात ही करोगे तुमहू , जे सब तुम्हरी वजह से ही तो हो रहा है,,,,,,,,तुम्हरे कहने पर ही तो जे गोलू,,,,,,,,!!”,फूफाजी ने कहा
फूफाजी कही सबसे सामने सच ना उगल दे सोचकर गोलू ने फिर कहा,”हाँ हाँ गोलू तो चू#या है ना जो मिश्रा जी के कहने पर आपको उठा लेगा,,,,,,,,,अरे हमहू गुड्डू भैया के दोस्त है किसी मिश्रा के चमचे नाही जो उनके कहने से चलेंगे,,,,,,,,,साला हमरी भी कानपूर मा कोनो इज्जत है,,,,,!!”


“ए गोलू जाओ भागकर दो चाय लेकर आओ,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“हाँ अभी लाया”,कहकर गोलू तुरंत वहा से भाग गया। फूफा बस उसे जाते हुए देखता रहा अभी दो सेकेण्ड पहले ही गोलू ने कहा कि वह मिश्रा जी का ऑर्डर नहीं मानता और अभी अभी वह उनके कहने पर चाय लेने तुरंत चला गया  

“आप बताईये का करना है ? का है कि कंप्लेंट तो आयी है इनके खिलाफ,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
“फूफा ने चोरी किनके घर पर की है ?”,इस बार गुड्डू ने कहा
थानेदार ने कॉन्स्टेबल से शर्मा जी को तुरंत थाने बुलाने को कहा और फिर मिश्रा जी की तरफ पलटकर कहा,”सुबह जिनके लापता होने की बात की जा रही थी ये वही है ना ?”


“जी हाँ ! अगर जे मामला जल्दी निपट जाता तो सही रहता का है कि कल अम्मा की तिये की बैठक है और घर में बहुते काम है। हम और गुड्डू दोनों ही हिया है रिश्तेदारी में जे सब बाते पहुंची तो अच्छा नहीं होगा , खामखा बदनामी होगी,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बस शर्मा जी आ जाये और उह जे कंप्लेंट वापस ले ले उसके बाद इन्हे छोड़ देते है,,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
भुआ सब सुन रही थी वह मिश्रा जी की तरफ आयी और थानेदार से कहा,”अरे कौन है इह शर्मा जो हमरे पति पर इन्ना बड़ा इल्जाम लगाए है। अरे हमरे घर मा कोनो कमी है का जो इह चोरी करेंगे,,,,,,,,,!!”


“शांत हो जाईये भुआ , उन्हें शायद कोनो गलतफहमी हुई है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
मिश्रा जी ने गुड्डू से भुआ को घर ले जाने को कहा और खुद उठकर फूफा के पास चले आये। फूफा और मिश्रा जी के बीच इस वक्त जेल की सलाखे थी जिनके पीछे खड़ा फूफा मिश्रा जी को बस घूरे जा रहा था।
मिश्रा जी ने फुफा को देखा और कहा,”रस्सी जल गयी पर बल ना गया आदर्श बाबू,,,,,,,,कभी कभी जरूरत से ज्यादा अकड़ ना आदमी को सही होते हुए भी गलत बना देती है।”


“हम हिया तुम्हरा ज्ञान सुनने के लिए नाही है आनंद मिश्रा , जोन हरकत तुमहू किये हो ना बहुते भारी पड़ने वाली है तुमका,,,,,,,,,,!!”,फूफा ने गुस्से से कहा
मिश्रा जी मुस्कुराये , उनकी सबसे बड़ी ताकत ही यही थी कि परिस्तिथिया कैसी भी हो मिश्रा जी शांत रहना जानते थे।

उन्होंने फूफा को देखा और शांत लहजे में कहा,” आप हमे समझने में भूल कर रहे है आदर्श बाबू हमहू आज भी वही आनंद मिश्रा है जिनकी एक नजर से लोगो का पिशाब छूट जाता था,,,,,,,,,हमे फिर से वही बनने पर मजबूर मत कीजिये। सिर्फ हम ही है जो आपको हिया से निकाल सकते है , बाकि जे शर्मा , गुप्ता , तिवारी और तुम्हरा उह थानेदार आज भी हमरे इशारे पर चलते है।

अम्मा की वजह से चुप है वरना हम तो उसी दिन आपको आपकी औकात दिखा देते जिस दिन आपने हमारे सामने ऊँची आवाज में बात की थी,,,,,,,,,,,फैसला कर लीजिये चुपचाप हमरे साथ घर चलना है या फिर हिया जेल में रातें बितानी है,,,,,,,,,,,,शर्मा ना आये तक तक सोच ल्यो”

आदर्श बाबू को बड़े प्यार से धमकाकर मिश्रा जी वापस आकर कुर्सी पर बैठ गए। गोलू बाहर से दो चाय ले आया लेकिन गिलास तीन थे। उसने एक चाय मिश्रा जी के सामने रखी और दूसरी चाय से आधी चाय खाली गिलास में डालकर फूफा की तरफ चला आया। उसने गिलास फूफा की तरफ बढ़ाया तो फूफा ने गुस्से के मारे चाय नहीं ली। गोलू ने देखा तो कहा,”अरे पी लो का पता आपकी आखरी चाय हो,,,,,,,,,,,!!”
बेचारे फूफा ने बीती रात से कुछ खाया नहीं था उसने चाय ली और कहा,”आखरी चाय ?”


गोलू फूफा के थोड़ा पास आया और धीमे स्वर मे कहा,”का है कि जिस हिसाब से भुआ बात बात पर अपनी चुडिया तोड़ने को तैयार रहती है , हमको लगता नहीं जियादा दिन जिओगे आप,,,,,,,,,,!!”
फूफा ने गोलू को घुरा तो गोलू पीछे हट गया। वह वही जेल के बगल में फूफा के सामने उकडू बैठा और फूंक मारकर चाय पीने लगा। बीती रात के बाद ये पहली चाय थी जिसे गोलू शांति से पी पा रहा था।

गोलू ने चाय खत्म की और मिश्रा जी के पास आकर कहा,”हाँ तो मिश्रा जी अब का करना है ?”
गोलू इन दिनों मिश्रा जी के सामने कुछ ज्यादा ही फ्रेंक हो गया था , उसके मुंह से सीधा मिश्रा जी सुनकर मिश्रा जी ने भँवे चढ़ाकर उसे देखा और कहा,”का बे गोलू ? बारात में आये हो हमारी , जे मिश्रा जी का होता है ? तुम्हरे बाप के दोस्त है तुम्हरे नाही,,,,,, जबान को ना थोड़ा कंट्रोल मा रखो वरना यही पटक के पेल देंगे”


गोलू तो बिना कुछ कहे उलटे पैर फूफा के पास चला आया और कहा,”साला जे आदमी तो किसी का सगा नहीं है,,,,,,,हमको ही लतिया दिया”
“तो तुमहू का सोचे उनकी बात मान के उनसे रिश्ता कायम कर लोगे,,,,,,,,,वक्त पड़ने पर जे आदमी तुम्हरी ही चमड़ी की ढोलक बनाएगा और बजायेगा बहुत जोर से,,,,,,,,,!!”,फूफा ने गोलू के बगल में आकर कहा
“का फूफा तुमहू भी चिकाई कर रहे हो,,,,,,,,,,,,सॉरी बोले ना तुमको”,गोलू ने मायूसी से कहा


फूफा मुस्कुराये और कहा,”सॉरी ! तुम्हरे सॉरी की बत्ती बना के न तुम्हरे तिये पर उसी का दीपक जलाएंगे,,,,,,,,,,हमको बस हिया से निकलने दयो”
“साला जे पूरा खानदान हमारे पीछे काहे पड़ गया है ? हम तो उलटा मिश्रा जी की मदद किये रहय और साला हिया हमरे ही तिये का इंतजाम हो रहा है”,गोलू बड़बड़ाते हुए वहा पड़ी बेंच पर आ बैठा

कुछ देर बाद शर्मा जी थाने आये , मिश्रा जी के कहने पर उन्होंने अपने पडोसी की करवाई कंप्लेंट को वापस ले लिया। कॉन्स्टेबल ने फूफा को जेल से बाहर निकाला। घर जाने से पहले मिश्रा जी का फूफा से बात करना बहुत जरुरी थी इसलिए उन्होंने पहले शर्मा जी को वहा से भेजने का सोचकर कहा,”बहुत बहुत शुक्रिया शर्मा जी,,,,,,,,,,!!”

“अरे काहे का शुक्रिया मिश्रा जी , पहले खुद ही अपने जीजा को अगवा करवाओ और फिर अच्छे बनकर उन्हें जेल से निकालने पहुँच जाओ,,,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने उखड़े स्वर में कहा
“जे किसने कहा आपसे ?”,मिश्रा जी ने पूछा
“आपके चहेते गोलू ने,,,,,,,,,!!”,कहकर शर्मा जी ने गोलू की सारी बाते मिश्रा जी को बता दी मिश्रा जी ने सुना तो उनका सर ही घूम गया। मदद करने के नाम पर गोलू उनकी ही बत्ती बनाने में लगा था।

मिश्रा जी ने चप्पल निकाली और बेंच पर सोच में डूबे गोलू के मुंह पर फेंककर मारी , गोलू हड़बड़ाया और उठकर चिल्लाया,”अब हमहू का करे ?”
“जे हमाई मदद करने का इनाम है , ऐसे 100-150 इनाम और रखे है तुम्हरे लिए घर पहुंचो तुमसे वही बात करते है,,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने अपने गुस्से को दबाकर कहा


गोलू समझ गया कि उसका सच सामने आ गया है इसलिए उसने चुपचाप मिश्रा जी की चप्पल उठायी और उनकी तरफ बढ़ा दी। मिश्रा जी ने गोलू के हाथ से चप्पल छीनी और घर चलने को कहा। गोलू शर्मा जी के बगल से निकला और खा जाने वाली नजरो से उन्हें देखकर कहा,”जे आग आप ही ने लगाइ है न,,,,,,,,बहुत बढ़िया , साला ससुर नाही सच के असुर हो,,,,,,,,,!!”
शर्मा जी ने कुछ नहीं कहा बस अफ़सोस में अपना सर झटक कर रह गए और गोलू के पीछे ही वहा से निकल गए।

फूफा अकड़कर मिश्रा जी के सामने से गुजरे और थाने से बाहर निकल गए। मिश्रा जी भी उनके पीछे बाहर आये और कहा,”आदर्श बाबू”
थाने से बाहर आकर आर्दश बाबू रुके और मिश्रा की तरफ पलट गए तो मिश्रा जी उनके पास चले आये और कहा,”सबसे पहिले तो जो कुछ भी हुआ ओह के लिए हमहू आपसे माफ़ी चाहते है। आपको परेशान करने का हमरा कोनो इरादा नाही था लेकिन उह दिन गुड्डू के लिए गलत बोलकर आप सही नाही किये,,,,,,,,,,सच का है जे आप और हम जानते है ,

हमने आज तक गुड्डू की अम्मा को भी जे सच्चाई नाही बताई है और जीते जी कबो बताएँगे भी नाही,,,,,,,,,,गुड्डू हमारा बेटा है और जे ही सच है। आपको अम्मा के घर का आधा हिस्सा चाहिए हमहू उह देने के लिए तैयार है बस आइंदा से गुड्डू के लिए आपके मुंह से कुछो गलत ना निकले,,,,,,,,,,,,बहुत मुश्किल से उसकी और शगुन की जिंदगी मा सब ठीक हुआ है हम उसको अब किसी परेशानी मा नाही डाल सकते,,,,,,,,,अम्मा के दिन पुरे होने के बाद हमहू खुद वकील को घर बुलवाकर घर के पेपर बनवा देंगे तब तक बस आप सांत रहिये”


कहते हुए मिश्रा जी ने फूफा के सामने लगभग अपने हाथ जोड़ दिए। कुछ तो ऐसा था जो सिर्फ फूफा और मिश्रा जी ही जानते थे और मिश्रा जी चाहते थे कि वह किसी और को पता ना चले इसके लिए वे घर का आधा हिस्सा फूफा को देने के लिए भी तैयार हो गए।
फूफा ने ख़ामोशी से सब सुना और कहा,”अगर तुमहू पहिले ही मान जाते तो जे सब तमाशा नाही होता मिश्रा , वैसे भी गुडडुआ अकेला इतनी जायदाद का करेगा और कमा लेगा जैसे तुमहू कमाए हो ?”


फूफा का एक एक शब्द मिश्रा जी को अपने सीने में चुभन का अहसास दे रहा था लेकिन इस वक्त वे मजबूर थे इसलिए फूफा को उल्टा सीधा ना बोलकर बस इतना ही कहा,”चलिए घर चलते है,,,,,,,,,,कल अम्मा की बैठक है आपका होना जरुरी है”
फूफा के चेहरे पर ख़ुशी के भाव तैर गए और वे मिश्रा जी के साथ उनके स्कूटर की तरफ बढ़ गए। चलते चलते फूफा ने मिश्रा जी के कंधो पर अपनी बाँह रख दी , मिश्रा जी बस गुस्से का घूंठ पीकर रह गए।

सामने से आते गोलू ने मिश्रा जी और फूफा को साथ देखा तो हैरानी से कहा,”साला जे ठाकुर और गब्बर मा दोस्ती कब से हो गयी ?
मतलब अब मिश्रा जी और फूफा के हाथो तुम्हायी लंका लगने वाली है,,,,,,,,,,,एक काम करते है बनारस भाग जाते है , वही सन्यास ले लेंगे आएंगे ही नाही वापस”


गोलू बेचारा अपना प्लान बना ही रहा था कि तभी उसके कानो में मिश्रा जी की कड़कदार आवाज पड़ी,”ए गोलू !”
“हाँ चचा”,गोलू ने कहा
“घर पहुंचो , तुमसे कुछो बात करनी है”,मिश्रा जी ने स्कूटर गोलू के बगल में रोक कर कहा और आगे बढ़ गए
गोलू को अपनी आँखों के सामने एक बहुत ही खूबसूरत नजारा था जिसमे मिश्रा जी ने उसे नंगा करके सिर्फ कच्छे में बर्फ की सिल्ली पर लेटा रखा था और लेदर वाले बेल्ट से उसकी सुताई कर रहे थे।

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संजना किरोड़ीवाल  

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

जी हाँ ! अगर जे मामला जल्दी निपट जाता तो सही रहता का है कि कल अम्मा की तिये की बैठक है और घर में बहुते काम है। हम और गुड्डू दोनों ही हिया है रिश्तेदारी में जे सब बाते पहुंची तो अच्छा नहीं होगा , खामखा बदनामी होगी,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बस शर्मा जी आ जाये और उह जे कंप्लेंट वापस ले ले उसके बाद इन्हे छोड़ देते है,,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
भुआ सब सुन रही थी वह मिश्रा जी की तरफ आयी और थानेदार से कहा,”अरे कौन है इह शर्मा जो हमरे पति पर इन्ना बड़ा इल्जाम लगाए है। अरे हमरे घर मा कोनो कमी है का जो इह चोरी करेंगे,,,,,,,,,!!”

जी हाँ ! अगर जे मामला जल्दी निपट जाता तो सही रहता का है कि कल अम्मा की तिये की बैठक है और घर में बहुते काम है। हम और गुड्डू दोनों ही हिया है रिश्तेदारी में जे सब बाते पहुंची तो अच्छा नहीं होगा , खामखा बदनामी होगी,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बस शर्मा जी आ जाये और उह जे कंप्लेंट वापस ले ले उसके बाद इन्हे छोड़ देते है,,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
भुआ सब सुन रही थी वह मिश्रा जी की तरफ आयी और थानेदार से कहा,”अरे कौन है इह शर्मा जो हमरे पति पर इन्ना बड़ा इल्जाम लगाए है। अरे हमरे घर मा कोनो कमी है का जो इह चोरी करेंगे,,,,,,,,,!!”

जी हाँ ! अगर जे मामला जल्दी निपट जाता तो सही रहता का है कि कल अम्मा की तिये की बैठक है और घर में बहुते काम है। हम और गुड्डू दोनों ही हिया है रिश्तेदारी में जे सब बाते पहुंची तो अच्छा नहीं होगा , खामखा बदनामी होगी,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बस शर्मा जी आ जाये और उह जे कंप्लेंट वापस ले ले उसके बाद इन्हे छोड़ देते है,,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
भुआ सब सुन रही थी वह मिश्रा जी की तरफ आयी और थानेदार से कहा,”अरे कौन है इह शर्मा जो हमरे पति पर इन्ना बड़ा इल्जाम लगाए है। अरे हमरे घर मा कोनो कमी है का जो इह चोरी करेंगे,,,,,,,,,!!”

जी हाँ ! अगर जे मामला जल्दी निपट जाता तो सही रहता का है कि कल अम्मा की तिये की बैठक है और घर में बहुते काम है। हम और गुड्डू दोनों ही हिया है रिश्तेदारी में जे सब बाते पहुंची तो अच्छा नहीं होगा , खामखा बदनामी होगी,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बस शर्मा जी आ जाये और उह जे कंप्लेंट वापस ले ले उसके बाद इन्हे छोड़ देते है,,,,,,,,,!!”,थानेदार ने कहा
भुआ सब सुन रही थी वह मिश्रा जी की तरफ आयी और थानेदार से कहा,”अरे कौन है इह शर्मा जो हमरे पति पर इन्ना बड़ा इल्जाम लगाए है। अरे हमरे घर मा कोनो कमी है का जो इह चोरी करेंगे,,,,,,,,,!!”

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