Manmarjiyan Season 3 – 18
Manmarjiyan Season 3 – 18

गोलू एक बार फिर बेहोश हो गया। चाची पानी का जग ले आयी तो आदमी ने उसे सीधा गोलू के मुंह पर दे मारा,,,,,,पानी से गोलू का मुंह धुला तो वहा खड़े गोलू के हमउम्र लड़के ने कहा,”अरे जे तो गुप्ता जी का लौंडा है,,,,,,,,,गोलू गुप्ता , मिश्रा वेडिंग प्लानर में जो गुड्डू भैया के साथ काम करते है”
“तुमहू जानते हो इह का ?”,आदमी ने पूछा
“हाँ भैया की सादी का टेंट इन्होने ही तो लगाया था,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
“तो फिर इह के घरवालों को फोन करो और खबर दो इनकी , कही साला मर मरा गए तो एक और अर्थी का इंतजाम कहा से करेंगे ?”,आदमी ने कहा और वहा से चला गया।
गुड्डू फूफाजी को ढूंढने घर से निकला था , अभी कुछ दूर ही पहुंचा होगा कि तभी उसका फोन बजा। गुड्डू ने बाइक साइड में लगायी और फोन देखा स्क्रीन पर नंबर देखकर गुड्डू ने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हेलो”
“हेलो गुड्डू भैया हम बोल रहे है शिवम् , गायत्री चौक से,,,,,,,,,पिछले हफ्ते भैया की सादी का काम देखा था ना आपने”,लड़के ने कहा जिसका नाम शिवम् था
“हाँ शिवम् बतावा , कैसे फ़ोन किया ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे गुड्डू भैया वो आपके दोस्त है न गोलू , उह्ह हिया बेहोश पड़े है,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
“बेहोश पड़े है ? कहा ? और का हुआ उसको ? शिवम् तुमहू वही रुको हमहू अभी आते है,,,,,,तब तक जाना नहीं वहा से,,,,,,,!!”,गुड्डू ने घबराहटभरे स्वर में कहा और फोन रखकर बाइक गायत्री चौक वाले रास्ते की ओर घुमा दी।
कुछ देर बाद गुड्डू गायत्री चौक पहुंचा , शिवम् उसे अपने घर के बाहर ही मिल गया। गुड्डू ने बाइक उसके सामने लाकर रोकी और कहा,”गोलू कहा है शिवम् ?”
“उह्ह वहा , सामने वाली गली में,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा तो गुड्डू ने बाइक आगे बढ़ा दी।
जिस घर में मौत हुयी थी उस घर के लोगो ने गोलू को अर्थी से उठाकर खम्बे के पास बैठा दिया , हालाँकि गोलू बेहोश नहीं था बस बौखलाया हुआ था। गुड्डू गोलू के पास आया और बाइक से उतरकर गोलू के पास आया और कहा,”गोलू , ए गोलू तुम हिया का कर रहे हो ?”
“कौन है भाई ?”,गोलू ने अधखुली आँखों से सामने देखकर मरे हुए स्वर में कहा
गोलू को इस हालत में देखकर गुड्डू नीचे बैठा और गोलू के गालों को थपथपाते हुए कहा,”अबे ! हम है गुड्डू , आँखे खोलो गोलू और हिया का कर रहे हो तुम उह्ह भी जे हाल मा,,,,,,,,,,,,,अबे बोलोगे कुछ ?”
“बुह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह भैयाआआआआआ , हमका माफ़ कर दयो भैया,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,गोलू ने बुरी तरह से रोते हुए कहा
गुड्डू ने अपने आस पास देखा लोग उसे और गोलू को ही देख रहे है तो उसने अपना हाथ गोलू के मुंह पर रखा और दबी आवाज में गुस्से से कहा,”अबे चुप ! का माता वाता आयी रहय का तुम में ? सबसे पहले उठो यहाँ से और चलो हमारे साथ,,,,,,,,,!!”
गोलू ने रोना बंद करके हामी में सर हिला दिया। गुड्डू उसे लेकर बाइक के पास आया और गोलू से अपने पीछे बैठने को कहा
गोलू गुड्डू के पीछे आ बैठा और गुड्डू बाइक लेकर वहा से चला गया। गुड्डू गोलू को ना अपने घर लेकर गया ना गोलू के बल्कि वह गोलू को लेकर मोतीझील आया। बाइक जैसे ही मोतीझील के बाहर आकर रुकी गोलू ने बाइक से उतरकर कहा,”हम हिया काहे आये है ?”
“बताते है अंदर चलो,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने बाइक साइड में लगाकर कहा
“उस से पहिले कुछो खाय ले का है कि सुबह से कुछो नहीं खाया है और जान नहीं बची है हम में,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा
गुड्डू ने इधर उधर नजर दौड़ाई तो कुछ ही दूर खड़ा छोले भठूरे का एक एक ठेला उसे दिखा और वह गोलू को लेकर वहा चला आया। गुड्डू ने ठेलेवाले से एक प्लेट छोले भठूरे देने को कहा। कड़ाई में तले जा रहे फूले फूले भटूरे देखकर गोलू की भूख बढ़ गयी और उसका चेहरा खिल उठा। वही गुड्डू फूफा को लेकर परेशान था।
ठेलेवाले ने प्लेट में छोले डाले , सलाद के नाम पर प्याज के चार टुकड़े रखे और एक गर्मागर्म भटूरा रख दिया गोलू ने देखा तो उसके मुंह में पानी भर आया , उसने जल्दी से प्लेट को अपनी तरफ खिसकाया और जैसे ही एक निवाला तोडा गुड्डू ने कहा,”हाथ तो धो लेते गोलू”
“अरे भैया भूख ना देखे हाथ मैला ना सस्ता ठेला,,,,,,,,,,,आप खाएंगे ?’,कहते हुए गोलू ने निवाला मुंह में रखा और जो सुकून उसके चेहरे पर था कमाल था।
“नहीं तुमहू खाओ,,,,,,,,,और जल्दी खाओ”,गुड्डू ने कहा
गोलू ने दो चार निवाले खाये और ठेलेवाले से कहा,”अचार नहीं है का ?”
“है ना ?”,ठेलेवाले ने कहा
“तो दयो ना,,,,,!!”,कहते हुए गोलू ने जैसे ही गुड्डू की तरफ देखा पाया गुड्डू उसे ही घूर रहा है तो गोलू ने झेंपते हुए कहा,”उह्ह अचार के बिना छोले भठूरे अच्छे नहीं लगते है ना”
गुड्डू बेचारा इस वक्त गोलू से क्या कहता वह तो उसे मार भी नहीं सकता था क्योकि उसे गोलू से फूफा की जानकारी जो लेनी थी। गुड्डू को सोच में डूबा देखकर गोलू ने कहा,”भैया इतना खर्चा किया है तो एक ठो गिलास मट्ठा भी ले ले का ?”
गुड्डू ने हामी में गर्दन हिला दी। गोलू ने खुश होकर ठेले वाले के कंधे पर हाथ मारकर कहा,”हाँ भैया एक ठो गिलास मट्ठा भी देइ दयो,,,,,,,,,!!”
गोलू ने जैसे ही ठेले वाले को हाथ मारा , ठेले वाले के हाथ में पकड़ा मट्ठे का गिलास उसके हाथ से सामने पड़े सामान पर गिर पड़ा , कुछ खुद पर गिर गया। आदमी ने गुस्से से गोलू को देखा तो गोलू ने खिंसिया कर कहा,”एक ठो गिलास मट्ठा देइ दयो,,,,,,,!!”
“गोलू चलो हिया से पी लिए मट्ठा , भैया जे पकड़ो आपके पैसे,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने गोलू का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचकर कहा और दूसरे हाथ से पैसे ठेलेवाले की तरफ बढ़ा दिए।
“अरे भैया एक ठो भटूरा और बचा उह तो खाने दयो”,गोलू ने प्लेट में पड़े आधे भटूरे से एक साथ प्लेट के छोले बटोरते हुए कहा और मुंह में ठूस लिया। गुड्डू उसे खींचते हुए वहा से ले गया और मोती झील चला आया। गोलू के मुंह में छोले और भटूरा भरा था वह ना उसे निगल पा रहा था ना कुछ बोल पा रहा था।
गुड्डू गोलू को लेकर एक खाली सी जगह पर लेकर आया और उसे अपने सामने करके कहा,”अब बताओ गोलू का चल रहा है ?’
“खोले घटुरे चल लहे है”,गोलू ने कहा , खाना मुंह में ठुसे होने की वजह से वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। गुड्डू ने कुछ देर इंतजार किया और गोलू ने खा लिया तो कहा,”गोलू अब बताओ हमे जे सब का चल रहा है ?”
“का चल रहा है भैया ? हमहू कुछो समझे नाही”,गोलू ने अनजान बनते हुए कहा
गुड्डू गोलू के पास आया और आव देखा ना ताव खींचकर एक थप्पड़ गोलू के गाल पर रसीद किया और कहा ,”अभी समझ आया कुछ ?”
“हाँ थोड़ा थोड़ा समझ रहे है”,गोलू ने बुझे स्वर में कहा और अगले ही पल उछलते हुए कहा,”अरे हमहू साला का मंदिर का कोनो घंटा है जिसे हर कोई आकर बजा जाता है। ए गुड्डू भैया हमायी भी कानपूर मा कोनो इज्जत है सिर्फ तुम्हरे थप्पड़ खाने के लिए पैदा नहीं हुए है हम,,,,,,,,,,,,,अरे हमरा भी बड़े बड़े लोगो मा उठना बैठना है ,,मिश्रा जी तक हमरे साथ डील करने लगे है”
आखरी शब्द गोलू ने थोड़ा दबी आवाज में कहा लेकिन बातो बातो में उसने ऐसी बात बोल दी जो उसे नहीं बोलनी चाहिए थी। गुड्डू ने गोलू के मुंह से अपने पिताजी के बारे में सुना तो गोलू से कहा,”कैसी डील गोलू ?”
“माँ की आँख,,,,,,,,,,,,,आग लगे तुम्हरी जबान को गोलू गुप्ता , तुम्हरी जबान नाम की गाड़ी में ब्रेक काहे नहीं है ? अब बोल दिए ना गुड्डू भैया के सामने सच , आज जे आदमी मुंह मा हाथ डालकर सच निकलवा लेगा,,,,,,,,,,,,,
है तो मिश्रा जी का लौंडा ही ना , कसम से गोलू साला तुम्हरी जिंदगी में कुछ सही भी हो ना तो तुमहू उसको भी मनहूस बना दोगे अपनी जबान से,,,,,,,,,,,!!”,गोलू झुंझलाते हुए खुद में ही बड़बड़ाया।
गोलू को बड़बड़ाते देखकर गुड्डू ने उसका कंधा हिलाकर कहा,”गोलू हमहू तुमसे कुछो पूछ रहे है ? पिताजी से का डील किये हो तुमहू ?”
गोलू ने मासूमियत से गुड्डू को देखा और फिर क्यूट बनने की नाकाम कोशिश करते हुए अपने दाँत दिखाए और पलकें मिचमिचाई और कहा,”क्यूट लग रहे है ना भैया ?”
“एक नंबर के चूतिया लग रहे हो गोलू ,, पहिले हमका जे बताओ का गड़बड़ किये हो तुमहू ? पिताजी से का डील की है तुमने और फूफा कहा है ?’,गुड्डू ने थोड़ा गुस्से से कहा
गुड्डू के मुंह से फूफा का नाम सुनकर गोलू को याद आया और उसने जाने के लिए आगे बढ़ते हुए कहा,”भैया एक ठो बहुत जरुरी काम है , अभी हमे जाना होगा,,,,,,,हमहू शाम मा मिलते है ना आपसे”
गुड्डू ने गोलू की बांह पकड़कर उसे जाने से रोका और अपने सामने करके कहा,”बहाने मत बनाओ गोलू , हमे बताओ बात का है और पिछले 2 दिन से कहा बिजी हो तुमहू ? देखो गोलू कुछ तो ऐसा है जो तुमहू हमसे छुपा रहे हो,,,,,,,,,,,,,अब तुमहू खुद से बताओगे या हमहू अपने तरीके से उगलवाए ?”
गुड्डू के चेहरे पर गंभीरता और बातो में कठोरता देखकर गोलू ने हार मान ली और शुरू से लेकर अब तक का सारा किस्सा एक साँस में गुड्डू को कह सुनाया।
गुड्डू ने सुना तो अपना सर पकड़ कर वही नीचे जमीन पर बैठ गया। गोलू ने देखा तो डरते डरते कहा,”अरे भैया ! टेंशन नाही ल्यो हमहू सब सही कर देंगे”
एक तो गोलू ने इतना बड़ा कांड कर दिया और ऊपर से वह गुड्डू से सब सही करने की बात कह रहा था। गुड्डू उठा और गोलू को अपने हाथ की चार उंगलिया दिखाकर उसकी तरफ बढ़ते हुए कहा,”अबे क्या ठीक करोगे तुम गोलू,,,,,,,,,,,,,,,साले इत्ता सब कर दिए और हमे बताये तक नाही और तो और पिताजी को भी इह सब मा शामिल कर लिए,,,,,,,,,,,
तुम्हरा दिमाग खराब हो गवा है का गोलू ? पिताजी को जे सब पता चला ना तो हम दोनों की खाल में भूंसा भर देगा उह आदमी,,,,,,,,पीछे का सब भूल गए का ? और फूफा को किडनेप कैसे कर लिया बे तुमने ? हमने तुमसे उनको घर छोड़ने को कहा था तुमहू उन्हें पिंकिया के घर छोड़ आये,,,,,,,,,,,अपने उस असुर को नहीं जानते तुम ?”
“असुर नाही भैया ससुर,,,,,,,,,!”,गोलू ने गुड्डू की बात बीच में काटते हुए कहा
गुड्डू ने गुस्से से गोलू को देखा तो गोलू चुप हो गया। गुड्डू ने उसे घूरा और कहा,”असुर ही है वो ,, तुमको अपनी लड़की दे दी जे का मतलब इह नाही है कि बदल गए है,,,,,,,,,सांप अपनी केचुली उतार सकता है पर जे शर्मा नाही,,,,,,,,,,साला एक तो कोनो बात नाही टिकती ओह के पेट मा , 20 रूपये की लॉटरी भी लगे ना तो शाम तक पुरे मोहल्ले को खबर हो जाती है और तुमहू उनके घर पर फूफा को बंद कर आये उह भी उनके सामने,,,,,,,,,,तुमहू फूफा को नाही गोलू अपनी मौत का सामान वहा छोड़कर आये हो”
गोलू ने सुना तो उसे धीरे धीरे समझ आ रहा था उसने हीरो बनने के चक्कर में कितनी बड़ी गलती की है। गुड्डू मिश्रा जी से तो वह बच जाएगा लेकिन पिंकी और पापा और अपने खुद के बाप से उसे कौन बचाएगा ? उसने रोनी सी सूरत बनाकर गुड्डू की तरफ देखा और कहा,”अब हमहू का करे भैया ?’
गुड्डू ने गोलू को खा जाने वाली नजरो से देखा और कहा,”एक ठो मटकी , कुछो लकड़ी , चार कंधे और एक ठो अर्थी का इंतजाम कर ल्यो”
“काहे ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“का है कि जोन काण्ड इह बार तुमहू किये हो ना गोलू ओह के बाद तुम्हरी मय्यत ही निकलेगी कानपुर मा और उह चार कंधे होंगे , पिताजी जी , शर्मा जी , तुम्हरे बाप और फूफा के,,,,,,,,,और मटकी पकड़ेंगे बाबू ,, का है कि उनको भी तुम्हरे साथ गुंडई करने का बुखार चढ़ा है ना,,,,,,,,,,,”,गुड्डू ने कहा
“ए भैयाअअअअअ , ए भैया हमहू हाथ जोड़ते है , पैर पड़ते है , इह बार हमका बचाय ल्यो,,,,,,,,,,,,अम्मा कसम हमहू गुंडई छोड़ देंगे,,,,,,,,,तुम्हरे बाप और शर्मा जी को तो हमहू समझा भी लेंगे पर फूफा तो हमका ज़िंदा चबा जाहि है और हमरे बाप हमको नंगा करके जुलुस निकाल दी है पुरे कानपूर मा,,,,,,,,,ए भैया बचाय ल्यो , हमहू सोचे गुंडई करेंगे तो थोड़ा रुतबा बढ़ेगा हमरा , हमहू तो अपनी ही चिता सजा लिए,,,,,,,,,,,,,,,का मिलेगा आपको हमे मरता देखकर , अरे हमहू होंगे तो तुम्हरे छोटे मोटे कांड सम्हाल लेंगे,,,,,,,,बस जे आखरी गलती समझ कर माफ़ कर दयो”,गोलू ने रोते हुए कहा
गोलू को रोते देखकर गुड्डू को दया आ गयी और उसने कहा,”ठीक है रोना बंद करो हमहू सोचते है कुछो”
गोलू सर पकड़कर नीचे जमीन पर बैठ गया और कहा,”हाँ सोचो भैया , हमरे हिस्से का भी तुमहू ही सोचो,,,,,,,,का है कि हमाओ दिमाग तो ख़तम है जे के आगे”
“बाकि सब बाद में गोलू पहले फूफा को शर्मा जी के घर से निकालना होगा,,,,,,वरना हम बहुत बड़ी परेशानी में पड़ जायेंगे”,गुड्डू ने कहा
गोलू उठा और कहा,”चलो फिर असुर के घर,,,,,,,,,,!!”
“असुर नाही ससुर,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
गोलू ने गुड्डू की तरफ देखा और कहा,”अरे भैया असुर हो चाहे ससुर दोनों का काम हमायी छाती पर मूंग दलना है,,,,अब चलो इह से पहिले की ददिया के साथ हमयी तेहरवी का भी बंदोबस्त हो जाए,,चलकर फुफा को धरते है”
गुड्डू गोलू को लेकर मोती झील से बाहर आया , दोनों बाइक पर आकर बैठे और शर्मा जी के घर के लिए निकल गए। ये बात तो सच थी कि गुड्डू के बिना किये हर कांड में गोलू आज तक फंसता ही आया था और इस बार तो उसने ऐसा कांड किया कि हर किसी से बस उसे लात घुसे ही खाने को मिल रहे थे।
गुप्ता जी का घर , कानपूर
गोलू के कारनामे से नाराज होकर शर्मा जी पहुंचे सीधा गोलू के घर उनके पिताजी से उनकी शिकायत करने,,,,,,,,,,,गज्जू गुप्ता घर पर ही थे और पोधो की कटाई छटाई कर रहे थे। शर्मा जी अंदर आये तो उन्हें देखकर गुप्ता जी ने पोछे छाटने वाली कैंची को वही रखा और उनकी तरफ आते हुये कहा,”अरे समधी जी आप , आईये आईये बड़े दिनों बाद आना हुआ ?”
“अरे भाड़ में गया समधी,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने आग बबूला होकर कहा
“हमका नहीं पता था आप भाड़ मा रहते है , तबही रंग थोड़ा दब गवा है,,,,,,,,,,,का है ज्यादा सिक जाते होंगे ना इहलिये थोड़े काले हो गए है,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने कहा जो कि खुद अपने बेटे की तरह एक नंबर के बकैत थे
“अपनी बकवास बंद करो गज्जू गुप्ता,,,,,,,,,,,पता भी है तुम्हरे लौंडे ने का कांड किया है ?”,शर्मा जी ने गुस्से से कहा जो कि काफी सालो से गज्जू गुप्ता से खार खाकर बैठे थे।
“हमको का पुरे मोहल्ले को पता है , 4 महीने बाद रिजल्ट भी आ जाही है,,,,,,,,!!!”,गुप्ता जी ने कहा
गुप्ता जी का इशारा गोलू पिंकी की शादी से पहले हुई घटना की तरफ था जिसे सुनकर शर्मा जी और भड़क गए और धीरे से बड़बड़ाते हुए कहा,”बेटा तो बेटा बाप भी एक नंबर का रंगबाज है”
“ओह्ह्ह शर्मा , मुंह मा थूक ना मथो जे बताओ अब का किये रहय गोलू महाराज ?’,गुप्ता जी ने कहा
शर्मा जी ने गुप्ता जी को देखा और कहा,”अभी बताएँगे ना तो तुम्हरे पाँव के नीचे से जमीं खिसक जाही है , आसमान गिर पड़ो है,,,,,,,,,रंगबाजी तक ठीक था गुप्ता पर तुम्हरे लौंडे ने अब कानपूर के शरीफ लोगो को अगवा करना भी शुरू कर दिया है”
गुप्ता जी ने सुना तो उनकी भँवे तन गयी और वे सोच में पड़ गए क्योकि गोलू का ये नया कांड तो वे आज पहली बार सुन रहे थे
Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18
Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18Manmarjiyan – 18
- Continue With Manmarjiyan – 19
- Visit https://sanjanakirodiwal.com
- Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल


Gollu ne soch is bar uske khand se impress hokar Mishra usse award denge per Guddu ki baat sunne ke baat usse samajh aya ki usne kya kar diya aur ab rone laga aur Gudde se vinti karne laga ki is baare bachale ab dekhna yeah hai ki Guddu Gollu bacha payega kya khud Gollu ke kiye khand me was jayega…superbb part Maam♥♥♥♥