Manmarjiyan Season 3 – 12
Manmarjiyan Season 3 – 12

गोलू वहा से गया और कुछ देर बाद बीड़ी का एक बंडल लेकर आया और फूफा की तरफ बढाकर कहा,”इह ल्यो फूको और फटाफट सब निपटाय के चलो हमाये साथ,,,,,,,,!!”
“माचिस कहा है ? जलाये कैसे ?”,फूफा ने फिर चिढ़ते हुए कहा
“भुआ को बुलाय दये , का है कि खड़े खड़े आग लगा देती है उह आदमी की जिंदगी मा , इह बीड़ी का चीज है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने फूफा से कहा और बाबू की तरफ पलटकर बोला,”बाबू माचिस तो होगा ना घर में ?”
“हाँ भैया जे ल्यो”,बाबू ने माचिस गोलू की तरफ बढाकर कहा
फूफाजी ने माचिस ली , बीड़ी जलाई , एक दो कश मारे और आधी जाली बीड़ी गोलू को थमाकर डिब्बा उठाये संडास में घुस गए। परेशान गोलु बाहर खड़े होकर उनके आने का इंतजार करने लगा। खाली खड़े कुछ सुझा नहीं तो हाथ में पकड़ी बीड़ी को पीने लगा।
“फूफा हुआ का ?”,गोलू ने ऊँची आवाज में पूछा
“गोलू गाडी पटरी पर है पर स्टेशन पर नाही आ रही,,,,,,,थोड़ा रुको”,अंदर से फूफाजी ने कहा
गोलू ने गुस्से से पैर पटका और फिर बीड़ी के कश लगाने लगा। गोलू ने एक कश लगाया ही था कि तभी उसका फोन बजा। गोलू ने फोन निकाला और देखा स्क्रीन पर गुड्डू का नाम देखकर गोलू ने फ़ोन उठाकर कान से लगाया और कहा,”हाँ गुड्डू भइआ”
“गोलू कहा हो ? तुरंत घर पहुँचो हमहू डाक्टर को लेने जा रहे है , शगुन अचानक से बेहोश हो गई”,गुड्डू ने जल्दबाजी में कहा
गोलू ने हाथ में पकड़ी बीड़ी को फेंका और कहा,”शगुन भाभी को का हुआ ? ठीक है भैया आप चिं
ता नाही करो हमहू पहुँचते है”
गुड्डू ने फोन काट दिया , गोलू ने फोन जेब में रखा और बाबू से कहा,”बाबू एक ठो बोरा है तुमरे पास ?”
“अभी लाते है भइआ”,बाबू ने कहा और अंदर जाकर एक छोटा सा बोरा ले आया। उसने गोलू को वो दिया तो गोलु ने खीजते हुए कहा,”इसमें हम का भरे फूफा का संडास , अबे हमरी साइज का बोरा लेकर आओ”
“सोररी भैया लाते है,,,,,,,,,!!”,बाबू ने कहा और दौड़कर अंदर गया और बड़ा बोरा ले आया। गोलू ने पास पड़ी बाल्टी से एक मग्गा पानी लिया और संडास में फेंक दिया क्योकि संडास की छत नहीं थी।
हड़बड़ाकर फूफा बाहर आए और कहा,”अरे जे पानी किसने डाला है हमहू फारिग होने ही वाले थे कि,,,,,,,,,,,,,,!!”
फूफा आगे कुछ बोल पाते इस से पहले गोलू ने उनको बोरे में डाला और बोरे का मुंह बांध दिया। फूफा ने अंदर हाथ पैर मारे तो गोलू ने पास पड़ा डंडा उनके सर पर दे मारा और फूफा वही चित्त हो गए।
“अरे गोलू भइआ जे का किया आपने ?”,बाबू ने घबरा कर कहा
“बाबू अभी हमरे पास कुछो समझाने का बख्त नहीं है , 2 घंटे तक फूफा को होश आएगा नहीं तब तक हमहू वापस आ जाएंगे,,,,,,,,,,,,!!!”,कहकर गोलू वहा से चला गया
गोलू सीधा गुड्डू के घर पहुंचा देखा सभी वेदी के कमरे के बाहर जमा है। गोलू गुड्डू के पास चला आया और डॉक्टर के बाहर आने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद डॉक्टर मुस्कुराते हुए बाहर आया और कहा,”मुबारक हो मिश्रा जी , आप दादा बनने वाला है,,,,,,,,,,,,,शगुन प्रेग्नेंट है मैंने इंजेक्शन लगा दिया है और कुछ दवाईया लिख दी है अभी थोड़ी देर में उसे होश आ जाएगा”
मिश्रा जी ने जैसे ही सुना ख़ुशी से उनकी आँखों में नमी और चेहरे पर ख़ुशी के भाव दिखाई देने लगे। वहा मौजूद सभी के चेहरे खिल उठे , गुड्डू की ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था उसने पलटकर गोलू से कहा,”गोलू हमहू बाप बनने वाले है,,,,,,,,साले तुमहू चाचा बनोगे”
“हाँ भैया ! छोटा मिश्रा आने वाला है घर मा”,गोलू ने भी खुश होकर कहा
मिश्राइन की आँखों में ख़ुशी के आँसू थे उन्होंने हाथ जोड़कर भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा,”भगवान का लाख लाख शुक्र है शगुन ठीक है,,,,,,,,और इतनी बड़ी खुशखबरी मिली है,,,,,,,,,,,!!”
भुआजी कमरे से बाहर आयी और कहा,”हाँ सरिता हमका तो इह लग रहा है हमरी मरी हुई अम्मा ही वापस जन्म लेगी शगुन का कोख से,,,,,,,,,,!!”
“हाँ दीदी बिटिया हुई तो उसको अम्मा का ही नाम देंगे”,मिश्राइन ने कहा
“अरे काकी अगर लड़का हुआ तो ?”,पास खड़ी मोहल्ले की बहू ने कहा
अब ऐसा माहौल हो और हमारे गोलू महाराज की तरफ से सबसे कुछ ना आए ये भला कैसे हो सकता है ? गोलू ने सुना तो गुड्डू को साइड करके आगे आया और तपाक से कहा,”अरे लड़का हुआ तो समझेंगे मिश्रा जी के पिताजी आये है”
मिश्रा जी ने सुना तो गोलू को खा जाने वाली नजरो से देखा और बेचारे गुड्डू ने अपना सर पीट लिया,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू को थोड़ी देर बाद समझ आया कि उसने क्या कहा ? खैर मिश्रा जी सबके सामने गोलू को लतिया तो सकते नहीं थे इसलिए गोलू को बस घूरकर रह गए। गुड्डू ने गोलू को पीछे खींचा और दबी आवाज में कहा,”का गोलू ? का बौड़म हो का साले , कुछ भी बकते हो देख तो ल्यो आस पास कौन है ?”
“अरे भैया उह एकदम से सुने न शगुन भाभी के बारे में तो कंट्रोल नहीं कर पाए”,गोलू ने झेंपते हुए कहा
“हमसे ज्यादा एक्साइटेड तो तुम दिख रहे हो गोलू,,,,,,अभी मुंह बंद रखो”,गुड्डू ने कहा तो गोलू चुप हो गया
मिश्रा जी डॉक्टर के पास आये और कहा,”शगुन अभी ठीक है ना डाक्टर साहब ?”
“हाँ शगुन अब बिल्कुल ठीक है , एक दो दिन में शगुन को गुड्डू के साथ क्लिनिक भेज दीजिये कुछ जरुरी टेस्ट करवा देते है ,, वही मैं उसे बाकि सब बाते भी समझा दूंगा,,,,,,,,,,,,!!”,डॉक्टर ने मिश्रा जी से कहा और फिर गुड्डू की तरफ पलटकर कहा,”हाँ भाई गुड्डू ! अब रंगबाजी थोड़ी कम कर दो घर में नन्हा मेहमान आने वाला है ,, शगुन का बहुत ख्याल रखना है अब तुम्हे”
गुड्डू ने मुस्कुराते हुए हामी में गर्दन हिला दी , शर्म से उसका चेहरा लाल हो रहा था। मिश्रा जी ने गोलू से डॉक्टर साहब को बाहर तक छोड़कर आने को कहा तो गोलू उनके साथ चला गया। गुड्डू जैसे ही शगुन से मिलने जाने के लिए आगे बढ़ा मिश्रा जी और मिश्राइन कमरे में चले गए गुड्डू बाहर ही रुक गया। रौशनी गुड्डू के पास आयी और गुड्डू के कंधे को अपने कंधे से टकरा कर कहा,”का बात है गुड्डू ? मिश्रा जी की नाक में बहुते दम किये फिरते थे अब तुम्हरी नाक में दम करने भी कोनो आने वाला है,,,,,,,,,,वैसे लड़की हुई तो शगुन भाभी पर जाएगी और लड़का हुआ तो,,,,,,,,,,!!”
“और लड़का हुआ तो ?”,गुड्डू ने रौशनी की तरफ पलटकर पूछा
“तो उह तुम पर तो बिल्कुल नहीं जाना चाहिए,,,,,,,!!”,रौशनी ने गुड्डू को छेड़ते हुए कहा
“हमरा लड़का हमरे ऊपर काहे नहीं जाएगा ? हमहू उसके पिताजी है ,, जैसे हम अपने पिताजी जैसे है वैसे हमरा लड़का भी तो,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू कहते कहते रुक गया उसे एकदम से फूफा की कही बात याद आ गयी और गुड्डू उदास हो गया।
गुड्डू को उदास देखकर रौशनी ने कहा,”अरे गुड्डू मुरझा काहे गए हमहू तो बस मजाक कर रहे थे,,,,,,,,,,,,तुम्हरा बच्चा तुम्हरे जैसा ही होगा मासूम और प्यारा,,,,,अब खुश,,,,,,,,,अम्मा के दिन पुरे होने के बाद पार्टी लेंगे तुमसे बड़की वाली ठीक है ?”
“अरे पार्टी का रौशनी जशन मानेगा जशन,,,,,,,ऐसा इंतजाम करेंगे ना पूरा मोहल्ला देखेगा”,गोलू ने गुड्डू और रोशनी की तरफ आते हुए कहा
“अरे गोलू भैया उह तो देखेगा ही पहले घर जाकर हमहू हमारे प्रोडक्ट को देख ले , अब तक तो रो रो कर पूरा घर सर पर उठा लिए होंगे उह,,,,,,,,!!”,रौशनी ने वहा से जाते हुए कहा
“जे का नाम रखी है रौशनी अपने लौंडे का ? प्रोडक्ट”,गोलू ने बुरा सा मुंह बनाकर कहा
गुड्डू ने सुना तो गोलू के सर पर एक चपत मारकर कहा,”अबे ! लल्लन नाम है ओह के बेटे का,,,,,,!!”
गोलू ने और बुरा मुंह बनाया और कहा,”साला जे तो और भी बेकार नाम है , गुड्डू भैया तुम्हाये बच्चे का नाम हमहू रखेंगे,,,,,,,!!”
“ठीक है रख लेना बस इतना ध्यान रखना उसका नाम गोलू ना रखो ?”,गुड्डू ने गोलू को छेड़ते हुए कहा
“का गुड्डू भैया सबकी तरह तुमहू भी हमायी खिंचाई कर रहे हो ? कल का का हुआ हमरे साथ तुमको पता चले ना तो सीना फट जाही तोहार”,गोलू ने उदास होकर कहा
“हमे कैसे पता होगा गोलू ? और कल सुबह तो तुम्हरी गलती थी टेंट वाली , हमहू पिताजी से सिफारिश किये तो जवाब में खुद भी पेले गए अब बताओ का करे ?”,गुड्डू ने कहा
“कुछो नहीं करना हमहू सब सम्हाल लेंगे , जे बताओ भाभी से मिले कि नाही ?”,गोलू ने कहा
“अम्मा पिताजी गए है अभी कमरा मा , और बाकि सब भी वही है तो हमका सबके सामने मिलने में शर्म आय रही है,,,,,,,!!”,गुड्डू ने शरमाते हुए कहा
“अरे अरे गुड्डू भैया का आप भी,,,,,,,,,तुमहू रुको यही हम तो भाभी को मुबारकबाद देकर आते है,,,,,,,,,!!”,कहकर गोलू भी वहा से चला गया
गुड्डू बाहर खड़ा बेसब्री से बस सबके बाहर आने का इंतजार कर रहा था। कुछ देर बाद सभी बाहर आये तो गुड्डू जल्दी से उनके सामने आया और हाथ से इशारा करके अंदर जाने की इच्छा जताई , बोलना चाहता था लेकिन ख़ुशी के मारे उसके मुंह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे। मिश्रा जी गुड्डू के दिल का हाल समझ गए और कहा,”जाओ जाकर मिल ल्यो”
ख़ुशी से भरा गुड्डू कमरे में चला आया। शगुन बिस्तर पर लेटी थी उसने जब गुड्डू को देखा तो उठने को हुई। गुड्डू उसके पास आया और कहा,”अरे अरे लेटी रहो”
शगुन वापस लेट गयी गुड्डू आकर उसके बगल में बैठ गया। उसने शगुन के हाथ को अपने हाथ में लिया और प्यार से पूछा,”तुमहू ठीक हो ?”
शगुन ने पलकें झपकाई और कहा,”हाँ”
“कल बूढ़ा के चले जाने का गम था और आज इतनी बड़ी खुशखबरी दे देइ तुमने हम सबको ,, कल से एक ठो बार भी पिताजी के चेहरे पास मुस्कान नाही देखे थे पर आज जब उह सुने के कि तुमहू माँ बनने वाली हो तो ख़ुशी से खिल उठा उनका चेहरा,,,,,,,,हमाये पिताजी को जे ख़ुशी देने के लिए थैंक्यू शगुन,,,,,,!!”,कहते कहते गुड्डू भावुक हो गया।
“मतलब सिर्फ पापाजी खुश है आप नहीं ?”,शगुन ने कहा
“अरे हमहू तो इतना खुश है कि दिल कर रहा है ख़ुशी से उछले कूदे , चिल्ला चिल्ला के पुरे कानपूर को बताय दे कि हमहू बाप बनने वाले है,,,,,,,,,,अब तक इह घर मा सबसे छोटी वेदी थी अब ओह से छोटा भी कोनो आएगा,,,,,,,,,बूढ़ा हमे छोड़कर चली गयी पर जाते जाते इह आशीर्वाद हमरी झोली मा डाल गयी”,गुड्डू ने ख़ुशी से शगुन के हाथो को अपने दोनों हाथो में लेकर कहा और फिर उसे अपने होंठो से छू लिया।
“लेकिन अब आपको बहुत ख्याल रखना पडेगा मेरा अब ये गुड्डू गिरी छोड़नी होगी आपको”,शगुन ने शरारत से कहा
“अरे सब छोड़ देंगे , खूब ख्याल रखेंगे तुम्हरा , तुम्हरे खाने पीने से लेकर तुम्हरी दवाईयों तक सब ,, तुम्हरे हिस्से का घर का काम भी हमहू कर देंगे , इह समय में ना खाना अच्छा नाही लगता तो हमहू तुम्हरे लिए बढ़िया बढ़िया खाना बनवायेंगे , तुम्हे रोज सुबह टहलने ले जायेंगे जिस से तुमको तजा हवा खाने को मिले और भाग भाग के ऊपर जाने की जरूरत नाही हमहू तुम्हरा सामान यहाँ वेदी के कमरे मा शिफ्ट कर देंगे ,
कर देंगे का खुद भी यही शिफ्ट हो जायेंगे,,,,,,तुमहू जियादा टेंशन नाही लेना , हमहू खूब हसाएंगे तुम्हे अपने और गोलू के किस्से सुनाकर , और रात मा जब तुम्हरे पैर दुखेंगे तो उह भी दबा दिया करेंगे,,,!!”,गुड्डू ने सब बड़े प्यार से कहा
शगुन ने सुना तो उठी और गुड्डू के गले लगकर कहा,”थैंक्यू गुड्डू जी”
“अरे तुम हमे काहे थैंक्यू बोल रही हो ?”,गुड्डू ने कहा
“हमे माँ बनने का सुख देने के लिए , हमने कभी हमारी माँ को तो नहीं देखा लेकिन अब इस आने वाले बच्चे के साथ उस ममता को हर रोज महसूस करेंगे,,,,,,,!!”,शगुन ने नम आँखों के साथ कहा
गुड्डू ने शगुन के चेहरे को अपने हाथो में थामा और उसके ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”अगर तुमका बिटिया हुयी तो ओह्ह का नाम तुमहू अपनी माँ के नाम पर रखना,,,,,,,,,,!!”
शगुन ने सुना तो उसकी आँखों में आँसू भर आये , गुजरते वक्त के साथ गुड्डू कितना समझदार होने लगा था। उसने अपनी आँख के किनारे साफ किये और कहा,”और अगर लड़का हुआ तो ?”
गुड्डू ने शगुन की तरफ देखा और शरारत से कहा,”तो हमहू उसका नाम भोलाराम रखेंगे,,,,,,,,,का है कि हमहू भोले है ना इहलीये”
शगुन गुड्डू की शरारत समझ गयी इसलिए उसके कंधे पर हलके से मारकर कहा,”आप बहुत बुरे है”
“अब अच्छे है , बुरे है , रहेंगे तो तुम्हारे ही,,,,,,,तुमहू आराम करो हमहू थोड़ी देर में आते है”,कहते हुए गुड्डू उठा और जाने के लिये दरवाजे की तरफ बढ़ गया।
जाते जाते गुड्डू रुका और वापस शगुन की तरफ चला आया।
शगुन कुछ समझ पाती इस से पहले गुड्डू झुका और शगुन के पेट को अपने होंठो से छूकर कहा,”ए भोलाराम , या भोली देवी तुमहू जो भी हो हमाई बीवी को जियादा परेशान नाही करना,,,,,,वरना बेटा जिह दिन बाहिर आओगे ना सुताई कर देंगे हमहूँ तुम्हायी”
शगुन ने सुना तो हॅसने लगी गुड्डू ने भी मुस्कुराते हुए शगुन का सर सहलाया और वहा से चला गया।
घर में काम करने वाला लड़का ट्रे में चाय लेकर जा रहा था गोलू ने चलते चलते एक कप उठाया और लेकर सीढ़ियों के पास आकर खड़ा हो गया। गोलू ने जैसे ही कप होंठो से लगाने के लिए हाथ बढ़ाया मिश्रा जी ने आकर उसके कंधे पर धीरे से मारकर कहा,”हाँ भाई गोलू का हुआ तुम्हरे प्लान का ?”
गोलू के हाथ से चाय नीचे जा गिरी , वो कहते है ना कि हाथ आया और मुंह ना लगा,,,,,,,गोलू खुन्नस में पलटा और कहा,”हमरा प्लान तो अभी अभी बिगाड़ दिए आप,,,,,,,,उह देखो धरती चाट रहा है”
“अबे ! हमहू इसकी नहीं उस प्लान की बात कर रहे है,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने आँखों से इशारा करके धीमे स्वर में कहा
“किस प्लान की ?”,गोलू ने मिश्रा जी के अंदर घुसते हुए कहा
“एक ठो काम करो ना हमायी छाती पर ही चढ़ जाओ , तुम्हरा ही प्लान था गोलू तब तो बहुते हवा मा उड़ रहे थे,,,,,,,अब का हुआ ? उठाये की नहीं फूफा को ?”,मिश्रा जी ने गोलू को घुड़कते हुए कहा
गोलू को याद आया और उसने कहा,”अरे चचा समझो काम हो गवा , आधा काम हो चुका है फूफा हमरे कंट्रोल मा है”,गोलू ने कहा
“तो जाओ और बाकि का आधा भी निपटाओ , दोपहर बाद मिलेंगे उनसे,,,,,,,,!!!”,मिश्रा जी ने कहा
गोलू जाने को हुआ लेकिन सामने से आती चाय को देखकर रुक गया और ललचाई आँखों से चाय को देखने लगा। मिश्रा जी ने गुड्डू की बाइक की चाबी गोलू को देकर जाने को कहा। लड़का चाय लेकर गोलू की तरफ आ ही नहीं रहा था।
“जाओगे कि अब मुहूर्त निकलवाए तुम्हरे लिए,,,,,,!!!”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू को मन मारकर वहा से जाना पड़ा
गोलू बाइक की तरफ चला गया तभी उसके कानो में लड़के की आवाज पड़ी,”चाचा चाय लीजिये”
“मिश्रा जी चार जूते मारेंगे तो मार लेंगे पर साला जे चाय तो लेकर जायेंगे,,,,,,,,,,!!”,खुद में बड़बड़ाते हुए गोलू वापस मिश्रा जी की तरफ आया और चुपचाप चाय का कप उठाकर निकल वहा से निकल गया।
मिश्रा जी ने जाते हुए गोलू को देखा और कहा,”जे ना सुधरी है कबो”
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संजना किरोड़ीवाल


Wha badhai ho Mishra khandan ko… ghar m naya mambar aane wala hai…sahi kaha Guddu ki kal didi gai thi aur aaj ghar m ek naya mehmaan aane wala hai…yeh to khushi ki baat hai…kitna dhyan rakhega Guddu Shagun ka yeh to waqt batayega…lakin itna to taiii hai ki Guddu aur Golu k hote huye Shagun kabhi bhi udaas nhi hogi ..pta nhi Golu kya intzaam Karega fufa ji ..par esa na ho ki baat banene ki jagah bigad Jaye . Waise Sanjana ji yeh aap kanpuriya bhasha m likhati ho na… bahot hee gazab likhti ho aap… padhkar kanpur aur Lucknow wali feel aati hai