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मनमर्जियाँ – S94

Manmarjiyan – S94

Manmarjiyan Season 2

Manmarjiyan – S94

गुड्डू के सामने मिश्रा जी ने सारी सच्चाई रख दी। उन्हें गुड्डू की यादास्त से ज्यादा फ़िक्र शगुन और उसके रिश्ते की थी। उन्होंने जब गुड्डू को सच बताया तो गुड्डू को बहुत दुःख हुआ। उसने शगुन के साथ जो बर्ताव किया बहुत गलत किया। मिश्रा जी गुड्डू से दूर हुए तो उनकी नजर छत के दरवाजे पर खड़े गोलू पर चली गयी। मिश्रा जी काफी इमोशनल हो चुके थे गुड्डू को आगे समझाने की उनमे हिम्मत नहीं थी इसलिए वे गोलू के पास आये और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”हमने गुड्डू को सब सच बता दिया है आगे तुम उसके दोस्त हो जाओ जाकर सम्हाल लो उसे”
कहकर मिश्रा जी नीचे चले गए। गुड्डू दिवार के पास खड़ा रो रहा था। गोलू आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”गुड्डू भैया”
गुड्डू ने अपने आँसू पोछे और गोलू की तरफ पलटकर दुखी स्वर में कहने लगा,”हमसे बहुत बड़ी गलती हो गयी गोलू , सच्चाई का है जे हम नहीं जानते थे गुस्से में आकर हमने शगुन को खुद से दूर कर दिया। हमने तुम्हे भी बहुते दुःख पहुंचाया गोलू हमे माफ़ कर दो”
“गुड्डू भैया हमे आपको कुछो बताना है”,गोलू ने कहा तो गुड्डू आसभरी नजरो से गोलू को देखने लगा। गोलू ने हिम्मत की और गहरी साँस लेकर कहने लगा,”शगुन भाभी से आपकी शादी होने के बाद भी आप पिंकी के पीछे पागल थे जे जानते हुए भी भाभी आपके साथ जे घर में थी। शगुन भाभी आपको बहुते पसंद करती थी जब आपने और हमने नया काम शुरू किया तब शगुन भाभी ने ही अपने पैसे देकर हमायी मदद की। पिंकी की असलियत जानने के बाद जब आप उस से दूर हो गए तब आपको अहसास हुआ की आप शगुन भाभी को पसंद करने लगे हो। लखनऊ वाली शादी का आर्डर मिला तो हम दोनो ने वो आर्डर ले लिया। उस आर्डर के बाद आप शगुन भाभी से अपने दिल का हाल बताने वाले थे , वहा जाने से पहले मैंने आपसे पूछा की आप उन्हें क्या क्या कहोगे तब आपने हमे वो सब बोलकर बताया था और वो हमने अपने फोन में रेकॉर्ड भी किया था ताकि बाद में आपके बच्चो को दिखाए लेकिन वो फोन हमसे कही खो गया !!
गुड्डू ने फोन का नाम सूना तो हैरान रह गया , उसका दिल धड़कने लगा कही गोलू उसी फोन की बात तो नहीं कर रहा था जो उसे अपने कमरे में मिला था बिस्तर के नीचे। गुड्डू ने गोलू की आगे की बात ही नहीं सुनी और तेजी से भागकर सीढ़ियों की तरफ चला गया।
“गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,गुड्डू भैया हमारी बात,,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू कहते हुए गुड्डू के पीछे आया तब तक गुड्डू नीचे जा चुका था जल्दी जल्दी से वह अपने कमरे में आया और वो फोन ढूंढने लगा , उसे याद याद की उसने फोन कबर्ड में रखा था उसने जल्दी से कबर्ड खोला और फोन निकाला , ऑन करने की कोशिश की तो पाया की फोन बंद है। दुःख और झुँझलाहट में गुड्डू ने अपना हाथ झटका और फिर चार्जर ढूंढने लगा। उसने फोन को चार्जिंग पर लगाया और उसके ऑन होने का इंतजार करने लगा। गोलू नीचे आया उसने गुड्डू के हाथ में अपना पुराना फोन देखा तो कहा,”जे आपको कहा से मिला ?”
गुड्डू ने कोई जवाब नहीं दिया बस उसकी नज़रे फोन पर टिकी हुई थी और वह बस उसके ऑन होने का इंतजार कर रहा था। तनाव और तकलीफ उसके चेहरे से साफ झलक रहा था। थोड़ी देर बाद फोन ऑन हुआ तो गुड्डू ने उसे चार्जिंग से निकाला और अपने बिस्तर पर बैठकर फोन को ऑन किया। गुड्डू ने गैलेरी ओपन की तो ऊपर ही ऊपर उसे एक विडिओ दिखा गुड्डू ने काँपती उंगलियों से उसे प्ले किया।
“”हम है गुड्डू मिश्रा , मस्त मौला अपने में खुश रहने वाले कानपूर के रंगबाज लौंडे जिन्हे अपने बालों से और अपनी फटफटिया से बहुते प्यार है ,, पर जबसे तुमहू हमायी जिंदगी में आयी हो सब बदलने लगा है , हम बदल गए है , हमारे जीने का तरिका बदल गया है , अब हम वो गुड्डू रहे ही नहीं जो कभी थे , खुद से भी ज्यादा तुम्हायी परवाह करने लगे है , तुम्हाये बारे में सोचने लगे है , तुम्हे पसंद करने लगे है और,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और तुमसे प्यार करने लगे है,,,,,,,,,,,,,,,हां हमे तुमसे प्यार हो गया है,,,,,,,,,,आई लव यू शगुन,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू,,,,,,,,,,,,(गुड्डू भावनाओ में इतना डूब जाता है की अपनी बांहे हवा में फैलाते हुए जोर से बोल पड़ता है ),,,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू””””””
जैसे ही गुड्डू ने खुद को उस विडिओ में देखा उसकी आँखे भर आयी। फोन उसके हाथो में ही था अपने कहे वो चार शब्द “आई लव यू शगुन” उसके कानो में गूंज रहे थे। गुड्डू ने गर्दन झुका ली , उसकी आँखो से आंसू बहकर नीचे गिरने लगे। वह शगुन से बहुत पहले से प्यार करता था जब उसे पता चला तो उसके मन में एक टीस उठी। गुड्डू फोन को अपने होंठो से लगाकर सिसकने लगा। गोलू ने देखा तो कहा,”ये विडिओ आपके एक्सीडेंट से पहले का है , आप बहुते खुश थे पर उस एक हादसे ने आपसे बहुत कुछ छीन लिया”
गुड्डू ने फोन साइड में रख अपना चेहरा दोनों हाथो में छुपा लिया। इस वक्त वह उस दर्द से गुजर रहा था जिसका अहसास ना गोलू को था ना ही किसी और को। जिस लड़की से वह सच में मोहब्बत करता था वह हमेशा उसके साथ थी और गुड्डू उसे पहचान ही नहीं पाया। गुड्डू को इमोशनल होता देखकर गोलू उसके बगल में आ बैठा और कहने लगा,”आपके लिए शगुन भाभी ने वो हर सेक्रिफाई किया जो एक पत्नी करती है , हमायी नजर में उनकी इज्जत उस वक्त और ज्यादा बढ़ गयी थी जब एक्सीडेंट के बाद उन्होंने कहा की वह आपकी ख़ुशी के लिए आपके सामने अनजान बनकर भी रह लेंगी। आपके लिए उन्होंने जो किया है हमे नहीं लगता इह दुनिया में कोई लड़की कर पायेगी गुड्डू भैया। आपका प्यार और साथ पाने के लिए हर रोज ना वह इस दर्द से गुजरी है जिस से आप आज गुजर रहे है। हम जे ना कह रहे की आप गलत है भैया पर हमायी भाभी भी गलत नहीं है। वो बहुते अच्छी है और आपसे बहुते प्यार भी करती है”
गुड्डू ने अपने आँसू पोछे और कहने लगा,”पता है गोलू हमेशा हमे लगता था की जैसे हम उनको जानते है , जब भी वो हमारा हाथ पकड़ती थी लगता था जैसे जे सब पहले भी हो चुका है हमारे साथ। वो हमारे लिए वो सब काम करती थी जो एक पत्नी करती है और हम बेवकूफ समझ ही नहीं पाए। वो हमाये कपड़ो से लेकर हमाये खाने पीने तक का ख्याल रखती थी। हमे कब का चाहिए उनको सब पता रहता था। वो हमाये साथ इसी घर में रहती थी , हर शाम हमाये घर लौटने का इंतजार करती थी। उह कभी हमाये पहले खाना नहीं खाती थी और हम हमेशा सोचते रहते थे की ऐसा काहे करती है ? , आज समझ आया की वो हमेशा हमे गुड्डू जी कहकर क्यों बुलाती थी ? हमारे कहने के बाद भी उसने कभी हमे गुड्डू कहकर नहीं पुकारा।
उसने कभी हम पर पत्नी होने का हक नहीं जताया जब कभी हमारे सामने होती थी तब उनकी आँखों में एक लाज होती थी। हाँ कभी कभी पत्नी की तरह डांट जरूर दिया करती थी। हमे उन्हें कितना भी परेशान करे उह हमसे कभी नाराज नहीं होती थी बस हम ही कभी कभार उन पर चिल्ला दिया करते थे।”
कहकर गुड्डू की आँखों में फिर नमी उतर आयी , गोलू को अच्छा नहीं लग रहा था पर कही ना कही वह खुश था की चलो गुड्डू के सामने सब सच आ गया अब चाहे उसकी यादास्त आये या ना आये फर्क नहीं पड़ता। कही ना कही गोलू खुश भी था की गुड्डू के मन में जो भरा है आज सब बाहर आ जाएगा इसलिए उसने गुड्डू को रोने दिया और उसे चुप नहीं करवाया बस ख़ामोशी से उसके हाथ पर हाथ रख दिया। गुड्डू ने रोते हुए एक गहरी साँस ली और आगे कहने लगा,”पता है गोलू वो ना हमेशा हमसे कुछ ना कुछ कहती रहती थी बस हम ही उसकी बातो पर ध्यान नहीं देते थे। कितना तंग करते थे हम उन्हें और वो बस मुस्कुरा कर चली जाती थी। जब बनारस गए थे ना तुम्हाये साथ तब भी हमे लगा था जैसे हम वहा पहले भी गए है। उस घर के लोग हमे अजनबी नहीं लगे थे वहा तुमने हमसे शगुन का पति बनने का नाटक करने को कहा जबकि वो सच था है ना,,,,,,,,,,,,,(गोलू ने धीरे से हाँ में गर्दन हिला दी),,,,,,,,,पिताजी सही कहते थे हम सच में बैल ही है बुद्धि नहीं है हम में जे सब हमायी आँखों के सामने होता रहा और हम कुछो समझ ही नहीं पाए। हमायी पत्नी होने के नाते उह दिन शगुन ने हमाये लिए व्रत रखा और हमने का किया उसके साथ हमने उसे घर से बाहर निकाल दिया। पता है गोलू उह ना आखिर तक हमसे कहते रही की हम एक बार उसकी बात सुन ले लेकिन हमने नहीं सुनी,,,,,,,,,,,,,,उस पल हम इतने बुरे इंसान बन गए की हमने उन्हें जाने दिया एक बार भी उन्हें नहीं रोका। इतना सब होने के बाद हमे पता चलता है की हम उस बहुत प्यार करते थे,,,,,,,,,,,,,,,,,कितने नसीबवाले है ना हम गोलू हमे एक ही लड़की से दो बार बार प्यार हुआ , और बदनसीब इतने की हमने दोनों बार ही उन्हें खो दिया। हमे हमायी शादी याद नहीं है गोलू , हमे कुछो याद नहीं है पर जो अहसास हमाये अंदर है ना वो सिर्फ शगुन के लिए है। उसने हमसे पूछा था की क्या हम पिंकी के बिना रह सकते है ? तो हमने का हां लेकिन आज कोई हमसे पूछे की क्या हम शगुन के बिना रह सकते है तो हमारा जवाब होगा नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्योकि हम उनके बिना नहीं रह पा रहे है गोलू ,, इस घर में उनकी यादें जुडी है हम जहा भी जाते है हमे वही नजर आती है ,, इतना प्यार तो हमे कभी खुद से नहीं हुआ था जितना उनसे हो गया है। ये जो भावनाये हमाये मन में है वो सिर्फ उन्ही के लिए है,,,,,,,,,,तुम्हायी शादी वाले दिन हम उन्हें जे सब बताने वाले थे पर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस वक्त हमे कुछ समझ नहीं आ रहा था गोलू”
शगुन के लिए गुड्डू की भावनाये देखकर गोलू का मन ख़ुशी से भर गया वह कुछ कहता इस से पहले ही गुड्डू उठा और कहा,”हम शगुन के पास जायेगे अभी , हाथ जोड़ेंगे , पैर पकड़ने पड़े तो वो भी पकड़ेंगे लेकिन अपने किये की माफ़ी मांगेंगे उनसे ,, उनके साथ जो हमने किया उसकी जो सजा वो देना चाहे हमे मंजूर है बस वो वापस आ जाये”
“अरे भैया रुको,,,,,,,रुको रुको , आधी रात में कहा जाओगे ? शगुन ,बनारस में है सुबह चलेंगे”,गोलू ने गुड्डू को वापस बैठाते हुए कहा
“शगुन हमको माफ़ तो कर देगी ना गोलू ?”,गुड्डू ने मासूमियत से पूछा
“बिल्कुल कर देगी , माना के आप दोनों का वक्त गलत था इसका मतलब जे नहीं है की आपका प्यार गलत था। जितना बुरा आपको लग रहा है भाभी से दूर रहकर उस से कई ज्यादा बुरा उन्हें लग रहा होगा इह बख्त। आप चिंता मत कीजिये भाभी आपको जरूर माफ़ कर देगी”,गोलू ने कहा तो गुड्डू खामोश बैठ गया। उसका मन खाली हो चुका था लेकिन दिमाग अभी भी कही आना कही इस पश्चाताप में था की उसने शगुन का दिल तोड़ा उसे ठेस पहुंचाई। गुड्डू को खामोश देखकर गोलू ने कहा,”चाय पिओगे ? हम बनाकर लाते है”
“पिंकी इह बख्त अकेली होगी तुमहू घर जाओ , अभी तुम्हायी नयी नयी शादी हुई है उसे वक्त दो”,गुड्डू ने कहा
“अरे पिंकिया दो दिन पहले आयी है हमायी जिंदगी में आप उस से पहले हो , हम कही नहीं जा रहे कुछ दिन आपको अकेले छोड़ के देखा था इते बड़े बड़े कांड किये की समेटने में नहीं आ रहे अब”,गोलू ने कहा तो गुड्डू हल्का सा मुस्कुराया
गोलू ने गुड्डू को देखा और कहने लगा,”दिल तो हमने भी बहुत दुखाया है आपका , बकैती करते करते हमने अपनी ही लंका लगा ली। एक बार झूठ बोला फिर उस झूठ को छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़े। हमे माफ़ कर दो यार भैया”
“तुम हमे चाय पिलाने वाले थे”,गुड्डू ने एकदम से कहा
“हां”,गोलू ने कहा
“पिलाओ फिर माफ़ कर देंगे”,गुड्डू ने कहा तो गोलू का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा वह गुड्डू के लिए चाय बनाने निचे चला गया। मिश्रा जी उसने इशारे में बताया की सब ठीक है। गोलू चाय बनाने जाने लगा तो मिश्राइन ने कहा की वह बना देगी। गोलू आकर मिश्रा जी के पास बैठ गया और उन्हें गुड्डू के बारे में बताने लगा
अपने बिस्तर पर बैठा गुड्डू शगुन के बारे में सोचने लगा। एक्सीडेंट से पहले क्या हुआ गुड्डू को कुछ याद नहीं था लेकिन उसके बाद जो पल उसने शगुन के साथ बिताये थे वह एक एक करके उसकी आँखो से सामने आ रहे थे। गुड्डू शगुन के बारे में सोचता रहा और फिर एकदम से उसे ख्याल आया की उसकी शादी शगुन से हुई थी उसने खुद से कहा,”शादी के जोड़े में हमाये साथ कैसी लगी होंगी वो ? कैसे पता करे ? यहाँ तो हमायी शादी का एक फोटो तक नहीं है।”
सोचते हुए गुड्डू की नजर फोन पर पड़ी उसने अपना फोन उठाया और उसमे फेसबुक ओपन किया , गुड्डू को याद आया की प्रीति फेसबुक का इस्तेमाल बहुत करती थी उसने उसके नाम की आई डी सर्च की। 10-12 ID देखने के बाद उसे प्रीति का प्रोफाइल मिला। गुड्डू ने फोटोज में जाकर देखा , थोड़ी स्क्रॉलिंग के बाद उसे एक फोटो मिला गुड्डू ने उसे खोलकर देखा तो उसकी आँखों में ख़ुशी के आंसू भर आये।
फोटो में गुड्डू शादी के कपड़ो में दुल्हन के लिबास में खड़ी शगुन का हाथ थामे मंडप में खड़ा था और दोनों साथ में बहुत प्यारे लग रहे थे। गुड्डू को वो पल याद नहीं थे लेकिन वह उन्हें महसूस कर पा रहा था। उस तस्वीर के साथ प्रीति ने लिख रखा था “माय लवली जीजू होल्ड माय प्रिंसेज हेंड फॉरएवर” गुड्डू ने जब उस लाइन को पढ़ा तो उसे वह पल याद आ गया जब उसने शगुन का वही हाथ थामकर उसे घर बाहर किया था। उसकी आँख से आंसू बहकर फोन की स्क्रीन पर आ गिरा। गुड्डू ने फोन बंद करके साइड में रख दिया तब तक गोलू उसके और अपने लिए चाय ले आया। उसने चाय का कप गुड्डू की तरफ बढ़ाया और कहा,”फिर वही सब के बारे में सोच रहे हो आप ? गुड्डू भैया अपने दिमाग को थोड़ा शांत रखो सब ठीक हो जाएगा बाकी हम सब तो है ही आपके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“उनकी बहुते याद आ रही है यार गोलू , कितना गलत किये ना हम उनके साथ”,गुड्डू ने मायूस होकर कहा
“बात करवाए उनसे , ल्यो अभी फोन मिलाय देते है”,कहते हुए गोलू ने जैसे ही जेब से फोन निकाला गुड्डू ने कहा,”नहीं गोलू हम डायरेक्ट बनारस जाकर ही उनसे बात करेंगे , फेस तो फेस माफ़ी मांगेंगे उनसे भले माफ़ ना करे कम से कम मन हल्का हो जाएगा। अभी फोन रहने दो हम बात नहीं कर पाएंगे”
“ठीक है फिर कल सुबह बनारस चलते है और भाभी को मस्त सरप्राइज देंगे”,गोलू ने कहा और चाय पीने लगा। गोलू ने पिंकी को फोन करके सब बता दिया तो पिंकी को भी तसल्ली मिली की गुड्डू की जिंदगी में अब सब ठीक होने वाला है। उसने गोलू को वही गुड्डू के पास रुकने को कहा। गोलू रात में गुड्डू के पास ही रुक गया , थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गयी लेकिन गुड्डू रातभर जागकर शगुन के बारे में सोचता रहा। नींद से प्यार करने वाले गुड्डू ने आज एक बार भी झपकी नहीं ली वह सुबह होने का इंतजार कर रहा था। सुबह जल्दी गुड्डू नहाकर आया उसने कबर्ड खोला नजर उसमे रखी सफेद पेण्ट और लाल रंग के शर्ट पर चली गयी। गुड्डू ने उन्हें उठाया और पहनकर तैयार हो गया। आँखे ना सोने की वजह से सूज गयी थी और चेहरा भी मुरझा गया था पर गुड्डू को इन की फ़िक्र नहीं थी उसे तो बस शगुन से मिलने की जल्दी थी। उसने गोलू को उठाया और उसके साथ नीचे चला आया। मिश्रा जी और मिश्राइन को नहीं बताया ताकि वे परेशान ना हो।
गुड्डू ने अपनी बाइक निकाली और गोलू से बैठने को कहा। दोनों घर से कुछ ही दूर निकले थे की गोलू के पिताजी का फोन आया और उन्होंने बताया की अचानक से पिंकी की तबियत बिगड़ चुकी है। गुड्डू ने सूना तो उसने कहा,”गोलू हम अकेले चले जायेंगे तुम अभी पिंकिया के पास जाओ”
“उसके साथ अभी सारे घरवाले है गुड्डू भैया हम आपको अकेले जाने नहीं देंगे”,गोलू ने कहा
“गोलू जो गलती हमने की उह तुम मत करो , जे वक्त में पिंकिया के पास भले सब हो पर तुम्हायी मौजूदगी उसे हिम्मत देगी। जब शगुन को हमायी जरूरत थी तब हम उसके साथ नहीं थे हम नहीं चाहते कल को तुम्हे भी ऐसी किसी बात का अफ़सोस हो। तुम जाओ हम चले जायेंगे ,, शगुन से मिलना तय है और इस बार हमे कोई नहीं रोक सकता खुद महादेव भी नहीं,,,,,,,,,,,,,तुम जाओ गोलू”,गुड्डू ने कहा
“ठीक है भैया अपना ख्याल रखना हम चलते है”,कहकर गोलू वहा से चला गया। गुड्डू ने बाइक आगे बढ़ा दी , वह जितनी स्पीड में चला सकता था चलाया। दो घंटे बाद ही बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया , बनारस अभी बहुत दूर था और गुड्डू को पहुँचने की जल्दी आस पास में कोई पेट्रोल पंप भी दिखाई नहीं दे रहा था। गुड्डू बाइक से नीचे उतरा , सूरज निकल चुका था लेकिन अभी ठंड भी थी। उसने वहा से गुजरते एक गाड़ी वाले से पेट्रोल पंप का पूछा तो उसने बताया कुछ ही दूर मिलेगा। गुड्डू पैदल ही बाइक को घसीटते हुए पेट्रोल पंप की तरफ बढ़ गया। आज उसे शगुन से मिलना था और इस मिलन के बीच आने वाली हर परेशानी से लड़ने को गुड्डू तैयार था !

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क्रमश – Manmarjiyan – S94

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan Season 2

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