मनमर्जियाँ – S89
Manmarjiyan – S89
Manmarjiyan – S89
गुड्डू को जब पता चला की गोलू के साथ मिश्रा जी और शगुन ने भी उस से सच छुपाया है तो उसका दिल टूट गया। गुड्डू शगुन को चाहने लगा था और ऐसे में उसके सामने इस सच का आना उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ था। यादास्त जाने के कारण गुड्डू को कुछ भी याद नहीं था और ऐसे में वह किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था। शगुन उस से बात करने आई लेकिन गुड्डू ने उसकी बात नहीं सुनी और दरवाजा उसके मुंह पर दे मारा। शगुन वही कमरे के बाहर बैठी गुड्डू का इंतजार करने लगी। अपने कमरे में लेटा गुड्डू इस वक्त दर्द से भरा हुआ था उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था उसके हाथ में चोट लगी थी। आँखों के आगे शगुन का चेहरा आ रहा था और कानो में कुछ देर पहले शगुन के मुंह से बोला गया सच गूंज रहा था। मिश्रा जी को इन सब की भनक भी नहीं थी वे गोलू के ससुराल में थे।
रातभर गुड्डू जागता रहा इस तनाव के माहौल में उसे वो फ़ोन भी याद नहीं आया जो उसे अंगूठी के साथ मिला था। आज पहली बार गुड्डू की आँखों में नींद नहीं थी। बाहर बैठी शगुन के मन में भी बस गुड्डू का ही ख्याल था। कुछ देर पहले दोनों साथ साथ थे और अब अलग हो गए शगुन को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की ऐसा भी कुछ हो सकता है। गुड्डू ने पहली बार उसके सामने अपने दिल की बात कही वो भी ऐसे नफरत से ,, शगुन का दिल भर आया आँखों से आंसू बहने लगे। इस वक्त वह किसके पास जाये ? किसे अपनी परेशानी बताये ? मिश्राइन और वेदी से कहकर वह मुस्किले बढ़ाना नहीं चाहती थी। रात भर गुड्डू के कमरे के बाहर बैठकर वह सुबह होने का इंतजार करने लगी। सुबह गुड्डू उठा अभी भी उसे शगुन पर गुस्सा था और रात भर में वह फैसला भी कर चुका था। जब उसने शगुन को अपने कमरे के बाहर देखा तो उसने शगुन की बांह पकड़कर उसे उठाया और सीढ़ियों की तरफ ले गया।
“गुड्डू जी मेरी बात सुनिए , मैंने आपसे कुछ भी नहीं छुपाया है। आप एक बार मेरी बात तो सुनिए”,शगुन ने गुड्डू के साथ आते हुए कहा
गुड्डू ने कोई जवाब नहीं दिया उसके चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था। गुड्डू शगुन को लेकर नीचे आया मिश्राइन ने गुड्डू को गुस्से में देखा तो कहा,”ए गुड्डू जे का कर रहा है ? शगुन को ऐसे खींचकर कहा ले जा रहा है ?”
लेकिन गुड्डू ने उनकी बात का भी कोई जवाब नहीं दिया और शगुन को खींचकर उसके कमरे में ले गया। वेदी ने देखा तो वह भी हैरान रह गयी।
“गुड्डू जी मेरी बात सुनिए , आप क्या कर रहे है ? प्लीज एक बार मेरी बात तो सुनिए”,शगुन ने रोते हुए कहा
गुड्डू ने शगुन की बांह छोड़ी कबर्ड खोला उसमे नीचे रखी बैग निकाली और शगुन के कपडे कबर्ड से निकालकर उस बैग में रखने लगा।
“गुड्डू जी ये क्या कर रहे है आप ? आप मेरे कपडे बैग में क्यों डाल रहे है ,, गुड्डू जी एक बार एक बार मेरी बात सुन लीजिये प्लीज”,शगुन ने गुड्डू को रोकने की कोशिश की तो गुड्डू ने तेज आवाज में गुस्से से कहा,”काहे सुने हम तुम्हायी बात ? कल रात तुमने जो कुछो कहा ओके बाद भी कुछो सुनना बाकी है शगुन गुप्ता”
गुड्डू को पहली बार इतने गुस्से में देखा था शगुन ने , एक पल के लिए वह सहम कर पीछे हट गयी। गुड्डू ने शगुन के कपडे उस बैग में डाले और चैन बंद कर दी। गुड्डू की आवाज सुनकर मिश्राइन आयी तो शगुन उनके पास रोते हुए आयी और कहने लगी,”देखिये ना माजी ये क्या कर रहे है ?”
“ए गुड्डू पगला गए हो का ? जे का कर रहे हो ? और जे बैग लेकर कहा जा रहे हो ?”,मिश्राइन ने गुड्डू के हाथ से बैग लेने की कोशिश करते हुए कहा
“जे हमारा और शगुन का आपस का मामला है अम्मा आज अगर हमे रोकने की कोशिश की तो हमारा मरा मुंह देखोगी”,गुड्डू ने जैसे ही कहा मिश्राइन के चेहरे का रंग उड़ गया आज से पहले गुड्डू ने इस तरह की बात कभी नहीं की थी। मिश्राइन ख़ामोशी से साइड हो गयी तो गुड्डू ने बैग उठाया और दूसरे हाथ से शगुन का हाथ पकड़कर उसे कमरे से बाहर ले आया। शगुन रो रही थी और गुड्डू से ये सब ना करने की रिक्वेस्ट कर रही थी पर गुड्डू आज अपने मन को पत्थर का बना चुका था। वह शगुन को लेकर आँगन में आया। मिश्राइन और वेदी भी पीछे पीछे चली आयी दोनों गुड्डू को मना कर रही थी पर गुड्डू ने किसी की नहीं सुनी। जिस शगुन का हाथ थामकर गुड्डू इस घर में लाया था उसी हाथ को थामे वह शगुन को घर से बाहर निकाल रहा था। गुड्डू ने शगुन को बैग दिया और कहा,”चली जाओ यहां से”
“गुड्डू जी मैं कहा जाउंगी ? आप बस एक बार मेरी बात सुन लीजिये मैंने जो कुछ भी किया आपके लिए किया था”,शगुन ने रोते हुए कहा
“कही भी जाओ लेकिन इस घर में अब तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है”,गुड्डू ने नफरत से कहा
“ऐसा मत कहिये गुड्डू जी , मुझसे गलती हुई है लेकिन कम से कम एक बार अपनी सफाई में कहने का मौका तो दीजिये”,शगुन ने कहा।
“अब क्या कहना सुनना बाकि रह गया है शगुन , जिन दो लोगो पर हमने सबसे ज्यादा भरोसा किया उन्ही दो लोगो ने हमे धोखा दिया , हमसे सच छुपाया। तुम्हारे कहने पर हमने गोलू तक को माफ़ कर दिया लेकिन तुमने , तुमने हमे धोखा दिया , झूठ बोला हमसे , हमारे जजबातो से खिलवाड़ किया,,,,,,,,,,,,,,,चली जाओ यहाँ से हम तुम्हायी शक्ल भी देखना नहीं चाहते”,कहते हुए गुड्डू ने मुंह फेर लिया। शगुन की वजह से उसे जो ठेस पहुंची थी उसका दर्द उसकी बातो में साफ झलक रहा था। गुड्डू की नफरत भरी बाते सुनकर शगुन का दिल टूट गया उसने सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसा मोड़ भी आएगा। मिश्राइन बेबसी और लाचारी से शगुन को देख रही थी। वेदी जैसे ही शगुन की तरफ जाने लगी गुड्डू ने गुस्से से कहा,”तुमको ज्यादा हमदर्दी हो रही है इनके साथ , चुपचाप अपने कमरे में जाओ”
वेदी ने सूना तो उसकी आँखों में आंसू आ गए और उसने गुस्से से कहा,”आप बहुत बुरे हो गुड्डू भैया , शगुन गलत नहीं है”
“हमने कहा ना अपने कमरे में जाओ”,इस बार गुड्डू ने चिल्लाकर कहा तो वेदी रोते हुए अपने कमरे में चली गयी। मिश्राइन ने भी गुड्डू को पहली बार इतने गुस्से में देखा था वह उसके पास आयी और कहा,”ए गुड्डू का है जे सब ? काहे इतना गुस्सा हो रहे हो शगुन पर ,, का किया है इसने ?”
“का किया है ? दिल तोड़ा है इसने हमारा और हमारा विश्वास भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसे कह दो चली जाए यहाँ से”,गुड्डू ने गुस्से और तकलीफ भरे शब्दों में कहाँ
गुड्डू जी आप जो सजा देंगे मुझे मंजूर है बस एक बार ठन्डे दिमाग से मेरी बात सुन लीजिये ,, जो कुछ भी हो रहा है उसमे किसी की कोई गलती नहीं है। ये सब मैंने बस आपके लिए किया आपकी सलामती के लिए किया , एक बार,,,,,,,,,,,,!!”
शगुन आगे कुछ कहती इस से पहले ही गुड्डू ने शगुन की बांह पकड़ी और उसे दरवाजे की तरफ धकेलते हुए कहा,”हमे तुम्हारी किसी भी बात पर यकीं नहीं है चली जाओ यहाँ से”
शगुन सामने से आते मिश्रा जी से टकरा गयी। शगुन गिरते गिरते बची क्योकि उस से पहले मिश्रा जी ने उसे सम्हाल लिया और गुस्से से कहा,”गुड्डू”
मिश्रा जी को वहा देखकर मिश्राइन को थोड़ी राहत मिली और उन्होंने उनके पास आकर कहा,”देखिये ना जे गुड्डू का पागलपन कर रहा है , शगुन को घर से बाहर निकाल रहा है हमारी एक नहीं सुन रहा है”
मिश्रा जी ने शगुन को साइड किया और गुड्डू के सामने आकर कहा,”का है जे सब ? इत्ते बड़े हो गए की जे सब फैसले लेने लगे हो ?”
“जे इस घर में ना रहेगी”,गुड्डू ने पहली बार मिश्रा जी से आँखे मिलाकर कहा
“सटाक”,मिश्रा जी ने खींचकर एक तमाचा गुड्डू के गाल पर जड़ दिया गुड्डू ने कुछ नहीं कहा। मिश्रा जी ने खींचकर कर दो थप्पड़ और मारे लेकर गुड्डू के मुंह से एक आह तक नहीं निकली। वह अभी भी मिश्रा जी को देख रहा था। मिश्रा जी को गुड्डू की ये बात नागवार गुजरी उन्होंने गुड्डू को एक थप्पड़ और मारा और गुस्से से कहा,”तुम्हायी इतनी हिम्मत की तुम हमसे नजर मिलाकर बात करोगे”
“हम आपको बहुते मानते थे पीताजी आपकी किसी भी बात को कभी ना नहीं कहा हमने फिर आपने हमसे सच काहे छुपाया ? आप जानते थे गोलू और पिंकी के बारे में फिर हमसे सच क्यों छुपाया ?”,कहते कहते गुड्डू के चेहरे पर बेबसी के भाव दिखाई देने लगे
“हमने सच छुपाया क्योकि हम मजबूर थे गुड्डू लेकिन तुमको कोई हक़ नहीं है तुम शगुन को इस तरह घर से निकालो , तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इसे घर से निकालने की ?”,कहते हुए मिश्रा जी ने गुड्डू को एक थप्पड़ और जड़ दिया और ये शगुन देख नहीं पाई। उसने मिश्राइन से कहा,”माजी उन्हें रोकिये ना”
“आपको हमे जितना मारना है मार लीजिये लेकिन जे हिया नहीं रहेगी”,गुड्डू ने कहा
“शगुन यही रहेगी समझे तुम”,मिश्रा जी ने गुस्से से कहा
“तो फिर हम चले जाते है”,गुड्डू ने मिश्रा जी की तरफ देखते हुए कहा। गुड्डू की आँखों में गुस्सा और दुःख साफ नजर आ रहा था। उसकी नम आँखे देखकर मिश्रा जी का दिल थोड़ा पिघलने लगा और उन्होंने कहा,”गुड्डू गुस्से में कोई फैसला मत लो”
“फैसला आपको करना है पिताजी या तो इस घर में शगुन रहेगी या फिर हम”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
मिश्रा जी ने सूना गुड्डू की बचकानी बातें सुनकर उन्हें उस पर गुस्सा भी आ रहा था और घर के इस माहौल पर तरस भी। गुड्डू इस वक्त कुछ समझने को तैयार नहीं था और ना ही कुछ सुनना चाह रहा था मिश्रा जी ने जैसे ही गुड्डू को कुछ कहने की कोशिश की शगुन ने कहा,”रुक जाईये अगर यही इनका आखरी फैसला है तो मैं इस घर से चली जाउंगी”
“बिटिया जे का कह रही हो तुम ? जे तो बैल है बेवकूफी कर रहा है तुमहू तो समझदार हो तुम ऐसी बात ना करो”,मिश्रा जी ने कहा तो शगुन ने कहने लगी,”नहीं ये बहुत समझदार है इनकी जगह कोई और होता तो शायद यही करता। मैंने इनका भरोसा तोड़ा है इन्हे तकलीफ पहुंचाई है , मेरी सजा यही है की मैं यहाँ से चली जाऊ “नहीं बिटिया जे ना कहो , हमहू बात करते है ना गुड्डू से उह गुस्से में है इहलिये जे सब कह रहा है। तुम्हे कही जाने की जरूरत नहीं है”,मिश्राइन ने कहा
गुड्डू ने सूना तो गुस्से से वहा से चला गया ये देखकर शगुन की आँखों से आंसू बहने लगे। मिश्रा जी आकर तख्ते पर बैठ गए। उन्होंने सोचा नहीं था की ऐसा कुछ भी होगा। गुड्डू जिद पकड़ चुका था और ऐसे में उसे कुछ भी कहना या समझाना बेकार था। शगुन रोते हुए अपने कमरे में चली आयी वेदी ने शगुन को देखा तो उसके गले लगकर रोने लगी और कहा,”मत जाईये ना भाभी , आपने कुछ भी गलत नहीं किया आपने जे सब गुड्डू के भैया के लिए किया है”
“वेदी इस वक्त उन्हें मेरी कोई बात समझ नहीं आएगी , यहाँ रहकर मैं उनकी तकलीफ और बढ़ाना नहीं चाहती हूँ”,शगुन ने वेदी को खुद से दूर करते हुए कहा
शगुन ने अपने गालो पर आये आंसू पोछे और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। उसने शॉवर चलाया और उसके नीचे खड़ी हो गयी। पानी उसके सर से होकर उसके शरीर को भीगाने लगा। उसकी आँखों से आंसू एक बार फिर बहने लगे। नहाकर शगुन बाहर आयी उसने हल्के रंग की साड़ी पहन ली। उदासी और उस घर से जाने का दर्द उसके चेहरे से साफ नजर आ रहा था। गुड्डू से शादी के बाद शगुन को एक दिन भी इस घर में ख़ुशी नहीं मिली थी। हर रोज उसके सामने कोई न कोई नयी मुसीबत आ जाती थी। शगुन ने हर मुसीबत का डटकर सामना किया लेकिन आज वह हार गयी। जिस गुड्डू से वह इतना प्यार करती थी आज उसी गुड्डू की आँखों में उसके लिए नफरत थी। शगुन जाने के लिए तैयार खड़ी थी उसने बाल समेटे और अपनी माँग में सिंदूर लगा लिया। जैसे वह इस घर में आयी थी वैसे ही इस घर से जाना चाहती थी। रोने से उसकी आँखे लाल हो चुकी थी और चेहरा उदासी से घिर चुका था। आज वह बहुत सुंदर लग रही थी। शगुन ने अपना बैग उठाया और जाने लगी तो वेदी ने रोते हुए कहा,”मत जाओ भाभी , गुड्डू भैया आपसे बहुत प्यार करते है। उन्होंने जो कुछ भी कहा वो सब गुस्से में कहा”
“एक पत्नी अपने पति के सुख दुःख के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है लेकिन अपने पति की आँखों में अपने लिए नफरत नहीं देख सकती। गुड्डू जी मुझसे नफरत करने लगे है वो मेरी सूरत तक देखना नहीं चाहते। यहाँ रहुगी तो उनकी तकलीफे कम होने के बजाय और बढ़ जाएगी वेदी,,,,,,,,,,,,,,,अगर हमारी किस्मत में मिलना लिखा है तो हम जरूर मिलेंगे”,शगुन ने आँखों में आंसू भरकर कहा
शगुन की बातें सुनकर वेदी रोने लगी। शगुन ने उसका गाल थपथपाया और अपना बैग लेकर वहा से बाहर चली आयी। मिश्रा जी ने देखा तो मिश्राइन ने साथ शगुन के पास आये और कहा,”जे का कर रही हो बिटिया ? गुड्डू ने कह दिया तो का चली जाओगी ? का हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है तुम पर”
“मुझे आपसे और माजी से कोई शिकायत नहीं है पापाजी , लेकिन अब इस घर में रहकर मैं क्या करुँगी ? गुड्डू जी मुझे यहाँ देखना भी नहीं चाहते पहले ही मेरी वजह से इस घर में इतनी सारी परेशानिया खड़ी हो चुकी है मैं नहीं चाहती अब कुछ और हो। मुझे जाने दीजिये यहाँ रहकर अपने लिए मैं उनकी नफरत नहीं देख पाऊँगी”,कहते हुए शगुन की आँखों में आंसू भर आये
मिश्रा जी ने सूना तो कहा,”नहीं तुमहू कही नहीं जाओगी , हम अभी जाकर गुड्डू को सब सच बता देते है ,, तुम इस घर की बहू हो गुड्डू की पत्नी हो ऐसे कैसे कोई तुम्हे इस घर से जाने को कह सकता है ? हम अभी उसे सब सच बता देते है”,कहकर मिश्रा जी जाने लगे तो उन्हें रोकने के लिए शगुन ने एकदम से उनके सामने आकर कहा,”नहीं पापा जी ऐसा कुछ मत कीजिये , इस वक्त गुड्डू जी गुस्से में है और बहुत परेशान है अगर उन्हें सब सच बता दिया तो उनकी सेहत पर बुरा असर पडेगा और कही ऐसा ना हो उनकी यादास्त हमेशा हमेशा के लिए चली जाये। मैं यहाँ से चली जाउंगी पापा लेकिन उन्हें तकलीफ में नहीं देख सकती , मेरे लिए उन्हें कुछ मत बताईये प्लीज”
“बिटिया जे सही कह रहे है , गुड्डू को सच बताना बहुते जरुरी है वरना उह अपनी और तुम्हायी दोनों की जिंदगी खराब कर देगा”,मिश्राइन ने कहा
“नहीं माजी ऐसी हालत में उन्हें सच नहीं बताना चाहिए , मैं आप दोनों विनती करती हूँ उन्हें कुछ मत बताईये , इस घर में मेरा बसेरा बस इतना ही था शायद ना जाने महादेव ने मेरी और उनकी किस्मत में क्या लिखा है ? यहाँ रहकर मैं उन्हें और तकलीफ देना नहीं चाहती , मुझे यहाँ से जाना ही होगा अपने लिए ना सही गुड्डू जी की ख़ुशी के लिए मैं यहाँ से चली जाउंगी”,कहते हुए शगुन रो पड़ी
मिश्रा जी ने शगुन को अपने सीने से लगाया और कहने लगे,”हमे माफ़ कर दो बिटिया तुम्हायी इस हालत के जिम्मेदार हम है ना हम गुड्डू से तुम्हायी शादी करवाते ना हमे जे दिन देखना पड़ता। का मुंह दिखाएंगे तुम्हाये पिताजी को हम ,, बहु नहीं बेटी समझकर लाये रहय तुम्हे जे घर और आज तुम्हाये लिए कुछो नहीं कर पा रहे है। हमका माफ़ कर दो बिटिया,,,,,,,,,,,हमका माफ़ कर दो”
“नहीं पापाजी आप माफी मत मांगिये। इन सब में आपकी कोई गलती नहीं है सब मेरी किस्मत का दोष है हमारी किस्मत में जब ये सब लिखा है तो इसमें आप सब की क्या गलती ? मेरे घरवालो से इस बारे में कुछ मत कहियेगा , पापा को पता चला तो वो जी नहीं पाएंगे ,, घर में छोटी की शादी है ऐसे माहौल में इस बारे में पता चलेगा तो सब परेशान होंगे।”,शगुन ने कहा
“तुम चिंता ना करो बिटिया महादेव की इतनी बड़ी भक्त हो उह तुम्हाये साथ नाइंसाफी बिल्कुल नहीं करेंगे”,मिश्राइन ने शगुन के सर पर हाथ रखकर कहा तो शगुन उनके गले आ लगी।
“तुमहू जे घर की लक्ष्मी हो बिटिया ऐसे इह घर से चली जाओगी तो का रह जाएगा इह घर में , जरा ठन्डे दिमाग से सोचो हम करते है गुड्डू से बात”,मिश्रा जी ने शगुन को समझाने की कोशिश की लेकिन शगुन उनके पास आयी और कहने लगी,”उनसे शादी के वक्त जो 7 वचन मैंने लिए थे उनमे एक वचन ये भी था की मैंने हमेशा उनकी ख़ुशी का ख्याल रखूंगी। इस वक्त मुझसे इतना नाराज है की मुझे इस घर में देखकर कभी खुश नहीं होंगे पापाजी। यहाँ से चले जाना ही सही रहेगा , अगर हमारे रिश्ते में जरा सी भी सच्चाई है तो गुड्डू जी को एक दिन जरूर अहसास होगा और वो मुझे लेने आएंगे। यहाँ रहकर मैं आप सब की मुश्किलें और बढ़ाना नहीं चाहती। मैं अपने घर चली जाउंगी आपको किसी से कुछ कहने की जरूरत नहीं है”
“लेकिन बिटिया,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,मिश्रा जी ने कहना चाहा तो शगुन ने उनका हाथ अपने सर पर रखकर कहा,”आपको मेरे सर की कसम है मुझे जाने दीजिये , अपने लिए ना सही गुड्डू जी के लिए मुझे मत रोकिये,,,,,,,,,,,,मुझे अपना पत्नी धर्म निभाने दीजिये पापाजी”
मिश्रा जी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कैसे शगुन को जाने से रोके ? शगुन अपनी जगह सही थी आखरी कब तक वह इस घर में रहकर गुड्डू की नफरत देखती उन्होंने शगुन को जाने की अनुमति दे दी और उसे कुछ देर रुकने को कहा। ड्राइवर से कहकर गाड़ी मंगवाई। कुछ देर बाद गाड़ी आ गयी शगुन उठी और जाने लगी , चलते चलते वह रुकी और मिश्रा जी मिश्राइन से कहा,”अनजाने में मुझसे कोई गलती हुयी हो तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा”
“कैसी बातें कर रही हो बिटिया ? गलती तो हमसे हुई है जो हमने तुम दोनों को इस रिश्ते में बांधा।”,मिश्राइन ने आँखों में आंसू भरकर कहा
शगुन ने घर की दहलीज के बाहर कदम रखा उसे वो दिन याद आ गया जिस दिन गुड्डू का हाथ थामे वह इसी दहलीज से घर के अंदर आयी थी और आज ऐसे बाहर जाएगी उसने कभी सोचा नहीं था। शगुन की आँखों में नमी तैर गयी। शगुन गाड़ी के पास आयी दरवाजा खोला। जाने से पहले गुड्डू को आखरी बार देखना चाहती थी इसलिए ऊपर गर्दन उठायी लेकिन गुड्डू वहा नहीं था। शगुन गाड़ी की पिछली सीट पर जा बैठी। मोहल्ले के लोगो को अब तक भनक लग चुकी थी की मिश्रा जी के घर में कुछ तो हुआ है। कोई घर के दरवाजे तो कोई खिड़की पर खड़ा गाड़ी में बैठी शगुन को देख रहा था। ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी शगुन की आँखों से आंसू बहने लगे। गाड़ी में लगे सिस्टम के रेडिओ पर धीमी आवाज में कोई गाना चल रहा था
“गंगाजल सी पावन है ये , किस किस को समझाएगी ?
हर खिड़की , हर दरवाजे से , इक ऊँगली उठ जाएगी
सीता बनकर भी नारी को , चैन मिला ना जीवनभर
बाहर है रावण की सेना , और घर में है राम का डर
इसकी लाज तो बच गयी पर विश्वास का दर्पण टूटा है
कदम कदम पर इस अबला को हर रिश्ते ने लूटा है,,,,,,,हर रिश्ते ने लूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन इक मेहँदी का बूटा है…….. !!
म्यूजिक क्रेडिट – कुमार सानू सर (मेहँदी)
ये गाना स्पेशली महिलाओ के लिए है इसे आप यूट्यूब पर सुन सकती है बहुत अच्छा गाना है और बहुत मीनिंगफुल भी !
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क्रमश – Manmarjiyan – S90
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संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi emotional part tha maam ansoo ruk hi nhi rhe they dono hi apni jagah sahi h dekhte h mahadev n kya likha h unki kismat m
Ufff….very emotional and touching…….rula daala aaj tu
Oohh.. guddu ne to aaj haad hi kr di…. Lekin samjh bhi jayega jab usse ehsaas hoga ki wo shagun se pyar krta hai…..
Bs ab issi baat ka intzaar rahega ki sab theek ho jaye…..
🤞🤞🤞🤞🤞 Keeping fingers crossed
सही कह रही थी आप संजना जी कि आने वाले भाग बहुत ही भयभीत करने वाले होंगे…और आज के इस भाग में ये साबित भी हो गया…अब शगुन के जाने के बाद शायद गुड्डू को उसकी कमी महसूस हो और फोन के जरिए उसे सच पता चले…पर आज तो गुड्डू का अलग ही रुप सामने आया है …सेड फील फोर शगुन… जब से इस घर में आअई थी, एक दिन भी खुशी का नहीं बीता उसका😭😭😭😪😥😓
Realy aaj rola hi diya tha is episode ne
I am realy very sad
mam aaj to rula hi diya aapne
Very sad episode
acha ni kiya guddu ne mam sagun ke liye bht bura lgta shuru se iske sath glt Hota aaya h
mera to rona hi ni ruk raha kitti emotional part tha..ufff ye guddu nasamjh hai bhut..bhut bhut gussa aa rha h guddu pe itta gussa i hate him..shagun ke layak hi ni h vo 😒😖
Nice story emotional part
😢gusse mai insaan ka dimag sahi galt ke bare mai sochna band ker deta h, aur logo ke bare mai galt ray bna leta h, guddu ko eak bar shagun ki bat sun lene thi.
Jab ehsaas hoga..tbh jarur lenege jaega…ar ithihass WPS douraega….!!!🤓🤓
Aaj toh sach mein rula diya mam aapne 😢shagun Ne guddu se kitna pyaar kiya har baar bas uski khushi uske comfort ke bare mein socha Guudu ne iski situation samazne ki thodi si bhi koshish nhi ki yahi fark hai ek aurat aur ek mard mein Aurat hamesha apne se pehle dusro ke baare mein sochti hai aur mard Kahi na kahi apna Ego bich mein le aata hai khair dekhte hai aage kya hota hai but it’s the most emotional part of whole story 😢 khair Ummid pe duniya kayam hai jo hota hai acche ke liye hota hai bas guddu voh phone dekh le par ek baat agar guddu shagun ko golu ki shadi mein propose kar deta toh uska Shagun ko Assi ghat par propose karne ka sapna adhura reh jata
Bahut hi emotional part hai te di
Or ye bhi sach bai ki gusse main insaan sahi galat ka fark karna bhul hi jata hai waisa hi guddu bhaiya ke sath bhi hua or shagun ke liye bhi bahut hi bura lga ki bechari jas se shadi karke is ghar main usko wo khushiya nahi mili jo milni chahiye thi
Baki to mahadev jane kab in dono ke naseeb main milna likha hai
बड़ा ही डरावना समय है😭😭😭
Bht jyada emotional part tha, superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌
Very emotional
Yaar Sanjana ji …yeh kya Kar diya…yeh toh sab kuch bahut hee ulajh gaya…Guddu aisa toh na tha…bahut hee rula diya …shagun ke liye bahut dukh ho raha hai……❤️❤️😔😔😔😔
☹️☹️☹️☹️☹️☹️
guddu ne aaj gusse me bhut bada kadam utha liya lagta h ab dono banras me hi wapas milege akhir alag bhi to wahi hue the, bas jaldi sab thik ho jaye
ma’am plz itna bhi dard mat dijiye hamari Shagun ko.jaldi se in dono ko ek kar dijiye
Very emotional part Guddu bahute bure ho yar
बहुत ही मार्मिक भाग रहा आज का , ऐसा लगा के सबकुछ आंखो के सामने ही हो रहा हो ।
अब जल्दी से गुड्डू फोन में वीडियो देख ले बस,,,,
Bahut jyada emotional part tha but kahte h jo hota h ache ke liye hota h
Bhut galat ho rha h bt isme guddu ki bhi koi galati nhi h use to yaad hi nhi h or jise yaad h wo sb sah rhi h very imotional part
Aaj ka part to bahut hi emotional tha ab to jald hi guddu ko sach pata chal jana chahiye
बहुत ही दुख भरा पार्ट था आपके बताए गए अनुसार कुछ ज्यादा भयभीत था एकदम से दिल खाली हो गया की महादेव जाने आगे क्या क्या होगा। गुड्डू को कब याददास्त आएगा ये तो पता नहीं लेकिन ये भाग बहुत ही ज्यादा इमोशनल है आंखों से गंगा जमुना की तरह धार बही है पढ़ते पढ़ते।
Ohhh…gussa insaan ki sochne samjhne ki shakti khatan kar deta hai ..wahi Guddu ke sath hua hai ….arrre sun toh lo ik bar uski bhi ..jis se mohabbat ke Dave hai bade bade😡
Ab damad ji ko shadi mein toh aana hi hai…..ab jab sach janke ayenge toh or bhi maza ayega…or apni gti ka Ashsaas karke ayenge..Guddu maharJ😂👍
Outstanding part ❣️
मैम आज का भाग इमोशनल तो बहुत था…मैम चलों गुड्डू की तबियत खराब हैं…इसलिए शगुन शादीं का सच नहीं बताना चाहतीं… लेकिन मैम शगुन को ये भी सोचना चाहिए कि एक सच छिपाया तो ये सब हो गया…फिर शादी का सच छिपाने पर क्या होगा…मुझें शगुन के लिऐ बुरा लग रहा हैं…लेकिन गुड्डू गुस्सा करके उसकों इतना सुना रहा हैं…तो शगुन तो उसकी पत्नी हैं…पूरे हक से सच बताकर चिल्लाकर अपनीं बात कहतीं… जो होना होता वो होता…कोशिश किये नहीं औंर रो धोकर वापस चल दियें… वो भी तब जब पूरा परिवार आपके साथ हैं…मैम बुरा मत मानना… मैं किसी को निगेटिव कमेंट नहीं देता…जो परिस्थिति अभी खराब हुई हैं…उससे भी खराब कुछ हो सकता हैं क्या…फिर शगुन ने खुद सच नहीं बताया औंर ना ही…मिश्रा जी को बताने दिया…लेकिन गोलू को ये बात पता चलेगी तो क्या… वो चुप रहेगा…ये भी सोचना मैम🙏
real life me is se bhi bura hota hai , shagun sab bta sakti thi lekin uske bad wah guddu ko hmesha ke liye kho deti .guddu shadishuda hai ye batane se jyada behtar hai ki use ahsas dilaya jaye taki wah shagun ko as a wife apna sake ,, galtiya sabne ki hai or unka sudhar bhi karenge ,, aage sab thik hoga
Mam kitne kand likhe hai apne inki zindagi me…. AB to guddu or sagun ko Ek kar dijye……. 😥😰😭
Very very emotional part 😭😭😭
सच.में.. आज तो रूला ही दिया आप’ने .अब जल्द ही सच्चाई गुड्डू के सामने आये और जितना रूलाया, उतना ही हसाईये, खुशींया बिखेंरीये.😪🖕आप…
Aj ka part bhut emotional thaa 😓😓😓😓
मैम आपकीं बात सहीं हैं…लेकिन मेरे कहने का मतलब हैं…दूध का जला छाछ भी फूककर पीता हैं…फिर यहां एक सच छिपाया तो ये हाल हो गया…तब दूसरा सच छिपाने की क्या जरुरत हैं…मानतें हैं कहानी फिल्मों में सीक्वेंस के हिसाब से कुछ ऊपर नीचे दिखाया जाता हैं….औंर रहीं बात गुड्डू को शगुन के लिऐ नये फीलिंग महसूस कराने की तो…इतने दिन से तो यहीं महसूस कराया जा रहा था…औंर दूर जाकर तो औंर दूरी बढ़ेगी… इसलिए कोशिश तो शगुन को ही करनीं पड़ेगी फिर से गुड्डू में अहसास जगाने के लिऐ…बाकि आप जो भी लिखोगी अच्छा ही लिखोगी🙏😊
Shagun ke liye bahut hi jyada dukh ho rha h😢song sach me bahut achha h
Very emotional part👌👌👌👌