मनमर्जियाँ – S88
Manmarjiyan – S88
Manmarjiyan – S88
सुचना – कहानी के आने वाले भाग पाठको को थोड़ा विचलित कर सकते है। जैसा की सभी जानते है मेरी कहानियों में दो लोगो का मिलना इतना आसान नहीं होता , वैसे ही गुड्डू की जिंदगी में भी एक आखरी बवाल होना जरुरी है। कहानी का सेकेण्ड सीजन भी खत्म होने जा रहा है और इसी के साथ ये कहानी भी अपने अंत पर है ,,,,,,,,,,,,,,,,पढ़ते रहे मनमर्जियाँ मेरे साथ
गुड्डू को अहसास हो चुका था की वह शगुन से प्यार करने लगा है। वही गुड्डू का प्यार और साथ पाकर शगुन बहुत खुश थी। गोलू की शादी ने उन दोनों को और करीब ला दिया था। शगुन वेदी के पास खड़ी थी स्टेज पर फोटो खिचवाने और आशीर्वाद वाले लोग थे। गुड्डू मनोहर भी चले आये तो गोलू ने उन सबको ऊपर आने का इशारा किया। गुड्डू गोलू की तरफ तो शगुन पिंकी की तरफ आकर खड़े हो गए। मनोहर और वेदी ने देखा तो उनके पास आकर खड़े हो गए और दोनों को आगे खिसको बोल बोल कर एक दूसरे के पास लाकर खड़ा कर दिया। गुड्डू और शगुन एक दूसरे के पास खड़े थे। दोनों ने जैसे ही एक दूसरे को देखा फोटोग्राफर ने वही फोटो क्लिक कर लिया। सभी स्टेज से नीचे उतर आये। गोलू और पिंकी के फेरो का वक्त हो चला था इसलिए सभी मंडप में चले आये। बाकि को बचे थे वे सब खाना खाने चले गए। गोलू और पिंकी मंडप में बैठे थे। वेदी को पिंकी ज्यादा पंसद नहीं थी इसलिए वह हिना के साथ बाहर खाना खाने चली गयी। शगुन मिश्राइन के साथ थी और गुड्डू अपने दोस्त गोलू के बगल में बैठा था। पंडित जी ने शादी की रस्मे शुरू की। गुड्डू वहा बैठा सब देख रहा था , वहा बैठे लोगो और उस माहौल को देखकर गुड्डू को अजीब सी घुटन होने लगी। उसे लगा जैसे ये सब वह पहले भी देख चुका है , किसी का हाथ थामकर इस अग्नि के फेरे ले चुका है। गुड्डू का सर चकराने लगा तो वह उठा और गोलू से कहा,”हम थोड़ी देर में आते है”
“हम्म्म !”,गोलू ने कहा तो गुड्डू वहा से निकल कर बाहर चला आया। बाहर खुली हवा में आकर गुड्डू खुद से ही कहने लगा,”जे सब का हो रहा हमाये साथ हमे ऐसा काहे लग रहा है जैसे हम जे सब पहिले भी देख चुके है। जे मंडप , जे लोगो की भीड़ , जे शहनाई ऐसा लग रहा है जैसे सब हमारी आँखों के सामने पहले भी घट चुका है। जैसे किसी का हाथ थामकर हम पहले भी इस अग्नि के फेरे लगा चुके है,,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है हम कुछ ज्यादा ही सोच रहे है। गोलू अंदर अकेला ही है हमे उसके पास जाना चाहिए”
सोचते हुए गुड्डू ही पलटा पीछे खड़ी शगुन से टकरा गया। शगुन ने गुड्डू को देखा और कहा,”आप यहाँ क्यों चले आये ?”
“कुछ नहीं वो हमे भीड़ में रहने की आदत नहीं है न तो थोड़ा अजीब लग रहा था इसलिए चले आये”,गुड्डू ने शगुन को परेशान ना करने का सोचकर झूठ बोल दिया। शगुन मुस्कुराई और कहा,”कभी कभी ऐसा होता है लेकिन ये सब भी हमारी जिंदगी का हिस्सा है”
“अच्छा शगुन एक बात पूछे तुमसे ?”,गुड्डू ने एकदम से कहा
“हाँ पूछिए”,शगुन ने कहा
“जे शादी देखकर तुम्हे कैसा लग रहा है ? मतलब कुछो अजीब लग रहा है”,गुड्डू ने पूछा
“अजीब क्यों लगेगा ? मुझे तो बल्कि अच्छा लग रहा है की गोलू जी की शादी हो रही है”,शगुन ने कहा
“हम्म्म खैर छोडो चले चलते है”,कहते हुए गुड्डू शगुन के साथ वापस अंदर चला आया। गोलू ने पिंकी को मंगलसूत्र पहनाया , उसकी मांग में सिंदूर भरा और सात फेरो के बाद पिंकी उसकी पत्नी बन कर उसके बांये भाग में आकर बैठ गयी। गोलू ने गुड्डू की तरफ देखा तो गुड्डू मुस्कुरा दिया और अपनी ऊँगली अंगूठे से साइन बनाकर गोलू की तरफ इशारा किया की दोनों की जोड़ी अच्छी है। पिंकी के लिए गुड्डू के मन में अब कोई भावना नहीं बची थी , ना गुस्सा बचा था ना ही कोई रंजिश वह बस खुश था।
सभी मंडप से उठे बाहर लॉन में ही दूल्हा दुल्हन के लिए खाने का टेबल लगाया हुआ था। पिंकी की बहने , भाई , सहेलिया आ गयी। गोलू के साथ गुड्डू , मनोहर थे ही। गोलू ने शगुन को भी अपने साथ बुला लिया लेकिन उन सबके बीच शगुन थोड़ा असहज महसूस कर रही थी इसलिए उसने गोलू से कहा की वह अलग से खा लेगी। गुड्डू ने सूना तो गोलू से कहा,”हम भी शगुन के साथ खा लेते है , गोलू आज तुम्हायी शादी है , तुम्हायी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन ,, आज तुम्हारा सारा वक्त तुम्हायी पत्नी के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,” कहते हुए गोलू ने एक गुलाबजामुन उठाया और गोलू को खिला दिया
“गुड्डू हमे तुमसे कुछ कहना है”,पिंकी ने कहा
“पिंकीया हमने तुम्हे माफ़ किया अब आज से तुम हमायी भाभी हो और भाभी होने के नाते जे मीठा हम अपने हाथ से खिलाएंगे तुमको”,कहते हुए गुड्डू ने एक टुकड़ा पिंकी को भी खिला दिया। पिंकी ने गुड्डू को देखा तो उसे बहुत अच्छा लगा। सब गीले शिकवे भूलकर गुड्डू उसे माफ़ कर चुका था। शगुन तो खुश थी ही। गुड्डू शगुन के साथ वहा से दूसरी तरफ चला आया।
“तुम बैठो हम लेकर आते है”,गुड्डू ने कहा
“आप बैठिये मैं लेकर आती हूँ”,शगुन ने कहा
“तुम दोनों को ही कही जाने की जरूरत नहीं है हम ले आये है”,कहते हुए मनोहर ने दो प्लेट खाना टेबल पर रख दिया और फिर जाने लगा
“मनोहर तुम नहीं खाओगे ?”,गुड्डू ने पूछा
“गुड्डू हमे कबाब में हड्डी बनने का कोई शौक नहीं है , खामखा शगुन हमे कोसेगी”,मनोहर ने मुस्कुरा कर कहा और वहा से चला गया
गुड्डू शगुन दोनों साथ साथ खाना खाने लगे। खाने के बाद मिश्रा जी ने गाड़ी बुलवा ली उन्होंने मिश्राइन , शगुन और वेदी को अब घर निकलने को कहा।
गोलू के कहने पर गुड्डू वही रुक गया साथ में मनोहर को भी रोक लिया। गुड्डू नहीं चाहता था शगुन वहा से जाये अभी उसे शगुन से अपने दिल की बात जो कहनी थी। गुड्डू की भी भगवान ने सुन ली गाडी आने में अभी थोड़ा वक्त था। गोलू आया और शगुन को अपने साथ ले गया। गुड्डू ने देखा तो वह भी उनके पीछे चला गया यही अच्छा मौका था जब वह अंगूठी देकर शगुन को अपने दिल की बात बता सकता था। गोलू शगुन को लेकर एक गैलरी में आया जहा पिंकी पहले से खड़ी थी। शगुन ने गुड्डू पिंकी को वहा देखा तो थोड़ा हैरान हुई और कहा,”गोलू जी आप मुझे यहाँ क्यों ले आये ?”
गोलू ने कुछ नहीं कहा उसने पिंकी की तरफ देखा तो तो पिंकी आगे बढ़ी और शगुन के गले लगाकर कहने लगी,”थैंक्यू सो मच शगुन तुम नहीं होती तो ये कभी नहीं होता। तुम्हारे साथ की वजह से ही आज हम और गोलू साथ है इसके लिए तुम्हारा जितना शुक्रिया अदा करू कम है। तुमने साबित कर दिया की तुम सिर्फ एक अच्छी पत्नी ही नहीं बल्कि एक बहुत अच्छी इंसान भी हो जिसका दिल हम सबसे बड़ा है”
गुड्डू भी उसी ओर चला आया लेकिन जैसे ही गोलू की आवाज सुनी कुछ दूर पहले ही दिवार की आड़ में रुक गया। उसे उन तीनो की बातें साफ़ सुनाई दे रही थी। गुड्डू ने अपने जेब से अंगूठी निकाली और मन ही मन कहा,”अच्छा है शगुन यही मिल गयी अब हम गोलू के सामने ही उसे अपने मन की बात कहेंगे”
गुड्डू सोच ही रहा था की तभी उसके कानो में गोलू की आवाज पड़ी वह शगुन से कह रहा था,”पिंकी की प्रेग्नेंसी वाली बात सिर्फ आपको और आनंद चाचा को पता थी , गुड्डू भैया के साथ रहकर भी आप दोनों ने उनसे जे बात छुपाई , उन्हें पता चलता की पिंकी हमायी वजह से प्रेग्नेंट है तो उसे बहुत दुःख होता। पर भाभी आपने हमाये प्यार को ही नहीं बल्कि हमाये भरोसे को भी बचाये रखा। शुरू से सब जानते हुए भी आप गुड्डू भैया के सामने अनजान बनी रही , कितना मुश्किल रहा होगा आपके लिए जे सब करना पर आपने किया हमाये लिए , पिंकी के लिए और हमाये होने वाले बच्चे के लिए,,,,,,,,,,,,,आज आप हमसे कुछ भी मांग लीजिये हम ना नहीं कहेंगे”
“मुझे आप दोनों से कुछ नहीं नहीं चाहिए गोलू जी बस आप दोनों हमेशा खुश रहे”,शगुन ने मुस्कुरा कर कहा
गुड्डू ने जैसे ही सूना की शगुन को सब पता था उसका दिल टूट गया। गोलू ने उस सच छुपाया लेकिन शगुन ने भी उस से ये सब छुपाया और साथ ही मिश्रा जी ने भी। और तो और इन्होने इस सब में गोलू और पिंकी की मदद भी की। गुड्डू सबसे ज्यादा प्यार मिश्रा जी से करता था और सबसे ज्यादा भरोसा शगुन पर लेकिन जब पता चला की इन सब में शगुन भी शामिल थी तो गुड्डू का दिल टूट गया। उसका दिल भर आया गुस्से और तकलीफ के साथ ताली मारते हुए गुड्डू दिवार के पीछे से उन तीनो के सामने आया। जैसे ही तीनो ने गुड्डू को वहा देखा तीनो के चेहरे फीके पड़ गए। कोई कुछ कहता इस से पहले ही गुड्डू ने कहना शुरू किया,”बहुते सही गेम खेला है सबने मिल के”
“गुड्डू जी आप जो सोच रहे है वैसा कुछ भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शगुन ने जैसे ही कहना चाहा गुड्डू ने गुस्से में शगुन की तरफ देखा और कहा,”एक शब्द और मत बोलना शगुन गुप्ता , हमने तुम्हे अपना समझा और तुमने का किया इन सबके साथ मिलकर अब तक हमाये जज्बातो से खेलती रही”
हमे लगता था की गोलू के बाद एक तुम्ही हो जो हमे समझती हो , हमायी भावनाओ को समझती हो पर हम गलत थे शगुन इन सब के साथ मिलके तुमने हमे धोखा दिया है। पसंद करते थे तुम्हे , बहुते पसंद करते थे , प्यार करने लगे थे तुमसे,,,,,,,,,,,,,,जे अंगूठी भी तुम्हाये लिए लेकर आये थे ताकि तुम्हे अपने की बात कह सके पर तुमने हमारा दिल तोड़ दिया,,,,,,,,,,,,!!!”
कहते हुए गुड्डू ने अपने हाथ में पकड़ी अँगूठी को फेंक दिया। शगुन ने सूना तो उसकी आँखों में आंसू आ गए वह उस वक्त क्या कहे क्या नहीं उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने सोचा भी नहीं था की थोड़ी देर पहले उसके साथ खड़ा हसने मुस्कुराने वाला गुडडू ऐसे गुस्सा हो जायेगा। गोलू और पिंकी ने गुड्डू की बात सुनी तो उन्हें भी शगुन के लिए बुरा लगा लेकिन गुड्डू अपनी जगह सही था एक बार नहीं बल्कि दो दो बार उसका एक ही बात की वजह से दिल टूटा था। इस वक्त वहा खड़े हर शख्स ने उसका दिल दुखाया था। थोड़ी देर पहले गुड्डू की जिन आँखों में शगुन के लिए प्यार था अब उनमे गुस्सा और तकलीफ नजर आ रही थी। गोलू गुड्डू के पास आया और कहा,”गुड्डू भैया इन सब में शगुन का कोई दोष नहीं है हम समझाते है आपको”
“का समझाओगे तुम गोलू , दिल तो हमारा टूटा है पहले तुमने झूठ कहा और अब जे शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमने कभी सोचा भी नहीं था की शगुन हमसे जे सब छुपाएगी”,गुड्डू ने गुस्से से गोलू का हाथ झटककर कहा
शगुन गुड्डू के सामने आयी और भरे गले से कहने लगी,”आपको जो सजा देनी है आप दीजिये , गुस्सा करना है कर लीजिये बस एक बार मेरी बात सुन लीजिये। जो कुछ भी हुआ वो सब इतना उलझा हुआ था की उस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था। आपकी तबियत भी ठीक नहीं थी और ऐसे में ये सब बातें,,,,,,,,,,,,,,,मैं मजबूर थी गुड्डू जी , मैंने कभी आपका दिल दुखाने या आपको ठेस पहुँचाने का नहीं सोचा है। मैं ख्वाब में भी कभी ऐसा नहीं कर सकती ,, आपने जो सूना वो सच है लेकिन उस सच के पीछे की वजह आप नहीं जानते। आपने कहा आप मुझसे प्यार करते है ये कुछ लफ्ज सुनने के लिए मैंने बहुत इंतजार किया है गुड्डू जी। प्लीज ये सब भूल जाईये”
गुड्डू ने शगुन का हाथ झटका और कहा,”झूठ बोलने वालो को हम कभी माफ़ नहीं करेंगे शगुन और तुमने तो हमारे जज्बातो से खेला है तुम्हे तो हम कभी माफ नहीं करेंगे”
“गुड्डू जी , गुड्डू जी ऐसा मत कहिये , मैंने जो कुछ भी किया वो सबकी भलाई के लिए किया। मैं आपका दिल दुखाना नहीं चाहती थी गुड्डू जी मेरी बात सुनिए,,,,,,गुड्डू जी , गुड्डू जी”,शगुन ने गुड्डू को रोकने की कोशिश की लेकिन गुड्डू अपने गुस्से में वहा से चला गया। पिंकी ने देखा तो उसने शगुन को सम्हाला। जिन चेहरो पर ख़ुशी थी वो अब एकदम से गायब हो गया। गोलू को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की अचानक से ये क्या हुआ ?
“हमे माफ़ कर दो भाभी सब हमायी वजह से ना हमको आपको यहाँ लेकर आते और ना ये सब,,,,,,,,,,,,,,,आपने हमे ख़ुशी दी और हम आपकी खुशियों के दुश्मन बन गए”,गोलू ने शगुन के सामने इमोशनल होते हुए कहा
“ये सब तो एक दिन होना ही था गोलू जी,,,,,,,,,,,,मैं उन्हें सम्हालती हूँ यहाँ जो कुछ भी हुआ वो बाहर नहीं जाना चाहिए प्लीज”,शगुन ने अपने आंसू पोछते हुए कहा तो गोलू का दिल भर आया ऐसे वक्त में भी शगुन को गुड्डू की परवाह थी
शगुन वहा से चली गयी और बाहर मुस्कुराते हुए आयी जैसे कुछ हुआ ही ना हो , लेकिन अंदर ही अंदर उसका दिल कटता जा रहा था। गुड्डू ने शगुन के सामने अपनी भावनाये जाहिर भी की तो गुस्से में , गुड्डू उस से प्यार करने लगा है जानकर शगुन को एक सुकून था तो साथ उसे खो देने का डर भी। बाहर आकर शगुन ने वेदी से गुड्डू के बारे में पूछा तो वेदी ने कहा,”गुड्डू भैया तो अभी अभी घर के लिए निकल गए”
“हम्म्म “,शगुन ने कहा जबकि मन ही मन गुड्डू को लेकर घबरा रही थी
“गुड्डू भैया गुस्से में थे कुछ हुआ है क्या भाभी ?”,वेदी ने पूछा
“नहीं वेदी वो गुड्डू जी चाहते थे मैं भी उनके साथ यही रुक जाऊ लेकिन मैंने मना कर दिया तो बुरा मान गए”,शगुन ने वेदी से झूठ कह दिया
“शगुन , वेदी चलो गाड़ी आ गयी है”,मिश्राइन ने कहा तो दोनों उनके साथ वहा से चली गयी। मिश्रा जी वही रुक गए क्योकि अभी विदाई और कुछ रस्मे बाकी थी। मिश्रा जी का वहा होना जरुरी था ताकि शर्मा जी और गुप्ता जी में कोई अनबन ना हो जाये लेकिन आने वाले तूफान से अनजान थे।
घर आकर गुड्डू अपने कमरे में चला आया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था बस गुस्सा आ रहा था उस गुस्से को वह शगुन पर तो निकाल नहीं सकता था इसलिए अपना हाथ जोर से ड्रेसिंग के मिरर पर दे मारा। हाथ से खून बहने लगा दर्द भी हो रहा था लेकिन उस से ज्यादा तकलीफ गुड्डू को इस बात से थी की गोलू की तरह शगुन ने भी उस से झूठ कहा। इन दिनों गुड्डू शगुन के बहुत करीब आ चुका था और यही वजह थी की शगुन का झूठ वह बर्दास्त नहीं कर पाया
अपने कमरे में बैठा गुड्डू ख़ामोशी से जमीन को ताक रहा था। उसके दिमाग में कई सारे ख्याल एक साथ चल रहे थे और इस वक्त गुड्डू को तकलीफ पहुंचा रहे थे
शगुन घर पहुंची अंदर आकर वह सीधा ऊपर चली आयी। मिश्राइन और वेदी को इस बारे में कुछ पता नहीं था इसलिए दोनों अपने अपने कमरे में सोने चली गयी। शगुन गुड्डू के कमरे में आयी जैसे ही उसकी नजर गुड्डू के हाथ पर गयी तो उसका दिल धड़क उठा गुड्डू के हाथ से खून बहता देखकर शगुन ने जैसे ही उसके हाथ को थामना चाहा गुड्डू ने शगुन का हाथ झटका और कहा,”चली जाओ यहाँ से”
“गुड्डू जी आपके हाथ पर चोट लगी है , खून बह रहा है मुझे देखने तो दीजिये प्लीज,,,,,,,,,,,,!!!”,शगुन ने कहा तो गुड्डू ने उसकी बांह पकड़ी और उसे अपने करीब करके कहा,”इस से भी ज्यादा तकलीफ हमे इस बात से हो रही है शगुन की तुमने हमसे सच छुपाया”
“आई ऍम सॉरी , आई ऍम सॉरी गुड्डू जी , मैं ऐसा कुछ भी करना नहीं चाहती थी लेकिन उस वक्त परिस्तिथि ऐसी थी की कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैंने कभी आपसे झूठ नहीं बोला है , कभी कुछ नहीं छुपाया है सिवाय इस बात के,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी गुड्डू जी प्लीज एक बार मुझे आपका हाथ देखने दीजिये। मेरी गलती की सजा आप खुद को मत दीजिये प्लीज,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने रोते हुए कहा
शगुन को अपनी परवाह करते देखकर गुड्डू को चुभन का अहसास हो रहा था। उसने शगुन को कमरे से बाहर करते हुए कहा,”जे परवाह दिखाकर का साबित करना चाहती हो शगुन की तुम बहुत अच्छी हो , बहुत परवाह है तुम्हे हमायी,,,,,,,,,चली जाओ यहाँ से”
“गुड्डू जी मेरी बात तो सुनिए,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कहना चाहा तो गुड्डू ने उसके मुंह पर दरवाजा बंद करते हुए कहा,”हमे तुमसे कोई बात नहीं करनी है शगुन चली जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,,,जाओ” आखरी शब्द गुड्डू ने चिल्लाकर कहा। शगुन की आँखो से आंसू बहने लगे वह वही दरवाजे के पास बैठकर दरवाजे के खुलने का इंतजार करने लगी। उसकी आँखों से आंसू बहने लगे अंदर गुस्से की आग में जलता गुड्डू बिस्तर पर आकर गिर गया उसकी आँखों के सामने शगुन के साथ बिताये पल एक एक करके आने लगे। गुस्सा अब तकलीफ का रूप ले चुका था और उसकी आँखों से बहकर आँसू उसकी कनपटी से होकर गुजर गए।
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संजना किरोड़ीवाल
Nice story
ohhhh nooooooooooo yaaarrrrr ye kyaaaa huaaaaa😔😔😔😔😔
यार ये तो बहुत बुरा हुआ…इस गोलू को सारी बातें अभु कहनी थी, कौन सख वो कहीं भागा जा रहा था😠😡😡😠 अब तो मिश्रा जी को कुछ करना होगा, साथ में गोलू और शगुन को भी
Abhi to bhut hi bada dhakka lagega guddu ko jb usse pta chlega hi udki shaadi shagun se ho chuki h
Mam vaise hi shagun aur guddu ki life suru se complicated hai but aub jald hi sab normal kar dijiye. Aur abhi hum inki love story bhi padhna chahte hai to plz jald hi inki ulzhane suljhaiye
Mujhe toh pahle pata tha aisa kuch itni asani se toh milne nhi ye dono
Abhi golu ke phone ka main role toh baki hai..
Ooppsss… 😥😥😥😥 Yeh kya hua…. Guddu ka lag raha ki shagun ne usse jhooth par jhooth bola … Lekin sach bhi ek din samne aana hi tha… So waiting ki sab kooch theek ho jaye🤞🤞🤞🤞🤞👍👍
Aisa to hona hi tha Waise bhi mujhe pata tha itni aashani se to nahi milege guddu aur sagun Jitni sagun tadpi hai guddu ke liye ab guddu ki Bari Waise part bahut accha tha 😊😊😊
soo sadd
Mam inki life starting se hi complicated rahi hai.aub nayi problem mut laayiye. Hum aub inki love story padhna chahte hai. Plz mam problem ko jald hi solve kariye
Lo g ho gya syapa,as always superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌
हे भगवान, इतना बड़ा धमाका ,अब क्या होगा,,,अगले भाग का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
Ab kya naya twist hai story me
Kya ab bhi shagun or guddu ek dusre ke sath nahi mil payenge
Awesome part 💕❤️💕❤️💕
Lo ho gya syapaa😓😓😓 chddo yr Kuch ni khnaa…ab to sara sch guddu k samne aayega tb hi bat😥😥
Very beautiful
Ho gya syappa I kw it well sb thik ho jaye yhi dua h waise bhi guddu ki life bina kisi kand k shi ho hi nhi skti superb part
O my God…..ye Kya Ho Gaya……sab kuch thik chal that tha …..ab Kya hoga ….guddu to kuch sun ne ki tyaar hi no hai…..ab to Mishra g hi kuch krenge…….I hope jldi hi sab thik ho hate….
Abhi to sub thik hone lga tha ye kya ho gya😔
मैम ये गोलू को भी अभी ये बात कहनीं थीं…बाद में भी तो कह सकता था…बैलबुद्धि कहीं का.. खैर जो होना था तो हो चुका…औंर आप अभी डरा भी रहीं हो…कुछ इससे भी ज्यादा बुरा होगा…मतलब अब गुड्डू को शादी का सच पता चलेगा… औंर फिर वो गलत सोचेगा कि..सबने उससे बात ये छिपाई… औंर शगुन से फिर कुछ उल्टा सीधा कहेगा..
ye kya ho gya mam guddu ko sab sach PTA chal Jana chahiye ho sagun or uska such h aise to sagun ko har trf se taklif mil rhi h
Karam sahi ho agar kand krne walo ke to story boring ho jati h kand to hona hi h
👌👌👌👌😞😞😞😞
Haye rabba …yeh kya ho gaya…socha tha kya… kya ho gaya…gadbad ho gayi….sab kuch ulta pulta ho gaya…pata nahi ab sab kaise theek hoga….😔😔😔
Ye kya ho gaya pata nhi aage kya hoga
Sb thk hote hi fir se or problem waiting next part
Superbbbbbbbbb very emotional part👌👌👌👌🌺🌺🌺🌺🌺
Nice part
Oh sab messed ho gaya….Guddu plz listen to her yar…
Ab tum aa gaya hai ki sab sach Guddu je samne ayen….🙏
Golu ka koi kaam bina kisi kaand ke to ho hi nhi skta…bechari shagun ki lyf me kb pyar aur khusiyan ayengi