मनमर्जियाँ – S74
Manmarjiyan – S74
Manmarjiyan – S74
काफी दिनों बाद गुड्डू और शगुन साथ साथ घर से निकले थे। गोलगप्पे खाकर जब शगुन का पेट भर गया तो उसने कहा,”बस अब मुझसे और नहीं खाया जाएगा”
“अरे बस इतना ही हमने तो सूना था लड़कियों को गोलगप्पे बहुत पसंद होते है”,गुड्डू ने कहा
“हां होते है लेकिन मिस्टर गुड्डू आपको शायद ये नहीं पता की ज्यादा खाने से पेट खराब भी हो सकता है”,शगुन ने गुड्डू के हाथ से प्लेट लेकर रखते हुए कहा लेकिन तब भी गुड्डू ने आखरी पीस तो हाथ में उठा ही लिया और खाते हुए कहा,”गुड्डू जी से सीधा गुड्डू ?”
“मैं आपको गुड्डू बुलाऊ या गुड्डू जी क्या फर्क पड़ता है ?”,शगुन ने गुड्डू की आँखों में देखते हुए कहा
“फर्क पड़ता है बाकि तुम जो बुलाऊ ठीक है”,गुड्डू ने कहा
“गुड्डू,,,,,,,,,,,,!!!”,शगुन ने बड़े ही प्यार से कहा
“हम्म्म”,गुड्डू ने भी शगुन की आँखों में देखते हुए कहा
“गुड्डू जी,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने फिर कहा
“हम्म्ममममममम ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”इस बार हम्म थोड़ा ज्यादा बड़ा था
“भैया 40 के हो गए और खिलाये ?”,बाबू ने शगुन के कहने से पहले ही कहकर गुड्डू और शगुन के रोमांस में टांग अड़ा दी। शगुन ने सूना तो दबी सी हंसी हसने लगी। गुड्डू ने जेब से 50 का नोट बाबू को दिया और शगुन की तरफ पलटा तो शगुन ने कहा,”चले ?”
“वो तुम कुछ कह रही थी”,गुड्डू ने कहा तो शगुन ने थैला उठाया और कहा,”यही कह रही थी की चलते है वरना दोनों को डांट पड़ेगी”
गुड्डू शगुन के साथ बाइक के पास चला आया। गुड्डू ने चाबी निकाली बाइक स्टार्ट की और शगुन को बैठने को कहा। शगुन थैले को सम्हाले गुड्डू के पीछे आ बैठी। गुड्डू ने बाइक आगे बढ़ा दी। सड़क पर चमचमाती लाईटो के बीच से गुजरते हुए गुड्डू और शगुन को बहुत अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर में दोनों घर चले आये। शगुन थैला लेकर अंदर जाने लगी तो गुड्डू ने कहा,”लाओ हमे दो हम ले जाते है”
शगुन ने सामान गुड्डू को दे दिया और उसके पीछे पीछे चली आयी। मिश्रा जी भी शोरूम से आ चुके थे और अम्मा के साथ आँगन में बैठे बतिया रहे थे। गुड्डू को देखा तो कहा,”गुड्डू जरा हिया आओ”
“जी पिताजी”,गुड्डू ने मिश्रा जी के सामने आकर कहा
“शुक्ला जी की दुकान का आर्डर है कल जल्दी भिजवाना है , अगर तुमहू सुबह जल्दी जा सको तो हमे किसी काम से केशव पंडित से मिलना है”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू ने हाँ में गर्दन हिला दी , बल्कि मन ही मन खुश भी था की चलो मिश्रा जी ने खुद से उसे कोई काम सौंपा। ख़ुशी ख़ुशी गुड्डू वहा से चला गया। रात के खाने के बाद मिश्रा जी अपने कमरे में चले गए। अम्मा जाकर सो गयी। गुड्डू ऊपर अपने कमरे में था। सबके खाना खाने के बाद मिश्राइन ने सिगड़ी सुलगाई और लाकर आँगन में रख दी। शगुन और वेदी को भी वहा बुला लिया।
“का हुआ अम्मा काहे बुलाया हमे ?”,वेदी ने वहा पड़े पाटे पर बैठते हुए कहा। मिश्राइन ने मेहँदी का कटोरा वेदी की तरफ बढाकर कहा,”तुम और शगुन दोनों मेहँदी लगाय ल्यो , और शगुन बिटिया तुमहू खास तौर पर सुनो अपने दोनों हाथो के पोरो पर अच्छे से मेहँदी लगाओ और हथेली में रुपया बना ल्यो , कल तुम्हायी पहली चौथ है तो जे जरुरी भी है,,,,,,,,,,,,,,हम तो चाहते थे सब धूम धाम से करे लेकिन का करे गुड्डू के कारण नहीं कर पा रहे है”
“माजी आप परेशान मत होईये , मेरे लिए इतना सब कर रही है वो बहुत है मेरे लिए”,शगुन ने मुस्कुराते हुए कहा और वेदी की उंगलियों पर मेहँदी लगाने लगी। “बिटिया कल तुम्हे हमाये व्रत रखना होगा , सुबह सूरज उगने से पहले एक बार सहरी खा लेना उसके बाद अन्न जल कुछ भी नहीं , चाँद देखकर ही अपना व्रत खोलना होगा”,मिश्राइन ने शगुन से कहा और अपनी उंगलियों पर मेहँदी लगाने लगी
“अम्मा जे तो बहुते कठिन व्रत है ना , पूरा दिन बिना खाये पिए भाभी कैसे रहेंगी ?”,वेदी ने कहा
“जे सब तो करना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मिश्राइन ने इतना ही कहा की शगुन बीच में बोल पड़ी,”मैं कर लुंगी माजी , गुड्डू जी की लम्बी उम्र और उन पर आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए मैं ये व्रत रखूंगी”
मिश्राइन ने सूना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”कभी कभी तो हमहू सोचते है की हमाये गुड्डू से तुमहू जियादा प्यारी करती हो या हम करते है”
“कैसी बातें कर रही है आप ? एक माँ से ज्यादा प्यार अपने बच्चे को भला कोई कर सकता है क्या ? आपसे और पापाजी से ज्यादा प्यार हम तीनो को कोई नहीं कर सकता”,शगुन ने कहा तो मिश्राइन ने प्यार से शगुन के गाल को छुआ
वेदी को मेहँदी लग चुकी थी , और मिश्राइन भी अपनी मेहँदी लगा चुकी थी। शगुन ने मेहँदी लगाना शुरू किया तो घूमते घामते गुड्डू वहा आ पहुंचा। तीनो को
साथ देखकर कहा,”का बात है इति रात में सब साथ का कर रही हो आप लोग ? और जे मेहँदी कही शादी वादी में जा रही हो का ?”
“कल करवाचौथ का व्रत है तो इसलिए सबने मेहँदी लगायी है”,मिश्राइन ने कहा
गुड्डू वही पड़े तख्ते पर आ बैठा और कहा,”अच्छा जे करवाचौथ का होता है ?”
“कल के दिन सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखेगी और दिनभर बिना कुछ खाये पिए शाम को चाँद की पूजा कर अपना व्रत खोलेगी”,मिश्राइन ने कहा तो गुड्डू ने शगुन और वेदी की तरफ देखकर कहा,”अच्छा फिर वेदी और शगुन ने काहे लगाई है”
“अरे भैया हमने इसलिए ताकि हमे भी अच्छा पति मिले”,वेदी ने कहा
“ए वेदी शर्म नहीं आती बड़े भाई के सामने जे सब कहते हुए , चुप रहो”,मिश्राइन ने वेदी को डाँटते हुए कहा और फिर गुड्डू की तरफ देखकर कहा,”कंवारी लड़किया इसलिए जे व्रत रखती है ताकि उन्हें अच्छा घर और वर मिले”
“मतलब हमायी शादी जिन से होगी उनको जे व्रत रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी”,गुड्डू ने कहा
“उह काहे ?”,मिश्राइन ने हैरानी से कहा
“का है की हमाये पिताजी का बनवाया जे घर भी अच्छा है और हम वर भी अच्छे है”,गुड्डू ने तख्ते पर लेटते हुए कहा तो शगुन मुस्कुराने लगी और मिश्राइन ने कहा,”पगलेट हो एक नंबर के , अच्छा जाओ रसोई में तुम्हारे लिए दूध रखा है जाकर पी ल्यो”
“नहीं हमे नहीं पीना हमारा पेट भरा हुआ है”,गुड्डू ने उलटा लेटते हुए अपने हाथ को तकिये की जगह समेत कर रखा और अपना सर उस से लगा लिया
“काहे ? तबियत तो ठीक है तुम्हायी , आज खाना भी नहीं खाये”,मिश्राइन ने कहा
“हाँ बिल्कुल ठीक है उह शाम में बाहर कुछो खा लिए थे इसलिए भूख नहीं है , आप लोगो को कुछ चाहिए तो बताओ”,गुड्डू ने कहा
“गुड्डू भैया हमे पानी पीना है”,वेदी ने कहा तो गुड्डू उठा और कहा,”अभी लाते है”
गुड्डू डायनिंग के पास आया और जग से ग्लास में पानी डालकर ले आया वेदी के हाथो में मेहँदी लगी थी इसलिए गुड्डू ने अपने हाथो से उसे पानी पिलाया और वही बैठ गया। मिश्राइन उस से शोरूम के बारे में पूछने लगी तो गुड्डू उन्हें बताने लगा। बातो बातो में गुड्डू उन्हें हँसाने भी लगा। कितने दिनों बाद गुड्डू मिश्राइन के साथ बैठकर ऐसे बाते कर रहा था। शगुन को ये सब देखकर अच्छा लग रहा था। वेदी की मेहँदी सुख चुकी थी इसलिए वह उठकर सोने चली गयी।
मिश्राइन ने देखा गुड्डू और शगुन दोनों ही वहा है तो उन्होंने उठते हुए कहा,”तुम दोनों बैठो हम मिश्रा जी को देखकर आते है , मेहँदी सुख जाए तो उतारकर सोने चली जाना शगुन , सुबह जल्दी भी उठना है न”
“हम्म्म !”,शगुन ने सूना तो हां में गर्दन हिला दी। मिश्राइन के जाते ही गुड्डू तख्ते से उठा और आकर शगुन के सामने बैठ गया। दोनों के बीच में गर्म कोयलो की सिगड़ी रखी हुई थी। थोड़ी ठण्ड थी इसलिए गुड्डू बैठकर अपने हाथ सेकने लगा और कहा,”तुम किसके लिए व्रत रख रही हो ? कोई खास है का ?”
“है लेकिन आपको क्यों बताऊ ?”,शगुन ने कहा
“अच्छा मत बताओ , हमाये लिए भी कोई ना कोई रख ही रही होगी”,गुड्डू ने शगुन को देखते हुए कहा
“आप जिसे मिल जाओ उसे व्रत रखने की जरूरत ही नहीं है आप जो इतने अच्छे हो”,शगुन ने प्यार से गुड्डू को देखते हुए कहा
“अच्छा , कितने अच्छे है हम ?”,गुड्डू ने शगुन की आँखों में देखते हुए
“बहुत अच्छे है , सबका काम करते है , सबकी परवाह करते है , सबका ख्याल रखते है , इतने अच्छे की हर लड़की चाहेगी की उसे आप जैसा पति मिले”,शगुन ने गुड्डू की तारीफ करते हुए कहा। शगुन के मुंह से अपनी तारीफ सुनना गुड्डू को अच्छा लग रहा था वह प्यार से बस उसे देखता रहा और शगुन कहती रही।शगुन ने गुड्डू को अपनी ओर देखते पाया तो कहा,”क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं तुम्हे ठण्ड नहीं लग रही ? मेहँदी सुखी नहीं क्या तुम्हारी ,, अपने हाथ दो इधर”,कहते हुए गुड्डू ने शगुन की दोनों कलाईयों को पकड़ा और कोयले के ताप पर मेहँदी सुखाते हुए कहा,”तुम लड़कियों को कितना सब करना पड़ता है ना , जे मेहँदी लगाना फिर इसे सुखाना , फिर रचाना , हम लड़को का सही है”
“हम्म्म्म बात तो सही है आपकी लेकिन मेहँदी हम लड़कियों का श्रृंगार है आप नहीं समझेंगे”,शगुन ने कहा
“हम समझ के करेंगे भी का हमे कौनसा लगानी है ?”,गुड्डू ने कहा
“कभी कभी ना आप बच्चो की तरह बातें करते है”,शगुन ने कहा
“लौंडो की जब तक शादी नहीं होती उह बच्चे ही रहते है”,गुड्डू ने कहा उसे लगा जैसे उसने थोड़ी अजीब बात बोल दी हो तो तुरंत अपनी बात बदलते हुए कहा,”अच्छा तुम्हे कुछो काम है तो बता दो हम सोने जा रहे है”
“पानी चाहिए पर मैं ले लुंगी आप जाईये”,शगुन ने उठते हुए कहा
“तुम्हाये हाथ में तो मेहँदी लगी है कैसे लोगी ? रुको हम पीला देते है”,कहते हुए गुड्डू उठा और डायनिंग की ओर चला आया शगुन भी आकर उसके सामने खड़े हो गयी। गुड्डू ने गिलास में पानी डाला और अपने हाथो से शगुन को पिलाने लगा। पानी पीते हुए शगुन मन ही मन कहने लगी,”बस कल रात भी आप अपने हाथो से मुझे ऐसे ही पानी पीला दे तो आपके लिए रखा मेरा व्रत सफल हो जाएगा”
शगुन ने आधा ग्लास पानी पीया। बाकि बचा गुड्डू जैसे ही पीने लगा शगुन ने कहा,”आहा ये क्या कर रहे है आप ? जूठा है ये”
“कोई बात नहीं वैसे भी हमायी अम्मा कहती है की जूठा खाने पीने से प्यार बढ़ता है,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा जूठा पीकर देख लेते है बढ़ता है या नहीं”,गुड्डू ने कहा और शगुन का जूठा पानी पीकर वहा से चला गया।
शगुन बस उसे जाते हुए देखते रही। शगुन पहली वो खुशनसीब लड़की थी जिसे शादी के बाद प्यार हो रहा था और इस प्यार की हर फीलिंग को वह दिल से महसूस कर रही थी। वही गुड्डू जो अपनी जिंदगी के बेहतरीन लम्हे यादास्त जाने की वजह से भूल चुका था उन लम्हो को जीने का मौका उसे एक बार फिर मिल रहा था। वह एक बार फिर शगुन के करीब जा रहा था , छोटे छोटे दिल को छू जाने वाले पल बिता रहा था यू कहो उसे शगुन से फिर से प्यार हो रहा था और शगुन को भी। दोनों के साथ सबसे खूबसूरत बात ये थी की दोनों एक ही छत के नीचे , एक ही घर में साथ थे। गुड्डू के जाने के बाद शगुन अपने कमरे में चली आयी। उसने मेहँदी उतारी और बिस्तर पर आकर वेदी के बगल में लेट गयी। आज शगुन का मन बहुत शांत था और खुश था इसलिए उसे सोते ही नींद आ गयी।
वही गुड्डू ऊपर अपने कमरे में चला आया और आकर अपनी कम्बल में दुबक कर सो गया। ये जो दिन गुजर रहे थे बहुत ही शांत और खुशहाल थे। गुड्डू शगुन एक दूसरे की बढ़ती नजदीकियों से खुश थे। मिश्रा जी और मिश्राइन गुड्डू को जिम्मेदार बनते देख खुश थे तो वही वेदी अमन को लेकर अपनी आने वाली जिंदगी के नए सपने देखने में खुश थी। अमन जा चुका था और वेदी ने उसके सामने एक छोटी सी शर्त रखी की जब तक वक्त वापस नहीं आ जाता तब तक दोनों एक दूसरे से फोन पर कोई बात नहीं करेंगे ,, दोनों अपनी पढाई पर ध्यान देंगे और जब सब ठीक हो जाएगा तब घरवालों से बात करेंगे। वेदी नहीं चाहती थी की दीपक की तरह उसे अमन से किसी तरह का अटेचमेंट हो और फिर से उसका दिल टूटे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, क्योकि दिल टूटने का दर्द वह एक बार झेल चुकी थी।
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संजना किरोड़ीवाल
Mind-blowing part pyar ko dobara jee rhe h guddu ji 😜 achha h lovely couple so cute amazing part 👌👌👌👌👌👌👌
bhut pyara tha par chota tha
Mind blowing 🥰💖💖💖💐💐💐 Awesome superrrrrrrrrr bbbbb 🥰🥰💖💖💖💖💖💐💖🥰💖 part
Nice story
संजना जी ये आप गुड्डू और शगुन के ये छोटे छोटे प्यार भरे मोमेंट दिखा रही है ना…ये बहुत ही ज्यादा अच्छे लग रहे है…बहुत मजा आ रहा है इनको पढकर… मैं तो इमेजिन भी कर रही हूं…बस आप ऐसे ही मोमेंट दिखाते दिखाते एक इन दोनों के प्यार का इजहार भी करवा दीजिएगा और हां गोलू और पिंकी की भी कुछ कोजी मोमेंट दिखाइए
😍😍😍😍😍😍😍😍❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ bahut pyara…. Ab karwa chauth ka din…. Mazaa aayega👍👍👍👍👍👍👍
Aj to itna pyaara part tha padna shuru kiya aur khatam bhi ho gya pta hi nhi chla
Beautiful part👌
Beautiful part 👌👌👌👌👌 bht bht mja aaya,hme bhi bht mja aa rha hai,guddu aur shagun ki love story padh k, eagrly waiting for the next 👌👌👌👌
Very beautiful
jabardast mdm ji kya khoob likhte ho ap thank u
Padhne ke bad Laga Thoda Aur Aage Badhana chahie tha is kahani ko bahut hi amazing thi👌👌
Bahut hi pyara part tha aaj ka ….babu ke thele pe ka romance to ekdum mst tha
Beautiful part 😍😍😍😍
मैम गुड्डू औंर शगुन के ये प्यार भरे छोटे छोटे पल देखकर बहुत अच्छा लग रहा हैं😊 beautiful part👌👌👌👌👌
Poori kahani padkar ek baat samjh me aa gayi.
Mishra Ji k ghar me saaf safai par jayda dhyaan nahi dete
Warna abhi tak guddu ko mobile mil chuka hota.
Baki sab superb hai.
Lovely❤❤❤❤❤ part👌👌👌👌🌺🌺🌺🌺
Beautiful part
अद्भुत
Beautiful and romantic part…enjoyed a lot…eagerly waiting for the next…❤️❤️🎉🎊🎉
Bahut acchi
So cute part mam 😍 aaj to shagun or guddu cha gye,,,,,,,,, lovely part…
Plz post next part soon i can’t wait to see what gonna happen next 😆
Bahut hi cute part, ye pyar vale pal bahut haseen hote hai pr bahut kam logo ke naseeb me hote hai