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मनमर्जियाँ – S58

Manmarjiyan – S58

Manmarjiyan

Manmarjiyan – S58

गोलू ने जब देखा की उसकी वजह से मोंटी को मार पड़ रही है तो वह वहा से रफ्फू-चक्कर हो गया। गोलू के पास अब एक ही रास्ता था और वो थी शगुन , शगुन ही थी जो उसकी मदद कर सकती थी और उसे इस मुसीबत से बाहर निकाल सकती थी। गोलू सुबह सुबह मिश्रा जी के घर पहुंचा। मिश्रा जी बाहर गेट पर ही कुल्ला करते हुए मिल गए गोलू को जल्दी में देखकर उन्होंने कहा,”का बात है गोलू सबेरे सबेरे हिया का करने आये हो ? उह भी इतनी जल्दी में”
“कुछो नहीं चाचा वो बस गुड्डू भैया से थोड़ा काम है”,गोलू ने झूठ कहा
“हाँ सही है एक फालतू आदमी को दूसरे फालतू आदमी से ही काम होगा , जाओ ऊपर पड़े बिस्तर तोड़ रहे होंगे तुम्हारे गुड्डू भैया”,मिश्रा जी ने पानी गटकते हुए कहा। कोई और दिन होता तो गोलू मिश्रा जी से बहस भी कर लेता लेकिन आज उसे शगुन से मिलना था इसलिए मिश्रा जी की बात सुनकर अंदर चला आया। अंदर गोलू ने शगुन को इधर उधर देखा लेकिन शगुन दिखाई नहीं दी। गोलू किचन की तरफ आया और मिश्राइन से कहा,”चाची शगुन भाभी कहा है ?
“शगुन पीछे आँगन में कपडे सूखा रही है , का बात है आज सबेरे सबेरे हिया ?”,मिश्राइन ने कहा
“वो सब बाद में बताएँगे पहिले भाभी से मिल ले हम”,कहकर गोलू पीछे आँगन की तरफ चला गया। शगुन धुले हुए कपडे तार पर डाल रही थी गोलू उसके पास आया शगुन से बात करने की उसकी हिम्मत तो नहीं थी फिर भी उसने डरते डरते कहा,”भाभी सुनिए”
“हाँ गोलू भैया”,शगुन ने हाथ में पकडे गुड्डू के शर्ट को झटककर सुखाते हुए कहा
गोलू मन ही मन खुश हुआ की शगुन उस से नाराज नहीं थी वह शगुन की सामने आया और कहा,”भाभी बनारस में हमने जो कुछ भी किया उसके लिए हम माफ़ी चाहते है। अरे हम है ही बेवकूफ दिमाग तो है नहीं हमने इसलिए इतनी बड़ी गलती कर दी , हमे माफ कर दो भाभी”
“गोलू जी आप माफ़ी मत मांगिये , मुझे भी गुस्से में आप पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था। बस आगे से ऐसी कोई कहानी आप गुड्डू जी को मत सुनाईयेगा”,शगुन ने कहा और वहा से जाने लगी तो गोलू उसके पीछे पीछे आया और कहने लगा,”हमे आपकी मदद चाहिए”
शगुन रुकी और कहा,”कैसी मदद ?”
गोलू ने हिम्मत करके सारी बात शगुन को बता शगुन ने सूना तो उसका सर ही घूम गया। गोलू से उसे ये सब की उम्मीद नहीं थी उसने आगे बढ़ते हुए कहा,”गोलू जी इस मामले में मैं आपकी कोई मदद नहीं करने वाली हूँ , आप जानते भी है आपने क्या किया है ?”
“प्लीज प्लीज प्लीज भाभी , हम कुत्ते कमीने है जो हमने जे सब कर दिया लेकिन वो सब अनजाने में हुआ और उसका नतीजा तो बहुते भयंकर निकला है”,गोलू ने शगुन से मिन्नते करते हुए कहा लेकिन शगुन चलती रही और चलते चलते कहा,”गोलू जी अगर घर में किसी को इस बारे में पता भी चला तो आपकी और मेरी दोनों की खैर नहीं , और आप तो जानते ही है गुड्डू जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए शगुन ने जैसे ही पीछे देखा गोलू नहीं था शगुन ने इधर उधर देखते हुए कहा,”गोलू जी , गोलू जी”
“भाभी हम हिया है”,शगुन के पैरो से आवाज आयी शगुन ने देखा गोलू उसके पैरो में दंडवत प्रणाम किये पड़ा है। शगुन ने देखा तो कहा,”गोलू जी उठिये”
“नहीं हम तब तक नहीं उठेंगे जब तक आप हमायी मदद नहीं करती है , अरे अम्मा कसम आज के बाद ऐसा कोई कांड नहीं करेंगे बस जे आखरी है इस से बचाय ल्यो हमे , हमहू तुम्हाये पैर पड़ते है यार”,गोलू ने गिड़गिड़ाते हुए कहा तो शगुन उलझन में पड़ गयी उसे पता था गुड्डू और गोलू कोई कांड ना करे ऐसा हो ही नहीं सकता लेकिन गोलू की हालत देखकर उसे दया आ गयी और उसने कहा,”अच्छा ठीक है उठिये मैं करुँगी आपकी मदद”
गोलू उठकर खड़ा हो गया और कहा,”हमहू गंगा मैया की कसम खाते है आज के बाद आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे बस इह बार हमे बचाय ल्यो”
“आप चलकर सोफे पर बैठिये मैं आपके लिए चाय लेकर आती हूँ फिर बैठकर सोचेंगे आगे क्या करना है ?”,शगुन ने कहा तो गोलू जाकर हाल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और शगुन के आने का इंतजार करने लगा। गोलू की किस्मत शायद इतनी भी अच्छी नहीं थी। कुछ देर बाद मिश्रा जी भी आकर वही बैठ गए। अब कभी गोलू उन्हें देखता तो कभी मिश्रा जी गोलू को। शगुन चाय लेकर आयी देखा मिश्रा जी वहा बैठे है तो उसे महसूस हुआ की उनके सामने वह गोलू से उसकी परेशानी के बारे में बात नहीं कर पायेगी। उसने मिश्रा जी और गोलू को चाय दी और फिर मिश्रा जी से कहा,”पापा जी वो वेदी के कमरे का पंखा ख़राब हो गया है , मैकेनिक भी नहीं आया उसे ठीक करवाना था”
“मैकेनिक नहीं आया ? हमहू कल दोपहर ही बोले थे उसे खैर कोई नहीं जे बैठा है ना गोलू इसे दिखाओ जे कर देगा”,मिश्रा जी ने कहा तो शगुन के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। चाय पिने के बाद शगुन गोलू को लेकर वेदी के कमरे में आयी वेदी भी वही थी उसे देखकर गोलू ने धीरे से कहा,”इसके सामने हम कैसे बात करेंगे ?”
“कोई बात नहीं गोलू भैया वेदी समझदार है इन सब बातो को समझेगी”,शगुन ने कहा तो वेदी और शगुन बिस्तर पर आ बैठे और गोलू सामने पड़ी कुर्सी पर
गोलू शगुन को सारी बात पहले ही बता चुका था इसलिए आगे कहने लगा,”हमे तो कुछो समझ नहीं आ रहा है का करे ? उधर पिंकी का बाप शादी के लिए नाही मान रहे और इधर हमारे वाले तलवार लेकर हमारे पीछे दौड़ रहे है की उनकी पसंद की लड़की से शादी करे”
“पिंकी से प्यार करोगे तो यही होगा”,वेदी ने मुंह बनाकर कहा जिसे पिंकी बिल्कुल पसंद नहीं थी
“यार वेदिया उह इतनी भी बुरी नहीं है जितना तुमहू सोच रही हो , सुधर गयी है वो और जे सब बाते ना हम बाद में डिस्कस कर लेंगे ,,,,,,,,,,,,,, भाभी अब आप बाताओ का करे ?”,गुड्डू ने कहा
शगुन थोड़ी देर खामोश रही और फिर कहने लगी,”देखिये गोलू जी शादी से पहले ये सब करना समाज की नजर में तो गलत है अगर घर या बाहर किसी को पता चला तो आप दोनों की बहुत बदनामी होगी इस बदनामी से बचने का और अपनी गलती सुधारने का बस अब एक ही उपाय है”
“उह का है ?”,गोलू ने बेचैनी से कहा
“पिंकी से शादी कर लीजिये”,शगुन ने एकदम से कहा तो गोलू हैरानी से उसे देखने लगा और कहा,”जे का कह रही है आप ?”
“क्यों गोलू जी क्या आप उस से शादी करना नहीं चाहते ?”,शगुन को भी गोलू के भावो से शक हुआ
“अरे नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है शादी करना चाहते है लेकिन अभी नहीं ,,,,,,,,,,,!!!”,गोलू ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“अभी नहीं से क्या मतलब है आपका ? आपने जो किया है उसके बाद तो यही एक हल है”,शगुन ने थोड़ा गुस्से से कहा तो वेदी बीच में बोल पड़ी,”एक उपाय और है भाभी पिंकी अबॉर्शन करवा ले तो इस मुसीबत से बचा जा सकता है”
“जे भी सही है”,गोलू ने वेदी की बात समर्थन किया
“क्या सही है दिमाग ख़राब है तुम दोनों का और आप गोलू जी आप ऐसा सोच भी कैसे सकते है ? माना की जो कुछ हुआ वो अनजाने में हुआ लेकिन प्यार तो करते है ना आप पिंकी से और फिर वो आप दोनों के प्यार की पहली निशानी है उसे इस दुनिया में आने से पहले ही मारने की बात कर रहे है आप दोनों”,शगुन ने वेदी और गोलू दोनों को डांटते हुए कहा
गोलू ने सूना तो उसे अहसास हुआ की शगुन सही कह रही है और फिर पिंकी भी ये कभी नहीं चाहेगी। गोलू को शांत देखकर शगुन ने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और कहने लगी,”गोलू जी वो बच्चा आपके और पिंकी के प्यार की निशानी है , अबॉर्शन करवाना इस समस्या का हल नहीं है इस से भले आप मुसीबत से निकल जाये लेकिन पिंकी की नजरो में गिर जायेंगे। आप उनसे प्यार करते है उन्हें पसंद करते है तो फिर शादी करने में क्या दिक्कत है ?”
“भाभी गुड्डू भैया के होते हम पिंकिया से शादी कैसे कर सकते है ?”,गोलू ने उदासी से कहा
“ये तो मुझे याद ही नहीं रहा”,शगुन ने भी परेशान होकर कहा
“अगर गुड्डू भैया को पता चला तो वो पता नहीं कैसे रिएक्ट करेंगे ?”,वेदी ने कहा
“गुड्डू जी से कोई इस बारे में कुछ नहीं कहेगा , एक बार ये शादी हो जाये उसके बाद वो खुद समझ जायेंगे की पिंकी उनके लिए नहीं बनी”,शगुन ने कुछ सोचते हुए कहा
“लेकिन गुड्डू भैया को जब पता चलेगा तो उन्हें बहुत बुरा लगेगा , उनकी आँखों के सामने जब उनकी पसंद की लड़की से शादी करेंगे तो उन्हें बहुत तकलीफ होगी”,गोलू ने कहा जो की किसी भी हालत में गुड्डू को हर्ट करना नहीं चाहता था
“देखिये गोलू जी गुड्डू जी को पिंकी से कभी प्यार हुआ ही नहीं था , उन्हें सिर्फ अट्रेक्शन था और इन दिनों तो मैंने उनके मुंह से पिंकी का नाम तक नहीं सूना है वो भूल चुके है उसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे भी जो कुछ हो रहा है उसमे किसी ना किसी का दिल तो टूटना तय है तो क्यों ना गुड्डू जी का दिल तोड़ा जाये,,,,,,,,,,,,!!!”,शगुन ने आखिरी शब्द मुश्किल से कहे
“ये आप क्या कर रही है भाभी ?”,गोलू को भी अजीब लगा
“हाँ गोलू जी सही सूना अपने आपके और पिंकी के रिश्ते का सच सुनकर अगर गुड्डू जी का दिल टूट ता है तो टूटने दीजिये उन्हें सम्हालने के लिए मैं हूँ , लेकिन इस वक्त पिंकी को आपकी बहुत जरूरत है यही सही मौका है अपने प्यार को सच साबित करने का”,शगुन ने कहा
कही ना कही शगुन की बात गोलू को समझ आ रही थी इस वक्त वह ऐसे धर्म संकट में था की उसे अपने प्यार और अपने दोस्त में से किसी एक को चुनना था
गोलू को शांत देखकर वेदी ने कहा,”गोलू भैया आप परेशान मत होईये और पिंकी और अपने लिए सही फैसला लीजिये गुड्डू भैया को हम सब सम्हाल लेंगे देखना वो थोड़े दिन आपसे नाराज रहेंगे और फिर आपको माफ़ कर देंगे , आपकी शादी में सबसे ज्यादा डांस भी गुड्डू भैया ही करेंगे”
गोलू ने सूना तो मुस्कुरा उठा और शगुन की तरफ देखने लगा तो शगुन ने कहा,”आपने गुड्डू जी के लिए बहुत कुछ किया है अब गुड्डू जी की बारी है”
“भाभी बाकि सब ठीक है लेकिन पिंकी के घरवालों से शादी की बात करेगा कौन ?”,वेदी ने कहा
शगुन मुस्कुराने लगी तो वेदी और गोलू दोनों ही उसे हैरानी से देखने लगे। शगुन ने कहा,”गोलू जी आपको याद होगा बड़े मिश्रा जी ने आपसे हॉस्पिटल में क्या कहा था ?”
“यही के जे शर्माजी की लौंडिया का चक्कर छोड़ दयो”,गोलू ने कहा
“नहीं कुछ और भी कहा था”,शगुन ने कहा तो गोलू ने अपने दिमाग पर जोर डाला और फिर एकदम से खुश होकर कहा,”उन्होंने कहा था की हमे भविष्य में कोई भी काम हो तो हम उन्हें बताये वो जरूर करेंगे”
“तो वो मौका आ गया है , आईडिया आपको मैंने दे दिया अब पापा जी को आप मनाओ की वे जाकर पिंकी के पापा से आपकी और उसकी शादी की बात करे”,शगुन ने उठते हुए कहा
“आपको लगता है मिश्रा जी मानेंगे ?”,गोलू ने कहा
“मानेंगे क्यों नहीं लेकिन हाँ सीधे तरीके से नहीं थोड़ा इमोशनल ड्रामा करना होगा वैसे भी अब तक आपने इतने काण्ड किये है एक और सही लेकिन इस बार इसमें मैं भी शामिल रहूंगी”,शगुन ने कहा तो गोलू मुस्कुराने लगा और कहा,”सही है भाभी का प्लान बनायीं हो , गुड्डू भैया की संगत का असर दिख रहा है आप पर”
गोलू ने कहा तो शगुन मुस्कुराने लगी,”आपको और आपके गुड्डू भैया को अगर नहीं सुधारा तो मेरा नाम शगुन गुप्ता नहीं , अब ये सब बातें छोड़िये और अपने प्लान पर ध्यान दीजिये” कहकर शगुन वहा से चली गयी। किचन में आकर उसने गुड्डू के लिए चाय बनाई और लेकर ऊपर चली आयी। गोलू वेदी के कमरे में घूमते हुए मिश्रा जी से का का बोलना है इस सब की प्रेक्टिस कर रहा था।
शगुन ने देखा सुबह के 9 बज रहे थे और गुड्डू अभी तक सो रहा था। शगुन कमरे में आयी तो देखा सिर्फ जींस पहने गुड्डू बिस्तर पर उल्टा लेटा हुआ था। उसकी पीठ के कट और उभार साफ़ नजर आ रहे थे। शगुन कुछ देर गुड्डू को देखते रही। गुड्डू की नींद खुली वह जैसे ही पलटा उसने देखा शगुन चाय हाथ में लिए खड़ी है , गुड्डू को महसूस हुआ की उसने ऊपर कुछ नहीं पहना है तो उसने पास पड़ी चददर उठायी और खुद को ढकते हुए कहा,”एक जवान लड़का बिना कमीज के सो रहा है शर्म नहीं आयी आती उसको घूर रही हो”
“मुझे कोई शौक नहीं है आपको इस तरह देखने का , और वैसे भी ऐसे आधे अधूरे कपडे पहनकर कौन सोता है ?”,शगुन ने चाय का कप गुड्डू की तरफ बढ़ाते हुए कहा और फिर वहा आस पास फैले कपडे और सामने उठाकर रखने लगी। गुड्डू ने चाय का एक घूंठ भरा और कहा,”हम सोते है , वैसे भी हमारा कमरा है हम जैसे मर्जी सोये”
“बहुत बढ़िया आपका कमरा है लेकिन ये कमरा कमरा कम डस्टबिन ज्यादा लगता है”,शगुन ने वहा पड़ा कचरा देखते हुए कहा
“अच्छा तो तुमहू इनडायरेक्टली हमे कचरा बोल रही हो , तुम्हे तो हम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गुड्डू ने कप साइड में रखा और उठकर शगुन की तरफ आया लेकिन शगुन कमरे से बाहर निकल चुकी थी और उसी वक्त गुड्डू का पैर कालीन में फंसा और वह धड़ाम से पेट के बल सीधा जमीन पर आ गिरा जैसे ही शगुन ने पलटकर देखा गुड्डू ने खुद को बेइज्जती से बचाने के लिए पुशअप्स मारना शुरू कर दिया। शगुन चौंकी और कहा,”अब ये क्या है ?”
“पुशअप्स , तुमको नहीं पता जे बॉडी ऐसे ही थोड़ी बनाई है”,गुड्डू ने कहा
“हम्म्म सही है लगे रहो गुड फॉर यू”,कहकर शगुन वहा से चली गयी। शगुन के जाते ही गुड्डू उठा और अपनी कमर पर हाथ रखकर कराहते हुए कहा,”हाय अम्मा लग गयी रे , कमर टूट गयी हमायी”

शगुन नीचे आयी तो उसने देखा गोलू अभी भी वेदी के कमरे में चक्कर काट रहा था। शगुन उसके पास आयी और कहा,”गोलू जी यहाँ क्यों चक्कर काट रहे है आप , पापाजी बाहर है जाकर उसने बात कीजिये”
“भाभी मिश्रा जी सुनेंगे ना हमायी”,गोलू ने कहा
“आप जाकर कहोगे तब ना सुनेंगे कुछ , अब जाईये थोड़ी देर में गुड्डू जी भी आ जायेंगे उनके सामने बात नहीं कर पाएंगे आप , जाईये आल द बेस्ट”,शगुन ने गोलू को कमरे से बाहर धकियाते हुए कहा तो गोलू सामने से आते मिश्रा जी से टकरा गया मिश्रा ने देखा तो कहा,”आओ गोदी में चढ़ जाओ हमाये , देखकर काहे नहीं चलते हो बे”
“वो हमे कुछो बात,,,,,,,,,,,,बात करनी है आपसे”,गोलू ने डरते डरते कहा
“हाँ कहो का बात है”,मिश्रा जी ने कहा
“यहाँ नहीं अकेले में”,गोलू ने थोड़ा धीमी आवाज में कहा तो मिश्रा जी उसे घूरने लगे और कहा,”का गोलू अकेले में काहे फिर से कोई कांड किये हो , देखो बेटा ऐसा है अगर किये भी हो ना तो हमसे कोई उम्मीद ना रखना समझे”
“अरे हमे कुछो और बात करनी है”,गोलू ने झुंझलाकर कहा तो मिश्रा जी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसे साइड में लाकर कहा,”अच्छा बताओ का बात है ?”
“उह एक ठो बार आप कहे थे की कभी भी आपकी जरूरत पड़े तो हम आपसे आकर कह दे”,गोलू ने डरते डरते कहा
“हां कहे तो थे बताओ का बात हो गयी ?”,मिश्रा जी ने कहा
“हमे शादी करनी है”,गोलू ने एकदम से कहा
“तो का हम ले ले फेरे तुम्हाये साथ , तुम्हायी जैसी हरकते है ना पुरे भारत में कोई लड़की ना दे तुम्हे अपनी”,मिश्रा जी ने कहा
“अरे आप बात तो सुनिए हमायी”,गोलू ने झुंझलाकर कहा
“अच्छा ठीक है बताओ , किसकी किस्मत फोड़ने जा रहे हो तुमहू शादी करके ?”,मिश्रा जी ने फिर गोलू के जले पर नमक छिड़कते हुए कहा
“शर्मा जी की लड़की से”,गोलू ने भी धीरे से मुंह लटकाकर कहा
“हमहू तो पहिले ही कहे थे जे शर्मा की लौंडिया के चक्कर में ना पड़ो तुम लेकिन नहीं पहिले गुड्डू अब तुम ,, ऐसा का दिख गया तुम दोनों को उसमे बावरे बने घूम रहे हो उसके पीछे”,मिश्रा जी ने कहा
गोलू ने देखा मिश्रा जी उसकी मदद करने के बजाय उलटा उसे ही सुनाने में लगे है तो उसे शगुन की कही बात याद आयी – इमोशनल ड्रामा
गोलू ने झूठमूठ का अपनी आँखों को नम किया और रोनी सी सूरत बनाकर कहने लगा,”हम जानते थे आप भी हमाये सच्चे प्यार का ऐसे ही मजाक उड़ाओगे , सोचा था कम से कम आप तो मदद कर दोगे पर इह पापी दुनिया मा कौन किसका साथ देता है ? , सोचा था पिंकी से शादी कर लेंगे तो गुड्डू भैया हमेशा हमेशा के लिए पिंकी को भूल जायेंगे और शगुन भाभी के साथ खुश रहेंगे पर हमे का पतो हमायी क़ुरबानी में गुड्डू हमाये अपने ही दुश्मन हो जायेंगे।”
मिश्रा जी ने सूना तो उन्हें बाकी बाते तो समझ नहीं आयी लेकिन इस शादी से गुड्डू का पिंकी से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाना
मिश्रा जी को सोच में देखकर गोलू को लगा की उसका प्लान काम कर गया तो उसने शक्ल को और मासूम बनाकर कहा,”अब जे सब भी तो हमहू भैया के लिए ही तो कर रहे है ,, हम भी चाहते है वो और शगुन भाभी साथ रहे खुश रहे और घर में नन्हा मेहमान आये लेकिन यहाँ तो सबको हम ही गलत नजर आ रहे है”
“अरे नहीं गोलू ऐसी बात नहीं है अब वचन दिया है तुमको तो निभाएंगे भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,करते है बात पिंकी के पिताजी से बस तुमहू गुड्डू से जे सब मत कहना”,मिश्रा जी ने कहा। गोलू ने जैसे ही सूना ख़ुशी के मारे मिश्रा जी के गले आ लगा और उनसे चिपकते हुए कहा,”अरे आपका जे अहसान कबो ना भूलेंगे हम”
“अबे इतना ना चिपको हमसे दूर हटो , जाओ घर जाओ”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू हँसते मुस्कुराते घर के लिए निकल गया।

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