मनमर्जियाँ – S45
Manmarjiyan – S45
Manmarjiyan – S45
दीपक का सच सामने आने के बाद गुड्डू ने उसे पीट दिया आखिर अपनी बहन के साथ वह धोखा होते हुए कैसे देख सकता था ? वही गुड्डू के रोज रोज के झगड़ो से परेशान मिश्रा जी ने भी गुड्डू के सामने हार मान ली और अपने हाथ जोड़ दिए। अब तक गुड्डू बाहर लड़ाई झगडे करता था और पर अब मोहल्ले में करने लगा था और ये बात मिश्रा जी को बिल्कुल पसंद नहीं आयी उन्होंने गुड्डू से साफ कह दिया की वह कुछ भी करेंगे मिश्रा जी उसे नहीं रोकेंगे। उधर वंदना के पति ने दीपक और उसकी पत्नी को सुबह चले जाने को कहा , वंदना की हरकतों और दीपक वेदी के रिश्ते से वे अनजान नहीं थे पर समझदारी दिखाते हुए उन्होंने इस बात का जिक्र मिश्रा जी से नहीं किया। प्रीति ने गोलू को गुड्डू के साथ बनारस आने के लिए
गुड्डू बहुत परेशान था ऐसे में वह किस से बात करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था सुबह अपने कमरे में गुड्डू सर पकड़ कर बैठा वेदी के बारे में ही सोच रहा था , रात भर वह ठीक से सो नहीं पाया था। इन सब चक्कर में गुड्डू कमरे में पड़े उसे फोन और अपनी खोयी हुई अंगूठी को भूल गया था
कुछ देर बाद उठा और नीचे चला आया देखा मिश्रा जी शोरूम जाने की तैयारी कर रहे थे। गुड्डू उनके पास आया और जैसे ही उनसे कुछ कहने को मुंह खोला मिश्रा जी उसे नजरअंदाज करके वहा से चले गए। गुड्डू को बहुत दुःख हुआ वह उसने महसूस किया की मिश्रा जी उस से बहुत नाराज थे , मिश्रा जी भले उसे डांटे , मारे , ताने दे वह सब सह लेता था लेकिन जब मिश्रा जी खामोश हो जाते थे तो ये बात गुड्डू को बहुत तकलीफ देती थी
“अरे गुड्डू उठ गया तू जरा हिया आओ”,मिश्राइन ने कहा
“हां अम्मा”,गुड्डू ने बुझे मन से कहा तो मिश्राइन ने गुड्डू के दोनों हाथो को अपने हाथो में पकड़ा और कहा,”ए गुड्डू देखो तुम्हे ना हमायी कसम है सच्ची बाताओ कल रात में उस लड़के पर हाथ काहे उठाये ? तुमहू एक ठो बार भी नहीं सोचे की तुम्हायी इस हरकत से तुम्हाये पिताजी को कितना बुरा लगेगा”
गुड्डू खामोश रहा उसने कुछ नहीं कहा ना वह अपनी माँ से झूठ बोलना था ना ही वह वेदी के बारे में घरवालों को बताना चाहता था। गुड्डू को चुप देखकर मिश्राइन ने कहा,”तुम सुधर काहे नहीं जाते गुड्डू ? जे सब लड़ाई-झगडे ने कुछो ना रखा है। तुम्हाये पिताजी को तुम्हायी वजह से कितना कुछ देखना पड़ता है जानते हो तुम आज , आज से पहिले उनको इतना बुझा हुआ कभी ना देखे हम”
“अम्मा हम जानते है हमायी वजह से पिताजी बहुते गुस्सा है पर हमने कभी भी जानबूझकर उनको ठेस पहुँचाने का कभी नहीं सोचे है”
“गुड्डू हम जे नहीं कह रहे की तुमहू गलत किये हो , पर बिटवा एक ठो बार अपने पिताजी के बारे में तो सोचो उनको कितना बुरा लगता है जब उह तुम्हे जे सब करते देखते है। तुमहू एक ठो काम करो कल से शोरूम जाना शुरू कर दो , घर से बाहर रही हो काम में बिजी रही हो तो तुमहाओ ध्यान फालतू काम में ना लगी है”,मिश्राइन ने कहा
“हम्म्म्म”,गुड्डू ने धीरे से कहा
“जाओ हाथ मुंह धोकर आओ और फिर नाश्ता कर लो”,मिश्राइन ने कहा तो गुड्डू वाशबेसिन की तरफ चला गया। उसने हाथ धोये और मुंह धोने लगा। मुंह धोते हुए गुड्डू को वहम हुआ जैसे शगुन तौलिया लेकर उसके पीछे खड़ी है। गुड्डू ख़ुशी से पीछे पलटा लेकिन वहा कोई नहीं था गुड्डू के चेहरे से ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी। वह कोई नहीं था शगुन गुड्डू का वहम था उसने रेंक पर टंगा तौलिया उठाया और हाथ मुंह पोछकर नाश्ते के लिए आ बैठा। मिश्राइन ने गुड्डू के लिए गोभी के पराठे बनाये थे , उन्होंने गुड्डू की प्लेट में एक रखा और फिर किचन की तरफ चली गयी। गुड्डू ने एक निवाला तोड़कर जैसे ही अपने मुंह की तरफ बढ़ाया उसे वो पल याद आ गया जब वह बीमार था और शगुन ने उसका फीका खाना उस से लेकर अपने पराठो की प्लेट उसे दे दी थी। गुड्डू उसी सोच में डूबा हुआ था निवाला भी उसके हाथ में ही था जिसे गुड्डू ने खाया नहीं था।
“गुड्डू का हुआ किस सोच में पड़े हो खाओ ?”,मिश्राइन ने आकर कहा तो गुड्डू की तंद्रा टूटी उसने मिश्राइन की तरफ देखकर कहा,”अम्मा एक बात पूछे आपसे ?”
“एक काहे दुई पूछो”.मिश्राइन ने उसकी प्लेट में दही की कटोरी रखते हुए कहा
“शगुन कहा गयी है ?”,गुड्डू ने पूछा
मिश्राइन को मन ही मन ख़ुशी हुई की चलो देर से ही सही गुड्डू को कम से कम शगुन की याद तो आयी उन्होंने खुद को नार्मल दिखाते हुए कहा,”अपनी बहन की सगाई में गयी है बनारस”
“आप और पिताजी भी जायेंगे ?”,गुड्डू ने फिर सवाल किया
“हां उन्होंने बुलाया है तो जाना ही पडेगा ,, तुम्हारे पिताजी बता रहे थे की परसो सुबह जायेंगे सगाई का प्रोग्राम शाम में है तब तक पहुँच जायेंगे”,मिश्राइन ने कहा
“हम्म्म हमारी तरफ से भी उनको मुबारक बाद दे देना”, गुड्डू ने बुझे स्वर में कहा
“ठीक है दे देंगे”,मिश्राइन ने कहा तो गुड्डू का चेहरा उतर गया उसे लगा की मिश्राइन उसे साथ चलने को कहेंगी लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा और वहा से चली गयी। गुड्डू बेमन से अपना नाश्ता करने लगा आज शगुन का ख्याल उसे बार बार आ रहा था और वह उन्ही ख्यालो से दूर भागने की कोशिश भी कर रहा था। नाश्ता करने के बाद गुड्डू उठा और ऊपर अपने कमरे में चला आया वहा आकर उसने गोलू को फोन लगाया
“हेलो गोलू कहा हो तुम ? हमे मिलना है तुमसे”,गुड्डू ने कहा
“भैया अभी तो घर है थोड़ी देर में दुकान के लिए निकलेंगे वही आजाओ”,गोलू ने कहा
“ठीक है आते है”,गुड्डू ने धीरे से उदासी भरे लफ्जो में कहा
“का हुआ भैया सब ठीक है न ?”,गोलू गुड्डू की उदासी भांप गया
“मिलकर बताते है”,कहकर गुड्डू ने फोन काट दिया और नहाने चला गया। नहाकर गुड्डू ने कपडे पहने आज ना उसका बालो को सवारने का मन था न ही टिपटॉप बनने का उसने जींस और टीशर्ट पहना और अपनी बाइक लेकर निकल गया।
वंदना के पति के कहने पर दीपक अपनी पत्नी के साथ वहा से चला गया। वंदना के पति ने वंदना को भी सख्ती से गुड्डू और उसके घरवालो से दूर रहने को कहा। गुड्डू दुकान पर पहुंचा गोलू अंदर ही था गुड्डू अंदर आया और कहा,”गोलू हमे काम चाहिए”
“अरे भैया बइठो , पानी वानी पीओ और बताओ हुआ का ?”,गोलू ने कहा
गुड्डू कुर्सी पर आ बैठा गोलू ने उसकी तरफ पानी का बोतल बढ़ा दिया गुड्डू ने पानी पीया और फिर गोलू को रात वाली बात बता दी और साथ ही ये भी की मिश्रा जी उस से बहुत नाराज है। गोलू ने सूना तो कहा,”यार गुड्डू भैया मतलब तुमको चैन नहीं है , का जरूरत थी उह लौंडे से जाकर भिड़ने की ?”
“काहे नहीं भिड़ते ? हमायी बहन के जज्बातो से कोई खिलवाड़ करेगा हमहू ज़िंदा गाड़ देंगे उसको जमीन में”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
“का मतलब ? वेदी कहा से बीच में आ गयी जे सबके ?”,गोलू ने कहा
“हाँ यार वेदी,,,,,,,,,,,,,,पता नहीं वेदी उसकी बातो में कैसे आ गयी ? उसे तो पता भी नहीं है की जे सब हो रहा है”,गुड्डू ने उदास होकर कहा
“पर आप तो जानते थे ना आपने काहे नहीं रोका ?”,गोलू ने कहा
“गोलू हम किसी को किसी से प्यार करने से कैसे रोक सकते है ? हम तुम भी तो किसी को चाहते है ना फिर वेदी को हम कैसे ना कह सकते है यार ? पहली बार हमने वेदी की आँखों में किसी के लिए भावनाये देखी थी , पर उस लड़के ने उसका दिल तोड़ दिया”,गुड्डू ने कहा
“हमे बताओ कौन है ? अभी जाकर हड्डिया तोड़ते है उसकी”,गोलू ने गुस्से से उठते हुए कहा
“नहीं गोलू हम पहिले ही उस से झगड़ा कर चुके है , और इस वजह से पिताजी भी हमसे नाराज है ,, गोलू हमे काम चाहिए हम नहीं रहना चाहते घर में ,, दिनभर ऐसे फालतू बैठे रहने के कारण हर दिन हम कोई न कोई गड़बड़ करते है और पिताजी को बुरा लगता है”,गुड्डू ने उदास होकर कहा
“चिंता ना करो भैया काम है ना अपने पास जे दुकान जे काम सब आपका ही है”,गोलू ने कहा
“सुनिए भैया रामावतार जी के यहाँ शादी है , तीन दिन का अरेजमेंट चाहिए करवा देंगे का ?”,बाहर से दुकान में आते हुए एक आदमी ने कहा
रामावतार नाम सुनकर गोलू की भँवे तन गयी और उसने कहा,”नहीं भैया अभी टेंट फ्री नहीं है और कोई लड़का भी नहीं है हमाये पास”
आदमी गोलू का जवाब सुनकर जाने लगा तो गुड्डू ने कहा,”भैया एक मिनिट (आदमी रुक गया तो गुड्डू ने गोलू से कहा) गोलू मना काहे कर रहे हो ? हम है ना हम कर देंगे काम”
“गुड्डू भैया रामावतार कोई और नहीं रमेश के पिताजी है , रमेश और आपके बीच बनती नहीं है जे पूरा मोहल्ला जानता है फिर उसी के घर में जाकर काम करने की बात कर रहे है आप”,गोलू ने कहा
“गोलू उस से हमे का मतलब है , हमे काम करना है हम कर लेंगे (आदमी की ओर पलटकर) भैया आप डिटेल्स लिखवा दीजिये हम आकर लगा देंगे”,गुड्डू ने कहा
गुड्डू के चेहरे से गोलू को साफ नजर आ रहा था की वह अंदर से कितना परेशान है ,, गोलू ने उस वक्त हां करने में ही भलाई समझी और आदमी से आर्डर लेने लगा।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
शगुन के घर में प्रीति की सगाई की तैयारियां चल रही थी। शगुन सारे अरेजमेंट्स करवा रही थी। बाहर सामान की गाड़ी आयी हुई थी कोई और था नहीं इसलिए शगुन बाहर चली आयी और एक एक सामान लेकर अंदर आने लगी। छत पर खड़े अमन की जब नजर पड़ी वह नीचे चला आया और गाड़ी के पास आकर शगुन के हाथ से सामान लेकर कहा,”लाईये दी मैं लेकर चलता हूँ”
“नहीं अमन चाची ने देखा तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा”,शगुन ने कहा
“और मेरे होते हुए आप ये सब करोगी तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा , लाईये दीजिये”,कहते हुए अमन ने शगुन के हाथ से सामान ले लिया। शगुन को
अच्छा लगा की अमन आज भी उसे अपनी बड़ी बहन मानता है। उसने प्यार से अमन के गाल को छुआ और कहा,”मैं चाहूंगी हर जन्म में मुझे तुम जैसा भाई मिले”
अमन मुस्कुराया और फिर सारा सामान अंदर रखवाने में शगुन की मदद करने लगा। सब सामान रखकर उसने शगुन से कहा,”अच्छा दी अब मैं चलता हूँ”
“अमन”,शगुन ने कहा तो अमन जाते जाते पलटा और कहा,”हां दी”
“प्रीति की सगाई में आओगे ना ?”,शगुन ने पूछा
“भाई के बिना बहन की सगाई कैसे हो सकती है ? जरूर आऊंगा दी”,अमन ने मुस्कुरा के कहा और चला गया !
अमन जैसे ही अपने घर आया चाची उस पर बरस पड़ी और कहा,”ये सब क्या देख रही हूँ मैं तू उस शगुन की मदद कर रहा था ,, जानता है कितना बेइज्जत किया था उसने मुझे और तेरे पापा को”
“किसने किसको बेइज्जत किया मुझे सब पता है माँ ? आपने और पापा ने ताऊजी और मेरी बहनो के साथ अच्छा नहीं किया है लेकिन मैं आप दोनों की तरह नहीं हूँ जो अच्छे बुरे में फर्क ना समझ पाऊ”,अमन ने गुस्से से कहा
“शर्म नहीं आती अपनी माँ से जबान लड़ाता है”,चाची ने गुस्से से कहा और जैसे ही अमन पर हाथ उठाया उनका उठा हुआ हाथ चाचा ने बीच में ही रोककर झटक दिया !
चाचा को अपनी तरफ घूरता पाकर चाची ने कहा,”हमारा बेटा होकर ये उनकी तरफदारी कर रहा है और आप मुझे ही रोक रहे हो”
“क्योकि ये सही कह रहा है , तुम्हारे लालच के चलते मैंने अपने देवता जैसे भाई का दिल दुखाया , उन्हें बेइज्जत किया ,, अपनी बेटी जैसी भतीजियों को रुलाया उन्हें तकलीफ दी सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से। तुम एक माँ होकर भी उन बच्चियों का प्यार नहीं समझ पायी ना कभी मुझे समझने दिया और आज हमारा बेटा अपने भाई होने का फर्ज निभा रहा है तो तुम्हे तकलीफ हो रही है। अमन अपनी बहनो से मिलेगा और अमन ही क्यों मैं खुद जाकर भाईसाहब से , शगुन से और प्रीति से माफ़ी मांगूंगा ,,,, उनका दिल दुखाकर मैं ना चैन से जी पाऊंगा ना मर पाऊंगा”,चाचा ने कहा तो चाची की भँवे तन गयी और आँखों में गुस्सा उबलने लगा। उन्होंने गुस्से से कहा,”दिमाग तो ठीक है आपका ? मैंने जो कुछ किया वो अपने घर और बेटे के लिए किया ,, ताकि ये अच्छे से पढ़ सके अपना अच्छा भविष्य बना सके और आप कह रहे हो आप जाकर उनसे माफ़ी मांगोगे ,,,,, खबरदार ही ऐसा कुछ किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा”
“आपसे बुरा कोई है भी नहीं माँ,,,,,,,,,,,,,शगुन दी और प्रीति की आँखों में आंसू देकर मुझे आगे नहीं बढ़ना , ताऊजी को तकलीफ देकर मुझे अपना भविष्य नहीं बनाना ,,,अमन ने कहा
चाची खा जाने वाली नजरो से चाचा को घूरे जा रही थी लेकिन इस बार चाचा ने अपनी नजरे नहीं झुकाई !
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संजना किरोड़ीवाल
अब बस गुड्डू की यादाश्त वापस आ जाए बाकी सब अपने आप सही हो जाएगा
Bhut hi acha part tha
Oh wao, I am first now guddu bhaiya ki lahi padi hai, Shagun busy hain😇😇
kab milenege guddu or shagun
Guddu ne jo kiya shi kiya…pr vo ye bat apne ghr pe ni bta skta… Ap lg gya guddu kam pr to mishra ji bhi man jaynge 🥰🥰🥰
Aman ko shi glt ki phchan hh…hr bar jaruri ni hota ki jo raste bde dikhaye vo shi hi ho🙂🙂🙂
Nice chapter 🥰, I hope sagun or guddu jald hi mil jaye,sach kahte hai log ki ham kisi ko kise se pyaar karne se nhi rok sakte ☺️🥰
Ye Ramesh to wahi hai jisne shagun ko cheda tha kahi ye guddu se sagun ke bare kuch keh na se ulta sidha Lekin ab aur intezar nahi hota hai guddu ko yardasht ajaye bas ab 😍
चलो अमन ने कुछ तो ढंग का काम किया…अब चाचा भी उसके साथ है…काश असल जीवन में लोगों को अक्ल आए…पर नहीं, ऐसा सिर्फ कहानियों में होता है…ना जाने क्यों मुझे कल भी कांड की बू आ रही है…गुड्डू रमेश के घर काम करें और कांड ना हो…असंभव है…
Nice part diii…..pata nhi guddu ko kb yaad ayega
Lekin story kaafi intresting hoti jaa rhi h …….
Kitna ajeeb h n ki story complicated ho to psnd aati h
Lekin agr khud ki life complicated ho jaaye to ye sochte h ki ….mere sath hi aisa kyu hua ….
…khair jo bhi ho jaisa mahadev chahe 🙏
Anshi………
Very beautiful
Very good aman.
Awesome part❤️
मैम आज का भाग तो अमन ने लूट लिया…क्या जवाब दिया हैं अपने मां को…जब बच्चे गलती करें तो बड़े सुधारतें हैं…और बड़े गलतीं करें तो बच्चों को सुधारना चाहिए… चाचा जी भी देर आयें लेकिन दुरस्त आयें…वैसे गुडडू ने रमेश के घर टेंट का जो काम लिया हैं..कोई कांड तो जरूर होगा वहां😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Nice
nice part..
Please kahani juldi age badhaye bahot lengthy ho rahi hai
der se hi sahi vinoh ji ko samajh to aaya ki unhone kitna galat kiya hai, aab dekhna ye h ki unko mafi kab or kese milti h, jese shagun ke papa hai usse to lagta hai wo jaldi pighal jayege or apne bhai ko maaf kar dege
Very nice mam
Mam 46 part kb aaega Or agr aagya h toh show nhi ho rha h?
Story to bht hi achi h ab bas shagun Or guddu ke bich sub thik ho jey
Un dono ki love story dekhni h ab bilkul apne guddu ki stayl me ❤
nice part
Shandar story
Nice part👌👌👌👌
अब इसके आगे की स्टोरी कहाँ पढ़ें?प्रतिलिपि से यहाँ आ गए,8अप्रैल से आज 14th अप्रैल हो गया no update 4 nxt part
aage ke part har roj publish ho rhe hai , iske liye home page dekhe ,,,,,,,,,,, fir bhi nahi samjh aaye to telegram par mere channel sk story / sanjana kirodiwal ko subscribe kare waha aapko har roj notification mil jayega
Sanjana Kirodiwal