मनमर्जियाँ – S42
Manmarjiyan – S42
Manmarjiyan – S42
गोलू ने गुड्डू को फिर अपनी बातो से बहला लिया और गुड्डू उसकी बातो में आ भी गया। दोनों वही बैठकर बातें करने लगे और फिर कुछ देर बाद गोलू ने कहा,”अच्छा जे बताओ की आप हिया का कर रहे हो ?”
“का बताये यार गोलू घर में ना मन ही नहीं लग रहा , कॉलेज जा नहीं सकते क्योकि फैल हो गए है,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर हमे जे भी याद नहीं की हमने इम्तिहान दिए कब ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया हम दोनों ने साथ ही तो दिए थे , एक्सीडेंट होने की वजह से ना शायद आपको याद नहीं”,गोलू ने कहा
“हाँ यार गोलू कभी कभी न हमे भी ऐसा लगता है जैसे बहुत कुछ हो चुका पर हमे याद नहीं ,, अभी भी लग रहा है जैसे हम यहाँ ऐसे पहले भी बैठ चुके है,,,,,,,,,,,,,,,कुछो समझ नहीं आ रहा है यार हमे , कॉलेज से नाम कट चूका हमारा , अब आगे क्या करेंगे ?”,गुड्डू ने गोलू को अपनी समस्या बताई
“करना का है हमाये साथ जे काम सम्हालो ?”,गोलू ने कहा
“यार हम कैसे जे सब ?”,गुड्डू ने उलझन भरे स्वर में कहा
“तो फिर का शोरूम पर जाने वाले हो ? बड़के मिश्रा जी कह रहे थे कल की गुड्डू को शोरूम पर लगाने वाले है”,गोलू ने दांत कुरेदते हुए कहा
“हम नहीं जायेंगे वहा”,गुड्डू ने एकदम से कहा
“तो फिर हमे ज्वाइन कर लो , साथ में काम करेंगे मजा आएगा , अगर काण्ड भी हुआ तो एक दूसरे को बचा लेंगे”,गोलू ने कहा
गुड्डू को गोलू की बात सही लगी तो उसने भी हामी भर दी। सूरज ढलने लगा था और अँधेरा होने लगा था। गोलू ने दुकान बंद की और गुड्डू के साथ बाहर चला आया। बाहर आकर गोलू ने कहा,”ठीक है भैया हम चलते है अपने घर तुमहू जाओ अपने घर”
“ठीक है कल मिलते है तुमसे”,कहकर गुड्डू अपनी बाइक लेकर वहा से चला गया। गोलू भी अपनी स्कूटी पर आ बैठा और जैसे ही चाबी लगायी उसका फोन बजा। गोलू ने जेब से फोन निकाला तो देखा वेदी का फोन था। गोलू ने फोन उठाया और कहा,”हेलो हाँ वेदी का हुआ इस बख्त फ़ोन की तुम ?”
“गोलू भैया भाभी बात करना चाहती थी आपसे”,कहते हुए वेदी ने शगुन को अपना फोन दे दिया और प्रीति की तरफ चली गयी
“हैलो गोलू जी”,शगुन ने कहा
“हैलो हां भाभी कहिये का बात है ?”,गोलू को अच्छा लगा की शगुन ने उसे माफ़ कर दिया और फोन किया
“गुड्डू जी कैसे है ?”,शगुन ने सीधा पूछा
“गुड्डू भैया बिल्कुल ठीक है , अभी थोड़ी देर पहिले ही निकले है यहाँ से पहुँचते ही होंगे आपके पास”,गोलू ने कहा
“गोलू जी मैं कानपूर में नहीं हूँ बनारस आ चुकी हूँ”,शगुन ने कहा
“बनारस ?,,,,,,,,,,,,,,,,,पर ऐसे अचानक सब ठीक है ना ?”,गोलू ने सवाल किया
“हाँ गोलू जी सब ठीक है , वो चार दिन बाद प्रीति की सगाई है तो इसलिए आना पड़ा”,शगुन ने कहा
“अरे वाह भाभी उनकी सगाई हो रही है , हमारी तरफ से भी बधाई दे दीजियेगा,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा था की शगुन के हाथ से फोन छीनकर प्रीति ने कहा,”सिर्फ बधाई देने से काम नहीं चलेगा गोलू जी सगाई में भी आना है”
“हमे नहीं लगता हमे और गुड्डू भैया को आने को मिलेगा , मिश्रा जी बहुत नाराज है हम दोनों से”,गोलू ने कहा
“वो सब मुझे नहीं पता अगर मेरी सगाई में आप दोनों नहीं आये तो सोच लेना बनारस में घुसने नहीं देंगे”,प्रीति ने कहा
“प्रीति कैसी बातें कर रही हो ?”,शगुन ने उस से फोन लेकर कहा तो प्रीति ने जाते जाते कहा,”मुझे कुछ नहीं पता अगर गुड्डू जीजू सगाई में नहीं आये तो मैं सगाई नहीं करुँगी”
“गोलू जी,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कहा तो गोलु ने उसकी बात काटते हुए कहा,”भाभी प्रीति को समझाओ आपको तो पता ही है मिश्रा जी का वो नहीं लेकर आएंगे हमे”
“गोलू जी मैं आपसे कुछ और कहना चाह रही हूँ”,शगुन ने बेबसी से कहा
“हाँ हाँ भाभी कहिये”,गोलू ने कहा
“गुड्डू जी शायद मुझसे नाराज पर किस बात पर मुझे नहीं पता , सुबह आने से पहले मैंने उनसे बात करनी चाही लेकिन उन्होंने नहीं की। वो ऐसा क्यों कर रहे है समझ नहीं आ रहा है ?”,शगुन ने अपनी परेशानी बताई
“अच्छा तो इसलिए गुड्डू भैया इतना दुखी नजर आ रहे थे , अरे टेंशन नहीं लो भाभी गुड्डू भैया एक दो दिन में अपनी नाराजगी भूल जायेंगे”,गोलू ने कहा
“टेंशन मुझे उनकी नाराजगी की नहीं है बल्कि इस बात की है की अब आप दोनों कौनसा नया कांड करने वाले हो। पापाजी आलरेडी आप दोनों से और इस बार तो मुझसे भी नाराज है”,शगुन ने कहा तो गोलू चुप हो गया और फिर कुछ देर बाद कहा,”सॉरी भाभी वो हमायी वजह से ही जे सब हुआ , हमे लगा गुड्डू भैया को इस से सब याद आजायेगा लेकिन सब उल्टा हो गया”
“गोलू जी उन्हें याद नहीं भी आये तब भी हम खुश है कम से कम वो मेरे साथ तो है , आपकी इस बेवकूफी की वजह से अगर उस रात उन्हें कुछ हो जाता तो , पहले ही वो कितनी मुसीबतो से बचे है। मैंने आपको फोन सिर्फ ये समझाने के लिए किया है की ये सब मत कीजिये गुड्डू जी को अगर हमारी शादी नहीं भी याद आती है तो कोई बात नहीं महादेव ने कुछ तो हमारे रिश्ते के बारे में सोचा होगा। बचपना छोड़कर समझदार बनिए , गुड्डू जी को तो मैं ये सब नहीं समझा सकती पर आपसे कह सकती हूँ।”,शगुन ने उदास होकर कहा
“हम समझ गए भाभी हमहू बहुते बड़े पगलेट है हम जे भूल गए की इन सब में अब आप भी हमसे जुडी है ,, आपका दिल दुखाकर हम कभी खुश नहीं रह सकते आज के बाद हमहू ऐसा कुछो नहीं करेंगे वादा करते है”,गोलू ने कहा
“एक बात और कहनी है आपसे गुड्डू जी को अपने और पिंकी के बारे में मत बताईयेगा सही वक्त आने पर उन्हें खुद समझ आ जाएगा की उनके लिए क्या सही है और क्या गलत ?”,शगुन ने कहा
“ठीक है भाभी हम ध्यान रखेंगे और आप भी जे सब टेंशन भूलकर सगाई में मन लगाइये”,गोलू ने कहा
“हम्म्म ठीक है , रखते है”,कहकर शगुन ने फोन काट दिया। उसके मन को थोड़ी शांति मिली और वह कमरे में चली आयी जहा वेदी और प्रीति ये डिसाइड करने में लगी थी की सगाई में कौन क्या पहनने वाला है ?
सोनिया पारस के घर में आयी तो शाम तक उसे वापस ही नहीं जाने दिया। पारस के मम्मी पापा तो फ्रेंक थे ही आज पारस को भी सोनिया के साथ वक्त बिताना अच्छा लग रहा था। दोपहर का खाना सबने पारस के घर में ही खाया , खाने के बाद सभी हॉल में बैठकर बाते करने लगे। पारस ने सोनिया को अपने घर का अल्बम भी दिखाया जिसमे उसके बचपन की कई सारी तस्वीरें थी। सोनिया बहुत खुश थी वो 7-8 घंटे पारस के घर में कैसे बीत गए उसे पता ही नहीं चला ? शाम होने लगी तो सोनिया ने उठते हुए कहा,”अच्छा तो आंटी अब मैं चलती हूँ”
“अकेले क्यों जाओगी ? पारस है ना ये छोड़ आएगा तुम्हे”,पारस की मम्मी ने कहा
“अरे नहीं आंटी इन्हे क्यों परेशान कर रही है आप , मैं चली जाउंगी”,सोनिया ने पारस की तरफ देखकर कहा
“कोई बात नहीं , चलिए मैं आपको छोड़ देता हूँ”,पारस ने कहा
“लेकिन पहले मुझे वाशरूम जाना है”,सोनिया ने कहा
“लो ये भी कोई सोचने की बात है , बाथरूम में मैंने अभी अभी कपडे डाले है एक काम करो पारस के कमरे में है तुम वहा चली जाओ ,, पारस जा छोड़कर आ”,पारस की मम्मी ने कहां और फिर किचन की तरफ चली गयी
“आईये”,पारस ने कहा तो सोनिया उसके साथ चली गयी। कमरे के सामने आकर पारस ने सोनिया को अंदर जाने का इशारा किया और खुद बाहर ही रूक गया सोनिया अंदर आयी और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी चलते चलते उसने एक नजर पारस के कमरे में डाली जो की काफी व्यवस्तिथ था और शांत था। सोनिया बाथरूम में चली गयी कुछ देर बाद वापस आयी रेंक पर लगे तौलिये से हाथ पोछने लगी तो नजर दिवार पर लगी एक फ्रेम पर गयी जिसमे इंग्लिश में कुछ लाइन्स लिखी हुई थी सोनिया उन्हें पढ़ने लगी।
“सोनिया जी”,पारस ने बाहर से आवाज लगाई तो सोनिया ने जल्दी से हाथ में पकड़ा तौलिया कुर्सी पर डालकर जैसे ही जाने लगी पास ही टेबल पर रखी किताबे नीचे गिर गयी। सोनिया ने जल्दी जल्दी में उन्हें उठाया अभी किताब में रखी एक तस्वीर नीचे आ गिरी। सोनिया ने उसे उठाकर देखा बहुत ही सुंदर सी लड़की जिसकी गहरी काली आँखे , सुर्ख गुलाबी होंठ और कानो में झुमके थे। सोनिया ने इसे पहली बार देखा था , वह किताबे और तस्वीर सम्हाले उठी और किताबो को टेबल पर रख दिया। सोनिया का जवाब ना पाकर पारस अपने कमरे में चला आया , सोनिया के हाथ में तस्वीर देखकर पारस उसके पास आया और उसके हाथ से तस्वीर लेकर वापस किताब में रखते हुए कहा,”आई थिंक आपको अब चलना चाहिए”
सोनिया ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप पारस के साथ बाहर चली आयी। पारस की मम्मी ने लड्डू का एक डिब्बा सोनिया को देते हुए कहा,”आती रहना”
“जी आंटी आप लोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा”,सोनिया ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा जबकि अंदर ही अंदर उथल पुथल मची थी ,, आखिर कौन थी वो तस्वीर वाली लड़की ?
कानपूर , उत्तर प्रदेश
गुड्डू घर चला आया। घर आकर उसने अपनी बाइक साइड में लगाई और अंदर आया तो हॉल मे तख्ते पर बैठे मिश्रा जी ने उसे अपने पास बुलाया और कहा,”तुम्हायी पढाई तो पूरी हो चुकी है तो कल से शोरूम आना चालू कर दो”
जिसका डर था वही हुआ गुड्डू को शोरूम बिलकुल पसंद नहीं था उसने धीरे से कहा,”हम नहीं जायेंगे”
“काहे नहीं जाओगे ? दिनभर घर में रहोगे तो ध्यान इधर उधर भटकेगा तुम्हारा , शोरूम आओ काम सम्हालो”,मिश्रा जी ने लगभग आदेश देते हुए कहा
“हम गोलू के साथ नया काम शुरू किये है”,गुड्डू ने डरते डरते कहा
“कैसा काम ?,”मिश्रा जी ने गुड्डू की तरफ देखकर पूछा
“वेडिंग प्लानर का और हम वही करेंगे”,गुड्डू ने कहा तो मिश्रा जी मन ही मन खुश हुए वे तो खुद चाहते थे की गुड्डू अपना काम वापस सम्हाले जिस से उसका ध्यान भटकने से बचे लेकिन उन्होंने थोड़ा सा खुद को सख्त बनाते हुए कहा,”कर पाओगे ?”
“काहे नहीं कर पाएंगे हमे पूरा भरोसा है खुद है”,गुड्डू ने कहा तो मिश्रा जी उठे और उसके पास आकर कहा,”ठीक है करो फिर”
मिश्रा जी चले गए लेकिन गुड्डू को उलझन में डाल गए आज से पहले मिश्रा जी ने इतनी आसानी से गुड्डू की कोई बात नहीं मानी थी। गुड्डू को सोच में डूबा देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का अभी से टेंट लगाने का सोच रहे हो ? चलो आकर खाना खाय ल्यो”
मिश्रा जी की बात से गुड्डू का मुंह बन गया और वह उनके पीछे पीछे चला आया। गुड्डू आकर खाना खाने ले लिए बैठ गया उसने देखा खाना आज अम्मा परोस रही थी। गुड्डू के एक्सीडेंट के बाद जबसे शगुन इस घर में आयी थी तबसे गुड्डू ने हमेशा उसे ही खाना परोसते देखा था लेकिन आज वो नहीं थी गुड्डू का मन एक अजीब भावना से घिरा हुआ था। ना खाने में कोई स्वाद महसूस हो रहा था , ना ही मन को अच्छा लग रहा था। एक खालीपन का अहसास हो रहा था गुड्डू ने एक ही चपाती खायी और उठ गया।
“जे का गुडडू खाना तो पूरा खाओ”,मिश्राइन ने कहा
“भूख नहीं है अम्मा हम सोने जा रहे है”,कहकर गुड्डू चला गया
“इसको का हुआ है आज ?”,मिश्राइन ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा
” बहु नहीं है ना इसलिए मुंह बना हुआ है इसका , तुमहू चपाती दयो”,मिश्रा जी ने खाते हुए कहा
“आपको का पता उह काहे परेशान है ?”,मिश्राइन ने थाली में चपाती रखते हुए कहा
“जब हमायी नयी नयी शादी हुई थी और तुमहू मायके जाती थी तब हम भी ऐसे ही बौराये हुए घूमते थे , हमे भी भूख नहीं लगती थी”,मिश्रा जी ने मिश्राइन की तरफ देखकर कहा
“का आप भी ? बचपना नहीं जाएगा आपका”,कहते हुए मिश्राइन उठकर चली गयी। उनके जाने के बाद मिश्रा जी ने सामने दिवार पर लगी महादेव की तस्वीर देखते हुए मन ही मन कहा,”बस अब आपका ही सहारा है हमाये इस भोले भंडारी की नैया पार लगाय दयो”
बनारस , उत्तर-प्रदेश
पारस सोनिया को लेकर घर से निकल गया। रास्ते भर दोनों खामोश थे सोनिया के मन में वो तस्वीर वाली लड़की चल रही थी वह सोच रही थी की सार्थक से उसके बारे में पूछे या नहीं। वही पारस के मन में भी काफी बाते चल रही थी पर दोनों ही इस इंतजार में थे की कोई एक बोले और बात हो लेकिन यहाँ दोनों खामोश। कुछ देर बाद बाइक एक घर के बाहर आकर रुकी जहा सोनिया रहती थी। सोनिया बाइक से नीचे उतरी और आकर पारस के सामने खड़े हो गयी। पारस खामोश बैठा था सोनिया ने अपने दोनों हाथो को बांधा और कहने लगी,”मैं जानती हूँ आप कुछ नहीं कहेंगे क्योकि आपको अपनी फीलिंग्स को छुपाना बहुत अच्छे से आता है लेकिन मैं ऐसी नहीं हूँ मैं उन फीलिंग्स को नहीं छुपा सकती जो आपको लेकर मेरे मन में है। तस्वीर में जिस लड़की को मैंने देखा वो कौन है ये सवाल मैं आपसे नहीं करुँगी वो शायद आपका निजी मामला हो बस मैं इतना जानना चाहती हूँ की क्या ये वही है जिसकी वजह से आपने खुद को दायरे में सिमित कर लिया है , एक ऐसा दायरा जिसमे सिर्फ आप रहते है और चाहकर भी उस से बाहर निकलना नहीं चाहते है। पारस जी मैं आपका अतीत जानना नहीं चाहती ना ही मैं आपके किसी भरे हुए जख्म को कुरेदना चाहती हूँ मैं बस ये कहना चाहती हूँ की अपने अतीत के साथ आप जिंदगी को काट तो सकते हो लेकिन जी नहीं पाओगे,,,,,,,,,,,,,,,मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ और आपके साथ रहते हुए मुझे कब आपसे प्यार हो गया पता ही नहीं चला। आज जब आपके घर में आपके मम्मी पापा का प्यार मिला तो पहली बार मुझे किसी में अपने मम्मी पापा नजर आये। आप अच्छे लड़के हो , संस्कारी हो , लड़कियों की इज्जत करते हो , उन्हें कम्फर्ट फील करवाते हो , हर रिश्ते में परफेक्ट हो , हर माहौल में खुद को ढाल लेते हो ऐसे इंसान से किसी को प्यार भला कैसे नहीं होगा ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब बताकर मैं आप पर कोई दवाब नहीं बनाना चाहती ना ही किसी तरह की जबरदस्ती है की आपको भी मुझसे प्यार करना होगा,,,,,,,,,शुरुआत में मैंने कहा ना की मैं अपनी फीलिंग्स नहीं छुपा सकती बस इसलिए आपको बता दिया आगे आपकी मर्जी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, आपकी हाँ हुई तो जिंदगी ख़ुशी ख़ुशी गुजर जाएगी और अगर ना हुई तब भी जिंदगीभर आपसे ही प्यार करुँगी,,,,,,,,,,आपकी तरह”
कहते कहते सोनिया की आँखों में आंसू झिलमिलाने लगे वह आगे कुछ बोल नहीं पायी। पारस ने कुछ नहीं कहा उसने बाइक स्टार्ट की और वहा से चला गया। सोनिया उसे जाते हुए देखते रही
जैसे ही सोनिया जाने के लिए मुड़ी उसके कानो में बाइक की आवाज पड़ी उसने पलटकर देखा पारस वापस आ रहा था लेकिन ये देखकर सोनिया हैरान थी पारस ने बाइक सोनिया की बगल में रोकी और नीचे उतरकर सोनिया के पास आया और उसके सामने खड़ा हो गया। हैरानी से सोनिया पारस को देखे जा रही थी। पारस ने कुछ नहीं कहा और सोनिया के माथे पर अपने होंठो को छूकर कहा,”मेरा अतीत मेरी कमजोरी नहीं मेरी ताकत है , मैं कभी नहीं चाहूंगा आप मेरी तरह किसी को अपना अतीत मानकर जिओ”
सोनिया ने सूना तो उसकी आँख से आंसू गालो पर लुढ़क आये। पारस की आँखों में उसे अपने लिए असीम प्यार नजर आ रहा था पारस ने उसके आंसू पोछे और कहा,”अपनी भावनाये व्यक्त करने में मैं बहुत बुरा हूँ लेकिन मैं चाहता हूँ की मैं जिंदगी भर आपके साथ रहू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बस इस से ज्यादा मैं अपनी फीलिंग्स जाहिर नहीं कर सकता”
सोनिया ने सूना तो पारस के गले आ लगी उसे पारस मिल गया था उसे और कुछ नहीं चाहिए था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42Manmarjiyan – S42
क्रमश – Manmarjiyan – S43
Read More – manmarjiyan-s41
Follow Me On – facebook
Order My Book – kitni-mohabbat-hai-season-2
Listen My Story On – youtube
संजना किरोड़ीवाल
wohooooooooo..chalo ek or jodi ban gayi jise aon apyar mila priti or rohan,paras or soniya inka to fix ho gaya bas ab golu-pinki or guddu-shagun bhi mil jaye..
👌👌
Bahut acha
superb mam you are to good
चलो पारस और प्रीति की नइया तो पार लगी, वेदी की छुट्टी हो गई समझो, बचे गोलू और गुड्डू भैया 🙄🙄
Nice
Very nice part 👌👌
Beautiful😍
wow
Very nice
Very beautiful
This is so sweet 💕💕💕
वाह भई वाह…फाइनली पारस ने भी सोनिया को अपना लिया और अपने प्यार का इजहार कर दिया…अब महादेव गुड्डू और शगुन का भी कुत करें
Chalo paras ki bhi naiya par ho gai ab jaldi s baki ki bhi chize shi ho jaye
rohan ko priti or soniya ko paras mil gaya bas aab humare guddu mishra ki train bhi patri par ajae to maza ajaye
Mam pehle to kahani me paras ka izhaar ka tareeka bahut acha tha. Dusra free ki chiz pasand hai hume par saman ke sath.
Mera net pack khatam tha lockdown mai ,1 month bina kahani padte nikal gaye kuch praise ki diktat thi, par aap jaise writers ko padhne ki latte lag gai thi husband ne saath diya aur charge karwaya tab jakar padha to pl mam aap post mat kijiye par bar bar free ki lalach insult jaisa lag raha hai .ye sab bata kar mai apko bas ye banana cah rahi hoo jaise aap sahi hai to hum bhi galat nahi. Bura laga hoga tab bhi mai apki story padhne nahi chodege.☺☺
Dear maine kisi ko hurt karne ya insult karne ke liye wo baat nahi kahi hai , sirf ak example diya tha un logo ko jinhe lagtaa hai ki book nikalkar maine unke sath dhoka kiya hai ! jo sach me mujhe padhna pasnd karte hai unhe is bat se bilkul fark nahi pada hai so aap bhi ise negetive way me na le ,,,,,,,,,,,,thankyou so much aap log itna pyar dete hai , meri aane wali kahaniya ab isi website par ho jinke liye koi charge nahi dena hoga …
Sanjana Kirodiwal 🙂
Wowww superb part
Nice part .
Superbbbbbbbbb finally paras and sonia ne apna pyar accept kar hi liya💕💕💕💕❤❤❤❤❤❤👌👌👌👌👌
Sooo beautiful part… Chalo Paras ki naiya bhi paar lag gyi
Nice jb pyar krne wale ko apna pyar mil jaye to use or kya chahiye duniya se
Lovely… Bahut badhiyan… Paras ki zindagi to line par aa gayi…. Ab guddu aur golu ki bhi life patri par aaye …. To aur mazaa aa jayega❤️❤️❤️❤️❤️
अरे वाह मैम पारस ने सोनिया से इजहार कर दिया…गुड्डू भी फिर से वेडिंग प्लानर बन गया…अब मिश्रा जी जब गुड्डू के दुख को इतना समझते हैं तो..वही गुड्डू और गोलू दोनों को बनारस भी भेजेंगे😊 awesome part👌👌👌👌👌
Chlo paras ko to sonia mil gyi aur guddu ko phir se shagun se pyaar ho rha h
Superb story
❤️❤️❤️
Paras aur soniya ki pyar shuru hua aur donom ijahar bhi kar diya lekin guddu tho vahi ki vahi hai dosthi mei hi unka sui hatke hua hai😁