मनमर्जियाँ – S37
Manmarjiyan – S37
Manmarjiyan – S37
गोलू बैठे बिठाये मुसीबत को बुलावा दे चूका था। एक तरफ शगुन और गुड्डू गायब थे दूसरी तरफ पिंकी और उसके बीच वो सब हो गया जो नहीं होना चाहिए था। हालाँकि पिंकी ने इस बात को ज्यादा तूल नहीं दी लेकिन गोलू के लिए ये सब किसी सदमे से कम नहीं था। उसकी उम्र में अक्सर इंसान बहक जाता है गोलू से भी वही हुआ। पिंकी उसे किसी को कुछ ना बताने का बोलकर अपने घर चली गयी। गोलू को गुड्डू और शगुन की चिंता होने लगी वह नुक्कड़ पर चाय वाली दुकान पर आकर बैठा और शगुन का नंबर डॉयल किया। रिंग जा रही थी लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा था। गोलू ने दो चार फोन किए और फिर फोन जेब में रख लिया। परेशानी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी वह खुद में ही बड़बड़ाने लगा,”सब ना हमायी गलती है ना हम ऐसा घटिया प्लान बनाते ना गुड्डू भैया और भाभी ऐसे गायब होते ,, ना पिंकिया शराब पीती और ना हम वो सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी हमायी जो हम जे सब किये अब का जवाब देंगे मिश्रा जी को ? पिंकिया के पापा को और हमाये पिताजी को,,,,,,,,,,,गुप्ता खानदान का नाम डुबो दिए है हम”
पिंकी जैसे ही अपने घर पहुंची मिश्रा जी ने पूछा,”कहा थी रातभर ?”
ये सवाल सुनकर पिंकी का हलक सुख गया क्या जवाब दे उसे चुप देखकर शर्मा जी ने थोड़ा कड़कदार आवाज में कहा,”हम पूछ रहे है पिंकी कहा थी रातभर तुम ?”
“ताऊजी हमारे साथ थी”,बाहर से अंदर आते हुए पिंकी की कजिन ने कहा जो की उसके पड़ोस में ही रहती थी। शर्मा जी ने घूरकर पिंकी को देखा और कहा,”बताकर जा सकती थी , ये नहीं सोचती की घर पर सब परेशान होंगे ,, चलो जाओ अपने कमरे में”
पिंकी की कजिन ने उसे बचा लिया। दोनों कमरे में चली आयी पिंकी ने फटाफट से दरवाजा बंद किया और कहा,”अच्छा हुआ तूने बचा लिया वरना पापा तो हमे मार ही डालते”
“पहले तुम ये बताओ की कल रात कहा गायब हो गयी थी अचानक से ?”,पिंकी की कजिन ने पूछा
“वो गोलू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते पिंकी रुक गयी तो उसकी कजिन उसके पास आयी और हैरानी से कहा,”मतलब सारी रात गोलू के साथ थी ?”
“शशशशशश धीरे बोल कोई सुन लेगा”,कहकर पिंकी ने अपनी कजिन को गुस्से में शराब पीने वाली बात बता दी लेकिन वो सब नहीं बताया जो उसके और गोलू के बीच हुआ। पिंकी की बात सुनकर उसकी कजिन ने कहा,”यार गोलू कितना अच्छा है तुम्हे ऐसी कंडीशन में सम्हाल लिया और तुम्हे सही सलामत घर छोड़ दिया”
“हां वो बहुत अच्छा है अब तू घर जा मैं तुझसे बाद में मिलती हूँ”,पिंकी ने दरवाजा खोल उसे बाहर धकियाते हुए कहा और खुद नहाने चली गयी।
उधर मिश्रा जी को पता चला की गुड्डू और शगुन रात से ही गायब है तो वे समझ गए की जरूर ये सब गोलू और गुड्डू का किया धरा है और उन्होंने अपने साथ शगुन को भी इन सब में शामिल कर लिया। गुस्से में मिश्रा जी ने मिश्राइन को भी सूना दिया क्योकि उन्होंने ही गुड्डू और शगुन को ऐसे रात में बाहर जाने की परमिशन दी थी। मिश्रा जी को गुस्से में देखकर मिश्राइन ने कहा,”शांत हो जाईये आ जायेंगे उह दोनों , बच्चे थोड़ी है कही रुक गए होंगे वैसे भी शादी हो चुकी है उनकी”
“मिश्राइन बात शादी होने की नहीं है , गुड्डू की हालत तुम जानती हो उसकी शादी हुई है ये उसे छोड़कर सब जानते है ऐसे में कुछो ऊंच नीच हो गयी तो का जवाब देंगे हम ? बेटे के पियार में तुमहू पगला गयी हो”,मिश्रा जी ने आग बबूला होते हुए कहा। उनका गुस्सा देखकर मिश्राइन ने चुप रहना ही बेहतर समझा। उन्हें समझ आ रहा था की गुड्डू को बाहर भेजकर उन्होंने शायद ठीक नहीं किया। मिश्रा जी गुस्से में घर के सामने वाले बरामदे में यहाँ से वह टहल रहे थे।
उधर गोलू परेशान सा चाय की टपरी पर बैठा था क्या करे क्या नहीं उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह सोच में डूबा हुआ था की अचानक से उसे ख्याल आया,”कही गुड्डू भैया शगुन भाभी को लेकर घर तो नहीं चले गए , वैसे भी उह कह रहे थे की उन्हें जे पार्टी कुछो जम नहीं रही ,, एक ठो काम करते है घर जाकर देखते है का पता दोनों वहा हो”
गोलू उठा और तुरंत अपनी स्कूटी लिए गुड्डू के घर की तरफ चल पड़ा। गुड्डू के घर के सामने पहुंचक गोलू परेशान सा अंदर आया जैसे ही उसकी नजर गुस्से में इधर उधर टहलते मिश्रा जी पर पड़ी और वह वापस जाने के लिए तुरंत पलट गया लेकिन मिश्रा जी ने उसे देख लिया और कहा,”ए गोलू इधर आओ ज़रा”
“मर गए अगर गुड्डू भैया यहाँ नहीं हुए तो मिश्रा जी को का जवाब देंगे”,गोलू ने मन ही मन खुद से कहा
“सुनाई नहीं दिया हम कह रहे इधर आओ”,मिश्रा जी ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा तो गोलू आकर उनके सामने खड़ा हो गया। मिश्रा जी ने गोलू को घूरकर देखा और कहा,”कल रात कहा थे ?”
“सच बोला तो फंस जाऊंगा”,सोचकर गोलू ने कहा,”घर में ही थे चचा”
“जे तो हुआ झूठ अब बताओ कहा थे ?”,मिश्रा जी ने गोलू पर नजरे गड़ाए हुए कहा तो गोलू थोड़ा घबरा गया और फिर कहने लगा,”शहर से बाहर एक पार्टी का आर्डर लिए थे हम वही थे”
“कैसी पार्टी ?”,मिश्रा जी ने पूछा
“कॉलेज के लड़के लड़कियों की पार्टी थी , 20-25 लोग थे वहा बस”,गोलू ने कहां
“अच्छा तो मतलब पहिले तुमहू अकेले रंगबाजी करते थे अब 20-25 लोगो को भी अपने साथ मिला लिया , तुम लोगो ने इसलिए जे काम शुरू किया था की जे सब करो”,कहते हुए मिश्रा जी गोलू पर चिल्लाये तो गोलू सहम गया। वह अपने पिताजी से इतना नहीं डरता था जितना मिश्रा जी से डरता था। गोलू को खामोश देखकर मिश्रा जी ने कहा,”तुम पार्टी में गए हो मतलब तुम्हाये साथ गुड्डू भी जाएगा , और तो और घर की बहू बेटियो को भी अब तुम लोग साथ घुमाने लगे हो। गोलू हम पूछते है का जरूरत थी बहू को साथ ले जाने की , और लेकर गए जे ठीक है लेकिन है कहा उह दोनों ?”
“का गुड्डू भैया घर में नाही है ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“इसका जवाब तुम दो तुम्हाये साथ गए थे दोनों तुम बताओ कहा है ?”,मिश्रा जी ने कहा
“हमे लगा वो घर आ होंगे”,गोलू ने मरे हुए स्वर में कहा
“वाह तुम्हे लगा और तुमहू मान लिए , अब गोलू हमे भी ना जे लग रहा है की तुम्हायी शादी नहीं होगी”,मिश्रा जी ने कहा
“काहे ?”,गोलू ने चौंकते हुए कहा
“का है की एक टाँग वाले से कौन लड़की सादी करेंगी ?”,मिश्रा जी ने क़हा
“पर हमायी तो दूसरी टाँग भी सही है”,गोलू ने मासूमियत से कहा
“दूसरी वाली हम तोड़ेंगे ना अभी , 50-50 बार बोले है तुम्हे और गुड्डू को की इस रंगबाजी के चक्कर में एक दिन धरे जाओगे पर तुम दोनों नहीं सुने”,कहते हुए मिश्रा जी ने गोलू को अच्छे से पेल दिया। बिचारा गोलू उजड़े चमन की तरह वही सीढ़ियों पर बैठ गया। मिश्रा जी का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था , उन्हें गोलू से भी ज्यादा गुस्सा गुड्डू पर आ रहा था की क्यों वह ऐसी जगह गया ?
कुछ देर बाद मिश्राइन आयी उन्होंने मिश्रा जी के लिए चाय रखी और एक कप गोलू के लिए भी रख दिया। मिश्राइन जाने लगी तो मिश्रा जी ने गोलू से कहा,”चाय के साथ कुछो लोगे ?”
इतनी मार खाने के बाद गोलू में कहा हिम्मत थी बेचारा कुछ खा पाए उसने दुखी चेहरे से मिश्रा जी की ओर देखा और कहा,”दुई चम्मच जहर मँगवाय दयो खा लेते है”
“मिश्राइन तुमहू जाओ जे बकैती कर रहा है”,मिश्रा जी ने मिश्राइन को भेज दिया
“बकैती नहीं कर रहे है चचा का करेंगे ऐसी जिंदगी का ? हिया आप जब चाहे तब हाथ साफ करते है उधर हमारे बाप,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू इतना ही कह पाया की तभी बाटा की चप्पल आकर उसके कंधे पर लगी और मिश्रा जी ने कहा,”बाप है वो तुम्हाये तमीज से बात करो उनके लिए जे का बाप बाप लगा रखा है पिताजी बोलते जबान को लकवा मारता है तुम्हाये”
“हां वही पिताजी,,,,,,,,,,,,,,घर में पिताजी नहीं टिकने देते , कोनो अच्छा काम करने जाओ तो वो कांड में बदल जाता है , का ही करें हमाये साथ कुछ सही होता ही नहीं”,गोलू ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा
“सही इसलिए नहीं होता क्योकि तुम दोनों को चलना है विपरीत , सारी दुनिया अगर पूरब की तरफ चलती है ना तो तुम दोनों जाओगे पश्चिम की तरफ। सब शांति से चलता है तुम्हायी जिंदगी लेकिन तुम दोनों को ना जाने कौनसी चूल मचती है की जाकर मुसीबत में पैर डालते हो अपने ,, वो कहावत सुनी है तुमने “आ बैल मुझे मार” तुमने और गुड्डू ने मिलकर उस कहावत को ही गलत साबित कर दिया का है की तुमहू खुद ही जाकर बैल में अपना सर मारने में विश्वास रखते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,अब और तारीफ सुननी है या काफी है”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू उन्हें मुंह बनाकर देखने लगा
“इसको तारीफ नहीं कहते इसको कहते है चाशनी में लपेट लपेट के मारना , खैर थोड़ी मार तो अब गुड्डू भैया को भी पड़नी ही चाहिए साला उनकी वजह से ही जे रायता फैला है”,गोलू ने मन ही मन कहा और वही बैठकर अपनी चाय पीने लगा।
शगुन और गुड्डू बैठे बैठे सुस्ता रहे थे। कुछ देर बाद गुड्डू उठा और कहा,”चलो अब चलते है वरना फिर से कोई मुसीबत आ जाएगी”
“आप हमेशा नेगेटिव क्यों सोचते है ?”,शगुन ने उठते हुए कहा
“सही कहा तुमने हमहू गलत सोच रहे है , मुसीबत कैसे आएगी वो तो हमाये सामने खड़ी है”,गुड्डू ने शगुन को घूरकर देखते हुए कहा
“मैं मुसीबत हूँ ?”,शगुन ने हैरानी से कहा
“और नहीं तो क्या ? तुम्हारे चक्कर में यहाँ है वरना रात में मजे से पार्टी करता , डांस करता , सुंदर सुंदर लड़किया देखता”,गुड्डू ने कहा। लड़कियों का नाम सुनकर शगुन को ना जाने क्यों बुरा लग गया ? उसने कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गई। गुड्डू भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा। चलते चलते शगुन को प्यास लगने लगी थी पर उस जंगल में भला पानी कहा से आता। सूरज निकलने लगा था जिस से गर्मी थोड़ी बढ़ गयी। शगुन और गुड्डू चले जा रहे थे चलते चलते कुछ दूर शगुन को एक छोटा सा पोखर दिखाई दिया। ख़ुशी से उसकी आँखे चमक उठी। गुड्डू को भी पानी नजर आया तो उसकी जान में
जान आयी। दोनों पोखर पर चले आये। शगुन ने पानी पीया , अपने हाथ-पैर धोये और फिर अपना मुंह धोने लगी कुछ ही दूर पानी पीते गुड्डू की नजर जब शगुन पर पड़ी तो वह बस उसे देखता ही रह गया। पानी की बुँदे उसके चेहरे पर कितनी प्यारी लग रही थी , उस पर सूरज की किरणे उसके चेहरे पर गिरकर उसे और खूबसूरत बना रही थी। गुड्डू एकटक शगुन को देखता रहा। शगुन ने अपने दुपट्टे से अपना मुंह पोछा , मुंह पोछते हुए जैसे ही उसने गुड्डू की तरफ देखा गुड्डू हड़बड़ाकर उठा लेकिन फिसलन की वजह से उसका पैर फिसला , उसे बचाने के चक्कर में शगुन ने उसका हाथ थामा लेकिन गुड्डू का वजन शगुन से ज्यादा था इसलिए वह शगुन को भी अपने साथ लेकर पानी में आ गिरा। बेचारी शगुन एक पल को तो उसे समझ ही नहीं आया की अचानक से ये क्या हुआ ? जब तक उसने खुद को सम्हाला वह बुरी तरह पानी में भीग चुकी थी उसने खुद को सम्हालते हुए कहा,”ये क्या किया आपने मैं आपको बचाने आयी थी और आपने मुझे ही,,,,,,,,,,,,,,,,सारे कपडे खराब हो गए है”
“हां हां हम तो बहुत एन्जॉय कर रहे है यहाँ पानी में जलपरी बनके”,गुड्डू ने भी झुंझलाते हुए कहा तो शगुन उसकी ओर पलटी और कहा,”आप मुझे मुसीबत कह रहे थे ना जबकि आप खुद जानबूझकर मुसीबत के पास जाते है , फिर खुद तो परेशान होते ही है साथ वालो को भी करते है”
“ओह्ह मास्टरनी जी जे लेक्चर ना बाद में दे दीजियेगा हमहू बैठकर सुन लेंगे अभी जल्दी से निकालो यहाँ से कोई मगमच्छ आ गया तो हम दोनों मुसीबत में फंस जायेंगे”,कहते हुए गुड्डू ने शगुन की कलाई पकड़ी और उसके साथ पानी से बाहर चला आया। शगुन ने कितने दिनों बाद गुड्डू के मुंह से अपने लिए ये नाम सूना था थोड़ी देर पहले गुड्डू पर जो गुस्सा था वो एकदम से गायब हो गया और वह बाहर चली आयी। दोनों पोखरे से कुछ दूर आकर खड़े हो गए। शगुन और गुड्डू दोनों के कपड़ो से पानी चू रहा रहा था। शगुन कुर्ते को निचोड़कर पानी निकालने लगी गुड्डू भी अपना शर्ट झटक रहा था। भीगने की वजह से शगुन के कपडे चिपक गए थे। गुड्डू की नजरे उस पर पड़ी तो उसने नजरे घुमा ली। ऐसे गुड्डू भले शगुन से दिनभर झगडे , उसे परेशान करे , छेड़े सब चलता था पर दिल ही दिल में गुड्डू उसकी बहुत इज्जत भी किया करता था। दोनों के कपडे कुछ सूखे तो दोनों आगे बढ़ गए। उम्मीद की एक किरण नजर आयी कुछ दूर चलते ही गुड्डू को सड़क दिखाई दी। गुड्डू ने खुश हो गया और कहा,”बचा लिया महादेव ने , चलो फटाफट घर चलते है अगर पिताजी को पता चला तो बत्ती लग जाएगी हमायी”
गुड्डू ये रास्ता जानता था अभी कुछ दूर ही दोनों पैदल चले थे की उधर से गुजरते एक रिक्शा से दोनों ने लिफ्ट ले ली।
उधर मिश्रा जी गुस्से में गुड्डू का इंतजार कर रहे थे। ना वो खुद अंदर जा रहे थे ना गोलू को बाहर जाने दे रहे थे। गोलू भी भौचक्का सा बैठकर गुड्डू के जल्दी आने की मन ही मन दुआ कर रहा था। कुछ देर बाद ही गुड्डू और शगुन आये। गुड्डू की तो डर के मारे हालत खराब थी लेकिन मिश्रा जी को सामने देखते ही उसका बचा खुचा कॉन्फिडेंस भी जाता रहा। जैसे ही मिश्रा जी से उसकी नजरे मिली गुड्डू वापस जाने के लिए पलटा और शगुन से जा टकराया। शगुन को साथ देखकर मिश्रा जी ने कहा,”शगुन , तुमहू अंदर जाओ”
मिश्रा जी को गुस्से में देखकर शगुन समझ गयी की गुड्डू और गोलू की बैंड बजने वाली है वह सर झुकाये चुपचाप अंदर चली गयी गुड्डू अभी भी वही खड़ा था तो मिश्रा जी एकदम से सूर बदलकर कहा,”अरे गुड्डू वहा काहे खड़े हो ? हिया आओ बेटा ?”
इतने प्यार से मिश्रा जी बुला रहे है सोचकर गुड्डू जल्दी से उनके पास आया ओर कहा,”जी जी पिताजी”
“कितने दुबले दिखाई दे रहे हो लगता है कुछो खाये नहीं कल रात से , कुछो गर्मागर्म बनवाय दे तुम्हाये लिए ?”,मिश्रा जी ने अपने शब्दों में चाशनी घोलते हुए कहा। गोलू का तो ये सुनकर फ्यूज ही उड़ गया उसे इतना पेला और गुड्डू से खाने का पूछ रहे है वह हक्का बक्का सा मिश्रा जी को देखता रहा
“भूख तो बहुत लगी है पिताजी”,गुड्डू ने खिंसियते हुए कहा
“हां तो हम खिलाते है ना”,कहते हुए मिश्रा जी खम्बे के पास गए और वहा पड़ा पतला डंडा ले आये और गुड्डू की सुताई कर दी। गुड्डू ने देखा गोलू भी वही है तो उठाकर उसे अपने आगे कर दिया फिर क्या गुड्डू के साथ साथ गोलू महाराज दोबारा पिट गए। मिश्रा जी ने दोनों को एक सीध में आने का इशारा किया। गोलू तो होश में ही नहीं था और गुड्डू वो अपने हाथ की बाजु मसलते हुए गोलू की बगल में आ खड़ा हुआ। मिश्रा जी ने दोनों को देखा और कहने लगे,”एक वक्त के बाद ना गधे को भी समझ आ जाता है की उसे किधर जाना है और किधर नहीं पर तुम दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता , जे गोलू से तो हमे कोई उम्मीद नहीं है बचे बेटा तुम तो तुमहू ना एक ठो अहसान करो अपने नाम के आगे से ना जे मिश्रा हटाय दयो , तुमको जो सरनेम लगाना है अरोड़ा , गुप्ता , शर्मा , वर्मा लगाओ बस जे मिश्रा ना लगाओ अपने नाम के आगे , का है की तुम्हाये कांडो में ना हमहू भागीदार बनना नहीं चाहते”
कहकर मिश्रा जी अंदर चले गए। गुड्डू और गोलू ने एक दूसरे को देखा और फिर गुड्डू ने कहा,”का गोलू कर ले का सरनेम चेंज ?”
गोलू जो की कुछ बोलने की हालत में नहीं था सीढ़ियों पर सर से हाथ लगाकर बैठ गया।
तो जे हाल था हमाये गुड्डू भैया और गोलू महाराज का , जे लौंडे सरनेम चेंज करने को तैयार थे पर बकैती छोड़ने को नहीं,,,,,,,,,,,,,,चलिए मिलते है कल
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संजना किरोड़ीवाल
hahaha bechara golu.. do baar pit gaya.. kismat hi kharab hai uski.. funny part
mast part😆😆😆😆😆
Guddu gupta… kaisa lga..
यार ये गुड्डू भी ना…सच में अब गोलू और गुड्डू दोनों अपने पुराने रूप में वापस आ चुके है और मिश्रा जी दोनों की अच्छे से ले रहा है…मजा आ रहा है😁😁😁
Bhut hi mazaa aa rha h story m
Nice very funny part
Very beautiful
Hahahaaa 👏👏👏
mtlb ki gajabe krte ho mam v
Are yaar itna bada comment likha aor delete ho gya sach m
Itna gussa aa rha h
Ki kisi ko abhi pel du
😁😁😁😆😆😆
😁😆😆😆😆
Golu is one of the very very interesting character more than sagun and gudddhu
Superb mind blowing part
Mera toh has has ke bura haal ho gya😁 🤣😅🤣😅🤣😁
Omg haste haste pet dukh gaya, kya gazab ki sutai hui aaj Golu aur Guddu ki😂😂😂🤣🤣
🤣 🤣🤣hahaha…..kya likhte ho Sanjana ji…matlab shabdon ka chunav kamaal…yahan paani mein jalpari 🧜♀️ banke…🤣🤣bahut hee mazaa aaya…
Are apna golu bichara bahut bura maar khaya thoda raham khaya karo lekhika sahiba golu par aaj to sagun aur guddu ka jhagda bhii dekhne ko mil gaya lekin golu। Ke liye bura feel hua
हा हा हा मैम…कुछ भी हों…गोलू बेचारा सुता जाता हैं😂 अभी तो जो कांड किया हैं…जब गुड्डू को ये पता चलेगा तो गोलू का क्या हाल होगा😊 superb part👌👌👌👌👌
Bechara golu usko 2-2 bar Prasad mil gya har har mahadev 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Best part of season 2
Where is today’s part Please upload
mam aaj koi part aayega yaa nhi pls bta dijiye…
Mst😄😄
Aj ka part nhi aaya abhi tak .. please upload ma’am
Haaaaaa bechre golu ki to kishmat hi kharab hai……….. Nice part👌👌👌👌
Lajwab part very nice
😂😂😂 sach m itna pitne k bad b thodi der k liye b nahi sudhare balki surname badlne k liye taiyar khade h😎😎
😂😂😂
Mishra ji ki tarif ke liye to shabad nhi hai mere pas😂😂😂
Very nice😊😊😊👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Hahahaha
Golu or Guddu ke kannd matlab ki Mishra or in dono ki jo comeddy hai bhut mast is episode me maza aa gaya
Bahut badiya😂😂😂 season 2 mei issi part mei zyada has has karke pet pakada tha😂😂