मनमर्जियाँ – 80
Manmarjiyan – 80
मनमर्जियाँ – 80
अपनी नयी जिंदगी से गुड्डू खुश था , शगुन का साथ अब धीरे धीरे गुड्डू को भाने लगा था। गुड्डू शगुन के साथ अपने दोस्त की सगाई के लिए घर से निकल गया। एक नया खतरा गुड्डू के सर पर था इस से अनजान गुड्डू सड़क पर अपनी बाइक दौड़ाये जा रहा था। दोनों सगाई वाली जगह पहुंचे। गुड्डू के दोस्त आलोक ने जैसे ही उसे देखा उसकी और आया और गले लगते हुए कहा,”का यार गुड्डू शादी के बाद आज दर्शन दे रहे हो”
“अरे यार तुमहू तो जानते हो ना शादी के बाद सब बदल जाता है”,गुड्डू ने कहा
“तुमहू साइड हटो हमे भाभी से मिलने दो”,कहते हुए आलोक शगुन के सामने आया जब उसने शगुन को देखा तो बस देखता ही रह गया और फिर हाथ जोड़ते हुए कहा,”नमस्ते भाभी”
“जी नमस्ते”,शगुन ने हल्का सा मुस्कुरा कर कहा
“गुड्डू यहाँ काहे खड़े हो , अंदर चलो”,कहकर आलोक गुड्डू और शगुन को लेकर अंदर चला आया। गुड्डू के और दोस्त भी वहा थे और गोलू भी आया था। गुड्डू को देखते ही गोलू तो उसके पास चला आया। आलोक ने शगुन और गुड्डू को अपनी होने वाली पत्नी से मिलवाया और फिर आलोक की मंगेतर शगुन को अपने साथ लेकर चली गयी। हर कोई शगुन की तारीफ कर रहा था। खूबसूरत तो वह थी ही लेकिन आज कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही थी इतनी की गुड्डू की नजरे भी बार बार शगुन पर चली जा रही थी। शगुन के लिए वहा सब लोग नए थे इसलिए वह थोड़ा असहज भी थी।
गोलू अपने और गुड्डू के लिए कोल्डड्रिक लेकर आया और एक उसकी और बढ़ाते हुए कहा,”का बात है भैया आज तो तुम्हायी भाभी से नजर नहीं हट रही है”
गोलू की बात सुनकर गुड्डू ने तुरंत शगुन से नजरे हटा ली और कहा,”का गोलू कुछ भी बकते हो”
“अरे सच्ची भैया जितने प्यार से तुमहू आज भाभी को देख रहे हो उतने प्यार से तो आज तक किसी को ना देखा”,गोलू ने कोल्ड ड्रिंक पीते हुए कहा
“नहीं गोलू ऐसा कुछ नहीं है हमहू तो बस ऐसे ही ध्यान दे रहे थे की वो सहज है की नहीं”,गुड्डू ने गोलू से नजरे बचाते हुए कोल्ड ड्रिंक पीते हुए कहा
“अच्छा इह सब छोडो और जे बताओ की आज जे टाई किसी ख़ुशी में ?”,गोलू एक के बाद एक बातें निकालकर ला रहा था जो की शगुन से जुडी हुयी थी।
“अरे ये तो सोनू भैया गिफ्ट किये रहय हमको कल रात बर्थडे पर , और तुमहू इह बताओ की तुम्हारा फोन काहे नहीं लगा कल रात पता है घर में सरप्राइज रखा था हमाए लिए और साले तुमहू ही नहीं थे”,गुड्डू ने कहा
रात का नाम सुनते ही गोलू को पिंकी की याद आ गयी तो उसने कहा,”अरे भैया बारिश हो रही थी तो कैसे आते ? और फिर फोन भी नेटवर्क से बाहर था हमारा पर कोई नहीं हम खुश है आपके लिए , जे बताओ भाभी ने का गिफ्ट दिया तुमको ?”
“जे शर्ट ,, अच्छा है न”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
“अरे बहुते गजब है , जच रहा है”,गोलू ने कहा
दोनों वही खड़े कुछ देर बाते करते रहे और फिर सभी रिंग सेरेमनी के लिए जमा हो गए। गुड्डू ने भीड़ में देखा शगुन उस से काफी दूर खड़ी थी। गुड्डू गोलू के साथ खड़ा था। आलोक और उसकी मंगेतर ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और फिर दोनों ने एक बहुत ही अच्छा डांस परफॉर्मेंस दिया। आधे लोग खाना खाने चले गए और बाकि आधे वही कुर्सियो पर बैठकर डांस देखने लगे। गुड्डू और गोलू भी आकर शगुन के अगल बगल बैठ गए। आलोक को ना जाने क्या सुझा वह गुड्डू के पास आया और उसका हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले गया और नाचने का इशारा किया। देखो ऐसे मामलों में ना गुड्डू थोड़ा शर्मिला है ऊपर से शगुन भी सामने बैठी थी उसने आनाकानी की , लेकिन आलोक कहा सुनने वाला था उसने गाना चेंज करवाने को कहा। अगले ही पल गाना बजने लगा
सानू ओंदा नी पियार नाप तोल के
केंदा गड्डी दा स्पिकरा ते बोल के
लेके जुत्ती तले जिंदगी ते बोझ नू
यार लुट्दै ने मौजा दिल खोल के
नी लाके 3 पैग , पैंदे भगड़े गड्डी दी दिग्गी खोल के
नी लाके 3 पैग , पैंदे भगड़े गड्डी दी दिग्गी खोल के
गुड्डू गाना सुनते ही नाचने लगा , गोलू ने सूना तो वह भी चला आया उसके बाद क्या दोस्त दोस्त मिलकर जो नाचे है पूछो मत। शगुन बड़े प्यार से गुड्डू को को नाचते हुए देख रही थी। पंजाबी गाने पर मुस्कुराते हुए डांस करते हुए वह बिल्कुल पंजाबी लड़का लग रहा था। हल्की दाढ़ी , सुर्ख होंठ , छोटी छोटी प्यारी सी आँखे शगुन तो बस जैसे उनमे ही खोकर रह गयी।
तभी गाना बजने लगा – तू बनजा गली बनारस की मैं शाम तलक भटकू तुझमे,,,,,,,,,,,,,,,,!!
गुड्डू दोस्तों के बीच से निकलकर शगुन के सामने आया और उसका हाथ पकड़कर अपने साथ ले गया। जब दोस्तों के बीच लेकर आया तो सारे साइड हो गए और गुड्डू शगुन का हाथ थामे डांस करने लगा। गुड्डू ने शगुन का हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचा और फिर उसकी आँखों में देखते हुए डांस करने लगा। इतने लोगो के बीच गुड्डू ये सब करेगा शगुन ने ऐसा कुछ सोचा नहीं था। वह बस गुड्डू को देखे जा रही थी , जैसे ही गुड्डू शगुन का हाथ थामे अपने घुटनो पर बैठा सब जोर जोर से हूटिंग करने लगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“नी लाके 3 पैग , पैंदे भगड़े गड्डी दी दिग्गी खोल के
नी लाके 3 पैग , पैंदे भगड़े गड्डी दी दिग्गी खोल के”
अचानक से शगुन के कानो में ये आवाज पड़ी तो उसकी नजर सामने गयी गुड्डू अभी भी अपने दोस्तों के साथ डांस कर रहा था। शगुन को महसूस हुआ की कुछ देर पहले जो कुछ भी उसने महसूस किया वो सिर्फ उसकी खुली आँखो का धोखा था। शगुन अपनी सोच पर मुस्कुरा उठी। गनीमत था किसी ने उसे डांस करने को नहीं कहा। डांस करने के बाद सभी फोटोशूट करवाने लगे। गुड्डू और शगुन ने भी आलोक और उसकी मंगेतर को तोहफे दिए और साइड में चले आये। रात के 10 बज रहे थे। गोलू ने घडी में टाइम देखा और कहा,”भैया खाना खा लो वापस जाने में देर हो जाएगी फिर”
“हां गोलू”,गुड्डू ने कहा और गोलू शगुन के साथ आकर टेबल के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। गोलू खाना लेने चला गया गुड्डू का फोन बजा उसके लखनऊ वाले दोस्त का फोन था शोर शराबे की वजह से कुछ ठीक से सुनाई नहीं दिया तो गुड्डू साइड में आकर बात करने लगा लेकिन उसकी किस्मत की फोन की बैटरी कम होने की वजह से फोन कट गया। गुड्डू ने इधर उधर देखा और फिर आलोक से चार्जर का पूछा उसने अंदर कमरे में जाकर लगाने को कहा। गुड्डू फोन को चार्जिंग पर लगाकर वापस चला आया। गोलू तब तक खाना लगा चुका था तीनो साथ बैठकर खाने लगे। खाते खाते गोलू ने कहा,”भैया अब तुम्हायी लाइफ सेट है , अब कोई परेशानी नहीं”
“हां यार गोलू सब ठीक ही रहे भैया,,,,,,,,,,,,,,,बड़के मिश्रा जी मुश्किल से शांत हुए है”,गुड्डू ने कहा
शगुन चुपचाप खाना खा रही थी , तीनो ने खाना खाया और उसके बाद गोलू घर के लिए निकल गया। गुड्डू भी आलोक से विदा लेकर शगुन के साथ बाहर बाइक के पास आया। गुड्डू ने जेब से चाबी निकाली तो उसे याद आया की अपना फोन वह अंदर ही भूल गया है उसने शगुन से कहा,”लगता है हमहू अपना फोन अंदर ही भूल आये , तुमहू यही रुको हम अभी लेकर आते है”
“हम्म्म !”,शगुन ने कहा तो गुड्डू अंदर चला गया। फोन लेकर जब गुड्डू वापस आने लगा तो उसकी नजर वहा एक शो पीस में लगे ढेर सारे लाल गुलाबो पर पड़ी। गुड्डू ने उसमे से एक गुलाब लिया और मन ही मन कहा,”शगुन को ये गुलाब देंगे तो उसे अच्छा लगेगा” गुलाब लेकर गुड्डू आगे बढ़ गया। बाहर बाइक के पास खड़ी शगुन गुड्डू का इंतजार कर रही थी , कुछ देर बाद किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा। गुड्डू होगा सोचकर शगुन जैसे ही पीछे मुड़ी उसके चेहरे के भाव बदल गए। वह कुछ बोलती इस से पहले ही सामने खड़े आदमी ने उसका मुंह बंद कर दिया। गुड्डू ख़ुशी ख़ुशी अपना फोन हाथ में घुमाते हुए बाहर आया उसने देखा शगुन वहा नहीं थी
“शगुन,,,,,,,,,,,,,,शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,शगुन देखो हमे ऐसे मजाक बिल्कुल पसंद नहीं है,,,,,,,,,,,,शगुन”,गुड्डू ने शगुन को इधर उधर ढूंढते हुए कहा लेकिन शगुन उसे कही दिखाई नहीं दी। अब गुड्डू को चिंता होने लगी थी। वह शगुन को ढूंढते हुए पैदल ही सड़क के नुक्कड़ पर चला आया। सुनसान रास्ता जहा से मुश्किल से ही कोई गाड़ी या लोग गुजरते होंगे। गुड्डू ने वहा आकर शगुन को आवाज दी,”शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शगुन”
“गुड्डू जी”,तभी शगुन की आवाज गुड्डू के कानो में पड़ी गुड्डू ने पलटकर देखा दो लड़को ने शगुन को पकड़ रखा था , तीन लड़के और थे जिनकी शक्ल अँधेरे की वजह से दिखाई नहीं दे रही थी। गुड्डू ने देखा तो भागकर उनके पास आया उसने उन तीन पर ध्यान नहीं दिया और बाकि दो लड़को से शगुन को छुड़ाते हुए कहा,”ए छोडो इनको , का कर रहे हो इह सब ?”
“सटाक !!!”,किसी ने पीछे से कुछ के सर पर मारा , एक तेज दर्द का अनुभव गुड्डू को हुआ और अपना सर पकडे वह पलटा गुड्डू ने देखा उसके पीछे रमेश खड़ा था। गुड्डू का सर घूम रहा था। शगुन की आँखों में डर समा गया वह कुछ बोल ही नहीं पायी दोनों लड़के उसे घसीटते हुए कुछ दूर ले गए। गुड्डू के सर पर चोट लगी थी उसके सर से खून बहने लगा। रमेश ने एक घूंसा गुड्डू के मुंह पर मारा तो गुड्डू नीचे जा गिरा
“गुड्डू जी”,शगुन दर्द से चिल्लाई , उस से गुड्डू की ये हालत देखी नहीं जा रही थी। शगुन को तकलीफ में देखकर रमेश को और अच्छा लगा तो उसने दो चार लाते भी गुड्डू के पेट में जमा दी। गुड्डू उठ नहीं पाया और दर्द उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। शगुन की आँखों में आंसू भर आये वह गुड्डू को इस तरह मार खाते नहीं देख सकती थी उसने दोनों लड़को से छूटने की नाकाम कोशिश की। रमेश गुड्डू को छोड़कर शगुन की और बढ़ा और उसके सामने आकर कहा,”उस दिन मंदिर में तो बड़ा अकड़ रही थी तुम अपने गुड्डू को लेकर , देखा तुम्हारा गुड्डू मेरे सामने पड़ा धूल चाट रहा है”
“समझ में नहीं आ रहा तुम्हे घटिया कहू या बुजदिल,,,,,,,,,,,,,,पीठ पीछे वार करने को तुम मर्दानगी समझते हो,,,,,,,,,,,,,छी !!!”,शगुन ने नफरत भरी निगाहो से रमेश को देखते हुए कहा
“जबान बहुत चलती है तुम्हारी ,, मर्दानगी तो मैं तुम्हे अब दिखाऊंगा”,कहते हुए रमेश ने जैसे ही शगुन की और हाथ बढ़ाया किसी ने आकर उसकी कलाई पकड़कर बीच में ही रोक दी। रमेश ने देखा उसका हाथ किसी और ने नहीं बल्कि गुड्डू ने ही पकड़ा हुआ था। शगुन ने डर के मारे अपनी आँखे बंद कर ली थी। रमेश ने गुड्डू की पकड़ सें अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन नहीं छुड़ा पाया , उसने गुस्से से कहा,”दूर हट जा गुड्डू”
“पत्नी है जे हमारी”,गुड्डू ने रौबदार आवाज के साथ कहा , गुड्डू की आवाज सुनकर शगुन ने आँखे खोली तो पाया गुड्डू उसके पास खड़ा है और रमेश का हाथ पकड़ रखा है। रमेश ने जैसे ही आगे बढ़ना चाहा गुड्डू ने एक जबरदस्त घुसा रमेश को मारा और गुस्से से कहा,”कहा ना पत्नी है वो हमारी उसे छूने की हिम्मत कैसे हुई तेरी ?”
शगुन ने सुना तो गुड्डू के ये शब्द “पत्नी है वो हमारी” उसके दिल में उतर गए। उसे रह रहकर सिर्फ ये शब्द सुनाई दे रहे थे। गुड्डू की आँखों में अपने लिए सिर्फ उसे प्यार और परवाह दिखाई दे रही थी। गुड्डू ने एक एक करके सबको पीटना शुरू किया और सबसे ज्यादा रमेश को पिटा , मौका देखकर पांचो वहा से भाग निकले गुड्डू ने खुद को सम्हाला उसके सर से खून बह रहा था , होंठो से खून निकल आया था। जैसे ही गुड्डू गिरने लगा शगुन ने आकर उसे सम्हाल लिया,”गुड्डू जी , गुड्डू जी आप आप ठीक है ना”
गुड्डू निचे गिर पड़ा शगुन ने उसे सम्हाला उसका सर अपने गोद में रखा। शगुन ने देखा गुड्डू को काफी चोटे आयी थी। शगुन की आँखो से आंसू बहने लगे। वह काँप रही थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह ऐसे वक्त में क्या करे ? घबराई हुई शगुन मदद के लिए इधर उधर देख रही थी लेकिन उस सुनसान रास्ते पर इतनी रात में भला कौन मिलता ? शगुन को परेशान देखकर गुड्डू ने उसका हाथ थामा और मुश्किल से कहा,”हम ठीक है”
“नहीं आप ठीक नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,आपको इतनी चोटे आयी है,,,,,,,,,,,,,,,आपको कितनी तकलीफ हो रही होगी,,,,,,,,,,,,,,,,मैं घर पर फोन करती हूँ मेरा फोन,,,,,,,,,,,,कहते हुए शगुन अपना फोन ढूंढने लगती है जो की बाइक के पास ही गिर गया था।
“शगुन,,,,,,,,,,,,,!”,गुड्डू ने कहा तो शगुन ने गुड्डू के हाथ को और कसकर थाम लिया। वह भीगी आँखों से बस गुड्डू के जख्मो को देख रही थी। गुड्डू कुछ कह पाने की हालत में नहीं था उसे बहुत परेशानी हो रही थी।
शगुन को पास ही पड़ा गुड्डू का फोन नजर आया। शगुन ने उसे उठाया। गिरने से उसका स्क्र्रीन लगभग टूट चुका था पर चालू हालत में था। शगुन ने कांपते हाथो से फोन में गोलू का नंबर डॉयल किया। गोलू ने झट से फोन उठाया और कहा,”हां भैया का हुआ ?”
“गोलू जी मैं शगुन,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कांपती आवाज में कहा
“हेलो भाभी का हुआ इतनी परेशान काहे है आप ? सब ठीक तो है ना ?”,शगुन की आवाज सुनकर गोलू को भी चिंता होने लगी
“वो गुड्डू जी,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर शगुन रो पड़ी उस से आगे कुछ कहा ही नहीं गया
“गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,का का हुआ गुड्डू भैया को ? और आप दोनों है कहा हमे बताईये हम अभी आते है”,गोलू ने चिंता जताते हुए कहा
शगुन गोलू को बताती की वह और गुड्डू कहा है , गोलू फोन काट देता है। शगुन फोन साइड में रखती और है गुड्डू को सम्हालती है।
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क्रमश -Manmarjiyan – 81
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संजना किरोड़ीवाल
Oyy hoyy mam I am just listening the tu banja gali banaras ki aur aapne vahi gane pe guddu aur shagun ko dance karva diya aajka toh din hi bann gaya
मैम रमेश की तो औंर खातिरदारी होनी चाहिए थीं…खैर अब हो जायेंगी…गोलू अब करेगा उसका इलाज… मैम गुड्डू और शगुन के रिश्ते की अब खूबसूरत शुरुआत हो जायें बस😊 superb part👌👌👌👌👌
Ramesh ko to uske kiye ki sazaa milni chahiye
How cute..bahut bahut hi accha part tha..i am sad for guddu ..bhut mar lagi use..par koi ni shagun hai uske saath hamesha ..love u argun(arpit + shagun)😘😘😘😘😘
Action nd romance ❤️❤️
Nice part…🌷🌷🌷
Aaj ka part pull of action with lots of romance 🤗🤗
Maja aa gaga aaj jab guddu ne pitai ki… Lekin ramesh bahut nalayak nikala…
Koie na ab ramesh ki ache se khatirdari karenge golu aur guddu
Yr yeh kya ho gaya…
Is Ramesh ki to chatni bnani chahiye had h yr bkwas log bkwas mansikta. Well amzing part n❤️
Wow….guddu r shagun ka dance…..so romantic
Nice part
Nice part.. waiting next part
Nice
Awesome part, but kya bhari pada guddu sab pr chot aane ke baad bhi or biwi hai hamari ❤❤ mtlb gajab