मनमर्जियाँ – 37
Manmarjiyan – 37
Manmanrjiyan – 37
भूपेश भैया से थप्पड़ खाकर गोलू मनोहर की और चला आया। गुस्सा भी आ रहा था की ऐसे कैसे कोई भी आकर उसे कंटाप मारकर चला जाता है। पर भैया किसी लड़के के सामने उसकी ही बीवी को अंट शंट बकोगे तो थप्पड़ तो पडेगा ही ना। खैर गोलू को अपसेट देखकर मनोहर ने कोट की अंदर वाली जेब से छोटी बोतल निकाली और गोलू को साइड में लाकर कहा,”ल्यो दो घूंठ मार ल्यो बेइज्जती कम महसूस होगी”
मनोहर से बोतल लेकर गोलू ने दो घूंठ मारे , ये थोड़ी स्ट्रांग थी शायद मनोहर दिल्ली से लेकर आया था। दोनों वापस निकासी में शामिल हो गए , गोलू को थोड़ी थोड़ी चढ़ने लगी थी उसने बेंड वालो से नागिन बजाने को कहा। बेंड वालो ने जैसे ही नागिन बजाना शुरू किया गोलू का डांस निकलने लगा , उसे देखकर एक लड़का जो की मोहल्ले से ही था मुंह में रूमाल दबाकर बीन बजाने लगा , जैसे गोलू कोई नागिन हो और वो हो सपेरा ,, शुरू में गोलू आराम से नाच रहा था लेकिन अगले ही पल वह जमीन पर गिरकर लोटने लगा और खुद को समझ बैठा नागिन। गुड्डू ने देखा तो उसने मनोहर को अपने पास बुलाया और कहा,”अबे इह गोलू में कोनसी माता वाता आ गयी है बे ? रोको उसको”
“हां हां मैं देखता हूँ”,कहकर मनोहर आगे आया और जैसे ही गोलू को रोकने की कोशिश की गोलू ने उसी पर हाथो से बना सांप का फन तानते हुए आँखे दिखाई। बेचारा मनोहर पीछे खिसक गया। गोलू तो जैसे आज किसी की नहीं सुनने वाला था मिश्रा जी ने देखा तो गुड्डू की और देखकर आँखों ही आँखों में गोलू को रोकने का इशारा किया। बेचारा गुड्डू क्या करता गोलू उसका दोस्त था भला उसे रोकता कैसे ? मनोहर की और देखा तो मनोहर ने भी कंधे उचका दिए ,, मिश्रा जी देखा गोलू की वजह से निकासी तबसे एक ही जगह रुकी हुई है तो वे उसके पास आये और उसे रोककर साइड में ले जाते हुए कहा,”गोलू बेटा ऐसा नहीं करते , निकासी आगे जाने दो यार घर चलके नाच लेना काहे नागिन बनकर सबको डसने पर तुले हो”
“हम घर जाकर और नाचेंगे”,गोलू ने बच्चो की तरह कहा
“हां हां बिल्कुल तुम्हाये लिए अच्छा खासा इंतजाम करेंगे , अभी तुम शांति से चलो (मनोहर की ओर देखते हुए आवाज लगाते है) मनोहर अरे सम्हालो इसे”,कहकर मिश्रा जी गोलू को मनोहर के हवाले करते है और खुद बेंड बाजे वालो को आगे बढ़ने का इशारा करते है। बेंड वाला एक बार फिर बजाना शुरू करता है और लड़का गाने लगता है,”झूमो नाचो,,,,,,,,,,,पे पे पे,,,,,,,,,,,,,,,नाचो गाओ,,,,,,,,,,,,,,पे पे पे,,,,,,,,,,,,,,झूम नाच के गाओ शकीना”
सभी आगे बढ़ जाते है और गुड्डू मन ही मन कहता है की अब कोई गड़बड़ ना हो लेकिन गुड्डू की शादी हो और उसमे कोई गड़बड़ ना हो ऐसा भला कैसे हो सकता है ? चलते हुए जैसे ही निकासी पिंकिया के मोहल्ले में पहुंची गुड्डू का दिल धड़क उठा। उसने गोलू की और देखकर इशारा किया की यहाँ क्यों आये है ? गोलू को कुछ और ही समझ आया उसने मुस्कुराते हुए गुड्डू को रुकने का इशारा किया। मिश्रा जी ने बेंड वालो को वही रुककर बजाने को कहा , ना चाहते हुए भी गुड्डू की नजर पिंकी की बालकनी की और चली गयी जहा पिंकी खड़ी गुड्डू को देख रही थी। गोलू तब तक पहुंचा ऊपर लड़के के पास और उस से अपना गाना बजाने को कहा। लड़के ने सूना तो कहा,”अरे भैया शादी ब्याह में ऐसे गाने नहीं बजाते है मैं सात समंदर बजवाता हूँ”
“अभी कान के नीचे रखेंगे ना बेटा तो चौदह समंदर पार जाकर गिरोगे , जो बोला है बजाओ ,,,अबे पैसे दिए है ना मिश्रा जी तुमको और उह जो है ना छुटका मिश्रा जिसकी सादी है उह है हमारा जिगरी उसी की फरमाईश है की इह गाना बजाया जाये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब तुमहू बजाओगे के हम तुम्हे ही बजा दे”,गोलू ने लड़के को समझाते हुए कहा तो लड़के ने हामी भर दी।
लड़का ने बेंड वालो से साउंड चेंज करने का इशारा किया और गाने लगा,”रोवेगी मेनू याद करके , रोवेगी मेनू याद करके,,,,,,,,,,,,,,बेवफा बेवफा बेवफा निकली है तू , नी झूठा प्यार , झूठा प्यार , झूठा प्यार किता है तू ,,,,,,बेवफा , बेवफा , बेवफा निकली है तू”
गुड्डू ने जैसे ही सूना हैरानी से सामने खड़े लड़के को देखा , पिंकी ये गाना सूनकर चिढ गयी और दरवाजा जोर से बंद करके अंदर चली गयी। गोलू ने लड़के के गाल पर पप्पी लेते हुए कहा,”अरे जिओ राजा”
मिश्रा जी ने देखा गोलू ऊपर चढ़ा हुआ था तो उसे नीचे उतरने का कहा लेकिन गोलू आज किसी को नहीं सुनने वाला था उसने लड़के के हाथ से माइक ले लिया और गाने लगा,”गुड्डू बदनाम हुआ पिंकिया तेरे लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,तेरे लिए तेरे लिए,,,,,,,गुड्डू बदनाम,,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू आगे गा पाता इस से पहले ही मिश्रा जी के कहने पर भूपेश भैया और मनोहर ने उसे नीचे उतारा और उसका मुंह बंद करके ले आये ,, माहौल बदला देखकर मिश्रा जी ने निकासी आगे बढ़ाने को कहा। सबको आगे भेजकर मिश्रा जी गोलू के पास आये और कहा,”गोलुआ तुमको शराब बाटने को कहे थे तुम साले यहाँ खुद ही पि के बवाल कर रहे हो”
“थोड़ी सी जो पि ली है चोरी तो नहीं की है”,गोलू गाने लगा
“अबे किस मनहूस ने इसको पिलाई है ,, यार मनोहर तुम एक ठो काम करो इसको गाड़ी की डिग्गी में डालो और गेस्ट हॉउस भिजवाओ यार”,कहकर मिश्रा जी निकासी के साथ आगे बढ़ गए।
“कौन है ये नमूना ?”,भूपेश ने मनोहर से पूछा
“गुड्डू का दोस्त है ,, चलो लेकर चलो इसे”,मनोहर ने कहा तो भुपेश उसे लेकर पीछे आ रही कार की तरफ लेकर आया और पीछे वाली सीट पर बैठा दिया। ड्राइवर को सीधा गेस्ट हॉउस जाने को कहा और खुद मनोहर के साथ आगे बढ़ गया। बातो बातो में दोनों में अच्छी दोस्ती भी हो गयी। निकासी शहर भर में घूमते हुए जे.के. मंदिर पहुंची , कानपूर में राधा-कृष्ण का फेमस मंदिर है ,, रात के 9 बज रहे थे और मंदिर बंद हो चुका था लेकिन मिश्रा जी के कहने पर गुड्डू को वहा धोक लगवानी जरुरी थी। छोटी सी पूजा के बाद सभी वापस गेस्ट हॉउस की और निकल पड़े इस बार मिश्रा जी ने सीधा चलने को कहा। 11 बजे तक सभी गेस्ट हॉउस पहुंचे ,, आधे लोग खाना खाकर गए बाकि जिन्होंने नहीं खाया था उन्होंने आकर खाना खाया। गुड्डू काफी थक चुका था वह बस गोलू को ढूंढ रहा था आखिर उसने पिंकी के घर के सामने जो हरकत की उस बारे में पूछना तो बनता था। गुड्डू ने साफा उतारकर वेदी को दे दिया और कमरे में आकर कपडे बदलकर बाहर आया। उसने मनोहर से पूछा लेकिन उसे भी गोलू का कोई पता नहीं था , गुड्डू ने फोन किया लेकिन बंद गुड्डू को चिंता भी हो रही थी और गुस्सा भी आ रहा था तभी उसे गोलू लॉन में सबसे आखिर में कोने में बैठा मिल गया। वहा बैठकर गोलू गुलाबजामुन पर हाथ साफ कर रहा था। गुड्डू जाकर उसके सामने बैठा और बड़े ही आराम से कहा,”और चाहिए ?”
“नहीं भैया 12-13 खा चुके है अब और नहीं”,गोलू ने अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए कहा
“तुमहू साला एक ठो बात बताओ पिंकिया के घर के सामने हंगामा करने की का जरूरत थी बे ?”,गुड्डू इस बार भी सहज भाव से पूछा
गोलू हसने लगा और कहा,”अरे भैया बहुत मजा आया उस छिपकली की शक्ल ना देखने लायक थी उस बख्त , क्या गाना गाया ना लड़के ने बेवफा बेवफा निकली है पिंकिया,,,,,,,,,,,,,!”
“अबे धीरे,,,,,,,,,,,,,,,,धीरे बोलो बे ,, एक तो पहिले ही तुमहू इतना बखेड़ा कर चुके हो बड़के मिश्रा जी बहुते नाराज है तुमसे”,गुड्डू ने कहा
“अरे बड़के मिश्रा की तो ए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सॉरी सॉरी तुम्हाये पापा है ,, छोडो उन्हें हमने बदला ले लिया”,गोलू ने कहा
“कैसा बदला ?”,गुड्डू को अब भी कुछ समझ नहीं आ रहा था
“उह पिंकिया से उसने तुम्हारा दिल तोड़ा , तुम्हे लुटा बदले में हमने उसी के घर के सामने गाना बजवा दिया हिसाब बराबर”,गोलू ने कहा
“पगला गए हो तुम गोलू , चलो उठो और चलकर सो जाओ सुबह बनारस भी तो जाना है ना तुमको”,गुड्डू ने उसे उठाते हुए कहा और लेकर अंदर चला आया गोलू बिस्तर पर आ गिरा और कुछ ही देर में सो गया। गुड्डू को नींद नहीं आ रही थी क्योकि कुछ ही घंटो बाद सुबह होने वाली थी और शगुन उसकी जिंदगी में आने वाली थी। अभी वह ठीक तरह से पिंकिया की यादो को दिल से निकाल भी नहीं पाया था। गुड्डू खिड़की के आकर बैठ गया और खाली पड़े आसमान में चमकते चाँद को देखने लगा। उसका मन बहुत भारी हो चुका था कोई नहीं था जिसके सामने बात करके गुड्डू अपना दिल हल्का कर सके। एक गोलू था लेकिन आज वो भी होश में नहीं था। गुड्डू का चेहरा उदासी से घिर गया और दिमाग ख्यालो में उलझ गया।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
उसी रात अपने कमरे की खिड़की के पास खड़ी शगुन चमकती आँखों से खाली आसमान में चमक रहे उस बड़े से चाँद को निहार रही थी। कुछ घंटो बाद उसे हमेशा हमेशा के लिए गुड्डू का हो जाना था और ये अहसास बार बार शगुन को गुदगुदा रहा था। शगुन का मन बिल्कुल शांत था , दिमाग में कोई विचार नहीं बस सपनो से भरी आँखों से वह सामने अस्सी घाट के बहते शांत पानी को निहार रही थी और गुड्डू के बारे में सोच रही थी। शगुन ने देखा प्रीति सो चुकी है तो वह उसके पास आयी और उसे चद्दर ओढ़ा दिया नजर प्रीति के फोन पर पड़ी तो शगुन ने फोन लिया और खिड़की के पास आकर फोन अपने होंठो से लगाकर सोचने लगी,”प्रीति के फोन में गुड्डू जी का नंबर होगा , मन तो कर रहा है उनसे बात करने का”
शगुन वैसे ही खड़ी रही और कुछ देर बाद फोन में गुड्डू का नंबर निकाला और कहा,”काफी रात हो चुकी है इस वक्त उन्हें फोन करे या नहीं ? वैसे भी कल शादी है गुड्डू जी भी तो जाग रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक बार उनसे बात कर लेती हूँ,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं शगुन इतनी रात में फोन किया तो क्या सोचेंगे वो,,,,,,,,,,,,,,,,,सोचेंगे क्या होने वाले पति है इतना हक़ तो बनता है,,,,,कर लेती हूँ वरना इन्ही बातो में उलझ जाउंगी”
सोचकर शगुन ने गुड्डू का नंबर डॉयल किया और फोन कान से लगा लिया , जैसे जैसे रिंग जा रही थी शगुन के दिल की धड़कने भी बढ़ती जा रही थी। उधर गुड्डू ने जब इतनी रात में प्रीति का फोन देखा तो सोच में पड़ गया और कहा,”इह इतनी रात में काहे फोन कर रही है ?”
सोचते हुए गुड्डू ने फोन उठाया और कहा – हेलो
शगुन ने गुड्डू की आवाज सुनी तो दिल पहले से ज्यादा धड़कने लगा उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकली
गुड्डू – हैलो , अरे बोलोगी कुछो ,, इतनी रात में फोन की हो कुछो काम था
शगुन को गुड्डू की ये कनपुरिया टोन बहुत पसंद थी वह मुस्कुरा उठी , लेकिन कहा कुछ नहीं
गुड्डू – अबे यार बोलोगी ,,, हमे पता है तुमको बहुते मजा आता है हमे परेशान करने में ,
शगुन – मैं शगुन बोल रही हूँ (शगुन ने सधी हुई आवाज में धीरे से कहा)
शगुन की आवाज सुनते ही गुड्डू के दिल के तार झनझना उठे ना उस से कुछ कहते बना ना ही फोन काटते बना वह खामोश हो गया
शगुन – हैलो,,,,, !!
गुड्डू – हे हैलो ,,, जी कहिये हम गुड्डू बोल रहे है हमारा मतलब अर्पित बोल रहे है (गुड्डू ने अटकते हुए कहा)
शगुन – गुड्डू नाम ठीक है अर्पित जी
गुड्डू – इतनी रात में फोन काहे की ?
शगुन – ऐसे ही आपसे बात करने का मन किया तो फोन लगा दिया आपको बुरा लगा ?
गुड्डू – अरे नहीं , बुरा काहे लगेगा हमहू जाग ही रहे थे !!
शगुन – इस वक्त ?
गुड्डू – हां उह का है ना की हमयी निकासी निकली थी तो अभी कुछो देर पहिले ही गेस्ट हॉउस पहुंचे है ,,
शगुन – अच्छा ,,
गुड्डू खामोश और फिर शगुन भी खामोश दोनों बस ख़ामोशी से फोन कान से लगाए खड़े थे। कुछ देर बाद शगुन ने ही कहा,”आप थक गए होंगे रेस्ट कर लीजिये”
गुड्डू – हमहू ठीक है
शगुन – आप हमेशा ऐसे ही बात करते है ,
गुड्डू – हम्म्म , बचपन से ही ,, हिंदी आती है हमे पर जियादा इस्तेमाल नहीं करते नजर लग जाती है
शगुन ने सूना तो हंस पड़ी गुड्डू उसे बड़ा इंट्रेस्टिंग लगा उसने आगे कहा – अच्छा लेकिन मुझे ये भाषा नहीं आती ,, बनारस में रहकर भी हिंदी ही ज्यादा इस्तेमाल करती हूँ
गुड्डू – हमहू बहुत बार आये है बनारस गोलू के साथ , पिताजी के साथ
शगुन – कैसा लगा ?
गुड्डू – अच्छा है
शगुन – आप इस बार आएंगे तो मैं घुमा दूंगी
गुड्डू – हम्म (अब का बात करे इनसे कुछो समझ नहीं आ रहा है)
शगुन – आपका रिजल्ट आ गया ?
गुड्डू – नहीं अभी नहीं आया है
शगुन – फाइनल ईयर है ना आपका ?
गुड्डू – हम्म्म , तुमहू एक ठो बात बताओ ,, पढाई की बाते काहे कर रही हो हमसे ?
“पिताजी बुला रहे है नीचे जाकर आओ”,कमरे में आकर वेदी ने कहा तो गुड्डू ने शगुन से कहा – उह पिताजी बुलाय रहे है , फोन रखे का ?”
शगुन – ठीक है आप जाईये , आल द बेस्ट
गुड्डू – ठीक है
गुड्डू ने फोन काट दिया उधर शगुन फोन कटने के बाद गुड्डू की मासूमियत पर हंस पड़ी उसकी हंसी सुनकर प्रीति की नींद खुली और उसने कहा,”दी क्या हुआ अकेले में ऐसे क्यों हंस रही हो ?”
“कुछ नहीं तू सो जा”,शगुन ने प्रीति का फोन साइड में छुपाते हुए कहा। प्रीति वापस सो गयी तो शगुन ने भी चुपचाप उसका फोन साइड टेबल पर रखा और आकर प्रीति के बगल में लेट गयी। कानो में अभी भी गुड्डू की प्यारी सी आवाज गूंज रही।
सुबह मिश्रा जी ने सबको जल्दी ही उठा दिया और तैयार होने को कहा। घर की औरते बारात में नहीं जा रही थी बस वेदी और उसकी सहेलिया जा रही थी और अंजलि भाभी व सोनू भैया की वाइफ ,, बाकि बच्चे थे और कुछ बड़े। घरवालों के अलावा मोहल्ले से कुछ लोग और बाकि गुड्डू के कुछ दोस्त और मिश्रा जी के कुछ दोस्त जा रहे थे। गुड्डू के लिए एक सोनू भैया की गाड़ी बुक की , जिसमे मनोहर , गोलू , सोनू भैया और भूपेश भैया जाने वाले थे। एक गाड़ी मिश्रा जी की थी जिसमें घर की बहु बेटियां जा रही थी साथ में सोनू के छोटे भाई राहुल को भी उनके साथ बैठा दिया ताकि उनका ध्यान रख सके। छोटी मिनी बस थी जिसमे बाकि सब लोग थे। आखरी गाडी मिश्रा जी की थी जिसमे बड़े लोग थे। बारात रवाना हुई सफर लंबा था इसलिए गुड्डू ने अपने कम्फर्ट के लिए फॉर्मल पेंट शर्ट ही पहन लिया। गोलू उसकी बगल में बैठा था उसकी आँखे सूजी हुई थी , दूसरी और मनोहर बैठा था। सोनू भैया गाड़ी चला रहे थे और भूपेश भैया
उनकी बगल में बैठे थे। जैसे ही गाड़ी गेस्ट हॉउस से रवाना हुई भूपेश भैया ने गुड्डू की और पलटकर कहा,”गुड्डू तुम्हारे ये दोस्त ना बहुते चू#या है , ये वाले (गोलू की और इशारा करके) तो कल रात पेले जाते हमारे हाथो”
“थप्पड़ खाये तो थे आपसे”,गोलू ने मुंह बनाकर कहा
“हां तो बेटा माँ समान भाभी को गलत नियत से देखोगे तो पिटोगे ना,,,,,,,,!!”,भूपेश ने गोलू से उलझते हुए कहा
“अरे भैया छोड़िये ना , इतना बुरा भी नहीं है इह”,गुड्डू ने गोलू को बचाते हुए कहा
“शादी के बाद ना दूर रहो ऐसे दोस्तों से”,भूपेश ने कहा और सामने देखने लगा। गोलू खून करने के इरादे वाले एक्सप्रेशन लेकर भूपेश की और लपका लेकिन मनोहर और गुड्डू ने उसे रोक लिया और गुड्डू ने अपने हाथ जोड़ दिए
क्रमश – manmarjiyan-38
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice 👌👌
🤣🤣🤣🤣 bichara golu
Super awesome 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
Very beautiful
Harkat to Golu k mar khane vali hi thi😀 baki part bahut badiya tha specially Guddu badnam hua pinkiya tere liye vala😉😉 I hope k abhi to shadi m b dhamal hona baki hoga🤣🤣
Bechara golu jo bhi aata h dho k chla jaata h wse pinki k liye gaana to zabardast chlwaya tha usne mazaa aa gya
Maaza aa gaya aaj to…Bas jaldi se barat Banaras pahuch jaye
very nice
Awesome part
मैम गोलू बहुत मार खा लिया…अब तो उसका भी भला करों…वैसे अब शगुन जब दुल्हन के रूप में आयेगी तो…गुड्डू को जरा प्यार का कुछ अहसास करा देना मैम😊 majedaar part👌👌👌👌👌
Very nice part..Aaj to Golu ne Bawal he macha diya aur Pinky ke wat bhi laga di nice…😁😁😁😁
exicted hu Mai to 😁😁
😜😜