मनमर्जियाँ – 11
Manmarjiyan – 11
“मनमर्जियाँ”
By Sanjana Kirodiwal
नवरत्न टेलर को परेशान करके गुड्डु ओर गोलू बाइक से फरार हो गए । गोलू को रास्ते मे ही उतार कर पैदल जाने का कहके गुड्डु पिंकी के घर की ओर चला गया । गली के नुक्कड़ पर उसने बाइक रोकी , फरवरी के महीना उस पर भयंकर ठंड गुड्डु ने पिंकी को फोन लगाया और आने को कहा । गुड्डु अपने हाथों को आपस मे रगड़कर सर्दी भगाने की कोशिश कर रहा था , हालांकि उसने जैकेट पहना था । कुछ देर बाद पिंकी वहां आयी और कहा,”क्या बात है गुड्डु सुबह सुबह क्यो बुलाया है ?”
गुड्डु बाइक से नीचे उतरा और थैला पिंकी की ओर बढ़ाकर कहा,”तुम्हारा ड्रेस”
पिंकी ने देखा तो खुशी के मारे गुड्डु को गले लगाते हुए कहा,”थेँक्यु गुड्डु , ये बहुत अच्छा है”
अब तक जिस सर्दी ने गुड्डु की जान निकाल रखी थी वो एकदम से गायब हो गयी । पहली बार कोई लड़की उसके गले आ लगी थी गुड्डु का दिल धड़क रहा था । पिंकी उस से दूर हुई और कहा,”अब मैं जाती हूं किसी ने देख लिया तो परेशानी हो जाएगी ,, शाम में मिलती हूं”
“यही ड्रेस पहनकर आना”,गुड्डु ने कहा तो पिंकी हामी भरकर वहां से चली गयी ।
गुड्डु बाइक पर आ बैठा ओर वहां से घर की ओर चला गया , पिंकी के गले लगने का अहसास वह भूल नही पा रहा था । जैसे ही गुड्डु घर पहुंचा मिश्रा जी दातुन करते हुए गेट पर ही मिल गए और कहा,”सबेरे सबेरे कहा से आ रहे हो ?”
“पिताजी उह गोलू को स्टेसन छोड़ कर आये है”,गुड्डु ने झूठ कह दिया
“स्टेशन ? उह कहा जा रहा है ?”,मिश्रा जी ने शक भरे स्वर में कहा
“उह कॉम्पटीशन एग्जाम है उसका आज”,गुड्डु एक के बाद एक झूठ बोलते जा रहा था
“ठीक है अंदर चलो”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डु अंदर चला आया ।
पिंकी खुशी खुशी घर आई जैसे ही घर मे घुसी शर्मा जी ने उसे अपने पास बुलाया और कहा,”कहा गयी थी ?”
“पापा वो मैं रुपाली के घर गयी थी”,पिंकी ने झूठ कहा
“सटाक”,एक थप्पड़ आकर पिंकी के गाल पर पड़ा और शर्मा जी ने गुस्से से कहा,”शर्म नही आती अपने बाप से झूठ बोलते हुए , नुक्कड़ पर उस मिश्रा के गले लगकर आयी हो मैंने खुद देखा है । कबसे चल रहा है ये सब ?”
पिंकी को काटो तो खून नही , उसने डरते डरते कहा,”आप जैसा समझ रहे है वैसा कुछ भी नही है पापा , गुड्डु सिर्फ अच्छा दोस्त है”
“ये बातें किसी बेवकूफ को जाकर सुनाना , आज के बाद अगर मैंने तुम्हें उस गुड्डु के साथ देखा तो तुम्हारी टांगे तोड़ दूंगा समझी तुम ,, अंदर जाओ”,शर्मा जी ने गुस्से से कहा तो पिंकी अंदर चली गयी ।
पिंकी की मम्मी शर्माजी के पास आई तो उन्होंने कहा,”कानपुर में हमारी बदनामी हो और नाक कटे उस से पहले पिंकिया की शादी करनी होगी ,, पंडित जी कहकर उसके लिए कोई अच्छा रिश्ता निकलवाओ”
“जी ठीक है”,कहकर पिंकी की मम्मी वहां से चली गयी
गुड्डु नहा धोकर कॉलेज के लिए निकल गया । आज उसे पिंकी दिखाई नही दी , पर शाम को मिलने का वादा याद करके वह कॉलेज चला गया । दिनभर वह पिंकी के बारे में सोचता रहा और जैसे ही कॉलेज खत्म हुआ शोरूम ना जाकर मोतीझील चला आया । वहां घूमते हुए वह पिंकी के आने का इंतजार करने लगा लेकिन पिंकी नही आई । गुड्डु वही बैठकर झील के पानी को निहारने लगा , अंधेरा होने लगा था लेकिन पिंकी नही आई गुड्डु ने फोन मिलाया लेकिन बन्द आ रहा था । गुड्डु परेशान हो गया । वह वापस घर आ गया घर आते ही मिश्रा जी ने उसकी क्लास लगा दी शोरूम ना आने को लेकर लेकिन गुड्डु को तो पिंकी की चिंता थी ।
रात भर फोन मैसेज करने के बाद भी गुड्डु को कोई जवाब नही मिला तो उसने मन बना लिया की सुबह जाकर वह पिंकी से मिलेगा । गुड्डु रात भर करवटे बदलता रहा लेकिन उसे नींद नही आई ।
अगली सुबह गुड्डु उठा और जैसे ही नीचे आया गोलू को देखकर हैरान हो गया गुड्डु उस से कुछ पूछ पाता इस से पहले ही मिश्रा जी ने आकर कहा,”ओर गुड्डु सुना पेपर देने गए रहय कैसा रहा पेपर ?”
मिश्रा जी का सवाल सुनते ही गुड्डु ने अपने सर पर हाथ दे मारा उसका झूठ सामने आने वाला था ।
“पेपर काहे का पेपर हमहू तो घर से आ रहे है”,गोलू ने गुड्डु का भांडा फोड़ते हुए कहा । मिश्रा जी ने सुना तो नजर सीधी गुड्डु पर चली गयी गुड्डु गोलू के पास आया और बात सम्हालते हुए कहा,”अरे गोलू उह कॉम्पिटिशन की बात कर रहे पिताजी कल गए थे न लखनऊ एग्जाम देने”
गोलू समझ पाता इस से पहले ही पंडित जी वहां आ गये ओर उन्हें देखकर मिश्रा जी उनकी ओर चले आये ।
“हर हर महादेव मिश्रा जी”,पंडित जी ने कहा
“हर हर महादेव पंडित जी , आज सबेरे सबेरे इधर , सब खैरियत तो है”,मिश्रा जी ने कहा
“बस आपकी दया है”,पंडित जी ने कहा
“बाहर क्यो खड़े है अंदर आईये ना”,कहते हुए मिश्रा जी केशव पंडित के साथ अंदर चले आये
केशव पंडित जी को बैठने का इशारा करके उन्होंने लाजो से मिश्राईन के साथ चाय नाश्ता भिजवाने को कहा । लाजो चली गयी तो मिश्रा जी पंडित जी की ओर मुखातिब होकर कहने लगे,”हा तो पंडित जी अब बताईये कैसे आना हुआ ?”
“उह सरिता जी ने गुड्डु की कुंडली विचारने को कहा था वही लेकर आये रहय”,पंडित जी ने अपने झोले से कुंडली निकालते हुए कहा
“का लिखा है इसकी कुंडली मे ?”,मिश्रा जी गुड्डु की ओर देखकर पूछा जो कि वही पास में कान लगाकर खड़ा था और मिश्रा जी के देखने पर गोलू को साथ लेकर बाहर चला गया
मिश्रा जी की बात सुनकर पंडित जी थोड़ा सोच में पड़ गए और फिर कुंडली सामने टेबल पर रखते हुए कहा,”इसके जीवन मे बहुत उथल पुथल मचने वाली है ऐसा इसकी कुंडली मे लिखा है । इसके भाग्य में दो बार प्रेम का आगमन लिखा है जिसमे से दूसरा प्रेम मजबूत रहेगा । परेशानियों का सामना करते हुए इसे अपनी जिंदगी के कुछ साल गुजारने होंगे पर अंत मे सब अच्छा होगा”
मिश्रा जी सुना तो थोड़ा चिंतित हो गए और कहा,”कोई बड़ी समस्या तो नही है ना पंडित जी ?”
“नही बड़ी समस्या तो नही है लेकिन इसका पहला प्रेम सफल नही है , जिस से इसकी शादी में सुख का वास नही है ।”,पंडित जी ने कहा
“इसके लिए कोई उपाय”,मिश्रा जी को अब गुड्डु की चिंता होने लगी थी ।
“काशी जाकर एक बार शिव गौरी की पूजा कर आईये , भोलेनाथ सब ठीक करेंगे”,पंडित जी ने कहा
“हा इसी महीने जाकर आएंगे”,मिश्रा जी ने कहा , उनके चेहरे से परेशानी के भाव साफ झलक रहे थे । पंडित ने उनकी परेशानी भांपते हुए कहा,”चिंता मत कीजिये मिश्रा महादेव उसकी जिंदगी में किसी सही लड़की को जरूर भेजेंगे , जो इसे सुधार भी देगी और इसका हमेशा साथ भी देगी”
“अच्छा पंडित जी एक बात और मिश्राईन से इह सबका जिक्र ना कीजियेगा खामखा परेसान हो जाएंगी”,मिश्रा जी ने कहा
“किस बात का जिक्र नही करना”,मिश्राईन ने चाय नाश्ते के साथ प्रवेश करते हुए कहा
“अरे मिश्राईन आओ आओ बई ठो पंडित जी कह रहे कि गुड्डु की शादी बहुते गुणवान लड़की से होनी लिखी है , अब हम तुमको देना चाहते थे सरप्राइज लेकिन तुम पहिले ही सुन ली”,मिश्रा जी ने झूठ कह दिया और पंडित जी की ओर देखकर पलकें झपका दी ।
“हा सरिता जी मिश्रा जी सही कह रहे है , गुड्डु बड़ा भाग्यशाली है जो लड़की उसके जीवन मे
आएगी उसके जीवन को खुशहाल बना देगी”,पंडित ने कहा तो मिश्राईन ने मिठाई की प्लेट आगे करते हुए कहा,”अरे तो फिर मुंह मीठा कीजिये ना”
“मिश्राईन तुमहू पंडित जी को जलपान करवाओ हम नहाकर आते है”,कहते हुए मिश्रा जी वहां से चले गए ।
गुड्डु ओर गोलू ऊपर छत पर थे गोलू ने कहा,”ये तुम्हाये पिताजी सुबह सुबह भांग खा लिए है का बे ? कोनसे पेपर की बात कर रहे”
“अबे रात जो कांड हम किये रहय , उसी को छुपाने के लिए हमहू पिताजी से झुठ बोले पर तुमको इतनी सी बात भी समझ नही आती है”,गुड्डु ने कहा
“अच्छा तो इह बात है , कोई ना आज एग्जाम का टाइम टेबल मिलने वाला है यही बताने आये रहय तुम्हाये घर , फ़ोन किया पर उठाया नही तुमने”,गोलू ने कहा
“अरे यार मगज ठीक नही था हमारा”,गुड्डु ने उदास होकर कहा
”काहे अब का हुआ ?”,गोलू ने पूछा
“अबे पिंकिया का कोनो अता पता नही है यार ना फोन ना मैसेज का जवाब ओर तो ओर मिलने भी नही ना आई कल”,गुड्डु ने कहा
“काहे चिन्तिया रहे हो बे ? उसका काम है काटना ओर तुम्हे तो आदत सी हो गयी है कटवाने की”,गोलू ने कहा
“गोलुआ ज्यादा चौड़ियाओ नही समझे , तुमहू जिस दिन किसी से सच्चा प्यार होगा ना तब समझ आयी तुमको”,गुड्डु ने नाराज होकर कहा
“भैया हमहू प्यार की जरूरत ना पड़ी , हम चलते है वक्त पर कॉलेज पहुच जइयो ओर टिकट ले लेना अपना”,कहकर गोलू चला गया
गुड्डु नहाने चला गया , तैयार हुआ नाश्ता किया और कॉलेज चला गया । कॉलेज आकर उसने अपना एडमिट कार्ड और टाइम टेबल लिया और शोरूम चला आया ।
पिंकी से उसकी बात नही हो पा रही थी , उसने उसके मोहल्ले में भी एक दो बार चक्कर लगाए लेकिन पिंकी नही मिली । एक हफ़्ता गुजर गया गुड्डु की हालत खराब थी एक शाम शोरूम से आते हुए गुड्डु ने पिंकी को देखा उसने बाइक रोकी ओर उतरकर पिंकी के पद आया और उसका हाथ पकड़कर उसे साइड में गली में लेकर आया । पिंकी की पीठ दीवार से जा लगी और गुड्डु एकदम से उसके सामने आ खड़ा हुआ और कहां,”इह सब का है पिंकिया ? ना तुम हमाये फोन का जवाब देती हो ना ही हमसे मिलती हो ,, कितनी बार तुम्हारे कॉलेज ओर घर के चक्कर काटे लेकिन तुम्हारा कोई अता पता ही नही है । चाहती का हो सब कुछ तो कर रहे है तुम्हाये लिए , पिछले एक हफ्ते से कितना परेशान रहे है जानती हो । अब खामोश काहे खड़ी हो बोलो कुछ”
पिंकी ने गुड्डु की ओर देखा और आंखों में आंसू भरकर कहा,”हमारी शादी फिक्स हो गयी है गुड्डु ।”
गुड्डु ने सुना तो उसका दिल टूट गया ।
क्रमश – मनमर्जियाँ – 12
Read More – manmarjiyan-10
Follow Me On – facebook
Follow Me On – instagram
संजना किरोड़ीवाल
कहानी में बनारस का भी जिक्र है तो गुड्डु की दूसरी प्रेमिका कही बनारस से ही तो नहीं…
सबकुछ फेक लग रहि है…कि पिंकी झूठ तो नही बोल रही…मुझे लग रहा है कि पिंकी किसी ओर से होने की जगह गुड्डू से हो जाएगी… फिर गुड्डू को पिंकी की असलियत कि पता चले…फिर उसके बाद जो संजना जी चाहे, वहीं होगा…यार गुड्डू के लिए बहुत बुरा लगता है…कोई तो अच्छी बंदी मिलनी चाहिए गुड्डू को…वो डिजर्व करता है….
Yh pinki bikul bhi sahi ladki nhi h guddu k liye
बहुत ही बढ़िया.. लगता है कि गुड्डू के भाग्य में पिंकी थी है नहीं कोई और ही है।जिसका आज जिक्र हुआ है, शायद पिंकी से भी अच्छी हो..🌹🌹🌹🌹
Very beautiful
चलो एक बात तो क्लियर कर दी हमारे पंडित जी ने
की गुड्डू का पहला प्यार पिंकी हैं,,, 😀मग़र सादी का योग नहीं हैं 😂😂😂,, तो अब गुड्डू भैया की ज़िन्दगी में कोई ख़ास की एंट्री होने वाली हैं,,,
🤗🤗🤗🔥🔥🔥,, वहीं आग लगा के गुड्डू को जिम्मेदारी सिखाएगी,, 😁😁😁
.
.
. चलो देखते हैं क्या होता,, सादी,, एग्जाम,,, या फिर संजना मैम की धांसू ड्रामा,,,,,.
.
.
. बहुत बढ़िया 👌👌👌👌🙏🙏😊😊
Chalk bhai abb koi dusri ladki aayegi guduu me Jivan me
😃Pinky ki shadi fix.. Bach gye guddu bhaiya
Thank god is pinkia ka rishta to fix huaa😂😂😂 nhi to guddu ko use krti rhtii
kahin dusri ladki vo roshni to nhi guddu ki padosi
Pinkiya k shadi fix ho gayi y to g😎😎d news hai
Acha hua jo shadi ho Rahi madam jii ki
Chalo ab ye pinkiya kand khatam hone ko aya khatam karo yaar bahot sar khai ye ladki.kab se wait kar rahe the khatam hone ki.chalo ab kuchh to achha padhneko milega
पिन्कीया के शादी का निमंत्रण मिश्रा जी को जरूर मिलना चाहिए वो भी नयी गर्लफ्रेंड के एन्ट्री के साथ