Main Teri Heer Season 5 – 88
Main Teri Heer Season 5 – 88

बाबा ने फिर वंश के लिए फिर एक लड़की पसंद कर ली और इस बार तो बाबा ने किसी को बताया भी नहीं कि वह लड़की कौन है और बाबा ने उसे सीधा उसी मंदिर बुला लिया जिस मंदिर में वे सभी घरवालों के साथ जा रहे थे। वंश के साथ साथ सभी घरवाले हैरान परेशान थे बस बाबा के होंठो पर मुस्कुराहट थी। शिवम् ने सुना तो बाबा से कहा,”बाबा ! इतनी जल्दी फिर से , कुछ वक्त के लिए वंश के रिश्ते की बात टाल देते है ना”
“शिवा तुमने हमे वचन दिया है ना और फिर जब वंश को कोनो दिक्कत नाही है तो फिर बाकी सबको का परेशानी है ? वंश”,बाबा ने शिवम् से कहा और वंश की तरफ पलटे।
“जी बाबा”,वंश ने कहा
“जोन कुर्ते पाजामे का नाप तुमहू देकर आये थे ना उह्ह सिलकर आ चुका है , आज तुम वही पहनो तुम्हारे कमरे में रखवाया है”,बाबा ने कहा
बाबा की बात सुनकर वंश के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उसने निशि की तरफ देखा और उसका मासूम चेहरा देखकर पहली बार वंश का दिल किया वह अपने पापा का बाबा से किया वचन तोड़ दे। वंश बाबा की तरफ पलटा और कहा,”बाबा मुझे आपसे कुछ बात करनी है”
“वंश हम तुम्हायी बात सुनेंगे पर यहाँ नहीं सीधा मंदिर चलकर,,,,,,,देखो शुभ मुहूर्त निकल रहा है हम सबके साथ मंदिर के लिए निकलते है तुम फटाफट तैयार होकर पहुंचो”,कहकर बाबा वंश की बात सुने बिना ही वहा से चले गए।
एक बार फिर वंश निराश हो गया लेकिन उसने मन ही मन ठान लिया कि आज वह बाबा को सब सच बता कर रहेगा। वंश चुपचाप सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। सारिका ने निशि से भी तैयार होकर आने को कहा और उसके बाद सभी मंदिर के लिए निकल गए।
सभी मंदिर पहुंचे , मुरारी अपने पुरे परिवार के साथ पहले से वहा मौजूद था। बाबा को छोड़कर शिवम् के साइड वाले लोग उस लड़की को ढूंढ रहे थे जिसे बाबा ने वंश के लिए पसंद किया है और मंदिर में बुलाया है। घरवालों के अलावा वहा ऐसी कोई लड़की नहीं थी जिसकी बात बाबा कर रहे थे ना ही किसी में बाबा से पूछने की हिम्मत थी। पंडित जी ने मुन्ना-गौरी , काशी-शक्ति को बैठाकर एक छोटी सी पूजा करवाई।
सभी पूजा में आ बैठे , बाकि घरवाले भी बैठ गए। वंश का हाथ अब पहले से ज्यादा दर्द करने लगा था लेकिन उसने किसी को बताया नहीं वह बस इंतजार कर रहा था कि पूजा खत्म हो और वह बाबा को सब सच्चाई बता दे। पूजा करवाकर पंडित जी जैसे ही उठने लगे बाबा ने कहा,”अरे पंडित जी बैठिये ज़रा ! अभी एक पूजा और करवानी है,,,,,,,,,,!!”
“कौनसी छोटी पूजा यजमान ?”,पंडित जी ने कहा
“बच्चो की अँगूठिया बदलवानी है तो सोचा साथ में पूजा भी करवा दे,,,,,,,,!!”,बाबा ने जैसे ही कहा वंश का दिल धड़कने लगा
“हाँ हाँ यजमान , ये तो बहुत ही अच्छा विचार है,,,,,,,बच्चो को बुलाइये अभी करवा देते है”,पंडित जी ने अगली पूजा की तैयारी करते हुए कहा
“वंश यहाँ आओ”,बाबा ने कहा
वंश उठा लेकिन उसके चेहरे पर ना ख़ुशी के भाव थे ना ही मुस्कुराहट , वह बाबा के पास आया और डरते डरते कहा,”बाबा मुझे आपसे कुछ कहना है”
“अरे बाद में आराम से कह देना बेटा , अभी जाओ पंडित जी के पास बैठो,,,,,,,,,,,,!!”,बाबा ने एक बार फिर वंश की बात को अनसुना कर दिया
मुरारी और मुन्ना को जब पता चला कि बाबा ने फिर वंश के लिए कोई लड़की पसंद कर ली है तो दोनों के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये लेकिन दोनों अब क्या बोले ?
बाबा के कहने पर वंश पंडित जी के सामने आकर बैठ गया , वह गुस्सा भी था और लाचार भी इसलिए अपना सर झुका लिया। कुछ ही दूर खड़ी निशि बस उदास आँखों से वंश को देखे जा रही थी आखिर निशि के हाथ में भी कुछ नहीं था।
पंडित जी ने बाबा की तरफ देखा और कहा,”यजमान कन्या कहा है ?”
वंश को छोड़कर सबकी नजरे बाबा पर टिक गयी , वंश बस गर्दन झुकाये बैठा था तभी बाबा ने कहा,”निशि बिटिया आओ बइठो”
बाबा ने जैसे ही निशि का नाम लिया सभी हैरानी और ख़ुशी से बाबा को देखने लगे , निशि खुद हैरान थी कि बाबा ने उसका नाम लिया है उसकी आँखों में नमी उभर आयी। वंश ने सुना तो गर्दन उठाकर बाबा को देखा उसे अभी भी अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था जबकि नमी उसकी आँखों में भी थी।
शिवम् ने राहत की साँस ली और सारिका उसने ख़ुशी से बगल में बैठी मेघना के हाथो को थाम लिया। मुन्ना उठा और बाबा को पीछे से गले लगाकर कहा,”थैंक्यू बाबा”
बाबा नहीं समझे मुन्ना ने उन्हें थैंक्यू क्यों कहा वे बस मुस्कुरा उठे और हमारे पूर्व विधायक जी मुरारी मिश्रा तो ये सुनकर इतना खुश हुए कि अपने साथ खड़े नवीन को मारे ख़ुशी के गले ही लगा लिया और एक चुम्मा भी उसके गाल पर चिपका दिया।
“आओ बिटिया वहा काहे खड़ी हो ? देखो अगर तुम्हे वंश पसंद नहीं है तो फिर हम कोनो और लड़की देख लेंगे”,निशि को अपनी जगह खड़े देखकर बाबा ने कहा। निशि ने सुना तो जल्दी से आकर वंश के बगल में बैठते हुए कहा,”नहीं नहीं बाबा पसंद है”
निशि की मासूमियत देखकर सभी हंस पड़े तो बाबा नवीन की तरफ पलटे और कहा,”क्यों भाई नवीन , तुम्हारी बिटिया को हमने वंश के लिए पसंद किया तुम्हे कोनो ऐतराज तो नाही है ना ?”
“अरे बाबा कैसी बाते कर रहे है ? आप घर के बड़े है आपने कुछ अच्छा सोचकर ही फैसला किया होगा,,,,,,,मुझे तो ये रिश्ता मंजूर है बाबा”,नवीन ने खुश होकर कहा तो बाबा मुस्कुरा उठे और पंडित जी से कहा,”पंडित जी शुरू कीजिये”
नवीन और मेघना निशि के बगल में आ बैठे और शिवम् सारिका पहले से वंश के बगल में बैठे थे। सबके चेहर ख़ुशी से चमक रहे थे सुमित भी सामने कुछ दूर बैठी प्रिया को देख रहा था और प्रिया ऋतू के साथ बातो में लगी थी
सुमित के बगल में बैठी आई ने जब सुमित को प्यार भरी नजरो से प्रिया को देखते पाया तो अपने कंधे से उसका कंधा टकराकर कहा,”का बात है बिटवा तुमको भी बनारस मा कोनो पसंद आ गयी का ? कहो तो तुम्हाये भी फेरे पड़वाय दे”
सुमित ने सुना तो आई की तरफ देखा और कहा,”पसंद तो आ गयी है आई पर उसको मैं पसंद हु या नहीं ये नहीं पता”
“ल्यो इह मा कौनसी बड़ी बात है अभी पूछ देते है , ए प्रिया बिटिया तुमहू,,,,,,,,!!”,आई ने सुमित से कहा और फिर एकदम से प्रिया को आवाज लगा दी लेकिन आई अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले सुमित ने आई के मुंह पर अपना हाथ रखकर कहा,”क्या कर रही है आप ?”
“अरे हमहू तो तुमहाओ मामला सेट करवाय रहे है , बम्बई का खाली हाथ जाओगे ?”,आई ने कहा
सुमित उठा और आई को नमस्ते करते हुए वहा से चला गया , आई ने भी अपना ध्यान वंश निशि पर लगा लिया।
पंडित जी ने वंश को अपना हाथ आगे करने को कहा साथ ही निशि को भी अपना हाथ आगे करने को कहा। वंश के हाथ में दर्द था उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया पंडित जी ने निशि का हाथ वंश की हथेली पर रख दिया। उन्होंने निशि की हथेली पर कुछ अक्षत , फूल पर मौली रखी और पूजा करने लगे। दर्द की वजह से वंश का हाथ काँप रहा था और जैसे ही नीचे गिरने को हुआ निशि ने अपना दुसरा हाथ वंश के हाथ के नीचे लगाकर उसे सम्हाल लिया।
वंश को एक सिहरन महसूस हुई उसने निशि की तरफ देखा और दिल से एक आवाज आयी “सिर्फ यही है जो मुझे हर हाल में सम्हाल सकती है” वंश को सिर्फ निशि दिखाई दे रही थी वहा मौजूद लोग सब धुंधले दिखाई दे रहे थे। ना कुछ सुनाई दे रहा था ना ही दिखाई और एकदम से वंश ने निशि को देखकर कहा,”आई लव यू”
निशि ने सुना तो हैरानी से वंश की तरफ देखा , वंश एकटक निशि को देखे जा रहा था।
पंडित जी ने सुना तो बेचारे हैरान होकर वंश को देखने लगे और मंत्र बोलना ही भूल गए। घरवालों ने सुना तो सभी हसने मुस्कुराने लगे। प्रिया सुमित के बगल में जब वंश को आई लव यू कहते सुना तो सुमित के कंधे पर कोहनी रखकर ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”अह्ह्ह ! मुझे पता ही था इन दोनों में पहले आई लव यू वंश ही कहेगा”
“तुम्हे कैसे पता ?”,सुमित ने प्रिया की तरफ देखकर पूछा
“अरे हर लव स्टोरी में पहले आई लव यू लड़का ही बोलता है,,,,,,,,,!!”,प्रिया ने सुमित की तरफ पलटकर कहा
“और ये कहा लिखा है , हम लड़को का भी दिल करता है कोई लड़की हमे पहले आई लव यू कहे”,सुमित ने कहा
“आई लव यू,,,,,,,,,!!”,प्रिया ने एकदम से कहा तो सुमित धड़कते दिल के साथ एकटक प्रिया को देखने लगा
सुमित को हैरान परेशान देखकर प्रिया ने कहा,”यस आई लव यू , मैं आई लव यू सुनने के इंतजार में एक अच्छे लड़के को खोना नहीं चाहती,,,,,,,सो मिस्टर सुमित विल यू मैरी मी ?”
सुमित ने सुना तो ख़ुशी से उसका दिल उछलने लगा , उसने सोचा नहीं था उसे उसका प्यार बनारस में मिलेगा। उसने हाँ में गर्दन हिला दी तो प्रिया खुश होकर जैसे ही उसके गले लगने को हुई उसे ख्याल आया कि यहाँ सब मौजूद है उसने खुद को रोक लिया और मुस्कुराने लगी। सुमित ने प्रिया का हाथ अपने हाथो में ले लिया और दोनों मुस्कुराते हुए वंश निशि को देखने लगे।
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संजना किरोड़ीवाल
ल्यो इह मा कौनसी बड़ी बात है अभी पूछ देते है , ए प्रिया बिटिया तुमहू,,,,,,,,,!!”,आई ने सुमित से कहा और फिर एकदम से प्रिया को आवाज लगा दी लेकिन आई अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले सुमित ने आई के मुंह पर अपना हाथ रखकर कहा,”क्या कर रही है आप ?”
“अरे हमहू तो तुमहाओ मामला सेट करवाय रहे है , बम्बई का खाली हाथ जाओगे ?”,आई ने कहा
सुमित उठा और आई को नमस्ते करते हुए वहा से चला गया , आई ने भी अपना ध्यान वंश निशि पर लगा लिया।
पंडित जी ने वंश को अपना हाथ आगे करने को कहा साथ ही निशि को भी अपना हाथ आगे करने को कहा। वंश के हाथ में दर्द था उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया पंडित जी ने निशि का हाथ वंश की हथेली पर रख दिया। उन्होंने निशि की हथेली पर कुछ अक्षत , फूल पर मौली रखी और पूजा करने लगे। दर्द की वजह से वंश का हाथ काँप रहा था और जैसे ही नीचे गिरने को हुआ निशि ने अपना दुसरा हाथ वंश के हाथ के नीचे लगाकर उसे सम्हाल लिया।
ल्यो इह मा कौनसी बड़ी बात है अभी पूछ देते है , ए प्रिया बिटिया तुमहू,,,,,,,,,!!”,आई ने सुमित से कहा और फिर एकदम से प्रिया को आवाज लगा दी लेकिन आई अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले सुमित ने आई के मुंह पर अपना हाथ रखकर कहा,”क्या कर रही है आप ?”
“अरे हमहू तो तुमहाओ मामला सेट करवाय रहे है , बम्बई का खाली हाथ जाओगे ?”,आई ने कहा
सुमित उठा और आई को नमस्ते करते हुए वहा से चला गया , आई ने भी अपना ध्यान वंश निशि पर लगा लिया।
पंडित जी ने वंश को अपना हाथ आगे करने को कहा साथ ही निशि को भी अपना हाथ आगे करने को कहा। वंश के हाथ में दर्द था उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया पंडित जी ने निशि का हाथ वंश की हथेली पर रख दिया। उन्होंने निशि की हथेली पर कुछ अक्षत , फूल पर मौली रखी और पूजा करने लगे। दर्द की वजह से वंश का हाथ काँप रहा था और जैसे ही नीचे गिरने को हुआ निशि ने अपना दुसरा हाथ वंश के हाथ के नीचे लगाकर उसे सम्हाल लिया।
ल्यो इह मा कौनसी बड़ी बात है अभी पूछ देते है , ए प्रिया बिटिया तुमहू,,,,,,,,,!!”,आई ने सुमित से कहा और फिर एकदम से प्रिया को आवाज लगा दी लेकिन आई अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले सुमित ने आई के मुंह पर अपना हाथ रखकर कहा,”क्या कर रही है आप ?”
“अरे हमहू तो तुमहाओ मामला सेट करवाय रहे है , बम्बई का खाली हाथ जाओगे ?”,आई ने कहा
सुमित उठा और आई को नमस्ते करते हुए वहा से चला गया , आई ने भी अपना ध्यान वंश निशि पर लगा लिया।
पंडित जी ने वंश को अपना हाथ आगे करने को कहा साथ ही निशि को भी अपना हाथ आगे करने को कहा। वंश के हाथ में दर्द था उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया पंडित जी ने निशि का हाथ वंश की हथेली पर रख दिया। उन्होंने निशि की हथेली पर कुछ अक्षत , फूल पर मौली रखी और पूजा करने लगे। दर्द की वजह से वंश का हाथ काँप रहा था और जैसे ही नीचे गिरने को हुआ निशि ने अपना दुसरा हाथ वंश के हाथ के नीचे लगाकर उसे सम्हाल लिया।
“आओ बिटिया वहा काहे खड़ी हो ? देखो अगर तुम्हे वंश पसंद नहीं है तो फिर हम कोनो और लड़की देख लेंगे”,निशि को अपनी जगह खड़े देखकर बाबा ने कहा। निशि ने सुना तो जल्दी से आकर वंश के बगल में बैठते हुए कहा,”नहीं नहीं बाबा पसंद है”
निशि की मासूमियत देखकर सभी हंस पड़े तो बाबा नवीन की तरफ पलटे और कहा,”क्यों भाई नवीन , तुम्हारी बिटिया को हमने वंश के लिए पसंद किया तुम्हे कोनो ऐतराज तो नाही है ना ?”
“अरे बाबा कैसी बाते कर रहे है ? आप घर के बड़े है आपने कुछ अच्छा सोचकर ही फैसला किया होगा,,,,,,,मुझे तो ये रिश्ता मंजूर है बाबा”,नवीन ने खुश होकर कहा तो बाबा मुस्कुरा उठे और पंडित जी से कहा,”पंडित जी शुरू कीजिये”
नवीन और मेघना निशि के बगल में आ बैठे और शिवम् सारिका पहले से वंश के बगल में बैठे थे। सबके चेहर ख़ुशी से चमक रहे थे सुमित भी सामने कुछ दूर बैठी प्रिया को देख रहा था और प्रिया ऋतू के साथ बातो में लगी थी
“आओ बिटिया वहा काहे खड़ी हो ? देखो अगर तुम्हे वंश पसंद नहीं है तो फिर हम कोनो और लड़की देख लेंगे”,निशि को अपनी जगह खड़े देखकर बाबा ने कहा। निशि ने सुना तो जल्दी से आकर वंश के बगल में बैठते हुए कहा,”नहीं नहीं बाबा पसंद है”
निशि की मासूमियत देखकर सभी हंस पड़े तो बाबा नवीन की तरफ पलटे और कहा,”क्यों भाई नवीन , तुम्हारी बिटिया को हमने वंश के लिए पसंद किया तुम्हे कोनो ऐतराज तो नाही है ना ?”
“अरे बाबा कैसी बाते कर रहे है ? आप घर के बड़े है आपने कुछ अच्छा सोचकर ही फैसला किया होगा,,,,,,,मुझे तो ये रिश्ता मंजूर है बाबा”,नवीन ने खुश होकर कहा तो बाबा मुस्कुरा उठे और पंडित जी से कहा,”पंडित जी शुरू कीजिये”
नवीन और मेघना निशि के बगल में आ बैठे और शिवम् सारिका पहले से वंश के बगल में बैठे थे। सबके चेहर ख़ुशी से चमक रहे थे सुमित भी सामने कुछ दूर बैठी प्रिया को देख रहा था और प्रिया ऋतू के साथ बातो में लगी थी
Aery wha…yaha to sabke mamla set ho raha hai…AAI bol rhi thi Sumit ko ki uski setting karwayengi Priya k sath…aur yaha to priya ne Sumit I Love You bol diya…kya baat hai…aur Vansh ne sabke samne sabse pahle Nishi ko I Love You bol diya…ab sab all is well hai…bas yeh Rajan apne kiye ki Munna aur Vansh ki family se maafi maang le