Main Teri Heer season 5 – 77

Main Teri Heer season 5 – 77

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

सारिका सुमन को लेकर सबके पास चली आयी। एक टेबल पर मुन्ना गौरी , उसकी सहेलिया और काशी शक्ति बैठे थे और वहा बैठने की जगह नहीं थी। पास ही में दूसरी टेबल पर निशि , अंजलि , सुमित , जय और वंश बैठे थे वहा एक कुर्सी खाली थी सारिका ने सुमन से वही बैठने को कहा , इत्तेफाक से सुमन वंश के ठीक सामने आ बैठी। सुमन को वहा देखकर निशि को अच्छा नहीं लगा वह जैसे ही उठने को हुई वंश ने टेबल के नीचे से उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया।

निशि ने वंश की तरफ देखा तो पाया कि वंश सामने देख रहा है और इस बात से वह और चिढ गयी उसे लगा वंश सुमन को देख रहा है जबकि ऐसा नहीं था। सुमन ने निशि और वंश को साथ देखा तो समझ गयी कि वंश जिस लड़की को पसंद करता ये वही लड़की है।
सुमन को चुप देखकर सुमित ने बात शुरू की और उस से बनारस के बारे में बात करने लगा।

सुमित वंश के बगल में ही बैठा था इसलिए वंश ने सुमित की तरफ देखा और कहा दबे स्वर में कहा,”क्या कर रहे हो बड़े भैया ? मै यहाँ आपकी फील्डिंग प्रिया के साथ सेट करवाने की सोच रहा हूँ और आप इधर बेटिंग करने का ख्वाब देख रहे है,,,,,,,,,बनारस आते ही काफी रंगबाज हो रहे हो”
“क्या बकवास कर रहे हो , उसे हमारे साथ अनकम्फर्टेबल फील ना हो बस इसलिए मैं उस से बात कर रहा हूँ”,सुमित ने भी दबे स्वर में कहा


सुमन ने वंश की तरफ देखा तो वंश धीरे से मुस्कुरा दिया। बगल वाली टेबल पर बैठे मुन्ना का ध्यान खाने में कम और वंश वाली टेबल पर ज्यादा था। निशि का उतरा हुआ चेहरा देखकर मुन्ना को अच्छा नहीं लग रहा था , निशि जिन भावनाओ से गुजर रही  थी मुन्ना अच्छे से समझ रहा था क्योकि मुन्ना भी इन भावनाओ से गुजर चुका था।

निशि की नजरे जब मुन्ना से मिली तो मुन्ना धीरे से मुस्कुराया और अपनी गर्दन उचकाई तो निशि ने अपना निचला होंठ निकाला और हाथ से वंश की तरफ इशारा करके अपने अंगूठे को गर्दन पर बाँये से दाँये किया तो मुन्ना हंस पड़ा और ना में गर्दन हिलाकर अपना हाथ अपने सीने पर रखा और इशारे में निशि को समझाया कि वह उसके साथ है। निशि को तसल्ली मिली तो उसने धीरे से अपनी गर्दन हाँ में हिला दी। मुन्ना ने अपने अंगूठे से निशि को मुस्कुराने का इशारा किया तो निशि मुस्कुरा दी और फिर सभी अपना अपना खाना खाने लगे।

खाना खाने के बाद सभी बैठकर बाते करने लगे। शक्ति को काशी से बात करनी थी इसलिए वह शक्ति के साथ गार्डन में घूमने लगी। प्रिया और सुमित की बॉन्डिंग अच्छी बन रही थी इसलिए वह भी सबके साथ प्रिया के बगल में आ बैठा। मुरारी ने जो फंक्शन रखा था उसे शुरू होने में अभी समय था इसलिए सब अपना टाइम पास कर रहे थे।

खाना खाने के बाद सुमन संगीत में आये लोगो से कुछ बाते कर रही थी। मुन्ना ने जब सुमन को अकेले देखा तो वह उसके पास आया और कहा,”सुनिए,,,,,!!”
“जी,,,!!”,सुमन ने पलटकर मुन्ना से कहा
“नमस्ते ! आप शायद हमे नहीं जानती , हमारी बात भी नहीं हुई है। हम,,,,,,,,!!”, मुन्ना ने इतना ही कहा कि सुमन बीच में ही बोल पड़ी,”आप है मानवेन्द्र मिश्रा , आपको कौन नहीं जानता ? हाल ही में आप बनारस के युवा नेता के रूप में चुने गए है और साथ ही आप वंश के बड़े भाई है , मुरारी मिश्रा के बेटे,,,,,,,,,,,हमने सही कहा ना ?”


मुन्ना ने सुना तो धीरे से मुस्कुराया और कहा,”जी हाँ सही कहा , दरअसल हमे वंश को लेकर आपसे कुछ बात करनी है”
मुन्ना की बात सुनकर सुमन को ज्यादा हैरानी नहीं हुई क्योकि मुन्ना से पहले भी इस घर के चार लोग उस से वंश को लेकर बात कर चुके थे। सुमन ने मुन्ना को देखा और सहजता से कहा,”जी कहिये ना”


“देखिये सुमन जी ! हम जानते है कि आपके बाबा और वंश के बाबा ने आप दोनों के मिलने से पहले ही ये रिश्ता तय कर दिया और बाबा की ख़ुशी के लिए वंश ने इस रिश्ते को स्वीकार भी कर लिया पर आप सच नहीं जानती , वंश की जिंदगी पहले से एक लड़की है जिसे वंश बहुत पसंद करता है और वंश भी उसे बहुत पसंद करता है। शादी का मतलब होता है पूर्ण समर्पण लेकिन वंश का मन वहा रहेगा और शादी आपसे होगी तो ये दोनों के लिए अच्छा नहीं है।

सुमन जी हम जानते है हमारी ये बाते आपको थोड़ी अजीब लगेगी पर हम वंश से इतना प्यार करते है कि उसका दिल टूटते नहीं देख सकते। वो हम से बस 25 मिनिट छोटा है लेकिन हमने हमेशा अपने बड़े भाई होने का फर्ज निभाया है और हमारा फर्ज बनता है कि हम उसका साथ दे। उसने ये सब आपको नहीं बताया क्योकि उसे डर है आप ये सब जाकर अपने बाबा से कह देंगी और आपके बाबा वंश के बाबा को और वंश इतना प्यारा है कि वह कभी बाबा का दिल नहीं दुखायेगा इसलिए हम आपको ये सब बता रहे है ,

प्लीज इस रिश्ते से इंकार कर दीजिये सबकी ख़ुशी के लिए वंश ने अगर आपसे शादी कर भी ली तो वह खुद कभी खुश नहीं रह पायेगा”
मुन्ना की बातें सुनकर सुमन का चेहरा उदासी से घिर गया इसलिए नहीं कि वंश किसी और को पसंद करता है बल्कि ये जानकर कि आज के ज़माने का लड़का होते हुए भी वंश अपने बाबा की ख़ुशी के लिए ये शादी करने को तैयार हो गया।

सुमन को उदास देखकर मुन्ना ने कहा,”हम जानते है ये सब सुनकर आपको थोड़ा बुरा लग रहा है लेकिन आप चिंता मत कीजिये आपको वंश से भी अच्छे लड़के मिल जायेंगे लेकिन उसे वंश जैसा कोई नहीं मिलेगा”
कहते हुए मुन्ना ने अपने पीछे कुछ ही दूर खड़ी निशि की तरफ हाथ किया। सुमन ने निशि को देखा तो निशि ने अपने हाथ उसके सामने जोड दिए और ये देखकर सुमन का दिल पिघल गया। उसने उसी पल वंश से शादी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया  

सुमन ने निशि को देखकर अपनी पलके झपकाई तो निशि मुस्कुरा उठी और खुश होकर मुन्ना सुमन के पास चली आयी। निशि ने ख़ुश होकर सुमन को गले गलाया और कहा,”थैंक्यू थैंक्यू सो मच , मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगी थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,!!”
“इट्स ओके निशि वैसे भी वंश के साथ मैं नहीं तुम ज्यादा अच्छी लगोगी,,,,,,,,,यू बोथ आर मेड फॉर इच अदर,,,,,,,,अगर वंश मुझे हल्दी वाले दिन ही कह देता तो  मैं खुद ही बाबा से मना कर देती तुम सब को इतना परेशान होने की जरूरत ही नहीं पड़ती”,सुमन ने कहा


“अरे वो चिरकुट तुमसे क्या ही कहेगा वो एक नंबर का फट्टू है , उसने आज तक मुझसे आई लव यू नहीं कहा दुसरो से क्या कहेगा कि वो मुझसे प्यार करता है”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
“रियली ? अह्ह्ह खैर छोडो ये तुम दोनों का पर्सनल मामला है , मानवेन्द्र जी मैं कल सुबह बाबा से इस रिश्ते के लिए ना बोल दूंगी”,सुमन ने कहा
मुन्ना और निशि ने सुना तो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराये। सुमन वहा से चली गयी। निशि ने आकर मुन्ना को साइड हग किया और कहा,”थैंक्यू मुन्ना भैया आप बहुत अच्छे हो , आई लव यू”


मुन्ना ने निशि के कंधो पर अपनी बाँह रखी और उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”ये तुम्हे हम से नहीं वंश से कहना चाहिए वरना बाबा फिर कोई सुमन , मीना , विमला ढूंढ लेंगे,,,,,,,,,,!!”
“मैं क्यों कहू उसने भी तो मुझसे नहीं कहा,,,,,,,,वैसे भी मुन्ना भैया वो बहुत अकड़ू है”,निशि ने मुन्ना के साथ चलते हुए कहा
“क्या होगा तुम दोनों का ?”,मुन्ना ने कहा और निशि के साथ आगे बढ़ गया।

मुरारी का प्रोग्राम शुरू हुआ लेकिन मुन्ना वंश और उनकी उम्र के लोगो को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी बल्कि सब लॉन में बैठ कर हंसी मजाक और बातें कर रहे थे। गौरी को वाशरूम जाना था इसलिए वह अंजलि को साथ लेकर घर के अंदर चली गयी। नीचे सब कमरों में मेहमान थे इसलिए गौरी को परेशान देखकर अंजलि ने कहा,”गौरी भाभी ! आप मुन्ना भैया के कमरे में चलिए वहा कोई नहीं मिलेगा आप आराम से फ्रेश हो जाना और अपना दुपट्टा भी सही कर लेना”


“हाँ ये सही रहेगा चलो”,गौरी ने कहा और अंजलि के साथ मुन्ना के कमरे में चली आयी। गौरी आज दूसरी बार मुन्ना के कमरे में आयी थी आज भी उसका कमरा उतना ही व्यवस्तिथ था जितना उसने पहली बार देखा था।  

गौरी ने अपना फोन और पर्स टेबल पर रखा और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। अंजलि कमरे से बाहर चली आयी तभी उसने किशना को आई क्रीम ले जाते देखा और भुक्कड़ अंजलि उसके पीछे चल पड़ी। अंजलि ने किशना की ट्रे से आइस क्रीम की कटोरी ली और वही सीढ़ियों के पास खड़े होकर मजे से खाने लगी। मुन्ना किसी काम से ऊपर आया उसने जब अंजलि को सीढ़ियों के पास आइस क्रीम खाते देखा तो उसके पास आकर कहा,”अरे अंजलि बेटा तुम यहाँ क्या कर रही हो ? और ये ठंड में आइस क्रीम क्यों खा रही हो बीमार पड़ जाओगी बेटा”


“मुन्ना भैया मैं बस एक खाया और मैं गौरी भाभी का वेट कर रही हूँ,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने बेपरवाही से आइस क्रीम खाते हुए कहा
“गौरी का वेट ? अह्ह्ह्ह जो भी है,,,,,,,,,!!”,कहकर मुन्ना अपने कमरे की तरफ बढ़ गया।

मुन्ना अपने कमरे में आया और अपना कोट निकालकर बिस्तर पर डाल दिया उसने शर्ट का ऊपरी बटन खोलकर साँस लेते हुए कहा,”हाह इन कपड़ो ने तो हमारी जान ही निकाल दी,,,,,,!!”
मुन्ना शर्ट की बाजू फोल्ड करते हुए ड्रेसिंग की तरफ आया और पानी का जग उठाकर गिलास में पानी लिया और पीने लगा। पानी पीते हुए मुन्ना की नजर ड्रेसिंग पर पड़े लेटर पर गयी जो उसे शक्ति ने दिया था। उसे देखते ही मुन्ना को गौरी की याद आ गयी।

सबके साथ मुन्ना इतना बिजी हो चुका था कि उसे गौरी को देने के लिए वक्त ही नहीं मिल रहा था। मुन्ना पानी पीते हुए जैसे ही पलटा बाथरूम का दरवाजा खुला और उसमे से गौरी निकलकर बाहर आयी। गौरी को वहा  देखकर मुन्ना हैरान रह गया और उसके मुंह में भरा पानी गले में अटक गया और वह खांसने लगा। गौरी ने देखा तो उसके पास आयी और कहा,”मान क्या हुआ तुम्हे तुम ठीक हो ना ?”
“तुम तुम तुम यहाँ क्या कर रही हो ? वो भी हमारे कमरे में , किसी ने तुम्हे हमारे कमरे में देखा तो क्या सोचेगा ?”,मुन्ना ने घबराते हुए कहा


गौरी ने सुना तो उसने मुन्ना को घूरकर देखा और लगभग उस पर चढ़ते हुए कहा,” किसी ने मुझे तुम्हारे कमरे में देखा तो क्या सोचेगा ? मैं तुम्हारी होने वाली वाइफ हूँ मान क्या अब भी कुछ सोचने की जरूरत है ?”
गौरी को अपने पास देखकर मुन्ना बेचारा और घबरा गया और कहा,”हाँ हमारा मतलब तुम्हे शादी से पहले इस तरह हमारे कमरे में नहीं आना चाहिए”
“ओह्ह्ह अच्छा ! और क्या हो जायेगा अगर शादी से पहले मैं तुम्हारे कमरे में आ जाऊ तो ? मैं तुम्हे खा जाउंगी ?”,गौरी ने घूरकर कहा


मुन्ना ने एक गहरी साँस ली और खुद को सामान्य करके कहा,” अह्ह्ह्हह आई ऍम सोरी ,वो अचानक तुम्हे यहाँ देखकर हम बस थोड़ा घबरा गए थे”
गौरी ने सुना तो उदास होकर कहा,”हाह ! शादी से पहले लड़के मौका देखते है अपनी होने वाली वाइफ के साथ वक्त बिताने का और एक तुम हो जो हमेशा बस मुझे खुद से दूर भगाते रहते हो,,,मान तुम सच में ये शादी करना चाहते हो ना ? या फिर तुमने भी वंश की तरह बाबा का दिल रखने के लिए हाँ बोल दिया है”


गौरी की बात सुनकर मुन्ना गौरी के पास आया और कहा,”गौरी ! दो दिन बाद हमारी शादी है और तुम ऐसा सोच रही हो , किसी का नहीं तुमसे शादी करके  अपना दिल रखेंगे क्योकि हमारे दिल ने तुम्हे चुना है हमारी अर्धांगिनी के रूप में,,,,,,,,,और यही सच है”
“ऐसा है तो फिर तुम मुझसे दूर क्यों भागते रहते हो ?”,गौरी ने मचलकर मुन्ना के सीने पर मारते हुए कहा
मुन्ना मुस्कुराया और गौरी को अपने करीब करके कहा,”अगर हम तुम्हारे पास रहने लगे तो फिर तुम्हे अपना इतना आदी बना देंगे कि तुम हमारे बिना एक पल नहीं रह पाओगी”


“बाते बनाना तो कोई तुम से सीखे”,कहते हुए गौरी ने मुन्ना को पीछे किया और जाने के लिए पलटी तो मुन्ना ने उसकी कमर पर अपने हाथ लगाकर उसे वापस अपनी तरफ खींचा और शीशे की तरफ पलट गया। गौरी ने देखा वह और मुन्ना साथ साथ बहुत प्यारे लग रहे थे। मुन्ना ने अपनी बांहो को गौरी की कमर से लपेटा और अपनी ठुड्डी गौरी के कंधे पर रखकर शीशे में देखते हुए कहा,”क्या अब भी तुम्हे हम से शिकायत है ?”


“कैसी शिकायत ? तुम इतने अच्छे हो न मान कि तुमसे शिकायत करने के थोड़ी देर बाद मुझे खुद ही बुरा लगने लगता है,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम्हे और समझने की जरूरत है”,गौरी ने कहा
“तो समझ लेना वैसे भी शादी के बाद हमारे पास तुम्हारे लिए वक्त ही वक्त है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और एक बार फिर उसकी नजर सामने पड़े लेटर पर चली गयी और मुन्ना उसे उठाकर खोलने लगा गौरी अभी भी उसकी बांहो में थी।

“ये क्या है ?”,गौरी ने पूछा
“एक मिनिट , किसी ने हमारे लिए लेटर लिखा है रुको अभी पढ़कर सुनाते है”,कहते हुए मुन्ना ने लेटर को अपने हाथ में लिया और पढ़ने लगा।
“डिअर मान !”
ये सुनते ही गौरी समझ गयी कि ये लेटर तो उसने ही लिखा था मुन्ना के लिए लेकिन मुन्ना इसे आज क्यों पढ़ रहा है ? मुन्ना आगे पढ़ने लगा और गौरी सुनने लगी


“डियर मान !
तुम सोच रहे होंगे कि व्हाट्सप्प यूज करने वाली गौरी ने तुम्हारे लिए ये खत क्यों लिखा है ? मैं जानती हूँ मैं बहुत मॉर्डन और नए ज़माने की लड़की हूँ पर तुम्हारे साथ रहकर मैंने जाना है कि नए ज़माने में खत लिखना भी कितना खूबसूरत हो सकता है। व्हाट्सप्प मैसेज का जवाब तो चंद मिनटों में मिल जाता है लेकिन खत लिखने से लेकर जिसके लिए लिखा गया है उसे मिलने तक का जो इन्तजार है वो मैं तुम्हे बता नहीं सकती। यू तो मैंने कई बार तुम्हारे सामने अपनी भावनाये जाहीर की है

लेकिन आज एक बार फिर मैं तुम से ये कहना चाहती हूँ कि मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ , तुम से बहुत प्यार करती हूँ और हमेशा तुम्हे अपने साथ देखना चाहती हूँ। पहली बार जब तुमने कहा कि तुम मुझसे प्यार करते हो तब से लेकर आज तक गुजरे हर पल के साथ मेरा प्यार तुम्हारे लिए सिर्फ बढ़ता ही रहा है। चंद दिनों में हमारी शादी हो जाएगी और हम हमेशा के लिए एक दूसरे के साथ होंगे , शादी के इस बंधन में बंधने के साथ मैं तुम से बस इतना सा वादा चाहती हूँ कि इस जिंदगी में कभी मेरा साथ मत छोड़ना,,,,,,

मैं तुम्हे बहुत मिस कर रही हूँ और इन्तजार कर रही हु उस पल का जब तुम मेरे सामने होंगे”
तुम्हारी गौरी

खत पढ़कर मुन्ना चुप हो गया उसने शीशे में देखा और कहा,”ये लो हम तुम्हारे सामने है और तुमने नजरे झुका रखी है , हमे देखो गौरी”
गौरी ने पलकें उठाकर मुन्ना को देखा तो मुन्ना ने उसे अपनी तरफ किया और उसके ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”हम वादा करते है गौरी हम हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे,,,,,,,,,!!”
गौरी ने सुना तो शरमाकर अपना मुँह मुन्ना के सीने में छुपा लिया।

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संजना किरोड़ीवाल  

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