Main Teri Heer Season 5 – 67
Main Teri Heer Season 5 – 67

बातो बातो में वंश के मुंह से निशि का नाम निकल गया लेकिन मुरारी भी वंश से दो कदम आगे था उसने भी बातो बातो में वंश को समझा दिया कि घरवालों की मर्जी के बिना वंश की एक नहीं चलने वाली। शिवम् के बुलाने पर मुरारी वहा से चला गया और वंश ने राहत की साँस लेते हुए कहा,”हाह ! बच गये , मुरारी चाचा कितनी जल्दी बात को पकड़ लेते है”
“क्योकि वो हमारे बाप है , तुम घर में सबको बता क्यों नहीं देते ?”,मुन्ना ने बगल में बैठे वंश से धीरे से कहा
“किस बारे में ?”,वंश ने अनजान बनते हुए कहा
“निशि के बारे में,,,,,!!”,मुन्ना ने उतनी ही सहजता से कहा
वंश ने मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”एक बार तुम सब की शादी हो जाये उसके बाद मैं बता दूंगा,,,,,,,,तब तक के लिए मुझे चैन से जीने दो”
“हाँ वंश सही कह रहे हो , वैसे भी शादी के बाद जिंदगी का चैन और सुकून तो छीन ही जाना है”,शक्ति ने कहा
“अच्छा ! तुम कहना चाहते हो हम से शादी करने के बाद हम तुम्हारा चैन छीन लेंगे ?”,काशी ने शक्ति को आँखे दिखाकर कहा
“अरे काशी हमारे जैसी अच्छी लड़किया इन्हे मिल गयी ना इसलिए ये लोग बस भाव खा रहे है”,गौरी ने काशी की साइड लेकर कहा
“धन्य हो देवी ! हमे बचाने के बजाय आग में घी डाल रही हो”,शक्ति ने गौरी के सामने हाथ जोड़कर कहा तो सब हंस पड़े और फिर खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद अनु गौरी को सब मेहमानो से मिलवाने के लिए अंदर लेकर चली गयी ,काशी और अंजलि भी उनके साथ चली गयी। शक्ति शिवम् और मुरारी के साथ था और मुन्ना वंश के साथ , दोनों इतने दिनों बाद मिले थे और दोनों के पास कहने सुनने के लिए बहुत कुछ था। मुन्ना वंश के साथ गार्डन में एक तरफ रखी कुर्सी पर आ बैठा और दोनों बाते करने लगे। तभी पार्टी हॉउस से एक आदमी आया और किशना उसे मुन्ना के पास ले आया।
आदमी ने फाइल मुन्ना को देकर कहा,”सर पार्टी हॉउस आप 1 हफ्ते बाद ज्वाइन करेंगे लेकिन कुछ जरुरी कामो के लिए आपकी परमिशन की जरूरत है और इस पर आपका साइन चाहिए,,,,,,,,,अगर आप अभी कर देते तो,,,,,,,!!”
“हम्म्म लाईये”,मुन्ना ने फाइल लेकर कहा और पेपर पढ़ने के बाद उस पर साइन करने लगा। वंश हैरानी से सब देख रहा था और समझने की कोशिश कर रहा था कि मुन्ना ने पार्टी हॉउस ज्वाइन क्यों किया है ?
मुन्ना फाइल देखने में व्यस्त था तभी वंश की नजर सामने से आते राजन पर पड़ी। राजन को वहा देखते ही वंश के चेहरे पर कठोर भाव उभर आये और भँवे तन गयी। वह उठा और राजन की तरफ बढ़ गया उसे मुन्ना और राजन की दोस्ती के बारे में नहीं पता था। वंश राजन के सामने आकर रुक गया तो राजन वंश को देखकर मुस्कुराया लेकिन जवाब में वंश ने राजन की कोलर पकड़कर गुस्से से कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की ?”
मुन्ना ने साइन करके फाइल जैसे ही आदमी की तरफ बढ़ाई उसकी नजर वंश और राजन पर पड़ी। मुन्ना उठा और वंश की तरफ आकर उसे राजन से दूर करके कहा,”वंश छोडो इसे ये क्या कर रहे हो ?”
“इस से पूछ मुन्ना ये यहाँ क्या कर रहा है ?”,वंश ने गुस्से से कहा
मुन्ना को याद आया कि उसने वंश को कभी अपनी और राजन की दोस्ती के बारे में बताया ही नहीं था , उसने वंश को साइड किया और कहा,”वंश तुम जैसा समझ रहे हो वैसा कुछ नहीं है राजन अब बदल चुका है और अब वो हमारा दोस्त है,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो उसे एक झटका लगा जो राजन अब तक वंश और मुन्ना का दुश्मन था उसे मुन्ना दोस्त कह रहा था। वंश को अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ वह मुन्ना की कही बात पर यकीन करने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी राजन ने कहा,”ये कौन है मुन्ना ? और इतना गुस्से में क्यों है ? हम तो तुम्हे बस युवा नेता बनने की बधाई देने आये थे,,,,,,,,,बनारस का नया विधायक बनने की बहुत बहुत बधाई मानवेन्द्र मिश्रा”
इतना कहकर राजन ने मुन्ना को गले लगा लिया , वंश के लिए ये दुसरा झटका था। मुन्ना और राजनीती में वंश ये मानने को तैयार ही नहीं था , वह बचपन से मुन्ना को देखते आ रहा था और मुन्ना ने कभी उसे इस बारे में नहीं बताया था। वंश हैरान परेशान सा मुन्ना और राजन को देखता रहा। मुन्ना ने राजन से शादी में आने को कहा तो कुछ देर बाद राजन वहा से चला गया
राजन के जाने के बाद मुन्ना वंश की तरफ पलटा तो वंश ने कहा,”और क्या क्या छुपाया है मुझसे ?”
“हमने तुम से कुछ नहीं छुपाया है वंश , यादास्त जाने के बाद राजन अपनी पुरानी जिंदगी भूल चूका है और जब उसने हमारी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो हमने भी सब भूलकर उसे दोस्त मान लिया और सच में वो एक अच्छा दोस्त साबित भी हुआ है।
हम तुम्हे बताना चाहते थे लेकिन तुम अपनी सीरीज में बिजी थे और हम यहाँ , और फिर तुम से इतनी बात भी कहा होती थी कि हम तुम्हे ये सब बताते इसलिए सोचा जब तुम बनारस आओगे तब तुम्हे बताएँगे,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से वंश को समझाते हुए कहा
“और राजनीती ? मुन्ना आई कांट बिलीव दिस कि तुम राजनीती में आ गए हो,,,,,,,ये कैसे हुआ ?”,वंश ने हैरानी भरे स्वर में पूछा
मुन्ना ने एक गहरी साँस ली और वंश को सब बता दिया। मुन्ना की बातें सुनकर वंश की हैरानी और ज्यादा बढ़ गयी लेकिन साथ ही वह मुन्ना के लिए खुश भी था। उसने आगे बढकर मुन्ना को गले लगाया और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”ओह्ह्ह मुन्ना तुमने तो मुझे डबल गुड न्यूज़ दी है लेकिन हाँ शॉक भी कर दिया लेकिन मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हे बुरा नहीं लगा”,मुन्ना ने वंश से दूर होकर कहा
“बुरा क्यों लगेगा ? इन्फेक्ट मुझे तो कॉलेज टाइम से ही पता था कि एक दिन तुम इस राजनीती में जरूर आओगे,,,,,,,,,आखिर तुम्हारे तेवर भी तो वैसे ही है”,वंश ने मुस्कुराते हुए कहा तो मुन्ना ने एक बार फिर उसे अपने गले लगा लिया।
मुरारी के घर में दिनभर रस्मे , हंसी मजाक चलता रहा और दोपहर बाद सभी घर लौट गए। गौरी का तो मन था मुन्ना के घर ही रुकने का लेकिन आई ने साफ़ मना कर दिया कि शादी से पहले चारो साथ नहीं रह सकते। शक्ति मुन्ना के घर ही रुका था और वंश भी मुन्ना के घर ही रुक गया आखिर इतने दिनों बाद वह मुन्ना से जो मिला था। दूसरी तरफ काशी और गौरी बाकि घरवालों के साथ वापस घर चली आयी।
कपडे बदलकर गौरी तो बिस्तर पर आ गिरी आज के फंक्शन में वह थक जो गयी थी। काशी भी कपडे बदलकर आयी थी उसने गौरी को देखा और कहा,”वाह गौरी मैडम ! एक ही दिन में आपका ये हाल है अभी तो शादी बाकि है,,,,,,,,,!!”
गौरी उठकर बैठ गयी और कहा,”काशी ! ये इतनी सारी रस्मे करना जरुरी है क्या ? आई मीन सीधा शादी नहीं हो सकती”
अंजलि सबके लिए चाय ले आयी और बिस्तर पर रखते हुए कहा,”गौरी भाभी ! आपको बड़ी जल्दी है शादी की ?”
अंजलि चूँकि गौरी और काशी से छोटी थी इसलिए गौरी ने अंजलि का कान पकड़कर मरोड़ते हुए कहा,”जब तुम्हे किसी से प्यार होगा और वो इंसान तुम्हारे सामने होगा ना तब तुम्हे समझ आएगा अंजलि मैडम,,,,,,,,,!!”
“अरे अरे भाभी समझ गए,,,,,,,,!!”,अंजलि ने कहा तो गौरी ने उसका कान छोड़ दिया
“वैसे अंजलि कह तो सही रही है गौरी , तुम मुन्ना भैया से शादी करने के लिए कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो”,काशी ने शरारत से कहा
गौरी ने पास पड़ा कुशन उठाया और काशी की तरफ फेंक दिया तो फिर दूसरा कुशन उठाकर गोद में रखते हुए कहा,”वैसे तुम हमारी बेताबी नहीं समझोगी काशी , इस दिन का मैंने कितना इन्तजार किया है। तुमने देखा आज मान कितना प्यारा लग रहा था , मेरी तो नजरे उसके चेहरे से हटने का नाम नहीं ले रही थी , ओह्ह्ह्ह कही उसे मेरी ही नजर ना लग जाए”
“हाँ ये तो तुमने सच कहा गौरी आज मुन्ना भैया सच में बहुत प्यारे लग रहे थे और उस पर सबके बीच तुम्हारे साथ होते हुए उनका शर्माना,,,,,,,,मैं तो अनु मौसी से कहने वाली हूँ कि कल से मुन्ना भैया को काला टीका लगाना शुरू कर दे,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा तो गौरी और अंजलि दोनों हंस पड़ी।
“अच्छा काशी तुमने ऋतू और प्रिया से शादी में आने को कहा या नहीं ? कब आ रही है वो दोनों ?”,गौरी ने चाय पीते हुए कहा
“आज सुबह ही प्रिया का फोन आया था उसने बताया कि वो और ऋतू कल सुबह हल्दी के फंक्शन में आ रहे है , नवीन अंकल और उनकी फॅमिली भी कल आ रहे है,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
नवीन अंकल का नाम सुनकर गौरी मन ही मन मुस्कुराने लगी आखिर नवीन के साथ निशि जो आने वाली थी और इस बार निशि का इंतजार बनारस में कुछ ज्यादा ही था।
देर रात वंश और मुन्ना बातें करते रहे। शक्ति को मुरारी ने अपने साथ उलझा रखा था और शादी में होने वाले सभी कामो के बारे में बता रहा था। देर रात शक्ति ऊपर आया तो देखा मुन्ना के कमरे का दरवाजा खुला है और वंश की आवाज आ रही है। ना चाहते हुए भी शक्ति के कदम उस तरफ बढ़ गए मुन्ना ने जब शक्ति को देखा तो उसे अंदर आने को कहा। अब मुन्ना के कमरे में वंश , शक्ति और मुन्ना तीनो थे और तीनो जीजा साले के रिश्ते को भूलकर दोस्त बन चुके थे और बीते दिनो की बातें याद कर रहे थे। देर रात तीनि मुन्ना के कमरे में ही सो गए
सुबह 6 बजे वंश का फोन बजने की वजह से उसकी आँख खुली उसने स्क्रीन पर शिवम् का नंबर देखा और फोन उठाकर कमरे से बाहर चला आया।
“वंश तुम मुरारी के घर क्या कर रहे हो ? तुम्हे पता है ना आज हल्दी है और घर में मेहमान आने वाले है ,, तुरंत घर आओ”,शिवम् ने कहा और वंश की बात सुने बिना ही फोन काट दिया। वंश ने उबासी ली और फोन काटकर जेब में रख लिया। मुन्ना सो रहा था इसलिए वंश ने उसे नहीं जगाया और नीचे चला आया। वंश को देखकर हॉल में खड़े मुरारी ने कहा,”अरे वंश ! सुबह सुबह कहा जा रहे हो ?”
“क्या मुरारी चाचा ? शादी मुन्ना और काशी की है और पापा ने सुबह सुबह मेरी रेल बना दी है”,वंश ने मुरारी की तरफ आते हुए कहा
“कहो तो मुन्ना और काशी के साथ तुम्हायी शादी भी करवा दे,,,,,,,,वैसे एक ठो लड़की है हमायी नजर मा”,मुरारी ने दबी आवाज में कहा
“काहे ? मेरी ख़ुशी आपसे बर्दास्त नाही हो रही ?”,वंश ने कहा
“ख़ुशी ? पर कल तो तुमहू निशि कह रहे थे , पार्टी चेंज कर लिए का ?”,मुरारी ने वंश को छेड़ते हुए कहा
वंश ने वहा ना रुकना ही बेहतर समझा और दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए कहा,”हमहू आपकी तरह राजनीती मा थोड़े है जो पार्टी बदलेंगे,,,,एक है परमानेंट है”
मुरारी ने सुना तो मुस्कुरा उठा और वहा से चला गया
शिवम् का घर , बनारस
मुरारी के घर से वंश सीधा अपने घर आया और शिवम् से मिला। शिवम ने वंश को कुछ जरुरी काम बताये और वंश अंदर चला आया। अंदर आकर वंश ने देखा घर मेहमानो से भरा हुआ था। अंदर आकर वंश सारिका को ढूंढ रहा था लेकिन सारिका उसे कही दिखाई नहीं दी। गौरी ने वंश को परेशान देखा तो उसके पास आयी और कहा,”वंश क्या हुआ तुम्हे इतना परेशान क्यों हो ?”
“मैं माँ को ढूंढ रहा हूँ लेकिन वो कही नजर नहीं आ रही”,वंश ने कहा
“सारिका आंटी , वो अपने कमरे में है तैयार हो रही है शायद , कोई काम है तो मुझसे कहो न,,,,,आफ्टर आल भाभी भी माँ जैसी होती है”,गौरी ने प्यार से कहा
“मुझे एक कप चाय और कुछ खाने को चाहिए उसके बाद मुझे एयरपोर्ट जाना है”,वंश ने कहा
“एयरपोर्ट क्यों ? कोई आ रहा है क्या ?”,गौरी ने अपने कंधे से वंश के कंधे को टकराकर शरारत से कहा
वंश ने भी अपना नाख़ून चबाते और शरमाते हुए गौरी की तरह कहा,”हाँ मेरी वो आ रही है,,,,,,,,,उफ़ मुझे शर्म आ रही है”
कहकर वंश वहा से चला गया और गौरी हँसते हुए किचन की तरफ चली गयी।
चाय पहले से तैयार थी और नाश्ता बनने में अभी वक्त था इसलिए गौरी ने किचन में रखा ब्रेड बटर उठाया और चाय के साथ लेकर काशी के कमरे में चली आयी जहा वंश पहले से मौजूद था। काशी और अंजलि भी वही थी और हल्दी के फंक्शन को लेकर डिस्कस कर रही थी जो कि आज फिर मुरारी के घर होने वाला था। शिवम् तो चाहता था कि गौरी और काशी की हल्दी घर में ही हो लेकिन मुरारी के चाचा और बाबा ने कहा कि चारो बच्चो की हल्दी साथ में होगी और शिवम् को उनकी बात माननी पड़ी
वंश ने चाय पी ब्रेड बटर खाया और कमरे से बाहर निकल गया। एयरपोर्ट पहुँचने में काफी टाइम लगना था और वंश के पास नहाने का टाइम नहीं था इसलिए वह ट्राउजर टीशर्ट में ही बाहर चला आया। उसने शिवम् से गाड़ी की चाबी ली और जैसे ही जाने लगा बाबा ने वंश को आवाज देकर अपने पास बुलाया और कहा,”बहन की हल्दी है और तुम इन कपड़ो में घूम रहे हो,,,,,,,,,!!”
“अरे बाबा ! वो एयरपोर्ट जाना है न नवीन अंकल और उनकी फॅमिली को लेने तो सोचा ऐसे ही चला जाता हूँ,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“उह्ह तो ठीक है पर वापस आकर थोड़ा ढंग से तैयार होना”,बाबा ने कहा
“बाबा शादी मुन्ना की है मेरी नहीं,,,,,,!!”,वंश ने हँसते हुए कहा
“हाँ जानते है पर हमारे पास तुम्हारे लिए कुछो है , उह्ह का कहते हो तुम लोग हाँ सरप्राइज”,बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा
वंश ने सुना तो हैरान भी हुआ और खुश भी उसने बाबा को साइड हग करके कहा,”अरे थैंक्यू बाबा ! एक आप ही हो जो मुझसे इतना प्यार करते हो”
“ठीक है अभी तुम जाओ देर हो जाएगी”,बाबा ने कहा तो वंश वहा से चला गया
एयरपोर्ट के बाहर खड़ा नवीन अपनी पत्नी मेघना और निशि के साथ खड़ा वंश का इंतजार कर रहा था। निशि तो वंश से मिलने को लेकर बहुत खुश थी वही वंश को लेकर नवीन और मेघना के मन का डर भी जा चूका था , दोनों मुंबई में वंश को अपने होने वाले दामाद के रूप में स्वीकार जो कर चुके थे। वंश ने पूर्वी को भी शादी में आने के लिए इन्वाइट किया लेकिन वह नहीं आ पायी। नवीन बार बार घडी देख रहा था आखिर वंश अभी तक आया क्यों नहीं ?
कुछ देर बाद ही वंश गाड़ी लेकर एयरपोर्ट पहुंचा और गाड़ी से उतरकर उन तीनो की तरफ बढ़ा। चलते चलते एकदम से वंश के चेहरे पर ख़ुशी के भाव और होंठो पर बड़ी सी मुस्कान तैर गयी। निशि ने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि वंश उसे देखकर इतना खुश होगा। वही नवीन को लगा कि वंश उसे देखकर एक्साइटेड है उसने मुस्कुराते हुए वंश के लिए अपनी बाँहे फैला दी। वंश जैसे नवीन के पास आया और उसे साइड करके आगे बढ़ गया।
नवीन , मेघना और निशि ने पलटकर देखा तो पाया कि मुंबई से सिर्फ वे तीन लोग ही नहीं बल्कि सुमित भी आया था जिसे वंश ने इन्वाइट किया था।
वंश सुमित के गले लगा और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”मुझे पता था आप जरूर आओगे , वेलकम इन बनारस बड़े भैया,,,,,,,,,,!!”
“तुमने इतने मैसेज किये कि मुझे आना ही पड़ा,,,,,,,,,,,वैसे तुम्हारे ससुराल वाले वहा खड़े है उन्हें छोड़कर तुम मेरे पास क्या कर रहे हो जाकर उन्हें अटेंड करो”,सुमित ने पहले सामान्य तरीके से कहा और फिर धीमे स्वर में कहा
वंश को याद आया तो उसने जल्दी से पलटकर तीनो को देखा और उनकी तरफ आकर नवीन मेघना के पैर छुए और फिर निशि से कहा,”हाय निशि”
“हेलो वंश”,निशि ने मुस्कुराते हुए कहा और अपना पैर वंश के पैर पर दे मारा और गाड़ी की तरफ बढ़ गयी। नवीन ने बैग लेकर आगे बढ़ना चाहा तो वंश ने कहा,”अरे आप चलिए ना ये मैं लेकर आता हूँ”
“हम्म्म्म काफी सुधर गए हो,,,,,,,,,!!”,नवीन ने वंश का गाल थपथपाकर कहा और मेघना को साथ लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ गया
वंश नवीन का गला दबाने के लिए आगे बढ़ा लेकिन सुमित ने उसे रोक लिया और कहा,”रिलेक्स वंश ! निशि के डेड है , तुम्हारे होने वाले ससुर है”
वंश ने सुमित को देखा और कहा,”ससुर के नाम पर खून पीने वाले असुर है वो,,,,,,,,अह्ह्ह्हह”
सुमित मुस्कुराया और वंश के साथ आगे बढ़ गया
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संजना किरोड़ीवाल


Ye vansh kitna funny h or baba ne vansh k liye srprz rakha h jisse vansh ka kya hoga pta nhi but i think vans ko n pasnd aaye and munna vans or shakti ki dosti wow….! Amezing part
Sab kitna achcha chal rha hai…fir kuch time Vansh pe footega ek bom…yani Baba ka surprise…jab Nishi aur uski family k samne Vansh k rishte wali baat pta chalegi…tab kya hoga Vansh aur Nishi ka…khar ho kuch bhi…but abhi to badhiya chal rha hai… mujhe yeh lag rha hai ki Anjali ki jodi kya Guri k Bhai Jai k sath to nhi banegi…but agar esa kuch hota to Guri aur Munna ki sagai m kuch hua hota dono k beach…I mean ki baaten ya mulakate…but esa nhi hua…
Hahaha te naveen se itna q chidhta h….sasur nam par khun chusne wala asur bol rha,,😂😂😂😂😂😂